RBSE Class 12 Economics Model Paper 2025 | राजस्थान बोर्ड कक्षा 12 अर्थशास्त्र मॉडल प्रश्न पत्र 2025 (संपूर्ण हल सहित)

| गुरुवार, अक्टूबर 30, 2025
RBSE Class 12 Economics Model Paper 2025 - अर्थशास्त्र मॉडल पेपर पूर्ण हल सहित

RBSE Class 12 Economics Model Paper 2025 (अर्थशास्त्र मॉडल पेपर)

परीक्षा विवरण

बोर्ड: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE)

कक्षा: 12वीं (उच्च माध्यमिक)

विषय: अर्थशास्त्र (Economics)

पूर्णांक: 80 अंक

समय: 3 घंटे 15 मिनट

पाठ्यक्रम: RBSE 2024-25

माध्यम: हिन्दी एवं अंग्रेजी (द्विभाषी)

RBSE Class 12 Economics Model Paper 2025 राजस्थान बोर्ड की कक्षा 12वीं की अर्थशास्त्र परीक्षा की तैयारी के लिए एक व्यापक मॉडल प्रश्नपत्र है। यह मॉडल पेपर RBSE Class 12 Syllabus 2025-26 के अनुसार तैयार किया गया है और इसमें व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics) तथा समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics) दोनों भागों के महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल हैं।

यह मॉडल पेपर 80 अंकों का है और इसमें बहुविकल्पीय प्रश्न, अति लघु उत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल हैं। सभी प्रश्नों के विस्तृत उत्तर हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिए गए हैं। यह पेपर RBSE Class 12 Economics Topper Answer Sheet 2024 के आधार पर तैयार किया गया है।

महत्वपूर्ण सूचना: यह मॉडल पेपर नवीनतम RBSE परीक्षा पैटर्न 2024-25 के अनुसार तैयार किया गया है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए इस मॉडल पेपर का नियमित अभ्यास करें।

विषय सूची (Table of Contents)

ब्लूप्रिंट (Blueprint)

विषयवार अंक विभाजन (Topic-wise Marks Distribution)

क्र.सं. इकाई (Unit) विषय (Topics) अंक (Marks)
1 भाग अ (Part A) व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics) 40
इकाई 1 उपभोक्ता व्यवहार और माँग 10
इकाई 2 उत्पादक व्यवहार और पूर्ति 10
इकाई 3 बाजार के रूप और मूल्य निर्धारण 10
इकाई 4 साधन बाजार और आय वितरण 10
2 भाग ब (Part B) समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics) 40
इकाई 5 राष्ट्रीय आय और संबंधित समुच्चय 10
इकाई 6 मुद्रा और बैंकिंग 8
इकाई 7 आय और रोजगार का निर्धारण 10
इकाई 8 सरकारी बजट और अर्थव्यवस्था 6
इकाई 9 भुगतान संतुलन और विदेशी विनिमय 6
कुल योग 80

प्रश्न प्रकार के अनुसार अंक विभाजन (Question Type-wise Marks Distribution)

प्रश्न प्रकार प्रश्नों की संख्या प्रत्येक प्रश्न के अंक कुल अंक
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) 12 1 12
रिक्त स्थान भरें (Fill in the Blanks) 4 1 4
सत्य/असत्य (True/False) 4 1 4
अति लघु उत्तरीय (Very Short Answer - 1 अंक) 8 1 8
लघु उत्तरीय (Short Answer - 3 अंक) 8 3 24
लघु उत्तरीय (Short Answer - 4 अंक) 4 4 16
दीर्घ उत्तरीय (Long Answer - 6 अंक) 2 6 12
कुल योग 80

सामान्य निर्देश (General Instructions)

परीक्षार्थियों के लिए आवश्यक निर्देश:

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  2. इस प्रश्न पत्र में 5 खंड हैं - अ, ब, स, द और य।
  3. खंड अ में 12 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं, प्रत्येक 1 अंक का है।
  4. खंड ब में 8 प्रश्न हैं (4 रिक्त स्थान + 4 सत्य/असत्य), प्रत्येक 1 अंक का है।
  5. खंड स में 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न हैं, प्रत्येक 1 अंक का है। उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
  6. खंड द में 12 प्रश्न हैं (8 प्रश्न 3 अंक के + 4 प्रश्न 4 अंक के)। प्रत्येक खंड से आंतरिक विकल्प दिए गए हैं। 3 अंक वाले प्रश्नों के उत्तर 60 शब्दों में और 4 अंक वाले प्रश्नों के उत्तर 70 शब्दों में दें।
  7. खंड य में 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं, प्रत्येक 6 अंक का है और आंतरिक विकल्प सहित। उत्तर 100 शब्दों में दें।
  8. संख्यात्मक प्रश्नों में गणना स्पष्ट रूप से दिखाएं।
  9. आरेख/रेखाचित्र आवश्यकतानुसार बनाएं और उन्हें नामांकित करें।
  10. प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया है।

Important Instructions for Candidates:

  1. All questions are compulsory.
  2. This question paper contains 5 sections - A, B, C, D and E.
  3. Section A contains 12 multiple choice questions of 1 mark each.
  4. Section B contains 8 questions (4 fill in the blanks + 4 true/false) of 1 mark each.
  5. Section C contains 8 very short answer questions of 1 mark each. Answer in about 30 words.
  6. Section D contains 12 questions (8 questions of 3 marks + 4 questions of 4 marks). Internal choice is provided. Answer 3 marks questions in 60 words and 4 marks questions in 70 words.
  7. Section E contains 2 long answer questions of 6 marks each with internal choice. Answer in 100 words.
  8. Show all calculations clearly in numerical questions.
  9. Draw diagrams/graphs wherever required and label them properly.
  10. 15 minutes additional time is given for reading the question paper.

खंड अ - बहुविकल्पीय प्रश्न (Section A - Multiple Choice Questions)

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प चुनिए। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।

1) अर्थशास्त्र के पिता किसे कहा जाता है?
Who is called the Father of Economics?

(अ) जे.एम. केन्स / J.M. Keynes
(ब) एडम स्मिथ / Adam Smith
(स) अल्फ्रेड मार्शल / Alfred Marshall
(द) कार्ल मार्क्स / Karl Marx
2) तटस्थता वक्र विश्लेषण में उपभोक्ता संतुलन की शर्त है:
The condition for consumer equilibrium in indifference curve analysis is:

(अ) MRSxy = Px/Py
(ब) MRSxy > Px/Py
(स) MRSxy < Px/Py
(द) MRSxy = 0
3) सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम किसने दिया?
Who gave the Law of Diminishing Marginal Utility?

(अ) मार्शल / Marshall
(ब) रिकार्डो / Ricardo
(स) गोसेन / Gossen
(द) हिक्स / Hicks
4) परिवर्ती अनुपात का नियम किस अवधि में लागू होता है?
The Law of Variable Proportions applies in which period?

(अ) अल्पकाल / Short Run
(ब) दीर्घकाल / Long Run
(स) अति दीर्घकाल / Very Long Run
(द) बाजार अवधि / Market Period
5) पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म का माँग वक्र कैसा होता है?
What is the shape of demand curve of a firm under perfect competition?

(अ) नीचे की ओर ढालू / Downward sloping
(ब) पूर्णतया लोचदार / Perfectly elastic
(स) पूर्णतया बेलोचदार / Perfectly inelastic
(द) ऊपर की ओर ढालू / Upward sloping
6) राष्ट्रीय आय की गणना में निम्न में से क्या शामिल नहीं होता?
Which of the following is not included in the calculation of National Income?

(अ) वेतन और मजदूरी / Wages and Salaries
(ब) हस्तांतरण भुगतान / Transfer Payments
(स) लाभ / Profits
(द) किराया / Rent
7) मुद्रा का प्राथमिक कार्य है:
The primary function of money is:

(अ) मूल्य संचय / Store of Value
(ब) विनिमय का माध्यम / Medium of Exchange
(स) मूल्य हस्तांतरण / Transfer of Value
(द) उधार देना / Lending
8) भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना कब हुई?
When was the Reserve Bank of India established?

(अ) 1947
(ब) 1935
(स) 1950
(द) 1949
9) सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) और सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) का योग होता है:
The sum of Marginal Propensity to Save (MPS) and Marginal Propensity to Consume (MPC) is:

(अ) 0
(ब) 1
(स) 2
(द) अनंत / Infinity
10) राजकोषीय नीति का संबंध है:
Fiscal policy is related to:

(अ) मुद्रा आपूर्ति से / Money Supply
(ब) सरकारी आय और व्यय से / Government Revenue and Expenditure
(स) बैंकिंग से / Banking
(द) विदेशी व्यापार से / Foreign Trade
11) भुगतान संतुलन के कितने खाते होते हैं?
How many accounts are there in Balance of Payments?

(अ) एक / One
(ब) दो / Two
(स) तीन / Three
(द) चार / Four
12) विदेशी विनिमय दर किसके द्वारा निर्धारित होती है?
Foreign exchange rate is determined by:

(अ) सरकार / Government
(ब) रिजर्व बैंक / Reserve Bank
(स) माँग और पूर्ति / Demand and Supply
(द) विश्व बैंक / World Bank

खंड ब - रिक्त स्थान एवं सत्य/असत्य (Section B - Fill in the Blanks & True/False)

भाग I - रिक्त स्थान भरिए (Fill in the Blanks)

13) सीमांत उत्पाद शून्य होने पर कुल उत्पाद __________ होता है।
When marginal product is zero, total product is __________.
14) एकाधिकार बाजार में __________ विक्रेता होता है।
In monopoly market there is __________ seller.
15) GDP से मूल्य ह्रास घटाने पर __________ प्राप्त होता है।
By subtracting depreciation from GDP we get __________.
16) मुद्रास्फीति का अर्थ है वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में __________ वृद्धि।
Inflation means __________ rise in prices of goods and services.

भाग II - सत्य/असत्य बताइए (True/False)

17) माँग वक्र सामान्यतः बाएं से दाएं नीचे की ओर ढालू होता है। (सत्य/असत्य)
The demand curve generally slopes downward from left to right. (True/False)
18) अवसर लागत को विकल्प लागत भी कहा जाता है। (सत्य/असत्य)
Opportunity cost is also called alternative cost. (True/False)
19) केन्द्रीय बैंक देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक होता है। (सत्य/असत्य)
Central bank is the largest commercial bank of the country. (True/False)
20) प्रत्यक्ष कर का भार दूसरे पर नहीं डाला जा सकता। (सत्य/असत्य)
The burden of direct tax cannot be shifted to others. (True/False)

खंड स - अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Section C - Very Short Answer Questions)

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।

21) सीमांत उपयोगिता को परिभाषित कीजिए।
Define Marginal Utility.
22) माँग की लोच का अर्थ बताइए।
Explain the meaning of Elasticity of Demand.
23) उत्पादन फलन क्या है?
What is Production Function?
24) औसत स्थिर लागत की परिभाषा दीजिए।
Define Average Fixed Cost.
25) सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) का अर्थ बताइए।
Explain the meaning of Gross National Product (GNP).
26) वस्तु विनिमय प्रणाली क्या है?
What is Barter System?
27) गुणक का अर्थ समझाइए।
Explain the meaning of Multiplier.
28) राजस्व घाटा किसे कहते हैं?
What is Revenue Deficit?

खंड द - लघु उत्तरीय प्रश्न (Section D - Short Answer Questions)

भाग I - 3 अंक वाले प्रश्न (3 Marks Questions)

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है।

29) सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम को समझाइए।
Explain the Law of Diminishing Marginal Utility.

अथवा / OR

उपभोक्ता का संतुलन कब प्राप्त होता है? समझाइए।
When is consumer equilibrium attained? Explain.
30) माँग की कीमत लोच के निर्धारक तत्व बताइए।
Explain the determinants of Price Elasticity of Demand.

अथवा / OR

माँग और माँग की मात्रा में अंतर स्पष्ट कीजिए।
Distinguish between Demand and Quantity Demanded.
31) स्थिर लागत और परिवर्ती लागत में अंतर बताइए।
Differentiate between Fixed Cost and Variable Cost.

अथवा / OR

कुल लागत, औसत लागत और सीमांत लागत में संबंध समझाइए।
Explain the relationship between Total Cost, Average Cost and Marginal Cost.
32) पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषताएं बताइए।
Explain the features of Perfect Competition.

अथवा / OR

एकाधिकार और एकाधिकारी प्रतियोगिता में अंतर स्पष्ट कीजिए।
Distinguish between Monopoly and Monopolistic Competition.
33) सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) में अंतर बताइए।
Differentiate between Gross Domestic Product (GDP) and Gross National Product (GNP).

अथवा / OR

राष्ट्रीय आय की गणना में आने वाली कठिनाइयाँ बताइए।
Explain the difficulties in measuring National Income.
34) मुद्रा के कार्य समझाइए।
Explain the functions of Money.

अथवा / OR

केन्द्रीय बैंक और वाणिज्यिक बैंक में अंतर स्पष्ट कीजिए।
Distinguish between Central Bank and Commercial Bank.
35) मुद्रास्फीति के कारण बताइए।
Explain the causes of Inflation.

अथवा / OR

अवस्फीति और मुद्रास्फीति में अंतर बताइए।
Differentiate between Deflation and Inflation.
36) सरकारी बजट के उद्देश्य बताइए।
Explain the objectives of Government Budget.

अथवा / OR

प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर में अंतर स्पष्ट कीजिए।
Distinguish between Direct Tax and Indirect Tax.

भाग II - 4 अंक वाले प्रश्न (4 Marks Questions)

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 70 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है।

37) तटस्थता वक्र की विशेषताओं को समझाइए।
Explain the properties of Indifference Curve.

अथवा / OR

बजट रेखा क्या है? इसके ढाल को प्रभावित करने वाले कारक बताइए।
What is Budget Line? Explain the factors affecting its slope.
38) परिवर्ती अनुपात नियम को रेखाचित्र सहित समझाइए।
Explain the Law of Variable Proportions with diagram.

अथवा / OR

पैमाने के प्रतिफल को उदाहरण सहित समझाइए।
Explain Returns to Scale with examples.
39) राष्ट्रीय आय की गणना की आय विधि को समझाइए।
Explain the Income Method of calculating National Income.

अथवा / OR

साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद और बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में संबंध स्पष्ट कीजिए।
Explain the relationship between Net National Product at Factor Cost and Net National Product at Market Price.
40) साख निर्माण की प्रक्रिया को उदाहरण सहित समझाइए।
Explain the process of Credit Creation with an example.

अथवा / OR

केन्द्रीय बैंक की मात्रात्मक और गुणात्मक साख नियंत्रण विधियों को समझाइए।
Explain the Quantitative and Qualitative methods of Credit Control by Central Bank.

खंड य - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Section E - Long Answer Questions)

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 6 अंक का है।

41) पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म का संतुलन कब प्राप्त होता है? रेखाचित्र की सहायता से समझाइए।
When does a firm attain equilibrium under Perfect Competition? Explain with the help of diagram.

अथवा / OR

एकाधिकार में मूल्य विभेद का अर्थ, शर्तें और प्रकार समझाइए।
Explain the meaning, conditions and types of Price Discrimination under Monopoly.
42) गुणक के कार्य प्रणाली को उदाहरण सहित समझाइए। गुणक को प्रभावित करने वाले कारक भी बताइए।
Explain the working of Multiplier with an example. Also explain the factors affecting Multiplier.

अथवा / OR

भुगतान संतुलन का अर्थ बताते हुए इसके विभिन्न घटकों को समझाइए। भुगतान संतुलन और व्यापार संतुलन में अंतर भी स्पष्ट कीजिए।
Explain the meaning of Balance of Payments and its various components. Also distinguish between Balance of Payments and Balance of Trade.

उत्तर कुंजी एवं विस्तृत हल

(Answer Key & Detailed Solutions)

विस्तृत उत्तर (Detailed Answers)

खंड अ - बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर (Section A - MCQ Answers)

प्रश्न सही उत्तर प्रश्न सही उत्तर
1 (ब) एडम स्मिथ / Adam Smith 7 (ब) विनिमय का माध्यम / Medium of Exchange
2 (अ) MRSxy = Px/Py 8 (ब) 1935
3 (स) गोसेन / Gossen 9 (ब) 1
4 (अ) अल्पकाल / Short Run 10 (ब) सरकारी आय और व्यय से
5 (ब) पूर्णतया लोचदार / Perfectly elastic 11 (ब) दो / Two
6 (ब) हस्तांतरण भुगतान / Transfer Payments 12 (स) माँग और पूर्ति / Demand and Supply

खंड ब - भाग I के उत्तर (Section B - Part I Answers)

13) उत्तर: अधिकतम / Maximum
व्याख्या: जब सीमांत उत्पाद शून्य होता है, तो कुल उत्पाद अपने अधिकतम बिंदु पर होता है। इसके बाद यदि और साधन जोड़े जाएं तो कुल उत्पाद घटने लगता है।
14) उत्तर: एक / One
व्याख्या: एकाधिकार बाजार में केवल एक विक्रेता होता है जो पूरे बाजार पर नियंत्रण रखता है और वस्तु की कीमत निर्धारित करता है।
15) उत्तर: NDP (शुद्ध घरेलू उत्पाद) / Net Domestic Product
व्याख्या: GDP - मूल्य ह्रास = NDP। यह देश की घरेलू सीमा में उत्पादित वास्तविक शुद्ध उत्पादन को दर्शाता है।
16) उत्तर: निरंतर / Continuous या सतत / Sustained
व्याख्या: मुद्रास्फीति का अर्थ है कीमतों में निरंतर और सतत वृद्धि, जिससे मुद्रा का क्रय शक्ति कम हो जाती है।

खंड ब - भाग II के उत्तर (Section B - Part II Answers)

17) उत्तर: सत्य / True
व्याख्या: माँग का नियम के अनुसार, कीमत और माँगी गई मात्रा में विपरीत संबंध होता है। इसलिए माँग वक्र बाएं से दाएं नीचे की ओर ढालू होता है।
18) उत्तर: सत्य / True
व्याख्या: अवसर लागत किसी विकल्प को चुनने में दूसरे सर्वश्रेष्ठ विकल्प का त्याग है। इसे विकल्प लागत (Alternative Cost) भी कहते हैं।
19) उत्तर: असत्य / False
व्याख्या: केन्द्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंक नहीं है। यह देश का सर्वोच्च मौद्रिक संस्थान है जो मुद्रा जारी करता है और बैंकिंग प्रणाली को नियंत्रित करता है।
20) उत्तर: सत्य / True
व्याख्या: प्रत्यक्ष कर वह कर है जिसका भुगतान करने वाला व्यक्ति और कर का भार वहन करने वाला व्यक्ति एक ही होता है। इसका भार दूसरे पर नहीं डाला जा सकता।

खंड स - अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर (Section C Answers)

21) सीमांत उपयोगिता (Marginal Utility)
उत्तर: किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपभोग से कुल उपयोगिता में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत उपयोगिता कहते हैं।
सूत्र: MUn = TUn - TUn-1
The addition to total utility by consuming one more unit of a commodity is called marginal utility.
22) माँग की लोच (Elasticity of Demand)
उत्तर: किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन के फलस्वरूप उसकी माँगी गई मात्रा में होने वाले प्रतिशत परिवर्तन को माँग की लोच कहते हैं।
Elasticity of demand measures the percentage change in quantity demanded in response to a percentage change in price.
23) उत्पादन फलन (Production Function)
उत्तर: उत्पादन फलन भौतिक निवेश (साधन) और भौतिक उत्पादन के बीच के तकनीकी संबंध को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि दी गई तकनीक से साधनों की विभिन्न मात्राओं से कितना उत्पादन प्राप्त होगा।
सूत्र: Q = f(L, K)
Production function shows the technical relationship between physical inputs and physical output.
24) औसत स्थिर लागत (Average Fixed Cost)
उत्तर: कुल स्थिर लागत को उत्पादन की कुल इकाइयों से भाग देने पर जो प्राप्त होता है, उसे औसत स्थिर लागत कहते हैं।
सूत्र: AFC = TFC / Q
Average Fixed Cost is obtained by dividing Total Fixed Cost by the quantity of output produced.
25) सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Gross National Product - GNP)
उत्तर: एक लेखा वर्ष में किसी देश के सामान्य निवासियों द्वारा देश के अंदर और बाहर उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के बाजार मूल्य को GNP कहते हैं।
GNP is the market value of all final goods and services produced by normal residents of a country in an accounting year.
26) वस्तु विनिमय प्रणाली (Barter System)
उत्तर: वस्तु विनिमय प्रणाली में वस्तुओं और सेवाओं का प्रत्यक्ष आदान-प्रदान होता है। इसमें मुद्रा का प्रयोग नहीं होता।
Barter system is the direct exchange of goods and services without the use of money.
27) गुणक (Multiplier)
उत्तर: गुणक वह अनुपात है जो निवेश में परिवर्तन और उससे होने वाले आय में परिवर्तन के बीच संबंध बताता है। यह दर्शाता है कि निवेश में एक रुपए की वृद्धि से आय में कितनी वृद्धि होगी।
सूत्र: K = 1/(1-MPC) = 1/MPS
Multiplier shows the relationship between change in investment and resulting change in income.
28) राजस्व घाटा (Revenue Deficit)
उत्तर: सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियों और कुल राजस्व व्यय के अंतर को राजस्व घाटा कहते हैं।
सूत्र: राजस्व घाटा = राजस्व व्यय - राजस्व प्राप्तियाँ
Revenue Deficit is the excess of revenue expenditure over revenue receipts.

खंड द - भाग I (3 अंक) के उत्तर (Section D - Part I Answers)

29) सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम (Law of Diminishing Marginal Utility)

उत्तर: यह नियम जर्मन अर्थशास्त्री गोसेन (Gossen) ने दिया था। इस नियम के अनुसार, जैसे-जैसे किसी वस्तु की अधिक इकाइयों का उपभोग किया जाता है, वैसे-वैसे प्रत्येक अतिरिक्त इकाई से प्राप्त होने वाली सीमांत उपयोगिता घटती जाती है।

मान्यताएं:
1. उपभोक्ता की आय, रुचि और फैशन स्थिर रहे
2. वस्तु की कीमत स्थिर रहे
3. उपभोग निरंतर हो
4. वस्तु की इकाइयाँ समान हों

उदाहरण: यदि आप प्यासे हैं और पानी पीते हैं, तो पहला गिलास अधिकतम संतुष्टि देगा। दूसरा गिलास कम संतुष्टि देगा, और तीसरा उससे भी कम।

This law states that as more and more units of a commodity are consumed, the marginal utility derived from each successive unit goes on diminishing.
29) अथवा - उपभोक्ता का संतुलन (Consumer's Equilibrium)

उत्तर: उपभोक्ता संतुलन की स्थिति में होता है जब वह अपनी सीमित आय से अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करता है और उसमें परिवर्तन करने की इच्छा नहीं रखता।

एक वस्तु की दशा में संतुलन की शर्त:
MUx/Px = MUm
जहाँ MUm = मुद्रा की सीमांत उपयोगिता

दो वस्तुओं की दशा में संतुलन की शर्त:
MUx/Px = MUy/Py = MUm

अर्थात प्रत्येक वस्तु पर खर्च किए गए अंतिम रुपए से प्राप्त सीमांत उपयोगिता बराबर होनी चाहिए।

A consumer is in equilibrium when he gets maximum satisfaction from his limited income and has no tendency to change.
30) माँग की कीमत लोच के निर्धारक तत्व (Determinants of Price Elasticity of Demand)

उत्तर: माँग की कीमत लोच को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक:

1. वस्तु की प्रकृति: आवश्यक वस्तुओं की माँग बेलोचदार और विलासिता की वस्तुओं की माँग लोचदार होती है।

2. स्थानापन्न वस्तुओं की उपलब्धता: जिन वस्तुओं के अधिक स्थानापन्न उपलब्ध हों, उनकी माँग अधिक लोचदार होती है।

3. वस्तु के उपयोग: जिन वस्तुओं के अधिक उपयोग हों, उनकी माँग अधिक लोचदार होती है।

4. आय में व्यय का अनुपात: आय का बड़ा भाग खर्च होने पर माँग अधिक लोचदार होती है।

5. उपभोग स्थगन की संभावना: जिन वस्तुओं का उपभोग टाला जा सके, उनकी माँग अधिक लोचदार होती है।

The main determinants are: nature of commodity, availability of substitutes, multiple uses, proportion of income spent, and possibility of postponement.
30) अथवा - माँग और माँग की मात्रा में अंतर (Demand vs Quantity Demanded)

उत्तर:
माँग (Demand) माँग की मात्रा (Quantity Demanded)
1. यह विभिन्न कीमतों पर खरीदी जाने वाली मात्राओं की पूरी सूची है 1. यह एक विशेष कीमत पर खरीदी जाने वाली मात्रा है
2. इसे माँग वक्र द्वारा दर्शाया जाता है 2. इसे माँग वक्र पर एक बिंदु द्वारा दर्शाया जाता है
3. माँग में परिवर्तन से माँग वक्र खिसकता है 3. माँग की मात्रा में परिवर्तन से वक्र पर संचलन होता है
4. यह कीमत के अलावा अन्य कारकों से बदलता है 4. यह केवल कीमत परिवर्तन से बदलता है

Demand refers to the entire schedule while quantity demanded refers to a specific amount at a particular price.
31) स्थिर लागत और परिवर्ती लागत में अंतर (Fixed Cost vs Variable Cost)

उत्तर:
स्थिर लागत (Fixed Cost) परिवर्ती लागत (Variable Cost)
1. उत्पादन के स्तर से प्रभावित नहीं होती 1. उत्पादन के स्तर के अनुसार बदलती है
2. शून्य उत्पादन पर भी वहन करनी पड़ती है 2. शून्य उत्पादन पर शून्य होती है
3. स्थिर साधनों पर व्यय (किराया, बीमा) 3. परिवर्ती साधनों पर व्यय (कच्चा माल, मजदूरी)
4. अल्पकाल में ही होती है 4. अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में होती है
5. रेखाचित्र में क्षैतिज रेखा होती है 5. रेखाचित्र में ऊपर उठती हुई रेखा होती है

Fixed costs remain constant regardless of output level while variable costs change with output.
31) अथवा - TC, AC और MC में संबंध (Relationship between TC, AC and MC)

उत्तर:

1. TC और AC का संबंध:
AC = TC/Q
औसत लागत कुल लागत को उत्पादन से भाग देने पर प्राप्त होती है।

2. TC और MC का संबंध:
MC = ΔTC/ΔQ
सीमांत लागत कुल लागत में परिवर्तन और उत्पादन में परिवर्तन का अनुपात है।

3. AC और MC का संबंध:
• जब MC < AC, तो AC घटती है
• जब MC = AC, तो AC न्यूनतम होती है
• जब MC > AC, तो AC बढ़ती है
• MC वक्र AC वक्र को उसके न्यूनतम बिंदु पर काटता है

TC is the sum of all costs, AC is TC per unit, and MC is the addition to TC by producing one more unit.
32) पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषताएं (Features of Perfect Competition)

उत्तर: पूर्ण प्रतियोगिता की मुख्य विशेषताएं:

1. क्रेताओं और विक्रेताओं की बड़ी संख्या: बाजार में इतनी बड़ी संख्या होती है कि कोई भी कीमत को प्रभावित नहीं कर सकता।

2. समरूप उत्पाद: सभी फर्में एकसमान वस्तु बेचती हैं, जिससे कोई अंतर नहीं होता।

3. मुक्त प्रवेश और निकास: फर्में उद्योग में स्वतंत्र रूप से प्रवेश और निकास कर सकती हैं।

4. पूर्ण ज्ञान: सभी को बाजार की पूरी जानकारी होती है।

5. पूर्णतया लोचदार माँग वक्र: फर्म का माँग वक्र क्षैतिज रेखा होता है।

6. साधनों की पूर्ण गतिशीलता: उत्पादन के साधन एक उपयोग से दूसरे में स्वतंत्र रूप से जा सकते हैं।

Perfect competition is characterized by large number of buyers and sellers, homogeneous product, free entry and exit, perfect knowledge, and perfect mobility of factors.
32) अथवा - एकाधिकार और एकाधिकारी प्रतियोगिता में अंतर

उत्तर:
एकाधिकार (Monopoly) एकाधिकारी प्रतियोगिता (Monopolistic Competition)
1. केवल एक विक्रेता 1. अनेक विक्रेता
2. कोई निकट स्थानापन्न नहीं 2. निकट स्थानापन्न उपलब्ध
3. प्रवेश पर प्रतिबंध 3. प्रवेश और निकास अपेक्षाकृत स्वतंत्र
4. कीमत निर्धारक 4. सीमित कीमत नियंत्रण
5. विज्ञापन की आवश्यकता नहीं 5. विज्ञापन और विक्रय लागत महत्वपूर्ण
6. उत्पाद विभेदीकरण नहीं 6. उत्पाद विभेदीकरण अनिवार्य

Monopoly has single seller with no substitutes while monopolistic competition has many sellers with differentiated products.
33) GDP और GNP में अंतर (Difference between GDP and GNP)

उत्तर:
GDP (सकल घरेलू उत्पाद) GNP (सकल राष्ट्रीय उत्पाद)
1. घरेलू सीमा के भीतर उत्पादन 1. सामान्य निवासियों का उत्पादन
2. स्थान आधारित अवधारणा 2. नागरिकता आधारित अवधारणा
3. विदेशियों का योगदान शामिल 3. विदेशियों का योगदान शामिल नहीं
4. GDP = GNP - विदेशों से शुद्ध साधन आय 4. GNP = GDP + विदेशों से शुद्ध साधन आय

संबंध: GNP = GDP + विदेशों से शुद्ध साधन आय (NFIA)
NFIA = विदेशों से प्राप्त साधन आय - विदेशों को दी गई साधन आय

GDP measures production within domestic territory while GNP measures production by normal residents.
33) अथवा - राष्ट्रीय आय मापन की कठिनाइयाँ

उत्तर: राष्ट्रीय आय की गणना में आने वाली प्रमुख कठिनाइयाँ:

1. दोहरी गणना की समस्या: मध्यवर्ती वस्तुओं और अंतिम वस्तुओं में अंतर करना कठिन हो सकता है।

2. आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था: जो वस्तुएं घर पर उत्पादित और उपभोग की जाती हैं, उन्हें मापना मुश्किल है।

3. अवैध आय: काला धन, तस्करी आदि की आय राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं होती।

4. मूल्य परिवर्तन: मुद्रास्फीति या अवस्फीति के कारण वास्तविक और मौद्रिक आय में अंतर आ जाता है।

5. सांख्यिकीय आंकड़ों का अभाव: विकासशील देशों में विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध नहीं होते।

The main difficulties are: double counting, self-consumption, illegal income, price changes, and lack of reliable data.
34) मुद्रा के कार्य (Functions of Money)

उत्तर: मुद्रा के कार्यों को दो भागों में बांटा जाता है:

अ) प्राथमिक कार्य:
1. विनिमय का माध्यम: मुद्रा के द्वारा सभी वस्तुएं और सेवाएं खरीदी-बेची जा सकती हैं।

2. मूल्य का मापक: मुद्रा सभी वस्तुओं के मूल्य को मापने का एक सामान्य मापदंड प्रदान करती है।

ब) द्वितीयक कार्य:
3. मूल्य का संचय: मुद्रा को भविष्य के लिए बचत के रूप में संचित किया जा सकता है।

4. स्थगित भुगतान का मापदंड: मुद्रा में उधार लेना और देना सुविधाजनक होता है।

5. मूल्य का हस्तांतरण: मुद्रा के माध्यम से धन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर हस्तांतरित किया जा सकता है।

Primary functions: medium of exchange and measure of value. Secondary functions: store of value, standard of deferred payment, and transfer of value.
34) अथवा - केन्द्रीय बैंक और वाणिज्यिक बैंक में अंतर

उत्तर:
केन्द्रीय बैंक (Central Bank) वाणिज्यिक बैंक (Commercial Bank)
1. देश का सर्वोच्च बैंक 1. सामान्य बैंकिंग सेवाएं
2. नोट जारी करने का एकाधिकार 2. नोट जारी नहीं कर सकते
3. लाभ का उद्देश्य नहीं 3. लाभ कमाना मुख्य उद्देश्य
4. सरकार और बैंकों से लेन-देन 4. जनता से लेन-देन
5. बैंकों का बैंक 5. जनता का बैंक
6. मौद्रिक नीति बनाता है 6. मौद्रिक नीति को लागू करता है

Central Bank is the apex monetary authority while Commercial Banks provide banking services to public for profit.
35) मुद्रास्फीति के कारण (Causes of Inflation)

उत्तर: मुद्रास्फीति के प्रमुख कारण:

1. माँग-जनित कारण:
• मुद्रा आपूर्ति में वृद्धि
• सरकारी व्यय में वृद्धि
• उपभोग व्यय में वृद्धि
• कर में कमी

2. लागत-जनित कारण:
• कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि
• मजदूरी में वृद्धि
• लाभ में वृद्धि

3. संरचनात्मक कारण:
• उत्पादन में कमी
• कृषि उत्पादन में कमी
• परिवहन की कमी
• जमाखोरी और कालाबाजारी

4. अन्य कारण:
• घाटे की वित्त व्यवस्था
• विदेशी मुद्रा की कमी
• जनसंख्या वृद्धि

Main causes include: excess demand, rise in costs, structural bottlenecks, deficit financing, and increase in money supply.
35) अथवा - अवस्फीति और मुद्रास्फीति में अंतर

उत्तर:
मुद्रास्फीति (Inflation) अवस्फीति (Deflation)
1. कीमत स्तर में निरंतर वृद्धि 1. कीमत स्तर में निरंतर गिरावट
2. मुद्रा का मूल्य घटता है 2. मुद्रा का मूल्य बढ़ता है
3. क्रय शक्ति घटती है 3. क्रय शक्ति बढ़ती है
4. माँग पूर्ति से अधिक 4. पूर्ति माँग से अधिक
5. उत्पादन और रोजगार बढ़ता है 5. उत्पादन और रोजगार घटता है
6. ऋणदाता को हानि, ऋणी को लाभ 6. ऋणदाता को लाभ, ऋणी को हानि

Inflation is continuous rise in prices while deflation is continuous fall in prices.
36) सरकारी बजट के उद्देश्य (Objectives of Government Budget)

उत्तर: सरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य:

1. संसाधनों का पुनः आवंटन: सरकार बजट के द्वारा संसाधनों को सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में लगाती है।

2. आय और संपत्ति का पुनर्वितरण: प्रगतिशील कराधान और सार्वजनिक व्यय से आय की असमानता कम करना।

3. आर्थिक स्थिरता: मुद्रास्फीति और अवस्फीति को नियंत्रित कर मूल्य स्थिरता लाना।

4. आर्थिक विकास: बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।

5. सार्वजनिक उद्यमों का प्रबंधन: सरकारी कंपनियों के संचालन की देखभाल करना।

6. रोजगार सृजन: सार्वजनिक कार्यों और योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाना।

Main objectives are: reallocation of resources, redistribution of income, economic stability, economic growth, management of public enterprises, and employment generation.
36) अथवा - प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर में अंतर

उत्तर:
प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)
1. भार दूसरे पर नहीं डाला जा सकता 1. भार दूसरे पर डाला जा सकता है
2. आय और संपत्ति पर लगता है 2. वस्तुओं और सेवाओं पर लगता है
3. प्रगतिशील होता है 3. प्रतिगामी होता है
4. उदाहरण: आयकर, संपत्ति कर 4. उदाहरण: GST, उत्पाद शुल्क
5. करदाता और करभारी एक ही 5. करदाता और करभारी अलग-अलग
6. चोरी की संभावना अधिक 6. चोरी की संभावना कम

Direct taxes cannot be shifted while indirect taxes can be shifted to others.

खंड द - भाग II (4 अंक) के उत्तर (Section D - Part II Answers)

37) तटस्थता वक्र की विशेषताएं (Properties of Indifference Curve)

उत्तर: तटस्थता वक्र की मुख्य विशेषताएं:

1. बाएं से दाएं नीचे की ओर ढालू: तटस्थता वक्र ऋणात्मक ढाल वाला होता है क्योंकि एक वस्तु की अधिक मात्रा प्राप्त करने के लिए दूसरी वस्तु की कुछ मात्रा का त्याग करना पड़ता है।

2. मूल बिंदु के प्रति उत्तल: यह सीमांत प्रतिस्थापन दर के ह्रासमान होने के कारण होता है। यह दर्शाता है कि जैसे-जैसे हम एक वस्तु की अधिक मात्रा प्राप्त करते हैं, उसके लिए दूसरी वस्तु का कम त्याग करना पड़ता है।

3. दो तटस्थता वक्र एक-दूसरे को नहीं काटते: यदि वे काटें तो विरोधाभास उत्पन्न होगा, जो तर्कसंगत व्यवहार के विपरीत है।

4. ऊंचा तटस्थता वक्र अधिक संतुष्टि दर्शाता है: मूल बिंदु से दूर स्थित वक्र अधिक उपयोगिता का प्रतिनिधित्व करता है।

5. तटस्थता वक्र अक्षों को नहीं छूता: यदि कोई वक्र अक्ष को छुए, तो इसका अर्थ होगा कि एक वस्तु की शून्य मात्रा से भी संतुष्टि मिल रही है, जो असंभव है।

Main properties: downward sloping, convex to origin, do not intersect, higher IC shows more satisfaction, and IC does not touch axes.
37) अथवा - बजट रेखा (Budget Line)

उत्तर: बजट रेखा वस्तुओं के उन सभी संयोगों को दर्शाती है जिन्हें उपभोक्ता अपनी दी हुई आय और दी हुई कीमतों पर खरीद सकता है।

बजट समीकरण: Px.X + Py.Y = M
जहाँ:
Px = वस्तु X की कीमत
Py = वस्तु Y की कीमत
M = उपभोक्ता की मौद्रिक आय

बजट रेखा का ढाल: -Px/Py

ढाल को प्रभावित करने वाले कारक:
1. वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन:
• यदि दोनों वस्तुओं की कीमतें समान अनुपात में बदलें, तो ढाल अपरिवर्तित रहेगा लेकिन बजट रेखा खिसकेगी।
• यदि केवल एक वस्तु की कीमत बदले, तो ढाल बदल जाएगा।

2. आय में परिवर्तन: आय में परिवर्तन से बजट रेखा समानांतर खिसकती है, लेकिन ढाल नहीं बदलता।

3. दोनों में एकसाथ परिवर्तन: यदि आय और कीमतें दोनों समान अनुपात में बदलें, तो बजट रेखा अपरिवर्तित रहेगी।

Budget line shows all combinations of goods a consumer can buy. Its slope (-Px/Py) changes with relative price changes but not with proportionate income changes.
38) परिवर्ती अनुपात नियम (Law of Variable Proportions)

उत्तर: यह नियम अल्पकाल में लागू होता है जब एक साधन परिवर्ती होता है और अन्य साधन स्थिर रहते हैं।

कथन: जब अन्य साधनों को स्थिर रखकर एक साधन की मात्रा बढ़ाई जाती है, तो प्रारंभ में कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है, फिर घटती दर से बढ़ता है, और अंत में घटने लगता है।

तीन चरण:

चरण I - बढ़ता प्रतिफल:
• TP बढ़ती दर से बढ़ता है
• MP बढ़ता है
• AP भी बढ़ता है
• यह चरण MP के अधिकतम बिंदु तक चलता है

चरण II - घटता प्रतिफल:
• TP घटती दर से बढ़ता है
• MP घटता है लेकिन धनात्मक रहता है
• AP भी घटता है
• यह चरण तब तक चलता है जब तक MP शून्य नहीं हो जाता
• उत्पादक इसी चरण में कार्य करता है

चरण III - ऋणात्मक प्रतिफल:
• TP घटने लगता है
• MP ऋणात्मक हो जाता है
• AP घटता रहता है
• यह तर्कसंगत चरण नहीं है

[रेखाचित्र का वर्णन]
ऊपरी panel में TP वक्र: प्रारंभ में तीव्र वृद्धि, फिर धीमी वृद्धि, अंत में गिरावट
निचले panel में MP और AP वक्र: MP पहले बढ़ता, फिर घटता और शून्य होकर ऋणात्मक हो जाता। AP भी पहले बढ़ता फिर घटता है। MP, AP को उसके अधिकतम बिंदु पर काटता है।

Law states that as we increase variable input keeping other inputs fixed, TP first increases at increasing rate, then at diminishing rate, and finally declines.
38) अथवा - पैमाने के प्रतिफल (Returns to Scale)

उत्तर: पैमाने के प्रतिफल दीर्घकाल से संबंधित है जब सभी साधन परिवर्ती होते हैं। यह बताता है कि जब सभी साधनों को एक निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाता है तो उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

तीन प्रकार:

1. पैमाने के वर्धमान प्रतिफल (Increasing Returns to Scale):
जब सभी साधनों में एक निश्चित प्रतिशत की वृद्धि करने पर उत्पादन उससे अधिक प्रतिशत से बढ़ता है।
उदाहरण: यदि साधनों को दोगुना करने पर उत्पादन दोगुने से अधिक (जैसे 2.5 गुना) हो जाए।
कारण: श्रम विभाजन, विशेषीकरण, बड़े पैमाने की बचतें

2. पैमाने के स्थिर प्रतिफल (Constant Returns to Scale):
जब सभी साधनों में एक निश्चित प्रतिशत की वृद्धि करने पर उत्पादन उसी प्रतिशत से बढ़ता है।
उदाहरण: यदि साधनों को दोगुना करने पर उत्पादन भी ठीक दोगुना हो जाए।
कारण: साधनों की प्रतिस्थापनशीलता, इष्टतम पैमाना

3. पैमाने के ह्रासमान प्रतिफल (Decreasing Returns to Scale):
जब सभी साधनों में एक निश्चित प्रतिशत की वृद्धि करने पर उत्पादन उससे कम प्रतिशत से बढ़ता है।
उदाहरण: यदि साधनों को दोगुना करने पर उत्पादन दोगुने से कम (जैसे 1.5 गुना) हो।
कारण: प्रबंधकीय कठिनाइयां, समन्वय की समस्या, बड़े पैमाने की हानियां

Returns to scale shows relationship between proportionate change in all inputs and resulting change in output in the long run.
39) राष्ट्रीय आय की आय विधि (Income Method of Calculating National Income)

उत्तर: आय विधि में राष्ट्रीय आय की गणना उत्पादन के विभिन्न साधनों को प्राप्त होने वाली साधन आयों के योग के रूप में की जाती है।

चरण:

1. उत्पादक उद्यमों का वर्गीकरण: प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में विभाजन

2. साधन आयों की गणना:
क्षतिपूर्ति (Compensation to Employees): वेतन, मजदूरी, बोनस
परिचालन अधिशेष (Operating Surplus): किराया, ब्याज, लाभ
मिश्रित आय (Mixed Income): स्वरोजगार की आय

3. सूत्र:
साधन लागत पर घरेलू आय = कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति + परिचालन अधिशेष + मिश्रित आय

4. घरेलू आय से राष्ट्रीय आय:
साधन लागत पर राष्ट्रीय आय (NNPFC) = साधन लागत पर घरेलू आय + विदेशों से शुद्ध साधन आय

सावधानियां:
• हस्तांतरण भुगतान शामिल न करें
• अवैध आय शामिल न करें
• पुरानी वस्तुओं की बिक्री से आय शामिल न करें
• दोहरी गणना से बचें

Income method calculates NI by adding all factor incomes: wages, rent, interest, and profits.
39) अथवा - NNPFC और NNPMP में संबंध

उत्तर:

साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC):
यह उत्पादन के साधनों द्वारा अर्जित आय का योग है। इसे राष्ट्रीय आय भी कहते हैं।

बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP):
यह बाजार में वास्तव में चुकाई गई कीमतों पर मापा गया उत्पाद है।

संबंध:
NNPMP = NNPFC + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर

या

NNPFC = NNPMP - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर

जहाँ:
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर = अप्रत्यक्ष कर - सब्सिडी

अप्रत्यक्ष कर: GST, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क आदि
सब्सिडी: सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता

अंतर का कारण:
• बाजार कीमत में अप्रत्यक्ष कर शामिल होते हैं जो उत्पादकों को प्राप्त नहीं होते
• सब्सिडी बाजार कीमत से कम होती है लेकिन उत्पादकों को प्राप्त होती है

उदाहरण: यदि NNPMP = ₹1000 करोड़, अप्रत्यक्ष कर = ₹150 करोड़, सब्सिडी = ₹50 करोड़
तो NNPFC = 1000 - (150-50) = 1000 - 100 = ₹900 करोड़

NNPFC is national income while NNPMP includes indirect taxes minus subsidies.
40) साख निर्माण की प्रक्रिया (Process of Credit Creation)

उत्तर: वाणिज्यिक बैंक जमा का केवल एक छोटा भाग नकद रूप में रखकर शेष को ऋण के रूप में देते हैं। यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है जिससे मूल जमा से कई गुना अधिक साख का निर्माण होता है।

उदाहरण:
मान लीजिए नकद आरक्षित अनुपात (CRR) = 20% है और प्रारंभिक जमा = ₹1000

चरण 1: बैंक A को ₹1000 जमा मिलते हैं
• आरक्षित रखता है = ₹200 (20%)
• ऋण देता है = ₹800

चरण 2: ₹800 का चेक बैंक B में जमा होता है
• आरक्षित रखता है = ₹160 (20%)
• ऋण देता है = ₹640

चरण 3: ₹640 का चेक बैंक C में जमा होता है
• आरक्षित रखता है = ₹128 (20%)
• ऋण देता है = ₹512

यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कि पूरी राशि आरक्षित न हो जाए।

कुल साख निर्माण की गणना:
साख गुणक = 1/CRR = 1/0.20 = 5
कुल साख = प्रारंभिक जमा × साख गुणक = 1000 × 5 = ₹5000

सीमाएं:
• नकद की उपलब्धता
• बैंकिंग की आदत
• ऋण की माँग
• केन्द्रीय बैंक की नीति

Credit creation is the process by which commercial banks create credit multiple times the initial deposit using fractional reserve system.
40) अथवा - केन्द्रीय बैंक की साख नियंत्रण विधियां

उत्तर: केन्द्रीय बैंक देश में साख को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न विधियों का प्रयोग करता है:

अ) मात्रात्मक विधियां (Quantitative Methods):

1. बैंक दर नीति (Bank Rate Policy):
• बैंक दर वह दर है जिस पर केन्द्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है
• साख विस्तार के लिए बैंक दर घटाई जाती है
• साख संकुचन के लिए बैंक दर बढ़ाई जाती है

2. खुले बाजार की क्रियाएं (Open Market Operations):
• केन्द्रीय बैंक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदता-बेचता है
• साख विस्तार के लिए प्रतिभूतियां खरीदी जाती हैं
• साख संकुचन के लिए प्रतिभूतियां बेची जाती हैं

3. नकद कोष अनुपात (Cash Reserve Ratio - CRR):
• वाणिज्यिक बैंकों को अपनी कुल जमा का एक निश्चित प्रतिशत केन्द्रीय बैंक के पास रखना होता है
• CRR बढ़ाने से साख कम होती है
• CRR घटाने से साख बढ़ती है

4. वैधानिक तरलता अनुपात (Statutory Liquidity Ratio - SLR):
• बैंकों को अपनी शुद्ध माँग और मीयादी देयताओं का एक निश्चित प्रतिशत तरल संपत्तियों में रखना होता है

ब) गुणात्मक विधियां (Qualitative Methods):

1. सीमांत आवश्यकताएं (Margin Requirements):
• ऋण की राशि और संपार्श्विक के मूल्य का अंतर
• मार्जिन बढ़ाने से साख कम होती है

2. साख की राशनिंग (Credit Rationing):
• विशेष प्रकार के ऋणों पर सीमा लगाना

3. नैतिक दबाव (Moral Suasion):
• केन्द्रीय बैंक द्वारा बैंकों को सलाह देना

4. प्रत्यक्ष कार्यवाही (Direct Action):
• नियमों का पालन न करने वाले बैंकों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही

Quantitative methods affect overall credit while qualitative methods affect selective credit through bank rate, OMO, CRR, SLR, margin requirements, and moral suasion.

खंड य - दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर (Section E Answers)

41) पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म का संतुलन (Firm's Equilibrium under Perfect Competition)

उत्तर: फर्म संतुलन की अवस्था में होती है जब वह अधिकतम लाभ कमाती है और उत्पादन में कोई परिवर्तन नहीं करना चाहती।

संतुलन की शर्तें:

1. आवश्यक शर्त: MR = MC
पूर्ण प्रतियोगिता में MR = AR = P (कीमत) होती है, इसलिए:
P = MC

2. पूरक शर्त: MC वक्र नीचे से ऊपर की ओर जाता हो अर्थात MC बढ़ती हुई हो।

अल्पकाल में संतुलन:

स्थिति 1 - अधिसामान्य लाभ (Super Normal Profit):
• जब AR > AC
• फर्म असामान्य लाभ कमाती है
• लाभ = (AR - AC) × Q

स्थिति 2 - सामान्य लाभ (Normal Profit):
• जब AR = AC
• फर्म केवल सामान्य लाभ कमाती है
• यह न्यूनतम बिंदु पर होता है

स्थिति 3 - न्यूनतम हानि (Minimum Loss):
• जब AVC < AR < AC
• फर्म हानि में है लेकिन उत्पादन जारी रखती है
• हानि = (AC - AR) × Q

स्थिति 4 - बंद होने का बिंदु (Shut Down Point):
• जब AR = AVC
• फर्म उत्पादन बंद करने पर विचार करती है

दीर्घकाल में संतुलन:
• सभी फर्में केवल सामान्य लाभ कमाती हैं
• P = MC = AC (न्यूनतम बिंदु पर)
• मुक्त प्रवेश और निकास के कारण असामान्य लाभ समाप्त हो जाता है

[रेखाचित्र का वर्णन]
X-axis: उत्पादन (Output)
Y-axis: कीमत/लागत (Price/Cost)
- क्षैतिज AR = MR रेखा (कीमत रेखा)
- U-आकार वाला MC वक्र जो AR को संतुलन बिंदु पर काटता है
- U-आकार वाला AC वक्र
- U-आकार वाला AVC वक्र
संतुलन बिंदु E जहां P = MC

A firm is in equilibrium when it maximizes profit at the point where P = MC and MC is rising. In long run, P = MC = AC (minimum).
41) अथवा - एकाधिकार में मूल्य विभेद (Price Discrimination under Monopoly)

उत्तर:

अर्थ: मूल्य विभेद वह स्थिति है जब एकाधिकारी एक ही वस्तु को विभिन्न खरीददारों से या विभिन्न बाजारों में अलग-अलग कीमतों पर बेचता है, जबकि लागत में कोई अंतर नहीं होता।

आवश्यक शर्तें:

1. बाजारों का पृथक्करण: विभिन्न बाजारों या उपभोक्ता वर्गों को अलग रखना संभव हो।

2. माँग की लोच में अंतर: विभिन्न बाजारों में माँग की कीमत लोच अलग-अलग हो।

3. पुनः बिक्री की असंभावना: खरीददार वस्तु को दोबारा नहीं बेच सके।

4. एकाधिकार शक्ति: विक्रेता के पास कीमत निर्धारण की शक्ति हो।

मूल्य विभेद के प्रकार:

1. प्रथम श्रेणी का मूल्य विभेद (Perfect Price Discrimination):
• प्रत्येक इकाई अलग-अलग कीमत पर बेची जाती है
• प्रत्येक उपभोक्ता से उसकी अधिकतम भुगतान क्षमता के अनुसार कीमत ली जाती है
• उपभोक्ता अधिशेष पूर्णतः समाप्त हो जाता है
उदाहरण: डॉक्टर, वकील की फीस

2. द्वितीय श्रेणी का मूल्य विभेद (Market Segmentation):
• बाजार को विभिन्न खंडों में बांटा जाता है
• प्रत्येक खंड में अलग कीमत ली जाती है
• जहां माँग बेलोचदार हो, वहां ऊंची कीमत और जहां लोचदार हो, वहां कम कीमत
उदाहरण: बिजली के घरेलू और वाणिज्यिक टैरिफ, रेलवे के विभिन्न वर्ग

3. तृतीय श्रेणी का मूल्य विभेद (Product Versioning):
• उत्पाद के विभिन्न संस्करण अलग-अलग कीमतों पर
• गुणवत्ता या विशेषताओं में मामूली अंतर
उदाहरण: हार्डकवर और पेपरबैक पुस्तकें, विभिन्न मॉडल के मोबाइल फोन

4. स्थान के आधार पर विभेद:
• भौगोलिक क्षेत्रों में अलग-अलग कीमत
उदाहरण: घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अलग कीमत

5. समय के आधार पर विभेद:
• दिन के अलग-अलग समय पर अलग कीमत
उदाहरण: सिनेमा के मैटिनी शो की कम कीमत, off-peak और peak hours की बिजली दरें

लाभ:
• एकाधिकारी को अधिक लाभ
• उत्पादन और बिक्री में वृद्धि
• कुछ वर्गों को सस्ती दर पर सेवा

हानियां:
• उपभोक्ता अधिशेष में कमी
• असमानता को बढ़ावा
• प्रशासनिक लागत में वृद्धि

Price discrimination means charging different prices for same product in different markets. Types include: perfect discrimination, market segmentation, and product versioning.
42) गुणक की कार्य प्रणाली (Working of Multiplier)

उत्तर:

अर्थ: गुणक वह संख्या है जिससे निवेश में हुए परिवर्तन को गुणा करने पर आय में होने वाले परिवर्तन का पता चलता है।

सूत्र: K = ΔY/ΔI = 1/(1-MPC) = 1/MPS

जहाँ:
K = गुणक
ΔY = आय में परिवर्तन
ΔI = निवेश में परिवर्तन
MPC = सीमांत उपभोग प्रवृत्ति
MPS = सीमांत बचत प्रवृत्ति

उदाहरण:
मान लीजिए MPC = 0.8, अतः MPS = 0.2
गुणक K = 1/MPS = 1/0.2 = 5
यदि निवेश में ₹100 करोड़ की वृद्धि होती है

चक्र-दर-चक्र प्रक्रिया:

प्रथम चक्र: ₹100 करोड़ का निवेश
• आय में वृद्धि = ₹100 करोड़
• उपभोग = ₹80 करोड़ (80%)
• बचत = ₹20 करोड़ (20%)

द्वितीय चक्र: ₹80 करोड़ का उपभोग
• आय में वृद्धि = ₹80 करोड़
• उपभोग = ₹64 करोड़ (80%)
• बचत = ₹16 करोड़ (20%)

तृतीय चक्र: ₹64 करोड़ का उपभोग
• आय में वृद्धि = ₹64 करोड़
• उपभोग = ₹51.2 करोड़ (80%)
• बचत = ₹12.8 करोड़ (20%)

यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक पूरी राशि बचत न हो जाए।

कुल आय में वृद्धि:
ΔY = 100 + 80 + 64 + 51.2 + ...
ΔY = ΔI × K = 100 × 5 = ₹500 करोड़

गुणक को प्रभावित करने वाले कारक:

1. सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC):
• MPC जितनी अधिक, गुणक उतना अधिक
• MPC और गुणक में सीधा संबंध

2. सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS):
• MPS जितनी अधिक, गुणक उतना कम
• MPS और गुणक में विपरीत संबंध

3. आयात की प्रवृत्ति:
• आयात में वृद्धि से गुणक का प्रभाव कम होता है
• आय का कुछ भाग देश के बाहर चला जाता है

4. कराधान:
• उच्च कर दरें प्रयोज्य आय घटाती हैं
• गुणक का प्रभाव कम हो जाता है

5. मुद्रास्फीति:
• यदि अर्थव्यवस्था पूर्ण रोजगार पर है
• गुणक का प्रभाव कीमतों में वृद्धि के रूप में होता है

6. व्यवसाय चक्र की अवस्था:
• मंदी में गुणक अधिक प्रभावी
• उछाल में गुणक कम प्रभावी

7. समय अंतराल:
• आय के खर्च में लगने वाला समय
• लंबा अंतराल = कम प्रभावी गुणक

सीमाएं:
• पूर्ण रोजगार की स्थिति में अप्रभावी
• स्थिर MPC की मान्यता
• निष्क्रिय बचतों की उपेक्षा
• समय तत्व की अनदेखी

Multiplier shows that an increase in investment leads to multiple increases in income through successive rounds of consumption spending. K = 1/MPS. Higher MPC means higher multiplier.
42) अथवा - भुगतान संतुलन (Balance of Payments)

उत्तर:

अर्थ: भुगतान संतुलन एक निश्चित अवधि (सामान्यतः एक वर्ष) में किसी देश के निवासियों और शेष विश्व के बीच होने वाले सभी आर्थिक लेन-देन का व्यवस्थित विवरण है।

भुगतान संतुलन के घटक:

1. चालू खाता (Current Account):

क) दृश्य मदें (Visible Items) - व्यापार संतुलन:
• निर्यात: वस्तुओं का निर्यात (धनात्मक पक्ष)
• आयात: वस्तुओं का आयात (ऋणात्मक पक्ष)
• व्यापार संतुलन = निर्यात - आयात

ख) अदृश्य मदें (Invisible Items):
• सेवाएं: पर्यटन, बैंकिंग, बीमा, परिवहन
• आय: विदेशों से ब्याज, लाभांश, वेतन
• एकपक्षीय हस्तांतरण: दान, उपहार, प्रेषण (remittances)

चालू खाता शेष = व्यापार संतुलन + अदृश्य मदों का शुद्ध शेष

2. पूंजी खाता (Capital Account):

क) विदेशी निवेश:
• प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)
• विदेशी संस्थागत निवेश (FII)
• पोर्टफोलियो निवेश

ख) ऋण और उधार:
• बाह्य ऋण
• अल्पकालिक और दीर्घकालिक पूंजी

ग) बैंकिंग पूंजी:
• बैंकों द्वारा विदेशी परिसंपत्तियों और देयताओं में परिवर्तन

3. आधिकारिक आरक्षित खाता (Official Reserve Account):
• विदेशी मुद्रा भंडार
• स्वर्ण भंडार
• IMF में विशेष आहरण अधिकार (SDR)
• IMF में आरक्षित किस्त

भुगतान संतुलन का समीकरण:
चालू खाता + पूंजी खाता + आधिकारिक आरक्षित खाता = 0

असंतुलन के प्रकार:
चालू खाता घाटा: जब निर्यात < आयात
चालू खाता अधिशेष: जब निर्यात > आयात

भुगतान संतुलन और व्यापार संतुलन में अंतर:

भुगतान संतुलन (BoP) व्यापार संतुलन (BoT)
1. सभी आर्थिक लेन-देन 1. केवल दृश्य वस्तुओं का व्यापार
2. चालू + पूंजी + आरक्षित खाता 2. चालू खाते का एक भाग
3. हमेशा संतुलित (लेखांकन दृष्टि से) 3. अधिशेष या घाटे में हो सकता है
4. व्यापक अवधारणा 4. संकुचित अवधारणा
5. दृश्य + अदृश्य + पूंजी 5. केवल दृश्य निर्यात और आयात

संबंध: व्यापार संतुलन भुगतान संतुलन का एक अंग है। BoT घाटा होने पर भी BoP संतुलित हो सकता है यदि पूंजी खाते में अधिशेष हो।

उदाहरण:
यदि व्यापार घाटा = ₹1000 करोड़
और पूंजी खाता अधिशेष = ₹1200 करोड़
तो चालू खाता घाटा होने के बावजूद BoP में ₹200 करोड़ का अधिशेष होगा, जो आरक्षित भंडार में वृद्धि के रूप में दिखेगा।

BoP is a systematic record of all economic transactions. It has current account (visible and invisible items) and capital account (FDI, loans). BoT is part of current account showing only visible trade.

परीक्षा की तैयारी (Exam Preparation Tips)

अर्थशास्त्र में उच्च अंक प्राप्त करने की रणनीति

महत्वपूर्ण सुझाव: अर्थशास्त्र एक ऐसा विषय है जिसमें अवधारणाओं की स्पष्ट समझ और नियमित अभ्यास से 90+ अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।

1. विषयवार तैयारी रणनीति

व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics):
  • उपभोक्ता व्यवहार: तटस्थता वक्र, बजट रेखा और उपभोक्ता संतुलन के रेखाचित्र अच्छी तरह अभ्यास करें
  • उत्पादन और लागत: TP, AP, MP के संबंध, विभिन्न लागत वक्रों के आकार समझें
  • बाजार संरचनाएं: पूर्ण प्रतियोगिता, एकाधिकार, एकाधिकारी प्रतियोगिता और अल्पाधिकार की तुलनात्मक विशेषताएं याद करें
  • सभी रेखाचित्र लेबल सहित बनाना सीखें
समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics):
  • राष्ट्रीय आय: GDP, GNP, NDP, NNP के सूत्र और अंतर स्पष्ट रूप से समझें
  • मुद्रा और बैंकिंग: साख निर्माण की संख्यात्मक गणना का अभ्यास करें
  • आय निर्धारण: गुणक की अवधारणा और गणना में पारंगत हों
  • सरकारी बजट: विभिन्न प्रकार के घाटों को समझें
  • संख्यात्मक प्रश्नों के लिए सूत्र याद करें और नियमित अभ्यास करें

2. समय प्रबंधन

खंड अनुशंसित समय रणनीति
प्रश्नपत्र पढ़ना 15 मिनट सभी प्रश्न ध्यान से पढ़ें, आंतरिक विकल्प तय करें
खंड अ (MCQs) 15 मिनट त्वरित उत्तर दें, संदिग्ध प्रश्नों को बाद के लिए छोड़ें
खंड ब (Fill/T-F) 10 मिनट सीधे उत्तर लिखें
खंड स (1 अंक) 20 मिनट संक्षिप्त और सटीक उत्तर, 30 शब्द सीमा ध्यान में रखें
खंड द (3-4 अंक) 75 मिनट व्यवस्थित उत्तर, मुख्य बिंदु, रेखाचित्र जहां आवश्यक
खंड य (6 अंक) 40 मिनट विस्तृत उत्तर, रेखाचित्र, उदाहरण अनिवार्य
पुनरावलोकन 20 मिनट उत्तरों की जांच, गणनाएं verify करें

3. उत्तर लेखन तकनीक

MCQs के लिए:
  • पहले वे प्रश्न हल करें जिनके उत्तर आप निश्चित रूप से जानते हैं
  • अनुमान लगाने से बचें यदि नेगेटिव marking हो
  • विकल्पों को elimination method से छांटें
वर्णनात्मक प्रश्नों के लिए:
  • परिचय: अवधारणा की परिभाषा या अर्थ से शुरुआत करें
  • मुख्य भाग: बिंदुओं में विस्तार करें, उप-शीर्षक का प्रयोग करें
  • रेखाचित्र: स्पष्ट, साफ और लेबल युक्त
  • उदाहरण: जहां संभव हो वास्तविक उदाहरण दें
  • निष्कर्ष: संक्षिप्त समापन
संख्यात्मक प्रश्नों के लिए:
  • पहले सूत्र लिखें
  • चरणबद्ध तरीके से हल करें
  • प्रत्येक चरण को स्पष्ट रूप से दर्शाएं
  • इकाइयां (units) अवश्य लिखें
  • अंतिम उत्तर को underline करें

4. रेखाचित्र बनाने की तकनीक

  • पेंसिल और स्केल का प्रयोग करें
  • अक्षों को नाम दें (X-axis, Y-axis)
  • वक्रों/रेखाओं को लेबल करें (D, S, MC, AC आदि)
  • महत्वपूर्ण बिंदुओं को चिह्नित करें (E, E₁, E₂)
  • तीर के निशान से दिशा दिखाएं
  • रेखाचित्र के नीचे संक्षिप्त व्याख्या लिखें

5. तीन महीने की अध्ययन योजना

प्रथम महीना - आधार निर्माण:
  • सप्ताह 1-2: व्यष्टि अर्थशास्त्र के सभी अध्याय पढ़ें और नोट्स बनाएं
  • सप्ताह 3-4: समष्टि अर्थशास्त्र के सभी अध्याय पढ़ें और नोट्स बनाएं
  • प्रतिदिन 3-4 घंटे अध्ययन
  • सभी परिभाषाएं और सूत्र याद करें
द्वितीय महीना - गहन अभ्यास:
  • सप्ताह 1-2: NCERT के सभी प्रश्नों के उत्तर लिखें
  • सप्ताह 3-4: पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें
  • संख्यात्मक प्रश्नों का विशेष अभ्यास
  • सभी रेखाचित्र बार-बार बनाएं
तृतीय महीना - संशोधन और परीक्षण:
  • सप्ताह 1-2: संपूर्ण पाठ्यक्रम का पुनरावलोकन
  • सप्ताह 3: मॉडल पेपर और सैंपल पेपर हल करें
  • सप्ताह 4: कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान
  • प्रतिदिन 1 मॉडल टेस्ट अभ्यास करें

6. परीक्षा से एक दिन पहले

  • भारी अध्ययन से बचें, केवल नोट्स देखें
  • सभी सूत्र और महत्वपूर्ण बिंदु दोहराएं
  • रेखाचित्रों की सूची देखें
  • पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे)
  • आवश्यक सामग्री तैयार रखें (पेन, पेंसिल, स्केल, इरेजर)

7. महत्वपूर्ण बिंदु

याद रखें:
  • प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें, क्या पूछा गया है समझें
  • शब्द सीमा का ध्यान रखें
  • हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में प्रश्न दिए गए हैं, सुविधाजनक भाषा चुनें
  • साफ और सुपाठ्य लिखावट
  • गलत उत्तर काटकर दोबारा लिखें, overwriting से बचें
  • पूरे पेपर का प्रयास करें, कोई प्रश्न न छोड़ें

संदर्भ सामग्री और अतिरिक्त संसाधन

RBSE परीक्षा संसाधन

पाठ्यक्रम और योजनाएं: मॉडल पेपर्स (कक्षा 12): टॉपर उत्तर पुस्तिकाएं: पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र:

महत्वपूर्ण पुस्तकें

  • NCERT: अर्थशास्त्र (कक्षा 11-12) - व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र
  • T.R. Jain and V.K. Ohri: Introductory Microeconomics & Macroeconomics
  • Sandeep Garg: Economics for Class 12
  • RBSE: अर्थशास्त्र कक्षा 12 की पाठ्यपुस्तक

निष्कर्ष

यह RBSE Class 12 Economics Model Paper 2025 राजस्थान बोर्ड की परीक्षा की तैयारी के लिए एक व्यापक मार्गदर्शक है। इस मॉडल पेपर में अर्थशास्त्र के सभी महत्वपूर्ण विषयों को समाहित किया गया है और प्रत्येक प्रश्न के विस्तृत उत्तर दिए गए हैं।

अर्थशास्त्र एक ऐसा विषय है जो न केवल परीक्षा में अच्छे अंक दिलाता है, बल्कि वास्तविक जीवन में आर्थिक निर्णय लेने में भी सहायक होता है। इस विषय की अच्छी तैयारी के लिए नियमित अध्ययन, अवधारणाओं की स्पष्ट समझ, आरेखों का अभ्यास और संख्यात्मक प्रश्नों में पारंगतता आवश्यक है।

महत्वपूर्ण सूचना: यह एक मॉडल पेपर है जो परीक्षा की तैयारी में सहायता के लिए बनाया गया है। वास्तविक परीक्षा पत्र की संरचना और प्रश्नों में भिन्नता हो सकती है। नवीनतम परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम के लिए हमेशा RBSE की आधिकारिक अधिसूचना देखें।

शुभकामनाएं! आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी करें। याद रखें कि अर्थशास्त्र में सफलता का रहस्य नियमित अभ्यास और अवधारणाओं की गहरी समझ में है। आपकी मेहनत अवश्य रंग लाएगी!


अस्वीकरण: यह मॉडल पेपर शैक्षिक उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। सभी प्रयास किए गए हैं कि जानकारी सटीक हो, लेकिन किसी भी त्रुटि के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं होगा।
© 2025 RBSE Educational Resources | सर्वाधिकार सुरक्षित

👉 Join Now:

🔹 शिक्षा जगत (Facebook)
https://www.facebook.com/share/1AKWBbAEZY/

🔹 शिक्षकों हेतु शिक्षा समाचार, आदेश, सर्कुलर, PDF आदि (Telegram)
https://t.me/DailyEduMagzine

🔹 RBSE / CBSE / NCERT Notes (WhatsApp Channel)
https://whatsapp.com/channel/0029VaPUA7uAu3aQAyYBoO2L

🔹 विद्यार्थियों हेतु टेस्ट, नोट्स आदि (Telegram)
https://t.me/testseries4u

✅ बेहतर तैयारी, पक्की सफलता! 🎯
Sarkari Service Prep™ – Your Success Partner in Education