ब्रिटिश भारत का प्रशासनिक मानचित्र (1858 के बाद)
1858 में ब्रिटिश क्राउन के अधीन भारत आ गया, जिसे "ब्रिटिश राज" कहा गया। यह व्यवस्था 1858 से 1947 तक रही। इस काल में भारत को प्रांतों (Provinces) और रियासतों (Princely States) में विभाजित किया गया।
1. ब्रिटिश भारत का प्रशासनिक ढांचा
(A) ब्रिटिश-शासित प्रांत (British Provinces)
1858 के बाद, ब्रिटिश भारत को दो प्रमुख प्रशासनिक भागों में विभाजित किया गया:
1. ब्रिटिश-शासित प्रांत
ये प्रांत सीधे ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में थे। इन्हें गवर्नर जनरल (Governor-General) और वायसराय (Viceroy) के अधीन रखा गया।
- प्रमुख ब्रिटिश-शासित प्रांत:
- बंगाल प्रांत (Bengal Province)
- बॉम्बे प्रांत (Bombay Province)
- मद्रास प्रांत (Madras Province)
- यूनाइटेड प्रोविन्सेस (United Provinces - U.P.)
- पंजाब प्रांत (Punjab Province)
- असम प्रांत (Assam Province)
- बिहार और उड़ीसा प्रांत (Bihar and Orissa Province - 1912)
- बरार और सेंट्रल प्रोविन्सेस (Central Provinces and Berar - 1861)
- नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रांत (North West Frontier Province - NWFP - 1901)
- बरमा (Burma - 1937 में अलग कर दिया गया)
2. देशी रियासतें (Princely States)
ब्रिटिश भारत में कुल 565 रियासतें थीं, जो ब्रिटिश संप्रभुता के अधीन थीं लेकिन इन्हें स्वशासन का अधिकार था। प्रमुख रियासतें:
- हैदराबाद
- मैसूर
- कश्मीर
- ग्वालियर
- त्रावणकोर
- बड़ौदा
2. प्रमुख प्रशासनिक परिवर्तन (1858-1947)
(A) 1858 का भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act, 1858)
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का अंत और भारत ब्रिटिश क्राउन के अधीन हुआ।
- गवर्नर जनरल का पद "वायसराय" बना।
- भारतीय प्रशासन को एक केंद्रीयकृत ढांचे में बदला गया।
(B) 1919 का भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act, 1919)
- द्वैध शासन (Dyarchy) प्रणाली लागू हुई।
- प्रांतों में दो प्रकार की शक्तियां:
- आरक्षित विषय (Reserved Subjects): ब्रिटिश गवर्नर द्वारा नियंत्रित।
- हस्तांतरित विषय (Transferred Subjects): भारतीय मंत्रियों के अधीन।
(C) 1935 का भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act, 1935)
- भारत को एक संघ (Federation) बनाने का प्रस्ताव।
- स्वायत्त प्रांतीय सरकारें (Provincial Autonomy) स्थापित की गईं।
- केंद्र में गवर्नर जनरल के अधीन कार्यकारी परिषद बनाई गई।
- रियासतों को स्वशासन का अधिकार दिया गया।
3. प्रशासनिक विभाजन और मानचित्र
📌 1858 से 1947 के बीच ब्रिटिश भारत का प्रशासनिक मानचित्र इस प्रकार था:
- 🔹 ब्रिटिश-शासित प्रांत (British Provinces) - 60% क्षेत्रफल
- 🔹 रियासती राज्य (Princely States) - 40% क्षेत्रफल
- 🔹 महत्वपूर्ण बंदरगाह और व्यापारिक केंद्र:
- कलकत्ता (अब कोलकाता)
- बंबई (अब मुंबई)
- मद्रास (अब चेन्नई)
- कराची
🗺 (मानचित्र संदर्भ हेतु स्रोत: ब्रिटिश भारत का प्रशासनिक नक्शा, 1941 Census)
4. प्रशासनिक सुधार और स्वतंत्रता की ओर
🔹 1919: सीमित स्वायत्तता दी गई।
🔹 1935: भारत सरकार अधिनियम से स्वायत्तता बढ़ी।
🔹 1940: क्रिप्स मिशन (Cripps Mission) के तहत भारत को डोमिनियन स्टेट बनाने का प्रस्ताव।
🔹 1947: भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (Indian Independence Act, 1947) पास हुआ और भारत-पाकिस्तान विभाजन हुआ।
निष्कर्ष:
1858 से 1947 तक ब्रिटिश भारत का प्रशासनिक ढांचा निरंतर बदलता रहा। प्रारंभ में यह पूर्णतः ब्रिटिश नियंत्रण में था, लेकिन धीरे-धीरे भारतीय नेताओं और संगठनों (जैसे कांग्रेस, मुस्लिम लीग) के संघर्ष के परिणामस्वरूप स्वायत्तता दी गई। अंततः 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ और ब्रिटिश शासन समाप्त हुआ।
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