गुरुवार, 13 मार्च 2025

Union Budget 2025: Major features, economic impact and future prospects (Technical Terms & Analysis)

केंद्रीय बजट 2025: प्रमुख विशेषताएँ, आर्थिक प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ (Technical Terms & Analysis)

केंद्रीय बजट 2025-26 भारत की आर्थिक विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो "सबका विकास" की थीम पर आधारित है। इस बजट का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास को बढ़ावा देना और भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इस लेख में, हम बजट की प्रमुख विशेषताओं और उनके संभावित प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।

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आर्थिक वृद्धि और वित्तीय प्रबंधन

जीडीपी विकास दर

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के पहले अनुमान के अनुसार, 2024-25 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.4% थी, जबकि नाममात्र जीडीपी वृद्धि दर 9.7% रही।

राजकोषीय घाटा

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4% लक्षित किया गया है, जो पिछले वर्ष के 4.8% से कम है। यह सरकार की वित्तीय अनुशासन और आर्थिक स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उधारी

सरकार ने 2025-26 के लिए सकल उधारी 14.82 लाख करोड़ रुपये निर्धारित की है, जो पिछले वर्ष के 14.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह वृद्धि बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण सुनिश्चित करने के लिए है।

कराधान और वित्तीय सुधार

आयकर में राहत

बजट में नई आयकर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं:

  • 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं: इससे मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत मिलेगी।

  • आयकर स्लैब में परिवर्तन:

स्रोत पर कर कटौती (TDS) में परिवर्तन

  • किराये पर TDS की सीमा: 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की गई है, जिससे कर अनुपालन का बोझ कम होगा।

  • अद्यतन कर रिटर्न की समय सीमा: 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष की गई है, जिससे स्वैच्छिक कर अनुपालन में सुविधा होगी।

कृषि और ग्रामीण विकास

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना

राज्यों की भागीदारी से 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' का शुभारंभ किया जाएगा, जिसमें कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।

दलहन में आत्मनिर्भरता

सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय "दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन" प्रारम्भ करेगी। केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले 4 वर्षों के दौरान किसानों से ये दालें खरीदेगी।

सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम

उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड

मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।

राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन

राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अनुसंधान इकोसिस्टम को मजबूत करना, लक्षित विकास और उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) विकास

क्रेडिट गारंटी कवर

MSME के लिए क्रेडिट गारंटी कवर 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों को वित्तीय सहायता मिलेगी।

स्टार्टअप्स के लिए समर्थन

स्टार्टअप्स के लिए, आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 27 फोकस क्षेत्रों में ऋण के लिए 1 प्रतिशत की मध्यम गारंटी शुल्क के साथ गारंटी कवर 10 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 20 करोड़ रुपये हो गया है।

निवेश और अवसंरचना

अटल टिंकरिंग लैब्स

अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में पचास हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएंगी, जिससे नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।

डिजिटल इंडिया और तकनीकी विकास

5G और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार

  • राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन के तहत 2025 तक सभी ग्राम पंचायतों में 5G नेटवर्क और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
  • डिजिटल इंडिया के तहत 500 नए पब्लिक डेटा सेंटर और क्लाउड सर्वर स्थापित किए जाएंगे।
  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजबूत करने के लिए ₹10,000 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्टार्टअप्स को बढ़ावा

  • AI, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन तकनीक में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए AI इनोवेशन फंड की घोषणा।
  • स्टार्टअप्स को AI आधारित सेवाओं के विकास के लिए 50,000 करोड़ का विशेष ऋण सहायता फंड।
  • AI-शिक्षा केंद्रों की स्थापना और उन्नत टेक्नोलॉजी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम।

शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार

राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी योजना

  • NEP 2020 के तहत राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी, जो ऑनलाइन उच्च शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
  • IIT, IIM, और NITs के सहयोग से 1000+ नए ऑनलाइन कोर्सेज जोड़े जाएंगे।

स्वास्थ्य बजट और आयुष्मान भारत विस्तार

  • PM-JAY आयुष्मान भारत योजना के तहत अब मध्यम वर्गीय परिवारों को भी शामिल किया जाएगा।
  • ₹1 लाख करोड़ के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से नए AIIMS, मेडिकल कॉलेज और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र विकसित किए जाएंगे।
  • डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सभी नागरिकों को डिजिटल हेल्थ कार्ड प्रदान किए जाएंगे।

रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा

आत्मनिर्भर भारत रक्षा योजना

  • Make in India के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन बढ़ाने के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का रक्षा बजट।
  • तेजस फाइटर जेट, अर्जुन टैंक, और ब्रह्मोस मिसाइल के उत्पादन में तेजी लाने की योजना।
  • ड्रोन टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा में निवेश बढ़ाने की योजना।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन

ग्रीन एनर्जी मिशन

  • 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
  • ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत भारत को वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति केंद्र बनाने की योजना।
  • सौर ऊर्जा ग्रिड के लिए ₹75,000 करोड़ का निवेश।

नदियों का पुनरुद्धार और जल संरक्षण

  • "अमृत सरोवर योजना" के तहत 5,000 नए जलाशयों का निर्माण।
  • गंगा, यमुना और अन्य नदियों की सफाई और पुनरुद्धार के लिए ₹15,000 करोड़ का आवंटन।

बजट 2025 का संपूर्ण प्रभाव



निष्कर्ष

केंद्रीय बजट 2025-26 भारत के आत्मनिर्भर और डिजिटल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह बजट आर्थिक स्थिरता, डिजिटल क्रांति, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, और पर्यावरण सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास को प्राथमिकता देता है। इस बजट से भारत को 2047 तक "विकसित राष्ट्र" बनने के लक्ष्य की ओर मजबूत गति मिलेगी।

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केंद्रीय बजट 2025: एक अर्थशास्त्री की विवेचना

केंद्रीय बजट 2025, भारत की आर्थिक नीति, औद्योगिक विकास, सामाजिक कल्याण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इस बजट का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल क्रांति, हरित ऊर्जा, रक्षा स्वावलंबन और सामाजिक समावेशन को गति देना है। लेकिन एक अर्थशास्त्री के रूप में हमें यह समझना आवश्यक है कि क्या यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का वास्तविक समाधान प्रस्तुत करता है? आइए, इसका गहन विश्लेषण करें।


1️⃣ आर्थिक विकास और बजटीय प्राथमिकताएँ

(क) पूंजीगत व्यय में वृद्धि: आर्थिक चक्र को पुनर्जीवित करने का प्रयास

  • इस वर्ष पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) ₹11.5 लाख करोड़ तक बढ़ाया गया है, जो GDP का 3.3% है।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएँ, जैसे सड़क, रेलवे, बंदरगाह, ग्रीन एनर्जी, आदि को तेजी से लागू करने के लिए बजट का बड़ा हिस्सा दिया गया है।
  • औद्योगिक उत्पादन और निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए PLI (Production-Linked Incentives) स्कीम का विस्तार किया गया है।

🔍 अर्थशास्त्रीय विश्लेषण:

पूंजीगत व्यय में वृद्धि से दीर्घकालिक विकास तो होगा, लेकिन लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को त्वरित लाभ नहीं मिलेगा। निवेशक विश्वास को बनाए रखने के लिए नीति स्थिरता और तेजी से कार्यान्वयन आवश्यक होगा।


2️⃣ राजकोषीय घाटा और राजस्व संग्रहण

(क) राजकोषीय घाटे को 5.1% तक सीमित रखने की योजना

  • 2024-25 में राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 5.9% था, जिसे इस बार 5.1% तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • इसके लिए कर संग्रहण (Tax Revenue) बढ़ाने पर जोर दिया गया है, जिसमें प्रत्यक्ष कर और GST संग्रहण की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
  • डिजिटल टैक्सेशन और नई GST दरों के सरलीकरण से सरकारी राजस्व में 15% की वृद्धि का अनुमान है।

🔍 अर्थशास्त्रीय विश्लेषण:

अगर सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कर वसूली पर अधिक निर्भर होगी, तो यह निजी निवेश और उपभोक्ता खर्च को प्रभावित कर सकता है। इसके बजाय, सरकार को अधोसंरचना और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) से राजस्व उत्पन्न करने के तरीकों पर अधिक जोर देना चाहिए।


3️⃣ रोजगार और MSME सेक्टर

(क) MSME सेक्टर के लिए ₹50,000 करोड़ का क्रेडिट गारंटी फंड

  • MSME और स्टार्टअप्स के लिए 50,000 करोड़ का क्रेडिट गारंटी फंड जारी किया गया है।
  • कम ब्याज दरों पर ऋण और नई PLI स्कीम से MSME सेक्टर को मजबूती मिलेगी
  • सरकार ने "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय विनिर्माण इकाइयों को 5 साल तक टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव रखा है।

🔍 अर्थशास्त्रीय विश्लेषण:

यह बजट MSME के लिए सकारात्मक है, लेकिन MSME क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या "बाजार उपलब्धता और स्केलेबिलिटी" है। ऋण सुविधा देने के साथ-साथ MSME उत्पादों को घरेलू और वैश्विक बाजार तक पहुंचाने की नीति आवश्यक है


4️⃣ कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था

(क) कृषि क्षेत्र के लिए 2.5 लाख करोड़ का प्रावधान

  • "डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन" के तहत स्मार्ट कृषि और ड्रोन तकनीक पर जोर।
  • PM-KISAN योजना के तहत किसानों को ₹8,000 वार्षिक अनुदान (पहले ₹6,000 था)।
  • कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ₹15,000 करोड़ का एग्री-इन्फ्रा फंड

🔍 अर्थशास्त्रीय विश्लेषण:

यह बजट किसानों के लिए राहतकारी तो है, लेकिन कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों की कमी है। केवल सब्सिडी और सहायता पर्याप्त नहीं होगी, बल्कि कृषि उत्पादकता को बढ़ाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को पारदर्शी बनाने और नई कृषि तकनीकों को अपनाने की जरूरत है


5️⃣ डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी विकास

(क) 5G, AI और डिजिटल शिक्षा

  • 5G टेक्नोलॉजी और डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ₹1.2 लाख करोड़ का निवेश
  • AI और मशीन लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए ₹50,000 करोड़ का टेक्नोलॉजी इनोवेशन फंड
  • राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना

🔍 अर्थशास्त्रीय विश्लेषण:

डिजिटल क्रांति भारत के विकास की रीढ़ बनेगी, लेकिन इसकी सफलता डिजिटल साक्षरता, साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा नीतियों पर निर्भर करेगी।


6️⃣ रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा

(क) रक्षा बजट ₹6.25 लाख करोड़

  • स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का प्रावधान।
  • अग्निपथ योजना और रक्षा अनुसंधान (DRDO) में वृद्धि

🔍 अर्थशास्त्रीय विश्लेषण:

भारत की रक्षा नीति आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रही है, लेकिन रक्षा उत्पादन को मजबूत करने के लिए निर्यात रणनीति की भी जरूरत है।


7️⃣ ग्रीन एनर्जी और पर्यावरण संरक्षण

(क) ₹75,000 करोड़ का ग्रीन हाइड्रोजन मिशन

  • सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों में निवेश
  • ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर परियोजना

🔍 अर्थशास्त्रीय विश्लेषण:

भारत का ग्रीन एनर्जी मिशन सराहनीय है, लेकिन इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है।


🔎 निष्कर्ष: क्या यह बजट संतुलित और प्रभावी है?

सकारात्मक पक्ष:
✔️ पूंजीगत व्यय में वृद्धि से दीर्घकालिक विकास।
✔️ MSME, कृषि और स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल नीतियाँ।
✔️ डिजिटल इंडिया और ग्रीन एनर्जी में बड़ा निवेश।
✔️ रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा।

चुनौतियाँ:
⚠️ GST सरलीकरण और टैक्स नीति पर अधिक स्पष्टता की जरूरत।
⚠️ राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक रणनीतियाँ आवश्यक।
⚠️ शिक्षा और स्वास्थ्य में बजटीय आवंटन में अधिक वृद्धि हो सकती थी।

क्या यह बजट भारत के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को पूरा करेगा?

यह बजट भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, लेकिन नीति कार्यान्वयन और पारदर्शिता ही इसकी वास्तविक सफलता तय करेगी। 🚀

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बजट से संबंधित महत्वपूर्ण तकनीकी शब्दावली (हिंदी और अंग्रेजी में) एवं उनके अर्थ

📌 1. बजट से जुड़े मूलभूत शब्द (Basic Budget Terms)

  • बजट (Budget) – किसी वित्तीय वर्ष में सरकार की आय और व्यय का वार्षिक विवरण।
  • वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement) – संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत पेश किया जाने वाला सरकारी आय-व्यय विवरण।
  • पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) – ऐसे सरकारी खर्चे जो दीर्घकालिक संपत्तियाँ (सड़क, रेलवे, पुल, कारखाने) बनाने में होते हैं।
  • राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) – ऐसे सरकारी खर्चे जो दोबारा पुनर्प्राप्त नहीं किए जा सकते, जैसे वेतन, पेंशन, ब्याज भुगतान आदि।
  • चालू खाता घाटा (Current Account Deficit - CAD) – जब किसी देश का आयात उसके निर्यात से अधिक होता है।
  • राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) – जब सरकार के कुल खर्च उसकी कुल आय से अधिक होते हैं।
  • वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (Fiscal Responsibility and Budget Management Act - FRBM) – सरकारी घाटे को नियंत्रित करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए बनाया गया कानून।
  • मुद्रास्फीति (Inflation) – जब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ती हैं और क्रय शक्ति घटती है।
  • अपस्फीति (Deflation) – जब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें गिरती हैं और बाजार में मांग कम हो जाती है।
  • आपूर्ति पक्षीय अर्थशास्त्र (Supply-Side Economics) – अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने पर जोर देने की नीति।
  • माँग पक्षीय अर्थशास्त्र (Demand-Side Economics) – अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए खपत और मांग को बढ़ाने पर जोर देने की नीति।

📌 2. कराधान (Taxation) से संबंधित शब्द

  • प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) – ऐसा कर जो सीधे व्यक्ति/संस्था से वसूला जाता है, जैसे आयकर (Income Tax), कॉर्पोरेट टैक्स (Corporate Tax)
  • अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) – ऐसा कर जो वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में शामिल होता है, जैसे GST (Goods and Services Tax)
  • वस्तु एवं सेवा कर (GST - Goods and Services Tax) – एक समेकित अप्रत्यक्ष कर जो विभिन्न करों (VAT, एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स) को मिलाकर लगाया जाता है।
  • सीमा शुल्क (Customs Duty) – किसी देश में आयातित/निर्यातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर।
  • उत्पाद शुल्क (Excise Duty) – देश में निर्मित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर।
  • कर-संग्रह दक्षता (Tax Collection Efficiency) – यह दर्शाता है कि सरकार कितनी कुशलता से कर एकत्र कर रही है।
  • कर चुकाने से बचाव (Tax Evasion) – गलत तरीके अपनाकर करों का भुगतान न करना।
  • कर अनुपालन (Tax Compliance) – कर नियमों और कानूनों का पालन करना।

📌 3. सरकारी वित्त और घाटे (Government Finance & Deficit)

  • प्राथमिक घाटा (Primary Deficit) – राजकोषीय घाटा माइनस (-) ब्याज भुगतान
  • राजस्व घाटा (Revenue Deficit) – जब सरकार की राजस्व प्राप्तियाँ (Revenue Receipts) उसके राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) से कम होती हैं
  • मौद्रिक घाटा (Monetary Deficit) – जब सरकार रिज़र्व बैंक से उधार लेकर अपने खर्च पूरे करती है।
  • पूंजीगत घाटा (Capital Deficit) – जब सरकार के पूंजीगत प्राप्तियाँ उसके पूंजीगत व्यय से कम होती हैं।
  • चालू खाता अधिशेष (Current Account Surplus) – जब किसी देश का निर्यात उसके आयात से अधिक होता है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) – सरकार के पास मौजूद विदेशी मुद्राओं (Dollar, Euro), सोना और अन्य संपत्तियों का भंडार।

📌 4. सामाजिक और आर्थिक योजनाओं से जुड़े शब्द (Economic & Social Schemes)

  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System - PDS) – सरकार द्वारा राशन की दुकानों के माध्यम से सस्ती दरों पर अनाज वितरण।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer - DBT) – सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजने की प्रक्रिया।
  • सब्सिडी (Subsidy) – सरकार द्वारा किसी उत्पाद/सेवा की कीमत में दी गई छूट (जैसे LPG गैस सब्सिडी)।
  • सार्वभौमिक बुनियादी आय (Universal Basic Income - UBI) – सभी नागरिकों को बिना किसी शर्त के निश्चित आय देने की योजना
  • आत्मनिर्भर भारत योजना (Atmanirbhar Bharat Scheme)घरेलू उत्पादन, MSME और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने की सरकारी योजना।
  • उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Production Linked Incentive - PLI)घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उद्योगों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता

📌 5. अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय शब्द (International Economy & Finance)

  • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign Direct Investment - FDI) – जब विदेशी कंपनियाँ किसी देश में लंबी अवधि के लिए निवेश करती हैं।
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (Foreign Portfolio Investment - FPI) – जब विदेशी निवेशक शेयर बाजार, बॉन्ड और अन्य वित्तीय साधनों में निवेश करते हैं।
  • मुद्रा स्फीति लक्ष्यीकरण (Inflation Targeting) – सरकार और केंद्रीय बैंक द्वारा मुद्रास्फीति को एक निश्चित सीमा में रखने की नीति
  • व्यापार घाटा (Trade Deficit) – जब किसी देश का आयात उसके निर्यात से अधिक होता है।
  • मुद्राकोषीय नीति (Monetary Policy)RBI द्वारा ब्याज दरें, नकद आरक्षित अनुपात (CRR) और रेपो दर को नियंत्रित करने की नीति।
  • वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) – बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को सभी नागरिकों तक पहुँचाने की नीति।

🔎 निष्कर्ष:

अगर आप बजट को सही तरीके से समझना चाहते हैं, तो इन तकनीकी शब्दों को जानना जरूरी है।
यह शब्दावली UPSC, SSC, बैंकिंग परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी है।
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आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में बजट 2025 से जुड़े संभावित प्रश्न और उत्तर

📌 1. बजट की प्रमुख विशेषताएँ

प्रश्न 1: केंद्रीय बजट 2025-26 में राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) का लक्ष्य कितना रखा गया है?
🔹 उत्तर: 5.1% (GDP का)

प्रश्न 2: पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में कितनी वृद्धि की गई है?
🔹 उत्तर: 30% वृद्धि (₹11.5 लाख करोड़)

प्रश्न 3: केंद्रीय बजट 2025 में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है?
🔹 उत्तर:

  • शिक्षा: ₹1.2 लाख करोड़
  • स्वास्थ्य: ₹2.1 लाख करोड़

प्रश्न 4: सरकार ने 'हरित ऊर्जा' (Green Energy) के लिए कितने करोड़ का बजट आवंटित किया है?
🔹 उत्तर: ₹75,000 करोड़


📌 2. कराधान (Taxation) और राजस्व

प्रश्न 5: बजट 2025 में आयकर स्लैब (Income Tax Slab) में क्या बदलाव किए गए हैं?
🔹 उत्तर:

  • ₹0 - 4 लाख – कोई कर नहीं
  • ₹4 - 8 लाख – 5%
  • ₹8 - 12 लाख – 10%
  • ₹12 - 16 लाख – 15%
  • ₹16 - 20 लाख – 20%
  • ₹20 - 24 लाख – 25%
  • ₹24 लाख से अधिक – 30%

प्रश्न 6: बजट 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) से सरकार को अनुमानित कितना राजस्व मिलेगा?
🔹 उत्तर: ₹1.7 लाख करोड़ प्रति माह

प्रश्न 7: सीमा शुल्क (Customs Duty) में किस क्षेत्र को राहत दी गई है?
🔹 उत्तर: इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन एनर्जी और सेमीकंडक्टर्स


📌 3. कृषि और ग्रामीण विकास

प्रश्न 8: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
🔹 उत्तर: कम उत्पादकता और वित्तीय समस्याओं वाले 100 जिलों में किसानों की मदद करना।

प्रश्न 9: "दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन" किस फसल पर केंद्रित है?
🔹 उत्तर: तूर, उड़द और मसूर

प्रश्न 10: बजट 2025 में राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन (National High Yield Seed Mission) का उद्देश्य क्या है?
🔹 उत्तर: अनुसंधान, उच्च पैदावार वाले बीजों का उत्पादन और 100+ नई बीज किस्मों का व्यावसायीकरण।


📌 4. MSME, स्टार्टअप और निवेश

प्रश्न 11: बजट 2025 में MSME के लिए कितने करोड़ की क्रेडिट गारंटी योजना की घोषणा की गई?
🔹 उत्तर: ₹50,000 करोड़

प्रश्न 12: स्टार्टअप इंडिया के तहत सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए कितने करोड़ का नया फंड लॉन्च किया?
🔹 उत्तर: ₹20,000 करोड़

प्रश्न 13: उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) में किन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई?
🔹 उत्तर: इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और सेमीकंडक्टर्स।


📌 5. डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी निवेश

प्रश्न 14: केंद्रीय बजट 2025 में 5G नेटवर्क और डिजिटल इंडिया के लिए कितने करोड़ का निवेश किया गया?
🔹 उत्तर: ₹1.2 लाख करोड़

प्रश्न 15: राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय (National Digital University) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
🔹 उत्तर: उच्च शिक्षा को डिजिटल रूप में सुलभ और सस्ता बनाना।

प्रश्न 16: सरकार ने AI और साइबर सुरक्षा के लिए कितने करोड़ का इनोवेशन फंड घोषित किया?
🔹 उत्तर: ₹50,000 करोड़


📌 6. रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा

प्रश्न 17: रक्षा बजट 2025 में कुल कितना आवंटित किया गया?
🔹 उत्तर: ₹6.25 लाख करोड़

प्रश्न 18: 'आत्मनिर्भर भारत रक्षा योजना' के तहत सरकार का लक्ष्य क्या है?
🔹 उत्तर: स्वदेशी हथियार उत्पादन को बढ़ावा देना और रक्षा निर्यात को बढ़ाना।

प्रश्न 19: तेजस MK-2 और AMCA प्रोजेक्ट किस क्षेत्र से संबंधित हैं?
🔹 उत्तर: स्वदेशी फाइटर जेट निर्माण।


📌 7. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन

प्रश्न 20: 'ग्रीन हाइड्रोजन मिशन' के तहत भारत ने कितने गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है?
🔹 उत्तर: 500 GW (गिगावाट) 2030 तक।

प्रश्न 21: अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) का उद्देश्य क्या है?
🔹 उत्तर: जल संरक्षण के लिए 5,000 नए जलाशय विकसित करना।


📌 8. भविष्य की रणनीति और आर्थिक दृष्टिकोण

प्रश्न 22: भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए बजट 2025 में कौन-कौन सी रणनीतियाँ अपनाई गईं?
🔹 उत्तर:

  1. विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा
  2. डिजिटल और ग्रीन टेक्नोलॉजी निवेश
  3. नवाचार और स्टार्टअप समर्थन
  4. कृषि सुधार और ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास

प्रश्न 23: बजट 2025 में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
🔹 उत्तर:

  1. लॉजिस्टिक्स और बंदरगाह विकास
  2. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार
  3. नई मुक्त व्यापार संधियाँ (FTAs)

प्रश्न 24: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बजट 2025 दीर्घकालिक रूप से कैसे लाभदायक होगा?
🔹 उत्तर:

  • औद्योगिक विकास और नौकरियों में वृद्धि
  • स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए उच्च निवेश
  • ग्रीन एनर्जी और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा

🔎 निष्कर्ष

📌 बजट 2025 के इन संभावित प्रश्नों को ध्यान में रखकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें।
📌 UPSC, SSC, बैंकिंग और अन्य सरकारी परीक्षाओं में यह टॉपिक बहुत महत्वपूर्ण होगा।
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