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भारत के शीर्ष 10 बैंक 2025: सेवाएं, प्रदर्शन और भरोसे का विश्लेषण

भारत के शीर्ष 10 बैंक: एक विस्तृत विश्लेषण

बैंकिंग की परम्परा हमारे देश में बहुत पुरानी, व्यवस्थित एवं विकसित हैं। 

भारत का बैंकिंग क्षेत्र दुनिया के सबसे गतिशील और तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है, जो देश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में कार्य करता है। यह क्षेत्र सार्वजनिक और निजी दोनों बैंकों के एक विविध मिश्रण की विशेषता है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी ताकत और रणनीतियाँ हैं। यह रिपोर्ट बाजार पूंजीकरण के आधार पर भारत के शीर्ष 10 बैंकों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें उनकी स्थापना, विकास, वित्तीय प्रदर्शन, शाखा नेटवर्क, प्रमुख योजनाएं, विशेष सुविधाएं और वैश्विक महत्व शामिल हैं।

विश्लेषण से कई महत्वपूर्ण पहलू सामने आते हैं। निजी क्षेत्र के बैंक बाजार मूल्यांकन में अग्रणी हैं, जो उनकी दक्षता, नवाचार और लाभप्रदता की निवेशक धारणा को दर्शाता है। इसके विपरीत, भारतीय स्टेट बैंक जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपनी व्यापक पहुंच, विशाल ग्राहक आधार और वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका के साथ एक मजबूत आधार बनाए हुए हैं। विलय और अधिग्रहण ने कई बैंकों के लिए विकास को गति दी है, जिससे उन्हें पैमाने और बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिली है। डिजिटल परिवर्तन सभी प्रमुख खिलाड़ियों के लिए एक सार्वभौमिक अनिवार्यता बन गया है, जो ग्राहक सुविधा और परिचालन दक्षता को बढ़ाता है। हालांकि, तेजी से विकास के साथ-साथ मजबूत शासन और जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता भी सामने आई है, जैसा कि हाल की घटनाओं से स्पष्ट होता है। कुल मिलाकर, भारतीय बैंकिंग क्षेत्र एक दोहरे ट्रैक प्रणाली की ओर बढ़ रहा है, जहाँ निजी बैंक नवाचार और उच्च-मूल्य वाली सेवाओं का नेतृत्व करते हैं, जबकि सार्वजनिक बैंक व्यापक वित्तीय पहुंच और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बने हुए हैं।

1. परिचय

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकार की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण, जमा और भुगतान सेवाओं का एक व्यापक स्पेक्ट्रम प्रदान करता है। हाल के वर्षों में, यह क्षेत्र डिजिटल नवाचार, नियामक सुधारों और समेकन के माध्यम से महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजरा है। इस परिवर्तन ने बैंकों को अपनी सेवाओं का विस्तार करने, परिचालन दक्षता में सुधार करने और बढ़ती ग्राहक अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है।

इस रिपोर्ट में, भारत के शीर्ष 10 बैंकों का चयन मुख्य रूप से उनके बाजार पूंजीकरण के आधार पर किया गया है, जो निवेशकों के विश्वास और बाजार की धारणा को दर्शाता है। नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों (2024) के अनुसार, ये बैंक भारतीय वित्तीय परिदृश्य में सबसे प्रभावशाली और महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। बाजार पूंजीकरण एक बैंक के कुल मूल्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो बाजार में उसके सापेक्ष आकार और प्रभुत्व को दर्शाता है।

तालिका 1: भारत के शीर्ष 10 बैंक: बाजार पूंजीकरण द्वारा (2024)

रैंक बैंक का नाम प्रकार बाजार पूंजीकरण (₹ लाख करोड़) (2024)
1 एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) निजी 15.16
2 आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) निजी 10.15
3 भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India - SBI) सार्वजनिक 7.13
4 कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) निजी 4.39
5 एक्सिस बैंक (Axis Bank) निजी 3.77
6 इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) निजी 0.65
7 बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda - BoB) सार्वजनिक 1.23
8 पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank - PNB) सार्वजनिक 1.21
9 यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) सार्वजनिक 1.10
10 आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) निजी 0.99

तालिका 1 से यह स्पष्ट होता है कि बाजार पूंजीकरण के आधार पर शीर्ष 5 में 4 निजी बैंक हैं। यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में निजी क्षेत्र के बढ़ते प्रभुत्व और निवेशक वरीयता को दर्शाता है। निजी बैंक आमतौर पर अधिक लचीले होते हैं, नवाचार को तेजी से अपनाते हैं, और अक्सर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तुलना में उच्च लाभप्रदता और दक्षता दिखाते हैं। यह कारकों का संयोजन निवेशकों को आकर्षित करता है, जिससे उनकी बाजार पूंजीकरण अधिक होती है। यह इंगित करता है कि निवेशक निजी बैंकों को उच्च विकास क्षमता और बेहतर रिटर्न के साथ देखते हैं, भले ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पहुंच और ग्राहक आधार व्यापक हो।

2. भारत के शीर्ष 10 बैंक: एक विस्तृत अवलोकन

2.1. एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)

2.1.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

एचडीएफसी बैंक की स्थापना अगस्त 1994 में एचडीएफसी लिमिटेड की सहायक कंपनी के रूप में हुई थी, जिसने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से 'सैद्धांतिक' अनुमोदन प्राप्त किया था। बैंक ने जनवरी 1995 में मुंबई में अपने पंजीकृत कार्यालय के साथ परिचालन शुरू किया । इसकी पहली कॉर्पोरेट कार्यालय और पूर्ण-सेवा शाखा का उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने किया था ।

बैंक ने अपने शुरुआती वर्षों में ही रणनीतिक विस्तार किया। फरवरी 2000 में, टाइम्स बैंक का एचडीएफसी बैंक में विलय हो गया, जो भारत का पहला स्वैच्छिक बैंक विलय था । जुलाई 2001 में, एचडीएफसी बैंक के एडीएस (अमेरिकन डिपॉजिटरी शेयर) न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुए । 2008 में, एचडीएफसी बैंक ने ₹9,510 करोड़ (लगभग US$2.19 बिलियन) में सेंचुरियन बैंक ऑफ पंजाब (CBoP) का अधिग्रहण किया, जिसे उस समय भारतीय वित्तीय क्षेत्र में सबसे बड़ा अधिग्रहण बताया गया था ।

1 जुलाई 2023 को, एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक के साथ विलय पूरा हो गया । यह विलय भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस एकीकरण के परिणामस्वरूप, एचडीएफसी बैंक का ग्राहक आधार 12 करोड़ (120 मिलियन) से अधिक हो गया, जो जर्मनी की आबादी से भी अधिक है । इस विलय ने न केवल बैंक के आकार और वैश्विक रैंकिंग में नाटकीय रूप से वृद्धि की, बल्कि निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए समेकन के माध्यम से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक खाका भी तैयार किया। इस एकीकरण ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास करने की क्षमता दिखाई, जिससे निजी बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विशाल नेटवर्क के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर सकें। यह भारतीय बैंकों की वैश्विक स्तर पर बढ़ती महत्वाकांक्षा को भी दर्शाता है, जिससे यह विलय अन्य निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए एक संकेत है कि बड़े पैमाने पर समेकन भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में भविष्य के विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति हो सकती है।

2.1.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

एचडीएफसी बैंक ने लगातार मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखाया है। वित्त वर्ष 2025 में बैंक का परिचालन आय ₹96,242 करोड़ (लगभग US11 बिलियन) और शुद्ध आय ₹70,792 करोड़ (लगभग US8.4 बिलियन) थी । 31 मार्च 2025 तक, बैंक की कुल संपत्ति ₹39.10 लाख करोड़ (लगभग US460 बिलियन) थी, और कुल इक्विटी ₹5.17 लाख करोड़ (लगभग US61 बिलियन) थी ।

31 मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के लिए, बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) ₹320.7 बिलियन थी, जो 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही की तुलना में 10.3% अधिक है । इसी तिमाही के लिए कर के बाद लाभ (PAT) ₹176.2 बिलियन था । बैंक की औसत जमा राशि मार्च 2025 तिमाही के लिए ₹25,280 बिलियन थी, जो मार्च 2024 तिमाही की तुलना में 15.8% अधिक है। 31 मार्च 2025 तक कुल ईओपी (अवधि के अंत में) जमा ₹27,147 बिलियन थे, जो 31 मार्च 2024 की तुलना में 14.1% की वृद्धि दर्शाते हैं ।

अग्रिमों के मोर्चे पर, मार्च 2025 तिमाही के लिए प्रबंधन के तहत औसत अग्रिम ₹26,955 बिलियन थे, जो मार्च 2024 तिमाही की तुलना में 7.3% अधिक है । 31 मार्च 2025 तक सकल अग्रिम ₹26,435 बिलियन थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.4% अधिक है। खुदरा ऋणों में 9.0% और वाणिज्यिक व ग्रामीण बैंकिंग ऋणों में 12.8% की वृद्धि हुई ।

बैंक की संपत्ति गुणवत्ता मजबूत बनी हुई है, जिसमें 31 मार्च 2025 तक सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 1.33% थीं । 31 मार्च 2025 तक बैंक का कुल पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) बेसल III दिशानिर्देशों के अनुसार 19.6% था, जो 11.7% की नियामक आवश्यकता से काफी अधिक है । वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में लागत-से-आय अनुपात 39.8% था, जो परिचालन दक्षता को दर्शाता है ।

2.1.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

एचडीएफसी बैंक का भारत में एक विशाल वितरण नेटवर्क है। 31 मार्च 2025 तक, बैंक के नेटवर्क में 9,455 शाखाएँ और 21,139 एटीएम शामिल थे, जो 4,150 शहरों/कस्बों में फैले हुए थे । बैंक की पहुंच को और बढ़ाने के लिए, इसकी 51% शाखाएँ अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं । इसके अतिरिक्त, बैंक के पास 15,399 व्यावसायिक संवाददाता (BC) हैं, जो मुख्य रूप से कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) द्वारा संचालित होते हैं । 31 मार्च 2025 तक बैंक में 2,14,521 कर्मचारी थे ।

2.1.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

एचडीएफसी बैंक खुदरा, कॉर्पोरेट और संस्थागत बैंकिंग में अभिनव समाधानों के लिए जाना जाता है, जिसमें गृह ऋण को इसके व्यापक उत्पाद पोर्टफोलियो में सहजता से एकीकृत किया गया है । बैंक विभिन्न प्रकार की खाता सेवाएँ प्रदान करता है, जिनमें आधार सीडिंग, खाता हस्तांतरण, पता परिवर्तन, डीमैट नामांकन, फॉर्म 15 जी/एच जमा करना, एफडी/आरडी सलाह जारी करना, एफडी का ऑनलाइन परिसमापन, संयुक्त खाता धारक के रूप में नया सदस्य जोड़ना, एनआरओ से एनआरई फंड हस्तांतरण, एनआरओ खाते से विदेशी प्रेषण, पैन अपडेट, री-केवाईसी, चेक बुक अनुरोध, स्टॉप पेमेंट चेक, नामांकित व्यक्ति अपडेट, ईमेल/मोबाइल नंबर अपडेट और हस्ताक्षर अपडेट शामिल हैं ।

ऋण सेवाओं के तहत, बैंक व्यक्तिगत ऋण, कागज़ रहित व्यक्तिगत ऋण, गृह ऋण, व्यापार ऋण, डॉक्टर ऋण, नई कार ऋण, ईवी कार ऋण, दोपहिया वाहन ऋण, ईवी बाइक ऋण, सुपर बाइक ऋण, शिक्षा ऋण, पूर्व-स्वामित्व वाली कार ऋण, ईज़ीईएमआई और फ्लेक्सीपे (अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें) जैसी लोकप्रिय योजनाएँ प्रदान करता है । यह क्रेडिट कार्ड पर ऋण, स्मार्टईएमआई, स्वर्ण ऋण, प्रतिभूतियों के विरुद्ध ऋण, म्युचुअल फंड के विरुद्ध डिजिटल ऋण, संपत्ति के विरुद्ध ऋण और कार के विरुद्ध ऋण जैसी संपत्तियों के विरुद्ध ऋण भी प्रदान करता है । इसके अतिरिक्त, बैंक जनसमर्थ पोर्टल, आपातकालीन क्रेडिट लाइन सुविधा, पेशेवरों के लिए ऋण, सरकार प्रायोजित कार्यक्रम, पीएम मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना और सतत आजीविका पहल जैसी अन्य ऋण योजनाएँ भी प्रदान करता है ।

जमा योजनाओं के लिए, एचडीएफसी बैंक सावधि जमा, आवर्ती जमा और माई पैशन फंड जैसी विभिन्न विकल्प प्रदान करता है। इसमें कर बचत सावधि जमा, एफसीएनआर सावधि जमा और गैर-निकासी जमा भी शामिल हैं ।

डिजिटल बैंकिंग नवाचारों में, एचडीएफसी बैंक नेटबैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप, एचडीएफसी स्काई (एक ऑल-इन-वन निवेश ऐप), क्रेडिट कार्ड सेवाओं के लिए वन स्टॉप शॉप, पेज़ैप (ऑनलाइन भुगतान ऐप), बिलपे, स्मार्टबाय और स्मार्टहब व्यापार (व्यावसायिक समाधान) जैसे प्लेटफॉर्म प्रदान करता है । यह व्हाट्सएप बैंकिंग के माध्यम से 180 से अधिक बैंकिंग सेवाएं भी प्रदान करता है ।

बैंक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), पीएम स्वनिधि (PM SVANidhi), मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (CMEGP), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM), मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (MSY) और बेरोजगार युवा रोजगार सृजन कार्यक्रम (UYEGP) सहित कई सरकार प्रायोजित योजनाओं में भाग लेता है ।

2.1.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

एचडीएफसी बैंक बाजार पूंजीकरण के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा बैंक है और वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा बैंक है । 2023 में एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय के बाद, यह $154 बिलियन के बाजार पूंजीकरण के साथ दुनिया का सातवां सबसे मूल्यवान बैंक बन गया और कुल संपत्ति के हिसाब से दुनिया की शीर्ष 100 बैंकिंग कंपनियों में से एक बन गया ।

ब्रांड फाइनेंस बैंकिंग 500 2025 जर्नल के अनुसार, एचडीएफसी बैंक ब्रांड मूल्य में 43% की वृद्धि के साथ वैश्विक स्तर पर 24वें सबसे मूल्यवान बैंकिंग ब्रांड के रूप में 10 स्थान ऊपर चढ़ गया । यह वर्ल्ड्स बेस्ट कॉर्पोरेट, इन्वेस्टमेंट और होलसेल बैंक्स रैंकिंग 2025 में भी 24वें स्थान पर है ।

बैंक के अंतर्राष्ट्रीय परिचालन में हांगकांग, बहरीन और दुबई में चार शाखाएँ शामिल हैं, साथ ही गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (GIFT City) में एक IFSC बैंकिंग यूनिट (IBU) भी है । इसके केन्या, अबू धाबी, दुबई, लंदन और सिंगापुर में पाँच प्रतिनिधि कार्यालय भी हैं ।

2.2. आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)

2.2.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (ICICI) की स्थापना मूल रूप से 1955 में विश्व बैंक, भारत सरकार और भारतीय उद्योग के प्रमुख प्रतिनिधियों के एक संयुक्त उद्यम के रूप में हुई थी। इस पहल का उद्देश्य भारतीय निजी क्षेत्र में विकास वित्त की आवश्यकता को पूरा करना था । बैंकिंग सहायक कंपनी, आईसीआईसीआई बैंक, को 1994 में शामिल किया गया था । आईसीआईसीआई का मुख्यालय मुंबई में था, और आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपना मुख्यालय मुंबई में स्थापित किया, बाद में अपना पंजीकृत कार्यालय वडोदरा, गुजरात में स्थानांतरित कर दिया, जबकि अपना कॉर्पोरेट कार्यालय मुंबई में बनाए रखा ।

आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी यात्रा में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं। 1998 में, इसने इंटरनेट बैंकिंग शुरू की, जिससे यह ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने वाले भारत के पहले प्रमुख बैंकों में से एक बन गया । 1999 में, यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कंपनी और गैर-जापानी एशियाई बैंक बन गया, जिससे इसकी वैश्विक दृश्यता बढ़ी । 2001 में, इसने बैंक ऑफ मदुरा का अधिग्रहण किया, जिससे इसकी खुदरा उपस्थिति का विस्तार हुआ । 2001-2002 में, आईसीआईसीआई का आईसीआईसीआई बैंक में विलय हो गया, जिससे यह एक सार्वभौमिक बैंकिंग इकाई में बदल गया । 2010 में, इसने बैंक ऑफ राजस्थान का अधिग्रहण किया, जिससे इसके शाखा नेटवर्क में 450 से अधिक शाखाओं की उल्लेखनीय वृद्धि हुई । 2022 में, एक रिवर्स विलय हुआ, जिसमें आईसीआईसीआई बैंक ने आईसीआईसीआई और उसकी सहायक कंपनियों को अवशोषित कर लिया ।

आईसीआईसीआई बैंक का विकास एक विकास वित्त संस्था से एक सार्वभौमिक बैंक में हुआ है, साथ ही इसका आक्रामक डिजिटल परिवर्तन (जैसे 'डिजिटल फर्स्ट' दृष्टिकोण, 'आईसीआईसीआईस्टैक', ब्लॉकचेन को अपनाना, सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स) व्यापक वित्तीय सेवा प्रावधान के साथ तकनीकी नवाचार की रणनीति को दर्शाता है। खुदरा, कॉर्पोरेट, ट्रेजरी और बीमा/परिसंपत्ति प्रबंधन (सहायक कंपनियों के माध्यम से) में इसका विविध पोर्टफोलियो जोखिम को कम करता है और कई राजस्व धाराएँ बनाता है। यह व्यापक दृष्टिकोण बाजार में इसकी स्थिति और लचीलेपन में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

2.2.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

आईसीआईसीआई बैंक ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखाया है। 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए, बैंक का स्टैंडअलोन कर के बाद लाभ (PAT) ₹41,371 करोड़ (लगभग US5.0 बिलियन) था, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 28.2% की वृद्धि हुई [span_74](start_span)[span_74](end_span)। इसी अवधि में कुल संपत्ति ₹23.64 ट्रिलियन (लगभग US283.5 बिलियन) से अधिक थी ।

31 मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के लिए, बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) ₹21,193 करोड़ (लगभग US$2.5 बिलियन) थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11.0% अधिक है । इसी तिमाही के लिए कर के बाद लाभ (PAT) ₹12,630 करोड़ था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18% अधिक है । 31 मार्च 2025 तक कुल जमा ₹16,10,348 करोड़ थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14.0% अधिक है । घरेलू ऋण पोर्टफोलियो 31 मार्च 2025 तक ₹13,10,981 करोड़ था, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 13.9% की वृद्धि हुई ।

बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिसमें 31 मार्च 2025 तक शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NNPA) 0.39% थीं, जबकि 31 मार्च 2024 को यह 0.42% थीं । 31 मार्च 2024 तक सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 2.16% थीं । 31 मार्च 2025 तक कुल पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) 16.55% था, जो नियामक आवश्यकताओं से काफी ऊपर है । वित्त वर्ष 2023 में, बैंक के ऋण का 21.4% हरित वित्तपोषण के लिए गया, जो लगभग $119 बिलियन था, जो स्थिरता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।

2.2.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

आईसीआईसीआई बैंक का भारत में एक व्यापक शाखा नेटवर्क है। 31 मार्च 2024 तक, बैंक के पास 6,523 शाखाओं और 17,190 एटीएम का एक व्यापक नेटवर्क है । पूरे भारत में इसकी 6,613 शाखाएँ हैं, और 11 अन्य देशों में भी इसकी शाखाएँ हैं । 2010 में बैंक ऑफ राजस्थान के अधिग्रहण के बाद, आईसीआईसीआई बैंक का शाखा नेटवर्क पूरे देश में 2500 से अधिक शाखाओं तक विस्तारित हो गया ।

2.2.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

आईसीआईसीआई बैंक बैंकिंग उत्पादों और वित्तीय सेवाओं का एक विशाल स्पेक्ट्रम प्रदान करता है। इसमें खुदरा बैंकिंग (बचत/चालू खाते, गृह ऋण, व्यक्तिगत ऋण, ऑटो ऋण, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, और व्यक्तियों, परिवारों और छोटे व्यवसायों के लिए डिजिटल बैंकिंग), कॉर्पोरेट बैंकिंग (एसएमई, बड़े निगमों और संस्थानों के लिए कार्यशील पूंजी वित्त, सावधि ऋण, परियोजना वित्त, व्यापार वित्त और नकद प्रबंधन सेवाएँ), और ट्रेजरी परिचालन (कॉर्पोरेट, वित्तीय संस्थानों और निवेशकों के लिए विदेशी मुद्रा सेवाएँ, डेरिवेटिव ट्रेडिंग, मनी मार्केट परिचालन और निवेश पोर्टफोलियो प्रबंधन) शामिल हैं ।

अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से, आईसीआईसीआई बैंक जीवन बीमा (आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के माध्यम से), सामान्य बीमा (आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के माध्यम से), और म्युचुअल फंड (आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के माध्यम से) भी प्रदान करता है ।

डिजिटल बैंकिंग नवाचारों में, आईसीआईसीआई बैंक ने 2010 में 'डिजिटल फर्स्ट' दृष्टिकोण अपनाया, मोबाइल बैंकिंग और विभिन्न डिजिटल सेवाएं शुरू कीं । इसने 2014-2015 में टच-एंड-पे और कॉन्टैक्टलेस कार्ड सेवाओं जैसे डिजिटल भुगतानों का बीड़ा उठाया । बैंक ने 2016 में लेनदेन के लिए ब्लॉकचेन तकनीक अपनाई और 2018 में सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स लागू किया, जो प्रतिदिन दस लाख से अधिक लेनदेन का प्रबंधन करता है । कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में, आईसीआईसीआई ने 'आईसीआईसीआईस्टैक' नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पेश किया, जो व्यापक बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करता है । यह 'कार्डलेस ईएमआई' और अमेज़न एलेक्सा और गूगल असिस्टेंट पर वॉयस बैंकिंग सेवाएँ भी प्रदान करता है । बैंक ने मेकमाईट्रिप और एमिरेट्स स्काईवार्ड्स के साथ सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड लॉन्च किए हैं, और एडवांटेज वुमन ऑरा बचत खाता, 'एफडी हेल्थ' और 'द वन' प्रीमियम बचत खाता पेश किया है । यह हरित जमा और ऋण जैसी पर्यावरण-अनुकूल पहल पर भी जोर देता है ।

सरकारी योजनाओं के तहत, आईसीआईसीआई बैंक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), नागरिक पेंशन योजना, रक्षा पेंशन योजना, अटल पेंशन योजना (APY), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में भाग लेता है ।

2.2.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

आईसीआईसीआई बैंक बाजार पूंजीकरण के हिसाब से भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है । इसे 2023 में एसएंडपी ग्लोबल की शीर्ष 50 एशिया-प्रशांत बैंकों की सूची में पहली बार शामिल किया गया था । यह 1999 में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कंपनी और गैर-जापानी एशियाई बैंक बन गया, जिससे इसकी वैश्विक दृश्यता और पूंजी तक पहुंच बढ़ी । 2005 में, इसने आईसीआईसीआई बैंक यूके पीएलसी की स्थापना की, जो यूके बाजार में एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय विस्तार को दर्शाता है । 2007 में, समूह ने यूके, यूएस और बेल्जियम में शाखाएँ खोलकर अंतर्राष्ट्रीय विस्तार शुरू किया । 2008 में, आईसीआईसीआई बैंक यूके ने कनाडा में "मनी2इंडिया" सेवा शुरू की । इसके अमेरिकन डिपॉजिटरी शेयर (ADRs) NYSE पर 'IBN' टिकर के तहत सूचीबद्ध हैं ।

आईसीआईसीआई बैंक को 2018 में एशियन बैंकर एक्सीलेंस इन रिटेल फाइनेंशियल सर्विसेज इंटरनेशनल अवार्ड्स में भारत में 'सर्वश्रेष्ठ खुदरा बैंक' के रूप में मान्यता मिली । ग्लोबल फाइनेंस ने इसे भारत क्षेत्र के लिए 'सर्वश्रेष्ठ उपभोक्ता डिजिटल बैंक 2019' के रूप में मान्यता दी । द एशियन बैंकर द्वारा इसे 2021 में 'भारत में सबसे मजबूत बैंक' का नाम दिया गया ।

2.3. भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India - SBI)

2.3.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की जड़ें 19वीं शताब्दी के पहले दशक में हैं, जब 2 जून 1806 को बैंक ऑफ कलकत्ता (बाद में बैंक ऑफ बंगाल) की स्थापना हुई थी । यह तीन प्रेसीडेंसी बैंकों में से एक था, अन्य दो बैंक ऑफ बॉम्बे (15 अप्रैल 1840) और बैंक ऑफ मद्रास (1 जुलाई 1843) थे । 27 जनवरी 1921 को, इन तीनों प्रेसीडेंसी बैंकों का विलय होकर इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया बना ।

भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के तहत, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया में नियंत्रक हित हासिल कर लिया, और 1 जुलाई 1955 को, इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया भारतीय स्टेट बैंक बन गया । 2008 में, भारत सरकार ने किसी भी संभावित हितों के टकराव को खत्म करने के लिए एसबीआई में आरबीआई की हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया ।

एसबीआई ने अपने 200 से अधिक वर्षों के इतिहास में बीस से अधिक बैंकों के विलय और अधिग्रहण के माध्यम से खुद को आकार दिया है । 1959 में, सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (सहायक बैंक) अधिनियम पारित किया, जिसने रियासतों से संबंधित आठ बैंकों को एसबीआई की सहायक कंपनियों में बदल दिया, ताकि इसकी ग्रामीण पहुंच का विस्तार हो सके । एसबीआई ने 1963 में स्टेट बैंक ऑफ जयपुर और स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर का विलय किया । इसने बैंक ऑफ बिहार (1969), नेशनल बैंक ऑफ लाहौर (1970), कृष्णराम बलदेव बैंक (1975), और बैंक ऑफ कोचीन (1985) सहित बचाव अभियानों में स्थानीय बैंकों का भी अधिग्रहण किया ।

2016 में, शेष पाँच सहयोगी बैंकों (स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर) और एसबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारतीय महिला बैंक का एसबीआई में विलय कर दिया गया । यह विलय, 1 अप्रैल 2017 से प्रभावी हुआ, जिसका उद्देश्य एसबीआई को संपत्ति के हिसाब से दुनिया के 50 सबसे बड़े बैंकों में से एक बनाना था । मार्च 2020 में, एसबीआई ने आरबीआई-निर्देशित बचाव सौदे के हिस्से के रूप में यस बैंक में 48.2% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया, जो 8 फरवरी 2024 तक घटकर 26.13% हो गया ।

2.3.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

भारतीय स्टेट बैंक भारत का सबसे बड़ा बैंक है, जिसकी कुल संपत्ति ₹66.76 लाख करोड़ (लगभग US790 बिलियन) है [span_121](start_span)[span_121](end_span)। वित्त वर्ष 2025 में बैंक का राजस्व ₹5.24 लाख करोड़ (लगभग US62 बिलियन) और शुद्ध आय ₹70,910 करोड़ (लगभग US$8.4 बिलियन) थी ।

31 मार्च 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए, बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) ₹1,899,945 मिलियन थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.9% अधिक है । इसी अवधि के लिए कर के बाद लाभ (PAT) ₹775,613 मिलियन था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15.6% अधिक है । 31 मार्च 2025 तक, बैंक के अग्रिम ₹42,508,307 मिलियन और जमा ₹54,398,980 मिलियन थे ।

31 दिसंबर 2024 तक, एसबीआई का कुल व्यवसाय आकार (अग्रिम और जमा) ₹92,97,136 करोड़ था । बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ है। 31 मार्च 2025 तक सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 1.8% और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NNPA) 0.5% थीं । 31 मार्च 2025 तक बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) 14.3% था ।

2.3.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

एसबीआई का भारत में सबसे व्यापक शाखा नेटवर्क है। 31 मार्च 2025 तक, बैंक के पास 22,405 शाखाएँ और 65,000 एटीएम/एडीडब्ल्यूएम (स्वचालित जमा और निकासी मशीनें) हैं । इसके अतिरिक्त, बैंक के पास 76,000 व्यावसायिक संवाददाता (BC) आउटलेट हैं, जो इसकी व्यापक पहुंच को सुनिश्चित करते हैं । 31 दिसंबर 2024 तक, बैंक के नेटवर्क में 22,740 घरेलू शाखाएँ, 78,000 व्यावसायिक संवाददाता आउटलेट और 65,000 एटीएम/एडीडब्ल्यूएम शामिल थे ।

2.3.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

एसबीआई अपने विशाल नेटवर्क के माध्यम से भारत और विदेशों में विभिन्न प्रकार के बैंकिंग उत्पाद प्रदान करता है, जिसमें अनिवासी भारतीयों (NRIs) के लिए लक्षित उत्पाद भी शामिल हैं । नवंबर 2017 में, एसबीआई ने योनो (YONO) नामक एक एकीकृत डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जिसके वित्त वर्ष 2025 में 8.77 करोड़ उपयोगकर्ता थे । वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में योनो प्लेटफॉर्म के माध्यम से 63% नए बचत खाते डिजिटल रूप से खोले गए । योनो के माध्यम से ₹1,399 करोड़ के पूर्व-अनुमोदित व्यक्तिगत ऋण भी वितरित किए गए ।

बैंक वित्तीय समावेशन पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है । यह कई सरकार प्रायोजित योजनाओं में सक्रिय रूप से भाग लेता है, जिनमें पीएम सूर्य घर (सौर छत के लिए ऋण), ग्रीन कार ऋण (इलेक्ट्रिक कारों के लिए), सूर्य शक्ति (सौर वित्त), कंप्रेस्ड बायो गैस (SATAT योजना के तहत), बायोफ्यूल परियोजनाओं के लिए वित्त, पीएम-कुसुम योजना (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना), एसबीआई ग्रीन रुपया सावधि जमा (SGRTD), राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), पूंजीगत लाभ खाता योजना, स्वर्ण बैंकिंग, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सुकन्या समृद्धि खाता और आरबीआई बांड शामिल हैं ।

2.3.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

भारतीय स्टेट बैंक भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है और संपत्ति, जमा, अग्रिम, ग्राहकों और बैंकिंग आउटलेट के मामले में भारत का सबसे बड़ा बैंक है । वित्त वर्ष 2023-24 में, इसने रिलायंस इंडस्ट्रीज को पछाड़कर भारत की सबसे अधिक लाभदायक कंपनी का स्थान हासिल किया ।

यह कुल संपत्ति के हिसाब से वैश्विक स्तर पर 48वां सबसे बड़ा बैंक है और 2024 फॉर्च्यून ग्लोबल 500 सूची में एकमात्र भारतीय बैंक है, जो समग्र रूप से 178वें स्थान पर है । 2023 में, एसएंडपी ग्लोबल की शीर्ष 50 एशिया-प्रशांत बैंकों की सूची में इसकी रैंकिंग 21 से सुधरकर 20 हो गई । ग्लोबल फाइनेंस पत्रिका ने 2024 में एसबीआई को भारत के सर्वश्रेष्ठ बैंक के रूप में स्थान दिया । यह एकमात्र भारतीय बैंक है जिसके पास AAA+ ब्रांड शक्ति रेटिंग है, जो इसकी 100 से अधिक वर्षों की विरासत और देशव्यापी शाखा परिचालन को दर्शाता है ।

एसबीआई की विदेशी बाजारों में सबसे बड़ी उपस्थिति है, जिसमें 2024-25 तक 36 देशों में 241 विदेशी कार्यालय फैले हुए हैं । इसके कनाडा, इंडोनेशिया, मॉरीशस, नेपाल, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, यूके और यूएस में सहायक कंपनियाँ/संयुक्त उद्यम हैं ।

2.4. कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)

2.4.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड की स्थापना 1985 में उदय कोटक के नेतृत्व में एक वित्त कंपनी (कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड) के रूप में हुई थी । 2003 में, इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ, जिससे यह भारत में बैंक में परिवर्तित होने वाली पहली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) बन गई । एक एनबीएफसी से बैंक में यह परिवर्तन भारतीय वित्तीय क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।

बैंक ने अपने नेटवर्क और ग्राहक आधार का विस्तार करने के लिए रणनीतिक अधिग्रहण किए। 1 अप्रैल 2015 को, आईएनजी वैश्य बैंक लिमिटेड का कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड में विलय हो गया, जिससे इसकी ग्राहक संख्या और पहुंच में काफी वृद्धि हुई । 2020 में, बैंक ने अपनी फिनटेक क्षमताओं को बढ़ाते हुए विभिन्न डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ लॉन्च कीं ।

कोटक महिंद्रा बैंक का एक एनबीएफसी के रूप में उद्भव और बाद में एक बैंक में परिवर्तन, साथ ही कोटक 811 जैसी 'डिजिटल-फर्स्ट' पहल और धन प्रबंधन और निवेश बैंकिंग पर इसका मजबूत ध्यान, विभिन्न ग्राहक खंडों को लक्षित करने की एक रणनीति को दर्शाता है। यह पृष्ठभूमि और रणनीतिक ध्यान बैंक को बाजार में एक अनूठा प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान करता है।

2.4.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

कोटक महिंद्रा बैंक ने लगातार मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखाया है। वित्त वर्ष 2025 के लिए बैंक का स्टैंडअलोन कर के बाद लाभ (PAT) ₹16,450 करोड़ था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 19% अधिक है। समेकित आधार पर, वित्त वर्ष 2025 के लिए PAT ₹22,126 करोड़ था, जिसमें 21% की वृद्धि हुई ।

वित्त वर्ष 2025 के लिए शुद्ध ब्याज आय (NII) ₹28,342 करोड़ थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9% अधिक है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए NII ₹7,284 करोड़ था, जिसमें 5% की वृद्धि हुई । वित्त वर्ष 2025 के लिए शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) 4.96% था, और वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए यह 4.97% था ।

31 मार्च 2025 तक, ग्राहक संपत्ति, जिसमें अग्रिम (आईबीपीसी और बीआरडीएस सहित) और क्रेडिट विकल्प शामिल हैं, ₹477,855 करोड़ तक बढ़ गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13% अधिक है। अग्रिम (आईबीपीसी और बीआरडीएस सहित) 31 मार्च 2025 तक ₹444,316 करोड़ तक बढ़ गए, जिसमें 13% की वृद्धि हुई ।

31 मार्च 2025 तक औसत कुल जमा ₹468,486 करोड़ थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15% अधिक है । 31 मार्च 2025 तक CASA (चालू खाता बचत खाता) अनुपात 43.0% था, जो एक स्थिर और कम लागत वाले फंडिंग आधार को दर्शाता है ।

बैंक की संपत्ति गुणवत्ता मजबूत बनी हुई है। 31 मार्च 2025 तक सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 1.42% और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NNPA) 0.31% थीं । 31 मार्च 2025 तक बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) बेसल III के अनुसार 22.2% था, जो नियामक आवश्यकताओं से काफी ऊपर है । 31 मार्च 2025 तक प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति ₹669,885 करोड़ तक बढ़ गई, जिसमें 20% की वृद्धि हुई ।

2.4.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

कोटक महिंद्रा बैंक का भारत में एक मजबूत शाखा नेटवर्क है। 2023 तक, बैंक की 1,600 शाखाएँ और 2,400 एटीएम थे । 31 मार्च 2025 तक, बैंक की राष्ट्रीय स्तर पर 2,148 शाखाएँ और 3,295 एटीएम थे । इसके अतिरिक्त, बैंक की दुबई अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र (DIFC) और गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (GIFT City) में भी शाखाएँ हैं ।

2.4.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

कोटक महिंद्रा बैंक व्यक्तियों, खुदरा विक्रेताओं और एसएमई (लघु और मध्यम उद्यम) को सेवाएँ प्रदान करता है । यह निवेश बैंकिंग, व्यक्तिगत वित्त, धन प्रबंधन और जीवन बीमा जैसी कॉर्पोरेट और खुदरा ग्राहक सेवाएँ प्रदान करता है । बैंक बचत पर उच्च ब्याज और ऋण पर कम ब्याज देने का दावा करता है ।

बैंक ने अपनी ग्राहक-केंद्रितता और नवाचार को दर्शाने वाली कई पहलें की हैं। कोटक 811 एक प्रमुख डिजिटल बैंकिंग पहल है जिसका उद्देश्य बैंकिंग को अधिक सुलभ बनाना है । यह ग्राहकों को शाखा में जाए बिना या घर छोड़े बिना स्मार्टफोन या ब्राउज़र के माध्यम से तुरंत खाता खोलने की अनुमति देता है । कोटक 811 एक्टिवमनी (ऑटो स्वीप-इन सुविधा) जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है, जो ग्राहकों को उच्च सावधि जमा ब्याज दरें अर्जित करने की अनुमति देता है, जबकि तरलता बनाए रखता है । यह वर्चुअल डेबिट कार्ड और स्कैन एंड पे जैसी सुविधाएँ भी प्रदान करता है ।

अन्य पहलों में ग्रीन बैंकिंग (पर्यावरण के अनुकूल बैंकिंग प्रथाएँ), वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम (ग्राहकों को वित्तीय प्रबंधन पर शिक्षित करना) और डिजिटल ऋण (तत्काल व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट अनुमोदन के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रियाएँ) शामिल हैं ।

सरकारी योजनाओं के तहत, कोटक महिंद्रा बैंक एमएसएमई ऋण, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) - जिसमें शिशु, किशोर और तरुण ऋण शामिल हैं, और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) योजना जैसे प्रमुख व्यवसाय ऋण योजनाओं में भाग लेता है । यह सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), और अटल पेंशन योजना (APY) जैसी विभिन्न सरकारी बचत योजनाओं और पेंशन योजनाओं की पेशकश भी करता है ।

2.4.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

कोटक महिंद्रा बैंक भारत के शीर्ष निजी बैंकों में से एक है, जो खुदरा बैंकिंग, कॉर्पोरेट बैंकिंग और धन प्रबंधन जैसे विभिन्न खंडों में एक महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी रखता है । डब्ल्यूसीआरसी इंटेलिजेंस यूनिट की 'इंडियाज 50 मोस्ट पावरफुल ब्रांड्स' रैंकिंग में इसे 14वां स्थान मिला है । बैंक के पास AAA/स्थिर क्रेडिट रेटिंग है, 22.2% का पूंजी पर्याप्तता अनुपात है, और 43% का CASA गढ़ है, जो इसकी संरचनात्मक लचीलापन को दर्शाता है ।

कोटक महिंद्रा समूह की यूके, यूएसए, खाड़ी क्षेत्र, सिंगापुर और मॉरीशस में सहायक कंपनियों के माध्यम से वैश्विक उपस्थिति है, जिसमें लंदन, न्यूयॉर्क, दुबई, अबू धाबी, सिंगापुर और मॉरीशस में कार्यालय हैं । कोटक इंटरनेशनल बिजनेस प्रभाग विशेष रूप से भारत में निवेश करने के इच्छुक विदेशी ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान करता है ।

2.5. एक्सिस बैंक (Axis Bank)

2.5.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

एक्सिस बैंक लिमिटेड, जिसे पहले यूटीआई बैंक (1993-2007) के नाम से जाना जाता था, की स्थापना 3 दिसंबर 1993 को हुई थी । इसका पंजीकृत कार्यालय अहमदाबाद में और कॉर्पोरेट कार्यालय मुंबई में था । बैंक को संयुक्त रूप से यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI), भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों द्वारा बढ़ावा दिया गया था । पहली शाखा का उद्घाटन 2 अप्रैल 1994 को अहमदाबाद में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने किया था ।

30 जुलाई 2007 को, यूटीआई बैंक ने आधिकारिक तौर पर अपना नाम बदलकर एक्सिस बैंक कर लिया । बैंक ने अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए कई रणनीतिक अधिग्रहण किए हैं। 2017 में, एक्सिस बैंक ने वित्तीय सेवाओं के लिए एक डिजिटल मार्केटप्लेस फ्रीचार्ज का लगभग ₹385 करोड़ में अधिग्रहण किया । 2023 में, एक्सिस बैंक ने सिटीबैंक इंडिया के उपभोक्ता बैंकिंग व्यवसाय का ₹12,325 करोड़ (लगभग US$1.57 बिलियन) में अधिग्रहण पूरा किया । 2025 में, एक्सिस बैंक ने भारत में वाणिज्यिक ग्राहकों के लिए वास्तविक समय में अमेरिकी डॉलर भुगतान क्षमताओं की पेशकश करने के लिए जे.पी. मॉर्गन के साथ साझेदारी की ।

एक्सिस बैंक द्वारा फ्रीचार्ज और सिटीबैंक इंडिया के उपभोक्ता बैंकिंग व्यवसाय का अधिग्रहण डिजिटल पदचिह्न और उच्च-मूल्य वाले ग्राहक आधार का विस्तार करने की एक स्पष्ट रणनीति को दर्शाता है। व्हाट्सएप बैंकिंग और एक उच्च-रेटेड मोबाइल ऐप सहित इसकी व्यापक डिजिटल पेशकश, एक सहज डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में एक मजबूत धक्का को इंगित करती है।

2.5.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

एक्सिस बैंक भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंकों में से एक है, जिसकी कुल संपत्ति वित्त वर्ष 2025 में ₹1,656,962 करोड़ (लगभग US200 बिलियन) थी [span_196](start_span)[span_196](end_span)[span_197](start_span)[span_197](end_span)। वित्त वर्ष 2025 में बैंक का राजस्व ₹155,917 करोड़ (लगभग US18 बिलियन) और शुद्ध आय ₹28,055 करोड़ (लगभग US$3.3 बिलियन) थी ।

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए, बैंक का परिचालन लाभ 2% बढ़कर ₹10,752 करोड़ हो गया । इसी तिमाही में शुद्ध लाभ ₹7,117 करोड़ था । बैंक की बैलेंस शीट 31 मार्च 2025 तक ₹16,09,930 करोड़ तक 9% बढ़ी । कुल जमा 31 मार्च 2025 तक ₹11,72,952.02 करोड़ थे, जिसमें 10% की वृद्धि हुई । 31 मार्च 2025 तक CASA (चालू खाता बचत खाता) जमा ₹4,78,188 करोड़ थे, जो कुल जमा का 41% था ।

अग्रिम 31 मार्च 2025 तक ₹10,81,229.47 करोड़ थे, जिसमें 8% की वृद्धि हुई । बैंक की संपत्ति गुणवत्ता मजबूत बनी हुई है, जिसमें 31 मार्च 2025 तक सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 1.28% और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NNPA) 0.33% थीं । 31 मार्च 2025 तक बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) 18.52% था, जो 11.5% की नियामक आवश्यकता से काफी ऊपर है ।

2.5.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

एक्सिस बैंक का भारत में एक मजबूत शाखा नेटवर्क है। 31 दिसंबर 2024 तक, बैंक के पास 5,706 शाखाओं और विस्तार काउंटरों का एक नेटवर्क था । इसमें 14,476 स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) और कैश रीसाइक्लर भी शामिल थे । 31 मार्च 2025 तक, बैंक के पास 5,876 घरेलू शाखाएँ और विस्तार काउंटर थे, साथ ही 13,941 एटीएम और कैश रीसाइक्लर भी थे ।

2.5.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

एक्सिस बैंक खुदरा, कॉर्पोरेट और निवेश बैंकिंग सहित वित्तीय सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है । खुदरा बैंकिंग में व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों को ऋण सेवाएँ, देयता उत्पाद, कार्ड सेवाएँ, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम सेवाएँ, डिपॉजिटरी, वित्तीय सलाहकार सेवाएँ और अनिवासी भारतीय (NRI) सेवाएँ शामिल हैं ।

डिजिटल बैंकिंग के मोर्चे पर, एक्सिस बैंक ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसकी मोबाइल ऐप (एक्सिस मोबाइल ऐप) उच्च-रेटेड है और 250 से अधिक बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करती है, जिसमें 24x7 फंड ट्रांसफर, बिल भुगतान और यूपीआई शामिल हैं । बैंक ने व्हाट्सएप बैंकिंग भी शुरू की है, जिसके 2021 में लॉन्च होने के बाद से 30.1 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं । 31 मार्च 2025 तक बैंक के कुल वित्तीय लेनदेन का 97% व्यक्तिगत ग्राहकों द्वारा डिजिटल चैनलों के माध्यम से किया गया ।

बैंक विभिन्न प्रकार की ऋण योजनाएँ प्रदान करता है, जिनमें गृह ऋण, संपत्ति के विरुद्ध ऋण, व्यक्तिगत ऋण, नई कार ऋण, व्यावसायिक ऋण, शिक्षा ऋण, दोपहिया वाहन ऋण, क्रेडिट कार्ड पर तत्काल ऋण और स्वर्ण ऋण शामिल हैं । यह विभिन्न प्रकार के बचत खाते और सावधि जमा उत्पाद भी प्रदान करता है ।

सरकारी योजनाओं के तहत, एक्सिस बैंक प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर (सीमा शुल्क/जीएसटी), राज्य कर, ईपीएफओ और ईएसआईसी भुगतान जैसी सेवाओं के लिए सरकारी बैंकिंग समाधान प्रदान करता है । यह पीएमएफएस (केंद्र प्रायोजित और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए), गैर-कर रसीद पोर्टल (एनटीआरपी), रेलवे ई-फ्रेट, ई-टेंडरिंग/ई-नीलामी और जीईएम (सरकारी ई-मार्केटप्लेस) जैसी सरकारी पोर्टलों से संबंधित समाधान भी प्रदान करता है ।

2.5.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

एक्सिस बैंक संपत्ति के हिसाब से भारत का तीसरा सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से चौथा सबसे बड़ा बैंक है । इसे आईसीसी इमर्जिंग एशिया बैंकिंग अवार्ड्स 2024 में 'भारत में सर्वश्रेष्ठ बैंक (निजी क्षेत्र - बड़ा)' के रूप में मान्यता मिली है । फोर्ब्स मीडिया द्वारा इसे 'दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बैंकों' में से एक के रूप में भी मान्यता मिली है ।

बैंक के नौ अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय हैं, जिनमें सिंगापुर, हांगकांग, दुबई (डीआईएफसी में), शंघाई और कोलंबो में शाखाएँ शामिल हैं । ढाका, दुबई, शारजाह और अबू धाबी में इसके प्रतिनिधि कार्यालय भी हैं । एक्सिस बैंक की यूके में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एक्सिस बैंक यूके लिमिटेड के माध्यम से भी उपस्थिति है ।

2.6. इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank)

2.6.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

इंडसइंड बैंक लिमिटेड की स्थापना अप्रैल 1994 में हिंदूजा समूह द्वारा की गई थी । यह उन नौ 'नई पीढ़ी' के बैंकों में से एक था, जिन्हें 1994 में बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ था । बैंक ने 17 अप्रैल 1994 को तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा उद्घाटन के बाद परिचालन शुरू किया । बैंक को इंटरनेट बैंकिंग में अग्रणी के रूप में जाना जाता है और विभिन्न सर्वेक्षण रिपोर्टों में इसे शीर्ष प्रदर्शन करने वाले बैंक के रूप में दर्जा दिया गया है ।

बैंक ने अपने विकास पथ पर कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। 2004 में, इंडसइंड बैंक का अशोक लीलैंड फाइनेंस के साथ विलय हो गया, जो हिंदूजा समूह का एक वाहन वित्तपोषण कंपनी भी थी । 2011 में, इंडसइंड बैंक ने ड्यूश बैंक इंडिया के क्रेडिट कार्ड प्रभाग का अधिग्रहण किया । अक्टूबर 2017 में, इसने ₹15,000 करोड़ (लगभग US$2.3 बिलियन) में भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड (BFIL) के अधिग्रहण की घोषणा की, जिसका विलय जुलाई 2019 में आधिकारिक तौर पर पूरा हो गया ।

बैंक ने हाल ही में कुछ चुनौतियों का सामना किया है। 11 मार्च 2025 को, बैंक के विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों के खुलासे के बाद इंडसइंड बैंक के शेयरों में 27% से अधिक की गिरावट आई। इसके बाद, प्रबंध निदेशक और सीईओ सुमंत कथपालिया ने अप्रैल 2025 में इस्तीफा दे दिया, और सेबी ने कथपालिया और चार अन्य को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया । ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि तेजी से विकास और डिजिटल नवाचार के साथ-साथ मजबूत आंतरिक नियंत्रण और त्रुटिहीन शासन भी आवश्यक है। इस क्षेत्र में विफलता प्रतिष्ठा, निवेशक विश्वास और वित्तीय प्रदर्शन पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

2.6.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

वित्त वर्ष 2025 में इंडसइंड बैंक का राजस्व ₹55,144 करोड़ (लगभग US6.5 बिलियन) और शुद्ध आय ₹8,977 करोड़ (लगभग US1.1 बिलियन) थी । 31 मार्च 2025 तक, बैंक की कुल संपत्ति ₹5,54,107 करोड़ थी, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 8% की वृद्धि हुई ।

31 मार्च 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए, बैंक का शुद्ध लाभ ₹2,575 करोड़ था । 31 मार्च 2025 तक जमा ₹4,10,862 करोड़ थे, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 6.83% की वृद्धि हुई । अग्रिम 31 मार्च 2025 तक ₹3,45,019 करोड़ थे, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 1% की वृद्धि हुई । 31 मार्च 2025 तक CASA (चालू खाता बचत खाता) जमा ₹1,34,789 करोड़ थे, जो कुल जमा का 32.8% था ।

बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है, जिसमें 31 मार्च 2025 तक सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 3.13% और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NNPA) 0.95% थीं । 31 मार्च 2025 तक बैंक का कुल पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) बेसल III दिशानिर्देशों के अनुसार 16.24% था ।

2.6.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

इंडसइंड बैंक का भारत में एक महत्वपूर्ण शाखा नेटवर्क है। 31 दिसंबर 2024 तक, बैंक के पास 3,063 शाखाएँ और 2,993 एटीएम थे । 31 मार्च 2025 तक, बैंक के वितरण नेटवर्क में 3,081 शाखाएँ/बैंकिंग आउटलेट और 3,027 ऑनसाइट और ऑफसाइट एटीएम शामिल थे । बैंक 1,62,000 लाख गाँवों तक पहुंचता है ।

2.6.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

इंडसइंड बैंक उपभोक्ता बैंकिंग, वाणिज्यिक बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, निवेश बैंकिंग, बंधक ऋण, निजी इक्विटी और धन प्रबंधन सहित विभिन्न प्रकार के उत्पाद प्रदान करता है । बैंक मल्टी-चैनल सुविधाएँ प्रदान करता है, जिसमें एटीएम, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, फोन बैंकिंग, मल्टी-सिटी बैंकिंग और अंतर्राष्ट्रीय डेबिट कार्ड शामिल हैं । यह बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स और एनएमसीई जैसे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों के लिए क्लियरिंग बैंक का दर्जा रखता है ।

डिजिटल नवाचारों के मोर्चे पर, इंडसइंड बैंक ने 'डिजिटल 2.0' रणनीति अपनाई है, जो मल्टी-चैनल डिलीवरी और एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढाँचे को सुनिश्चित करती है । इसका प्रमुख ऐप, 'INDIE', एक हाइपर-पर्सनलाइज्ड वित्तीय सुपर-ऐप है जिसे 15 मिलियन से अधिक खुदरा बैंकिंग ग्राहकों के लिए विस्तारित किया गया है । INDIE ऐप बचत खाते, सावधि जमा, ऋण, क्रेडिट कार्ड, म्युचुअल फंड और अन्य सेवाओं को एक एकीकृत डिजिटल इंटरफ़ेस में एकीकृत करता है । इसकी प्रमुख विशेषताओं में नंबरलेस डेबिट कार्ड, वर्चुअल सिंगल-यूज़ कार्ड और डायनामिक एटीएम पिन शामिल हैं । यह चयनित ब्रांडों और ईंधन खर्च पर 3% तक पुरस्कार, डेबिट कार्ड लेनदेन पर शून्य विदेशी मुद्रा मार्कअप और मुफ्त लाउंज एक्सेस जैसे ग्राहक लाभ भी प्रदान करता है ।

सरकारी योजनाओं के तहत, इंडसइंड बैंक सामाजिक सुरक्षा बीमा योजनाओं में भाग लेता है, जिनमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) जीवन बीमा कवर के लिए, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) व्यक्तिगत दुर्घटना कवर के लिए, और अटल पेंशन योजना (APY) वृद्धावस्था पेंशन के लिए शामिल हैं ।

2.6.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

इंडसइंड बैंक को डब्ल्यूसीआरसी की 'इंडियाज 50 मोस्ट पावरफुल ब्रांड्स' रैंकिंग में 50वां स्थान मिला है । फोर्ब्स ग्लोबल 2000 (2025) में इसे #1162 स्थान मिला है, और फोर्ब्स ग्लोबल 2000: इंडिया (2025) में इसे #42 स्थान मिला है । इसे वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग द्वारा डिजिटल भुगतानों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भी सम्मानित किया गया है ।

बैंक 2007 में ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीदें (GDRs) जारी करके लक्ज़मबर्ग स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुआ । बैंक भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (GIFT City) में एक अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग यूनिट (IBU) संचालित करता है । इसके दुबई (2003-04) और लंदन (2004-05) में प्रतिनिधि कार्यालय भी हैं ।

2.7. बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda - BoB)

2.7.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) की स्थापना 20 जुलाई 1908 को बड़ौदा रियासत में महान दूरदर्शी सर सयाजीराव गायकवाड़ III द्वारा की गई थी । संस्थापक का मानना था कि "इस प्रकृति का एक बैंक ऋण देने, धन के संचरण और जमा के लिए एक लाभकारी एजेंसी और राज्य के साथ-साथ पड़ोसी क्षेत्रों की कला, उद्योगों और वाणिज्य के विकास में एक शक्तिशाली कारक साबित होगा" ।

19 जुलाई 1969 को, भारत के 13 अन्य प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों के साथ बैंक का राष्ट्रीयकरण भारत सरकार द्वारा किया गया, और तब से इसे एक लाभ कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) के रूप में नामित किया गया है । बैंक ऑफ बड़ौदा का 100 से अधिक वर्षों का गौरवशाली प्रदर्शन और लगातार लाभ का रिकॉर्ड है ।

बैंक की अंतर्राष्ट्रीय परिचालन का एक लंबा इतिहास है, जिसकी पहली विदेशी शाखा 1953 में मोम्बासा, केन्या में स्थापित की गई थी । स्वतंत्रता के समय (1947) बैंक की 48 शाखाएँ थीं । 1953 और 1958 के बीच, बैंक ने 30 नए कार्यालय खोले। 1958 और 1965 के बीच, बैंक ने कुछ रणनीतिक विलयों में शामिल होकर अपने नेटवर्क का 234 से अधिक शाखाओं तक विस्तार किया ।

बैंक ऑफ बड़ौदा का लंबा इतिहास और व्यापक शाखा नेटवर्क, विशेष रूप से ग्रामीण विकास और कृषि पर इसका ध्यान, भारत के वित्तीय समावेशन एजेंडे में इसकी मौलिक भूमिका को उजागर करता है। "बॉब वर्ल्ड" और कॉर्पोरेट नकद प्रबंधन के लिए "बड़ौदा एमडिजीनेक्स्ट" जैसे डिजिटल उपकरणों का लॉन्च अपनी पारंपरिक ताकत को बनाए रखते हुए अपनी सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए एक रणनीतिक कदम को इंगित करता है।

2.7.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

बैंक ऑफ बड़ौदा ने लगातार लाभप्रदता का प्रदर्शन किया है । 2024 में बैंक की कुल संपत्ति US$192 बिलियन थी ।

5 मई 2025 को, बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए अपने स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ में 3.3% की वृद्धि के साथ ₹5,048 करोड़ की घोषणा की, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह ₹4,886 करोड़ था । हालांकि, चौथी तिमाही के लिए बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) 6.6% घटकर ₹11,020 करोड़ हो गई । इसी तिमाही के लिए बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) 41 आधार अंक घटकर 2.86% हो गया ।

वित्त वर्ष 2025 के लिए, बैंक की शुद्ध ब्याज आय ₹496,798 मिलियन थी, जिसमें 2.5% की वृद्धि हुई । वित्त वर्ष 2025 के लिए शुद्ध लाभ ₹207,163 मिलियन था, जिसमें 10.4% की वृद्धि हुई । बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिसमें वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) अनुपात में सुधार देखा गया । 31 मार्च 2025 तक बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) 17.2% था ।

2.7.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

बैंक ऑफ बड़ौदा का भारत और विदेशों में एक व्यापक शाखा नेटवर्क है। वर्तमान में, बैंक के पास 5573 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क है । इसके अतिरिक्त, बैंक के पास 8,300 से अधिक शाखाएँ हैं, जिनमें 12 समर्पित शिक्षा ऋण स्वीकृति सेल (ELSC) और 119 खुदरा संपत्ति प्रसंस्करण सेल (RAPC) शामिल हैं, जो पूरे देश के छात्रों की जरूरतों को पूरा करते हैं । बैंक अपने 165 मिलियन से अधिक वैश्विक ग्राहक आधार को पाँच महाद्वीपों के 17 देशों में फैले लगभग 60,000 टच पॉइंट के माध्यम से सेवा प्रदान करता है ।

2.7.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

बैंक ऑफ बड़ौदा विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करता है। खुदरा बैंकिंग के तहत, यह बचत बैंक खाता (दैनिक बैंकिंग आवश्यकताओं के लिए आदर्श), बड़ौदा मासिक और वार्षिक सावधि जमा, चालू खाता (कंपनियों, संस्थानों और व्यक्तियों के लिए उपयुक्त), और वित्तीय सेवाएँ मुआवजा योजना के तहत कवरेज प्रदान करता है । खुदरा ऋणों में बाय टू लेट, संपत्ति के विरुद्ध वित्त, स्थानीय जमा के विरुद्ध वित्त, भारत में एनआरई रुपया सावधि जमा के विरुद्ध वित्त, एफसीएनआर जमा के विरुद्ध वित्त और छोटे/एसएमई व्यवसाय के लिए ऋण शामिल हैं । यह कॉर्पोरेट बैंकिंग, थोक बैंकिंग और एनआरआई बैंकिंग सेवाएँ भी प्रदान करता है ।

डिजिटल बैंकिंग के मोर्चे पर, बैंक ऑफ बड़ौदा ने कई अभिनव उत्पाद लॉन्च किए हैं। इनमें बॉब वर्ल्ड (मोबाइल बैंकिंग), बॉब वर्ल्ड डिजिटल रुपया, बॉब वर्ल्ड वेव (एक पहनने योग्य संपर्क रहित भुगतान स्मार्ट वॉच), और बॉब वर्ल्ड मर्चेंट (पीओएस) शामिल हैं । 21 मार्च 2025 को, बैंक ने कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए समर्पित नकद प्रबंधन सेवा ऐप, बड़ौदा एमडिजीनेक्स्ट मोबाइल ऐप लॉन्च किया, जो कॉर्पोरेट नकद प्रबंधन सेवाओं को बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है । यह ऐप एक-से-एक लेनदेन के निर्माण और प्राधिकरण, थोक अपलोड को अधिकृत और अस्वीकार करने, एंड-टू-एंड लेनदेन और वर्कफ़्लो ट्रैकिंग, लेनदेन की स्थिति पर वास्तविक समय की पूछताछ करने, खाता सारांश और मिनी-स्टेटमेंट तक पहुंचने, और सभी समूह संस्थाओं के समेकित डैशबोर्ड को देखने जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है ।

सरकारी योजनाओं के तहत, बैंक ऑफ बड़ौदा प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना में भाग लेता है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें संपार्श्विक-मुक्त और गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण और कम आय वाले परिवारों के छात्रों के लिए आंशिक/पूर्ण ब्याज उपदान शामिल है । यह बड़ौदा किसान क्रेडिट कार्ड (BKCC), ट्रैक्टर और भारी कृषि मशीनरी के लिए वित्तपोषण और लाभार्थियों को सीधे सरकारी लाभ इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करने के लिए भी प्रदान करता है । अन्य सरकारी जमा योजनाओं में एनपीएस वात्सल्य योजना, अटल पेंशन योजना, सॉवरेन गोल्ड बांड, ई-किसान विकास पत्र योजना, गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम, सार्वजनिक भविष्य निधि, सुकन्या समृद्धि योजना, राष्ट्रीय पेंशन योजना, फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बांड और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना शामिल हैं ।

2.7.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

बैंक ऑफ बड़ौदा बाजार पूंजीकरण के हिसाब से भारत में दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है । ब्रांड फाइनेंस के अनुसार, इसके ब्रांड मूल्य में 23% की वृद्धि हुई है । वर्ल्ड बेंचमार्किंग एलायंस के वित्तीय क्षेत्र बेंचमार्क में इसे 278वां स्थान मिला है ।

बैंक की अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति 24 देशों में 71 शाखाओं और कार्यालयों के साथ है, जो व्यवसाय की विविधता और व्यापक ग्राहक पहुंच प्रदान करती है । इसकी पहली विदेशी शाखा 1953 में मोम्बासा, केन्या में स्थापित की गई थी । इसके न्यूयॉर्क (1979) में भी एक शाखा है । बैंक की ऑस्ट्रेलिया, बोत्सवाना, फिजी द्वीप समूह, गुयाना, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, सेशेल्स, सिंगापुर, ओमान सल्तनत, तंजानिया, युगांडा, संयुक्त अरब अमीरात, यूके होलसेल, यूएसए और जाम्बिया जैसे देशों में उपस्थिति है ।

2.8. पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank - PNB)

2.8.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की स्थापना 19 मई 1894 को लाहौर में हुई थी । यह भारतीय पूंजी से शुरू होने वाला पहला भारतीय बैंक है जो आज तक जीवित है । संस्थापक बोर्ड में लाला लाजपत राय, दयाल सिंह मजीठिया और लाला हरकिशन लाल जैसे स्वदेशी आंदोलन के कई नेता शामिल थे, जिनका सामान्य उद्देश्य एक सच्चा राष्ट्रीय बैंक बनाना था जो देश के आर्थिक हितों को आगे बढ़ाएगा । बैंक ने 12 अप्रैल 1895 को लाहौर में व्यवसाय के लिए खोला ।

भारत के विभाजन के कारण 1947 में, PNB को लाहौर में अपने परिसर और पश्चिम पाकिस्तान में 92 कार्यालय (अपनी कुल शाखाओं का एक तिहाई) खोने पड़े, जिसके बाद इसका पंजीकृत कार्यालय नई दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया । 19 जुलाई 1969 को, भारत सरकार ने पीएनबी और 13 अन्य प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया ।

बैंक ने अपने नेटवर्क और बाजार हिस्सेदारी का विस्तार करने के लिए कई विलय किए हैं। 1993 में, पीएनबी ने न्यू बैंक ऑफ इंडिया का अधिग्रहण किया । 2019 में, वित्त मंत्री ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पीएनबी में विलय करने की घोषणा की, जो 1 अप्रैल 2020 को प्रभावी हुआ । इस विलय ने पीएनबी को भारत में दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बना दिया ।

पीएनबी की भारतीय पूंजी से शुरू होने वाले पहले भारतीय बैंक के रूप में गहरी ऐतिहासिक जड़ें, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक समेकन (ओबीसी, यूबीआई के साथ विलय) में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के साथ मिलकर, सरकार की बड़े, अधिक मजबूत सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को बनाने की रणनीति को उजागर करती हैं। इसकी व्यापक पहुंच और वित्तीय समावेशन पर ध्यान, डिजिटल पहलों द्वारा समर्थित, एक विशाल ग्राहक आधार की सेवा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

2.8.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

पंजाब नेशनल बैंक भारत में दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जिसका कुल व्यवसाय सितंबर 2023 के अंत तक ₹22.51 ट्रिलियन था ।

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए, बैंक के स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ में लगभग 52% की वृद्धि के साथ ₹4,567 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई । इसी तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) 3.8% बढ़कर ₹10,756.98 करोड़ हो गई ।

वित्त वर्ष 2025 के लिए, बैंक का वैश्विक व्यवसाय ₹26,83,260 करोड़ था, जिसमें 1.6% की वृद्धि हुई । वैश्विक जमा ₹15,66,623 करोड़ थे, जिसमें 2.4% की वृद्धि हुई । शुद्ध अग्रिम ₹10,77,475 करोड़ थे, जिसमें 0.7% की वृद्धि हुई ।

बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के अंत तक सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) अनुपात 178 आधार अंक सुधरकर 3.95% हो गया । वित्त वर्ष 2025 के लिए परिसंपत्तियों पर प्रतिफल (RoA) 1.02% और इक्विटी पर प्रतिफल (RoE) 19.23% था ।

2.8.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

पंजाब नेशनल बैंक का भारत में एक व्यापक वितरण नेटवर्क है। 31 मार्च 2025 तक, बैंक के पास 10,189 घरेलू शाखाएँ और 2 अंतर्राष्ट्रीय शाखाएँ थीं । कुल शाखाओं में से 63.4% ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं । बैंक के नेटवर्क में 11,822 एटीएम और 333,49 व्यावसायिक संवाददाता (BC) भी शामिल हैं, जिससे 31 मार्च 2025 तक कुल 55,360 टच पॉइंट बनते हैं । सितंबर 2023 के अंत तक, बैंक के पास 10,092 घरेलू शाखाएँ, 2 अंतर्राष्ट्रीय शाखाएँ, 12,645 एटीएम और 28,782 व्यावसायिक संवाददाता थे ।

2.8.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

पीएनबी खुदरा बैंकिंग, कॉर्पोरेट बैंकिंग, निवेश बैंकिंग, बंधक ऋण, निजी बैंकिंग, धन प्रबंधन, परिसंपत्ति प्रबंधन, निवेश प्रबंधन, क्रेडिट कार्ड और बीमा सहित उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है ।

डिजिटल नवाचारों के मोर्चे पर, पीएनबी ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। सितंबर 2022 में, बैंक ने ग्राहकों और गैर-ग्राहकों दोनों के लिए 24/7 व्हाट्सएप बैंकिंग सेवाएँ शुरू कीं। इन सेवाओं में बैलेंस पूछताछ, पिछले पाँच लेनदेन, चेक रोकना, चेक बुक का अनुरोध करना (खाता धारकों के लिए), और ऑनलाइन खाता खोलने, बैंक जमा/ऋण उत्पादों, डिजिटल उत्पादों, एनआरआई सेवाओं और शाखा/एटीएम स्थान के बारे में पूछताछ जैसी जानकारीपूर्ण सेवाएँ शामिल हैं । 31 मार्च 2025 तक व्हाट्सएप बैंकिंग उपयोगकर्ताओं की संख्या 61.6 लाख तक पहुंच गई, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 115% की वृद्धि दर्ज की गई ।

बैंक डिजिटल बैंकिंग यूनिट (DBU) भी संचालित करता है, जो डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को वितरित करने के लिए एक विशेष निश्चित बिंदु व्यवसाय इकाई है । डीबीयू में एटीएम, नकद जमा मशीन, पासबुक कियोस्क, इंटरनेट कियोस्क (पहचाने गए खुदरा ऋणों और राष्ट्रीय पोर्टल पर सरकार प्रायोजित योजनाओं के लिए), ईकेवाईसी/वीडियो केवाईसी का उपयोग करके खाता खोलने वाला कियोस्क और बिल भुगतान कियोस्क जैसे स्व-सेवा क्षेत्र शामिल हैं । डिजिटल सहायता क्षेत्र में मोबाइल ऐप सक्रियण, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को शामिल करना, डिजिटल किट प्रदान करना, यूपीआई क्यूआर कोड, भीम आधार, पीओएस, चेक सेवाएँ, केवाईसी अपडेट, नामांकन, जीवन प्रमाण और 15जी/एच जमा करना जैसी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं ।

सरकारी योजनाओं के तहत, पीएनबी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और अटल पेंशन योजना (APY) में नामांकन प्रदान करता है । यह PSB59 पोर्टल के माध्यम से तत्काल ऋण अनुमोदन और जनसमर्थ राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सरकार प्रायोजित योजनाओं के लिए आवेदन करने की सुविधा भी प्रदान करता है ।

2.8.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

पंजाब नेशनल बैंक व्यवसाय की मात्रा के हिसाब से भारत में दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है । वर्ल्ड बेंचमार्किंग एलायंस के वित्तीय क्षेत्र बेंचमार्क में इसे 298वां स्थान मिला है ।

पीएनबी की एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति है। इसकी यूके में पीएनबी इंटरनेशनल बैंक के माध्यम से सात शाखाएँ हैं । एशिया में, इसकी हांगकांग, कॉव्लून और दुबई में शाखाएँ हैं । अफगानिस्तान में काबुल में एक शाखा है । कजाकिस्तान में, इसका अल्माटी में एक प्रतिनिधि कार्यालय है और यह जेएससी (एसबी) पीएनबी बैंक में 41.64% का मालिक है, जिसकी चार शाखाएँ हैं । संयुक्त अरब अमीरात में दुबई में एक प्रतिनिधि कार्यालय है, चीन में शंघाई में एक प्रतिनिधि कार्यालय है, नॉर्वे में ओस्लो में एक प्रतिनिधि कार्यालय है, और ऑस्ट्रेलिया में सिडनी में एक प्रतिनिधि कार्यालय है । यह भूटान में ड्रुक पीएनबी बैंक में 51% का मालिक है, जिसकी पाँच शाखाएँ हैं, और नेपाल में एवरेस्ट बैंक में 20% का मालिक है, जिसकी 122 शाखाएँ हैं । बैंक गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (GIFT City) में एक IFSC बैंकिंग यूनिट (IBU) भी संचालित करता है ।

2.9. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India)

2.9.1. स्थापना और ऐतिहासिक विकास

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की स्थापना 11 नवंबर 1919 को मुंबई में एक लिमिटेड कंपनी के रूप में हुई थी । बैंक के प्रधान कार्यालय का उद्घाटन 1921 में महात्मा गांधी ने किया था । 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की केवल चार शाखाएँ थीं ।

1961 में, यूबीआई का भारत के 14 अन्य प्रमुख बैंकों के साथ राष्ट्रीयकरण किया गया । यह कदम बैंकिंग क्षेत्र को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से था । 1964 में, बैंक ने अपनी 100वीं शाखा खोली और तीन निजी क्षेत्र के बैंकों का अधिग्रहण किया । 1975 में, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बेलगाम बैंक लिमिटेड का अधिग्रहण करके विस्तार किया ।

अगस्त 2019 में, भारत सरकार ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के विलय के लिए एंकर बैंक के रूप में चुना । यह ऐतिहासिक एकीकरण 1 अप्रैल 2020 को प्रभावी हुआ । यह विलय सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को समेकित करने की क्षमता को दर्शाता है ताकि बड़े, अधिक कुशल संस्थाएँ बनाई जा सकें।

2.9.2. वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख डेटा

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने विलय के बाद मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखाया है। 31 मार्च 2025 तक, बैंक का कुल व्यवसाय ₹22,92,644 करोड़ था, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 7.82% की वृद्धि हुई । यह कुल व्यवसाय ₹13,09,750 करोड़ जमा और ₹9,82,894 करोड़ अग्रिमों से बना था ।

वित्त वर्ष 2025 के लिए, बैंक का शुद्ध लाभ ₹17,987 करोड़ था, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 31.79% की वृद्धि हुई । शुद्ध ब्याज आय (NII) वित्त वर्ष 2025 के लिए ₹37,214 करोड़ थी, जिसमें 1.76% की वृद्धि हुई ।

बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ है। 31 मार्च 2025 तक सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (GNPA) 116 आधार अंक घटकर 3.60% हो गईं, और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NNPA) 40 आधार अंक घटकर 0.63% हो गईं । 31 मार्च 2025 तक बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CRAR) 18.02% तक सुधर गया ।

31 मार्च 2023 तक, बैंक का ग्राहक आधार 216 मिलियन से अधिक था । मार्च 2023 तक, यूबीआई का कुल व्यवसाय ₹17,75,000 करोड़ था ।

2.9.3. शाखा नेटवर्क और पहुंच

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का भारत में एक व्यापक नेटवर्क है। वर्तमान में, इसके पास 8600 से अधिक घरेलू शाखाएँ, 8900 से अधिक एटीएम और 23,000 से अधिक व्यावसायिक संवाददाता (BC) पॉइंट हैं । 31 मार्च 2025 तक, बैंक के नेटवर्क में 8,621 शाखाएँ (विदेशी शाखाओं सहित), 8,910 एटीएम और 23,574 बीसी पॉइंट शामिल थे ।

2.9.4. प्रमुख योजनाएं और विशेष सुविधाएं

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया विभिन्न प्रकार की सेवाएँ और योजनाएँ प्रदान करता है। खाता और जमा सेवाओं में बचत खाता (SB High Networth Customers, Special SB Schemes Variant - I, SBPRE, SBHNI Prime), चालू खाता (Union Micro Digital Current Account, Current Flexi Deposit Scheme), सावधि जमा (Union Wellness Deposit, Deposit Re-investment Certificate, Monthly Income Scheme), यूनियन वेतन खाता, लॉकर सेवा और पॉजिटिव पे सिस्टम शामिल हैं ।

ऋण सेवाओं के तहत, यह खुदरा ऋण (गृह ऋण, यूनियन वाहन शिक्षा ऋण, संपत्ति के विरुद्ध ऋण, व्यक्तिगत ऋण, वरिष्ठ नागरिक और पेंशनभोगी के लिए ऋण), एमएसएमई ऋण (उत्पाद/योजना नीति, वितरण चैनल, फॉर्म और आवेदन), कृषि व्यवसाय ऋण (लघु अवधि, दीर्घकालिक, अन्य क्रेडिट, कृषि सलाहकार सेवाएँ), और स्वर्ण ऋण (यूनियन कृषि कामधेनु स्वर्ण ऋण योजना, यूनियन स्वर्ण शक्ति ऋण योजना-खुदरा, यूनियन एमएसएमई गोल्ड ऋण प्लस) प्रदान करता है ।

कार्ड सेवाओं में डेबिट कार्ड (HNI Emperio Metal Debit Card, RuPay Empower Her Debit Card, Qsparc Debit Card), क्रेडिट कार्ड (Union JCB Wellness Credit Card, RuPay Select Credit Card, Union JCB Health Credit Card) और उपहार कार्ड शामिल हैं ।

डिजिटल बैंकिंग के मोर्चे पर, बैंक ने व्यापक प्रगति की है। इसमें ऐप बैंकिंग (व्योम - यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन क्रेडिट कार्ड, भीम आधार), इंटरनेट बैंकिंग, डोर स्टेप बैंकिंग, खाता एग्रीगेटर, एटीएम बैंकिंग (टॉकिंग एटीएम सहित), स्व-सेवा बैंकिंग (ऑनलाइन खाता खोलना, ऑनलाइन ऋण आवेदन), और एसएमएस बैंकिंग, पीओएस और आईएमपीएस जैसी अन्य डिजिटल सेवाएँ शामिल हैं ।

निवेश और बीमा के तहत, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया धन प्रबंधन (जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, म्युचुअल फंड, एएसबीए एप्लीकेशन, यूनियन डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग सेवाएँ, गैर-जीवन बीमा), सरकारी योजनाएँ (सरकारी बचत योजनाएँ, आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग बांड, कर संग्रह), और वित्तीय समावेशन (प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना) प्रदान करता है । बैंक प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत 3.21 करोड़ खाते खोलने में सहायक रहा है, जिसमें 31 मार्च 2025 तक ₹13,266 करोड़ का बैलेंस था । यह प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और अटल पेंशन योजना (APY) जैसी सरकारी बीमा और पेंशन योजनाओं में नए नामांकन भी करता है ।

2.9.5. वैश्विक महत्व और उपस्थिति

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को ब्रांड फाइनेंस बैंकिंग 500 2021 में 'दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला बैंक' नामित किया गया था, जिसमें इसके ब्रांड मूल्य में 163% की वृद्धि हुई थी और यह 128 स्थान ऊपर चढ़कर 169वें स्थान पर पहुंच गया था । 2004 में, बैंक ने फोर्ब्स 2000 सूची में स्थान अर्जित किया, जो

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