राजस्थान शिक्षा कल्याण योजनाएँ: छात्रों, बालिकाओं और वंचितों के लिए सरकारी सहायता
राजस्थान शिक्षा विभाग राज्य के मानव संसाधन विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच प्राप्त हो। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक वर्गों के छात्रों द्वारा सामना की जाने वाली बहुआयामी चुनौतियों को पहचानते हुए, विभाग ने, अन्य राज्य एजेंसियों के सहयोग से, कल्याणकारी योजनाओं का एक विविध पोर्टफोलियो लॉन्च किया है। ये पहल केवल शैक्षणिक सहायता से परे हैं, जिनमें वित्तीय सहायता, पोषण प्रावधान, स्वास्थ्य हस्तक्षेप और पहुँच बढ़ाने के उपाय शामिल हैं, जिससे सीखने और समग्र विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार होता है। यह आलेख इन प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार से वर्णन करता है, उनके उद्देश्यों, लाभों, पात्रता मानदंडों, आवेदन प्रक्रियाओं और आवश्यक दस्तावेजों को रेखांकित करता है, जो नीति विश्लेषण और सार्वजनिक समझ के लिए एक व्यापक संसाधन प्रदान करता है। जानकारी सीधे आधिकारिक सरकारी स्रोतों और संबंधित रिपोर्टों से ली गई है, जिससे सटीकता और प्रासंगिकता सुनिश्चित होती है।
राजस्थान में शिक्षा के लिए प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ
I. बालिका शिक्षा और सशक्तिकरण पहल
राजस्थान में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है, क्योंकि इसका सामाजिक विकास पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ता है। कई योजनाएँ विशेष रूप से लड़कियों को लक्षित करती हैं, उनके नामांकन, प्रतिधारण और शैक्षणिक उपलब्धि को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करती हैं।
आपकी बेटी योजना
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की उन लड़कियों को स्कूल छोड़ने से रोकने का लक्ष्य रखती है, जिन्होंने अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खो दिया है। यह सरकार की बालिका शिक्षा को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है ।
- उद्देश्य: इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य उन बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों से आती हैं और जिनके माता या पिता में से कोई एक या दोनों जीवित नहीं हैं, ताकि वे वित्तीय कठिनाइयों के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़ें। यह सरकार के लिए बालिका शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का एक माध्यम है ।
- लाभ:
- कक्षा 1 से 8 में पढ़ने वाली बालिकाओं को प्रति वर्ष ₹2100 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ।
- कक्षा 9 से 12 में पढ़ने वाली बालिकाओं को प्रति वर्ष ₹2500 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ।
- यह राशि सीधे बालिका के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है, जिससे पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित होती है ।
- पात्रता:
- बालिकाएँ राजस्थान के सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में अध्ययनरत होनी चाहिए।
- वे गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों से संबंधित होनी चाहिए ।
- बालिका ने अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खो दिया हो ।
- परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम होनी चाहिए ।
- आवेदन प्रक्रिया: आवेदन स्कूल के प्रधानाचार्य के माध्यम से ऑफलाइन जमा किया जाता है । प्रधानाचार्य आवेदन को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है, और जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) द्वारा आवेदनों का सत्यापन 15 नवंबर तक किया जाता है ।
- आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, स्कूल प्रमाण पत्र ।
गार्गी पुरस्कार योजना
1998 में शुरू की गई, यह योजना माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान (आरबीएसई) की माध्यमिक और प्रवेशिका परीक्षाओं में 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली लड़कियों को उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती है ।
- उद्देश्य: इस योजना का मुख्य उद्देश्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा आयोजित माध्यमिक एवं प्रवेशिका परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहित करना है, ताकि वे अपनी उच्च शिक्षा जारी रख सकें ।
- लाभ:
- प्रथम किस्त: कक्षा 11 में नियमित रूप से अध्ययनरत बालिकाओं को ₹3000 और एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है ।
- द्वितीय किस्त: कक्षा 12 में नियमित रूप से अध्ययनरत बालिकाओं को ₹3000 से पुरस्कृत किया जाता है ।
- पुरस्कार राशि निदेशालय, माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर द्वारा प्रदान की जाती है ।
- राशि का वितरण प्रतिवर्ष बसंत पंचमी को डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से किया जाता है ।
- स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलों की कक्षा 10 की परीक्षा में 8-10 सीजीपीए प्राप्त करने वाली बालिकाओं को भी यह पुरस्कार दिया जाता है ।
- पात्रता:
- आरबीएसई माध्यमिक और प्रवेशिका परीक्षाओं में 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हों ।
- कक्षा 11 (प्रथम किस्त के लिए) और कक्षा 12 (द्वितीय किस्त के लिए) में नियमित रूप से अध्ययनरत हों ।
- स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलों की कक्षा 10 में 8-10 सीजीपीए प्राप्त किया हो ।
- आवेदन प्रक्रिया: ऑनलाइन आवेदन राजशालादर्पण पोर्टल पर उपलब्ध है । आवेदन की अंतिम तिथि 10 मार्च, 2025 थी ।
- आवश्यक दस्तावेज: आवेदन के लिए मार्कशीट और अन्य प्रमाणों का डिजिटल जमा करना निहित है ।
बालिका प्रोत्साहन योजना
2008-09 में शुरू की गई, यह योजना आरबीएसई कक्षा 12 की परीक्षाओं (कला, विज्ञान, वाणिज्य और वरिष्ठ उपाध्याय) में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करने वाली (75% या अधिक अंक) लड़कियों को आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करती है ।
- उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा आयोजित उच्च माध्यमिक कला, विज्ञान, वाणिज्य और वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहित करना है ।
- लाभ: ₹5000 की राशि और एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है ।
- पात्रता: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा आयोजित उच्च माध्यमिक कला, विज्ञान, वाणिज्य या वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाएँ ।
- आवेदन प्रक्रिया: लेख में बालिका प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़ों का विस्तृत विवरण नहीं दिया गया है। हालांकि, यह उल्लेख किया गया है कि बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार कक्षा 12 के लिए आवेदन भरने के लिए एक लिंक उपलब्ध है ।
- आवश्यक दस्तावेज: स्पष्ट रूप से विस्तृत नहीं हैं, लेकिन ऑनलाइन जमा करने के लिए मार्कशीट और अन्य प्रमाणों की आवश्यकता होगी ।
इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार योजना
यह योजना कक्षा 8, 10 और 12 (कला, विज्ञान, वाणिज्य) की परीक्षाओं में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली मेधावी लड़कियों को पुरस्कृत करती है, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ।
- उद्देश्य: माध्यमिक शिक्षा राजस्थान की कक्षा आठवीं, दसवीं और बारहवीं (कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय) की परीक्षा में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को पुरस्कृत करना है। यह छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करती है और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है ।
- लाभ:
- कक्षा 8वीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा को ₹40,000 ।
- कक्षा 10वीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा को ₹75,000 ।
- कक्षा 12वीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा को ₹1,00,000 और एक स्कूटी ।
- सभी छात्राओं को प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया जाता है ।
- पात्रता:
- कक्षा 8, 10, या 12 (कला, विज्ञान, वाणिज्य) की परीक्षाओं में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया हो ।
- यह पुरस्कार आठ संवर्गों में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली पात्र बालिकाओं को दिया जाता है: सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विशेष पिछड़ा वर्ग, बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे), निशक्त वर्ग ।
- आवेदन प्रक्रिया: आवेदन ऑनलाइन भरे जाएंगे। संस्था प्रधान शाला दर्पण पोर्टल पर विद्यालय की आईडी से बालिका के आवेदन ऑनलाइन करेंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 12 दिसंबर है ।
- आवश्यक दस्तावेज: नियमित अध्ययन का प्रमाण पत्र, छात्रा के चयन कैटेगरी का प्रमाण पत्र, संबंधित जाति वर्ग का प्रमाण पत्र, छात्रा के बैंक खाते की प्रति जो जनआधार से लिंक हो, बालिका के आधार व जनआधार कार्ड की प्रति, अंक तालिका की प्रति 2024 ।
मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना
2015-16 में शुरू की गई, यह योजना मेधावी लड़कियों, विशेषकर अनाथों और बीपीएल परिवारों की लड़कियों को, उनकी पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है । इसका उद्देश्य लड़कियों के शैक्षिक स्तर को ऊपर उठाना और अनाथ लड़कियों को उनके शैक्षिक सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाना है ।
- उद्देश्य: इस योजना का मुख्य उद्देश्य मेधावी बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है, विशेष रूप से अनाथ और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों से आने वाली बालिकाओं को। इसका लक्ष्य लड़कियों के शैक्षिक स्तर को ऊपर उठाना है, जिससे अनाथ बेटियों का शिक्षा का सपना साकार हो सके ।
- लाभ:
- चयनित छात्राओं को उनकी कक्षा के स्तर के आधार पर प्रति वर्ष ₹15,000 से लेकर अधिकतम ₹2,00,000 तक की वार्षिक वित्तीय सहायता ।
- 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए: पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म आदि हेतु एकमुश्त सहायता: ₹15,000 प्रतिवर्ष (बालिका के बैंक खाते में) । प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु कोचिंग-छात्रावास शुल्क: अधिकतम ₹1,00,000 प्रतिवर्ष (संबंधित संस्था के बैंक खाते में, छात्रावास/कोचिंग के बिल प्रस्तुत करने पर) ।
- स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए: पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म आदि हेतु एकमुश्त सहायता: ₹25,000 प्रतिवर्ष (बालिका के बैंक खाते में) । प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु कोचिंग-छात्रावास शुल्क: अधिकतम ₹2,00,000 प्रतिवर्ष (संबंधित संस्था के बैंक खाते में, छात्रावास/कोचिंग के बिल प्रस्तुत करने पर) ।
- यह वित्तीय सहायता स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) स्तर तक नियमित अध्ययन करने पर दी जाएगी ।
- इस योजना का लाभ बालिका शिक्षा फाउण्डेशन द्वारा बैंक खाते में डी.बी.टी. (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) माध्यम से भुगतान किया जाता है ।
- पात्रता:
- राजस्थान के प्रत्येक जिले के राजकीय विद्यालयों से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा आयोजित कक्षा 10वीं की परीक्षा में निम्नलिखित स्थान व अंक पाने वाली छात्राएं आवेदन की पात्र हैं: न्यूनतम 75% अंकों के साथ प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली 02 मेधावी छात्राएं ।
- न्यूनतम 75% अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बी.पी.एल. परिवार की 01 मेधावी छात्रा ।
- न्यूनतम 75% अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली 01 अनाथ मेधावी छात्रा ।
- राजस्थान राज्य से प्रतिवर्ष कुल 132 बालिकाओं का चयन किया जाएगा (प्रत्येक जिले से 2 मेधावी, 1 बी.पी.एल. और 1 अनाथ बालिका) ।
- चयनित छात्राओं को उस जिले का माना जाएगा जिसमें वे कक्षा 10 में अध्ययनरत थीं ।
- समान अंक होने पर गणित, विज्ञान, अंग्रेजी में अधिक अंक वाली बालिका का चयन किया जाएगा, और यदि इन विषयों में भी अंक समान हों तो अधिक उम्र वाली बालिका का चयन किया जाएगा ।
- पिछले वर्ष चयनित बालिकाओं को आगामी नवीन कक्षा/प्रशिक्षण में नियमित प्रवेश लेने का प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा ।
- आवेदन प्रक्रिया: यह योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन है और पूर्णतः निःशुल्क है। पात्र छात्रा को संस्था प्रधान के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन की नियमानुसार जांच की जाएगी और स्वीकृत होने के बाद बालिका शिक्षा फाउण्डेशन जयपुर भेजा जाएगा ।
- आवश्यक दस्तावेज: बैंक पासबुक की प्रति, शैक्षिक योग्यता का प्रमाण (मार्कशीट/प्रमाण पत्र की प्रति), आधार कार्ड की प्रति, मूल निवासी प्रमाण पत्र, बी.पी.एल. कार्ड (यदि लागू हो तो), अनाथ होने का प्रमाण (यदि लागू हो तो) ।
लाडो प्रोत्साहन योजना / मुख्यमंत्री राजश्री योजना
लाडो प्रोत्साहन योजना पिछली मुख्यमंत्री राजश्री योजना का एक हालिया उन्नयन और एकीकरण है । प्रोत्साहन राशि ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 और फिर ₹1,50,000 कर दी गई है । इस योजना का उद्देश्य बालिका जन्म को प्रोत्साहन देना, वयस्कता तक उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, और समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है । यह निजी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों सहित सभी श्रेणियों की लड़कियों को कवर करती है ।
- लाभ (लाडो प्रोत्साहन योजना - 7 किस्तों में कुल ₹1,50,000):
- पहली किस्त: जन्म पर ₹2,500 (सरकारी या जेएसवाई-पंजीकृत निजी अस्पताल में संस्थागत प्रसव पर) ।
- दूसरी किस्त: एक वर्ष की आयु पूर्ण होने और टीकाकरण पूरा होने पर ₹2,500 ।
- तीसरी किस्त: राजकीय विद्यालय/राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में बालिका के प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने पर ₹4,000।
- चौथी किस्त: राजकीय विद्यालय/राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में बालिका के कक्षा छह में प्रवेश लेने पर ₹5,000 ।
- पांचवीं किस्त: राजकीय विद्यालय/राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में बालिका के कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर ₹11,000 ।
- छठी किस्त: राजकीय विद्यालय/राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में बालिका के कक्षा 12 में प्रवेश लेने पर ₹25,000 ।
- सातवीं किस्त (अंतिम): सरकार से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने और 21 वर्ष की आयु पूरी करने पर ₹1,00,000 सीधे बालिका के खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे ।
- सभी भुगतान डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से होते हैं ।
- पात्रता:
- बालिका का जन्म 1 जून, 2016 को या उसके बाद हुआ हो (राजश्री के लिए) ।
- बालिका का जन्म राजकीय या जेएसवाई (जननी शिशु सुरक्षा योजना) मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में हुआ हो ।
- माता का राजस्थान की मूल निवासी होना अनिवार्य है ।
- कोई विशिष्ट जाति, धर्म या आयु सीमा नहीं है ।
- राजश्री की पहली दो किश्तें उन सभी बालिकाओं को मिलेंगी जिनका जन्म किसी सरकारी अस्पताल एवं जननी सुरक्षा योजना (जे.एस. वाई.) से रजिस्टर्ड निजी चिकित्सा संस्थानों में हुआ हो। ये दोनों किश्त उनके अभिभावकों को तब भी मिलेगी जिनके तीसरी संतान बालिका हो, किंतु योजना में आगे की किश्तों का लाभ उन्हें नहीं मिल पायेगा । लाडो प्रोत्साहन कहता है कि "सभी बालिकाओं को मिलेगा" , जिसका अर्थ है व्यापक कवरेज।
- आवेदन प्रक्रिया:
- गर्भवती महिला का एएनसी (एंटीनेटल केयर) रजिस्ट्रेशन, बैंक खाता और अन्य दस्तावेजों को पीसीटीएस (प्रेग्नेंसी चाइल्ड ट्रैकिंग एंड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा ।
- प्रत्येक बालिका को जन्म के समय ही पीसीटीएस आईडी या यूनिक आईडी दी जाएगी ।
- पहली छह किश्तें माता-पिता या अभिभावक के खाते में ट्रांसफर की जाएंगी। बालिका के जन्म पर पहली किश्त माता के खाते में, माता की मृत्यु पर पिता के और दोनों के न रहने पर अभिभावक के खाते में भेजी जाएगी ।
- आयु एक वर्ष होने और टीकाकरण पूर्ण होने के बाद दूसरी किस्त जारी होगी ।
- तीसरी से छठी किश्त संबंधित विद्यालयों द्वारा पोर्टल पर जानकारी दर्ज करने के बाद दी जाएगी ।
- स्नातक और 21 वर्ष पूरी होने पर अंतिम किस्त के लिए उच्च शिक्षा विभाग को दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने होंगे ।
- आवेदन जनकल्याण पोर्टल, ई-मित्र, अटल सेवा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन या सरकारी अस्पतालों/स्वास्थ्य अधिकारियों के पास ऑफलाइन जमा किए जा सकते हैं ।
- आवश्यक दस्तावेज: जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का आधार/जन आधार, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), आय प्रमाण पत्र, बैंक खाते का विवरण, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट आकार का फोटो ।
II. छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता कार्यक्रम
बालिका-विशिष्ट पहलों से परे, राजस्थान शिक्षा विभाग और संबद्ध विभाग विभिन्न पृष्ठभूमि के छात्रों को उनकी शिक्षा प्राप्त करने में सहायता के लिए व्यापक छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता कार्यक्रम प्रदान करते हैं।
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
यह योजना वंचित श्रेणियों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, भूतपूर्व सैनिकों के बच्चे आदि) के छात्रों को मैट्रिक से पहले (कक्षा 1-10) वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा सके ।
- उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य वंचित श्रेणियों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग आदि) के छात्रों को मैट्रिक से पहले (कक्षा 1-10) वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा सके ।
- लाभ: छात्रवृत्ति की राशि श्रेणी और कक्षा के अनुसार भिन्न होती है ।
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (कक्षा 6-8): डे स्कॉलर के लिए ₹75/माह (अधिकतम 10 माह), हॉस्टलर के लिए ₹125/माह (अधिकतम 10 माह) [20]। कुल ₹750/₹1250 ।
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (कक्षा 9-10): ₹3500।
- अन्य पिछड़ा वर्ग (कक्षा 6-8): ₹100/माह (अधिकतम 10 माह) [। कुल ₹1000
- अन्य पिछड़ा वर्ग (कक्षा 9-10): ₹4000
- अति पिछड़ा वर्ग (कक्षा 6-8): डे स्कॉलर के लिए ₹50/माह (अधिकतम 10 माह), हॉस्टलर के लिए ₹100/माह (अधिकतम 10 माह) । कुल ₹500/₹1000 ।
- अति पिछड़ा वर्ग (कक्षा 9-10): डे स्कॉलर के लिए ₹60/माह (अधिकतम 10 माह), हॉस्टलर के लिए ₹120/माह (अधिकतम 10 माह) । कुल ₹600/₹1200 ।
- भूतपूर्व सैनिकों के बच्चे (कक्षा 11-12): ₹100/माह (अधिकतम 10 माह) । कुल ₹1000 ।
- कारगिल युद्ध के शहीदों/दिव्यांगों के बच्चे (कक्षा 1-12): ₹180/माह (अधिकतम 10 माह) । कुल ₹1800 ।
- अस्वच्छ व्यवसायों में लगे लोगों के बच्चे (कक्षा 1-10): ₹3500 ।
- पात्रता:
- विशिष्ट श्रेणियों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग आदि) से संबंधित हों ।
- सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत हों (शाला दर्पण के माध्यम से आवेदन से निहित) ।
- वार्षिक पारिवारिक आय सीमाएं लागू होती हैं ।
- आवेदन प्रक्रिया: शाला दर्पण छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन । स्कूल का "छात्रवृत्ति प्रभारी" स्टाफ को मैप करता है, छात्र एनआईसी आईडी का उपयोग करके फॉर्म भरता है । छात्रवृत्ति फॉर्म भरने से पहले शाला दर्पण पर अनिवार्य छात्र जानकारी (आधार, जन आधार, बैंक विवरण, आय) को अपडेट करना आवश्यक है ।
- आवश्यक दस्तावेज: जाति प्रमाण पत्र, आय घोषणा पत्र, आधार/जन आधार, बैंक पासबुक, पिछली कक्षा की मार्कशीट [। माता-पिता के व्यवसाय या भूतपूर्व सैनिक स्थिति के लिए विशिष्ट फॉर्म ।
12वीं पास छात्रवृत्ति योजना
यह योजना उन मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है जिन्होंने अच्छे अंकों के साथ कक्षा 12 उत्तीर्ण की है, जिससे उन्हें वित्तीय कठिनाइयों के बिना आगे की पढ़ाई करने में मदद मिलती है ।
- उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य है कि किसी भी होनहार छात्र की पढ़ाई आर्थिक समस्या के कारण न रुके ।
- लाभ: ₹12,000 की छात्रवृत्ति । यह राशि कॉलेज फीस, किताबें, स्टेशनरी या रहने के खर्चों को कवर करने के लिए है ।
- पात्रता:
- कक्षा 12वीं में न्यूनतम 80% अंक प्राप्त किए हों ।
- वह किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज में प्रवेश लिया हो ।
- कॉलेज में न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य है ।
- हर साल की परीक्षा में कम से कम 50% अंक लाने होंगे ।
- परिवार की वार्षिक आय ₹4.5 लाख से कम होनी चाहिए ।
- आवेदन प्रक्रिया: आसान ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया ।
- आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), 12वीं की मार्कशीट, पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो, बैंक पासबुक की कॉपी ।
दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना
यह योजना विशेष योग्यजन छात्रों को उनकी शिक्षा जारी रखने और उनके समावेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है [25]।
- उद्देश्य: विशेष योग्यजन छात्रों को उनकी शिक्षा जारी रखने और उनके समावेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना [25]।
- लाभ: नियमों के अनुसार रखरखाव भत्ता और शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जाती है [25]।
- कक्षा 1 से 8 के छात्रों के लिए: शिक्षा विभाग द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है [25]।
- कक्षा 9 से 10 के छात्रों के लिए (पारिवारिक आय ₹2 लाख तक) और कक्षा 11 से डिप्लोमा/डिग्री स्तर पर अध्ययनरत छात्रों के लिए (पारिवारिक आय ₹2.5 लाख तक): भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति [25]।
- उच्च शिक्षा के लिए (वार्षिक आय ₹6 लाख तक): भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति [25]।
- पात्रता:
- दिव्यांग छात्र [25]।
- वार्षिक पारिवारिक आय ₹2 लाख से कम (कक्षा 1-10 के लिए) [25]।
- वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.5 लाख तक (कक्षा 11+ डिप्लोमा/डिग्री के लिए) [25]।
- वार्षिक पारिवारिक आय ₹6 लाख तक (उच्च शिक्षा के लिए) [25]।
- आवेदन प्रक्रिया: स्निपेट्स में स्पष्ट रूप से विस्तृत नहीं है, लेकिन संबंधित विभागीय पोर्टलों के माध्यम से ऑनलाइन होने की संभावना है [25]।
- आवश्यक दस्तावेज: स्पष्ट रूप से विस्तृत नहीं हैं [25]।
III. स्वास्थ्य, पोषण और पहुँच सहायता
ये योजनाएँ छात्रों की भलाई के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, यह सुनिश्चित करती हैं कि वे स्वस्थ, पोषित हों, और बिना किसी महत्वपूर्ण शारीरिक या वित्तीय बाधाओं के स्कूलों तक पहुँच सकें।
मध्याह्न भोजन योजना / मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना
मध्याह्न भोजन (एमडीएम) कार्यक्रम, 1995 में देशव्यापी स्तर पर शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना, को 2004 में मेनू-आधारित गर्म पका हुआ भोजन प्रदान करने के लिए नया रूप दिया गया था [26]। बाद में इसका नाम बदलकर पीएम पोषण कर दिया गया [27]। मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना 29 नवंबर, 2022 को छात्रों को दूध प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी [28], और अब इसे एमडीएम/पीएम पोषण के साथ एकीकृत कर दिया गया है [28, 29]।
- उद्देश्य:
- प्राथमिक शिक्षा में बच्चों के नामांकन, प्रतिधारण और उपस्थिति को बढ़ाना [27]।
- स्कूल जाने वाले बच्चों में पोषण स्तर में सुधार करना [27]।
- शिक्षा और पोषण में लिंग अंतर को कम करना [27]।
- जातिगत पूर्वाग्रहों को दूर करके समानता को बढ़ावा देना [27]।
- कक्षा में भूख को समाप्त करना [27]।
- दूध, अंडे और फलों सहित पौष्टिक भोजन प्रदान करके बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करना और स्कूल में उपस्थिति बढ़ाना [29]।
- लाभ:
- सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए गर्म पका हुआ भोजन [27]।
- पीएम पोषण का लक्ष्य प्री-प्राइमरी स्कूलों में अतिरिक्त 24 लाख बच्चों को शामिल करना है [27]।
- मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत, कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार गर्म दूध, अंडा और बिस्कुट परोसे जाते हैं [29]। जिन छात्रों द्वारा अंडा नहीं खाया जाता, उनके लिए केला या अन्य विकल्प भी उपलब्ध कराए जाएंगे [29]।
- मौसमी भोजन विविधताएं (गर्मियों में ठंडा/हल्का, सर्दियों में ऊर्जा देने वाला/गर्म) [29]।
- खाद्यान्न लागत, परिवहन, और एमएमई खर्च का 100% केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है [26]।
- रसोइया-सह-सहायकों का मानदेय, रसोई-सह-भंडार का निर्माण/मरम्मत, और रसोई उपकरण खर्च केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 60:40 के अनुपात में साझा किए जाते हैं [26, 27]।
- पात्रता: सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चे [27]।
- आवेदन प्रक्रिया: लाभार्थियों द्वारा कोई सीधा आवेदन नहीं; स्कूल प्रशासन द्वारा प्रबंधित [26]।
- आवश्यक दस्तावेज: लाभार्थियों के लिए लागू नहीं।
उड़ान योजना
यह योजना राजस्थान में सभी महिलाओं और किशोरियों को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन प्रदान करना, मासिक धर्म स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना और उन्हें विभिन्न बीमारियों से बचाना [30, 31]।
- उद्देश्य: राजस्थान में सभी महिलाओं और किशोरियों को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन प्रदान करना, मासिक धर्म स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना और उन्हें विभिन्न बीमारियों से बचाना [30, 31]।
- लाभ: सैनिटरी नैपकिन का मुफ्त वितरण [30, 31]।
- पात्रता: राजस्थान में सभी महिलाएँ और किशोरियाँ, शुरू में महिला छात्रों और किशोरियों पर विशेष ध्यान दिया गया [31]। राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए [31]।
- आवेदन प्रक्रिया: लाभार्थियों द्वारा कोई सीधा आवेदन नहीं; स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से वितरण [30]।
- आवश्यक दस्तावेज: लाभार्थियों के लिए लागू नहीं।
आयरन फोलिक एसिड गोली वितरण
यह योजना स्कूल के बच्चों में एनीमिया से लड़ने के लिए उन्हें आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां प्रदान करना, जिससे उनके स्वास्थ्य, पढ़ाई में एकाग्रता और समग्र कल्याण में सुधार हो [29, 32, 33, 34]।
- उद्देश्य: स्कूल के बच्चों में एनीमिया से लड़ने के लिए उन्हें आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां प्रदान करना, जिससे उनके स्वास्थ्य, पढ़ाई में एकाग्रता और समग्र कल्याण में सुधार हो [32]।
- लाभ: आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) टैबलेट का साप्ताहिक वितरण [29, 33, 34]।
- कक्षा 1-5 के छात्रों के लिए गुलाबी गोलियां [29, 33, 34]।
- कक्षा 6-12 के छात्रों के लिए नीली गोलियां [29, 33, 34]।
- पात्रता: सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्र [29, 33, 34]।
- आवेदन प्रक्रिया: कोई सीधा आवेदन नहीं; मध्याह्न भोजन के बाद स्कूलों में गोलियां वितरित की जाती हैं [29, 33, 34]।
- आवश्यक दस्तावेज: लाभार्थियों के लिए लागू नहीं।
निःशुल्क साइकिल वितरण योजना
यह योजना लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना और ड्रॉपआउट दरों को कम करना, विशेष रूप से स्कूल से दूर रहने वाली लड़कियों के लिए उनकी यात्रा को आसान बनाकर [35, 36, 37]। इसका उद्देश्य श्रमिकों पर वित्तीय बोझ को कम करना भी है (यूपी योजना के लिए [38])।
- उद्देश्य: लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना और ड्रॉपआउट दरों को कम करना [35]।
- लाभ: मुफ्त साइकिलें [35, 36, 37]।
- 2024 में, 1.25 लाख कक्षा 9 की लड़कियों को भगवा रंग की साइकिलें मिलीं [35, 37]। कुल 3.25 लाख पात्र [35]।
- 2022-23 और 2023-24 सत्रों से लगभग 2.5 लाख बची हुई साइकिलों को गर्मी की छुट्टियों से पहले वितरित किया जाना था [36]।
- ईडब्ल्यूएस लड़कियों (कक्षा 6-8) [2] और विमुक्त, घुमंतू, अर्ध-घुमंतू समुदाय के छात्रों (कक्षा 6-11) को भी कवर करती है [2]।
- पात्रता:
- सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 में अध्ययनरत लड़कियां [35, 37]।
- सरकारी स्कूलों में कक्षा 6-8 में ईडब्ल्यूएस लड़कियां [2]।
- सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 6-11 में विमुक्त, घुमंतू, अर्ध-घुमंतू समुदाय के छात्र [2]।
- सामान्य योजना के लिए, दूरी का मानदंड निहित है [39, 18]।
- आवेदन प्रक्रिया: राजस्थान के लिए स्पष्ट रूप से विस्तृत नहीं है, लेकिन एक समान यूपी योजना के लिए ऑनलाइन उल्लेख किया गया है [38]। वितरण अक्सर स्कूलों के माध्यम से होता है [36]।
- आवश्यक दस्तावेज: राजस्थान के लिए स्पष्ट रूप से विस्तृत नहीं हैं [35]। यूपी के लिए, आधार, आयु प्रमाण, फोटो, ईमेल, बैंक पासबुक [38]।
ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना
यह योजना छात्रों, विशेषकर लड़कियों को, जो अपने स्कूलों/कॉलेजों से दूर रहते हैं, दैनिक यात्रा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, जिससे नामांकन और प्रतिधारण में वृद्धि हो, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो [40, 41, 42, 43, 44, 45]।
- उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों, विशेषकर छात्राओं को स्कूल आने-जाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि उन्हें लंबी दूरी पैदल तय न करनी पड़े और सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़े [41]। बालिका शिक्षा में नामांकन दर, ठहराव दर बढ़ाने व जेंडर गैप कम करने की दृष्टि से तथा बालिका सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षा 9 व 10 की पात्र / चयनित बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर की सुविधा से लाभान्वित किया जाना है [43]।
- लाभ: दूरी के आधार पर दैनिक वित्तीय सहायता [40, 41, 42, 43, 44]।
- स्कूल स्तर (ग्रामीण क्षेत्र):
- कक्षा 1 से 5 (दूरी > 1 किमी): ₹10 प्रति दिन [41, 43, 44]। सत्र पर्यंत अधिकतम ₹3,000 स्वीकृत [41, 43]।
- कक्षा 6 से 8 (दूरी > 2 किमी): ₹15 प्रति दिन [41, 43, 44]। सत्र पर्यंत अधिकतम ₹3,000 स्वीकृत [41, 43]।
- कक्षा 9 से 10 (दूरी > 5 किमी, ग्रामीण): ₹20 प्रति दिन [41, 43, 44]। सत्र पर्यंत अधिकतम ₹5,400 स्वीकृत [41, 43]।
- स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल (कक्षा 6-8, दूरी > 2 किमी; कक्षा 9-10, दूरी > 5 किमी): क्रमशः ₹15/₹20 प्रति दिन [43, 44]।
- कॉलेज स्तर (लड़कियों के लिए):
- दूरी > 10 किमी: ₹20 प्रति दिन [40, 42]।
- भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जाता है [40, 41, 42, 43]।
- अधिकतम लाभ 180 शिक्षण दिवस / 6 महीने के लिए [40, 45]।
- स्कूल स्तर (ग्रामीण क्षेत्र):
- पात्रता:
- स्कूल स्तर: ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी (कक्षा 1-8 के लिए लड़के और लड़कियां दोनों, कक्षा 9-10 के लिए केवल लड़कियां) [41, 43]। दूरी के मानदंड लागू होते हैं (कक्षा 1-5 के लिए 1 किमी, कक्षा 6-8 के लिए 2 किमी, कक्षा 9-10 के लिए 5 किमी) [41, 43]।
- कॉलेज स्तर: सरकारी कॉलेजों में अध्ययनरत लड़कियां, न्यूनतम 75% मासिक उपस्थिति के साथ [40, 42]। दूरी > 10 किमी [40, 42]।
- यदि स्कूटी योजना या किसी अन्य परिवहन लाभ से पहले से ही लाभान्वित हो रहे हैं तो इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते [40, 42, 43, 45]।
- आवेदन प्रक्रिया: स्कूल/कॉलेज स्तर पर प्रधानाचार्य/समिति द्वारा प्रबंधित [40, 41, 43, 45]। वास्तविक उपस्थिति की गणना की आवश्यकता है [41, 43]। आईटी-आधारित निगरानी [40, 45]।
- आवश्यक दस्तावेज: स्पष्ट रूप से विस्तृत नहीं हैं, लेकिन इसमें उपस्थिति रिकॉर्ड, पते का प्रमाण और बैंक खाते का विवरण निहित है [41, 43, 39]।
स्कूटी वितरण योजनाएँ
राजस्थान में कई स्कूटी वितरण योजनाएँ संचालित हैं, जो मुख्य रूप से मेधावी लड़कियों और दिव्यांग व्यक्तियों को लक्षित करती हैं ताकि उनकी उच्च शिक्षा को सुविधाजनक बनाया जा सके और गतिशीलता बढ़ाई जा सके [17]।
कालीबाई भील स्कूटी योजना
- उद्देश्य: मेधावी लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना और उन्हें सुविधाजनक परिवहन प्रदान करना [21, 16]।
- लाभ: मुफ्त स्कूटी [16]।
- पात्रता:
- छात्रा राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए [16]।
- परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम होनी चाहिए [16]।
- छात्रा ने 12वीं कक्षा वर्ष 2024 में उत्तीर्ण की हो [16]।
- राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (RBSE) से 12वीं उत्तीर्ण करने पर 65% से अधिक अंक होने चाहिए [16]।
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) से 12वीं उत्तीर्ण करने पर 75% से अधिक अंक होने चाहिए [16]।
- आवेदन प्रक्रिया: छात्रा अपनी SSO ID के माध्यम से Scholarship (CE) विकल्प पर जाकर या ई-मित्र के जरिए आवेदन कर सकती है [16]।
- आवश्यक दस्तावेज: जन-आधार कार्ड, नवीन आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, 12वीं की मार्कशीट, कॉलेज फीस की रसीद, बैंक खाते की जानकारी, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड [16]।
देवनारायण स्कूटी योजना
- उद्देश्य: राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) की लड़कियों को शिक्षा के लिए स्कूटी और प्रोत्साहन राशि प्रदान करके महिला साक्षरता दरों को बढ़ाना [46]।
- लाभ:
- पहले 1000 पात्र लड़कियों के लिए मुफ्त स्कूटी [47]। इसमें एक साल का बीमा, दो लीटर पेट्रोल (एक बार), और हस्तांतरण तक परिवहन खर्च शामिल है [47]।
- स्नातक प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष में 50% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली लड़कियों के लिए प्रति वर्ष ₹10,000 की प्रोत्साहन राशि [25, 38, 47, 48, 49, 50]।
- स्नातकोत्तर प्रथम और द्वितीय वर्ष में 50% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली लड़कियों के लिए प्रति वर्ष ₹20,000 की प्रोत्साहन राशि [47, 48, 50]।
- प्रतिवर्ष लगभग 1,500 स्कूटी वितरित की जाती हैं [46]।
- पात्रता:
- छात्रा राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए [46, 47, 48, 49, 51, 50]।
- एमबीसी श्रेणी (गुर्जर, राईका इत्यादि) से संबंधित हो [25, 46, 47, 48, 49, 51, 50]।
- कक्षा 12 में 50% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हों (आरबीएसई/सीबीएसई) [46, 47, 48, 49, 51, 50]।
- राजस्थान के सरकारी कॉलेज या राज्य-वित्तपोषित विश्वविद्यालय में स्नातक डिग्री के प्रथम वर्ष में नियमित रूप से अध्ययनरत हो [25, 47, 48, 49, 50]।
- पारिवारिक वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम [25, 47, 51, 50]। (एक स्रोत में ₹2 लाख भी उल्लेखित है [46, 48])।
- योजना का लाभ अविवाहित, विवाहित, विधवा तथा परित्यक्ता छात्राओं को देय होगा [47]।
- यदि अन्य छात्रवृत्ति/वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे हैं तो लाभ नहीं उठा सकते [47, 48, 50]।
- आवेदन प्रक्रिया: छात्रा अपनी SSO ID के माध्यम से Scholarship (CE) विकल्प पर जाकर या ई-मित्र के जरिए आवेदन कर सकती है [47, 51, 50]। आवेदन अवधि: 20 सितंबर, 2024 - 31 जनवरी, 2025 [47, 51]।
- आवश्यक दस्तावेज: जन-आधार कार्ड, नवीन आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, 12वीं की मार्कशीट, कॉलेज फीस की रसीद, बैंक खाते की जानकारी, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, अन्य छात्रवृत्ति न मिलने का शपथ पत्र [47, 51, 50]।
दिव्यांग स्कूटी योजना
- उद्देश्य: दिव्यांग नागरिकों को मुफ्त या रियायती स्कूटी प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना, उनकी आत्मनिर्भरता और उच्च शिक्षा तक पहुँच को बढ़ावा देना [17]।
- लाभ: मुफ्त या रियायती स्कूटी [17]।
- पात्रता:
- आवेदक उस राज्य का निवासी होना चाहिए जहां योजना सक्रिय है [17]।
- कक्षा 10वीं या 12वीं की मेरिट सूची में नाम [17]।
- आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए [17]।
- आवेदन करने वाले छात्र के माता या पिता का सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए [17]।
- आवेदक को 50% या अधिक चलन अक्षमता होनी चाहिए [52, 53]।
- आयु 18+ (मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल के लिए [52, 53], स्कूटी के लिए भी समान मानदंड निहित)।
- वाहन चलाने का अनुभव और ड्राइविंग लाइसेंस (मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल के लिए [52, 53])।
- आवेदन प्रक्रिया: आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन [17]। अंतिम तिथि 15 मई, 2025 [17]।
- आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार का फोटो, ईमेल पता, आधार से लिंक बैंक पासबुक [38]।
IV. विशेष सहायता और गुणवत्ता शिक्षा पहल
इस श्रेणी में वे योजनाएँ शामिल हैं जो कमजोर बच्चों के लिए विशेष सहायता प्रदान करती हैं और शिक्षा की समग्र गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से पहल करती हैं।
पालनहार योजना
यह योजना अनाथ बच्चों को संस्थागत देखभाल के बजाय एक पारिवारिक वातावरण में पालन-पोषण, शिक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करना [54, 55]। इसका उद्देश्य उनके आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक विकास को सुनिश्चित करना है [11, 54, 55]।
- उद्देश्य: अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करना। इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना [11, 54, 55]।
- लाभ: मासिक वित्तीय अनुदान [11, 54, 55]।
- 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे के लिए ₹500 प्रति माह [11, 54, 55]।
- स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक ₹1000 प्रति माह [11, 54, 55]।
- वस्त्र, जूते, स्वेटर एवं अन्य आवश्यक कार्य हेतु ₹2000 प्रति वर्ष (विधवा एवं नाता की श्रेणी को छोड़कर) प्रति अनाथ की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है [11, 54, 55]।
- पात्रता:
- अनाथ बच्चे [11, 54, 55]।
- न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान [11, 54, 55]।
- निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संतानें [11, 54]।
- नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संतानें [54, 55]।
- पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान [11, 54]।
- एड्स पीड़ित माता/पिता की संतान [11, 54]।
- कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता की संतान [11, 54]।
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान [11, 54]।
- विकलांग माता/पिता की संतान [11, 54]।
- पालनहार परिवार की वार्षिक आय ₹1.20 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए [11, 25, 54, 55]।
- पालनहार और बच्चे कम से कम 3 साल से राजस्थान राज्य में निवासरत हो [11, 55]।
- बच्चों को 2 वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी केंद्र पर तथा 6 वर्ष की आयु में स्कूल भेजना अनिवार्य है [11, 54, 55]।
- आवेदन प्रक्रिया: पालनहार परिवार को उक्त अनुदान आवेदन करने पर शहरी क्षेत्र में विभागीय जिला अधिकारी द्वारा एवं ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाता है [54, 56]।
- आवश्यक दस्तावेज: अनाथ प्रमाण पत्र, देखभाल का प्रमाण, स्कूल प्रवेश प्रमाण पत्र (6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए), आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र [11, 54, 55]।
इंस्पायर अवार्ड योजना
यह योजना छात्रों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार को बढ़ावा देना और उन्हें अपने मौलिक विचारों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करना [47, 57]।
- उद्देश्य: इंस्पायर अवार्ड योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार को बढ़ावा देना है। यह योजना छात्रों को अपने मौलिक विचारों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती है [47, 57]।
- लाभ:
- इनोवेटिव आइडिया को विकसित करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली की ओर से प्रत्येक चयनित छात्र को ₹10,000 की वित्तीय सहायता [47, 57]।
- शिक्षा सत्र 2025-26 से, 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थी भी इस योजना में शामिल हो सकेंगे। पहले यह योजना केवल छठी से 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए थी [57]।
- राष्ट्रीय स्तर पर चयनित युवा वैज्ञानिकों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित प्रदर्शनी के लिए आमंत्रित किया जाएगा [47, 57]।
- यह योजना विद्यार्थियों को अपने मौलिक आइडिया प्रदर्शित करने का अवसर देती है और 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों को शामिल करने से नवाचार को और बढ़ावा मिलेगा [57]।
- पात्रता:
- शिक्षा सत्र 2025-26 के तहत छठी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी इंस्पायर अवार्ड योजना में शामिल हो सकेंगे [57]।
- सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के सृजनशील विद्यार्थी पात्र हैं [47, 57]।
- स्कूल द्वारा नामांकित किए गए पांच आइडिया मौलिक और रचनात्मक होने चाहिए [47, 57]।
- आवेदन प्रक्रिया: शिक्षा सत्र 2025-26 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 15 जून से शुरू होगी [57]। नॉमिनेशन की अंतिम तिथि 15 सितंबर निर्धारित की गई है [57]। छात्रों को निर्धारित तिथि तक ईएमआईएएस पोर्टल पर अपने आइडिया ऑनलाइन सबमिट करने होंगे [47, 57]। प्रत्येक स्कूल को पांच अद्वितीय आइडिया अपलोड करने होंगे [47, 57]। संस्था प्रधान द्वारा आइडिया की जांच करने के बाद ही उन्हें अनुमोदित किया जाएगा [47, 57]।
- आवश्यक दस्तावेज: लेख में आवश्यक दस्तावेजों का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए छात्रों को अपने इनोवेटिव आइडिया को ईएमआईएएस पोर्टल पर अपलोड करना होगा [47, 57]।
मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना
यह योजना सरकारी स्कूलों में छात्रों को मुफ्त स्कूल यूनिफॉर्म प्रदान करना, छात्रों के बीच समानता को बढ़ावा देना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना [28, 58]। इसका उद्देश्य माता-पिता पर वित्तीय बोझ को कम करना भी है [58, 59]。
- उद्देश्य: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क यूनिफॉर्म प्रदान करना । इसका उद्देश्य छात्रों के बीच समानता को बढ़ावा देना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना है [28, 58]।
- लाभ:
- स्कूल यूनिफॉर्म फैब्रिक के दो सेट प्रदान किए जाएंगे [28, 58]।
- सभी विद्यार्थियों के खाते में ड्रेस की सिलाई के लिए ₹200 का भुगतान भी दिया जाएगा [28, 58]।
- पात्रता: सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चे [28, 58]। आवेदक राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए [58, 59]।
- आवेदन प्रक्रिया: सर्वप्रथम विद्यार्थी को अपने स्कूल में जाकर अपने अध्यापक से यूनिफॉर्म वितरण योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा [58]। आवेदन पत्र प्राप्त करने के बाद इसमें पूछी गई सभी आवश्यक जानकारी को दर्ज करना होगा [58]। इस आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेजों को भी संलग्न करना होगा [58]। उसके बाद यह फॉर्म अपने स्कूल में ही जमा करना होगा [58]। फॉर्म जमा करने के बाद विभाग द्वारा इसका सत्यापन किया जाएगा [58]। उसके बाद ही स्कूल यूनिफॉर्म फैब्रिक के दो सेट विद्यार्थियों को स्कूल के माध्यम से दिए जाएंगे [58]।
- आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, शैक्षिक योग्यता दस्तावेज, स्थाई प्रमाण पत्र [58, 59]।
महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम)
2019 में शुरू किए गए, इन स्कूलों का उद्देश्य उन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी माध्यम शिक्षा प्रदान करना है जिनके माता-पिता निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का खर्च वहन नहीं कर सकते [60]। सरकार शिक्षा खर्च वहन करती है [60]।
- उद्देश्य: इन विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी माध्यम शिक्षा प्रदान करना है जिनके माता-पिता वित्तीय रूप से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ हैं [60]।
- लाभ:
- मुफ्त अंग्रेजी माध्यम शिक्षा [60]।
- सीबीएसई पैटर्न-आधारित पाठ्यक्रम [60]।
- शिक्षकों के लिए अंग्रेजी भाषा दक्षता में सुधार के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं [60]।
- यह पहल सरकारी शिक्षा को सशक्त बनाकर छात्रों को मुफ्त और बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है [60]।
- कक्षाओं का चरणबद्ध परिचय (चौथे वर्ष तक के-12 स्कूल) [48, 53]।
- पात्रता:
- छात्र को राजस्थान का निवासी होना अनिवार्य है [60]।
- छात्र को कक्षा 1 से 12 में अध्ययनरत तथा पिछले शैक्षणिक वर्ष में उत्तीर्ण होना चाहिए [60]।
- एलकेजी से कक्षा 12 तक के छात्र [60]।
- पात्र छात्रों के लिए लॉटरी प्रणाली के माध्यम से प्रवेश [60, 53]।
- विभिन्न श्रेणियों जैसे एससी, एसटी, ओबीसी आदि के लिए विशिष्ट पात्रता मानदंड हो सकते हैं [60]।
- अतिरिक्त सीटों के लिए भामाशाह की सिफारिश [19]।
- आवेदन प्रक्रिया: शाला दर्पण पोर्टल पर एसएसओ आईडी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन [60, 19]। आवेदन आमतौर पर मई में खुलते हैं [60, 19]। चयन के लिए लॉटरी प्रणाली [60, 53]।
- आवश्यक दस्तावेज: छात्र की जन्मतिथि का प्रमाण, पता प्रमाण, पिछले स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र, पिछले वर्ष की अंकतालिका, छात्र की नवीनतम पासपोर्ट आकार की तस्वीरें, आरक्षित वर्ग के छात्रों हेतु जाति प्रमाण पत्र, अधिवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र [60]।
क्रॉस-कटिंग प्रभाव और नीतिगत निहितार्थ
राजस्थान शिक्षा विभाग और उसके संबद्ध निकायों द्वारा कार्यान्वित कल्याणकारी योजनाओं की श्रृंखला शैक्षिक विकास के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण को दर्शाती है।
- सामान्य उद्देश्य: इन योजनाओं में एक आवर्ती विषय नामांकन, प्रतिधारण और शिक्षा पूरी करने को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से लड़कियों और वंचित समूहों के लिए [10, 11, 27, 35, 36, 37, 41, 43]। उनका उद्देश्य शिक्षा के लिए वित्तीय बाधाओं को कम करना [1, 3, 2, 24, 41, 43], स्वास्थ्य और पोषण में सुधार [28, 29, 30, 31, 32, 33, 34], और पहुँच बढ़ाना [35, 36, 37, 41, 43] भी है।
- लक्षित हस्तक्षेप: योजनाएँ अत्यधिक खंडित हैं, जो विशिष्ट कमजोरियों को लक्षित करती हैं जैसे गरीबी (आपकी बेटी योजना [1, 3, 2]), शैक्षणिक योग्यता (गार्गी [4, 5], बालिका प्रोत्साहन [4, 6], इंदिरा प्रियदर्शनी [7, 8], 12वीं पास छात्रवृत्ति [24]), लिंग (अधिकांश बालिका-केंद्रित योजनाएँ), विकलांगता (दिव्यांग छात्रवृत्ति [25], दिव्यांग स्कूटी [17]), और जाति/समुदाय (प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति [20], देवनारायण स्कूटी [46], पालनहार [11, 54, 55])। यह आबादी के भीतर विविध आवश्यकताओं की एक परिष्कृत समझ को इंगित करता है।
- बालिका शिक्षा पर जोर: लड़कियों के लिए समर्पित योजनाओं (आपकी बेटी [1, 3, 2], गार्गी [4, 5], बालिका प्रोत्साहन [4, 6], इंदिरा प्रियदर्शनी [7, 8], मुख्यमंत्री हमारी बेटी [9], लाडो प्रोत्साहन/राजश्री [10, 11], कालीबाई भील स्कूटी [21, 16], देवनारायण स्कूटी [46]) की भारी संख्या और व्यापक प्रकृति शिक्षा में महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के प्रति एक मजबूत नीतिगत प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। राजश्री से लाडो प्रोत्साहन तक का विकास बालिका कल्याण के लिए एक बढ़ता हुआ निवेश और जीवन-चक्र दृष्टिकोण को दर्शाता है [11]।
- डिजिटलीकरण और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी): वित्तीय लाभों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रियाओं (जैसे शाला दर्पण, एसएसओ आईडी) और सीधे बैंक हस्तांतरण (डीबीटी) की ओर एक स्पष्ट प्रवृत्ति है [1, 3, 4, 7, 9, 10, 11, 61, 20, 24, 16, 17, 47, 51, 50, 60, 19, 23, 62]। यह पारदर्शिता को बढ़ाता है, प्रशासनिक ओवरहेड को कम करता है, और भ्रष्टाचार के अवसरों को कम करता है।
- अंतर-विभागीय तालमेल: कई योजनाएँ, शिक्षा को प्रभावित करते हुए, अन्य विभागों द्वारा प्रशासित की जाती हैं (उदाहरण के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता द्वारा पालनहार [11, 54, 55], महिला एवं बाल विकास द्वारा लाडो प्रोत्साहन [11], महिला सशक्तिकरण द्वारा उड़ान [30, 31])। यह एक सहयोगी शासन मॉडल को उजागर करता है जहाँ शिक्षा को एक क्रॉस-कटिंग विषय के रूप में देखा जाता है जिसके लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है।
प्रमुख अवलोकन और निहितार्थ
1. सामान्य से लक्षित समर्थन की ओर बदलाव: योजनाओं की बढ़ती संख्या, अक्सर सूक्ष्म पात्रता मानदंडों के साथ (जैसे छात्रवृत्तियों में विभिन्न कक्षाओं/श्रेणियों के लिए अलग-अलग आय सीमाएं [20, 25], योग्यता पुरस्कारों के लिए विशिष्ट प्रतिशत [4, 5, 6, 7, 24, 8], आपकी बेटी योजना के लिए माता-पिता की स्थिति [1, 3, 2]), सामान्य कल्याण से अधिक सटीक, आवश्यकता-आधारित या योग्यता-आधारित हस्तक्षेपों की ओर बदलाव को इंगित करती है। यह संसाधनों के अधिक कुशल आवंटन और संभावित रूप से उच्च प्रभाव की ओर ले जाता है।
2. दक्षता और जवाबदेही के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना: ऑनलाइन पोर्टलों (शाला दर्पण [20, 60, 19, 23, 62], एसएसओ आईडी [61, 16, 17, 47, 51, 50], जनकल्याण पोर्टल [61]), डीबीटी [1, 3, 4, 9, 10, 11, 24], और यहाँ तक कि बायोमेट्रिक उपस्थिति (कॉलेजों के लिए ट्रांसपोर्ट वाउचर [40, 42]) का व्यापक रूप से अपनाना कल्याण वितरण में डिजिटल शासन के प्रति एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पारदर्शिता बढ़ाने, रिसाव को कम करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के बारे में है।
3. बालिका के लिए व्यापक जीवन-चक्र दृष्टिकोण: राजश्री जैसी योजनाओं का लाडो प्रोत्साहन में विकास, जन्म से लेकर स्नातक तक वित्तीय सहायता प्रदान करना [10, 11], बालिका के पूरे जीवन चक्र में एक दीर्घकालिक, समग्र निवेश को दर्शाता है। यह केवल लड़कियों को स्कूल में नामांकित करने से आगे बढ़कर उनके वयस्कता तक निरंतर विकास और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करता है [11]।
4. शिक्षा के लिए गैर-शैक्षणिक बाधाओं को संबोधित करना: निःशुल्क साइकिल वितरण [35, 36, 37], ट्रांसपोर्ट वाउचर [40, 41, 42, 43, 44, 45], उड़ान योजना (सैनिटरी नैपकिन) [30, 31], और आयरन फोलिक एसिड वितरण [29, 32, 33, 34] जैसी योजनाएँ इस बात की पहचान को उजागर करती हैं कि गैर-शैक्षणिक कारक (गतिशीलता, स्वच्छता, पोषण) शैक्षिक पहुँच और प्रतिधारण के महत्वपूर्ण निर्धारक हैं।
5. कार्यान्वयन और स्थिरता में चुनौतियाँ: मजबूत नीतिगत ढाँचे के बावजूद, कुछ योजनाएँ कार्यान्वयन चुनौतियों का सामना करती हैं, जैसा कि साइकिल वितरण में देरी [36, 37] और सैनिटरी नैपकिन आपूर्ति में रिपोर्ट की गई चूक [63] से स्पष्ट है। यह सुझाव देता है कि प्रभावी अंतिम-मील वितरण और लगातार संसाधन आवंटन इन पहलों के सफल प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण बने हुए हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान शिक्षा विभाग ने, अन्य राज्य विभागों के सहयोग से, एक समावेशी, न्यायसंगत और गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कल्याणकारी योजनाओं का एक मजबूत और व्यापक ढाँचा स्थापित किया है। लड़कियों और छात्रों के लिए व्यापक वित्तीय सहायता और योग्यता-आधारित पुरस्कारों से लेकर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और पोषण सहायता तक, और पहुँच बढ़ाने वाली पहलों तक, ये कार्यक्रम सामूहिक रूप से छात्रों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के एक विस्तृत स्पेक्ट्रम को संबोधित करते हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण पर बढ़ती निर्भरता शासन के लिए एक आधुनिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देती है। जबकि नीतिगत इरादा मजबूत है और कई पहलें अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई हैं, कार्यान्वयन की निरंतर निगरानी और जमीनी स्तर पर चुनौतियों का समाधान करना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि लाभ हर पात्र बच्चे तक पहुँचे, अंततः एक अधिक शिक्षित और सशक्त राजस्थान में योगदान दें।
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