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विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) गाइड – गठन, कार्य, शक्तियाँ व चुनौतियाँ | SMC Rules & Roles Explained

📘 विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) – संरचना, कार्य, शक्तियाँ और उत्तरदायित्व | Rajasthan RTE Rules 2011 Based

📅 प्रकाशित: जून 2025 | ⏱️ पढ़ने का समय: लगभग 7 मिनट

📌 विद्यालय प्रबंधन समिति (School Management Committee - SMC) एक ऐसी संस्था है जो सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्थानीय भागीदारी, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करती है। यह RTE अधिनियम 2009 और राजस्थान निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा नियम 2011 के तहत अनिवार्य रूप से गठित की जाती है।

यह लेख विशेष रूप से उन छात्रों, शिक्षकों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रतियोगी परीक्षा अभ्यर्थियों के लिए उपयोगी है जो SMC की संरचना और कार्यप्रणाली को गहराई से समझना चाहते हैं।


📑 Table of Contents


🔹 SMC की परिभाषा और कानूनी आधार

📌 विद्यालय प्रबंधन समिति (School Management Committee - SMC) वह समिति है जिसे RTE अधिनियम 2009 की धारा 21 के अंतर्गत प्रत्येक सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में गठित करना अनिवार्य है। इस समिति का उद्देश्य विद्यालय के कार्यों की निगरानी, अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करना और बच्चों की गुणवत्ता युक्त शिक्षा में सहयोग करना है।

⚖️ कानूनी आधार:

  • 📘 RTE Act 2009 – Section 21 एवं 22
  • 📘 Rajasthan RTE Rules 2011 – Rule 4 (1) to (8)
  • 📘 SSA Guidelines – स्कूल स्तर पर समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु

🔍 उद्देश्य:

  • ✔️ शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और निगरानी
  • ✔️ विद्यालय सुधार योजना (School Development Plan) का निर्माण
  • ✔️ वित्तीय लेन-देन की पारदर्शिता सुनिश्चित करना
  • ✔️ अभिभावकों और समुदाय को निर्णय प्रक्रिया में सम्मिलित करना

📝 नोट: बिना SMC के किसी भी सरकारी स्कूल में योजना अनुमोदन या वित्तीय स्वीकृति मान्य नहीं मानी जाती।


🔹 SMC की संरचना – सदस्य, प्रतिनिधित्व और नियुक्ति

विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) का गठन स्पष्ट नियमों और संतुलित प्रतिनिधित्व के आधार पर किया जाता है, जिससे समावेशिता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी

👥 कुल सदस्य:

  • 📌 20 सदस्य (Primary / Upper Primary Schools)
  • 📌 कम से कम 75% सदस्य अभिभावक/अभिभाविकाएँ होंगी।

📋 सदस्यता की संरचना:

प्रतिनिधि प्रकार विवरण
अभिभावक सदस्य कम से कम 15 (75%) – SC, ST, OBC, महिला, BPL प्रतिनिधित्व अनिवार्य
विद्यालय प्रधानाध्यापक Ex-officio सदस्य सचिव
स्थानीय निकाय प्रतिनिधि सरपंच/पार्षद/नगरपालिका सदस्य – 1
शिक्षक प्रतिनिधि 1 (विद्यालय से)
शिक्षा विभाग प्रतिनिधि 1 (Cluster Resource Person या Block Officer)
एनजीओ/स्वयंसेवी संस्था 1 (यदि विद्यालय क्षेत्र में सक्रिय हो)

🗓️ कार्यकाल:

  • 🔁 2 वर्षों के लिए (अभिभावक सदस्य)
  • 🔁 1 वर्ष में न्यूनतम 3 बैठकें अनिवार्य

📎 अध्यक्ष: SMC का अध्यक्ष अभिभावक सदस्यों में से चयनित होता है। प्रधानाध्यापक सचिव होता है।

📝 ध्यान दें: कोई भी सरकारी योजना – जैसे MDM, SMF, SSA आदि की क्रियान्वयन रिपोर्ट SMC अनुमोदन के बिना अधूरी मानी जाती है।


🔹 SMC के कार्य और शक्तियाँ

विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) को RTE 2009 और राजस्थान निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा नियम 2011 के अंतर्गत कई महत्त्वपूर्ण कार्य और अधिकार सौंपे गए हैं। ये कार्य न केवल विद्यालय के संचालन में सहायक होते हैं, बल्कि पारदर्शिता और सहभागिता सुनिश्चित करते हैं।

✅ प्रमुख कार्य:

  1. 📌 स्कूल विकास योजना (School Development Plan) बनाना और अनुमोदित करना
  2. 📌 बच्चों की उपस्थिति, नामांकन और अधिगम स्तर पर निगरानी रखना
  3. 📌 शिक्षकों की नियमित उपस्थिति और समय पर विद्यालय संचालन सुनिश्चित करना
  4. 📌 मध्याह्न भोजन (MDM) की गुणवत्ता एवं नियमितता पर निगरानी
  5. 📌 विद्यालय की स्वच्छता, सुरक्षा और आवश्यक भौतिक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करना
  6. 📌 विद्यालय में आने वाली सरकारी योजनाओं के उचित उपयोग की निगरानी करना
  7. 📌 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) की पहचान और सहयोग के लिए कार्य करना

🛡️ अधिकार (Powers):

  • ✔️ स्कूल फंड (SMF) के खर्च का अनुमोदन और पारदर्शिता
  • ✔️ शिक्षक, छात्र और पालक के बीच मध्यस्थता हेतु हस्तक्षेप
  • ✔️ विद्यालय की किसी भी असुविधा या शिकायत की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देना
  • ✔️ सरकारी योजनाओं की समीक्षा और रिपोर्टिंग करना

📌 विशेष निर्देश:

SMC की बैठक में लिए गए निर्णयों का मिनट्स ऑफ मीटिंग (MoM) संधारित करना आवश्यक होता है। सभी निर्णय बहुमत से लिए जाते हैं और उनका क्रियान्वयन स्कूल प्रधान की निगरानी में होता है।

📢 ध्यान दें: SMC के पास प्रशासनिक नियंत्रण नहीं होता, लेकिन नीति क्रियान्वयन और सहभागिता सुनिश्चित करने में इनकी भूमिका केंद्रीय है।


🔹 कार्य निष्पादन और रिपोर्टिंग प्रक्रिया

SMC एक सक्रिय सामुदायिक संस्थाप्रक्रियात्मक रिपोर्टिंग और मूल्यांकन

📋 कार्य निष्पादन का ढाँचा:

  • 📌 त्रैमासिक बैठक – न्यूनतम 3 बैठकें प्रति वर्ष
  • 📌 MoM (Minutes of Meeting) तैयार करना – निर्णयों की लिखित अभिलेख
  • 📌 उपस्थिति पंजी और हस्ताक्षर
  • 📌 कार्य योजना और स्कूल विकास योजना का पालन

📤 रिपोर्टिंग प्रक्रिया:

  1. ✅ स्कूल विकास योजना को बीईईओ / सीबीईओ को भेजना
  2. ✅ वित्तीय व्यय और प्राप्तियों का विवरण बनाना
  3. ✅ MDM गुणवत्ता पर त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना
  4. ✅ छात्र उपस्थिति और अधिगम स्तर पर ट्रैकिंग रिपोर्ट तैयार करना

📝 मॉनिटरिंग और मूल्यांकन:

  • ✔️ SMC सदस्यों द्वारा निरीक्षण रजिस्टर में टिप्पणी की जाती है
  • ✔️ प्रमुख गतिविधियों की ऑडिटिंग – BRC/CRC स्तर से

💡 विशेष जानकारी: SMC रिपोर्टिंग को SSA पोर्टल अथवा शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से भी अपलोड किया जा सकता है।


🔹 SMC की जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ

विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही, सहभागिता और निगरानीवास्तविक और सामाजिक चुनौतियाँ

🎯 प्रमुख जिम्मेदारियाँ:

  • ✔️ विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना
  • ✔️ बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति व नामांकन को बढ़ावा देना
  • ✔️ शिक्षक-छात्र अनुपात की निगरानी
  • ✔️ विद्यालय की भौतिक सुविधाओं की समीक्षा करना
  • ✔️ सामुदायिक जनभागीदारी को प्रेरित करना

⚠️ प्रमुख चुनौतियाँ:

  • ⛔ अभिभावकों की सीमित जागरूकता और सहभागिता
  • ⛔ बैठक में निरंतरता की कमी और समय पर रिकॉर्ड नहीं रखना
  • ⛔ शिक्षकों की गैर-शैक्षिक कार्यों में व्यस्तता
  • ⛔ योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्तीय पारदर्शिता का अभाव
  • ⛔ डिजिटल रिपोर्टिंग व तकनीकी प्रशिक्षण का अभाव

🌟 समाधान एवं सुझाव:

  • ✅ SMC सदस्यों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम
  • ✅ डिजिटल शिक्षा प्रबंधन उपकरणों का उपयोग
  • ✅ ग्राम स्तर पर शिक्षा मेलों और जन जागरूकता अभियान का आयोजन
  • ✅ समयबद्ध रिपोर्टिंग और राज्य पोर्टल पर अपलोड

🧭 निष्कर्ष: यदि SMC को प्रशिक्षण, संसाधन और अधिकार के साथ सक्रिय किया जाए तो यह विद्यालयों की कायाकल्प शक्ति


🔹 FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. प्रश्न: SMC का पूर्ण रूप क्या है?
    उत्तर: School Management Committee (विद्यालय प्रबंधन समिति)
  2. प्रश्न: SMC का गठन किन विद्यालयों में आवश्यक है?
    उत्तर: प्रत्येक सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में
  3. प्रश्न: SMC में कितने सदस्य होते हैं?
    उत्तर: सामान्यतः 20 सदस्य, जिनमें 75% अभिभावक सदस्य होते हैं
  4. प्रश्न: SMC का कार्यकाल कितना होता है?
    उत्तर: 2 वर्ष
  5. प्रश्न: क्या SMC के निर्णयों को रिकॉर्ड किया जाता है?
    उत्तर: हाँ, Minutes of Meeting (MoM) के रूप में

📝 MCQ – परीक्षा हेतु उपयोगी

  1. RTE 2009 की कौनसी धारा SMC के गठन से संबंधित है?
    🔘 A. धारा 18
    🔘 B. धारा 21 ✅
    🔘 C. धारा 24
    🔘 D. धारा 27
  2. SMC में न्यूनतम कितने प्रतिशत सदस्य अभिभावक होने चाहिए?
    🔘 A. 50%
    🔘 B. 60%
    🔘 C. 75% ✅
    🔘 D. 80%

🔚 निष्कर्ष:

SMC विद्यालय के संचालन में स्थानीय सहभागिता और जिम्मेदारी

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