पठार (Plateau) – प्रकार, विशेषताएं और विश्व के प्रमुख पठार

पठार (Plateau) - संपूर्ण अध्ययन सामग्री | UPSC Geography

पठार (Plateau)

1. परिचय और परिभाषा

पठार भूमि का वह रूप है जो समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित होता है और जिसका ऊपरी भाग अपेक्षाकृत समतल होता है।

पठार की परिभाषा:
  • समुद्र तल से 300 मीटर या अधिक ऊंचाई
  • ऊपरी सतह अपेक्षाकृत समतल
  • तीव्र ढाल वाले किनारे
  • व्यापक क्षेत्र में फैला हुआ

2. पठार की विशेषताएं

भौतिक विशेषताएं:

  • ऊंचाई: समुद्र तल से 300-4000 मीटर तक
  • आकार: विस्तृत और समतल ऊपरी सतह
  • ढाल: किनारों पर तीव्र ढाल
  • आकृति: टेबल जैसी संरचना

भूगर्भीय विशेषताएं:

  • कठोर चट्टानों से निर्मित
  • अवसादी, आग्नेय या कायांतरित चट्टानें
  • भूगर्भीय संरचना स्थिर
  • खनिज संपदा से भरपूर

3. निर्माण प्रक्रिया

पठार निर्माण के मुख्य कारक:

प्रक्रिया विवरण उदाहरण
ज्वालामुखी क्रिया लावा के जमाव से निर्माण दक्कन पठार
भू-उत्थान भूमि का ऊपर उठना तिब्बत पठार
अपरदन कमजोर चट्टानों का कटाव कोलोराडो पठार
वलन भूपर्पटी में मोड़ अनातोलिया पठार

निर्माण के चरण:

  1. प्रारंभिक भूगर्भीय गतिविधि
  2. चट्टानों का निर्माण या उत्थान
  3. अपरदन द्वारा आकार निर्धारण
  4. वर्तमान स्वरूप का विकास

4. पठार के प्रकार

A. निर्माण के आधार पर:

1. ज्वालामुखी पठार:

  • लावा के जमाव से बने
  • बेसाल्ट चट्टानों से निर्मित
  • उदाहरण: दक्कन पठार, कोलंबिया पठार

2. टेक्टॉनिक पठार:

  • भू-हलचल से बने
  • भूमि के उत्थान से निर्माण
  • उदाहरण: तिब्बत पठार, बोलिविया पठार

3. अपरदनजनित पठार:

  • कटाव से बने
  • कमजोर चट्टानों का कटाव
  • उदाहरण: छोटानागपुर पठार

B. ऊंचाई के आधार पर:

प्रकार ऊंचाई उदाहरण
निम्न पठार 300-900 मीटर मालवा पठार
मध्यम पठार 900-1800 मीटर छोटानागपुर पठार
उच्च पठार 1800 मीटर से अधिक तिब्बत पठार

5. विश्व के प्रमुख पठार

पठार स्थान ऊंचाई विशेषता
तिब्बत पठार तिब्बत, चीन 4500 मीटर विश्व की छत
पामीर पठार मध्य एशिया 4000 मीटर विश्व की छत
बोलिविया पठार दक्षिण अमेरिका 3600 मीटर अल्टीप्लानो
कोलोराडो पठार अमेरिका 2000 मीटर ग्रांड कैन्यन
अनातोलिया पठार तुर्की 1000 मीटर एशिया माइनर
ब्राजील पठार ब्राजील 1000 मीटर अफ्रीकी पठार
विशेष तथ्य:
  • तिब्बत पठार को "विश्व की छत" कहते हैं
  • यह दुनिया का सबसे ऊंचा और बड़ा पठार है
  • क्षेत्रफल: 25 लाख वर्ग किमी

6. भारतीय पठार

भारत में मुख्यतः प्रायद्वीपीय पठार स्थित है जो देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 16% भाग है।

भारत के मुख्य पठार:

पठार राज्य क्षेत्रफल मुख्य विशेषता
दक्कन पठार महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना 5 लाख वर्ग किमी ज्वालामुखी पठार
छोटानागपुर पठार झारखंड, छत्तीसगढ़ 65,000 वर्ग किमी खनिज भंडार
मालवा पठार मध्य प्रदेश 80,000 वर्ग किमी काली मिट्टी
मेघालय पठार मेघालय 22,000 वर्ग किमी गारो-खासी-जयंतिया

भौगोलिक स्थिति:

  • उत्तर: विंध्य पर्वत श्रृंखला
  • दक्षिण: नीलगिरि पर्वत
  • पूर्व: पूर्वी घाट
  • पश्चिम: पश्चिमी घाट

7. दक्कन का पठार

दक्कन का पठार भारत का सबसे बड़ा पठार है जो प्रायद्वीपीय भारत का मुख्य भाग है।

भौगोलिक विवरण:

  • क्षेत्रफल: 5 लाख वर्ग किमी
  • औसत ऊंचाई: 600-900 मीटर
  • आकार: त्रिभुजाकार
  • निर्माण: ज्वालामुखी क्रिया से

भूगर्भीय संरचना:

  • बेसाल्ट चट्टानों से निर्मित
  • डेक्कन ट्रैप की संरचना
  • काली ज्वालामुखी मिट्टी
  • कठोर और प्राचीन चट्टानें

नदी तंत्र:

नदी दिशा मुहाना
गोदावरी पूर्व बंगाल की खाड़ी
कृष्णा पूर्व बंगाल की खाड़ी
कावेरी पूर्व बंगाल की खाड़ी
नर्मदा पश्चिम अरब सागर
ताप्ती पश्चिम अरब सागर
महत्वपूर्ण तथ्य:
  • 6-7 करोड़ साल पहले ज्वालामुखी विस्फोट से बना
  • सबसे बड़ा लावा पठार
  • कपास की खेती के लिए उपयुक्त

8. छोटानागपुर का पठार

छोटानागपुर का पठार भारत के खनिज भंडार के लिए प्रसिद्ध है और इसे "भारत का रूर" कहते हैं।

भौगोलिक स्थिति:

  • राज्य: झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा
  • क्षेत्रफल: 65,000 वर्ग किमी
  • औसत ऊंचाई: 700 मीटर
  • सर्वोच्च शिखर: पारसनाथ (1365 मीटर)

खनिज संपदा:

खनिज मुख्य क्षेत्र महत्व
कोयला झरिया, बोकारो ऊर्जा का मुख्य स्रोत
लौह अयस्क सिंहभूम इस्पात उत्पादन
तांबा घाटशिला विद्युत उपकरण
अभ्रक कोडरमा विद्युत रोधी
बॉक्साइट लोहरदगा एल्युमिनियम

औद्योगिक विकास:

  • इस्पात उद्योग: टाटा, बोकारो
  • एल्युमिनियम उद्योग: मुरी
  • सीमेंट उद्योग: चकला
  • उर्वरक उद्योग: सिंद्री

9. मालवा का पठार

मालवा का पठार मध्य प्रदेश में स्थित है और कृषि के लिए उपयुक्त है।

भौगोलिक विवरण:

  • स्थिति: मध्य प्रदेश
  • क्षेत्रफल: 80,000 वर्ग किमी
  • औसत ऊंचाई: 500 मीटर
  • मिट्टी: काली ज्वालामुखी मिट्टी

कृषि:

  • मुख्य फसलें: कपास, गेहूं, चना
  • मिट्टी: काली कपास मिट्टी (रेगुर)
  • सिंचाई: नर्मदा, चंबल नदी
  • विशेषता: कपास की खेती के लिए उत्तम

नदी तंत्र:

  • नर्मदा नदी (मुख्य नदी)
  • चंबल नदी
  • बेतवा नदी
  • सोन नदी

10. आर्थिक महत्व

A. खनिज संपदा:

  • कोयला, लौह अयस्क, तांबा
  • बॉक्साइट, अभ्रक, मैंगनीज
  • यूरेनियम, थोरियम
  • हीरा, सोना

B. कृषि:

  • कपास उत्पादन
  • गन्ना, गेहूं
  • दालें, तिलहन
  • फल और सब्जियां

C. उद्योग:

  • इस्पात उद्योग
  • एल्युमिनियम उद्योग
  • सीमेंट उद्योग
  • रसायन उद्योग

D. पर्यटन:

  • प्राकृतिक सुंदरता
  • झरने और नदियां
  • वन्यजीव अभयारण्य
  • पहाड़ी स्टेशन

11. मानवीय गतिविधियां

जनसंख्या वितरण:

  • मध्यम जनसंख्या घनत्व
  • जनजातीय समुदायों की बहुलता
  • शहरीकरण की धीमी गति
  • कृषि पर निर्भरता

आजीविका के साधन:

गतिविधि प्रतिशत मुख्य क्षेत्र
कृषि 60% मालवा, दक्कन
खनन 15% छोटानागपुर
उद्योग 20% शहरी क्षेत्र
सेवा 5% मुख्य शहर

सामाजिक-सांस्कृतिक पहलू:

  • आदिवासी संस्कृति
  • लोक कलाएं और शिल्प
  • त्योहार और परंपराएं
  • भाषाई विविधता

12. पर्यावरणीय मुद्दे

मुख्य समस्याएं:

  • वनों की कटाई: खनन और कृषि विस्तार
  • मिट्टी का कटाव: वर्षा से मिट्टी का नुकसान
  • जल प्रदूषण: खनन से नदियों का प्रदूषण
  • वायु प्रदूषण: कोयला आधारित उद्योग

संरक्षण उपाय:

  • वृक्षारोपण कार्यक्रम
  • मिट्टी संरक्षण तकनीक
  • जल संचयन योजनाएं
  • प्रदूषण नियंत्रण कानून

सतत विकास:

  • पारिस्थितिकी संतुलन
  • नवीकरणीय ऊर्जा
  • जैविक कृषि
  • इको-टूरिज्म

13. MCQ प्रश्न

प्रश्न 1: पठार की न्यूनतम ऊंचाई कितनी होती है?

A) 200 मीटर
B) 300 मीटर
C) 400 मीटर
D) 500 मीटर

उत्तर: B) 300 मीटर
व्याख्या: पठार की न्यूनतम ऊंचाई समुद्र तल से 300 मीटर मानी जाती है।

प्रश्न 2: विश्व का सबसे ऊंचा पठार कौन सा है?

A) दक्कन पठार
B) तिब्बत पठार
C) कोलोराडो पठार
D) ब्राजील पठार

उत्तर: B) तिब्बत पठार
व्याख्या: तिब्बत पठार विश्व का सबसे ऊंचा पठार है, जिसकी औसत ऊंचाई 4500 मीटर है।

प्रश्न 3: दक्कन पठार का निर्माण किससे हुआ है?

A) अवसादी चट्टानें
B) ज्वालामुखी लावा
C) कायांतरित चट्टानें
D) हिमनदी क्रिया

उत्तर: B) ज्वालामुखी लावा
व्याख्या: दक्कन पठार का निर्माण ज्वालामुखी लावा के जमाव से हुआ है।

प्रश्न 4: छोटानागपुर पठार को क्या कहते हैं?

A) भारत का रूर
B) भारत का मैनचेस्टर
C) भारत का पिट्सबर्ग
D) भारत का डेट्रॉयट

उत्तर: A) भारत का रूर
व्याख्या: छोटानागपुर पठार को भारत का रूर कहते हैं क्योंकि यहाँ भारी उद्योग केंद्रित हैं।

प्रश्न 5: भारत का सबसे बड़ा पठार कौन सा है?

A) मालवा पठार
B) छोटानागपुर पठार
C) दक्कन पठार
D) मेघालय पठार

उत्तर: C) दक्कन पठार
व्याख्या: दक्कन पठार भारत का सबसे बड़ा पठार है जिसका क्षेत्रफल 5 लाख वर्ग किमी है।

प्रश्न 6: मालवा पठार की मुख्य मिट्टी कौन सी है?

A) लाल मिट्टी
B) काली मिट्टी
C) जलोढ़ मिट्टी
D) लेटराइट मिट्टी

उत्तर: B) काली मिट्टी
व्याख्या: मालवा पठार में काली ज्वालामुखी मिट्टी (रेगुर) पाई जाती है।

प्रश्न 7: तिब्बत पठार को क्या कहते हैं?

A) विश्व की छत
B) एशिया का हृदय
C) पृथ्वी का मुकुट
D) हिमालय का पठार

उत्तर: A) विश्व की छत
व्याख्या: तिब्बत पठार को विश्व की छत कहते हैं क्योंकि यह सबसे ऊंचा पठार है।

प्रश्न 8: छोटानागपुर पठार का सर्वोच्च शिखर कौन सा है?

A) गुरुशिखर
B) पारसनाथ
C) धूपगढ़
D) महेंद्रगिरि

उत्तर: B) पारसनाथ
व्याख्या: पारसनाथ (1365 मीटर) छोटानागपुर पठार का सर्वोच्च शिखर है।

प्रश्न 9: दक्कन पठार की आकृति कैसी है?

A) वृत्ताकार
B) त्रिभुजाकार
C) चतुर्भुजाकार
D) अंडाकार

उत्तर: B) त्रिभुजाकार
व्याख्या: दक्कन पठार की आकृति त्रिभुजाकार है।

प्रश्न 10: कोलोराडो पठार किस देश में स्थित है?

A) कनाडा
B) मेक्सिको
C) अमेरिका
D) ब्राजील

उत्तर: C) अमेरिका
व्याख्या: कोलोराडो पठार अमेरिका में स्थित है और यहाँ ग्रांड कैन्यन है।

14. विस्तृत प्रश्न

प्रश्न 1: पठार की परिभाषा एवं विशेषताओं का वर्णन करें। (150 शब्द)

उत्तर:
पठार भूमि का वह रूप है जो समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित होता है और जिसका ऊपरी भाग अपेक्षाकृत समतल होता है। पठार की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं: (1) ऊंचाई - समुद्र तल से कम से कम 300 मीटर ऊंचाई (2) समतल ऊपरी सतह - टेबल जैसी आकृति (3) तीव्र ढाल वाले किनारे (4) व्यापक क्षेत्र में विस्तार। पठार का निर्माण विभिन्न भूगर्भीय प्रक्रियाओं से होता है जैसे ज्वालामुखी क्रिया, भू-उत्थान, अपरदन आदि। ये कठोर चट्टानों से निर्मित होते हैं और खनिज संपदा से भरपूर होते हैं। पठार मानव बसाव के लिए उपयुक्त होते हैं और कृषि, खनन, उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं। विश्व के लगभग 33% भाग पर पठार फैले हुए हैं।

प्रश्न 2: पठार के निर्माण की विभिन्न प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन करें। (200 शब्द)

उत्तर:
पठार का निर्माण चार मुख्य प्रक्रियाओं द्वारा होता है:

1. ज्वालामुखी क्रिया: जब ज्वालामुखी से निकला लावा व्यापक क्षेत्र में फैलकर जम जाता है तो ज्वालामुखी पठार बनता है। यह लावा कई परतों में जमा होकर समतल ऊपरी सतह बनाता है। उदाहरण - दक्कन पठार, कोलंबिया पठार।

2. भू-उत्थान (Tectonic): पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों के कारण जब भूमि का कोई भाग ऊपर उठ जाता है तो टेक्टॉनिक पठार बनता है। यह प्रक्रिया धीमी होती है। उदाहरण - तिब्बत पठार, बोलिविया पठार।

3. अपरदन: जब कमजोर चट्टानों का कटाव हो जाता है और कठोर चट्टानें बच जाती हैं तो अपरदनजनित पठार बनता है। नदियों, हवा, बर्फ द्वारा यह प्रक्रिया होती है। उदाहरण - छोटानागपुर पठार।

4. वलन: भूपर्पटी में मोड़ के कारण भी पठार बन सकते हैं। यह पर्वत निर्माण के साथ होता है। उदाहरण - अनातोलिया पठार।

प्रश्न 3: दक्कन पठार की भौगोलिक स्थिति, निर्माण एवं विशेषताओं का वर्णन करें। (250 शब्द)

उत्तर:
दक्कन पठार भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पठार है जो प्रायद्वीपीय भारत का मुख्य भाग है।

भौगोलिक स्थिति: यह त्रिभुजाकार पठार है जो महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में फैला है। इसकी सीमाएं - उत्तर में विंध्य पर्वत, दक्षिण में नीलगिरि, पूर्व में पूर्वी घाट, पश्चिम में पश्चिमी घाट से घिरी हैं। क्षेत्रफल 5 लाख वर्ग किमी और औसत ऊंचाई 600-900 मीटर है।

निर्माण: यह पठार 6-7 करोड़ साल पहले ज्वालामुखी विस्फोट से बना है। क्रेटेशियस काल में व्यापक ज्वालामुखी क्रिया से लावा की कई परतें जमा हुईं। यह विश्व का सबसे बड़ा लावा पठार है।

विशेषताएं: (1) बेसाल्ट चट्टानों से निर्मित (2) डेक्कन ट्रैप संरचना (3) काली ज्वालामुखी मिट्टी (4) पूर्व की ओर ढाल (5) गोदावरी, कृष्णा, कावेरी नदियों का उद्गम (6) कपास उत्पादन के लिए उत्तम (7) लौह अयस्क, मैंगनीज के भंडार। यह पठार कृषि और खनन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

प्रश्न 4: छोटानागपुर पठार की खनिज संपदा एवं औद्योगिक विकास का विस्तृत विवरण दें। (300 शब्द)

उत्तर:
छोटानागपुर पठार भारत का खनिज भंडार है और इसे "भारत का रूर" कहते हैं क्योंकि यहाँ भारी उद्योगों का केंद्रीकरण है।

भौगोलिक स्थिति: यह झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा में 65,000 वर्ग किमी में फैला है। औसत ऊंचाई 700 मीटर और सर्वोच्च शिखर पारसनाथ (1365 मीटर) है।

खनिज संपदा:
कोयला: झरिया, बोकारो, रामगढ़ में उच्च गुणवत्ता का कोकिंग कोल। भारत का 40% कोयला यहीं है।
लौह अयस्क: सिंहभूम में हेमेटाइट और मैग्नेटाइट। भारत का 25% लौह अयस्क।
तांबा: घाटशिला, मोसाबनी में भारत का 50% तांबा।
अभ्रक: कोडरमा, गिरिडीह में विश्व का सर्वोत्तम अभ्रक।
बॉक्साइट: लोहरदगा, गुमला में एल्युमिनियम के लिए।
अन्य: यूरेनियम (जादूगुड़ा), चूना पत्थर, डोलोमाइट।

औद्योगिक विकास:
इस्पात उद्योग: टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (जमशेदपुर), बोकारो स्टील प्लांट।
एल्युमिनियम: मुरी, हिंडाल्को।
तांबा उद्योग: घाटशिला में HCL।
सीमेंट: चकला, जपला।
उर्वरक: सिंद्री में भारत की पहली उर्वरक फैक्ट्री।
भारी मशीनें: रांची में HEC।

महत्व: यह पठार भारत के औद्योगिक विकास की रीढ़ है और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 15% योगदान देता है।

प्रश्न 5: विश्व के प्रमुख पठारों का तुलनात्मक अध्ययन करें। (250 शब्द)

उत्तर:
विश्व में कई महत्वपूर्ण पठार हैं जो अपनी-अपनी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध हैं:

1. तिब्बत पठार (एशिया):
• विश्व का सबसे ऊंचा (4500 मीटर) और बड़ा पठार (25 लाख वर्ग किमी)
• "विश्व की छत" कहलाता है
• हिमालय-कराकोरम से घिरा हुआ
• एशिया की प्रमुख नदियों का उद्गम

2. बोलिविया पठार (दक्षिण अमेरिका):
• अल्टीप्लानो के नाम से प्रसिद्ध
• औसत ऊंचाई 3600 मीटर
• एंडीज पर्वत के बीच स्थित
• तिटिकाका झील यहीं स्थित है

3. कोलोराडो पठार (उत्तरी अमेरिका):
• औसत ऊंचाई 2000 मीटर
• ग्रांड कैन्यन के लिए प्रसिद्ध
• कोलोराडो नदी का कटाव
• अपरदनजनित पठार का उदाहरण

4. अफ्रीकी पठार:
• औसत ऊंचाई 1000 मीटर
• सबसे प्राचीन पठार
• खनिज संपदा से भरपूर
• सवाना घास के मैदान

तुलना: ऊंचाई के आधार पर तिब्बत सर्वोच्च है, आकार में अफ्रीकी पठार सबसे बड़ा है, खनिज संपदा में अफ्रीकी और ब्राजील पठार समृद्ध हैं। सभी पठार अपने-अपने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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