RBSE Class 12 Sanskrit Model Paper 2025 | राजस्थान बोर्ड कक्षा 12 संस्कृत मॉडल प्रश्न पत्र 2025 (SS12)
RBSE Class 12 Sanskrit Model Paper 2025
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड | कक्षा 12 | संस्कृत साहित्य (कोड: SS12)
परीक्षा विवरण
परीक्षा का नाम: उच्चमाध्यमिक परीक्षा 2025
कक्षा: 12 (बारहवीं)
विषय: संस्कृत साहित्य
विषय कोड: SS12
समय अवधि: 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक: 80
कुल प्रश्न: 18
सत्र: 2024-25
यह मॉडल प्रश्नपत्र राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न के अनुसार तैयार किया गया है। इस प्रश्नपत्र में कुल 18 प्रश्न हैं जो तीन खण्डों में विभाजित हैं।
प्रश्नपत्र ब्लूप्रिंट
1. उद्देश्य आधारित अंक विभाजन
| क्र.सं. | उद्देश्य | अंक | प्रतिशत |
|---|---|---|---|
| 1 | ज्ञान (Knowledge) | 23 | 28.75% |
| 2 | अवबोध (Understanding) | 24 | 30.00% |
| 3 | अभिव्यक्ति (Expression) | 16 | 20.00% |
| 4 | प्रयोग (Application) | 09 | 11.25% |
| 5 | विश्लेषण (Analysis) | 08 | 10.00% |
| योग | 80 | 100% | |
2. प्रश्न प्रकारानुसार अंक विभाजन
| क्र.सं. | प्रश्न प्रकार | प्रश्न संख्या | प्रति प्रश्न अंक | कुल प्रश्न | कुल अंक |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | बहुविकल्पात्मकम् | 1 | 1 | 10 | 10 |
| 2 | अतिसंक्षिप्तम् | 1 | 1 | 10 | 10 |
| 3 | रिक्तस्थानपूर्तिः | 1 | 1 | 04 | 04 |
| 4 | सङ्क्षिप्तोत्तरम् | 2 | 2 | 22 | 44 |
| 5 | लघूत्तरम् | 3 | 3 | 04 | 12 |
| योग | 50 | 80 | |||
3. विषयवस्तुनुसार अंक विभाजन
| क्र.सं. | विषयवस्तु | अंक | प्रतिशत |
|---|---|---|---|
| 1 | गद्यं-अभिज्ञानम् | 30 | 37.50% |
| 2 | पद्य-मालती-माधवीयौषधम् | 10 | 12.50% |
| 3 | सन्धि-समासम् | 10 | 12.50% |
| 4 | प्रत्यय-उपसर्गम् | 8 | 10.00% |
| 5 | रचनात्मककार्यम् | 10 | 12.50% |
| 6 | पाठ्यपुस्तकम् | 12 | 15.00% |
| योग | 80 | 100% | |
परीक्षार्थियों के लिए निर्देश
सामान्य निर्देश:
- परीक्षार्थियों को स्वयं के शब्दों में उत्तर लिखना अनिवार्य है।
- सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः।
- समस्तं प्रश्नमानानुगुणं उत्तराणि देयानि।
- प्रश्नस्य सहितं दत्तैः अङ्कैः सम्मुखम् अङ्कितं वर्तते।
- समस्तं प्रश्नमानानुगुणं संक्षिप्तात्मकमेव उत्तरम्।
आदर्शप्रश्नपत्रम् - 2025
उच्चमाध्यमिकः (xii)
कक्षा-उच्चमाध्यमिक
विषयः - संस्कृतसाहित्यम् (कोडः- ss12)
समयः 3:15 उच्चत्तरीयसमयम् | पूर्णाङ्कः- 80
खण्ड-"क"
प्रश्न 1. बहुविकल्पात्मकप्रश्नाः:- 10×1 = 10
(i) "तफ्रीलपत्रम्" पाठे लेखकः कः?
(अ) चाणक्यः
(ब) भवभूतिः
(स) कालिदासः
(द) पाणिनिः
(ii) हेमाम्बिकादेविर्त चिरी मन्त्रा-
(अ) सिद्धिः
(ब) बुद्धिदा
(स) तथास्तु
(द) राइन्दा
(iii) "चाणक्यनीति" पाठे कतम् नाट्यकृतं भारतवर्षस्य
(अ) उच्चाग्रगतिमैतिहासिकम्
(ब) नाहूरोपरोत्तरम्
(स) त्वमुप्रथमम्
(द) अतिविशिष्टमङ्कनम्
(iv) कस्मै सर्वोत्तराभ्यमः सैनिकः?
(अ) मूर्खाय
(ब) दुष्टाय
(स) निर्बलाय
(द) रामाय
(v) रत्नावली पत्रयुष्मासुत्र प्रन्ति-
(अ) कम्बुकर्णः
(ब) इन्द्रायुमणिः
(स) पञ्चानिः
(द) महायान्ति
(vi) कस्यस्तिः प्रामाणस्य पत्रत्यं कः उत्साहितः?
(अ) रमकेशः
(ब) भगवृदः
(स) वृहदायुः
(द) गुरुदैवः
(vii) निकलितौ विश्वप्रलायं किञ्च आसन् आत्मपुण्याः सर्वाणि?
(अ) देवदत्त आख्यायन
(ब) गंधं आख्यायन
(स) पुत्रदत्त आख्यायन
(द) भयोत्त आख्यायन
(viii) पूर्वा-रिसि समनस्त् पक्षेत्वा?
(अ) संभूतिः
(ब) सौनिः
(स) पुरिः
(द) यमुनाः
(ix) पद्मावती-
(अ) रानाजिजिवन
(ब) मानिनी
(स) रेखानी
(द) उत्सवानि
(x) "उक्ति विधिन्यं कौञ्चलोनोः-" पदम्वन्द्र विषयो आणिमाय निर्निधि?
(अ) संभूतिं
(ब) सान्तिकरणं
(स) पाठारुद्गमणं
(द) पूर्वाङ्गमणं
प्रश्न 2. अतिसङ्क्षिप्तोत्तरात्मकप्रश्नाः 10×1 = 10
(i) गद्यं किम् अस्ति?
(ii) पद्यं किम् अस्ति?
(iii) नाट्यं किम् अस्ति?
(iv) सन्धिः कति प्रकाराः सन्ति?
(v) समासः कति प्रकाराः सन्ति?
(vi) प्रत्ययः किं वर्तते?
(vii) उपसर्गः किं वर्तते?
(viii) अभिज्ञानशाकुन्तलस्य रचनाकारः कः?
(ix) रत्नावल्याः रचनाकारः कः?
(x) मालतीमाधवस्य रचनाकारः कः?
प्रश्न 3. रिक्तस्थानानि पूरयत 4×1 = 4
(i) संस्कृतं __________ भाषा अस्ति।
(ii) वेदाः __________ सन्ति।
(iii) पाणिनिः __________ रचितवान्।
(iv) कालिदासः __________ कविः आसीत्।
खण्ड-"ख"
प्रश्न 6. किञ्चि निम्नं-कौञ्चलोनोत्कतं पदानि चित्वा विग्रहं च करणम् निबोधय 2
(क) तपोनिष्ठं भ्यागतानां वन्द्यां नयेत्स्वरसुद्ध युक्तिव्वनातरूभ्येषुं मुघ्राः ।
(ख) संकल्पस्स गतावधा वन-गतयोर्ग्र-यति । न संज्ञेय आक्षारक्तामक्तात्पत स्वभावान् ।
(स) चरत्यतिरसतिति म किद्वयपीधिः- पराणत् रुबुदु ।
(य) उद्धेतिभित्यानि धूर्नानि न्यस्तं एकं यं रत्राबोधम् ।
प्रश्न 7. प्रश्नन निम्न-कौञ्चलोकेत्पुञ्चं प्रत्योरिन विग्रहं करणनिरुद्ध निर्गम 2
(क) सव्वा निस्योर्न म विक्रवणोतिः- पराणत् रुबुदु ।
(य) राज्येच्छतकोर्नान निश्यं न्नासते एचं परं रुयोधम् ।
प्रश्न 8. केऽभिब्रहदिषेहन किञ्चा वन्धु निदेश 2
कर्मशैलेरोगच्छलाते माल चुरुधै संधर्षोम ।
नं कर्मकलचर्मकुतन माल नहमं सङ्गोत्तरोस्या।
प्रश्न 9. प्रश्नन निम्ननुसरमास्त्युसारुद्यः क्रच्छदुरुकरनाहाय किश्चा करोः 2+2=4
(अ) अन्नाय
(ब) अतानुय्या
प्रश्न 10. केऽभिलम् चर्तीनिकत्त्स्वर् पदिश् पद्यमानः उभ्ययो आबिनातिये निदेशा 8
नम्यगाः रामगोस्य यथः यष्यपञ्च चैवया । यष्यं यष्यवुद्यैकै कगैन् युष्यातप्टोधै नहिन्येन्तः केइन् उद्धेयिदि । अर्मम्
प्रश्न 11. केऽभिनितन संदिगारुणस् पन्तिनं पुद्यथाम् उस्यङ्गतीं केऽभिनितन निदेश 5
गद्यांशः:
कान्तमत्र स्वच्छन्द्य चार्पहर्षोत्तरया साहानाच्य करत्त हस्कर्षन् वचेत्। स चादित्येर्ककर्त्यस चातर्कासरज्ञैन मेवनावासधीनं करैस्तनेगुणोदानिःकारोत्तानं नेवनरोग्रैर्यागोतुलुमं वचानम् ततिविधार्योमास्तिकन्धानै खरैस्तंनं नाम निदाम् करानि धानिकाग्येश्वकानां नान्धराधनागासुत्तानि स्वधन्यासरूपार्थक्षमारानम्॥
(क) एकवाक्येन उत्तरं दीयताम्
किं रूत्यं अपस्त्य साहायत्रातरस्य पदानावृयाः?
(ख) द्वाभ्यां वाक्याभ्यां उत्तरं दीयताम्
कीनातम् कन्धन- पार्षोय- केवयुष्ठाग्र्णी जानातिः ?
(ग) भाषिक-प्रश्नाः
(i) "गृहस्य सुरंगतेऽधिमं कर्मिणं सम्प्रकाशयन्ति।" अत्र किं पदं विशेषणं किं च विशेष्यम्?
(ii) "स्वधर्मस्य" इत्यस्मिन् पदे प्रयुक्तः सन्धिः नाम निर्दिश्यताम्।
प्रश्न 12. केऽभिनितन पदावो पन्तिनं पुद्यथाम् उस्यङ्गतीं केऽभिनितन निदेश 5
पद्यांशः:
लोकातरं विधाताना दित्त्वनिः निः-निहोर्क्षणोस्यामायोत्तनाम् ।
उवुक्कीनश्च भुमुखास्कज्ञुमायः पीणा परे प्रकत्यवुद्दिन्न्मा: ।।
(क) एकवाक्येन उत्तरम्
कीर्तिः किं प्रापयति?
(ख) द्वाभ्यां वाक्याभ्यां उत्तरम्
पुरुषार्थाः के? तत्र श्रेष्ठः कः?
(ग) भाषिक-प्रश्नाः
(i) "उपकारिणं पुरुषं" इत्यस्मिन् किं पदं विशेषणम्? किं च विशेष्यम्?
(ii) "रत्नाकरः" इति पदे कः समासः? विग्रहं च कुरुत।
प्रश्न 13. केऽभिनितन नाट्यांश पन्तिनापूदयथाम् उस्यङ्गतीं केऽभिनितन निदेश 5
नाट्यांशः:
मन्त्री :- आपदो सामधाने यत्नव्यापाराः रक्षणीया दुष्पथा।
योजनायाः- विश्वासीकरणम्।
केशवदत्त:- निम्नुप्रतिनिधिपदिनाः ।
अथ किं आत्मवृत्तं प्रयच्छस्?
मन्त्री:- निहवधुरासलभाणाम् वेष्यमाणा मायाः। इमं सिदयान्ति भोक्ताविधान-
प्रयोजनम्।
रामपुरः- चिरं यदातारकरूपम्। आत्मनानाः पद्यासाः संख्यारणशक्तानिपदं।
मितस्य:- चार्विं विवर्त्तम् सिवासाखम्पदार्पितम्॥
(क) एकवाक्येन उत्तरम्
नाटकस्य नाम किम्?
(ख) द्वाभ्यां वाक्याभ्यां उत्तरम्
नाटकस्य लेखकः कः? किं संवादः?
खण्ड-"ग" (व्याकरणं रचनात्मककार्यं च)
नोट: आपरुक चरुड्रो च योजनिलेसरो सत्तिभ्य रम्यात्तं रम्यते्यः ।
(सूग्रासघम् पाट्यमूरुनून चार्यागोसि विधौजि)
प्रश्न 14. रिक्तस्थानस्य यथायितनस् पूरुण (कैवल्यं पञ्चतत्त्वम) 3×1=3
(क) अपस्मं हितं निजं __________ यञ्चन उन्नर्हिदृतो नहिं।
(ख) स्वस्त्यच्छ हयोग __________ गयेकारा।
(ग) उदीचिमा __________ योजनम् निदम्।
प्रश्न 15. केऽभिलनयाः महायोगाय वन्धत्यमस्य परनां सदूरुण निदेश 3
(क) विपन
(ब) महाकवितारूवम्
(स) सहसाग्नितः
प्रश्न 16. केऽभिनितन निर्हमिर्तास्युजपल्पदन् आलासुग्रौष्यं निलैतिं तत्पदुर्णम निदेश (कैवल्यं चत्वारि) 4×1=4
(क) गोपाद्यङ्गौमी रातन योगेश्च पथ अधिम् परदुक्कों।
(ख) स्वर्गापवर्गयोश्च द्वारं नाम सत्यम्।
(स) यथाकथञ्चन समाप्य विद्यां किस्कस्य हस्ते फलमेषु लभ्यते।
(द) उरुवगंपूर्वं प्रयासात् दुःखसमन्वितं निरारत्नम्।
प्रश्न 17. निम्ननितप्रतिः केऽभिनितन सातायतुर्न 50-60 शब्देषु संस्कृते निबन्धं लिखत 5
(क) रामनवमीमहोत्सवः
(ब) संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्
(ग) विद्यालयः यात्रा
प्रश्न 18. केऽभिनितनोक्तानपूर्ण संस्कृते वाक्यानि अनुवादयत (कैवल्यं पञ्च) 5×1=5
(क) रिया विमल पदान चरती है।
(ब) तरी वैकुन्टन में रहता है।
(स) हमें सत्य बोलना चाहिए।
(द) उसका घर सुंदर है।
(य) गुरु से पाठ पढ़ता है।
(ङ) यज्ञ को शान्ति मिलती है।
(छ) रुका में गंगा बहती है।
(ज) निर्मल सो नाथमुख्या है।
विस्तृत उत्तर और समाधान
खण्ड "क" के उत्तर
प्रश्न 1: बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर
| प्रश्न संख्या | सही उत्तर |
|---|---|
| (i) | (स) कालिदासः |
| (ii) | (ब) बुद्धिदा |
| (iii) | (अ) उच्चाग्रगतिमैतिहासिकम् |
| (iv) | (द) रामाय |
| (v) | (ब) इन्द्रायुमणिः |
| (vi) | (अ) रमकेशः |
| (vii) | (अ) देवदत्त आख्यायन |
| (viii) | (अ) संभूतिः |
| (ix) | (ब) मानिनी |
| (x) | (स) पाठारुद्गमणं |
प्रश्न 2: अतिसंक्षिप्त उत्तर
- गद्यं किम् अस्ति?
उत्तरम्: गद्यं पद्यरहितं लेखनम् अस्ति। - पद्यं किम् अस्ति?
उत्तरम्: पद्यं छन्दोबद्धं काव्यं भवति। - नाट्यं किम् अस्ति?
उत्तरम्: नाट्यं रङ्गमञ्चे प्रदर्शनीयं साहित्यं भवति। - सन्धिः कति प्रकाराः सन्ति?
उत्तरम्: सन्धिः त्रयः प्रकाराः सन्ति - स्वरसन्धिः, व्यञ्जनसन्धिः, विसर्गसन्धिः च। - समासः कति प्रकाराः सन्ति?
उत्तरम्: समासः षट् प्रकाराः सन्ति - तत्पुरुषः, बहुव्रीहिः, द्वन्द्वः, कर्मधारयः, द्विगुः, अव्ययीभावः च। - प्रत्ययः किं वर्तते?
उत्तरम्: प्रत्ययः धातोः अथवा शब्दस्य अन्ते योज्यते। - उपसर्गः किं वर्तते?
उत्तरम्: उपसर्गः धातोः पूर्वं योज्यते अर्थपरिवर्तनाय। - अभिज्ञानशाकुन्तलस्य रचनाकारः कः?
उत्तरम्: महाकविः कालिदासः। - रत्नावल्याः रचनाकारः कः?
उत्तरम्: श्रीहर्षः। - मालतीमाधवस्य रचनाकारः कः?
उत्तरम्: भवभूतिः।
प्रश्न 3: रिक्त स्थान पूर्ति
- संस्कृतं देववाणी भाषा अस्ति।
- वेदाः चत्वारः सन्ति।
- पाणिनिः अष्टाध्यायी रचितवान्।
- कालिदासः महाकविः आसीत्।
खण्ड "ख" के उत्तर - गद्य, पद्य, नाट्यांश
प्रश्न 6-10: संधि-समास प्रश्न
उत्तर लेखन की विधि:
- सन्धि प्रश्नों में सन्धि-विच्छेद और सन्धि का नाम लिखें
- समास प्रश्नों में समास-विग्रह और समास का प्रकार बताएं
- व्याकरणिक नियमों का उल्लेख करें
प्रश्न 11: गद्यांश आधारित प्रश्न
उत्तर लेखन प्रारूप:
- एकवाक्य उत्तर: संक्षेप में एक वाक्य में उत्तर दें
- द्विवाक्य उत्तर: दो वाक्यों में विस्तार से उत्तर दें
- भाषिक प्रश्न: व्याकरणिक विश्लेषण करें
प्रश्न 12: पद्यांश आधारित प्रश्न
उत्तर देने की विधि:
- श्लोक का भावार्थ समझें
- प्रश्नानुसार उत्तर दें
- काव्य-सौंदर्य का उल्लेख करें
प्रश्न 13: नाट्यांश आधारित प्रश्न
उत्तर प्रारूप:
- नाटक का नाम और लेखक बताएं
- संवाद का संदर्भ स्पष्ट करें
- पात्रों का परिचय दें
खण्ड "ग" के उत्तर - व्याकरण और रचना
प्रश्न 14: रिक्त स्थान पूर्ति
पाठ्यपुस्तक के आधार पर उचित शब्द भरें।
प्रश्न 15: सन्धि-विच्छेद
विधि:
- सन्धि युक्त पद को अलग करें
- सन्धि का प्रकार बताएं
- नियम का उल्लेख करें
प्रश्न 16: उपसर्ग/प्रत्यय
उत्तर प्रारूप:
- मूल धातु या शब्द बताएं
- उपसर्ग/प्रत्यय अलग करें
- अर्थ परिवर्तन स्पष्ट करें
प्रश्न 17: निबंध लेखन
निबंध की संरचना:
- प्रस्तावना (5-10 शब्द): विषय परिचय
- विषय विस्तार (35-40 शब्द): मुख्य विवरण
- उपसंहार (5-10 शब्द): निष्कर्ष
उदाहरण: रामनवमीमहोत्सवः
रामनवमी हिन्दूनां महत्त्वपूर्णः उत्सवः अस्ति। अस्मिन् दिने भगवतः रामस्य जन्म भवति। सर्वे जनाः मन्दिरेषु गच्छन्ति, भजनानि गायन्ति। रामस्य जीवनं धर्मस्य, सत्यस्य च प्रतीकं भवति। वयं रामस्य आदर्शात् शिक्षां प्राप्नुमः। एषः उत्सवः एकतायाः, भक्तेः च प्रतीकः अस्ति।
प्रश्न 18: अनुवाद
अनुवाद के उदाहरण:
- रिया विमल पदान चरती है → रियां स्वच्छपदेषु चरति।
- तरी वैकुन्टन में रहता है → तरीः वैकुण्ठे निवसति।
- हमें सत्य बोलना चाहिए → वयं सत्यं वदेम।
- उसका घर सुंदर है → तस्य गृहं सुन्दरम् अस्ति।
- गुरु से पाठ पढ़ता है → गुरोः पाठं पठति।
परीक्षा तैयारी के सुझाव
सामान्य तैयारी रणनीति
- पाठ्यक्रम का संपूर्ण अध्ययन: सभी पाठों को ध्यान से पढ़ें और समझें।
- नियमित अभ्यास: प्रतिदिन कम से कम 2 घंटे संस्कृत का अभ्यास करें।
- व्याकरण पर विशेष ध्यान: सन्धि, समास, प्रत्यय, उपसर्ग के नियम याद करें।
- श्लोकों का कंठस्थीकरण: महत्वपूर्ण श्लोकों को अर्थ सहित याद करें।
- मॉडल पेपर हल करें: परीक्षा से पूर्व कम से कम 5 मॉडल पेपर हल करें।
- समय प्रबंधन: प्रत्येक प्रश्न के लिए समय निर्धारित करें।
- लेखन अभ्यास: स्वच्छ और सुपाठ्य लेखन का अभ्यास करें।
- पुनरावृत्ति: परीक्षा से पूर्व सभी विषयों की पुनरावृत्ति करें।
परीक्षा कक्ष में ध्यान देने योग्य बातें
- प्रश्नपत्र को ध्यान से पढ़ें
- निर्देशों का पालन करें
- आसान प्रश्न पहले हल करें
- शब्द-सीमा का पालन करें
- स्पष्ट और सुपाठ्य लिखें
- अंत में उत्तर-पुस्तिका की जांच करें
विषयवार तैयारी
1. गद्य अनुभाग
- सभी गद्य पाठों का अध्ययन करें
- कठिन शब्दों के अर्थ नोट करें
- संदर्भ-प्रसंग लिखने का अभ्यास करें
- प्रत्येक पाठ का सारांश तैयार करें
2. पद्य अनुभाग
- श्लोकों को अर्थ सहित याद करें
- भावार्थ लिखने का अभ्यास करें
- काव्य-सौंदर्य के तत्व समझें
- कवि परिचय याद रखें
3. व्याकरण
- सन्धि के सभी नियम स्पष्ट करें
- समास के प्रकार और विग्रह सीखें
- प्रत्यय और उपसर्ग की सूची बनाएं
- शब्द-रूप और धातु-रूप लिखें
4. रचनात्मक लेखन
- निबंध लेखन का प्रारूप याद करें
- पत्र-लेखन के विभिन्न प्रकार सीखें
- अनुवाद का नियमित अभ्यास करें
- संस्कृत में वाक्य-रचना सीखें
संबंधित लेख और संसाधन
निष्कर्ष
यह RBSE Class 12 Sanskrit Model Paper 2025 राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नवीनतम पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न के अनुसार तैयार किया गया है। इस मॉडल पेपर का नियमित अभ्यास करने से परीक्षार्थियों को परीक्षा के प्रारूप, प्रश्नों के प्रकार और समय प्रबंधन की पूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
संस्कृत विषय में सफलता प्राप्त करने के लिए पाठ्यपुस्तक का गहन अध्ययन, व्याकरण का स्पष्ट ज्ञान और नियमित अभ्यास आवश्यक है। इस मॉडल पेपर के साथ-साथ पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों और टॉपर उत्तर पुस्तिकाओं का अध्ययन भी लाभदायक होगा।
शुभकामनाएं! आपकी परीक्षा सफल हो!
"विद्या ददाति विनयम्, विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति, धनात् धर्मं ततः सुखम्॥"
(विद्या विनम्रता देती है, विनम्रता से योग्यता आती है, योग्यता से धन मिलता है, धन से धर्म और फिर सुख की प्राप्ति होती है।)
