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राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 | पेंशन की गणना विधि, न्यूनतम राशि, अर्हकता एवं सेवा उपदान नियम

राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 | पेंशन की गणना विधि, न्यूनतम राशि, अर्हकता एवं सेवा उपदान नियम

राजस्थान सरकार के अधीन कार्यरत राज्य कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति के पश्चात वित्तीय सुरक्षा हेतु वर्ष 1996 में राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम (RSR) लागू किए गए। पेंशन की गणना पूर्ण की गई अर्हकारी सेवा अवधि, प्राप्त वेतन, सेवा के प्रकार तथा विभागीय निर्देशों पर आधारित होती है।

इस लेख में हम जानेंगे – किन स्थितियों में मासिक पेंशन देय होती है, किस स्थिति में एकमुश्त सेवा उपदान (Service Gratuity) दिया जाता है, तथा 1996 से 2017 तक न्यूनतम पेंशन की विकास यात्रा। साथ ही, गणना के लिए प्रयोग में आने वाला सूत्र (Formula), महत्वपूर्ण नोट्स एवं उदाहरणों सहित स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया जाएगा।

📘 पेंशन की गणना की श्रेणियाँ (सेवा अवधि के अनुसार)

सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी को देय पेंशन का निर्धारण उनकी पेंशन योग्य (अर्हकारी) सेवा की अवधि के आधार पर निम्नलिखित वर्गों में किया जाता है:

  • (क) 33 वर्ष या उससे अधिक की सेवा: सेवा की न्यूनतम अवधि 33 वर्ष या उससे अधिक होने पर पूर्ण 100% पेंशन देय होती है। (30.06.2013 तक)
  • (ख) 28 वर्ष या उससे अधिक सेवा: 01.07.2013 या इसके पश्चात सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को यदि 28 वर्ष या अधिक अर्हकारी सेवा है, तो उन्हें प्राप्त परिलाभों का 50% मासिक पेंशन के रूप में देय होगा।
  • (ग) 10 वर्ष से कम किंतु 28 वर्ष से कम सेवा: ऐसे मामलों में पेंशन गणना अनुपातिक होगी, जिसके लिए फ़ॉर्मूला नीचे प्रस्तुत है।
  • (घ) 10 वर्ष से कम सेवा: ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवा 10 वर्ष से कम है, उन्हें मासिक पेंशन के स्थान पर एकमुश्त सेवा उपदान (Service Gratuity) देय होगा।

💡 नोट: 10 वर्ष से कम सेवा पर कोई भी मासिक पेंशन देय नहीं होती। केवल एकमुश्त सेवा लाभ (Gratuity) दिया जाता है।

📐 पेंशन गणना फार्मूला (Formula for Proportionate Pension)

जिन कर्मचारियों की सेवा 10 वर्ष से अधिक किंतु 28 वर्ष से कम है, उन्हें अनुपातिक पेंशन देय होती है। यह गणना नीचे दिए गए सूत्र से की जाती है:

🔢 पेंशन गणना सूत्र:
परिलाभों / 2 × पूर्ण किए गए छः माह ÷ 56

उदाहरण:

  • परिलाभों की राशि = ₹80,200 प्रति माह
  • सेवा अवधि = 22 वर्ष = 44 छः माह खंड (6 महीने = 1 छःमास)
गणना:
₹80,200 ÷ 2 = ₹40,100
₹40,100 × 44 ÷ 56 = ₹31,508 प्रति माह (पेंशन देय)

इस प्रकार, यदि कर्मचारी की सेवा 28 वर्ष से कम है, तो वह पूर्ण 50% के स्थान पर उपयुक्त अनुपात में पेंशन का पात्र होता है।

📌 महत्वपूर्ण: यदि पेंशन की गणना ₹8850 से कम आती है, तो कर्मचारी को न्यूनतम ₹8850 प्रति माह पेंशन देय होती है (01.01.2017 से प्रभावी)।

📊 न्यूनतम पेंशन / पारिवारिक पेंशन की विकास तालिका (1996–2017)

📅 लागू तिथि 🔢 न्यूनतम पेंशन (₹)
01.09.1996 ₹1275
01.07.2004 ₹1913
01.01.2006 (6th CPC) ₹3025
01.01.2013 ₹3450
01.01.2017 ₹8850

🗂️ नोट्स का सारांश (Note 1 से Note 4)

  • नोट 1: 01.01.2016 से यदि पेंशन/पारिवारिक पेंशन ₹8850 से कम आती है, तो न्यूनतम ₹8850 देय होगी।
  • नोट 2: 01.09.1996 से 01.01.2017 तक न्यूनतम पेंशन कई चरणों में बढ़ाई गई – ₹1275 → ₹1913 → ₹3025 → ₹3450 → ₹8850
  • नोट 3: संशोधित वेतनमान नियम 30.10.2017 से लागू हुआ, लेकिन इसकी गणना 01.01.2017 से की गई। 01.01.2016 से 31.12.2016 तक के लिए कोई arrear नहीं।
  • नोट 4: अधिकतम वेतन सीमा ₹2,18,600 निर्धारित की गई है, जो 01.01.2016 से प्रभावी मानी जाएगी।

💰 एकमुश्त सेवा उपदान (Service Gratuity) – नियम "घ"

यदि किसी कर्मचारी की सेवा अवधि 10 वर्ष से कम है, तो उसे नियमित पेंशन के स्थान पर एकमुश्त सेवा उपदान

📌 गणना सूत्र:

Service Gratuity = अंतिम वेतन × कुल योग्यता योग्य सेवा वर्ष × 0.5

---

📘 उदाहरण:

  • कर्मचारी की सेवा अवधि: 9 वर्ष
  • अंतिम वेतन: ₹30,000

👉 सेवा उपदान = ₹30,000 × 9 × 0.5 = ₹1,35,000

---

📝 विशेष ध्यान दें:

  • 10 वर्ष से कम सेवा होने पर पेंशन देय नहीं होती।
  • Service Gratuity एक बार में भुगतान किया जाता है।
  • यह Income Tax अधिनियम की सीमा के अंतर्गत कर मुक्त हो सकता है (नियम और राशि के अनुसार)।

📘 राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 | अर्हकारी सेवा, पेंशन गणना व आचरण नियम में पेंशन के प्रकार

राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 राज्य के सरकारी सेवकों के लिए पेंशन संबंधी सभी प्रक्रियाओं, प्रकारों और अर्हकारी शर्तों को स्पष्ट करता है। यह नियम न केवल सेवाकाल के बाद की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि सरकारी सेवा के अनुशासन, ईमानदारी और निष्ठा को भी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


🔗 संबंधित लेख पढ़ें:

📝 पेंशन गणना विधि – 15 प्रश्नोत्तर (MCQ Quiz)

  1. राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 किस तिथि से लागू हुए थे?
    उत्तर: 01 जनवरी 1996
  2. मासिक पेंशन हेतु न्यूनतम आवश्यक सेवा अवधि क्या है?
    उत्तर: 10 वर्ष
  3. 10 वर्ष से कम सेवा पर क्या देय होता है?
    उत्तर: एकमुश्त सेवा उपदान (Service Gratuity)
  4. पेंशन गणना का फार्मूला क्या है?
    उत्तर: (परिलाभ ÷ 2) × पूरे किए गए छः माह ÷ 56
  5. 2017 से न्यूनतम पेंशन कितनी निर्धारित की गई है?
    उत्तर: ₹8850 प्रति माह
  6. पेंशन योग्य सेवा 28 वर्ष से अधिक हो तो कितना प्रतिशत पेंशन देय होता है?
    उत्तर: 50%
  7. 1.7.2013 से पूर्व 33 वर्ष की सेवा पर कितना प्रतिशत पेंशन देय होती थी?
    उत्तर: 100%
  8. सेवा उपदान की गणना में कौन-सा सूत्र लागू होता है?
    उत्तर: अंतिम वेतन × सेवा वर्ष × 0.5
  9. 1996 में न्यूनतम पेंशन कितनी थी?
    उत्तर: ₹1275
  10. 01.01.2013 को यह राशि कितनी हो गई?
    उत्तर: ₹3450
  11. पेंशन की गणना में 'छः माह के खंड' कुल कितने माने जाते हैं?
    उत्तर: 56
  12. 28 वर्ष से कम, किंतु 10 वर्ष से अधिक सेवा होने पर क्या देय होता है?
    उत्तर: अनुपातिक मासिक पेंशन
  13. किस अधिनियम के तहत ग्रेच्युटी आयकर से मुक्त हो सकती है?
    उत्तर: आयकर अधिनियम, धारा 10
  14. नोट 3 के अनुसार संशोधित वेतनमान कब से लागू माना गया?
    उत्तर: 01.01.2017
  15. न्यूनतम पेंशन ₹8850 से कम होने पर क्या नियम है?
    उत्तर: ₹8850 न्यूनतम पेंशन देय होगी

🔁 Revision Capsule – राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996

  • ✅ राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 में कुल 19 अध्याय शामिल हैं।
  • ✅ पेंशन का निर्धारण अर्हकारी सेवा की गणना के आधार पर किया जाता है।
  • Rule 16 में Extraordinary Pension की व्यवस्था की गई है।
  • ✅ पेंशन के प्रकार – Retiring Pension, Superannuation Pension, Compassionate Pension आदि।
  • Service Book का नियमित संधारण अनिवार्य है – ये प्रमाणित करता है अर्ह सेवा की अवधि।
  • ✅ अर्हकारी सेवा में Break या Non-qualifying periods को अलग किया जाता है।
  • ✅ यदि कोई कर्मचारी दोषपूर्ण आचरण के कारण सेवा से पृथक होता है, तो उसे पेंशन से वंचित किया जा सकता है – Rule 7.
  • ✅ पेंशन की गणना – (Last Pay Drawn × Pensionable Years) ÷ 60
  • ✅ Revised Pension 7वें वेतन आयोग के अनुसार Pay Matrix के आधार पर दी जाती है।
  • ✅ PPO (Pension Payment Order) – अंतिम स्वीकृत दस्तावेज जो पेंशनर को दिया जाता है।

📎 संबंधित: राजस्थान पेंशन नियमों की सम्पूर्ण गाइड यहां पढ़ें


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