RBSE Class 12 Agriculture Biology Topper Answer Sheet 2024 | 32/32 Marks Copy PDF

| रविवार, अक्टूबर 26, 2025
RBSE कक्षा 12 कृषि जीव विज्ञान टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024 | Rajasthan Board Senior Secondary Examination

RBSE कक्षा 12 कृषि जीव विज्ञान टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024

परीक्षा विवरण

परीक्षा बोर्ड राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE)
कक्षा 12वीं (उच्च माध्यमिक)
विषय कृषि जीव विज्ञान (Agriculture Biology)
परीक्षा वर्ष 2024
परीक्षा तिथि 28 मार्च 2024 (गुरुवार)
माध्यम हिन्दी
पूर्णांक 32 (सैद्धांतिक परीक्षा)
क्रम संख्या 591348

सामान्य परिचय

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) द्वारा आयोजित कक्षा 12वीं की वार्षिक परीक्षा 2024 में कृषि जीव विज्ञान विषय की यह टॉपर उत्तर पुस्तिका एक महत्वपूर्ण अध्ययन सामग्री है। यह उत्तर पुस्तिका छात्रों को परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करती है।

कृषि जीव विज्ञान राजस्थान बोर्ड की कृषि विज्ञान (Agriculture) स्ट्रीम का एक प्रमुख विषय है, जो कृषि में जैविक प्रक्रियाओं, पादप विज्ञान, मृदा विज्ञान, कृषि प्रौद्योगिकी तथा फसल उत्पादन से संबंधित विषयवस्तु को समाहित करता है।

विशेष नोट: यह उत्तर पुस्तिका वास्तविक परीक्षा में प्राप्त उच्च अंकों वाली कॉपी है, जिसका अध्ययन भावी परीक्षार्थियों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

परीक्षा पैटर्न एवं संरचना

पेपर का प्रारूप

RBSE कक्षा 12 कृषि जीव विज्ञान की परीक्षा निम्नलिखित प्रारूप में आयोजित की जाती है:

खंड प्रश्न प्रकार प्रश्न संख्या प्रत्येक प्रश्न के अंक कुल अंक
खंड 'अ' बहुविकल्पीय प्रश्न 4 में से 4 1 4
खंड 'ब' अतिलघु उत्तरीय 10 में से 9 1 9
खंड 'स' लघु उत्तरीय 8 में से 7 2 14
खंड 'द' निबंधात्मक 3 में से 2 4 8
कुल योग 35 अंक
महत्वपूर्ण: परीक्षा में आंतरिक विकल्प (Internal Choice) की सुविधा उपलब्ध होती है, जिससे छात्र अपनी तैयारी के अनुसार प्रश्नों का चयन कर सकते हैं।

समय अवधि

सैद्धांतिक परीक्षा के लिए निर्धारित समय: 3 घंटे (180 मिनट)

अंकन योजना

  • सैद्धांतिक परीक्षा: 32 अंक
  • प्रायोगिक परीक्षा: 8 अंक (पृथक से आयोजित)
  • कुल पूर्णांक: 40 अंक

प्रश्नों का विस्तृत विश्लेषण

खंड 'अ' - बहुविकल्पीय प्रश्न (1 × 4 = 4 अंक)

प्रश्न 1 1 अंक

(अ) कानपुर

संदर्भ: यह प्रश्न संभवतः फसल अनुसंधान केंद्रों या कृषि संस्थानों से संबंधित था।

प्रश्न 1(II) 1 अंक

(स) फूलगोभी की जैविक वायरस

विषय: पादप रोग विज्ञान - फूलगोभी में वायरल संक्रमण

प्रश्न 1(III) 1 अंक

(ब) पृथ्वी ग्रह हिसाब

विषय: मृदा विज्ञान या भू-विज्ञान से संबंधित

प्रश्न 1(IV) 1 अंक

(द) लेपिड्स्टेरी (Lepidoptera)

विषय: कीट विज्ञान (Entomology) - कीटों का वर्गीकरण

परीक्षा टिप: बहुविकल्पीय प्रश्नों में सभी विकल्पों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। गलत उत्तर के लिए नकारात्मक अंकन नहीं होता, इसलिए सभी प्रश्नों का उत्तर अवश्य दें।

खंड 'ब' - अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 × 9 = 9 अंक)

प्रश्न 2(I): ऑप्टेंडसन (1903) 1 अंक

उत्तर: ऑप्टेंडसन - यह कृषि वैज्ञानिक संभवतः आनुवंशिकी या पादप प्रजनन के क्षेत्र में योगदान से संबंधित है।

प्रश्न 2(II): ग्राम्यंत 1 अंक

उत्तर: ग्राम्यंत से तात्पर्य ग्रामीण क्षेत्र या ग्रामीण कृषि प्रणाली से है।

प्रश्न 2(III): गुलाबी रोडन कीड 1 अंक

उत्तर: गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) - कपास की प्रमुख हानिकारक कीट जिसका वैज्ञानिक नाम Pectinophora gossypiella है।

प्रश्न 2(IV): तीन खाद 1 अंक

उत्तर: तीन प्रमुख खादों के उदाहरण:

  • गोबर की खाद
  • कम्पोस्ट खाद
  • हरी खाद (वर्मी कम्पोस्ट)

प्रश्न 2(V): वंश 1 अंक

उत्तर: वंश (Genus) - जैविक वर्गीकरण में कुल (Family) और जाति (Species) के बीच की श्रेणी।

प्रश्न 2(VI): दूध के विल्की की 1 अंक

उत्तर: दुग्ध में उपस्थित प्रोटीन 'केसीन' (Casein) के बारे में प्रश्न।

प्रश्न 2(VII): आधारिक/दाब्तिस 1 अंक

उत्तर: मृदा संरचना या मृदा दबाव से संबंधित प्रश्न।

प्रश्न 2(VIII): नाम संचालचु वाले 1 अंक

उत्तर: जल संचालन व्यवस्था या सिंचाई प्रणाली से संबंधित।

प्रश्न 2(IX): मैक्सिडियल तंत्र 1 अंक

उत्तर: कीटों की शारीरिक संरचना - मुखांग (Maxilla) से संबंधित।

प्रश्न 2(X): विद्रावेजय / सक्त यात्रा 1 अंक

उत्तर: विद्रवण (Dissolution) या विलयन प्रक्रिया।

खंड 'स' - लघु उत्तरीय प्रश्न (2 × 7 = 14 अंक)

प्रश्न 3(I): पादप पुनस्थापन द्वारा नई फसले व किस्मे प्राप्त की जा सकती हैं 2 अंक

उत्तर विवरण:

  • नई फसलें: स्माल, टमाटर, मटर की नई किस्में
  • नई किस्में: धान की TN-1, IR-8, IR-28 आदि किस्में

पादप प्रजनन के लाभ:

  • अधिक उपज देने वाली किस्मों का विकास
  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का निर्माण
  • बेहतर गुणवत्ता वाली फसलें
  • विभिन्न जलवायु के अनुकूल किस्में

प्रश्न 3(II): आवर्तीजनक → प्रतीप रुकरण से बार-बार पूर्योग किये जाने वाले अवक्कों 2 अंक

उत्तर: आवर्तीजनक (Cyclical breeding) प्रक्रिया में प्रयुक्त होने वाली विधियाँ।

प्रश्न 3(III): द्रास्जेनिक पाउप → जेई पाउप जिनमे किसी विशिष्ट लुसूगण के लिए कोई बाहरी जीन 2 अंक

ट्रांसजेनिक पादप (Transgenic Plants):

ऐसे पादप जिनमें किसी विशिष्ट गुण के लिए बाहरी जीन डाला जाता है। उन्हें ट्रांसजेनिक पादप कहते हैं।

उदाहरण:

  • बीटी कपास (Bt Cotton) - कीट प्रतिरोधी
  • गोल्डन राइस - विटामिन A युक्त

प्रश्न 3(IV): कीट का शरीर में प्रवेश करने के आधार पर कीटाणुशाशियों की 3 वर्गों में बांटा गया है 2 अंक

कीटनाशियों के प्रकार (शरीर में प्रवेश के आधार पर):

  1. स्पर्श विष (Contact Poison): त्वचा के माध्यम से प्रवेश
  2. जठर विष (Stomach Poison): भोजन के साथ प्रवेश
  3. धूमक (Fumigants): श्वसन तंत्र के माध्यम से

प्रश्न 3(V): फ्रकाश पाश्च → फ्रकाश पाश्च, रोशे कीट जो फकाश 2 अंक

प्रकाश जाल (Light Trap):

प्रकाश पाश रात्रिचर कीटों को फकाश की ओर आकर्षित होते है, उनके प्राप्त करने में प्रकाश पाश का प्रयोग विधि का नियंत्रण किया जाता है।

उपयोग: कीट नियंत्रण, कीटों की निगरानी, अनुसंधान कार्य

प्रश्न 4: टामर का ऊर्तो संलयन शोषा के लक्षण → (i) 2-3 सप्ताह के पौधों से लक्षण दिखाई 2 अंक

टमाटर के कुर्ती रोग (Leaf Curl Disease) के लक्षण:

  • 2-3 सप्ताह के पौधों में लक्षण दिखाई देते हैं
  • पौधों के वानस्पतिक भागों में जलाशिखत छत्ते दिखाई देते हैं
  • पौधों की पत्तियां जली हुई तथा सूखस जाती हैं
  • फल व फूल संड जाते हैं

प्रश्न 5: कृषिका स्वद्धन → किसी पादप की क्रिशिका की कृत्रिम 2 अंक

कृषिका संवर्धन (Tissue Culture):

किसी पादप की कृषिका को कृत्रिम माध्यम पर संवर्धन करके नए पौधे तैयार करना कृषिका संवर्धन कहलाता है।

लाभ:

  • द्वितीयक उपापचयक उत्पाद करने हेतु किया जाता है
  • रोगमुक्त पौधे की संगठन कीटनाशकों से उत्पन्न

प्रश्न 6: कृषिम गुणूसूत्र → DNA खंडों का स्थानांतरण प्राकृतिक 2 अंक

कृत्रिम गुणसूत्र:

DNA खंडों को स्थानांतरित करने में प्राकृतिक वाहक द्वारा किया जाता है, परंतु आधिक नई आकार के DNA खंड को स्थानांतरित नहीं कर सकते। कृत्रिम गुणसूत्र का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • BAC (Bacterial Artificial Chromosome)
  • YAC (Yeast Artificial Chromosome)

प्रश्न 7: फसलों के आधार पर कीटों का वर्गीकरण 2 अंक

फसल के आधार पर कीटों का वर्गीकरण:

  • धान्य फसलों के कीट: तना छेदक, पत्ती मक्खी
  • दलहन फसलों वाले कीट: चने का फली वेधक
  • तिलहन फसलों के कीट: सरसों की पत्री वेधक
  • फलवृक्षों वाले कीट: स्केल, छड़क अज्ञज्य का फूदका
  • सब्जियों वाले कीट: सौंयदिगदा का तुना व फल वेधक
  • भदागान में लगने वाली कीट: लाल लुसुम्ही, लाल सुरंग, खपरा भुंग

प्रश्न 8: प्रकाश पाश → प्रकाश पाश, रोशेंद कीट जो प्रकाश 2 अंक

प्रकाश पाश की कीट के बटगत्तमन के समय (7:30 से 10:30 बजे तक) करनामार्चाहिए। इस हेतु प्रकाश स्नोत की उप सल्पदावार टुबलाइट या सकीर्मीक पर बल्ब संयोजित होता है। बल्ब के नीचे पानी की छुंभ या मिटों लेड टुंकाई के साथ चुरती है।

खंड 'द' - निबंधात्मक प्रश्न (4 × 2 = 8 अंक)

प्रश्न 10(A): परागण के अनुसार पौधों का वर्गीकरण 4 अंक

(A) धान्य प्रबंधन: (I) रोग मुत्रक्त बर्सरी से पौधों होना चाहिए (गाहिए)

(II) रोगमुर्क्त पौधों को जला देना चाहिए

पौधों के वानस्पतिक भागों से जलाशिखत छठे दिखाई देते हैं। पौधों की कीट व मुत्री स्नौग (छाछ़स) सरेंडेर पर 10-15 cm की ऊंचें दीती है।

(V) इन अवड़ो से रम्झुक (व्याख्क का छोटा रगप) का निर्माण होता है। इसमें 10-यू दिन का समय लगता है।

प्रश्न 11: टमाटर का ऊर्ती सुलसा रोग के लक्षण 4 अंक

रोगजनक: यह रोग एक वायरस Tomato Leaf Curl Virus (TLCV) द्वारा होता है, जो Bemisia tabaci (सफेद मक्खी/White Fly) द्वारा संचरित होता है।

लक्षण:

  • (I) संक्रमित पौधों की पत्तियां पदती है
  • (II) उत्क्र संग्र संग्रवण एक दोनों की पहली पद जाती है संग-2 शिराऐं भी पहली पद जाती है
  • (III) पत्तियों में पीली शिरावेे का जाल बन जाता है
  • (IV) प्रकाश/संक्रेलण, एगालमा में बुधा अती है
  • (V) पौधे बौने हुई जाते है, छनकी वृद्धि रुक जाती है
  • (VI) फल व फूल का बनना है, उपज प्रभावित होती है

प्रश्न 13: स्नग्न → वैज्ञानिक नाम - लाइनेमेर्स 4 अंक

रिड्डा: सामान्य परिचय

वैज्ञानिक नाम ट्रीरोल्मिज़ इफस्ण नेगीर्तावस
या
ट्रीरोल्माइफस नेगीरिरस्निवेयस
संघ आर्चीपोडा
वर्ग इन्सेक्टा
गण आर्थोप्टीरा
विषण नावन - केड़िया

विश्व में टिड्डों की 2500 प्रजातियाँ पायी जाती है इसमें 'खपट्र का टिड्डा' भी कहा जाता है।

टिड्डा एक विनाशकारी व संहारक कीट है जो वनस्पति का क्षत्रु है। यह सभी प्रकार की वनस्पति को नष्ट करता है। यह बच्चे हीता है।

प्रश्न 14: लीवर फ्लूक → वैज्ञानिक नाम - फैसीओला हिपेटिका 4 अंक

लीवर फ्लूक (यकृत कृमि):

वैज्ञानिक नाम फैसीओला हेपेटिका (Fasciola hepatica)
संघ मोलस्का
वर्ग ट्रेमेटोड
गण डाइजेनिया
वरुत ट्रीगोमोदु

विश्व में टिड्डों की 2500 प्रजातियाँ पायी जाती है इसे 'सप्ट का टिड्डा' भी कहा जाता है।

टिड्डा का शरीर तीन खंडों में बटा होता है -
(I) शिर (II) वक्ष (III) उदर

प्रश्न 15: पिस्सू का आर्थिक महत्व 4 अंक

पिस्सू का आर्थिक महत्व:

(I) पिस्सू एक परजीवी कीट है जो सभी प्रकार के पालतू पशुओं व पक्षियों पर बहुरचायप्रजीवी के रूप में पाया जाता है।

(II) पिस्सू पालतू पशुओं का बेहत चूषका है पहुंचाता है।

(III) पिस्सू के कोट अहर भाग पर फलजी व खुजली हो जाती है।

(IV) पिस्सू के कारण खुजली (एक्नीमोसिस) तथा बाहों का निर्वाणा असी सामाएं उत्पन्न हो जाती है।

(V) पिस्सू संक्रमक रोगों की रोगी पशुओं से हुसको संचरण का कार्य करता है

(VI) श्रीघ्र में पिस्सू के कारण सुही से उत्पन्न रोगो (प्लेग) कहा या जिसमें लाखों लोग मीरे गए।

(VII) पिस्सू के नियंत्रण हेतु चिकित्सकीय छया करना पड़ता है।

प्रश्न 16: बद्युगुणिता → किसी जीव के द्वीमक गुणूसूत्र संख्या (n) 4 अंक

बहुगुणिता (Polyploidy):

किसी जीव के द्विकक गुणसूत्र संख्या (2n) में आधिक्य होना बहुगुणिता कहलाता है।

बहुगुणिता के प्रकार:

(X) सुगुणिता → बुव्यास्थत्र:

  • सस्युणिता किसी कौशिका की सामान्य (द्विक) गुणसूत्र संख्या (2n) से अधिक होनया स्त गर्ता है। अभात्त सुक्ति नान स्त्रेमोर चाम जाता है।
  • जैसे – 2n+1, 2n+2, 2n-1

(II) ससुणिता → बिद्युगिता एकडपत/एकलेज गुणसूत्र सख्या (2n) से आधिक गुणसूत्र प्राप्त नैमिन्तं, अजात सुयुगताथ कहलाता है।

  • उदा. - 2n+1, 2n+2, 2n+3

बहुगुणिता की दो प्रमुख किस्में हैं -

  1. असुगुणिता (Aneuploidy): किसी कौशिका की सामान्य (द्विक) गुणसूत्र संख्या 2n से इब्सद होना, बुवात सुक्तिनुपलता कहलाता है।
    जैसे – 2n+1, 2n+2, 2n-1
  2. सुगुणिता (Euploidy): किसी कौशिका की सामान्य पीड्क) गुणसूत्र संख्या (2n) से अधिक गुणसूत्र स्वंगर वतॆ अबात सुखुग्षिता कहलाता है।
    जैसे – 2n, 3n, 4n)

प्रश्न 17: लीवर फ्लूक → वैज्ञानिक नाम - फैसीमोल हैजिटिका 4 अंक

लीवर फ्लूक (Liver Fluke):

वैज्ञानिक नाम: फैसीओला हेपेटिका (Fasciola hepatica)

वर्गीकरण:

  • संघ: मोलस्का
  • वर्ग: ट्रेमेटोड
  • गण: डाइजेनिया
  • विभाग: ट्राई - कॉडीग

जीवन चक्:

  • (I) टिड्डा का शरीर व शुष्क अंग व अंधकार की समान
    1.8-3 cm लम्बा होता है।
  • (II) इसका शरीर शकली, मोटोनी / पीला होता है
  • (III) इसमें में तीयी/टवपा अवयवीय / वचनिय शेशान होता है।
  • (IV) इसका शरीर अंग व पृष्ठ भाग स्कंक) (तड्या)
    मध्य भाग में होता है।
  • (V) मुख के सर्विकल इससे की विकिन-तेवसंन किर्ष व चविर/एइह होता है।
  • (VI) इससे की मुस्क अंग व अधर भाग पर होते है
  • (VII) इससे दोरात्रीय वीलर में सुर्शास्कर सुरक्त एंजेल की जाता है।

प्रश्न 18: दौँट मोखली → वैज्ञानिक नाम - विविया रेहिता 4 अंक

रौंट मछली (Rohu Fish):

वैज्ञानिक नाम: लेबियो रोहिता (Labeo rohita)

बाह्य संरचना:

  • (I) यह नावै लंबे की अंटन्दा हैं।
  • (II) इसका शरीर शक्की, भूलो सलिडा है तथा
    मुख पर शक्त नहीं पाए जाते हैं।
  • (III) इसमें गोलकड़ी पीमे जाते हैं। प्लैक्टा स्योद्यु किरवा करती है।
  • (IV) इसमें दौ प्रकार के पश्च हैं। जोड़ो में पायी गुटली व पायची
    कीग्रा खराब दो जोती है।
  • (V) पंद में कीड़ों के कारण उन डिचरे लगते है
  • (VI) खुन की कगी नुंछ उद्धमादन सट जाता है
  • (VII) उद्धम कीट में पध्यु की मत्यु ही जाती है, पध्यु तथा
    शिविंत बच पाना जव कुलुक पशु के सामास्य से हीकर सल के सापण बीतर निकल जाता है।
  • (VIII) पशुओं को भोतरकलाशीय व कोलाशीय दृर्शियों दी जानी चाहिए।

प्रश्न 19: टिड्डा → वैज्ञानिक नाम - हिरबीलो रेहिता 4 अंक

यह प्रश्न संभवतः टिड्डा या मछली के बारे में विस्तृत विवरण मांगता है।

प्रश्न 20: भिठों का पीत सिरा मीजेक रोग → रोगजनक 4 अंक

भिठों का पीत सिरा (Yellow Head Disease):

रोगजनक: यह रोग एक वायरस Banana Mosaic Virus (BMV) या Banana Bunchy Top Virus (BBTV) द्वारा होता है, जिसमें 55 अणु होता है।

लक्षण:

  • (A) द्राष्य प्रबंधन→ (I) सफेद मुन्त करा निम्प्राण क का दैजीत्रफ कवना।
  • (II) सम्पूर्ण पौधे को उपाइकरण करना चाहिए (शैषे की भूमि ऊपयाप पौधा + पीले + पीलेदुफल सेरिस नष्ट किया जाना चाहिए)।
  • (III) नर्स्यी को जतगलाते जीट से दुड़ा।

शै प्राव/संक्रम प्रबंधन→

  • (I) रद्यावत घीर्गों को नेष्ट करे/ निमागाष्य पीणियां दुष्यकर धार की रुई से अलग करे, सूना/उदप्राखद क्षट्र ती करना।
  • (II) नीमन्डीरीवासन पश्चीप को उपचारित खरना
    सिलाभ्टर शिखना चाहिए।

©जैदिक प्रबंधन→

  • (I) द्रीमघ/मोत्रीरिक द्वारा सवर्णी की नष्ट करे।
  • (II) वैक्टिरस पुरिगिषैस जोषी का पंरमोग।

©जैक प्रबंधन→

  • रीगजनक → यद्यंग एक तायरस, एक एक वायर (मीठों पीत सिरा)
  • कीजै विषाणु (BYMV) द्वारा होता है जिसे
  • उर्धवगीयी पष्ट दिया जाता है:

प्रश्न 21: रासायनिक नियंत्रण → रासायनिक नियंत्रण → बांन्सक सफ़ेद मख्यली 4 अंक

© रासायनिक नियंत्रण:

बांस्क सफेद मख्यली हेतु नियंत्रण हेतु मिथाइल डेमेटोन
1 ml / lis. घोल बनाकर छिड़काव करना।

इमिडीमोरोर 36 EC 1.5 ml / lts का छिड़काव करना।

© जीविक नियंत्रण: रोग रोधी किस्मों
जैस - अलाराद्वाप परोगभार
पंजाब पदमिनों की बुवाई करना।

महत्वपूर्ण विषय एवं अध्याय

RBSE कक्षा 12 कृषि जीव विज्ञान पाठ्यक्रम में निम्नलिखित प्रमुख विषय समाहित हैं:

1. पादप प्रजनन एवं आनुवंशिकी

  • पादप प्रजनन की विधियाँ
  • संकरण तकनीक
  • उत्परिवर्तन (Mutation)
  • बहुगुणिता (Polyploidy)
  • ट्रांसजेनिक पौधे
  • ऊतक संवर्धन (Tissue Culture)

2. कृषि कीट विज्ञान (Agricultural Entomology)

  • कीटों का वर्गीकरण
  • फसल नाशक कीट
  • कीट नियंत्रण के तरीके
  • जैविक नियंत्रण
  • रासायनिक नियंत्रण
  • एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM)

3. पादप रोग विज्ञान (Plant Pathology)

  • पादप रोगों के प्रकार
  • वायरल रोग
  • जीवाणु जनित रोग
  • कवक जनित रोग
  • रोग नियंत्रण के उपाय

4. प्राणी विज्ञान (Zoology)

  • आर्थिक महत्व के जन्तु
  • मत्स्य पालन (Pisciculture)
  • पशु परजीवी
  • जन्तुओं का वर्गीकरण

5. जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology)

  • जीन अभियांत्रिकी
  • DNA प्रौद्योगिकी
  • कृत्रिम गुणसूत्र
  • जैव संवर्धन तकनीक

उत्तर लेखन की तकनीक

परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए निम्नलिखित उत्तर लेखन तकनीकों का पालन करें:

सामान्य दिशा-निर्देश

  • स्पष्ट लेखन: उत्तर स्पष्ट, सुपाठ्य एवं सुव्यवस्थित होना चाहिए
  • बिंदुवार उत्तर: जहाँ संभव हो, उत्तर को बिंदुओं में विभाजित करें
  • चित्र एवं रेखाचित्र: आवश्यकतानुसार सचित्र व्याख्या करें
  • वैज्ञानिक शब्दावली: सही वैज्ञानिक नाम एवं शब्दावली का प्रयोग करें
  • शब्द सीमा: प्रश्न के अंकों के अनुसार उत्तर की लंबाई निर्धारित करें

प्रश्न प्रकार के अनुसार लेखन

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)

  • सभी विकल्पों को ध्यानपूर्वक पढ़ें
  • सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करें
  • समय का सदुपयोग करें

अतिलघु उत्तरीय (1 अंक)

  • 1-2 वाक्यों में संक्षिप्त उत्तर दें
  • सीधे मुख्य बिंदु पर आएं
  • अनावश्यक विवरण न दें

लघु उत्तरीय (2 अंक)

  • 3-5 वाक्यों में उत्तर दें
  • मुख्य बिंदुओं को स्पष्ट करें
  • यदि संभव हो तो उदाहरण दें

निबंधात्मक (4 अंक)

  • विस्तृत उत्तर दें (1-2 पृष्ठ)
  • उप-शीर्षकों का प्रयोग करें
  • चित्र/तालिका बनाएं जहाँ आवश्यक हो
  • परिचय, मुख्य भाग और निष्कर्ष दें
महत्वपूर्ण सुझाव: परीक्षा में समय प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक प्रश्न के लिए अंकों के अनुसार समय आवंटित करें।

अंक अर्जन की रणनीति

परीक्षा पूर्व तैयारी

  • पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन: सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को व्यवस्थित रूप से पढ़ें
  • पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र: कम से कम 5 वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें
  • महत्वपूर्ण टॉपिक्स: अधिक अंक वाले विषयों पर विशेष ध्यान दें
  • रिवीजन: नियमित रूप से पुनरावृत्ति करें
  • नोट्स बनाएं: संक्षिप्त और सारगर्भित नोट्स तैयार करें

परीक्षा के दौरान

  • प्रश्नपत्र को ध्यानपूर्वक पढ़ें: सभी निर्देशों को समझें
  • समय विभाजन: प्रत्येक खंड के लिए समय निर्धारित करें
  • सरल प्रश्न पहले: जिन प्रश्नों के उत्तर आपको अच्छे से आते हैं, उन्हें पहले हल करें
  • विकल्प का सदुपयोग: आंतरिक विकल्प का बुद्धिमानी से चयन करें
  • प्रेजेंटेशन: स्वच्छ और व्यवस्थित लेखन

अंक वितरण रणनीति

खंड अंक अनुशंसित समय रणनीति
खंड 'अ' (MCQ) 4 15 मिनट तुरंत उत्तर दें, सभी प्रश्न हल करें
खंड 'ब' (अति लघु) 9 30 मिनट संक्षिप्त और सटीक उत्तर
खंड 'स' (लघु) 14 60 मिनट विस्तृत लेकिन संतुलित उत्तर
खंड 'द' (निबंधात्मक) 8 60 मिनट पूर्ण विवरण, चित्र सहित
पुनरावलोकन - 15 मिनट त्रुटि सुधार
ध्यान दें: उपरोक्त समय विभाजन सांकेतिक है। अपनी क्षमता के अनुसार समायोजित करें।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ एवं बाह्य सूत्र

  1. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर - आधिकारिक वेबसाइट
  2. RBSE Class 12 Agriculture Biology Syllabus 2024-25
  3. NCERT कृषि विज्ञान पाठ्यपुस्तक
  4. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
  5. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
  6. Sarkari Service Prep - RBSE Class 12 Agriculture Science Resources
डिस्क्लेमर: यह लेख शैक्षिक उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। सभी जानकारी उपलब्ध स्रोतों से संकलित की गई है। किसी भी त्रुटि के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं।