राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम 1998
📄 राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम 1998 – संपूर्ण जानकारी हिंदी में
वित्त विभाग
अधिसूचना
जयपुर, मार्च 17, 1998
(राजस्थान राज पत्र असाधारण अंक के भाग IV-ग उप-धारा (1) दिनांक 26 मार्च, 1998 में मूलतः सर्वप्रथम प्रकाशित)
जी.एस.आर. III — भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 और राजस्थान सेवा नियम, 1951 के नियम-21 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राजस्थान के राज्यपाल इसके द्वारा निम्नलिखित नियम बताते हैं, अर्थात् —
राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम, 1998
(1) नाम और प्रारम्भ:
- इन नियमों का नाम राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम, 1998 है।
- ये नियम 1 जनवरी, 1954 तक या इसके पश्चात् राजस्थान सरकार के अधीन किसी अधिष्ठायी पद पर या 1 मार्च, 1989 को या इसके पश्चात् किसी जिला परिषद् या पंचायत समिति में के पद पर या ऐसे अन्य संगठन, जो राज्य सरकार द्वारा आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट किया जावे, में सेवारत व्यक्तियों के मामले में 1 अप्रैल, 1998 से प्रवृत्त होंगे।
(2) परिभाषाएं:
इन नियमों में, जब तक कोई बात विषय या सन्दर्भ में विरुद्ध न हो —
- (क) "बीमा" — वह बीमा-संविदा जिसके तहत बीमाकृत व्यक्ति द्वारा प्रीमियम भुगतान के बदले में, संविदा में निर्दिष्ट घटना होने पर धनराशि दी जाती है।
- (ख) "विभाग" — राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, राजस्थान सरकार।
- (ग) "निदेशक" — निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग और इसमें अपर, उप एवं सहायक निदेशक सम्मिलित हैं।
- (घ) "निधि" — बीमा स्कीम से संबंधित सभी प्राप्तियां और व्यय समाहित करने वाली निधि।
- (ड) "सरकार" — राजस्थान सरकार।
- (च) "बीमा अभिलेख पुस्तक" — वह पुस्तक जिसमें बीमा से संबंधित समस्त विवरण संकलित हों।
- (छ) "बीमा स्कीम" — नियम 8 में उल्लिखित वर्ग के कर्मचारियों पर लागू योजना।
- (ज) "बीमाकृत व्यक्ति" — वह व्यक्ति जिसे इन नियमों के अंतर्गत बीमा कराना है।
- (झ) "वेतन" — राजस्थान सेवा नियम, 1951 में परिभाषित वेतन।
- (ल) "पॉलिसी" — बीमाकृत व्यक्ति के नाम जारी बीमा दस्तावेज।
- (ट) "राजस्थान बीमा सेवा" — राजस्थान बीमा सेवा नियम, 1959 के अधीन सृजित संवर्ग।
- (ठ) "राज्य" — राजस्थान राज्य।
- (ड) "अभ्यर्पण मूल्य" — वह धनराशि जो बीमाकृत व्यक्ति को पॉलिसी त्यागने पर प्राप्त होती है।
सरल भाषा में: राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम 1998
यह नियम राजस्थान सरकार द्वारा 1998 में लागू किया गया ताकि सभी सरकारी कर्मचारियों को बीमा सुरक्षा दी जा सके। अगर कोई कर्मचारी सेवा के दौरान दुर्घटना या मृत्यु का शिकार होता है, तो इस योजना से उसके परिवार को आर्थिक सहायता मिलती है।
📅 कब से लागू?
- 1 अप्रैल 1998 से प्रभावी
- राज्य सरकार, पंचायत समिति, जिला परिषद और सरकार द्वारा निर्धारित अन्य संस्थानों के कर्मचारियों पर लागू
📝 योजना की मुख्य बातें:
- सरकारी कर्मचारी की वेतन से हर माह प्रीमियम कटता है
- बीमा का संचालन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग करता है
- हर कर्मचारी का एक बीमा अभिलेख रखा जाता है
- बीमा पॉलिसी के रूप में जारी होती है
- बीमा समाप्त करने पर अभ्यर्पण मूल्य (Surrender Value) मिल सकती है
👥 किन्हें यह बीमा लेना होता है?
राज्य सरकार के अधीन सभी स्थायी कर्मचारी, पंचायत/जिला परिषद में कार्यरत कर्मचारी, या जिन्हें सरकार द्वारा इस योजना में शामिल किया गया है।
🎁 क्या-क्या फायदे मिलते हैं?
- बीमा कवर (आकस्मिक मृत्यु/दुर्घटना पर)
- बीमा के आधार पर ऋण की सुविधा
- बीमा पर बोनस
- नौकरी छोड़ने या पॉलिसी समाप्त करने पर राशि मिलना
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