🌊 Golden Dome vs Iron Dome vs India’s Air Defence System – प्रतियोगी परीक्षाओं एवं सामान्य पाठकों हेतु विश्लेषणात्मक आलेख (2025)
✈️ भूमिका
विश्व में बढ़ते युद्ध-जोखिमों और मिसाइल हमलों के परिप्रेक्ष्य में हर देश अपनी हवाई सुरक्षा प्रणाली को अत्याधुनिक बना रहा है। अमेरिका का "Golden Dome", इज़राइल का "Iron Dome" और भारत की स्वदेशी तथा आयातित रक्षा प्रणाली इस दिशा में महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। यह लेख इन तीनों प्रणालियों की तुलना करता है ताकि UPSC, RPSC, SSC जैसे परीक्षार्थी और सामान्य पाठक दोनों ही विषय की गहराई से समझ बना सकें।
🇺🇸 अमेरिका की "Golden Dome" प्रणाली
- स्थिति: अभी विकासाधीन
- लक्ष्य: हाइपरसोनिक, बैलिस्टिक और अंतरिक्ष से प्रक्षेपित मिसाइलों से रक्षा
- तकनीक: भूमि, समुद्र और अंतरिक्ष आधारित ट्रैकिंग व इंटरसेप्शन सिस्टम
- विशेषताएं:
- अंतरिक्ष आधारित सैटेलाइट निगरानी
- वैश्विक स्केल पर कवरेज
- उच्चतम लागत ($175 से $542 बिलियन)
- चुनौतियां:
- अत्यधिक महंगी व तकनीकी रूप से जटिल
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता
🇮🌟 इज़राइल की "Iron Dome" प्रणाली
- स्थिति: सक्रिय व युद्ध में प्रभावी सिद्ध
- लक्ष्य: 4 से 70 किमी दूरी से छोड़े गए रॉकेट व गोले
- तकनीक: Tamir इंटरसेप्टर, रडार, मोबाइल लॉन्चर
- विशेषताएं:
- शहरी क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त
- 90% तक की सफलता दर
- त्वरित प्रतिक्रिया समय
- सीमाएं:
- लंबी दूरी के मिसाइलों पर प्रभाव कम
- लगातार हमलों में सीमित क्षमता
🇮🇳 भारत की वायु रक्षा प्रणाली
- स्थिति: आंशिक रूप से सक्रिय व आंशिक विकासाधीन
- लक्ष्य: विभिन्न दूरी की हवाई मिसाइलों से रक्षा
- प्रमुख घटक:
- S-400 Triumf (रूस से आयातित): 400 किमी रेंज तक
- Akash & Akash-NG: मध्यम दूरी तक सुरक्षा
- IACCS (Integrated Air Command and Control System): तीनों सेनाओं का डेटा समन्वय
- विशेषताएं:
- स्वदेशी + विदेशी तकनीकों का मेल
- चरणबद्ध बहु-स्तरीय प्रणाली
- लगातार उन्नयन व परीक्षण
- चुनौतियां:
- पूर्ण एकीकरण का अभाव
- कुछ तकनीकें अभी विकास के अधीन
📊 प्रमुख अंतर सारणी:
विशेषता | Golden Dome (अमेरिका) | Iron Dome (इज़राइल) | भारत की प्रणाली |
---|---|---|---|
स्थिति | विकासाधीन | सक्रिय | आंशिक सक्रिय/विकासाधीन |
मुख्य लक्ष्य | हाइपरसोनिक, अंतरिक्षीय | शॉर्ट रेंज रॉकेट्स | विभिन्न दूरी की मिसाइलें |
लागत | $175-542 बिलियन | अपेक्षाकृत कम | विविध निवेश |
सफलता दर | अनुमानित उच्च | ~90% | प्रणाली पर निर्भर |
प्रमुख तकनीकें | अंतरिक्ष, समुद्र, रडार | रडार, Tamir, मोबाइल | S-400, Akash, IACCS |
चुनौतियां | अंतरिक्ष सैन्यीकरण | सीमित कवरेज | एकीकरण व आत्मनिर्भरता |
🎓 परीक्षा उपयोगी तथ्य:
- Iron Dome की सफलता दर सबसे प्रमाणित है।
- Golden Dome भविष्य की तकनीकों पर आधारित है।
- भारत की प्रणाली बहु-स्तरीय है, जो हर श्रेणी की हवाई चुनौती से निपटने के लिए डिज़ाइन की गई है।
- UPSC/RPSC में संभावित प्रश्न:
- Iron Dome किस देश की वायु रक्षा प्रणाली है?
- S-400 का अधिग्रहण भारत ने किस देश से किया?
- IACCS का पूर्ण रूप क्या है?
✅ निष्कर्ष
तीनों प्रणालियाँ अपने देश की रणनीति, भूगोल, बजट और खतरे की प्रकृति के अनुसार विकसित की गई हैं। भारत का उद्देश्य न केवल विदेश से तकनीक लेना है, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए एक पूर्ण वायु सुरक्षा कवच विकसित करना है।
लेख स्रोत: Moneycontrol, NDTV, AP News, PIB
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