राजस्थान भूगोल के 100+ सबसे कठिन प्रश्न (RPSC Toppers' Challenge) 🌍
नमस्कार दोस्तों! हमारी RPSC तैयारी श्रृंखला में आपका स्वागत है। पिछली पोस्ट में हमने भूगोल की रणनीति पर चर्चा की थी। अब समय है उस रणनीति को परखने का।
यह लेख RPSC की बदलती प्रकृति को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें सीधे-सपाट तथ्य नहीं, बल्कि आपकी वैचारिक और विश्लेषणात्मक समझ का परीक्षण करने वाले 100+ चुनौतीपूर्ण प्रश्न हैं। तो चलिए, इस चैलेंज को स्वीकार करते हैं!
भाग 1: भौतिक विभाग और भू-संरचना
- प्रश्न: 'गोडवाड़ प्रदेश' को अर्द्ध-शुष्क मरुस्थल और लूनी बेसिन के बीच एक संक्रमणकालीन क्षेत्र क्यों माना जाता है? इसके भू-आकृतिक लक्षणों की व्याख्या करें।
उत्तर: क्योंकि इसमें अर्द्ध-शुष्क मैदानों की रेतीली भूमि और लूनी नदी द्वारा निर्मित जलोढ़ मैदान, दोनों की विशेषताएं पाई जाती हैं। इसके प्रमुख लक्षण नेहड़ (दलदली क्षेत्र) और मौसमी नदी-नालों का जाल है। - प्रश्न: अरावली पर्वतमाला को "राजस्थान की जीवन रेखा" कहने के पीछे मुख्य जलवायु-संबंधी और आर्थिक कारण क्या हैं?
उत्तर: जलवायु-संबंधी कारण यह है कि यह मानसून की अरब सागर शाखा के समानांतर होने के कारण पश्चिमी राजस्थान को वृष्टि-छाया प्रदेश बनाती है और बंगाल की खाड़ी के मानसून को रोककर पूर्वी राजस्थान में वर्षा करती है। आर्थिक रूप से यह धात्विक खनिजों का भंडार, नदियों का उद्गम स्थल और मरुस्थलीकरण को रोकने का कार्य करती है। - प्रश्न: 'लाठी सीरीज' का भूगर्भिक महत्व क्या है और यह पश्चिमी राजस्थान की पारिस्थितिकी को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर: यह जैसलमेर में स्थित एक भूगर्भिक मीठे जल की पट्टी है जो थार मरुस्थल के नीचे स्थित है। यह क्षेत्र में पीने योग्य जल और सेवन घास जैसी पौष्टिक वनस्पति के लिए स्रोत का काम करती है, जिससे मरुस्थलीय पारिस्थितिकी में जीवन संभव हो पाता है। - प्रश्न: "हाड़ौती का पठार, दक्कन के लावा पठार का ही उत्तरी विस्तार है।" इस कथन की पुष्टि करने वाले भूगर्भिक और मृदा-संबंधी प्रमाण दें।
उत्तर: भूगर्भिक प्रमाण क्रिटेशियस काल की बेसाल्टिक लावा चट्टानों की उपस्थिति है। मृदा-संबंधी प्रमाण इस लावा के अपक्षय से बनी मध्यम काली, कपास के लिए उपयुक्त 'रेगुर' या 'वर्टीसोल्स' मिट्टी का पाया जाना है। - प्रश्न: 'टाट' या 'रन' (Rann) का निर्माण मुख्य रूप से पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में ही क्यों होता है?
उत्तर: क्योंकि यहाँ बालुका स्तूपों के बीच निम्न भूमि (प्लाया) में वर्षा का जल एकत्र हो जाता है। अत्यधिक तापमान और वाष्पीकरण के कारण पानी सूख जाता है और केवल लवणीय और दलदली भूमि शेष रह जाती है, जिसे 'रन' या 'टाट' कहते हैं।
भाग 2: अपवाह तंत्र (नदियाँ और झीलें)
- प्रश्न: चम्बल नदी को 'चर्मण्वती' और 'नित्यवाही' कहने के पीछे क्रमशः ऐतिहासिक और भौगोलिक कारण क्या हैं?
उत्तर: ऐतिहासिक रूप से, इसे राजा रंतिदेव द्वारा किए गए यज्ञों के चर्म (खाल) से उत्पन्न माना जाता है, इसलिए 'चर्मण्वती' कहते हैं। भौगोलिक रूप से, इसका उद्गम विंध्याचल की जानापाव पहाड़ियों से होता है और इसमें कई सहायक नदियाँ मिलती हैं, जिससे यह साल भर बहती है, अतः 'नित्यवाही' है। - प्रश्न: राजस्थान में 'आंतरिक अपवाह प्रणाली' का प्रभुत्व क्यों है? इसके लिए उत्तरदायी दो प्रमुख भौगोलिक कारक बताएं।
उत्तर: प्रमुख कारक हैं: (1) राज्य का अधिकांश भाग (लगभग 60%) शुष्क और अर्द्ध-शुष्क है जहाँ वर्षा की कमी के कारण नदियाँ समुद्र तक नहीं पहुँच पातीं। (2) अरावली पर्वतमाला एक प्रमुख जल-विभाजक का कार्य करती है जो कई छोटी नदियों को पूर्व या पश्चिम में बहने से रोककर आंतरिक प्रवाह के लिए विवश करती है। - प्रश्न: सांभर झील में लवणता का मुख्य स्रोत क्या है? क्या यह केवल शुष्क जलवायु का परिणाम है?
उत्तर: नहीं, यह केवल शुष्क जलवायु का परिणाम नहीं है। इसका मुख्य स्रोत मायकाशिष्ट (Micaschist) चट्टानों का अपक्षय और मेन्था, रूपनगढ़ जैसी नदियों द्वारा अपने साथ बहाकर लाए गए लवण हैं। शुष्क जलवायु और उच्च वाष्पीकरण दर इस लवणता को केवल सांद्रित (concentrate) करने का काम करते हैं। - प्रश्न: 'त्रिवेणी संगम' क्या है? बनास नदी से संबंधित दो प्रमुख त्रिवेणी संगमों और उन पर स्थित नदियों के नाम बताएं।
उत्तर: जहाँ तीन नदियाँ मिलती हैं, उसे त्रिवेणी संगम कहते हैं। बनास से संबंधित संगम: (1) बीगोद (भीलवाड़ा) में बनास, बेड़च और मेनाल। (2) रामेश्वरम (सवाई माधोपुर) में बनास, चम्बल और सीप। - प्रश्न: कांतली नदी का महत्व शेखावाटी क्षेत्र के लिए0 क्यों है, भले ही यह एक मौसमी नदी है? इस सभ्यता को क्या नाम दिया गया है?
उत्तर: क्योंकि यह शेखावाटी क्षेत्र की एकमात्र प्रमुख नदी है और इसके बेसिन में भूमिगत जल का पुनर्भरण होता है जो कृषि और पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण है। इसके किनारे विकसित हुई प्राचीन सभ्यता को 'गणेश्वर सभ्यता' के नाम से जाना जाता है।
क्या आप जानते हैं? भूगोल की तैयारी के लिए सबसे ज़रूरी है एक सही रणनीति। हमारी विस्तृत रणनीति गाइड पढ़ें।
भाग 3: जलवायु और मृदा
- प्रश्न: कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, 'Aw' (उष्णकटिबंधीय आर्द्र) और 'Bwhw' (उष्णकटिबंधीय शुष्क मरुस्थलीय) प्रदेशों की वनस्पति में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: 'Aw' (डूंगरपुर, बांसवाड़ा) प्रदेश में सवाना तुल्य वनस्पति और मानसूनी पतझड़ वाले वन (जैसे सागवान) मिलते हैं। इसके विपरीत, 'Bwhw' (जैसलमेर, बीकानेर) प्रदेश में मरुद्भिद (Xerophytic) या कंटीली झाड़ियाँ (जैसे खेजड़ी, बबूल) पाई जाती हैं। - प्रश्न: 'मावठ' क्या है और यह राजस्थान की किस फसल के लिए 'गोल्डन ड्रॉप्स' (सुनहरी बूंदें) कहलाती है?
उत्तर: शीत ऋतु में पश्चिमी विक्षोभों (Mediterranean disturbances) के कारण होने वाली वर्षा को 'मावठ' कहते हैं। यह रबी की फसल, विशेषकर गेंहूँ और चने के लिए अत्यंत लाभदायक होती है, इसलिए इसे 'गोल्डन ड्रॉप्स' कहा जाता है। - प्रश्न: राजस्थान में 'वर्टीसोल्स' (मध्यम काली मिट्टी) का निर्माण और वितरण किन भौतिक कारकों द्वारा नियंत्रित होता है?
उत्तर: इसका निर्माण मुख्य रूप से हाड़ौती पठार क्षेत्र में क्रिटेशियस काल की बेसाल्टिक लावा चट्टानों के अपक्षय से होता है। इसका वितरण कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ जिलों में है और यह कपास की खेती के लिए प्रसिद्ध है। - प्रश्न: 'सेम' की समस्या क्या है और यह राजस्थान के किन क्षेत्रों में प्रमुख है?
उत्तर: सिंचाई के अतिरेक के कारण जब भूमिगत जल स्तर सतह पर आ जाता है और भूमि दलदली हो जाती है, तो उसे 'सेम' की समस्या कहते हैं। यह मुख्य रूप से इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) के सिंचित क्षेत्रों, विशेषकर हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में प्रमुख है। - प्रश्न: 'लू' और 'पुरवाई' हवाओं का राजस्थान की जलवायु पर क्या विपरीत प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: 'लू' ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम से चलने वाली अत्यंत गर्म और शुष्क हवा है जो तापमान बढ़ाती है। इसके विपरीत, 'पुरवाई' वर्षा ऋतु में बंगाल की खाड़ी से आने वाली आर्द्र हवा है जो राज्य में मानसूनी वर्षा का मुख्य कारण बनती है।
भाग 4: खनिज, ऊर्जा और उद्योग
- प्रश्न: राजस्थान को "खनिजों का अजायबघर" क्यों कहा जाता है? दो प्रमुख उदाहरणों के साथ स्पष्ट करें।
उत्तर: क्योंकि यहाँ लगभग 81 प्रकार के खनिजों का भंडार है, जिनमें से कई में राजस्थान का एकाधिकार है। उदाहरण: (1) वोलस्टोनाइट और सीसा-जस्ता का राजस्थान एकमात्र उत्पादक है। (2) संगमरमर, जिप्सम और चांदी के उत्पादन में भी यह देश में अग्रणी है। - प्रश्न: 'पलाना' और 'बरसिंगसर' क्यों प्रसिद्ध हैं? यहाँ मिलने वाले कोयले की गुणवत्ता क्या है?
उत्तर: ये बीकानेर जिले में स्थित प्रमुख लिग्नाइट कोयला खनन क्षेत्र हैं। यहाँ मिलने वाला लिग्नाइट कोयला सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता का माना जाता है, जिसमें कार्बन की मात्रा अधिक और नमी कम होती है। - प्रश्न: राजस्थान में 'गैर-पारंपरिक ऊर्जा' स्रोतों की विपुल संभावनाओं के क्या कारण हैं, विशेषकर सौर और पवन ऊर्जा के संदर्भ में?
उत्तर: सौर ऊर्जा के लिए, वर्ष में 300 से अधिक दिनों तक स्वच्छ और तीव्र सौर विकिरण तथा विशाल बंजर भूमि की उपलब्धता प्रमुख कारण है। पवन ऊर्जा के लिए, जैसलमेर, प्रतापगढ़ और जोधपुर जैसे क्षेत्रों में साल भर तेज और एक समान गति से हवाओं का चलना प्रमुख कारण है। - प्रश्न: 'डेगाना-भाकरी' का संबंध किस खनिज से है और वर्तमान में इसकी क्या स्थिति है?
उत्तर: इसका संबंध टंगस्टन खनिज से है, जो सामरिक महत्व का है। वर्तमान में यहाँ खनन लगभग बंद है क्योंकि आयातित टंगस्टन सस्ता पड़ता है। - प्रश्न: 'रीको' (RIICO) और 'राजसिको' (RAJSICO) की भूमिका में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: 'रीको' मध्यम और वृहद उद्योगों को बढ़ावा देने, औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने और वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली शीर्ष संस्था है। जबकि 'राजसिको' लघु उद्योगों और हस्तशिल्पियों को कच्चा माल, विपणन सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करती है।
निष्कर्ष (The Final Word)
दोस्तों, ये प्रश्न केवल आपकी जानकारी का परीक्षण नहीं करते, बल्कि यह आपकी सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता को भी परखते हैं। RPSC में सफलता के लिए इसी तरह की गहरी और वैचारिक समझ की आवश्यकता है।
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यह लेख RPSC की बदलती प्रकृति को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें सीधे-सपाट तथ्य नहीं, बल्कि आपकी वैचारिक और विश्लेषणात्मक समझ का परीक्षण करने वाले 100+ चुनौतीपूर्ण प्रश्न हैं। तो चलिए, इस चैलेंज को स्वीकार करते हैं!
भाग 1: भौतिक विभाग और भू-संरचना
- प्रश्न: 'गोडवाड़ प्रदेश' को अर्द्ध-शुष्क मरुस्थल और लूनी बेसिन के बीच एक संक्रमणकालीन क्षेत्र क्यों माना जाता है? इसके भू-आकृतिक लक्षणों की व्याख्या करें।
उत्तर: क्योंकि इसमें अर्द्ध-शुष्क मैदानों की रेतीली भूमि और लूनी नदी द्वारा निर्मित जलोढ़ मैदान, दोनों की विशेषताएं पाई जाती हैं। इसके प्रमुख लक्षण नेहड़ (दलदली क्षेत्र) और मौसमी नदी-नालों का जाल है। - प्रश्न: अरावली पर्वतमाला को "राजस्थान की जीवन रेखा" कहने के पीछे मुख्य जलवायु-संबंधी और आर्थिक कारण क्या हैं?
उत्तर: जलवायु-संबंधी कारण यह है कि यह मानसून की अरब सागर शाखा के समानांतर होने के कारण पश्चिमी राजस्थान को वृष्टि-छाया प्रदेश बनाती है और बंगाल की खाड़ी के मानसून को रोककर पूर्वी राजस्थान में वर्षा करती है। आर्थिक रूप से यह धात्विक खनिजों का भंडार, नदियों का उद्गम स्थल और मरुस्थलीकरण को रोकने का कार्य करती है। - प्रश्न: 'लाठी सीरीज' का भूगर्भिक महत्व क्या है और यह पश्चिमी राजस्थान की पारिस्थितिकी को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर: यह जैसलमेर में स्थित एक भूगर्भिक मीठे जल की पट्टी है जो थार मरुस्थल के नीचे स्थित है। यह क्षेत्र में पीने योग्य जल और सेवन घास जैसी पौष्टिक वनस्पति के लिए स्रोत का काम करती है, जिससे मरुस्थलीय पारिस्थितिकी में जीवन संभव हो पाता है। - प्रश्न: "हाड़ौती का पठार, दक्कन के लावा पठार का ही उत्तरी विस्तार है।" इस कथन की पुष्टि करने वाले भूगर्भिक और मृदा-संबंधी प्रमाण दें।
उत्तर: भूगर्भिक प्रमाण क्रिटेशियस काल की बेसाल्टिक लावा चट्टानों की उपस्थिति है। मृदा-संबंधी प्रमाण इस लावा के अपक्षय से बनी मध्यम काली, कपास के लिए उपयुक्त 'रेगुर' या 'वर्टीसोल्स' मिट्टी का पाया जाना है। - प्रश्न: 'टाट' या 'रन' (Rann) का निर्माण मुख्य रूप से पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में ही क्यों होता है?
उत्तर: क्योंकि यहाँ बालुका स्तूपों के बीच निम्न भूमि (प्लाया) में वर्षा का जल एकत्र हो जाता है। अत्यधिक तापमान और वाष्पीकरण के कारण पानी सूख जाता है और केवल लवणीय और दलदली भूमि शेष रह जाती है, जिसे 'रन' या 'टाट' कहते हैं। - प्रश्न: 'छप्पन का मैदान' और 'छप्पन की पहाड़ियाँ' राजस्थान के किन दो अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में स्थित हैं?
उत्तर: 'छप्पन का मैदान' माही नदी द्वारा निर्मित बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ के बीच का क्षेत्र है। जबकि 'छप्पन की पहाड़ियाँ' बाड़मेर के सिवाना क्षेत्र में स्थित गोलाकार पहाड़ियाँ हैं। - प्रश्न: 'बीड' (Beed) और 'बीहड़' (Bihad) में क्या अंतर है?
उत्तर: 'बीड' शेखावाटी क्षेत्र में पाए जाने वाले घास के मैदान या चारागाह भूमि को कहते हैं। जबकि 'बीहड़' चम्बल नदी द्वारा मिट्टी के भारी कटाव से निर्मित उत्खात-भूमि (Badland Topography) को कहते हैं। - प्रश्न: अरावली के 'दर्रे' (Passes) का ऐतिहासिक और सामरिक महत्व क्या रहा है?
उत्तर: इन दरों (जैसे- देसूरी की नाल, हाथीगुढ़ा की नाल) ने मेवाड़ को मारवाड़ और अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाले व्यापारिक और सैन्य मार्गों के रूप में कार्य किया। इन्हीं मार्गों से सेनाओं का आवागमन होता था। - प्रश्न: 'ऊपरमाल' का पठार किन दो प्रमुख पठारों के बीच स्थित है?
उत्तर: यह भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) और बिजोलिया (भीलवाड़ा) के बीच स्थित है और यह हाड़ौती पठार और मेवाड़ के पठार को जोड़ने का कार्य करता है। - प्रश्न: 'बाप बोल्डर्स' (Bap Boulders) भूगर्भिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर: ये जोधपुर के पास स्थित परमो-कार्बोनिफेरस हिमनदी के निक्षेप के प्रमाण हैं, जो यह दर्शाते हैं कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र हिमनदी से आच्छादित था।
भाग 2: अपवाह तंत्र (नदियाँ और झीलें)
- प्रश्न: चम्बल नदी को 'चर्मण्वती' और 'नित्यवाही' कहने के पीछे क्रमशः ऐतिहासिक और भौगोलिक कारण क्या हैं?
उत्तर: ऐतिहासिक रूप से, इसे राजा रंतिदेव द्वारा किए गए यज्ञों के चर्म (खाल) से उत्पन्न माना जाता है, इसलिए 'चर्मण्वती' कहते हैं। भौगोलिक रूप से, इसका उद्गम विंध्याचल की जानापाव पहाड़ियों से होता है और इसमें कई सहायक नदियाँ मिलती हैं, जिससे यह साल भर बहती है, अतः 'नित्यवाही' है। - प्रश्न: राजस्थान में 'आंतरिक अपवाह प्रणाली' का प्रभुत्व क्यों है? इसके लिए उत्तरदायी दो प्रमुख भौगोलिक कारक बताएं।
उत्तर: प्रमुख कारक हैं: (1) राज्य का अधिकांश भाग (लगभग 60%) शुष्क और अर्द्ध-शुष्क है जहाँ वर्षा की कमी के कारण नदियाँ समुद्र तक नहीं पहुँच पातीं। (2) अरावली पर्वतमाला एक प्रमुख जल-विभाजक का कार्य करती है जो कई छोटी नदियों को पूर्व या पश्चिम में बहने से रोककर आंतरिक प्रवाह के लिए विवश करती है। - प्रश्न: सांभर झील में लवणता का मुख्य स्रोत क्या है? क्या यह केवल शुष्क जलवायु का परिणाम है?
उत्तर: नहीं, यह केवल शुष्क जलवायु का परिणाम नहीं है। इसका मुख्य स्रोत मायकाशिष्ट (Micaschist) चट्टानों का अपक्षय और मेन्था, रूपनगढ़ जैसी नदियों द्वारा अपने साथ बहाकर लाए गए लवण हैं। शुष्क जलवायु और उच्च वाष्पीकरण दर इस लवणता को केवल सांद्रित (concentrate) करने का काम करते हैं। - प्रश्न: 'त्रिवेणी संगम' क्या है? बनास नदी से संबंधित दो प्रमुख त्रिवेणी संगमों और उन पर स्थित नदियों के नाम बताएं।
उत्तर: जहाँ तीन नदियाँ मिलती हैं, उसे त्रिवेणी संगम कहते हैं। बनास से संबंधित संगम: (1) बीगोद (भीलवाड़ा) में बनास, बेड़च और मेनाल। (2) रामेश्वरम (सवाई माधोपुर) में बनास, चम्बल और सीप। - प्रश्न: कांतली नदी का महत्व शेखावाटी क्षेत्र के लिए क्यों है, भले ही यह एक मौसमी नदी है? इस सभ्यता को क्या नाम दिया गया है?
उत्तर: क्योंकि यह शेखावाटी क्षेत्र की एकमात्र प्रमुख नदी है और इसके बेसिन में भूमिगत जल का पुनर्भरण होता है जो कृषि और पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण है। इसके किनारे विकसित हुई प्राचीन सभ्यता को 'गणेश्वर सभ्यता' के नाम से जाना जाता है। - प्रश्न: लूनी नदी का जल बालोतरा तक मीठा और उसके बाद खारा क्यों हो जाता है?
उत्तर: बालोतरा तक, नदी का बहाव पहाड़ी और पथरीले क्षेत्र में होता है। बालोतरा के बाद यह रेगिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश करती है जहाँ मिट्टी में लवणता की मात्रा बहुत अधिक है। यह लवणता नदी के जल में घुल जाती है, जिससे जल खारा हो जाता है। - प्रश्न: जयसमंद झील को 'ढेबर झील' क्यों कहा जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: इसका निर्माण गोमती नदी पर एक 'ढेबर' (दर्रे) को बंद करके किया गया था, इसलिए इसे ढेबर झील कहते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई और पीने के पानी की आपूर्ति करना था। - प्रश्न: 'अनासागर झील' और 'फोय सागर झील' के निर्माण के पीछे क्या अलग-अलग उद्देश्य थे?
उत्तर: 'अनासागर झील' का निर्माण शासक अर्णोराज ने तुर्की सेना के संहार के बाद खून से रंगी धरती को साफ करने के लिए करवाया था। जबकि 'फोय सागर झील' का निर्माण अंग्रेज इंजीनियर फोय ने अकाल राहत कार्यों के तहत करवाया था। - प्रश्न: माही नदी राजस्थान में 'उल्टे U' आकार में क्यों बहती है?
उत्तर: यह मध्य प्रदेश से निकलकर दक्षिण से राजस्थान (बांसवाड़ा) में प्रवेश करती है, फिर उत्तर की ओर मुड़कर प्रतापगढ़-बांसवाड़ा की सीमा बनाती है और पुनः दक्षिण की ओर मुड़कर गुजरात में प्रवेश कर जाती है, जिससे इसका प्रवाह पथ 'उल्टे U' जैसा दिखता है। - प्रश्न: 'डांग क्षेत्र' का संबंध किस नदी बेसिन से है और इसकी मुख्य समस्या क्या है?
उत्तर: इसका संबंध चम्बल नदी बेसिन से है। इसकी मुख्य समस्या नदी द्वारा किया गया 'अवनलिका अपरदन' (Gully Erosion) है, जिससे यहाँ गहरे खड्डों और बीहड़ों का निर्माण हो गया है।
क्या आप जानते हैं? भूगोल की तैयारी के लिए सबसे ज़रूरी है एक सही रणनीति। हमारी विस्तृत रणनीति गाइड पढ़ें।
भाग 3: जलवायु और मृदा
- प्रश्न: कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, 'Aw' (उष्णकटिबंधीय आर्द्र) और 'Bwhw' (उष्णकटिबंधीय शुष्क मरुस्थलीय) प्रदेशों की वनस्पति में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: 'Aw' (डूंगरपुर, बांसवाड़ा) प्रदेश में सवाना तुल्य वनस्पति और मानसूनी पतझड़ वाले वन (जैसे सागवान) मिलते हैं। इसके विपरीत, 'Bwhw' (जैसलमेर, बीकानेर) प्रदेश में मरुद्भिद (Xerophytic) या कंटीली झाड़ियाँ (जैसे खेजड़ी, बबूल) पाई जाती हैं। - प्रश्न: 'मावठ' क्या है और यह राजस्थान की किस फसल के लिए 'गोल्डन ड्रॉप्स' (सुनहरी बूंदें) कहलाती है?
उत्तर: शीत ऋतु में पश्चिमी विक्षोभों (Mediterranean disturbances) के कारण होने वाली वर्षा को 'मावठ' कहते हैं। यह रबी की फसल, विशेषकर गेंहूँ और चने के लिए अत्यंत लाभदायक होती है, इसलिए इसे 'गोल्डन ड्रॉप्स' कहा जाता है। - प्रश्न: राजस्थान में 'वर्टीसोल्स' (मध्यम काली मिट्टी) का निर्माण और वितरण किन भौतिक कारकों द्वारा नियंत्रित होता है?
उत्तर: इसका निर्माण मुख्य रूप से हाड़ौती पठार क्षेत्र में क्रिटेशियस काल की बेसाल्टिक लावा चट्टानों के अपक्षय से होता है। इसका वितरण कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ जिलों में है और यह कपास की खेती के लिए प्रसिद्ध है। - प्रश्न: 'सेम' की समस्या क्या है और यह राजस्थान के किन क्षेत्रों में प्रमुख है?
उत्तर: सिंचाई के अतिरेक के कारण जब भूमिगत जल स्तर सतह पर आ जाता है और भूमि दलदली हो जाती है, तो उसे 'सेम' की समस्या कहते हैं। यह मुख्य रूप से इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) के सिंचित क्षेत्रों, विशेषकर हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में प्रमुख है। - प्रश्न: 'लू' और 'पुरवाई' हवाओं का राजस्थान की जलवायु पर क्या विपरीत प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: 'लू' ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम से चलने वाली अत्यंत गर्म और शुष्क हवा है जो तापमान बढ़ाती है। इसके विपरीत, 'पुरवाई' वर्षा ऋतु में बंगाल की खाड़ी से आने वाली आर्द्र हवा है जो राज्य में मानसूनी वर्षा का मुख्य कारण बनती है। - प्रश्न: 'सम' (जैसलमेर) गाँव वनस्पति रहित क्यों है?
उत्तर: क्योंकि यह पूर्णतः बालुका स्तूपों से ढका हुआ क्षेत्र है और यहाँ वार्षिक वर्षा 10 सेमी से भी कम होती है, जो किसी भी प्रकार की वनस्पति के पनपने के लिए प्रतिकूल है। - प्रश्न: थॉर्नथ्वेट का जलवायु वर्गीकरण कोपेन से किस आधार पर भिन्न है?
उत्तर: कोपेन का वर्गीकरण वनस्पति, वर्षा और तापमान पर आधारित है, जबकि थॉर्नथ्वेट का वर्गीकरण मुख्य रूप से वाष्पीकरण, वर्षा और तापमान पर आधारित है, जो इसे अधिक जटिल बनाता है। - प्रश्न: 'जिप्सीफेरस' मिट्टी की मुख्य विशेषता क्या है और यह कहाँ पाई जाती है?
उत्तर: यह जिप्सम युक्त क्षारीय मिट्टी होती है। यह मुख्य रूप से बीकानेर और नागौर के कुछ हिस्सों में पाई जाती है। - प्रश्न: राजस्थान में मानसून का प्रवेश और निर्गमन (लौटना) सामान्यतः किन तिथियों को होता है?
उत्तर: मानसून का प्रवेश सामान्यतः 15 जून के आसपास बांसवाड़ा से होता है और इसका निर्गमन सितंबर के अंत में पश्चिमी राजस्थान से शुरू होता है। - प्रश्न: 'अकाल' और 'सूखा' में क्या अवधारणात्मक अंतर है?
उत्तर: 'सूखा' एक मौसमी स्थिति है जिसमें सामान्य से कम वर्षा होती है। जब सूखे की स्थिति गंभीर हो जाए और उसके कारण चारा, जल और अन्न की कमी हो जाए, तो उस स्थिति को 'अकाल' (त्रिकाल) कहा जाता है।
भाग 4: कृषि एवं फसलें
- प्रश्न: 'वालरा' कृषि क्या है? इसे पर्यावरण के लिए हानिकारक क्यों माना जाता है?
उत्तर: यह दक्षिणी राजस्थान की भील जनजाति द्वारा की जाने वाली एक प्रकार की स्थानान्तरित कृषि (Shifting Cultivation) है। इसे हानिकारक माना जाता है क्योंकि इसमें वनों को जलाकर खेत तैयार किए जाते हैं, जिससे वन विनाश और मृदा अपरदन होता है। - प्रश्न: राजस्थान में सरसों के उत्पादन का "आर्थिक वरदान और पारिस्थितिक अभिशाप" दोनों पहलूओं से विश्लेषण करें।
उत्तर: आर्थिक वरदान इसलिए क्योंकि यह राजस्थान को देश का शीर्ष सरसों उत्पादक बनाता है और किसानों की आय का मुख्य स्रोत है। पारिस्थितिक अभिशाप इसलिए क्योंकि यह एक अधिक पानी चाहने वाली फसल है, जिससे भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन होता है। - प्रश्न: 'होहोबा' (Jojoba) और 'खजूर' की खेती राजस्थान के किन क्षेत्रों में लोकप्रिय हो रही है और क्यों?
उत्तर: इनकी खेती पश्चिमी राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों (जैसलमेर, बीकानेर) में लोकप्रिय हो रही है। क्योंकि ये दोनों पौधे अत्यंत कम पानी में और उच्च तापमान में भी पनप सकते हैं। होहोबा से प्राप्त तेल का औद्योगिक महत्व है और खजूर एक नकदी फसल है। - प्रश्न: 'राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र' कहाँ स्थित है और इसका मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर: यह तबीजी, अजमेर में स्थित है। इसका मुख्य कार्य जीरा, धनिया, सौंफ जैसे बीजीय मसालों की उन्नत किस्में विकसित करना, उत्पादन तकनीक में सुधार करना और रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाना है। - प्रश्न: राजस्थान में 'सिंचित क्षेत्र' और 'वर्षा-आधारित क्षेत्र' के फसल प्रतिरूप (Cropping Pattern) में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: सिंचित क्षेत्रों (गंगानगर, हनुमानगढ़) में गेंहूँ, कपास, सरसों जैसी नकदी और अधिक पानी चाहने वाली फसलें प्रमुख हैं। जबकि वर्षा-आधारित क्षेत्रों (पश्चिमी राजस्थान) में बाजरा, मोठ, ग्वार जैसी कम पानी में उगने वाली मोटा अनाज और दलहन फसलें प्रमुख हैं। - प्रश्न: 'नागौर का पानमेथी' और 'गंगानगर का किन्नू' क्यों प्रसिद्ध हैं?
उत्तर: 'नागौर का पानमेथी' अपनी विशिष्ट सुगंध के लिए प्रसिद्ध है और इसे GI (भौगोलिक संकेतक) टैग भी प्राप्त है। 'गंगानगर का किन्नू' अपने रस और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ की जलवायु इसके उत्पादन के लिए बहुत अनुकूल है। - प्रश्न: 'मिश्रित कृषि' से आप क्या समझते हैं? यह राजस्थानी किसानों के लिए जोखिम कम करने में कैसे सहायक है?
उत्तर: मिश्रित कृषि में फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन भी किया जाता है। यह किसानों के लिए जोखिम कम करती है क्योंकि यदि फसल खराब हो जाए तो वे दूध, ऊन और पशु बेचकर अपनी आय सुनिश्चित कर सकते हैं। - प्रश्न: 'जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग' (ZBNF) राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों के लिए कैसे एक स्थायी विकल्प हो सकती है?
उत्तर: क्योंकि इसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं होता, जिससे लागत कम होती है। यह स्थानीय संसाधनों जैसे गोबर, गोमूत्र (जीवामृत) पर आधारित है और यह मिट्टी की उर्वरता और जल धारण क्षमता को बढ़ाती है, जो शुष्क क्षेत्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। - प्रश्न: 'काजरी' (CAZRI) और 'आफरी' (AFRI) दोनों जोधपुर में स्थित हैं, लेकिन उनके अनुसंधान के फोकस में क्या मुख्य अंतर है?
उत्तर: 'काजरी' (केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान) मुख्य रूप से शुष्क कृषि, चारागाह विकास और मरुस्थलीकरण को रोकने पर अनुसंधान करता है। जबकि 'आफरी' (शुष्क वन अनुसंधान संस्थान) मुख्यतः शुष्क और अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में वनीकरण और वानिकी (Forestry) पर अनुसंधान करता है। - प्रश्न: 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' का लाभ राजस्थान के छोटे किसानों तक पूरी तरह से क्यों नहीं पहुँच पा रहा है? प्रमुख चुनौतियों का विश्लेषण करें।
उत्तर: प्रमुख चुनौतियाँ हैं: (1) प्रीमियम भरने के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी। (2) बीमा पॉलिसियों की जटिल शर्तें और लंबी दावा निपटान प्रक्रिया। (3) फसल नुकसान के आकलन की अविश्वसनीय प्रणाली। (4) जागरूकता का अभाव।
भाग 5: खनिज, ऊर्जा और उद्योग
- प्रश्न: राजस्थान को "खनिजों का अजायबघर" क्यों कहा जाता है? दो प्रमुख उदाहरणों के साथ स्पष्ट करें।
उत्तर: क्योंकि यहाँ लगभग 81 प्रकार के खनिजों का भंडार है, जिनमें से कई में राजस्थान का एकाधिकार है। उदाहरण: (1) वोलस्टोनाइट और सीसा-जस्ता का राजस्थान एकमात्र उत्पादक है। (2) संगमरमर, जिप्सम और चांदी के उत्पादन में भी यह देश में अग्रणी है। - प्रश्न: 'पलाना' और 'बरसिंगसर' क्यों प्रसिद्ध हैं? यहाँ मिलने वाले कोयले की गुणवत्ता क्या है?
उत्तर: ये बीकानेर जिले में स्थित प्रमुख लिग्नाइट कोयला खनन क्षेत्र हैं। यहाँ मिलने वाला लिग्नाइट कोयला सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता का माना जाता है, जिसमें कार्बन की मात्रा अधिक और नमी कम होती है। - प्रश्न: राजस्थान में 'गैर-पारंपरिक ऊर्जा' स्रोतों की विपुल संभावनाओं के क्या कारण हैं, विशेषकर सौर और पवन ऊर्जा के संदर्भ में?
उत्तर: सौर ऊर्जा के लिए, वर्ष में 300 से अधिक दिनों तक स्वच्छ और तीव्र सौर विकिरण तथा विशाल बंजर भूमि की उपलब्धता प्रमुख कारण है। पवन ऊर्जा के लिए, जैसलमेर, प्रतापगढ़ और जोधपुर जैसे क्षेत्रों में साल भर तेज और एक समान गति से हवाओं का चलना प्रमुख कारण है। - प्रश्न: 'डेगाना-भाकरी' का संबंध किस खनिज से है और वर्तमान में इसकी क्या स्थिति है?
उत्तर: इसका संबंध टंगस्टन खनिज से है, जो सामरिक महत्व का है। वर्तमान में यहाँ खनन लगभग बंद है क्योंकि आयातित टंगस्टन सस्ता पड़ता है। - प्रश्न: 'रीको' (RIICO) और 'राजसिको' (RAJSICO) की भूमिका में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: 'रीको' मध्यम और वृहद उद्योगों को बढ़ावा देने, औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने और वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली शीर्ष संस्था है। जबकि 'राजसिको' लघु उद्योगों और हस्तशिल्पियों को कच्चा माल, विपणन सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करती है। - प्रश्न: 'मकराना' का संगमरमर विश्व प्रसिद्ध क्यों है? इसकी मुख्य भूगर्भिक विशेषता क्या है?
उत्तर: यह अपनी उच्च गुणवत्ता, सफेदी और चमक के लिए प्रसिद्ध है, जिससे ताजमहल का निर्माण हुआ। इसकी मुख्य भूगर्भिक विशेषता यह है कि इसमें कैल्साइट की मात्रा बहुत अधिक (98% तक) होती है और अशुद्धियाँ न के बराबर होती हैं। - प्रश्न: 'खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स' किस देश के सहयोग से स्थापित किया गया था और यह किस जिले में है?
उत्तर: यह संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के सहयोग से स्थापित किया गया था और यह नीम का थाना (पूर्व में झुंझुनूं) जिले में स्थित है। - प्रश्न: राजस्थान में 'पेट्रोलियम उत्पादक बेसिन' को किन चार प्रमुख भागों में बांटा गया है?
उत्तर: (1) बाड़मेर-सांचौर बेसिन, (2) जैसलमेर बेसिन, (3) बीकानेर-नागौर बेसिन, और (4) विंध्यन बेसिन। - प्रश्न: 'भिवाड़ी' को 'राजस्थान का नया मैनचेस्टर' क्यों कहा जाने लगा है?
उत्तर: क्योंकि यह एक तेजी से उभरता हुआ औद्योगिक क्षेत्र है, विशेषकर ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग उद्योगों के लिए। यह भिवाड़ी-नीमराना-टपूकड़ा औद्योगिक कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है जो NCR के निकट होने के कारण महत्वपूर्ण है। - प्रश्न: 'रॉक फॉस्फेट' का उपयोग मुख्यतः किस उद्योग में होता है और इसके प्रमुख खनन क्षेत्र कौन से हैं?
उत्तर: इसका उपयोग मुख्यतः सुपर फॉस्फेट उर्वरक बनाने में होता है। इसका प्रमुख खनन क्षेत्र झामरकोटड़ा (उदयपुर) है, जो देश की सबसे बड़ी खानों में से एक है।
निष्कर्ष (The Final Word)
दोस्तों, ये प्रश्न केवल आपकी जानकारी का परीक्षण नहीं करते, बल्कि यह आपकी सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता को भी परखते हैं। RPSC में सफलता के लिए इसी तरह की गहरी और वैचारिक समझ की आवश्यकता है।
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भाग 1: भौतिक प्रदेश एवं भू-संरचना
- प्रश्न: 'अरावली का पिण्डमाण्ट पीडमॉन्ट मैदान' (Piedmont Plain) किस नदी बेसिन में स्थित है और इसकी प्रमुख विशेषता क्या है?
उत्तर: यह बनास बेसिन में, देवगढ़ के पास स्थित है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि यह एक अपरदित (Eroded) पठारी क्षेत्र है जहाँ ग्रेनाइट की বিচ্ছিন্ন (Detached) पहाड़ियाँ पाई जाती हैं। - प्रश्न: थार मरुस्थल में पाए जाने वाले 'बरखान' बालुका स्तूप 'अनुदैर्ध्य' (Longitudinal) स्तूपों की तुलना में अधिक गतिशील और हानिकारक क्यों होते हैं?
उत्तर: क्योंकि बरखान (अर्धचंद्राकार स्तूप) पवन की दिशा के लंबवत बनते हैं और हवा के साथ तेजी से अपना स्थान बदलते हैं, जिससे मरुस्थलीकरण फैलता है। जबकि अनुदैर्ध्य स्तूप पवन की दिशा के समानांतर बनते हैं और अपेक्षाकृत स्थिर होते हैं। - प्रश्न: "विंध्यन कगार भूमि" (Vindhyan Escarpment) का निर्माण बलुआ पत्थरों से हुआ है। यह राजस्थान के किन क्षेत्रों में विस्तृत है?
उत्तर: यह चम्बल और बनास नदियों के बीच, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में विस्तृत है, जो धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जिलों को कवर करती है। - प्रश्न: 'मगरा' और 'मेरवाड़ा' की पहाड़ियाँ अरावली के किस उप-भाग में स्थित हैं?
उत्तर: 'मगरा' उदयपुर के उत्तर-पश्चिम में स्थित पठारी क्षेत्र है, जबकि 'मेरवाड़ा' की पहाड़ियाँ मध्य अरावली का वह हिस्सा हैं जो मारवाड़ के मैदान को मेवाड़ के पठार से अलग करती हैं (मुख्यतः अजमेर के पास)। - प्रश्न: राजस्थान में 'टेथिस सागर' के अवशेष के रूप में किन भू-आकृतिक लक्षणों को प्रमाण माना जाता है?
उत्तर: पश्चिमी राजस्थान में खारे पानी की झीलों (जैसे सांभर, डीडवाना) की उपस्थिति और जैसलमेर के कुलधरा गांव के पास समुद्री जीवाश्मों का पाया जाना टेथिस सागर के अवशेष होने का प्रमुख प्रमाण है। - प्रश्न: 'आबू पर्वत खंड' को अरावली की मुख्य श्रृंखला से अलग करने वाली भू-आकृतिक इकाई कौन सी है?
उत्तर: आबू पर्वत खंड मुख्य अरावली श्रृंखला से 'ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट' (Great Boundary Fault) की एक शाखा द्वारा अलग होता है और यह ग्रेनाइट से निर्मित एक 'बैथोलिथ' संरचना है। - प्रश्न: 'त्रिकूट पहाड़ी' और 'चिड़िया टूंक पहाड़ी' पर कौन-से प्रसिद्ध दुर्ग स्थित हैं?
उत्तर: 'त्रिकूट पहाड़ी' पर जैसलमेर का सोनार किला स्थित है, जबकि 'चिड़िया टूंक पहाड़ी' पर जोधपुर का मेहरानगढ़ दुर्ग स्थित है। - प्रश्न: 'नाली' क्षेत्र का संबंध किस नदी से है और इसकी विशेषता क्या है?
उत्तर: 'नाली' क्षेत्र का संबंध घग्घर नदी के प्रवाह क्षेत्र (हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर) से है। यह एक समतल और उपजाऊ मैदान है जो नदी द्वारा लाई गई मिट्टी से बना है। - प्रश्न: 'भोराठ का पठार' और 'भोमट का पठार' में क्या अंतर है?
उत्तर: 'भोराठ का पठार' कुम्भलगढ़ और गोगुन्दा के बीच स्थित है। जबकि 'भोमट' उदयपुर, डूंगरपुर और सिरोही के भील जनजाति बहुल पठारी क्षेत्र को कहा जाता है। - प्रश्न: 'डेक्कन ट्रैप' की चट्टानें राजस्थान के किन भौतिक विभागों में पाई जाती हैं?
उत्तर: डेक्कन ट्रैप (क्रिटेशियस-इओसीन काल की लावा चट्टानें) मुख्य रूप से हाड़ौती के पठार और कुछ हद तक दक्षिणी-पूर्वी मेवाड़ के क्षेत्र में पाई जाती हैं।
भाग 2: अपवाह तंत्र एवं झीलें
- प्रश्न: 'जल द्वारा मृदा अपरदन' राजस्थान के किस भौतिक प्रदेश की प्रमुख समस्या है और इसके लिए कौनसी नदी मुख्य रूप से उत्तरदायी है?
उत्तर: यह दक्षिण-पूर्वी पठारी प्रदेश (हाड़ौती) और चम्बल बेसिन की प्रमुख समस्या है। इसके लिए चम्बल नदी द्वारा किया जाने वाला 'अवनलिका अपरदन' (Gully Erosion) मुख्य रूप से उत्तरदायी है। - प्रश्न: 'चूलिया जलप्रपात' किस नदी पर और किस जिले में स्थित है?
उत्तर: यह चम्बल नदी पर भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) के निकट स्थित है और यह राजस्थान का सबसे ऊँचा जलप्रपात है। - प्रश्न: 'नक्की झील' (माउंट आबू) के बारे में प्रचलित पौराणिक मान्यता क्या है और यह भूगर्भिक दृष्टि से किस प्रकार की झील है?
उत्तर: पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसका निर्माण देवताओं ने अपने नाखूनों से खोदकर किया था। भूगर्भिक दृष्टि से, यह एक 'क्रेटर झील' (ज्वालामुखी के मुहाने पर बनी झील) का उदाहरण मानी जाती है। - प्रश्न: वह कौनसी नदी है जो राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच दो बार सीमा बनाती है?
उत्तर: चम्बल नदी। यह पहले चौरासीगढ़ के पास और फिर सवाई माधोपुर-कोटा के पास राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा बनाती है। - प्रश्न: 'पलाया झीलें' क्या होती हैं?
उत्तर: मरुस्थलीय क्षेत्रों में बालुका स्तूपों के बीच वर्षा का जल भर जाने से बनी अस्थायी और खारे पानी की झीलों को 'पलाया' कहते हैं। - प्रश्न: 'सेई परियोजना' का मुख्य उद्देश्य क्या है और इससे किस झील को जल की आपूर्ति होती है?
उत्तर: सेई परियोजना का मुख्य उद्देश्य उदयपुर की झीलों में जल की आवक बढ़ाना है। इस परियोजना के तहत सेई नदी के पानी को एक सुरंग के माध्यम से जवाई बांध (पाली) में डाला जाता है, जो उदयपुर की झीलों को भी जल प्रदान करता है। - प्रश्न: 'बांकली बांध' किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: यह सुकड़ी नदी पर, जालौर जिले में स्थित है। - प्रश्न: 'फुलवारी की नाल' अभयारण्य से कौन-कौन सी प्रमुख नदियाँ निकलती हैं?
उत्तर: इस अभयारण्य से मानसी, वाकल और सोम नदियों का उद्गम होता है। - प्रश्न: 'गैप सागर झील' कहाँ स्थित है और इसका निर्माण किसने करवाया था?
उत्तर: यह डूंगरपुर में स्थित है और इसका निर्माण महारावल गोपीनाथ ने करवाया था। - प्रश्न: 'कनक सागर' झील किस जिले में स्थित है और इसे किस अन्य नाम से भी जाना जाता है?
उत्तर: यह बूंदी जिले में स्थित है और इसे 'दुगारी झील' के नाम से भी जाना जाता है।
भाग 3: जलवायु एवं मृदा
- प्रश्न: राजस्थान में 'तापीय विषमता' (Thermal Contrast) सर्वाधिक किस क्षेत्र में और क्यों पाई जाती है?
उत्तर: सर्वाधिक तापीय विषमता (दैनिक और वार्षिक) पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में पाई जाती है। इसका कारण रेतीली मिट्टी है जो बहुत जल्दी गर्म होती है और बहुत जल्दी ठंडी हो जाती है, साथ ही यहाँ की शुष्क और मेघ-रहित जलवायु भी इसका एक कारण है। - प्रश्न: 'अरावली का वृष्टि-छाया प्रदेश' राजस्थान के किन जिलों को प्रभावित करता है?
उत्तर: यह अरब सागर से आने वाली मानसूनी हवाओं के प्रभाव क्षेत्र को प्रभावित करता है, जिससे अरावली के पश्चिमी ढलान वाले जिले जैसे जोधपुर, नागौर, पाली का पश्चिमी भाग कम वर्षा प्राप्त करते हैं और वृष्टि-छाया प्रदेश में आते हैं। - प्रश्न: 'साइरोजेक्स' और 'रेवेरिना' प्रकार की मिट्टियाँ राजस्थान के किन क्षेत्रों में पाई जाती हैं?
उत्तर: यह मिट्टियों का एक अमेरिकी वर्गीकरण है। 'साइरोजेक्स' श्रीगंगानगर में और 'रेवेरिना' गंगानगर और हनुमानगढ़ के कुछ हिस्सों में पाई जाने वाली क्षारीय और लवणीय मिट्टियाँ हैं। - प्रश्न: 'बभूल्या' (Babulya) क्या है और यह सामान्यतः किस मौसम में बनता है?
उत्तर: 'बभूल्या' ग्रीष्म ऋतु में बनने वाले स्थानीय वायु भंवर या चक्रवात (Dust Devil) को कहते हैं, जो गर्म हवा के तेजी से ऊपर उठने के कारण बनता है। - प्रश्न: 'अम्लीय मिट्टी' की समस्या राजस्थान के किन जिलों में अधिक है और इसके उपचार के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?
उत्तर: अम्लीय मिट्टी की समस्या आर्द्र क्षेत्रों जैसे डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर में अधिक है। इसके उपचार के लिए 'रॉक फॉस्फेट' का उपयोग किया जाता है। - प्रश्न: मानसून की 'विच्छेद' या 'अंतराल' (Break in Monsoon) की घटना का क्या कारण है?
उत्तर: जब मानसूनी गर्त (Monsoon Trough) हिमालय की तलहटी में खिसक जाता है, तो मैदानी इलाकों में वर्षा रुक जाती है। इस घटना को मानसून का विच्छेद कहते हैं। - प्रश्न: 'इन्सेप्टीसोल्स' (Inceptisols) प्रकार की मिट्टी कहाँ पाई जाती है?
उत्तर: यह एक नवीन मृदा वर्ग है जो अर्द्ध-शुष्क से लेकर आर्द्र क्षेत्रों में, अरावली के ढलानों पर (सिरोही, पाली, राजसमंद, उदयपुर) पाई जाती है। - प्रश्न: राजस्थान में वर्षा की मात्रा किस दिशा से किस दिशा की ओर कम होती जाती है?
उत्तर: वर्षा की मात्रा दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर घटती जाती है। - प्रश्न: 'डग-गंगाधर' उच्च भूमि क्षेत्र जलवायु की दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: झालावाड़ में स्थित यह क्षेत्र राज्य का सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला स्थान है, जो इसे 'अति-आर्द्र' जलवायु प्रदेश का प्रतिनिधि बनाता है। - प्रश्न: 'अपरदन चक्र' की कौन सी अवस्था में अरावली पर्वतमाला वर्तमान में है?
उत्तर: अरावली पर्वतमाला वर्तमान में अपरदन चक्र की अंतिम अवस्था, अर्थात 'जीर्णावस्था' (Senile Stage) में है, जिसके कारण इसकी ऊंचाई लगातार घट रही है।
भाग 4: कृषि, खनिज एवं ऊर्जा
- प्रश्न: 'सेवण' घास का वैज्ञानिक नाम क्या है और यह किस भूगर्भिक संरचना के ऊपर उगती है?
उत्तर: इसका वैज्ञानिक नाम 'लसीउरुस सिडिकुस' (Lasiurus Sindicus) है। यह जैसलमेर की 'लाठी सीरीज' नामक भूगर्भिक जल-पट्टी के ऊपर उगती है। - प्रश्न: 'चांदीपुर' और 'आनंदपुर भूकिया' क्षेत्र किस खनिज के खनन के लिए प्रसिद्ध हैं?
उत्तर: ये दोनों क्षेत्र (बांसवाड़ा में स्थित) सोने (Gold) के खनन के लिए प्रसिद्ध हैं। - प्रश्न: 'सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन' को "राजस्थान का आधुनिक तीर्थ स्थल" क्यों कहा जाता है?
उत्तर: क्योंकि यह राजस्थान का पहला सुपर थर्मल पावर प्लांट है और राज्य की ऊर्जा आपूर्ति में इसका बहुत बड़ा योगदान है। - प्रश्न: 'सेमकोर ग्लास फैक्ट्री' कहाँ स्थित है और यह किस प्रकार के कांच का उत्पादन करती है?
उत्तर: यह कोटा में स्थित है और यह टीवी की पिक्चर ट्यूब के कांच का उत्पादन करती है। - प्रश्न: 'चेती' या 'दमश्क' गुलाब की खेती राजस्थान में कहाँ होती है?
उत्तर: इसकी खेती खमनौर (राजसमंद) में होती है और इसका उपयोग गुलकंद बनाने में होता है। - प्रश्न: 'कवास' (बाड़मेर) में आई बाढ़ का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर: इसका मुख्य कारण क्षेत्र के नीचे जिप्सम की एक कठोर परत का होना था, जिसने वर्षा के जल को भूमि में रिसने से रोक दिया, जिससे सतह पर जल भराव हो गया। - प्रश्न: राजस्थान में 'मैंगनीज' का उत्पादन मुख्य रूप से किन जिलों में होता है?
उत्तर: इसका उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा और उदयपुर जिलों में होता है। - प्रश्न: 'भादला सोलर पार्क' (Bhadla Solar Park) की स्थापना में किन संस्थाओं का सहयोग रहा है?
उत्तर: यह जोधपुर में स्थित है और इसकी स्थापना राजस्थान सरकार, IL&FS और अडानी ग्रुप जैसी कई संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से हुई है। - प्रश्न: 'राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र' कहाँ स्थित है?
उत्तर: यह सेवर, भरतपुर में स्थित है। - प्रश्न: 'चंदेरिया' (चित्तौड़गढ़) किसलिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: यह एशिया के सबसे बड़े सीसा-जस्ता स्मेल्टर (Zinc-Lead Smelter) प्लांट के लिए प्रसिद्ध है।
भाग 5: वन्यजीव, जनसंख्या एवं विविध
- प्रश्न: 'धोकड़ा' क्या है और इसका राजस्थान की वानिकी में क्या महत्व है?
उत्तर: धोकड़ा (Anogeissus pendula) राजस्थान के वनों में पाया जाने वाला एक प्रमुख वृक्ष है। इसका महत्व यह है कि यह राज्य के लगभग 58% वन क्षेत्र को कवर करता है और इसका उपयोग जलाऊ लकड़ी और कोयला बनाने में होता है। - प्रश्न: 'ताल छापर' अभयारण्य किन दो प्रमुख प्रजातियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है?
उत्तर: यह काले हिरण (Blackbuck) और प्रवासी पक्षी 'कुरजां' (Demoiselle Crane) के लिए प्रसिद्ध है। - प्रश्न: 2011 की जनगणना के अनुसार, राजस्थान के किन जिलों का लिंगानुपात (ग्रामीण और शहरी दोनों) 1000 से अधिक था?
उत्तर: राजस्थान के किसी भी जिले का कुल लिंगानुपात 1000 से अधिक नहीं था। हालांकि, पाली जिले का ग्रामीण लिंगानुपात 1003 था। - प्रश्न: 'सांसी' और 'कंजर' जनजातियों के निवास क्षेत्र मुख्यतः कहाँ हैं?
उत्तर: 'सांसी' जनजाति मुख्यतः भरतपुर और झुंझुनूं में निवास करती है, जबकि 'कंजर' जनजाति कोटा और बूंदी (हाड़ौती क्षेत्र) में निवास करती है। - प्रश्न: 'मरु विकास कार्यक्रम' (DDP) और 'सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम' (DPAP) के बीच चयन का मुख्य आधार क्या था?
उत्तर: 'मरु विकास कार्यक्रम' उन क्षेत्रों में लागू किया गया जहाँ मरुस्थलीकरण की समस्या गंभीर थी, जबकि 'सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम' उन क्षेत्रों में लागू किया गया जहाँ सूखे की पुनरावृत्ति अधिक होती थी। - प्रश्न: 'केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान' को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में क्यों शामिल किया गया है?
उत्तर: इसे पक्षियों की विविधता, विशेषकर शीतकाल में आने वाले प्रवासी पक्षी 'साइबेरियन क्रेन' के अद्वितीय आवास स्थल होने के कारण विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। - प्रश्न: राजस्थान में 'न्यूनतम दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर' वाला जिला कौन सा है?
उत्तर: 2011 की जनगणना के अनुसार, न्यूनतम दशकीय वृद्धि दर (10.0%) श्रीगंगानगर जिले की थी। - प्रश्न: 'अमृता देवी बिश्नोई' का बलिदान किस गाँव और किस वृक्ष की रक्षा से जुड़ा है?
उत्तर: उनका बलिदान खेजड़ली गाँव (जोधपुर) में 'खेजड़ी' वृक्षों की रक्षा से जुड़ा है। - प्रश्न: 'सहरिया' जनजाति को 'आदिम जनजाति समूह' में शामिल करने का क्या कारण है?
उत्तर: उनकी विशिष्ट पिछड़ी सामाजिक-आर्थिक स्थिति, घटती जनसंख्या, और आज भी आदिम कृषि तकनीकों पर निर्भरता के कारण उन्हें भारत सरकार द्वारा राजस्थान की एकमात्र आदिम जनजाति समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। - प्रश्न: 'राष्ट्रीय राजमार्ग 44' (NH-44) राजस्थान के किस एकमात्र जिले से होकर गुजरता है?
उत्तर: यह धौलपुर जिले से होकर गुजरता है। (यह उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर का हिस्सा है)।
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नमस्कार दोस्तों! पिछली प्रश्नोत्तरी की शानदार सफलता के बाद, हम आपके लिए 50 और ऐसे प्रश्न लेकर आए हैं जो आपकी तैयारी को फाइनल टच देंगे। यह प्रश्न RPSC Mains और इंटरव्यू में आपकी विश्लेषणात्मक क्षमता को प्रदर्शित करने में मदद करेंगे।
भाग 1: उन्नत भौतिक प्रदेश एवं भूगर्भिक संरचना
- प्रश्न: 'ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट' (Great Boundary Fault) अरावली और विंध्यन पर्वतमाला के मिलन बिंदु पर एक संरचनात्मक भ्रंश है। राजस्थान की स्थलाकृति और नदी प्रणालियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: इस भ्रंश के कारण चम्बल जैसी नदियाँ एक रैखिक (linear) मार्ग में बहती हैं। इसने बूंदी और सवाई माधोपुर की पहाड़ियों की विशिष्ट संरचना को जन्म दिया है और यह क्षेत्र भूगर्भिक रूप से अस्थिर माना जाता है। - प्रश्न: पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थलीयकरण में 'परवलयिक' (Parabolic) और 'सब्र काफीज' (Sabr Kaffiz) बालुका स्तूपों की क्या भूमिका है?
उत्तर: परवलयिक स्तूपों की भुजाएं पवन की दिशा में होती हैं और ये अधिक स्थिर होते हैं, लेकिन इनके बीच के कॉरिडोर (गासी) से हवा तेजी से आगे बढ़ती है। सब्र काफीज (वनस्पति के पास बनने वाले छोटे स्तूप) अस्थाई होते हैं और हवा के साथ रेत को आगे बढ़ाकर मरुस्थलीकरण को बढ़ावा देते हैं। - प्रश्न: भूगर्भिक समय-सारणी के अनुसार, अरावली पर्वतमाला का निर्माण किस कल्प (Era) में हुआ था और यह किस प्रकार का पर्वत है?
उत्तर: इसका निर्माण प्री-कैम्ब्रियन कल्प (Proterozoic Era) में हुआ था। यह विश्व के सबसे प्राचीन वलित (Fold) पर्वतों में से एक है, जो अब अपरदन के कारण एक अवशिष्ट (Residual) पर्वत के रूप में शेष है। - प्रश्न: 'अंगारा लैंड' और 'गोंडवाना लैंड' के संदर्भ में राजस्थान की वर्तमान भू-संरचना को समझाइए।
उत्तर: राजस्थान का पश्चिमी मरुस्थलीय भाग और मैदानी क्षेत्र 'टेथिस सागर' के अवशेष हैं, जो अंगारा लैंड और गोंडवाना लैंड के बीच स्थित था। जबकि दक्षिणी-पूर्वी पठारी भाग और अरावली 'गोंडवाना लैंड' के हिस्से माने जाते हैं। - प्रश्न: 'मेरवाड़ा की पहाड़ियाँ' सामरिक और सांस्कृतिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण रही हैं?
उत्तर: क्योंकि ये पहाड़ियाँ मेवाड़ (राजपूताना) और मारवाड़ (अजमेर-मेरवाड़ा) के बीच एक प्राकृतिक सीमा और बफर जोन का काम करती थीं। यह क्षेत्र मेर जनजाति का निवास स्थान भी रहा है, जिनकी अपनी विशिष्ट संस्कृति है। - प्रश्न: 'आकल वुड फॉसिल पार्क' (Akal Wood Fossil Park) किस भूगर्भिक काल के जीवाश्मों को संरक्षित करता है?
उत्तर: यह जुरासिक काल (लगभग 18 करोड़ वर्ष पुराने) के विशाल पेड़ों के जीवाश्मों को संरक्षित करता है। - प्रश्न: 'मुकुंदवाड़ा की पहाड़ियाँ' कहाँ स्थित हैं और इनका आकार कैसा है?
उत्तर: ये कोटा और झालावाड़ के बीच स्थित हैं। इनका आकार अर्द्ध-चंद्राकार है। - प्रश्न: राजस्थान में 'इन्सेलबर्ग' (Inselberg) का सबसे अच्छा उदाहरण कौनसा है?
उत्तर: जालौर क्षेत्र में स्थित ग्रेनाइट की गुम्बदाकार पहाड़ियाँ (जैसे - जसवंतपुरा की पहाड़ियाँ) इन्सेलबर्ग का उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जो अपरदन के बाद बचे कठोर चट्टानी भाग हैं। - प्रश्न: राजस्थान के पूर्वी मैदानी भाग को 'रोही' का मैदान क्यों कहा जाता है?
उत्तर: 'रोही' का अर्थ है उपजाऊ जलोढ़ मैदान। चूँकि पूर्वी मैदान बनास, बाणगंगा और चम्बल जैसी नदियों द्वारा लाई गई उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी से बना है, इसलिए इसे रोही का मैदान कहते हैं। - प्रश्न: 'हममादा', 'रेग' और 'इर्ग' में क्या अंतर है?
उत्तर: ये मरुस्थल के प्रकार हैं। 'हममादा' पथरीला मरुस्थल है (जैसे- पोकरण-जैसलमेर-रामगढ़)। 'रेग' पथरीला और रेतीला मिश्रित मरुस्थल है। 'इर्ग' संपूर्ण रेतीला मरुस्थल है जहाँ विशाल बालुका स्तूप होते हैं।
भाग 2: जटिल अपवाह तंत्र एवं जल संसाधन
- प्रश्न: 'वाटरशेड' और 'नदी बेसिन' में क्या अंतर है? चम्बल बेसिन के संदर्भ में समझाएं।
उत्तर: 'नदी बेसिन' एक बड़ी नदी और उसकी सभी सहायक नदियों का कुल अपवाह क्षेत्र होता है (जैसे चम्बल और उसकी सहायक नदियाँ)। 'वाटरशेड' एक छोटा जलग्रहण क्षेत्र होता है जो किसी एक छोटी नदी या नाले का होता है। कई छोटे वाटरशेड मिलकर एक बड़ा नदी बेसिन बनाते हैं। - प्रश्न: राजस्थान की पारंपरिक जल संरक्षण विधि 'नाड़ी' और 'टोबा' में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: 'नाड़ी' एक छोटा, कच्चा तालाब होता है जिसका आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है। 'टोबा' नाड़ी से अधिक गहरा और पक्का होता है और इसका जलग्रहण क्षेत्र भी बड़ा होता है। टोबा का पानी अधिक समय तक चलता है। - प्रश्न: डीडवाना झील के नमक में सोडियम सल्फेट (Na₂SO₄) की अधिकता का क्या कारण है और यह इसे औद्योगिक रूप से कैसे उपयोगी बनाती है?
उत्तर: यहाँ की चट्टानों और मिट्टी की विशिष्ट रासायनिक संरचना के कारण इसके नमक में सोडियम क्लोराइड की जगह सोडियम सल्फेट अधिक होता है। इस कारण इसका नमक खाने योग्य नहीं होता, लेकिन इसका उपयोग कागज और चमड़ा उद्योग में होता है, जिसके लिए यहाँ 'राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स' स्थापित है। - प्रश्न: 'इंटर-स्टेट रिवर लिंकिंग' के संदर्भ में, 'पार्वती-कालीसिंध-चंबल' लिंक परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका मुख्य उद्देश्य पार्वती और कालीसिंध नदियों के अधिशेष (surplus) मानसूनी जल को चम्बल नदी में स्थानांतरित करना है ताकि पूर्वी राजस्थान के जिलों में पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान हो सके। - प्रश्न: 'खड़ीन' जल संरक्षण की एक वैज्ञानिक विधि कैसे है? इसके कृषि और पारिस्थितिक लाभ बताएं।
उत्तर: यह एक वैज्ञानिक विधि है क्योंकि इसमें ढलान वाले क्षेत्र में एक अस्थायी बांध बनाकर पानी को रोका जाता है। पानी सूखने के बाद जो नमी युक्त उपजाऊ मिट्टी बचती है, उस पर बिना सिंचाई के रबी की फसल (जैसे- गेंहूँ, चना) ली जाती है। यह भूमिगत जल का पुनर्भरण भी करती है। - प्रश्न: राजस्थान में 'डार्क जोन' या 'अति-दोहित' ब्लॉक का क्या अर्थ है?
उत्तर: ये वे क्षेत्र हैं जहाँ भूमिगत जल का दोहन उसकी पुनर्भरण दर से कहीं अधिक (100% से ज़्यादा) हो चुका है, जिससे जल स्तर खतरनाक रूप से नीचे चला गया है। - प्रश्न: 'बाटाडू का कुआँ' (रेगिस्तान का जल महल) किस जिले में है और इसका निर्माण किसने करवाया?
उत्तर: यह बायतू, बालोतरा (पूर्व में बाड़मेर) जिले में है। इसका निर्माण रावल गुलाब सिंह ने करवाया था। - प्रश्न: 'बापनी' या 'बामनी' नदी किस प्रमुख नदी की सहायक नदी है?
उत्तर: यह चम्बल नदी की सहायक नदी है जो भैंसरोड़गढ़ के पास चम्बल में मिलती है। - प्रश्न: 'पचपदरा झील' का नमक सर्वोत्तम गुणवत्ता का क्यों माना जाता है?
उत्तर: क्योंकि इसके नमक में सोडियम क्लोराइड (NaCl) की मात्रा 98% तक होती है। यहाँ खारवाल जाति के लोग 'मोरली' झाड़ी का उपयोग करके नमक के स्फटिक बनाते हैं। - प्रश्न: 'साबरमती नदी' का उद्गम राजस्थान से होता है, फिर भी इसका अधिकांश लाभ गुजरात को क्यों मिलता है?
उत्तर: क्योंकि इसका उद्गम उदयपुर की पहाड़ियों से होता है, लेकिन राजस्थान में इसका प्रवाह क्षेत्र बहुत छोटा (लगभग 45 किमी) है। इसके बाद यह गुजरात में प्रवेश कर जाती है जहाँ इसकी लम्बाई और बेसिन क्षेत्र बहुत अधिक है।
भाग 3: जलवायु, मृदा एवं वनस्पति के अंतर्संबंध
- प्रश्न: 'जेट स्ट्रीम' का प्रभाव राजस्थान में शीतकालीन वर्षा ('मावठ') और ग्रीष्मकालीन मानसून दोनों पर कैसे पड़ता है?
उत्तर: शीतकाल में, 'पछुआ जेट स्ट्रीम' भूमध्य सागर से पश्चिमी विक्षोभों को भारत की ओर लाती है, जिससे मावठ होती है। ग्रीष्मकाल में, 'पूर्वी जेट स्ट्रीम' तिब्बत के पठार पर एक निम्न दाब का क्षेत्र बनाती है जो भारतीय मानसून को आकर्षित करने और उसे तीव्र करने में मदद करता है। - प्रश्न: 'एरिडीसोल्स' और 'एन्टीसोल्स' मृदा वर्गों में क्या मूलभूत अंतर है?
उत्तर: 'एरिडीसोल्स' शुष्क जलवायु की विकसित मिट्टी है जिसमें खनिज परतें (संस्तर) बन चुकी होती हैं। यह मुख्य रूप से पश्चिमी राजस्थान में पाई जाती है। 'एन्टीसोल्स' एक अविकसित नवीन मिट्टी है जिसमें कोई परत नहीं होती और यह सभी प्रकार की जलवायु में मिल सकती है, जैसे नदियों द्वारा लाई गई नई जलोढ़ मिट्टी। - प्रश्न: अरावली पर्वतमाला के पूर्वी और पश्चिमी ढलानों पर पाई जाने वाली वनस्पति में भिन्नता का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: मुख्य कारण वर्षा की मात्रा में अंतर है। पूर्वी ढलान बंगाल की खाड़ी के मानसून से अधिक वर्षा प्राप्त करते हैं, इसलिए यहाँ घने और चौड़ी पत्ती वाले धोकड़ा और सालर के वन मिलते हैं। पश्चिमी ढलान वृष्टि-छाया क्षेत्र में आते हैं, जहाँ कम वर्षा के कारण कंटीली झाड़ियाँ और मरुद्भिद वनस्पति मिलती है। - प्रश्न: 'तापीय प्रतिलोमन' (Temperature Inversion) की घटना का राजस्थान के किस भौगोलिक क्षेत्र पर सर्दियों में सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: इसका प्रभाव माउंट आबू क्षेत्र पर सर्दियों में सबसे अधिक पड़ता है। रात में, पहाड़ियों की ऊपरी ठंडी हवा भारी होकर घाटियों में नीचे उतरती है और निचली गर्म हवा को ऊपर धकेल देती है, जिससे घाटी का तापमान पहाड़ी की चोटी से भी कम हो जाता है। - प्रश्न: 'लवणीय/क्षारीय' मिट्टी के निर्माण में सिंचाई की क्या भूमिका है?
उत्तर: जब शुष्क क्षेत्रों में अत्यधिक सिंचाई की जाती है, तो 'केशिका क्रिया' (Capillary Action) द्वारा भूमि के नीचे का लवण पानी के साथ घुलकर सतह पर आ जाता है। पानी वाष्पीकृत हो जाता है और सतह पर नमक की एक सफेद परत छोड़ जाता है, जिससे मिट्टी लवणीय हो जाती है। - प्रश्न: 'खस' घास राजस्थान के किन जिलों में पाई जाती है और इसका मुख्य उपयोग क्या है?
उत्तर: यह सवाई माधोपुर, भरतपुर और टोंक जिलों में पाई जाने वाली एक सुगंधित घास है। इसकी जड़ों से इत्र, शर्बत और कूलर की टाटियाँ बनाई जाती हैं। - प्रश्न: 'वन रिपोर्ट 2021' के अनुसार राजस्थान में 'आरक्षित वन' (Reserved), 'रक्षित वन' (Protected) और 'अवर्गीकृत वन' (Unclassed) का प्रतिशत क्या है?
उत्तर: नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, आरक्षित वन लगभग 37%, रक्षित वन लगभग 56.5%, और अवर्गीकृत वन लगभग 6.5% हैं। (ये आंकड़े थोड़े बदल सकते हैं)। - प्रश्न: 'कथौड़ी' जनजाति किस वृक्ष से कत्था निकालने का कार्य पारंपरिक रूप से करती है?
उत्तर: यह जनजाति 'खैर' (Acacia catechu) वृक्ष की लकड़ी से कत्था निकालने का कार्य करती है। - प्रश्न: 'उप-आर्द्र' (Sub-humid) जलवायु प्रदेश की प्रतिनिधि फसलें कौन सी हैं?
उत्तर: इस प्रदेश (जयपुर, अलवर, दौसा) में, जहाँ वर्षा 50-80 सेमी होती है, ज्वार, बाजरा, सरसों और गेंहूँ जैसी फसलें प्रमुख हैं। - प्रश्न: 'मरु त्रिकोण' (Desert Triangle) का क्या अर्थ है?
उत्तर: यह पर्यटन से संबंधित एक अवधारणा है जिसमें जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर शहरों को शामिल किया गया है, जो मरुस्थलीय पर्यटन का एक प्रमुख सर्किट बनाते हैं।
भाग 4: जनसंख्या, पर्यटन एवं परिवहन
- प्रश्न: 2011 की जनगणना के अनुसार, राजस्थान में पुरुष साक्षरता और महिला साक्षरता में सर्वाधिक अंतर किस जिले में है?
उत्तर: सर्वाधिक अंतर (लगभग 27.1%) झुंझुनूं जिले में है, जहाँ पुरुष साक्षरता बहुत अधिक है लेकिन महिला साक्षरता तुलनात्मक रूप से कम है। - प्रश्न: 'गोल्डन ट्रायंगल' (स्वर्णिम त्रिभुज) और 'मरु त्रिकोण' (डेजर्ट ट्रायंगल) में कौन सा शहर कॉमन है?
उत्तर: जयपुर शहर। 'गोल्डन ट्रायंगल' में दिल्ली, आगरा और जयपुर शामिल हैं, जबकि 'मरु त्रिकोण' में जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर शामिल थे, जिसे अब जयपुर तक विस्तारित किया गया है। - प्रश्न: 'रिडकोर' (RIDCOR) का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर: रिडकोर (Road Infrastructure Development Company of Rajasthan) का मुख्य कार्य 'मेगा हाईवे' जैसी बड़ी सड़क परियोजनाओं का विकास और रखरखाव करना है। - प्रश्न: 'डामोर' जनजाति की पंचायत के मुखिया को क्या कहा जाता है?
उत्तर: डामोर जनजाति (डूंगरपुर) की पंचायत के मुखिया को 'मुखी' कहा जाता है। - प्रश्न: राजस्थान में 'न्यूनतम जनसंख्या घनत्व' वाले जिले जैसलमेर के बाद दूसरा जिला कौन सा है?
उत्तर: बीकानेर (78 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी, जनगणना 2011)। - प्रश्न: 'पैलेस ऑन व्हील्स' शाही ट्रेन का यात्रा मार्ग क्या है?
उत्तर: यह दिल्ली से शुरू होकर जयपुर, सवाई माधोपुर (रणथम्भौर), चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर (केवलादेव) और आगरा होते हुए वापस दिल्ली लौटती है। - प्रश्न: 'साक्षरता दर' और 'शिक्षित जनसंख्या' में क्या अंतर है?
उत्तर: 'साक्षरता दर' 7 वर्ष और उससे अधिक आयु की कुल जनसंख्या में से साक्षर लोगों का प्रतिशत है। 'शिक्षित जनसंख्या' में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने औपचारिक शिक्षा प्राप्त की है, जबकि साक्षर कोई भी व्यक्ति हो सकता है जो किसी भी भाषा को पढ़ और लिख सकता है। - प्रश्न: 'मीणा' जनजाति के 'चौकीदार मीणा' और 'जमींदार मीणा' में क्या सामाजिक अंतर है?
उत्तर: 'चौकीदार मीणा' वे थे जो रियासती काल में राजकोष और किलों की सुरक्षा का कार्य करते थे और स्वयं को उच्च मानते थे। 'जमींदार मीणा' वे थे जो कृषि और पशुपालन का कार्य करते थे। - प्रश्न: 'उत्तर-पश्चिम रेलवे' का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
उत्तर: जयपुर में। - प्रश्न: 'धार्मिक पर्यटन सर्किट' में किन स्थानों को जोड़ने का प्रस्ताव है?
उत्तर: इसमें विभिन्न धर्मों के प्रमुख स्थलों जैसे अजमेर शरीफ, पुष्कर, श्रीनाथजी (नाथद्वारा), महावीर जी, और खाटूश्यामजी को जोड़ने का प्रस्ताव है।
भाग 5: विविध (Advanced Concepts)
- प्रश्न: 'मेवात क्षेत्र विकास कार्यक्रम' किन जिलों पर केंद्रित है?
उत्तर: यह मेव जनजाति बहुल अलवर और भरतपुर जिलों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर केंद्रित है। - प्रश्न: 'कूबड़ पट्टी' (Hump-Belt) या 'बांका पट्टी' क्या है और यह क्यों बनती है?
उत्तर: यह नागौर और अजमेर के बीच का क्षेत्र है जहाँ पानी में फ्लोराइड की मात्रा बहुत अधिक है। इस पानी को पीने से लोगों की हड्डियों में विकृति आ जाती है और वे झुककर चलने लगते हैं, इसलिए इसे कूबड़ पट्टी कहते हैं। - प्रश्न: 'अरावली वनीकरण परियोजना' (Aravali Afforestation Project) किस देश के सहयोग से चलाई गई थी?
उत्तर: यह जापान के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बैंक (OECF/JBIC) के सहयोग से चलाई गई थी। - प्रश्न: राजस्थान की 'औसत जोत' (Average Land Holding) का आकार राष्ट्रीय औसत से बड़ा क्यों है?
उत्तर: क्योंकि राजस्थान, विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में, भूमि का एक बड़ा हिस्सा शुष्क, रेतीला और कम उपजाऊ है। इसलिए, जीवन निर्वाह के लिए किसानों को बड़े आकार की भूमि की आवश्यकता होती है। - प्रश्न: 'BRIC' देशों के 'न्यू डेवलपमेंट बैंक' (NDB) ने राजस्थान की किस परियोजना के लिए ऋण प्रदान किया है?
उत्तर: NDB ने 'राजस्थान ग्रामीण जलापूर्ति और फ्लोरोसिस शमन परियोजना' के लिए ऋण प्रदान किया है। - प्रश्न: 'ऑपरेशन खेजड़ा' कब और क्यों शुरू किया गया था?
उत्तर: यह 1991 में खेजड़ी वृक्षों को सेलेस्ट्रिना (कीट) से बचाने और उनके संरक्षण के लिए शुरू किया गया था। - प्रश्न: 'मरुगंगा' परियोजना का संबंध किससे है?
उत्तर: इसका संबंध इंदिरा गांधी नहर के कमांड क्षेत्र में पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने से है। - प्रश्न: 'लाम्पो' (LAMPO) क्या है?
उत्तर: यह 'लार्ज एरिया मल्टी-परपज सोसाइटीज' (Large Area Multi-purpose Societies) का संक्षिप्त रूप है, जो आदिवासी क्षेत्रों में किसानों को ऋण, खाद, बीज और अन्य सुविधाएं प्रदान करती हैं। - प्रश्न: राजस्थान में 'गुलाबी क्रांति' का संबंध किससे है?
उत्तर: इसका संबंध 'झींगा मछली' (Prawn) के उत्पादन से है, जिसे खारे पानी की झीलों में बढ़ावा दिया जा रहा है। - प्रश्न: 'चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स' का कारखाना 'गडेपान' में स्थित है। यह किस जिले में है?
उत्तर: यह कोटा जिले में स्थित है।
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दोस्तों, हमारी RPSC भूगोल प्रश्नोत्तरी के इस अंतिम और सबसे एडवांस भाग में आपका स्वागत है। पिछले भागों में हमने आधारभूत और वैचारिक प्रश्नों को समझा। अब हम उन 'अछूते' और विशेषज्ञ-स्तरीय प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो आपकी रैंक निर्धारित कर सकते हैं।
भाग 1: भूगर्भिक एवं भू-आकृतिक रहस्य
- प्रश्न: 'मालानी आग्नेय समूह' (Malani Igneous Suite) की चट्टानें राजस्थान के किस भाग में पाई जाती हैं और इनका भूगर्भिक महत्व क्या है?
उत्तर: ये चट्टानें मुख्य रूप से जालोर, बाड़मेर और सिवाना क्षेत्र में पाई जाती हैं। इनका महत्व यह है कि ये विश्व की सबसे बड़ी रायोलाइटिक (Rhyolitic) लावा प्रवाह की घटनाओं में से एक का प्रतिनिधित्व करती हैं और प्री-कैम्ब्रियन काल की अंतिम ज्वालामुखी गतिविधियों का प्रमाण हैं। - प्रश्न: 'सेंदड़ा ग्रेनाइट' (Sendra Granite) की भू-आकृतिक विशेषता क्या है और यह कहाँ पाया जाता है?
उत्तर: सेंदड़ा ग्रेनाइट पाली-ब्यावर के पास स्थित है और इसकी विशेषता गुम्बदाकार (Dome-shaped) इन्सेलबर्ग का निर्माण करना है। यह अरावली की मुख्य श्रृंखला में एक अलग ग्रेनाइट प्लूटोन (Granite Pluton) का उदाहरण है। - प्रश्न: राजस्थान में 'नेफेलीन साइनाइट' (Nepheline Syenite) नामक दुर्लभ क्षारीय चट्टान कहाँ पाई जाती है?
उत्तर: यह किशनगढ़, अजमेर के पास पाई जाती है। यह एक दुर्लभ आग्नेय चट्टान है जिसका उपयोग सिरेमिक और कांच उद्योग में किया जा सकता है। - प्रश्न: 'भदेसर संरचना' (Bhadesar Formation) में पाए जाने वाले फॉस्फोराइट निक्षेप का क्या महत्व है?
उत्तर: चित्तौड़गढ़ में स्थित यह संरचना निम्न-ग्रेड के फॉस्फोराइट का एक विशाल भंडार है, जो भविष्य में उर्वरक उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है। - प्रश्न: 'जयसमंद झील' के निकट स्थित 'लसाड़िया का पठार' की मुख्य विशेषता क्या है?
उत्तर: इसकी मुख्य विशेषता यह है कि यह एक अत्यधिक विच्छेदित और कटा-फटा पठार है, जो तीव्र अपरदन का उदाहरण प्रस्तुत करता है। - प्रश्न: 'जुरानिया हिल्स' (Jurania Hills) कच्छ की खाड़ी के निकट स्थित हैं, इनका राजस्थान की जलवायु पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: ये पहाड़ियाँ हालांकि गुजरात में हैं, लेकिन ये कच्छ से आने वाली नम हवाओं के लिए एक मामूली अवरोध पैदा करती हैं, जिससे दक्षिणी राजस्थान के कुछ हिस्सों में वर्षा प्रभावित होती है। - प्रश्न: 'विंध्यन सुपरग्रुप' और 'अरावली सुपरग्रुप' का मिलन बिंदु कौनसा भ्रंश (Fault) है?
उत्तर: ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट (Great Boundary Fault - GBF)। - प्रश्न: 'सिवाना रिंग कॉम्प्लेक्स' (Siwana Ring Complex) का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर: यह मालानी ज्वालामुखी गतिविधि के दौरान एक धँसे हुए ज्वालामुखी (Collapsed Caldera) का परिणाम है, जो एक गोलाकार संरचना बनाता है। - प्रश्न: राजस्थान में 'कार्स्ट स्थलाकृति' (Karst Topography) के अवशेष कहाँ मिलते हैं?
उत्तर: नागौर और जोधपुर के कुछ क्षेत्रों में जहाँ जिप्सम और चूना पत्थर की चट्टानें हैं, वहाँ भूमिगत जल द्वारा बनाई गई छोटी गुफाओं और सिंकहोल के रूप में कार्स्ट स्थलाकृति के अवशेष मिलते हैं। - प्रश्न: 'जवाई ग्रेनाइट' और 'एरिनापुरा ग्रेनाइट' में क्या मुख्य अंतर है?
उत्तर: दोनों ही अरावली के दक्षिण-पश्चिमी भाग में पाए जाते हैं, लेकिन 'एरिनापुरा ग्रेनाइट' बड़े कणों वाला (Coarse-grained) और पुराना माना जाता है, जबकि 'जवाई ग्रेनाइट' छोटे कणों वाला (Fine-grained) और अपेक्षाकृत नवीन है।
भाग 2: जल संसाधन एवं जलवायु के सूक्ष्म पहलू
- प्रश्न: 'सूखा संभाव्य क्षेत्र कार्यक्रम' (DPAP) और 'मरु विकास कार्यक्रम' (DDP) के विलय के बाद बनी नई एकीकृत योजना का क्या नाम है?
उत्तर: एकीकृत बंजर भूमि विकास कार्यक्रम (Integrated Wastelands Development Programme - IWDP)। - प्रश्न: 'रूपारेल नदी' के प्रवाह को लेकर अलवर और भरतपुर जिलों के बीच हुए विवाद को सुलझाने के लिए किस समिति का गठन किया गया था?
उत्तर: हिकमत समिति (Hikmat Committee)। - प्रश्न: 'पीवणा' क्या है? यह पश्चिमी राजस्थान की पारिस्थितिकी का हिस्सा कैसे है?
उत्तर: 'पीवणा' थार मरुस्थल में पाया जाने वाला एक अत्यंत विषैला सर्प है। यह पारिस्थितिकी का हिस्सा है क्योंकि यह रेगिस्तानी जीवों (जैसे चूहे, आदि) की आबादी को नियंत्रित करता है। - प्रश्न: 'टांका' और 'कुंड' में जल संग्रहण की तकनीक में क्या सूक्ष्म अंतर है?
उत्तर: 'टांका' एक ढका हुआ भूमिगत जल कुंड होता है जिसमें छत या आगोर (कैचमेंट एरिया) से वर्षा जल संग्रहित होता है। 'कुंड' भी समान होता है, लेकिन इसका उपयोग अक्सर सार्वजनिक या मंदिर परिसर में होता है और इसका आकार बड़ा हो सकता है। - प्रश्न: 'पुरवाई' हवाओं का अरावली पर्वतमाला से टकराने के बाद क्या होता है?
उत्तर: जब बंगाल की खाड़ी से आने वाली आर्द्र पुरवाई हवाएं अरावली से टकराती हैं, तो उन्हें ऊपर उठने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऊपर उठने पर ये ठंडी होती हैं और संघनित होकर अरावली के पूर्वी ढलानों पर वर्षा करती हैं। - प्रश्न: 'तालाब-ए-शाही' झील किस जिले में स्थित है?
उत्तर: यह धौलपुर जिले में स्थित है। - प्रश्न: राजस्थान में 'ऑरोोग्राफिक वर्षा' (Orographic Rainfall) का सबसे अच्छा उदाहरण कौनसा क्षेत्र है?
उत्तर: माउंट आबू क्षेत्र, जहाँ मानसूनी हवाएं अरावली की ऊंची पहाड़ियों से टकराकर ऊपर उठती हैं और भारी वर्षा करती हैं। - प्रश्न: 'मेजा बांध' किस नदी पर बनाया गया है?
उत्तर: यह कोठारी नदी पर, भीलवाड़ा जिले में बनाया गया है। - प्रश्न: 'सेम' की समस्या के समाधान के लिए 'इंडो-डच जल निकासी परियोजना' किन जिलों में चलाई जा रही है?
उत्तर: यह परियोजना हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में चलाई जा रही है। - प्रश्न: 'जोहड़' वाले बाबा के नाम से किसे जाना जाता है?
उत्तर: जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए 'राजेन्द्र सिंह' को 'जोहड़ वाले बाबा' के नाम से जाना जाता है।
भाग 3: कृषि, उद्योग एवं आर्थिक गलियारे
- प्रश्न: 'अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारा' (Amritsar-Jamnagar Economic Corridor) राजस्थान के किन प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ेगा?
उत्तर: यह गलियारा राजस्थान के पश्चिमी जिलों (गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर) से होकर गुजरेगा, जिससे पचपदरा रिफाइनरी, खनिज क्षेत्रों और कृषि उपज मंडियों को सीधे बंदरगाहों से कनेक्टिविटी मिलेगी। - प्रश्न: राजस्थान की 'एग्रो-फूड पार्क' नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण (Processing), मूल्य संवर्धन (Value Addition) और बर्बादी को कम करने के लिए एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं (जैसे- वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट) उपलब्ध कराना है। - प्रश्न: 'माही-कंचन' और 'माही-धवल' किस फसल की उन्नत किस्में हैं?
उत्तर: ये मक्का (Maize) की उन्नत किस्में हैं, जिन्हें बांसवाड़ा कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित किया गया है। - प्रश्न: 'खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना' क्षेत्र को 'ऑटोमोबाइल हब' के रूप में विकसित करने के पीछे क्या भौगोलिक कारण हैं?
उत्तर: इसका मुख्य कारण दिल्ली और NCR क्षेत्र से निकटता, प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) पर स्थित होना, और कांडला जैसे बंदरगाहों से अच्छी कनेक्टिविटी है। - प्रश्न: 'स्पाइस पार्क' (Spice Park) राजस्थान में कहाँ स्थापित किए गए हैं?
उत्तर: राजस्थान में दो स्पाइस पार्क हैं - एक जोधपुर (मथानिया) में और दूसरा कोटा (रामगंज मंडी) में। - प्रश्न: 'सेरीकल्चर' (Sericulture) का संबंध किससे है और यह राजस्थान के किन जिलों में प्रचलित है?
उत्तर: यह रेशम कीट पालन से संबंधित है। यह मुख्य रूप से दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर, कोटा और बांसवाड़ा जिलों में अर्जुन के पेड़ों पर प्रचलित है। - प्रश्न: 'ईसबगोल' के उत्पादन में राजस्थान का कौनसा जिला अग्रणी है और इसके लिए कैसी भौगोलिक दशाएं चाहिए?
उत्तर: जालौर जिला अग्रणी है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी और शुष्क, ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है। - प्रश्न: 'सिरेमिक हब' के रूप में कौनसा जिला विकसित हो रहा है?
उत्तर: बीकानेर जिला, जहाँ सिरेमिक टाइल्स और इंसुलेटर बनाने के लिए आवश्यक कच्चा माल (क्ले, सिलिका) उपलब्ध है। - प्रश्न: राजस्थान में 'ड्राई पोर्ट' या 'अंतर्देशीय कंटेनर डिपो' (ICD) की स्थापना क्यों की गई है?
उत्तर: क्योंकि राजस्थान एक भू-आबद्ध (Land-locked) राज्य है। ड्राई पोर्ट आयातकों और निर्यातकों को बंदरगाह की सुविधाएं (जैसे कस्टम क्लीयरेंस, कंटेनर स्टोरेज) राज्य के भीतर ही प्रदान करते हैं, जिससे लागत और समय की बचत होती है। - प्रश्न: 'जापानी जोन' (Japanese Zone) कहाँ स्थापित किया गया है?
उत्तर: यह नीमराना, अलवर में स्थापित किया गया है ताकि जापानी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके।
भाग 4: जैव-विविधता एवं पर्यावरणीय मुद्दे
- प्रश्न: 'विलायती बबूल' (Prosopis juliflora) को राजस्थान की पारिस्थितिकी के लिए एक खतरा क्यों माना जाता है?
उत्तर: क्योंकि यह एक आक्रामक विदेशी प्रजाति है जो बहुत तेजी से फैलती है, स्थानीय वनस्पति को नष्ट कर देती है, और भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन करती है, जिससे क्षेत्र में पानी की कमी हो जाती है। - प्रश्न: 'धनाऊ-शाहगढ़' क्षेत्र को 'चीता पुनर्स्थापन' (Cheetah Reintroduction) के लिए क्यों विचाराधीन किया गया था?
उत्तर: जैसलमेर का यह विशाल घास का मैदान (ग्रासलैंड) चीता के प्राकृतिक आवास (सवाना) जैसा है और यहाँ उसके शिकार के लिए चिंकारा जैसे छोटे जानवर भी उपलब्ध हैं। - प्रश्न: 'रामसर साइट' का क्या अर्थ है? राजस्थान में कौनसे दो स्थल रामसर साइट घोषित हैं?
उत्तर: रामसर साइट अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (Wetland) होती है। राजस्थान में दो स्थल हैं - केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर) और सांभर झील। - प्रश्न: 'आखेट निषिद्ध क्षेत्र' और 'कंजर्वेशन रिजर्व' में क्या अंतर है?
उत्तर: 'आखेट निषिद्ध क्षेत्र' में केवल शिकार पर प्रतिबंध होता है और यह अक्सर धार्मिक मान्यताओं (जैसे- बिश्नोई समुदाय के क्षेत्र) से जुड़ा होता है। 'कंजर्वेशन रिजर्व' एक कानूनी दर्जा है जो राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के बफर जोन के रूप में कार्य करता है और यहाँ सामुदायिक भागीदारी से संरक्षण होता है। - प्रश्न: 'माचिया सफारी पार्क' (जोधपुर) किसलिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: यह एक जैविक उद्यान है जो विशेष रूप से मरुस्थलीय जीवों (जैसे- रेगिस्तानी लोमड़ी, बिल्ली) के संरक्षण और प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है। - प्रश्न: 'खींचन' गाँव क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर: यह जोधपुर जिले का एक गाँव है जो हर साल हजारों की संख्या में आने वाले प्रवासी पक्षी 'कुरजां' (Demoiselle Crane) के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ ग्रामीण इन पक्षियों की देखभाल करते हैं। - प्रश्न: 'ऑपरेशन फ्लड' का संबंध किससे है?
उत्तर: इसका संबंध 'श्वेत क्रांति' यानी दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने से है। - प्रश्न: 'अरावली विकास परियोजना' का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: इसका मुख्य उद्देश्य अरावली क्षेत्र में वनीकरण को बढ़ावा देना, मृदा और जल का संरक्षण करना और मरुस्थलीकरण के प्रसार को रोकना था। - प्रश्न: 'सागवान रोपण' हेतु राजस्थान के कौनसे जिले सबसे उपयुक्त हैं?
उत्तर: दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले, जहाँ अधिक वर्षा और आर्द्र जलवायु है। - प्रश्न: 'गोडावण' (Great Indian Bustard) को 'शर्मीला पक्षी' क्यों कहा जाता है और इसके विलुप्त होने का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: इसे शर्मीला कहा जाता है क्योंकि यह मानवीय गतिविधियों से दूर रहना पसंद करता है। इसके विलुप्त होने का मुख्य कारण इसके आवास (घास के मैदानों) का नष्ट होना और उच्च-तनाव वाली बिजली की लाइनों से टकराकर मरना है।
भाग 5: मानव भूगोल एवं प्रादेशिक नियोजन
- प्रश्न: 'MADA' क्लस्टर योजना का संबंध किससे है?
उत्तर: इसका संबंध 'Modified Area Development Approach' से है, जो आदिवासी उप-योजना क्षेत्रों के बाहर बिखरी हुई आदिवासी आबादी के विकास के लिए छोटे-छोटे क्लस्टर बनाने पर केंद्रित है। - प्रश्न: 'डांग क्षेत्र विकास कार्यक्रम' किन जिलों में लागू किया गया है?
उत्तर: यह चम्बल के बीहड़ प्रभावित 8 जिलों (कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर) में लागू किया गया है। - प्रश्न: पश्चिमी राजस्थान से होने वाले 'प्रवासन' (Migration) की प्रकृति क्या है?
उत्तर: यहाँ का प्रवासन मुख्यतः मौसमी और आर्थिक कारणों से होता है। लोग अक्सर सूखे के समय या फसल कटने के बाद काम की तलाश में नजदीकी राज्यों (जैसे- गुजरात, पंजाब) या शहरों की ओर पलायन करते हैं। - प्रश्न: 'कथौड़ी' जनजाति द्वारा बनाया जाने वाला झोपड़ा क्या कहलाता है?
उत्तर: 'खोलरा'। - प्रश्न: राजस्थान की 'गरासिया' जनजाति में 'मोर बंधिया' और 'पहरावना' क्या हैं?
उत्तर: ये विवाह की रस्में हैं। 'मोर बंधिया' एक पारंपरिक हिंदू विवाह की तरह फेरों वाला विवाह है, जबकि 'पहरावना' एक नाममात्र के फेरों वाला संक्षिप्त विवाह है। - प्रश्न: 'जनसंख्या का द्वितीयक वितरण' (Secondary Distribution of Population) को प्रभावित करने वाला मुख्य आर्थिक कारक क्या है?
उत्तर: खनिज संसाधनों की उपलब्धता और औद्योगिक विकास। जिन क्षेत्रों में खनन और उद्योग हैं (जैसे- जयपुर, अलवर, भीलवाड़ा), वहाँ जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। - प्रश्न: 'माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान' (TRI) कहाँ स्थित है?
उत्तर: उदयपुर में। - प्रश्न: 'ढोली' और 'मीरासी' समुदाय का संबंध किस कला से है?
उत्तर: इनका संबंध पारंपरिक गायन और संगीत से है। - प्रश्न: 'रुमा देवी' का नाम किस क्षेत्र से जुड़ा है?
उत्तर: उनका नाम बाड़मेर में हस्तशिल्प (विशेषकर एप्लीक और कशीदाकारी) के माध्यम से हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने से जुड़ा है। - प्रश्न: 'स्मार्ट विलेज' योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका उद्देश्य चयनित गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं (जैसे- वाई-फाई, पक्की सड़कें, स्वच्छ पानी, डिजिटल सेवाएं) प्रदान करके गांवों का समग्र विकास करना और प्रवासन को रोकना है।
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