RTI अधिनियम 2005: अर्थ, उद्देश्य और महत्त्वपूर्ण जानकारी (UPSC-RPSC हेतु उपयोगी)
📚 विषय सूची (Table of Contents)

📖 सूचना का अधिकार अधिनियम: प्रस्तावना, उद्देश्य और परिभाषाएँ
भारत का सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (Right to Information Act, 2005) एक ऐतिहासिक क़ानून है, जो नागरिकों को सरकार से सूचना प्राप्त करने का कानूनी अधिकार देता है। यह अधिनियम पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित को बढ़ावा देता है।
यह लेख RTI Act के प्रारंभिक भाग यानी प्रस्तावना, उद्देश्य एवं मुख्य परिभाषाओं पर केंद्रित है – जो UPSC, RPSC, SSC, JLO जैसी परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाते हैं।
📜 सूचना का अधिकार अधिनियम की प्रस्तावना
RTI Act, 2005 की प्रस्तावना में कहा गया है कि यह अधिनियम उन नागरिकों को सशक्त बनाता है जो जानने का अधिकार चाहते हैं – ताकि वे शासन में भागीदारी कर सकें।
यह अधिनियम लोकतांत्रिक शासन प्रणाली को मजबूती देता है जिसमें सूचना का प्रवाह अनिवार्य है। पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सूचना आवश्यक है, और यही प्रस्तावना का सार है।
- 🔎 नागरिकों को सरकार से जवाबदेही तय करने का माध्यम
- 📢 शासन के कार्यों में पारदर्शिता की स्थापना
- ⚖️ लोकहित में प्रशासन को उत्तरदायी बनाना
🎯 अधिनियम के उद्देश्य
RTI अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य है – सार्वजनिक प्राधिकरणों के पास उपलब्ध सूचना को जनता तक पहुँचाना। इसके तहत निम्नलिखित उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं:
- 🧩 सरकारी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना
- 🗣️ नागरिकों को सशक्त बनाना और लोकतंत्र को मजबूती देना
- 📄 किसी भी जानकारी की माँग करने का संवैधानिक अधिकार देना
- 🕵️ भ्रष्टाचार की रोकथाम में सहायता करना
- 📚 शासन में भागीदारी को सक्रिय करना
👉 RTI अधिनियम, नागरिक और प्रशासन के बीच एक सेतु का कार्य करता है।
📘 सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की परिभाषाएँ
RTI Act में कुछ महत्वपूर्ण कानूनी शब्दों को स्पष्ट किया गया है, जिनकी समझ परीक्षा और आवेदन दोनों दृष्टियों से उपयोगी है:
सूचना का अर्थ है किसी भी रूप में उपलब्ध सामग्री — दस्तावेज़, ई-मेल, ज्ञापन, राय, सलाह, प्रेस रिलीज, सर्कुलर, आदेश, लॉगबुक, रिपोर्ट, पेपर, मॉडल, डेटा सामग्री, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या कंप्यूटर द्वारा उपलब्ध जानकारी आदि।
किसी सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा संग्रहीत या नियंत्रित किया गया कोई भी दस्तावेज़, फ़ाइल, रिपोर्ट, या इलेक्ट्रॉनिक रूप में जानकारी।
केंद्र या राज्य सरकार द्वारा स्थापित कोई भी निकाय, विभाग, निगम, पंचायत, नगर पालिका, या NGO जिसे सरकार से प्रत्यक्ष रूप से धन प्राप्त होता हो।
वह अधिकारी जो RTI अधिनियम के अंतर्गत सूचना प्रदान करने का दायित्व रखता है।
जब कोई व्यक्ति सूचना से असंतुष्ट हो, तो वह इस अधिकारी के पास प्रथम अपील करता है। यह अधिकारी उसी संस्था के भीतर वरिष्ठ होता है।
📌 इन सभी परिभाषाओं की स्पष्ट समझ RTI की धाराओं को समझने और उसका सही उपयोग करने में अत्यंत सहायक है।
सूचना का अनुरोध कैसे करें – प्रक्रिया, शुल्क, समय सीमा और प्रारूप
📩 सूचना प्राप्ति की प्रक्रिया (RTI Application Process)
यदि आप किसी सरकारी विभाग से कोई जानकारी चाहते हैं, तो RTI अधिनियम 2005 के तहत आप इसे एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत प्राप्त कर सकते हैं:
📌 RTI आवेदन प्रक्रिया – Step-by-Step:
- सबसे पहले यह तय करें कि संबंधित विभाग केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है या राज्य सरकार के।
- संबंधित विभाग के CPIO/SPIO की जानकारी खोजें।
- एक साधारण कागज़ पर RTI आवेदन लिखें (या निर्धारित फॉर्म में भरें)।
- ₹10/- का शुल्क संलग्न करें (IPO/DD/Online etc.)
- आवेदन CPIO/SPIO को Speed Post से भेजें या ऑनलाइन पोर्टल (यदि उपलब्ध हो) पर जमा करें।
📂 RTI आवेदन का प्रारूप (Sample Format):
प्रेषक का नाम व पता:
[आपका पूरा पता]
सेवा में,
CPIO/SPIO,
[विभाग का नाम]
विषय: सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्ति हेतु आवेदन।
महोदय,
कृपया निम्नलिखित सूचनाएं प्रदान करने का कष्ट करें:
(1) ………
(2) ………
संलग्न: ₹10/- का IPO/DD क्रमांक ……… दिनांक ………
सादर,
[आपका नाम]
⏱ समय सीमा (Time Limit):
- सामान्य सूचना – 30 दिन के अंदर
- यदि किसी अन्य विभाग को ट्रांसफर किया जाए – 5 दिन अतिरिक्त
- जीवन और स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में – 48 घंटे के भीतर
🧠 समझदारी से आवेदन करें, और स्पष्ट भाषा में प्रश्न पूछें।
RTI Appeal Process – प्रथम एवं द्वितीय अपील की सम्पूर्ण जानकारी
📝 प्रथम एवं द्वितीय अपील प्रक्रिया (RTI Appeal Process)
यदि आपको RTI आवेदन का उत्तर निर्धारित समय में नहीं मिलता या उत्तर अधूरा/अस्पष्ट होता है, तो आप प्रथम एवं द्वितीय अपील
📍 प्रथम अपील (First Appeal):
- समय सीमा: RTI आवेदन के 30 दिन बाद या उत्तर प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर।
- किसे करें: संबंधित विभाग के First Appellate Authority (FAA) को।
- प्रारूप: आवेदन पत्र में RTI आवेदन की प्रति एवं उत्तर संलग्न करें।
- उत्तर की समय सीमा: FAA को 30 दिनों में निर्णय देना होगा।
📍 द्वितीय अपील (Second Appeal):
- समय सीमा: FAA के निर्णय के 90 दिन के भीतर।
- किसे करें: Central Information Commission (CIC) या State Information Commission (SIC) में, संबंधित विभाग के अनुसार।
- प्रक्रिया: द्वितीय अपील में RTI आवेदन, उत्तर, प्रथम अपील एवं निर्णय की प्रतियां संलग्न करें।
- सुनवाई: CIC/SIC द्वारा सुनवाई कर निर्णय दिया जाता है।
📌 अपील का सरल प्रारूप:
प्रेषक का नाम: [आपका नाम]
सेवा में,
FAA या CIC/SIC
विषय: सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत अपील।
महोदय,
मैंने दिनांक … को RTI आवेदन संख्या … प्रस्तुत किया था। निर्धारित समय में उत्तर प्राप्त नहीं हुआ/उत्तर संतोषजनक नहीं था। अतः अपील प्रस्तुत कर रहा हूँ।
संलग्न: RTI आवेदन, उत्तर (यदि हो), प्रथम अपील की प्रति
सादर,
[आपका नाम]
RTI में शुल्क, छूट, और शुल्क वापसी की नीति (Fee Structure & Exemption)
📌 RTI Act – आवेदन शुल्क, शुल्क छूट और शुल्क वापसी
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत नागरिकों को जानकारी प्राप्त करने हेतु एक मामूली शुल्क देना होता है। लेकिन इसके अंतर्गत कुछ श्रेणियाँ ऐसी हैं जिन्हें छूट दी जाती है।
सामान्यत: RTI आवेदन शुल्क ₹10/- होता है जिसे डिमांड ड्राफ्ट, IPO या ऑनलाइन माध्यम से संबंधित सार्वजनिक प्राधिकरण के नाम जमा किया जाता है।
📉 शुल्क में छूट किन्हें मिलती है?
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवार के सदस्य
- जनजातीय एवं अनुसूचित जाति वर्ग के निर्धन आवेदक (कुछ राज्य अधिसूचनाओं में)
- राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित अतिरिक्त वर्ग (राज्यवार भिन्न हो सकता है)
🔁 शुल्क वापसी की व्यवस्था:
RTI अधिनियम की धारा 7(6) के अनुसार, यदि मांगी गई सूचना निर्धारित समय (30 दिन) में नहीं दी जाती है, तो सूचना पूर्णतः निःशुल्क दी जाएगी। इस स्थिति में आवेदन शुल्क एवं सूचना शुल्क दोनों वापस किए जा सकते हैं।
📎 शुल्क से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य:
- कुछ विभागों ने ऑनलाइन RTI शुल्क जमा प्रणाली भी शुरू की है (जैसे https://rtionline.gov.in)
- सूचना शुल्क अलग से प्रति पृष्ठ ₹2/- लिया जाता है (यदि दस्तावेज़ की प्रतिलिपि मांगी जाए)
- CD/DVD पर जानकारी मांगे जाने पर ₹50/- प्रति यूनिट शुल्क लिया जा सकता है
📌 RTI Act – प्रथम एवं द्वितीय अपील प्रक्रिया
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में यदि कोई आवेदक तय समय में संतोषजनक उत्तर नहीं पाता है, तो उसे अपील करने का अधिकार होता है। यह प्रक्रिया दो चरणों में होती है:
🔶 प्रथम अपील (First Appeal)
📍 अपीलकर्ता: वह व्यक्ति जिसने RTI आवेदन किया
📍 जमा अवधि: उत्तर न मिलने के 30 दिन के भीतर
📍 प्राधिकारी: वरिष्ठ अधिकारी जिसे First Appellate Authority कहा जाता है
🔷 द्वितीय अपील (Second Appeal)
📍 जमा अवधि: प्रथम अपील के निर्णय के 90 दिनों के भीतर
📍 प्राधिकारी: Central Information Commission (CIC) या State Information Commission (SIC)
📍 नियत प्रारूप: प्रत्येक आयोग के वेबसाइट पर द्वितीय अपील का प्रारूप होता है
⚖️ आयोग का निर्णय:
आयोग दोनों पक्षों को सुनता है और यदि पाए कि सूचना गलत रूप से रोकी गई, तो संबंधित अधिकारी पर ₹25,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और विभाग से उत्तर दिलाया जाता है।
➡️ अपीलकर्ता को प्रक्रिया के दौरान ट्रैकिंग नंबर / केस नंबर भी दिया जाता है जिससे वह RTI Status ऑनलाइन चेक कर सकता है।
📘 RTI Act की प्रमुख धाराएँ – परीक्षा उपयोगी सूची
RTI अधिनियम, 2005 की विभिन्न धाराएँ पारदर्शिता सुनिश्चित करती हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में इन धाराओं से प्रश्न पूछे जाते हैं। नीचे प्रमुख धाराओं की सूची दी गई है:
धारा संख्या | विषय / उद्देश्य |
---|---|
Section 2 (f) | सूचना (Information) की परिभाषा |
Section 4 | जन सूचनाओं का स्वप्रकाशन (Proactive Disclosure) |
Section 6 | सूचना का आवेदन पत्र कैसे दिया जाए |
Section 7 | RTI आवेदन पर निर्णय का समय – 30 दिन |
Section 8 | सूचना देने से मना किए जाने की परिस्थितियाँ |
Section 19 | प्रथम एवं द्वितीय अपील का प्रावधान |
Section 20 | सूचना न देने पर दंडात्मक प्रावधान |
📌 ध्यान दें: परीक्षा में अक्सर धारा 4, 6, 7, 8, 19 से सीधे प्रश्न आते हैं।
🎯 प्रतियोगी परीक्षा दृष्टिकोण:
- IAS / RAS / SSC / Patwari परीक्षा में RTI Act से प्रतिवर्ष प्रश्न पूछे जाते हैं।
- मुख्य परीक्षा में धाराओं का उल्लेख कर उत्तर लिखना लाभकारी होता है।
- RTI का उपयोग कर किसी भी विभाग से जवाब माँगा जा सकता है।
🌟 सूचना का अधिकार अधिनियम की प्रमुख उपलब्धियाँ एवं चुनौतियाँ
✅ प्रमुख उपलब्धियाँ (Major Achievements)
- 🔎 सरकारी पारदर्शिता में वृद्धि – आम नागरिक अब विभागीय निर्णयों पर प्रश्न उठा सकते हैं।
- 📂 फाइलों तक सीधी पहुँच – विभागीय नोटिंग्स तक अभ्यर्थी और जनप्रतिनिधि पहुँच बना सकते हैं।
- 💡 भ्रष्टाचार पर नियंत्रण – RTI ने कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया है।
- 👨🏫 लोक जागरूकता में वृद्धि – RTI एक्ट ने नागरिकों को सशक्त बनाने का कार्य किया है।
- ⚖️ न्याय की पहुँच – जिन मामलों में सामान्य न्याय प्रक्रिया कठिन थी, वहाँ RTI ने रास्ता खोला।
⚠️ प्रमुख चुनौतियाँ (Key Challenges)
- ⏳ जवाबदेही में देरी – कई मामलों में समय पर सूचना नहीं दी जाती।
- 🔐 सूचना छुपाना – विभाग 'धारा 8' का प्रयोग कर जानकारी देने से बचते हैं।
- 👨💼 PIO का प्रशिक्षण – कई जन सूचना अधिकारियों को पर्याप्त जानकारी नहीं होती।
- 😟 RTI कार्यकर्ताओं की सुरक्षा – कई RTI कार्यकर्ताओं को जान से हाथ धोना पड़ा।
📘 निष्कर्ष (Conclusion)
RTI अधिनियम भारत में प्रशासनिक जवाबदेही का स्तंभ बन चुका है। इसकी सफलता को और बढ़ाने हेतु नागरिकों की भागीदारी और अधिकारियों की पारदर्शिता आवश्यक है।
📚 परीक्षा उपयोगी तथ्य:
- RTI अधिनियम लागू: 12 अक्टूबर 2005
- RTI Online Portal शुरू: 2013
- RTI से संबंधित शीर्ष निर्णय: Central Information Commission (CIC)
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🎯 अंतिम CTA:
RTI आपके अधिकार की शक्ति है – इसके माध्यम से आप न केवल जानकारी प्राप्त कर सकते हैं बल्कि प्रशासन को जिम्मेदार भी बना सकते हैं।
📝 सूचना का अधिकार अधिनियम – परीक्षा उपयोगी प्रश्न (MPQs)
प्रश्न क्रमांक | प्रश्न | विकल्प | सही उत्तर |
---|---|---|---|
1 | RTI अधिनियम किस वर्ष लागू हुआ? | A. 2002 B. 2004 C. 2005 D. 2006 |
C. 2005 |
2 | RTI की धारा 6 किससे संबंधित है? | A. अपील प्रक्रिया B. आवेदन प्रक्रिया C. सूचना अस्वीकृति D. सार्वजनिक प्राधिकरण |
B. आवेदन प्रक्रिया |
3 | RTI अधिनियम के तहत कितने दिनों में उत्तर देना अनिवार्य है? | A. 15 दिन B. 30 दिन C. 45 दिन D. 60 दिन |
B. 30 दिन |
4 | RTI अधिनियम किस मौलिक अधिकार से जुड़ा है? | A. जीवन का अधिकार B. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता C. समानता का अधिकार D. धार्मिक स्वतंत्रता |
B. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता |
5 | Central Information Commission (CIC) का गठन कब हुआ? | A. 2004 B. 2005 C. 2006 D. 2007 |
C. 2006 |
🎯 विशेष सुझाव:
- RTI से जुड़े प्रश्न UPSC, RPSC, SSC, REET जैसी परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाते हैं।
- प्रत्येक धारा और उसके उद्देश्य को समझना अनिवार्य है।
- ऑनलाइन RTI आवेदन प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप में जानें।
📜 RTI Online आवेदन कैसे करें? – Step-by-Step प्रक्रिया
🔰 आवश्यक शर्तें:
- आपका आधार या पैन कार्ड
- RTI से संबंधित विभाग की स्पष्ट जानकारी
- सवाल या जानकारी जो आप मांगना चाहते हैं
- ₹10 ऑनलाइन भुगतान (नेट बैंकिंग / UPI / कार्ड)
🖥️ चरणबद्ध प्रक्रिया:
- 👉 rtionline.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
- 👉 “Submit Request” विकल्प पर क्लिक करें।
- 👉 “I have read the guidelines” बॉक्स टिक करें और “Submit” पर क्लिक करें।
- 👉 फॉर्म में माँगी गई जानकारी भरें: Name, Address, Contact, Department आदि।
- 👉 RTI Query / सवाल (500 शब्दों में) स्पष्ट रूप से दर्ज करें।
- 👉 ₹10 का भुगतान UPI/Net Banking के माध्यम से करें।
- 👉 “Submit” पर क्लिक करें और Registration Number नोट करें।
🧾 ध्यान रखें:
- उत्तर सामान्यतः 30 दिनों के भीतर मिलेगा।
- जवाब डाक, ईमेल या पोर्टल पर PDF के रूप में आता है।
- यदि समय पर जवाब नहीं मिलता, तो आप प्रथम अपील दर्ज कर सकते हैं।
📎 संबंधित आधिकारिक लिंक:
📘 और पढ़ें:
📚 सूचना का अधिकार अधिनियम की प्रमुख धाराएं – RTI Sections in Hindi & English
Section | English Description | हिंदी विवरण |
---|---|---|
Section 2(f) | Definition of Information | सूचना की परिभाषा |
Section 4 | Obligations of Public Authorities | सार्वजनिक प्राधिकरणों के कर्तव्य |
Section 6 | Application Procedure for Requesting Information | सूचना हेतु आवेदन की प्रक्रिया |
Section 7 | Time Limit for Providing Information | सूचना देने की समयसीमा |
Section 8 | Exemptions from Disclosure | प्रकटीकरण से छूट |
Section 19 | Appeal Provisions | अपील के प्रावधान |
Section 20 | Penalties for Non-compliance | पालन न करने पर दंड |
📘 RTI अधिनियम पर आधारित परीक्षा उपयोगी संभावित प्रश्न (MPQs)
- RTI अधिनियम भारत में कब लागू किया गया था?
उत्तर: 12 अक्टूबर 2005 - RTI Act की कौनसी धारा सूचना की परिभाषा बताती है?
उत्तर: धारा 2(f) - सूचना देने की समय सीमा RTI Act के अंतर्गत कितनी है?
उत्तर: 30 दिन - RTI के तहत अपील करने का प्रावधान किस धारा में है?
उत्तर: धारा 19 - RTI Act की धारा 8 क्या बताती है?
उत्तर: सूचना देने से छूट की स्थितियाँ - RTI Act में PIO का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर: Public Information Officer - सूचना देने में असफल होने पर दंड किस धारा में दिया गया है?
उत्तर: धारा 20 - RTI आवेदन पत्र किस धारा के अंतर्गत दिया जाता है?
उत्तर: धारा 6 - RTI के तहत फर्स्ट अपील कितने दिन में करनी होती है?
उत्तर: 30 दिन के भीतर - RTI अधिनियम किस संविधानिक अधिकार से जुड़ा है?
उत्तर: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(a)) - RTI में ग्रेडिंग प्रणाली होती है या नहीं?
उत्तर: नहीं - केंद्रीय सूचना आयोग की स्थापना कब हुई?
उत्तर: 2005 - RTI में फीस कितनी होती है?
उत्तर: ₹10 (सामान्यतः) - क्या RTI के अंतर्गत किसी भी विभाग से जानकारी मांगी जा सकती है?
उत्तर: हां, सार्वजनिक प्राधिकरण से - RTI अधिनियम का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना
- ✅ ट्रांसफर/पोस्टिंग की स्थिति की जानकारी प्राप्त करना
- ✅ सड़क निर्माण कार्य में बजट और खर्च का विवरण जानना
- ✅ सरकारी योजनाओं (जैसे मनरेगा, पीएम आवास) में लाभार्थी सूची
- ✅ स्कूल में छात्रों को मिलने वाली सुविधाएं और फंड का उपयोग
- ✅ ग्राम पंचायत विकास कार्यों का लेखा-जोखा
- ✅ पुलिस/थाने द्वारा कार्रवाई में पारदर्शिता
- ✅ भर्ती प्रक्रिया में चयन मानदंड और अंकतालिका
- ✅ समय पर पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस न मिलने की स्थिति
💡 निष्कर्ष: RTI अधिनियम आम नागरिक को शासन के हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की शक्ति प्रदान करता है।
- ✅ ट्रांसफर/पोस्टिंग की स्थिति की जानकारी प्राप्त करना
- ✅ सड़क निर्माण कार्य में बजट और खर्च का विवरण जानना
- ✅ सरकारी योजनाओं (जैसे मनरेगा, पीएम आवास) में लाभार्थी सूची
- ✅ स्कूल में छात्रों को मिलने वाली सुविधाएं और फंड का उपयोग
- ✅ ग्राम पंचायत विकास कार्यों का लेखा-जोखा
- ✅ पुलिस/थाने द्वारा कार्रवाई में पारदर्शिता
- ✅ भर्ती प्रक्रिया में चयन मानदंड और अंकतालिका
- ✅ समय पर पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस न मिलने की स्थिति
💡 निष्कर्ष: RTI अधिनियम आम नागरिक को शासन के हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की शक्ति प्रदान करता है।
📌 सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रमुख उपयोग
- सरकारी योजनाओं की प्रगति जानने हेतु आवेदन
- भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता हेतु जानकारी माँगना
- शिक्षा संस्थानों से सीटों, सुविधाओं व फंड्स की जानकारी
- पेंशन, PF, बिल भुगतान आदि में देरी के कारण
- सरकारी विभागों में लंबित मामलों की स्थिति
📘 सार तत्व (Summary)
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 एक ऐतिहासिक क़ानून है, जिसने आम नागरिकों को पारदर्शिता की शक्ति दी। यह कानून प्रत्येक सरकारी कार्यालय को जवाबदेह बनाता है और नागरिकों को उनकी जानकारी पाने के अधिकार की गारंटी देता है।
📚 शब्दावली (Glossary)
- RTI: सूचना प्राप्त करने का अधिकार
- PIO: जन सूचना अधिकारी
- Appeal: अपील की प्रक्रिया
- Transparency: पारदर्शिता
- Accountability: जवाबदेही
📝 अभ्यास प्रश्न (MCQs)
- सूचना का अधिकार अधिनियम किस वर्ष पारित हुआ? 👉 2005
- प्रथम अपील कितने दिनों के भीतर करनी होती है? 👉 30 दिन
- RTI के तहत जानकारी न देने पर ₹250 प्रतिदिन का दंड है।
- RTI आवेदन किसे दिया जाता है? 👉 PIO
- कितने वर्षों तक पुरानी सूचना RTI में मांगी जा सकती है? 👉 जब तक वह रिकॉर्ड उपलब्ध हो
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: RTI आवेदन की फीस कितनी है?
उत्तर: ₹10 सामान्य आवेदन हेतु। BPL को छूट।
प्रश्न: उत्तर कितने समय में प्राप्त होगा?
उत्तर: 30 दिन में।
प्रश्न: RTI आवेदन किन भाषाओं में किया जा सकता है?
उत्तर: हिंदी, अंग्रेज़ी, राज्य की राजभाषा
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📌 Useful for Exams:
- UPSC | RPSC | SSC | REET | Patwar | LDC
- All India Competitive Exams
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