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राजकीय विद्यालयों की सम्पूर्ण जानकारी: पद, दायित्व, अभिलेख सूची एवं संचालन प्रणाली | Rajasthan Government School Master Guide

राजकीय विद्यालय सूचना संकलन एवं संचालन मार्गदर्शिका

प्रस्तावना: राजस्थान के राजकीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता, प्रशासनिक दक्षता और सामाजिक प्रभाव को समझने के लिए यह लेख एक Master Document के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें पदों की सूची, दायित्व, अभिलेख, स्कूल प्रबंधन एवं समुदाय सहभागिता तक हर पहलू को समाहित किया गया है।


सामग्री सूची (Table of Contents)

  1. राजकीय विद्यालयों के प्रमुख पद और उनके कार्य
  2. विद्यालय प्रबंधन एवं प्रधानाचार्य की भूमिका
  3. विद्यालय संचालन हेतु शैक्षिक दिशा-निर्देश
  4. सामुदायिक सहभागिता एवं SMC की भूमिका
  5. विद्यालय का भौतिक एवं अकादमिक विकास
  6. CTA: अपने विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएँ

1. राजकीय विद्यालयों के प्रमुख पद और उनके कार्य

  • प्रधानाचार्य: विद्यालय संचालन, योजना निर्माण, संसाधन प्रबंधन, शैक्षिक गुणवत्ता नियंत्रण।
  • उप-प्रधानाचार्य: टाइम टेबल, डायरी निरीक्षण, शिक्षकों का समन्वय।
  • शिक्षक: शिक्षण कार्य, मूल्यांकन, गृहकार्य निरीक्षण।
  • शारीरिक शिक्षक: खेल, स्वास्थ्य गतिविधियाँ।
  • पुस्तकालयाध्यक्ष: पुस्तक प्रबंधन, पठन प्रोत्साहन।
  • ब्लॉक/जिला अधिकारी: प्रशासनिक निगरानी, योजना कार्यान्वयन।

2. विद्यालय प्रबंधन एवं प्रधानाचार्य की भूमिका

प्रधानाचार्य को विद्यालय का नेता माना गया है जो विद्यालय की समस्त गतिविधियों का नेतृत्व करता है। वे वार्षिक योजना, शिक्षकों के बीच कार्य विभाजन, नवाचार, स्कूल डवलपमेंट प्लान और परिणामों की समीक्षा करते हैं।

3. विद्यालय संचालन हेतु शैक्षिक दिशा-निर्देश

  • प्रवेशोत्सव में सहभागिता, नामांकन वृद्धि हेतु अभियान।
  • SCERT/CCE आधारित शिक्षण, मूल्यांकन और गृहकार्य पर निगरानी।
  • पुस्तकालय और सामान्य ज्ञान चार्ट का प्रभावी उपयोग।
  • समूह शिक्षण, योग्यता आधारित कक्षाएं।

4. सामुदायिक सहभागिता एवं SMC की भूमिका

SMC की बैठकों में विद्यालय की प्रगति, बालिकाओं की उपस्थिति, आर्थिक पारदर्शिता, संसाधन योजना, और बालकों की प्रगति पर चर्चा की जाती है। समिति अभिभावकों को प्रेरित कर शिक्षा सुधार में भागीदार बनाती है।

5. विद्यालय का भौतिक एवं अकादमिक विकास

  • RTE के अनुसार सुविधाएँ: कक्ष, टॉयलेट, जल, खेल सामग्री।
  • जनसहयोग एवं योजनाओं के माध्यम से विकास।
  • विद्यालय विकास योजना का निर्माण और समय-समय पर समीक्षा।

CTA: अपने विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएँ

क्या आप चाहते हैं कि आपका विद्यालय आदर्श बने? तो आज ही इस मार्गदर्शिका का उपयोग कर सामूहिक प्रयास से बदलाव की शुरुआत करें। अपने शिक्षकों, SMC और समुदाय के साथ मिलकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नई मिसाल गढ़ें।

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डिस्क्लेमर:

यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों हेतु तैयार किया गया है। इसमें प्रस्तुत दिशा-निर्देश सरकारी परिपत्रों और विभागीय आदेशों पर आधारित हैं, परंतु स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तित हो सकते हैं। किसी भी शंका या निर्णय हेतु विभागीय आदेशों को प्राथमिकता दें।

राजस्थान शिक्षा विभाग के विभिन्न संवर्गों के पदों की स्थिति (दिनांक: 01.04.2025)

स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों का सारांश

क्रम पदनाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त
1अतिरिक्त निदेशक (शिक्षा)321
2संयुक्त निदेशक1899
3उप निदेशक674225
4जिला शिक्षा अधिकारी एवं समकक्ष552236316
5प्राचार्य एवं समकक्ष19151109778174
6उप प्राचार्य एवं समकक्ष1240465375867
7उप जिला शिक्षा अधिकारी (शा0 शि0)46388
8राज्य पुस्तकालयाध्यक्ष101
9प्राध्यापक स्कूल शिक्षा (विभिन्न विषय)571943676320431
10कोष एवं समकक्ष391623
11पुस्तकालयाध्यक्ष श्रेणी – I422121
12प्राध्यापक शारीरिक शिक्षा427266161
13वरिष्ठ अध्यापक1095427734932193
14वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक404624471599
15अध्यापक स्तर–I (माध्यमिक शिक्षा)49961479282033
16अध्यापक स्तर–II (माध्यमिक शिक्षा)5317452799375
17शारीरिक शिक्षा अध्यापक1888918081808
18पुस्तकालयाध्यक्ष श्रेणी–II1225403822
19पुस्तकालयाध्यक्ष श्रेणी–III30142106908
20वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक440236204
21प्रयोगशाला सहायक46184021597
22वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक591249342
23बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक986263203542
24पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक20201667353
25वरिष्ठ निजी सचिव615
26निजी सचिव1477
27अति. निजी सचिव23167
28निजी सहायक ग्रेड–135629
29निजी सहायक ग्रेड–2632934
30संस्थान अधिकारी36429569
31प्रशासनिक अधिकारी1103104855
32अति. प्रशासनिक अधिकारी232512991026
33सहायक प्रशासनिक अधिकारी440932391170
34वरिष्ठ सहायक711257101402
35कनिष्ठ सहायक1331470216293
36च.उ. कर्मचारी29631568323948
37जमादार608158450
38प्रयोगशाला परिचारक14721941278
39वाहन चालक12111
40योग407817293220114597

नोट: ऊपर दी गई जानकारी दिनांक 01.04.2025 को जारी अद्यतन के अनुसार है। स्रोत: शिक्षा विभाग, राजस्थान

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कार्यालय में आवश्यक रजिस्टरों का संधारण

1. प्रशासनिक एवं सेवा संबंधी रजिस्टर

क्रम रजिस्टर / पंजिका का नाम
1सामान्य सेवा पुस्तिका / सर्विस रोल
2उपस्थिति पंजिका (सभी प्रकार की)
3आदेश पंजिका
4लॉग बुक
5अवकाश पंजिका
6आवागमन पंजिका
7ट्रंक कॉल संधारण पंजिका
8लिंक ऑफिसर / कार्मिक पंजिका
9संस्थापन पंजिका
10स्थानांतरण पंजिका
11प्रतिनियुक्ति पंजिका
12बैठक व्यवस्थापन पंजिका
13अनुशासनात्मक कार्यवाही पंजिका
14उत्सव पंजिका
15कोर्ट केस / लोकसभा / विधानसभा प्रश्नोत्तर पंजिका
16जांच–प्रकरण पंजिका
17ईसीएस / जीएसटी बैंकिंग पंजिका
18गाइड फाइल
19पत्रावली पंजिका

2. वित्तीय रजिस्टर

क्रम रजिस्टर / पंजिका का नाम
1हिसाब की पंजिका
2कैश बुक
3चेक / ड्राफ्ट / मनीऑर्डर प्राप्त पंजिका
4लेज़र पंजिका
5बिल पंजिका
6पेंशन कंट्रीब्यूशन पंजिका
7वेतन वृद्धि पंजिका
8पोस्टल ऑर्डर / मनीऑर्डर / बैंक ड्राफ्ट / चेक आदि द्वारा राशि भुगतान पंजिका
9आकस्मिक खर्च पंजिका
10ऋण व पेशगी संबंधित खाते / पंजिका
11स्टोर स्थिति / अस्थायी सामग्री पंजिका
12गोपन के मामलों की पंजिका
13एनकशमेंट रजिस्टर
14त्यौहार एवं अभिव्यक्त बोनस पंजिका
15मासिक व्यय विवरण पंजिका
16आयकर रिटर्न पंजिका
17वार्षिक प्रतिवेदन पंजिका

राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग के पद एवं उत्तरदायित्व

मुख्य पद एवं उत्तरदायित्व

प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक:

  • विद्यालय का संचालन और प्रबंधन करना.
  • विद्यालय की वार्षिक योजना बनाना और उसका क्रियान्वयन करना.
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्यक्रम चलाना.
  • शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करना.
  • विद्यालय में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना.

उप प्रधानाचार्य:

  • प्राचार्य की अनुपस्थिति में कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में कार्य करना.
  • कम से कम 18 कालांश प्रति सप्ताह शिक्षण करना.
  • नामांकन, प्रवेश प्रक्रिया और विद्यालय समय सारणी का संचालन करना.
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्यक्रम चलाना.
  • कक्षा शिक्षण और गृहकार्य का निरीक्षण करना.

शिक्षक:

  • कक्षा शिक्षण करना.
  • विद्यार्थियों की प्रगति पर नज़र रखना.
  • विद्यार्थियों के लिए शिक्षण सामग्री तैयार करना.
  • विद्यार्थियों को प्रेरित करना और उनका मार्गदर्शन करना.

शारीरिक शिक्षक:

  • खेल गतिविधियों का आयोजन करना.
  • विद्यार्थियों को शारीरिक शिक्षा प्रदान करना.
  • विद्यार्थियों के शारीरिक स्वास्थ्य पर नज़र रखना.

पुस्तकालयाध्यक्ष:

  • पुस्तकालय का प्रबंधन करना.
  • विद्यार्थियों को पुस्तकालय का उपयोग करने में मदद करना.
  • पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों और अन्य संसाधनों का रखरखाव करना.

अन्य प्रशासनिक पद

जिला शिक्षा अधिकारी:

  • जिले में स्कूल शिक्षा विभाग का प्रशासन देखना.

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी:

  • ब्लॉक स्तर पर स्कूल शिक्षा विभाग का प्रशासन देखना.

जिला परियोजना समन्वयक:

  • जिला स्तर पर विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन करना.

संकुल प्रभावी:

  • संकुल में शामिल विद्यालयों के कार्यों का समन्वय करना.

नोट: सभी पदों के उत्तरदायित्व समय-समय पर शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार निर्धारित होते हैं।

विद्यालय के प्रभावी संचालन हेतु दिशा निर्देश

1. विद्यार्थियों का नामांकन एवं प्रवेश

  • प्रत्येक विद्यार्थी को विद्यालय की उच्चतम कक्षा तक शिक्षा दिलाना सुनिश्चित करें।
  • चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे के आधार पर शिक्षा से वंचित बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करें।
  • जन प्रतिनिधियों, नागरिकों, और स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता सुनिश्चित करें।
  • राज्य सरकार द्वारा शिक्षा योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें।
  • श्रेष्ठ कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाए।
  • वॉल पेंटिंग के माध्यम से योजनाओं की जानकारी दी जाए।
  • ग्राम पंचायत द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को गोद लिया जाए।

2. शैक्षिक सुधार

  • एक ही विषय सभी कक्षाओं को एक ही शिक्षक द्वारा पढ़ाया जाए।
  • सभी शिक्षकों की जिम्मेदारियाँ स्पष्ट रूप से तय हों।
  • वार्षिक कार्य योजना बनाई जाए और उसकी समीक्षा की जाए।
  • एसआईक्यूई के अनुसार मूल्यांकन किया जाए।

3. शिक्षण कार्य को गुणात्मक एवं प्रभावी बनाना

  • गृहकार्य का नियमित अवलोकन किया जाए।
  • वर्तनी सुधार हेतु अभ्यास कार्य करावें।
  • समेकित सूचना का रिकार्ड तैयार किया जाए।
  • प्रगति रिपोर्ट अभिभावकों से साझा की जाए।
  • चार्ट और शैक्षणिक सामग्री का प्रदर्शन सुनिश्चित करें।
  • प्रार्थना सभा में विभिन्न गतिविधियाँ शामिल की जाएँ।

4. सामुदायिक सहभागिता

  • शाला प्रबन्धन समिति की बैठकें नियमित रूप से हों।
  • समिति को विद्यालय की आवश्यकताओं से अवगत कराया जाए।
  • समिति के सहयोग से समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाए।

5. विद्यालय का भौतिक विकास

  • विद्यालय की भौतिक सुविधाओं का ध्यान रखा जाए।
  • सभी आवश्यकताओं को योजना बनाकर पूरा किया जाए।
  • विद्यालय विकास योजना व्यवहारिक हो।

6. प्रधानाध्यापक की स्कूल प्रबन्धन में भूमिका

  • दस्तावेजों का समय पर संधारण किया जाए।
  • शिक्षकों के साथ टीम भावना से कार्य करें।
  • वार्षिक योजना का निर्माण करें और समीक्षा करें।
  • समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करें।
  • हर गतिविधि का पर्यवेक्षण कर रिकार्ड बनाएँ।

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