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Office Procedure Series #1: Government File Movement Begins with Letter Receipt Register

कार्यालय कार्य प्रणाली – सूत्र संख्या 01: पत्र आवक शाखा एवं कार्यारंभ

लेखक: आपका साथी  | संपादन एवं SEO प्रस्तुति: Sarkari Service Prep


प्रस्तावना: कार्यालय कार्य की शुरुआत कहाँ से होती है?

राजकीय एवं अर्द्ध-सरकारी कार्यालयों में कार्य की शुरुआत सदैव किसी पत्र, आदेश, निर्देश, आवेदन या सूचना की प्राप्ति के साथ होती है। इस प्रक्रिया को विधिवत रूप से संचालित करना प्रशासनिक पारदर्शिता, गति और जवाबदेही के लिए आवश्यक है।

इस श्रृंखला के प्रथम आलेख में हम "पत्र आवक शाखा एवं कार्यारंभ" की प्रक्रिया को चरणबद्ध और स्पष्ट रूप में समझेंगे।


सूत्र संख्या प्रथम: पत्र आवक शाखा एवं कार्य प्रारंभ

1. पत्र प्राप्ति और रसीद व्यवस्था

  • पत्रों को कार्यालय में सबसे पहले "पत्र आवक शाखा लिपिक" द्वारा प्राप्त किया जाता है।
  • प्राप्ति रसीद निम्न 3 माध्यमों से दी जा सकती है:
    • पत्र की फोटोकॉपी पर प्राप्ति हस्ताक्षर सहित
    • Peon Book / पत्र रजिस्टर में क्रमबद्ध एंट्री
    • पूर्व मुद्रित प्राप्ति रसीद फॉर्म पर कार्यालय मोहर सहित
यह रसीद न केवल दस्तावेज़ीकरण के लिए जरूरी है, बल्कि किसी भी विवाद की स्थिति में प्रमाण के रूप में प्रस्तुत की जा सकती है।

2. ईमेल पत्राचार की प्रविष्टि प्रक्रिया

  • यदि पत्र ईमेल से प्राप्त हुआ है, तो उसका प्रिंटआउट निकालकर पत्र रजिस्टर में इंद्राज करना अनिवार्य है।
  • इसके लिए एक "ईमेल आदेश प्राप्ति रजिस्टर" पृथक रूप से बनाया जाए।

सुझाव: प्रत्येक कार्यालय अपने official email ID का नियमित बैकअप व स्टाफ हेतु एक्सेस पॉलिसी बनाए।

3. वरिष्ठ कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुतिकरण

  • सभी प्राप्त पत्रों को वरिष्ठतम कार्यालय प्रभारी के पास भेजा जाए।
  • गोपनीय, अत्यंत महत्वपूर्ण या अर्द्ध-शासकीय पत्र को बिना खोले सीधे कार्यालयाध्यक्ष को भेजा जाए।
  • कार्यालयाध्यक्ष को उनके Personal Assistant (PA) के माध्यम से पत्र भेजना चाहिए।
  • आवक शाखा लिपिक को PA से पत्र पावती अवश्य लेनी चाहिए

4. प्रभार सूची और पत्र निर्देशांकन

  • कार्यालय में कार्यरत शाखाओं की अद्यतन प्रभार सूची कार्यालय प्रभारी के पास होनी चाहिए।
  • पत्र की गंभीरता के अनुसार उसे किस शाखा में, किस स्तर पर कार्य हेतु भेजा जाए, यह लिखित रूप में दर्शाया जाए।

5. पत्र की रसीदी सील एवं प्रेषण प्रक्रिया

प्राप्त पत्र पर निम्न विवरण वाली विशेष मुहर लगाना आवश्यक है:

  • कार्यालय का नाम
  • पत्र प्राप्ति दिनांक
  • शाखा का नाम (जहाँ भेजा जा रहा है)
  • क्रमांक (File No./Dispatch ID)

इसके पश्चात:

  • पत्र को संबंधित शाखा में भेजा जाए
  • प्राप्तकर्ता अधिकारी/कार्मिक से हस्ताक्षर, नाम व पदनाम सहित पावती प्राप्त की जाए

राजस्थान में प्रभावी नियम और प्रशासनिक दिशा निर्देश

  1. Rajasthan Secretariat Office Manual (RSOM) – कार्य प्रबंधन हेतु आधिकारिक मार्गदर्शिका
    डाउनलोड लिंक (PDF)
  2. e-Office Implementation Guidelines – NIC द्वारा तैयार डिजिटल फाइल ट्रैकिंग प्रणाली
    NIC eOffice Portal
  3. Rajasthan Government Rules (GFR, Delegation of Powers, etc.)
    राजस्थान सेवा नियम वेबसाइट

व्यवस्थित रजिस्टरों की सूची (Suggested Registers)

  • पत्र आवक रजिस्टर (Dak Register)
  • Peon Book
  • ईमेल आदेश रजिस्टर
  • गोपनीय पत्र संधारण रजिस्टर
  • पत्र पावती रजिस्टर

कार्यालय कार्य में पारदर्शिता हेतु सुझाव

  • सभी पत्रों को समयबद्ध रूप से फॉरवर्ड करने हेतु 3-स्तरीय मॉनिटरिंग करें:
    • शाखा प्रभारी
    • कार्यालय प्रमुख
    • सतर्कता निरीक्षक / कन्ट्रोलर (यदि हो)
  • पत्रों पर प्राप्ति मुहर तिथि से 3 कार्यदिवस के भीतर प्रतिक्रिया अनिवार्य बनाएं।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: क्या निजी ईमेल से प्राप्त आदेश को भी रजिस्टर करना होगा?
✔ यदि आदेश संस्था से संबंधित है, तो हाँ – उसे रजिस्टर में दर्शाना चाहिए।

प्रश्न 2: क्या आवक पत्र की पावती केवल मौखिक दी जा सकती है?
❌ नहीं, पावती हमेशा लिखित होनी चाहिए – फोटोकॉपी, रसीद या रजिस्टर पर हस्ताक्षर द्वारा।

प्रश्न 3: यदि पत्र गोपनीय है तो क्या आवक शाखा में दर्ज किया जाएगा?
✔ गोपनीय पत्र को खोले बिना सीधे कार्यालयाध्यक्ष को भेजा जाएगा – परंतु पावती एवं tracking अनिवार्य है।

प्रश्न 4: क्या यह प्रक्रिया सभी विभागों में समान है?
✔ मूल प्रक्रिया समान है, परंतु विभाग विशेष की प्रकृति अनुसार थोड़े बदलाव हो सकते हैं।


अंतिम शब्द: सशक्त कार्यालय संचालन की पहली कड़ी

यह प्रक्रिया किसी भी कार्यालय की "Administrative Spine" कही जा सकती है। पत्रों की सुव्यवस्थित प्राप्ति, लेखांकन और निष्पादन से ही कार्यालय की कार्यकुशलता, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व तय होता है।


Series Continuation:
अगला भाग जल्द ही – सूत्र संख्या द्वितीय: पत्र जारी प्रक्रिया एवं आउटगोइंग पत्र प्रणाली

Prepared by: Sarkari Service Prep™ | In collaboration with Senior Principal 

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