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GPF Rules for Probationer Employees in Rajasthan – Complete Guide in Hindi

📘 राजस्थान में प्रोबेशनर कर्मचारियों हेतु GPF अंशदान नियम

राजस्थान सरकार में नियुक्त कर्मचारी जब प्रोबेशनर ट्रेनी के रूप में कार्यरत होते हैं, तो उनके लिए GPF (सामान्य भविष्य निधि) से संबंधित अलग नियम होते हैं। यह लेख इन नियमों, पात्रता, प्रारंभ तिथि, और सेवा स्थायीत्व पर प्रभाव को स्पष्ट करता है।


📚 Table of Contents


1. GPF क्या है और प्रोबेशनर हेतु कैसे लागू होता है?

GPF (General Provident Fund) एक दीर्घकालिक बचत योजना है जो स्थायी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होती है। जब कोई कर्मचारी प्रोबेशन पर नियुक्त होता है, तब GPF का अंशदान स्थायीत्व की अधिसूचना मिलने के बाद ही आरंभ होता है। हालांकि कुछ विभागों में पूर्ववर्ती नियमों के अनुसार भी कटौती होती है।

2. कौनसे प्रोबेशनर GPF के लिए पात्र हैं?

  • ✅ ऐसे कर्मचारी जिन्हें स्थायी पद पर नियुक्त किया गया हो।
  • ✅ जिनकी नियुक्ति के आदेश में स्पष्ट उल्लेख हो कि सेवा स्थायी मानी जाएगी।
  • ✅ जिनका प्रोबेशन पूर्ण हो चुका हो और विभाग द्वारा स्थायीत्व की अधिसूचना जारी की जा चुकी हो।
  • ✅ जिनका नाम GPF Head Register में दर्ज किया गया हो।

नोट: संविदा/अस्थायी कर्मचारियों पर GPF लागू नहीं होता। ऐसे कर्मचारी NPS के अंतर्गत आते हैं।

3. GPF कटौती कब और कैसे शुरू होती है?

प्रोबेशनर की नियुक्ति के बाद GPF कटौती तब शुरू होती है जब:

  • 📌 स्थायीत्व की अधिसूचना विभाग द्वारा जारी कर दी जाती है।
  • 📌 संबंधित Drawing & Disbursing Officer (DDO) द्वारा उनका नाम GPF खाते में दर्ज किया जाता है।
  • 📌 कर्मचारी द्वारा GPF Nomination Form प्रस्तुत किया जाता है।

महत्त्वपूर्ण: यदि कर्मचारी ने सेवा के दौरान 30 दिन से अधिक का बिना चिकित्सा प्रमाणपत्र असाधारण अवकाश लिया है, तो वह अवधि GPF हेतु सेवा गणना में सम्मिलित नहीं की जाएगी।

4. GPF हेतु आवश्यक फॉर्म्स

प्रोबेशनर कर्मचारी को GPF खाता प्रारंभ कराने एवं अंशदान के लिए निम्नलिखित फॉर्म प्रस्तुत करने होते हैं:

  • 📄 Form 1: GPF नामांकन फॉर्म – जिसमें नामांकित व्यक्ति/परिजनों का विवरण दर्ज होता है।
  • 📄 Form 2: GPF खाता खोलने हेतु आवेदन – स्थायीत्व प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक।
  • 📄 Declaration: कर्मचारी द्वारा सेवा स्थायीत्व की प्रति संलग्न करते हुए स्वयं हस्ताक्षरित घोषणा।

यह सभी फॉर्म संबंधित Drawing & Disbursing Officer (DDO) या कार्मिक अनुभाग को समय रहते जमा कराने होते हैं।

सुझाव: सभी फॉर्म की एक प्रति सुरक्षित रखना व HRMIS Portal पर अपलोड भी करना हितकारी होता है।

5. सेवा स्थायीत्व और GPF का संबंध

राजस्थान सरकार में GPF अंशदान की शुरुआत तभी होती है जब कर्मचारी को स्थायीत्व (confirmation) प्रदान किया जाता है। यह स्थायीत्व न केवल वेतन और पदोन्नति की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होता है, बल्कि GPF खाता खुलवाने और नियमित अंशदान के लिए भी अनिवार्य है।

📌 स्थायीत्व और GPF के प्रमुख संबंध:

  • ✅ जब तक कर्मचारी प्रोबेशन में है, GPF खाता अनिवार्य नहीं होता।
  • ✅ स्थायीत्व मिलने के बाद ही कर्मचारी Form 1 और 2 प्रस्तुत करके GPF खाता चालू कर सकता है।
  • ✅ कई विभागों में स्थायीत्व के आदेश की तिथि से GPF अंशदान पिछली तिथि से प्रभावी किया जाता है।
  • ✅ स्थायीत्व की देरी से GPF कटौती आरंभ होने में देरी होती है, जिससे भविष्य निधि राशि प्रभावित होती है।

नोट: GPF की राशि कर्मचारियों की सेवा समाप्ति, रिटायरमेंट या आकस्मिक स्थिति में वित्तीय सुरक्षा देती है। इसलिए स्थायीत्व और GPF दोनों का समय पर पालन अत्यंत आवश्यक है।

❓ FAQs – प्रोबेशनर व GPF से जुड़े सामान्य प्रश्न

1. क्या सभी प्रोबेशनर GPF के पात्र होते हैं?

नहीं, केवल वे प्रोबेशनर जिन्हें स्थायी पद पर नियुक्त किया गया है और जिनका स्थायीत्व हो चुका है, वही GPF अंशदान के पात्र होते हैं।

2. क्या प्रोबेशन अवधि में GPF कटौती हो सकती है?

सामान्यतः नहीं। GPF कटौती स्थायीत्व के बाद ही आरंभ होती है, जब तक कर्मचारी NPS के दायरे में नहीं आता।

3. क्या GPF फॉर्म बिना स्थायीत्व के जमा कर सकते हैं?

नहीं, GPF फॉर्म 1 और 2 तभी स्वीकार्य होते हैं जब स्थायीत्व का आदेश विभाग द्वारा जारी कर दिया गया हो।

4. क्या प्रोबेशनर GPF खाते की स्थिति ऑनलाइन देख सकता है?

हाँ, अधिकांश विभागों में HRMIS या e-GPF पोर्टल के माध्यम से खाते की स्थिति और कटौती देखी जा सकती है।

5. क्या स्थायीत्व आदेश में देरी से GPF में हानि होती है?

जी हाँ, जितनी देर से स्थायीत्व होगा, उतनी देर से GPF कटौती शुरू होगी — जिससे कर्मचारी की भविष्य निधि राशि घट सकती है।

📘 Glossary – GPF और प्रोबेशन संबंधी प्रमुख शब्द

  • GPF (General Provident Fund): सामान्य भविष्य निधि – स्थायी सरकारी कर्मचारियों के लिए दीर्घकालीन बचत योजना।
  • प्रोबेशनर: ऐसा नया नियुक्त कर्मचारी जिसकी सेवा अभी पुष्टि (confirmation) की प्रक्रिया में हो।
  • स्थायीत्व (Confirmation): विभाग द्वारा जारी आदेश जिससे कर्मचारी की सेवा को स्थायी माना जाता है।
  • Form 1: GPF नामांकन फॉर्म – नामांकित परिजनों की जानकारी हेतु।
  • Form 2: GPF खाता आरंभ करने हेतु आवेदन फॉर्म।
  • DDO (Drawing & Disbursing Officer): वह अधिकारी जो वेतन भुगतान और कटौती का कार्य करता है।
  • NPS (National Pension System): संविदा/नव नियुक्त कर्मचारियों हेतु नवीन पेंशन योजना, जो GPF के स्थान पर लागू होती है।

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