"भारत की नदियाँ और जल संसाधन: गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु – उत्पत्ति, प्रवाह मार्ग, महत्व और चुनौतियाँ | UPSC & प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सम्पूर्ण अध्ययन"
भारत की नदियाँ और जल संसाधन: हिमालयी नदियाँ – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु
भारत की प्रमुख हिमालयी नदियों – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु का विस्तृत अध्ययन। इस लेख में इन नदियों की उत्पत्ति, प्रवाह क्षेत्र, सहायक नदियाँ, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व, पर्यावरणीय चुनौतियाँ, जल संसाधन प्रबंधन और UPSC एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए हैं।
🔷 भाग 1: भारत की नदियाँ – एक परिचय
📌 भारत की नदी प्रणालियाँ (River Systems of India)
भारत में दो प्रमुख प्रकार की नदी प्रणालियाँ पाई जाती हैं:
1️⃣ हिमालयी नदियाँ (Himalayan Rivers) – बर्फ से ढके हिमालयी ग्लेशियरों से निकलने वाली सदानीरा नदियाँ, जिनमें गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु प्रमुख हैं।
2️⃣ प्रायद्वीपीय नदियाँ (Peninsular Rivers) – मानसूनी वर्षा से पोषित नदियाँ, जिनमें गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, तापी आदि शामिल हैं।
📌 हिमालयी नदियों की विशेषताएँ
✅ इन नदियों का जल पूरे वर्ष प्रवाहित होता है।
✅ हिमालयी ग्लेशियर और मानसून वर्षा इनका प्रमुख जल स्रोत हैं।
✅ इनमें व्यापक मैदानी क्षेत्र बनते हैं, जिससे कृषि को बढ़ावा मिलता है।
✅ इनके प्रवाह मार्ग में कई सहायक नदियाँ मिलती हैं, जिससे जल की उपलब्धता बनी रहती है।
🔷 भाग 2: गंगा नदी – भारत की जीवनरेखा
📌 गंगा नदी का परिचय
गंगा भारत की सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र नदी मानी जाती है। यह उत्तर भारत की मुख्य जलधारा है और देश की 40% जनसंख्या को जल आपूर्ति करती है।
📌 गंगा नदी की उत्पत्ति और प्रवाह मार्ग
✅ उद्गम स्थल: गंगा का उद्गम गंगोत्री ग्लेशियर (उत्तराखंड) से भागीरथी नदी के रूप में होता है।
✅ संगम स्थल: देवप्रयाग (उत्तराखंड) में भागीरथी और अलकनंदा नदियों के संगम से गंगा बनती है।
✅ प्रवाह मार्ग:
📌 उत्तराखंड → उत्तर प्रदेश → बिहार → झारखंड → पश्चिम बंगाल
📌 गंगा नदी सुंदरबन डेल्टा बनाकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
📌 गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
✔ बाएँ तट की सहायक नदियाँ: रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानंदा
✔ दाएँ तट की सहायक नदियाँ: यमुना, सोन, चंबल, बेतवा
📌 गंगा नदी का आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व
✔ कृषि: गंगा बेसिन भारत का सबसे उपजाऊ क्षेत्र है।
✔ पीने और सिंचाई के लिए जल आपूर्ति: उत्तर भारत की अधिकांश आबादी गंगा के जल पर निर्भर है।
✔ आध्यात्मिक महत्व: हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज जैसे तीर्थ स्थल गंगा नदी के किनारे स्थित हैं।
✔ जलविद्युत परियोजनाएँ: टिहरी बांध और फरक्का बैराज गंगा नदी पर बने प्रमुख बांध हैं।
📌 गंगा नदी से संबंधित पर्यावरणीय समस्याएँ
✅ गंगा जल प्रदूषण – औद्योगिक कचरा और घरेलू अपशिष्ट के कारण।
✅ बाढ़ और कटाव – मानसून के दौरान गंगा नदी बाढ़ का कारण बनती है।
✅ जलवायु परिवर्तन का प्रभाव – हिमालयी ग्लेशियरों के पिघलने से जल प्रवाह में अनिश्चितता बढ़ रही है।
📌 सरकारी योजना:
"नमामि गंगे योजना" – गंगा सफाई और पुनर्जीवन के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई योजना।
🔷 भाग 3: यमुना नदी – गंगा की प्रमुख सहायक नदी
📌 यमुना नदी का परिचय
यमुना गं
गा की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जिसे भारत की "नीली नदी" भी कहा जाता है।
📌 यमुना नदी की उत्पत्ति और प्रवाह मार्ग
✅ उद्गम स्थल: यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री ग्लेशियर (उत्तराखंड) से होता है।
✅ प्रवाह मार्ग:
📌 उत्तराखंड → हिमाचल प्रदेश → हरियाणा → दिल्ली → उत्तर प्रदेश → मध्य प्रदेश → उत्तर प्रदेश → गंगा में मिलन (प्रयागराज)
📌 यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
✔ चंबल, बेतवा, केन, हिंडन, सिंध
📌 यमुना नदी का आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व
✔ दिल्ली, आगरा और मथुरा जैसे बड़े शहरों की जल आपूर्ति।
✔ ताजमहल जैसे ऐतिहासिक स्थल यमुना नदी के किनारे स्थित हैं।
✔ यमुना बेसिन कृषि के लिए अत्यंत उपजाऊ क्षेत्र है।
📌 यमुना नदी से संबंधित पर्यावरणीय समस्याएँ
✅ प्रदूषण – दिल्ली और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में अपशिष्ट जल के कारण यमुना अत्यधिक प्रदूषित हो चुकी है।
✅ जल प्रवाह में कमी – हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज और अन्य जल परियोजनाओं के कारण यमुना का जल प्रवाह कम हुआ है।
📌 सरकारी योजना:
"यमुना एक्शन प्लान" – यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई योजना।
🔷 भाग 4: ब्रह्मपुत्र नदी – पूर्वोत्तर भारत की जीवनरेखा
📌 ब्रह्मपुत्र नदी का परिचय
ब्रह्मपुत्र नदी भारत की सबसे लंबी और सबसे चौड़ी नदी है, जो पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
📌 ब्रह्मपुत्र नदी की उत्पत्ति और प्रवाह मार्ग
✅ उद्गम स्थल: ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील के पास चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से होता है, जहाँ इसे "यारलुंग त्संगपो" के नाम से जाना जाता है।
✅ प्रवाह मार्ग:
📌 तिब्बत: यहाँ यह पूर्व की ओर बहती है और कई सहायक नदियों से मिलती है।
📌 अरुणाचल प्रदेश (भारत): नामचा बरवा पर्वत के पास यह एक गहरी घाटी बनाकर भारत में प्रवेश करती है और इसे "दिहांग नदी" कहा जाता है।
📌 असम (भारत): यहाँ यह अपनी सहायक नदियों (सुबनसिरी, लोहित, मानस) के साथ मिलकर ब्रह्मपुत्र नाम धारण करती है।
📌 बांग्लादेश: यहाँ इसे "जमुना" कहा जाता है, और अंततः यह गंगा से मिलकर मेघना नदी बनाती है, जो बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
✅ मुख्य विशेषताएँ:
✔ ब्रह्मपुत्र नदी भारत और बांग्लादेश की सबसे चौड़ी नदी है।
✔ यह मानसून में भारी बाढ़ लाती है।
✔ यह दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली (असम) को बनाती है।
🔷 भाग 5: सिंधु नदी – भारत की प्राचीनतम नदी
📌 सिंधु नदी का परिचय
सिंधु नदी भारत की सबसे लंबी और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नदी है, जिसका उल्लेख ऋग्वेद और महाभारत में भी मिलता है।
📌 सिंधु नदी की उत्पत्ति और प्रवाह मार्ग
✅ उद्गम स्थल: सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील के पास सिंधु ग्लेशियर से होता है।
✅ प्रवाह मार्ग:
📌 तिब्बत → लद्दाख (भारत) → पाकिस्तान → अरब सागर
✅ सिंधु नदी भारत में लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से होकर बहती है और फिर पाकिस्तान में प्रवेश करती है।
📌 सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
✔ बाएँ तट की सहायक नदियाँ: झेलम, चिनाब, रावी
✔ दाएँ तट की सहायक नदियाँ: सतलुज, ब्यास
📌 सिंधु नदी का ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व
✔ सिंधु घाटी सभ्यता का केंद्र: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसे प्रमुख नगर सिंधु नदी के किनारे विकसित हुए थे।
✔ कृषि और जल आपूर्ति: पंजाब और हरियाणा में सिंचाई के लिए सिंधु जल अत्यंत महत्वपूर्ण है।
✔ हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट: भारत में बगलीहार, किशनगंगा और सलाल जलविद्युत परियोजनाएँ सिंधु की सहायक नदियों पर स्थित हैं।
🔷 भाग 6: भारत-पाकिस्तान जल विवाद और सिंधु जल संधि
📌 सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty - IWT)
✅ संधि की स्थापना: 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में यह संधि हुई थी।
✅ जल का वितरण:
📌 भारत को – सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार दिया गया।
📌 पाकिस्तान को – सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का प्राथमिक अधिकार दिया गया।
📌 सिंधु जल संधि के अंतर्गत भारत की चुनौतियाँ
✔ पाकिस्तान का संधि उल्लंघन का आरोप: पाकिस्तान कई बार भारत पर जल आपूर्ति रोकने का आरोप लगाता रहा है।
✔ कृषि और ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए जल की बढ़ती मांग: भारत को अपनी जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सिंधु जल का उपयोग करने में कठिनाइयाँ होती हैं।
📌 भारत सरकार द्वारा नई परियोजनाएँ:
✅ किशनगंगा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट
✅ बगलीहार डैम (चिनाब नदी)
🔷 भाग 7: भारत में जल संसाधन और प्रबंधन
📌 भारत में जल संसाधनों की स्थिति
✅ भारत में दुनिया की 4% जल उपलब्धता है, लेकिन यह दुनिया की 18% जनसंख्या को जल आपूर्ति करता है।
✅ जल संसाधनों का वितरण असमान है, जिससे कुछ क्षेत्र बाढ़ और कुछ क्षेत्र सूखे की समस्या से जूझते हैं।
📌 भारत में जल संकट के प्रमुख कारण
✔ अत्यधिक जल दोहन: कृषि और उद्योगों में जल का अत्यधिक उपयोग।
✔ भूजल स्तर में गिरावट: अनियंत्रित ट्यूबवेल और बोरवेल के कारण भूजल भंडार तेजी से खत्म हो रहे हैं।
✔ जलवायु परिवर्तन: अनियमित मानसून और ग्लेशियरों के पिघलने से जल संकट बढ़ रहा है।
📌 जल संरक्षण के लिए सरकारी योजनाएँ
📌 नमामि गंगे योजना – गंगा सफाई और पुनर्जीवन
📌 अटल भूजल योजना – भूजल पुनर्भरण और संरक्षण
📌 जल जीवन मिशन – ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति बढ़ाने के लिए
📌 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) – सिंचाई के लिए जल उपयोग को कुशल बनाना
🔷 भाग 8: UPSC एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
📌 1️⃣ नदी प्रणालियाँ और उनका महत्व
प्रश्न: गंगा नदी के प्रमुख सहायक नदियों के नाम बताइए।
उत्तर:
✅ बाएँ तट की सहायक नदियाँ – घाघरा, गंडक, कोसी, महानंदा
✅ दाएँ तट की सहायक नदियाँ – यमुना, सोन, चंबल, बेतवा
प्रश्न: सिंधु जल संधि क्या है और यह क्यों विवादास्पद है?
उत्तर:
📌 सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसमें सिंधु नदी प्रणाली की 6 नदियों को दो देशों के बीच बाँटा गया था।
📌 पाकिस्तान भारत पर कई बार संधि के उल्लंघन का आरोप लगाता रहा है, जबकि भारत का कहना है कि वह संधि के तहत अपने अधिकारों का पालन कर रहा है।
📌 2️⃣ जल संसाधन और जल संरक्षण
प्रश्न: भारत में जल संकट के कारण क्या हैं?
उत्तर:
✔ भूजल स्तर में गिरावट
✔ अनियमित मानसून और जलवायु परिवर्तन
✔ जल स्रोतों का प्रदूषण
✔ बाढ़ और सूखा की समस्या
प्रश्न: भारत सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए कौन-कौन सी योजनाएँ चलाई जा रही हैं?
उत्तर:
📌 नमामि गंगे योजना – गंगा सफाई के लिए
📌 अटल भूजल योजना – भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देने के लिए
📌 जल जीवन मिशन – हर घर जल उपलब्ध कराने के लिए
🔷 भाग 9: सरकारी लिंक और संदर्भ (External Government Links & References)
📌 आधिकारिक सरकारी वेबसाइट्स (Official Government Sources)
1️⃣ भारतीय जल संसाधन मंत्रालय (MoWR) – जल प्रबंधन और नीतियाँ
🔗 Ministry of Jal Shakti
2️⃣ राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान (NIH) – भारत में जल विज्ञान अनुसंधान
🔗 National Institute of Hydrology
3️⃣ नमामि गंगे कार्यक्रम – गंगा संरक्षण अभियान
🔗 Namami Gange
4️⃣ राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP) – भारतीय नदियों की सफाई और पुनर्वास
🔗 National River Conservation Plan
🔷 निष्कर्ष (Conclusion)
✅ गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियाँ भारत की जलवायु, अर्थव्यवस्था और संस्कृति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
✅ भारत में जल संकट को कम करने के लिए जल संरक्षण योजनाओं और सतत विकास मॉडल को अपनाने की आवश्यकता है।
✅ सरकार को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए जल प्रबंधन की रणनीतियाँ बनानी चाहिए।
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🔷 भाग 10: भारत में जल संसाधन प्रबंधन और प्रमुख जल विवाद
📌 भारत में जल संसाधन प्रबंधन की आवश्यकता
भारत में जल संसाधन प्रबंधन महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि –
✅ असमान जल वितरण: कुछ क्षेत्र बाढ़ से ग्रस्त हैं, जबकि कुछ क्षेत्र सूखा झेलते हैं।
✅ बढ़ती जनसंख्या और जल की मांग: औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण पानी की मांग बढ़ी है।
✅ भूजल का अत्यधिक दोहन: कृषि और घरेलू उपयोग के कारण भूजल स्तर गिर रहा है।
✅ जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: अनियमित मानसून और ग्लेशियरों के पिघलने से जल संसाधनों पर प्रभाव पड़ रहा है।
📌 भारत में प्रमुख अंतरराज्यीय जल विवाद
1️⃣ कावेरी जल विवाद (Cauvery Water Dispute) – कर्नाटक और तमिलनाडु
📌 विवाद: कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के जल के बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है।
📌 समाधान: सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) का गठन किया है।
2️⃣ कृष्णा जल विवाद (Krishna River Dispute) – महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश
📌 विवाद: चार राज्यों में कृष्णा नदी के जल के बंटवारे को लेकर मतभेद हैं।
📌 समाधान: केंद्र सरकार ने कृष्णा जल विवाद ट्रिब्यूनल (KWDT) का गठन किया है।
3️⃣ सतलुज-यमुना लिंक विवाद (SYL Canal Dispute) – पंजाब और हरियाणा
📌 विवाद: पंजाब और हरियाणा के बीच सिंचाई के लिए सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण को लेकर विवाद है।
📌 समाधान: मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
4️⃣ नर्मदा जल विवाद (Narmada River Dispute) – मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान
📌 विवाद: इन राज्यों में नर्मदा नदी के जल उपयोग को लेकर संघर्ष है।
📌 समाधान: नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (NCA) का गठन किया गया है।
🔷 भाग 11: भारत में जल संकट और पर्यावरणीय चुनौतियाँ
📌 1️⃣ भारत में जल संकट के प्रमुख कारण
✅ भूजल का अत्यधिक दोहन: कृषि और घरेलू उपयोग में अत्यधिक जल निकासी।
✅ नदियों का प्रदूषण: औद्योगिक और घरेलू कचरे के कारण जल स्रोत दूषित हो रहे हैं।
✅ वनों की कटाई: जलवायु संतुलन बिगड़ने से वर्षा की अनिश्चितता बढ़ी है।
✅ जलवायु परिवर्तन: ग्लेशियरों के पिघलने से जल प्रवाह में अनिश्चितता आ रही है।
📌 2️⃣ भारत की प्रमुख प्रदूषित नदियाँ
📌 गंगा नदी: औद्योगिक और धार्मिक अपशिष्टों से दूषित।
📌 यमुना नदी: दिल्ली और आगरा क्षेत्र में उच्च प्रदूषण स्तर।
📌 गोडावरी और कृष्णा नदी: कृषि अपशिष्ट और औद्योगिक प्रदूषण।
📌 3️⃣ जल संरक्षण और पुनर्भरण के उपाय
✅ वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting)
✅ भूजल पुनर्भरण (Groundwater Recharge)
✅ बाँध और जलाशय निर्माण (Dams & Reservoirs)
✅ जल पुनर्चक्रण (Water Recycling & Reuse)
📌 सरकारी योजना:
✔ अटल भूजल योजना – भूजल संरक्षण
✔ नमामि गंगे योजना – गंगा की सफाई
✔ जल शक्ति अभियान – जल संरक्षण जागरूकता
🔷 भाग 12: विशेषज्ञों की राय (Experts' Opinions on Water Management in India)
📌 1️⃣ भूजल विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
✅ भारतीय जलविज्ञान संस्थान (NIH) के अनुसार, भारत में 60% जल स्रोतों पर दबाव बढ़ रहा है।
✅ भूजल पुनर्भरण की तकनीकें अपनाने की आवश्यकता है, जैसे कि चेक डैम, वृक्षारोपण, और वाटरशेड प्रबंधन।
📌 2️⃣ पर्यावरणविदों की राय
✅ ग्रीनपीस इंडिया और टेरी (TERI) की रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से भारत में जल संकट बढ़ रहा है।
✅ विशेषज्ञों का मानना है कि जल प्रबंधन योजनाओं को सामुदायिक स्तर पर लागू करना आवश्यक है।
🔷 भाग 13: UPSC एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
📌 1️⃣ जल संसाधन और जल संकट
प्रश्न: भारत में जल संकट के कारण क्या हैं?
उत्तर:
📌 अत्यधिक जल दोहन
📌 भूजल स्तर में गिरावट
📌 जल प्रदूषण
📌 जलवायु परिवर्तन
प्रश्न: भारत में प्रमुख जल संरक्षण योजनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
📌 अटल भूजल योजना
📌 जल शक्ति अभियान
📌 राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना
📌 2️⃣ जल विवाद और जल संसाधन प्रबंधन
प्रश्न: कावेरी जल विवाद किन राज्यों के बीच है और इसका समाधान क्या है?
उत्तर:
📌 कावेरी जल विवाद तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच है।
📌 समाधान के लिए कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) की स्थापना की गई है।
🔷 भाग 14: आधिकारिक सरकारी लिंक और संदर्भ (External Government Links & References)
📌 आधिकारिक सरकारी वेबसाइट्स (Official Government Sources)
1️⃣ भारत सरकार का जल शक्ति मंत्रालय (MoJS) – जल प्रबंधन और नीतियाँ
🔗 Ministry of Jal Shakti
2️⃣ राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान (NIH) – भारत में जल विज्ञान अनुसंधान
🔗 National Institute of Hydrology
3️⃣ नमामि गंगे कार्यक्रम – गंगा संरक्षण अभियान
🔗 Namami Gange
4️⃣ राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP) – भारतीय नदियों की सफाई और पुनर्वास
🔗 National River Conservation Plan
🔷 निष्कर्ष (Conclusion)
✅ भारत की हिमालयी नदियाँ – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु – कृषि, जल आपूर्ति और संस्कृति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
✅ भारत में जल संसाधन संकट को देखते हुए, जल संरक्षण और जल प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
✅ सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ लागू की जा रही हैं, लेकिन नागरिकों की भागीदारी भी उतनी ही आवश्यक है।
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