RBSE Class 12 History Topper Answer Sheet 2024 – राजस्थान बोर्ड कक्षा 12 इतिहास टॉपर उत्तरपुस्तिका एवं विश्लेषण

| शनिवार, अक्टूबर 25, 2025
RBSE Class 12 इतिहास टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024 - संपूर्ण विश्लेषण

RBSE Class 12 इतिहास टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024 - संपूर्ण विश्लेषण एवं मार्गदर्शन

परीक्षा विवरण
परीक्षा उच्च माध्यमिक परीक्षा 2024
बोर्ड RBSE (राजस्थान बोर्ड)
विषय इतिहास (History)
कक्षा 12वीं (कला वर्ग)
परीक्षा तिथि 18 मार्च 2024
अनुक्रमांक 577715
रोल नंबर 2902617
कुल अंक 80
समय 3 घंटे 15 मिनट
पेपर कोड SS-13-Hist.

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की उच्च माध्यमिक परीक्षा 2024 में इतिहास विषय की यह टॉपर उत्तर पुस्तिका छात्रों के लिए एक आदर्श मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत है। यह लेख न केवल परीक्षा में पूछे गए सभी प्रश्नों के विस्तृत उत्तर प्रदान करता है, बल्कि एक अनुभवी शिक्षक के दृष्टिकोण से विद्यार्थी द्वारा दिए गए उत्तरों का गहन विश्लेषण भी प्रस्तुत करता है।

यह संसाधन विशेष रूप से उन छात्रों के लिए तैयार किया गया है जो RBSE Class 12 की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और उत्तर लेखन कला में सुधार करना चाहते हैं। इस लेख में प्रत्येक खंड के प्रश्नों का विस्तृत विवरण, आदर्श उत्तर, अंक विभाजन, और परीक्षा में सफलता के लिए महत्वपूर्ण सुझाव शामिल हैं।

परीक्षा पत्र का प्रारूप

RBSE Class 12 इतिहास का प्रश्न पत्र 80 अंकों का होता है और परीक्षार्थियों को 3 घंटे 15 मिनट का समय दिया जाता है। प्रारंभिक 15 मिनट प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए होते हैं। प्रश्न पत्र चार खण्डों में विभाजित है:

खण्ड प्रश्न प्रकार प्रश्नों की संख्या प्रत्येक प्रश्न के अंक कुल अंक
खण्ड अ वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) 18 (सभी अनिवार्य) 1 18
खण्ड ब अति लघूत्तरात्मक 10 (सभी अनिवार्य) 2 20
खण्ड स लघूत्तरात्मक 7 में से 5 4 20
खण्ड द निबंधात्मक/विश्लेषणात्मक 4 में से 2 11 22
कुल योग 80

📌 महत्वपूर्ण निर्देश

  • सभी प्रश्न हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यमों में उपलब्ध हैं
  • प्रश्न पत्र के ऊपर/अन्दर निर्धारित स्थान पर सही सूचना भरना अनिवार्य है
  • उत्तर पुस्तिका के पृष्ठों के बाईं ओर अंत में "समाप्त" लिखकर अंकित करें
  • प्रश्न-पत्र हल करने से पहले पूरा प्रश्न-पत्र पढ़ें
  • वस्तु, स्केल, ज्योमीटरी बॉक्स पर कुछ भी न लिखें

खण्ड अ - वस्तुनिष्ठ प्रश्न (18 अंक)

यह खण्ड बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) पर आधारित है। सभी 18 प्रश्न हल करना अनिवार्य है और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।

प्रश्न 1: राजस्थान की प्राचीन सभ्यता
प्रश्न 1: राजस्थान की विकसित सभ्यता थी:
(अ) राजस्थान
(ब) दो
(स) चीन
(द) सोतवाहन
✅ सही उत्तर: (अ) राजस्थान

विस्तृत व्याख्या:

राजस्थान में प्राचीन काल से ही एक समृद्ध सभ्यता का विकास हुआ था। कालीबंगा, आहड़, गणेश्वर जैसे पुरातात्विक स्थल हड़प्पा सभ्यता और ताम्र युगीन संस्कृति के महत्वपूर्ण केंद्र थे।

प्रश्न 2: ईस्ट इंडिया कंपनी
प्रश्न 2: ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत के व्यापार पर एकाधिकार कब मिला?
(अ) दिल्ली
(ब) 1336
(स) युनानियों के लिए
(द) 1793
✅ सही उत्तर: (ब) 1336

विस्तृत व्याख्या:

हालांकि यह उत्तर विद्यार्थी ने दिया है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से सही वर्ष 1600 है जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को महारानी एलिजाबेथ प्रथम द्वारा रॉयल चार्टर दिया गया। 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद कंपनी को भारत में राजनीतिक सत्ता मिली।

प्रश्न 3: जलियांवाला बाग हत्याकांड
प्रश्न 3: जलियांवाला बाग हत्याकांड कब हुआ था?
(अ) दिल्ली
(ब) 1793
(स) 11
(द) बी. आर. राव
✅ सही उत्तर: 13 अप्रैल 1919

विस्तृत व्याख्या:

जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे भारतीयों पर गोलीबारी की गई थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

प्रश्न 4-18: अन्य वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न संख्या विषय विद्यार्थी का उत्तर सही उत्तर
4 फ्रांसिस बर्नियर फ्रांस का यात्री
5 ईमानबेतुता इब्न बतूता की रचना
6 पीटर मुंडी अंग्रेज व्यापारी यात्री
7 माकी पैंचो इटली का यात्री
8 स्वर्ण फ्रांस बौद्ध संबंधित तथ्य
9 विजयनगर साम्राज्य - पाहलमुन गाँव
10 विजयनगर के शासक - प्रशासनिक संरचना
11 वस्त्र कला - भारतीय वस्त्र परंपरा
12 साहचर्य प्रशासन - मुगलकालीन प्रशासन
13 ऐन-ए-अकबरी - अबुल फजल की रचना
14 संविधान सभा - 11 दिसंबर 1946
15 संविधान सभा अध्यक्ष - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
16 भारत छोड़ो आंदोलन - 8 अगस्त 1942
17 साइमन कमीशन - 1927/1928
18 मानचित्र - भारत का मानचित्र

खण्ड ब - अति लघूत्तरात्मक प्रश्न (20 अंक)

इस खण्ड में 10 प्रश्न हैं और सभी का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है।

प्रश्न 1: रिक्त स्थान उत्तर
प्रश्न 1: रिक्त स्थान भरिए (कोई 2):
(i) सोली का स्तूप ______
(ii) अशोकवती का स्तूप ______
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

(i) सोली का स्तूप

(ii) अशोकवती का स्तूप

✅ आदर्श उत्तर:

(i) सांची का स्तूप - यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित बौद्ध स्थल है। यह महान सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाया गया था। सांची का महास्तूप (स्तूप संख्या 1) UNESCO विश्व धरोहर स्थल है।

(ii) अशोकवती का स्तूप - यह गौतम बुद्ध के जन्मस्थान लुम्बिनी से संबंधित है। सम्राट अशोक ने बुद्ध के जन्मस्थान पर एक स्तंभ स्थापित किया था।

प्रश्न 2: स्थान स्वीकृति
प्रश्न 2: नदी
दक्षिणपुर
बेहेम
केवल, कोमिनी, चीजल
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

नदी, दक्षिणपुर, बेहेम, केवल, कोमिनी, चीजल

✅ सही उत्तर:

यह प्रश्न विजयनगर साम्राज्य की प्रशासनिक इकाइयों से संबंधित है:

  • नदी - नाडु (क्षेत्रीय इकाई)
  • दक्षिणपुर - केंद्र, कोमिनी और चीजल के संबंध में स्थानीय नाम
  • विजयनगर प्रशासन में गाँवों को नाडु में विभाजित किया गया था
प्रश्न 3: इन्देबतुता
प्रश्न 3: इन्देबतुता ने बन्दराष्ट्रिक रूप पान का निश्चय कुछ इस प्रकार किया है - इन्देबतुता ने बंदिश है कि पान को वैसे ही चुन्नट देना चाहिए कि जैसी आवाज़ था, सोने का आवहात (सोनाल) अमाता था। निम्न से चांदी, से नीले सोने की, मुख रखकर में डाल में गीत चाहता। बाद सुन सोने कि बांडू का सोच कास्ट खात है।
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

विद्यार्थी ने इब्न बतूता के पान वर्णन का विवरण दिया है। उन्होंने समझाया कि पान को सुपारी और चूने के साथ मिलाकर खाया जाता है और इसका सामाजिक महत्व है।

✅ आदर्श उत्तर:

इब्न बतूता का पान वर्णन:

14वीं सदी के मोरक्को के यात्री इब्न बतूता ने अपनी रचना "रेहला" में भारतीय समाज और संस्कृति का विस्तृत विवरण दिया है। पान खाने की परंपरा के बारे में उन्होंने लिखा:

  • पान के पत्ते को सुपारी, चूना और कत्था के साथ तैयार किया जाता था
  • इसे सोने या चांदी के दान (पानदान) में रखा जाता था
  • पान खाना सामाजिक शिष्टाचार और सम्मान का प्रतीक था
  • राजदरबारों में पान परोसना आतिथ्य का महत्वपूर्ण हिस्सा था
  • पान खाने से मुँह लाल हो जाता था जो सौंदर्य का प्रतीक माना जाता था
प्रश्न 4: आति लघुत्तरात्मक
प्रश्न 4: हां, हम को शकते हैं कि नेडुवानाइओं को गु-मुई चेरो के साथ भी पालक्ये या जैसे अमारेथ, पोनरानी या दृढ़, दागमान से चांदी से न्यायकार बार भी सिंछ कर्मा से नौधज़ाई हो। अतः इन्देबतुता ने पान को भारत की संपन्न अखी मे सुंदर वर्णन। अच्छा मे सुधर वर्णन बनाया था।
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

विद्यार्थी ने समझाया कि इब्न बतूता ने भारत की संपन्नता और सामाजिक रीति-रिवाजों का सुंदर वर्णन किया है।

✅ विस्तृत विश्लेषण:

इब्न बतूता (1304-1368) मोरक्को का प्रसिद्ध यात्री था जो 1333 में मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में भारत आया। उसके यात्रा विवरण "रिहला" या "किताब-उल-रिहला" से हमें 14वीं सदी के भारत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है:

  • सामाजिक जीवन: पान खाने की परंपरा, भोजन व्यवस्था, वस्त्र-आभूषण
  • आर्थिक स्थिति: व्यापार, कृषि, शिल्पकला का विवरण
  • राजनीतिक व्यवस्था: दिल्ली सल्तनत का प्रशासन
  • धार्मिक जीवन: विभिन्न धर्मों के प्रति सहिष्णुता
प्रश्न 5-10: शेष अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न विषय मुख्य बिंदु
5 दो स्तूप भिन्नविधियाँ सांची का स्तूप (i) सोली का स्तूप (ii) अशोकवती का स्तूप
6 चिट्टी सिलसिला की निम्नलिखित विशेषताओं में उन्हें लोकप्रिय बनाया • चिश्ती सिलसिला एक सूफी संत परंपरा
• ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेर में
• भक्ति और प्रेम पर जोर
7 बौद्ध धर्म की प्रमुख शिक्षाएँ • चार आर्य सत्य
• अष्टांगिक मार्ग
• अहिंसा और करुणा
8 सोशलबाद औऱ देश' मोजर से आप क्या समझते हैं • "श्रीलंका" स्त्रोतधान से हमारा अभिप्राय
• विवाह के सामग्र सिलसिले पर आए जो समाजिक
• विश्वास केबारेमे जानकारी प्राप्त
9 जौहर कौड़ी जानकारी प्राप्त हेतु निम्नलिखित स्रोतों के नाम (i) पाहलीमुझ (ii) तश्ञीक्वा विजयनगर साम्राज्य से संबंधित ऐतिहासिक स्रोत
10 विजयनगर साम्राज्य के दो राजनीतिक केन्द्रों के नाम (i) पाहलीमुझ (ii) तश्ञीक्वा • हम्पी (विजयनगर की राजधानी)
• अन्य प्रशासनिक केंद्र

खण्ड स - लघूत्तरात्मक प्रश्न (20 अंक)

इस खण्ड में 7 प्रश्न दिए गए हैं जिनमें से केवल 5 का उत्तर देना है। प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है।

प्रश्न 3(अ): सिंधु सभ्यता की अर्थ कुछ रूप
प्रश्न 3(अ): सिंधु सभ्यता की अर्थ कुछ रूप: प्रकाश डुआ —
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

सिंधु सभ्यता की अंतिम रूप में कुछ इस प्रकार हुआ:

  • प्राकृतिक आपदाओं के कारण
  • बड़े बड़े बांध बनने के कारण सिंधु नदी का मुड़ जाना
  • बाढ़ के कारण
  • नदी का सुख जाना
✅ आदर्श उत्तर: सिंधु सभ्यता का पतन - कारण और प्रक्रिया

सिंधु घाटी सभ्यता (2500-1900 ईसा पूर्व) के पतन के बारे में इतिहासकारों ने विभिन्न सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं:

1. प्राकृतिक आपदाएँ (2 अंक)

  • जलवायु परिवर्तन: वर्षा की कमी और सूखे की स्थिति
  • नदी मार्ग परिवर्तन: सिंधु और सरस्वती नदियों का मार्ग बदलना
  • भूकंप: टेक्टोनिक गतिविधियों से विनाश
  • बाढ़: बार-बार आने वाली विनाशकारी बाढ़ें

2. पर्यावरणीय कारक (1 अंक)

  • वनों की अंधाधुंध कटाई से मिट्टी का कटाव
  • लवणीकरण से कृषि भूमि का बंजर होना
  • सरस्वती नदी का सूख जाना

3. आर्थिक पतन (0.5 अंक)

  • व्यापारिक मार्गों का बंद होना
  • आर्थिक संसाधनों की कमी

4. आक्रमण सिद्धांत (0.5 अंक)
  • कुछ विद्वान आर्य आक्रमण को कारण मानते हैं
  • हालांकि यह सिद्धांत अब विवादास्पद है

📊 शिक्षक का विश्लेषण:

प्राप्त अंक: 3/4

सकारात्मक पहलू:

  • ✅ मुख्य कारणों को सही ढंग से पहचाना
  • ✅ प्राकृतिक आपदाओं पर अच्छा फोकस
  • ✅ नदी संबंधी कारणों का उल्लेख

सुधार की आवश्यकता:

  • ❌ पर्यावरणीय कारकों का विस्तृत विवरण नहीं
  • ❌ आर्थिक पतन का उल्लेख नहीं
  • ❌ विभिन्न सिद्धांतों की तुलना नहीं
प्रश्न 3(ब): सांझी और बौद्ध दर्शन का महत्व
प्रश्न 3(ब): सांझी, मौर्री के प्रवेश द्वार को तीजई [?]
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

विद्यार्थी ने इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया।

✅ आदर्श उत्तर: सांची स्तूप और उसकी स्थापत्य विशेषताएं

1. सांची स्तूप का परिचय (1 अंक)

सांची का महास्तूप (स्तूप संख्या 1) भारत की सबसे प्राचीन पाषाण संरचनाओं में से एक है। यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है और सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाया गया था।

2. तोरणद्वार की विशेषताएं (2 अंक)

सांची स्तूप के चार तोरणद्वार:

  • पूर्वी तोरण: गौतम बुद्ध के जीवन की घटनाओं से सुसज्जित
  • पश्चिमी तोरण: सात बुद्धों की कथाएं
  • उत्तरी तोरण: बुद्ध के चमत्कारों का चित्रण
  • दक्षिणी तोरण: अशोक की बुद्ध के प्रति श्रद्धा

3. कलात्मक महत्व (1 अंक)

  • उत्कृष्ट मूर्तिकला और नक्काशी
  • जातक कथाओं का दृश्य प्रस्तुतीकरण
  • बुद्ध को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया गया (पदचिह्न, बोधिवृक्ष, धर्मचक्र)
  • यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियां लोक कला का प्रतीक
प्रश्न 6: बौद्ध धर्म की प्रमुख शिक्षाएं
प्रश्न 6: बौद्ध धर्म की प्रमुख शिक्षाएं
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

दो स्तूप भिन्न विधियों हैं:

  1. सोली का स्तूप
  2. अशोकवती का स्तूप
✅ आदर्श उत्तर: बौद्ध धर्म की मूल शिक्षाएं

1. चार आर्य सत्य (1.5 अंक)

गौतम बुद्ध की शिक्षाओं का आधार:

  • दुःख: जीवन दुःखमय है
  • समुदय: दुःख का कारण तृष्णा (इच्छा) है
  • निरोध: तृष्णा के नाश से दुःख का अंत संभव है
  • मार्ग: अष्टांगिक मार्ग दुःख निवारण का साधन है

2. अष्टांगिक मार्ग (1.5 अंक)

  • सम्यक दृष्टि: सही दृष्टिकोण
  • सम्यक संकल्प: सही विचार
  • सम्यक वाक्: सही बोलना
  • सम्यक कर्मान्त: सही कर्म
  • सम्यक आजीव: सही जीविका
  • सम्यक व्यायाम: सही प्रयास
  • सम्यक स्मृति: सही स्मरण
  • सम्यक समाधि: सही ध्यान

3. अन्य प्रमुख शिक्षाएं (1 अंक)

  • अहिंसा: किसी भी प्राणी को न मारना
  • करुणा: सभी प्राणियों के प्रति दया
  • मध्यम मार्ग: अति से बचना
  • अनिश्वरवाद: ईश्वर की अवधारणा को नकारना
  • कर्मवाद: कर्म के फल में विश्वास
प्रश्न 7: भारत छोड़ो आंदोलन सही मायने में एक जन आंदोलन था
प्रश्न 7: भारत छोड़ो आंदोलन सही मायने में एक जन आंदोलन था - व्याख्या करो।
✅ आदर्श उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) - एक जन आंदोलन

1. आंदोलन की पृष्ठभूमि (1 अंक)

  • तिथि: 8 अगस्त 1942
  • स्थान: मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक
  • नारा: "करो या मरो" (महात्मा गांधी)
  • कारण: द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश नीतियों से असंतोष

2. जन आंदोलन के प्रमाण (2 अंक)

  • व्यापक भागीदारी: छात्र, किसान, मजदूर, महिलाएं - सभी वर्गों ने हिस्सा लिया
  • स्वतःस्फूर्त विद्रोह: नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भी आंदोलन जारी रहा
  • ग्रामीण भागीदारी: हजारों गांवों में समानांतर सरकारें स्थापित
  • युवा नेतृत्व: जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया जैसे युवा नेताओं का उभार
  • महिला भागीदारी: अरुणा आसफ अली, सुचेता कृपलानी का महत्वपूर्ण योगदान

3. आंदोलन की विशेषताएं (1 अंक)

  • रेलवे स्टेशनों, डाकघरों, पुलिस थानों पर हमले
  • संचार व्यवस्था को ठप करना
  • ब्रिटिश प्रतीकों को नष्ट करना
  • गांधीजी की गिरफ्तारी के विरोध में हड़तालें

खण्ड द - निबंधात्मक/विश्लेषणात्मक प्रश्न (22 अंक)

इस खण्ड में 4 प्रश्न दिए गए हैं जिनमें से केवल 2 का उत्तर देना है। प्रत्येक प्रश्न 11 अंक का है।

प्रश्न 20: अलवार और नयनार संतों के विचार
प्रश्न 20: मेरे अनुसार, अलवार और नयनार संतों ने भिन्न विचारों से लोगों को प्रभावित किया था।
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

विद्यार्थी ने इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया।

✅ आदर्श उत्तर: अलवार और नयनार संतों का भक्ति आंदोलन

1. परिचय (1 अंक)

छठी से नौवीं शताब्दी के बीच दक्षिण भारत में भक्ति आंदोलन का उदय हुआ। अलवार वैष्णव संत थे जो विष्णु की भक्ति करते थे, जबकि नयनार शैव संत थे जो शिव की आराधना करते थे।

2. अलवारों के विचार और योगदान (4 अंक)

संख्या: 12 प्रमुख अलवार संत

प्रमुख विशेषताएं:

  • भक्ति मार्ग: कर्मकांड के स्थान पर प्रेम और भक्ति पर जोर
  • समानता: जाति-पांति का विरोध, सभी वर्गों को भक्ति का अधिकार
  • तमिल साहित्य: तमिल भाषा में भक्ति काव्य की रचना
  • व्यक्तिगत संबंध: ईश्वर के साथ प्रत्यक्ष संबंध की अवधारणा

प्रमुख अलवार संत:

  • आंडाल: एकमात्र महिला अलवार, "तिरुप्पावै" की रचयिता
  • नम्माल्वार: सबसे महत्वपूर्ण अलवार, "तिरुवायमोली" की रचना
  • पेरियाल्वार और तिरुमंगई आल्वार: अन्य प्रमुख संत

साहित्यिक योगदान:

  • "नालयिर दिव्य प्रबंधम" (चार हजार पवित्र रचनाएं)
  • तमिल वेद के रूप में मान्यता

3. नयनारों के विचार और योगदान (4 अंक)

संख्या: 63 प्रमुख नयनार संत

प्रमुख विशेषताएं:

  • शिव भक्ति: शिव के प्रति अटूट समर्पण
  • सामाजिक समानता: ब्राह्मणवादी व्यवस्था की आलोचना
  • बौद्ध-जैन विरोध: इन धर्मों के प्रभाव को कम करने का प्रयास
  • लोक भाषा: तमिल में भक्ति गीतों की रचना

प्रमुख नयनार संत:

  • अप्पर: "तेवारम" के रचयिता
  • सुंदरमूर्ति: शिव के व्यक्तिगत मित्र के रूप में प्रसिद्ध
  • ज्ञानसंबंदर: बौद्ध धर्म के विरोध में सक्रिय
  • मणिक्कवासगर: "तिरुवासगम" की रचना

4. समाज पर प्रभाव (1.5 अंक)

  • धार्मिक सुधार: कर्मकांड के स्थान पर भक्ति को महत्व
  • सामाजिक परिवर्तन: जाति व्यवस्था में लचीलापन
  • भाषा का विकास: तमिल साहित्य का स्वर्ण युग
  • मंदिर संस्कृति: मंदिरों का सामाजिक-सांस्कृतिक केंद्र बनना
  • उत्तर भारत पर प्रभाव: बाद में उत्तर भारतीय भक्ति आंदोलन को प्रेरणा

5. निष्कर्ष (0.5 अंक)

अलवार और नयनार संतों ने भारतीय धार्मिक और सामाजिक परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया। उनकी शिक्षाओं ने जाति-आधारित भेदभाव को चुनौती दी और भक्ति को सर्वसुलभ बनाया।

प्रश्न 21: भारत छोड़ो आंदोलन सही मायने में एक जन आंदोलन था
प्रश्न 21: "भारत छोड़ो आंदोलन सही मायने में एक जन आंदोलन था।" इस कथन की पुष्टि करो।
🎓 विद्यार्थी का उत्तर:

विद्यार्थी ने विस्तृत उत्तर दिया है जिसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:

  • भारत छोड़ो आंदोलन सही मायने से एक जन आंदोलन था
  • भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 से गांधी द्वारा शुरू किया गया था
  • इस आंदोलन से गांधी ने बुराई के खिलाफ लड़ने के लिए गांधी की समाज करने के लिए समर्थ भारत में विरोध प्रदर्शन लादाया और कह समर्थन भारत जनता को रोकाने के लिए आंदोलन किया था
  • यह आंदोलन 11 मई 1857 से शुरू हुआ था
  • इस आंदोलन में गांधी ने बुराई के खिलाफ लड़ने की योजना आयोजित की थी
  • भारत छोड़ो आंदोलन से गांधी ने समाज भारत का खातमा किया
  • इस आंदोलन में पढ़ाई कर रहा समुदाय भी शामिल थे जैसे कि राम-जी ईहलेम
  • भारत छोड़ो आंदोलन से गांधी ने अपना सारे काम अभियंत क्रियक्रम इसरा आंदोलन ने भामिछु हो
  • भारत छोड़ो आंदोलन से विद्यार्थी बड़ी संख्या में आकृषित हुए
  • लोगों ने अपने काम अधिकार, भासकारी, काम, रेलू हड़ताई अभियंत रेल का बेड आऊत, अपने पुष्पी काम को डुष्कर उहदोने की चिराड बड़ी माफ में गाह-लोगड़ो हीं थी एक एस उहदोलो की दैस को चुऔर में रहा जाता है विसोटे श्रिक्कार से कोई बास मिणुकाजिक
✅ आदर्श उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन - एक संपूर्ण जन आंदोलन (11 अंक)

1. आंदोलन की पृष्ठभूमि और आरंभ (2 अंक)

ऐतिहासिक संदर्भ:

  • तिथि: 8-9 अगस्त 1942 (रात को गांधीजी और कांग्रेस के शीर्ष नेता गिरफ्तार)
  • स्थान: मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान (अब अगस्त क्रांति मैदान)
  • नारा: "करो या मरो" (Do or Die) - महात्मा गांधी
  • प्रस्ताव: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा "भारत छोड़ो प्रस्ताव" पारित

आंदोलन के कारण:

  • द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत को बिना सहमति के शामिल करना
  • क्रिप्स मिशन (1942) की असफलता
  • ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियां
  • तत्काल स्वतंत्रता की मांग

2. जन आंदोलन के प्रमाण - व्यापक भागीदारी (3 अंक)

(क) सभी वर्गों की भागीदारी:

  • छात्र वर्ग: विद्यालयों और कॉलेजों से बड़े पैमाने पर छात्रों ने हड़ताल की
  • महिलाएं: अरुणा आसफ अली ने गोवालिया टैंक में तिरंगा फहराया, सुचेता कृपलानी, उषा मेहता (गुप्त रेडियो संचालन)
  • किसान: ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक विद्रोह, जमींदारों के खिलाफ आंदोलन
  • मजदूर: कारखानों और रेलवे में हड़तालें
  • व्यापारी वर्ग: आर्थिक सहयोग और बहिष्कार

(ब) भौगोलिक व्यापकता:

  • शहरी क्षेत्र: मुंबई, दिल्ली, कलकत्ता, मद्रास में प्रदर्शन
  • ग्रामीण क्षेत्र: बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल के हजारों गांवों में सक्रिय भागीदारी
  • समानांतर सरकारें: बलिया (यूपी), सतारा (महाराष्ट्र), मेदिनीपुर (बंगाल) में स्थापित

3. स्वतःस्फूर्त और विकेन्द्रित नेतृत्व (2 अंक)

नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भी आंदोलन जारी:

  • 9 अगस्त को गांधीजी सहित सभी शीर्ष नेता गिरफ्तार
  • आंदोलन स्थानीय और युवा नेतृत्व में जारी रहा
  • प्रमुख युवा नेता: जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, अच्युत पटवर्धन

स्थानीय नेतृत्व:

  • बिहार: जयप्रकाश नारायण ने हजारीबाग जेल से भागकर आंदोलन का नेतृत्व किया
  • महाराष्ट्र: सतारा में "प्रति सरकार" की स्थापना
  • बंगाल: मेदिनीपुर में ताम्रलिप्त जातीय सरकार
  • उत्तर प्रदेश: बलिया में चित्तू पांडे के नेतृत्व में "आजाद दस्ता"

4. आंदोलन की विशेषताएं और कार्यवाही (2 अंक)

हिंसक और अहिंसक दोनों रूप:

  • अहिंसक प्रतिरोध: धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, सत्याग्रह
  • तोड़फोड़: रेलवे लाइनों को काटना, टेलीग्राफ तारों को नष्ट करना
  • सरकारी संपत्ति पर हमले: पुलिस थानों, डाकघरों, रेलवे स्टेशनों पर आक्रमण
  • समानांतर प्रशासन: कुछ क्षेत्रों में वैकल्पिक सरकारें

सांस्कृतिक प्रतिरोध:

  • गुप्त रेडियो स्टेशन का संचालन (उषा मेहता द्वारा)
  • भूमिगत पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन
  • देशभक्ति गीतों और नाटकों के माध्यम से जागरूकता

5. ब्रिटिश दमन और जन प्रतिक्रिया (1 अंक)

सरकारी दमन:

  • लगभग 1,00,000 लोग गिरफ्तार
  • हजारों लोग मारे गए (अनुमानित 10,000)
  • गांवों में सामूहिक दंड और जुर्माने
  • हवाई बमबारी (कुछ क्षेत्रों में)

जनता की दृढ़ता:

  • दमन के बावजूद आंदोलन 1944 तक जारी रहा
  • जेलों में अत्याचार सहते हुए भी संघर्ष जारी
  • राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता की भावना प्रबल

6. आंदोलन का महत्व और प्रभाव (0.5 अंक)

  • मनोवैज्ञानिक प्रभाव: ब्रिटिश शासन की नींव हिल गई
  • अंतर्राष्ट्रीय दबाव: विश्व समुदाय में भारत की स्वतंत्रता के प्रति सहानुभूति
  • स्वतंत्रता की राह: 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त
  • राष्ट्रीय चेतना: भारतीय जनमानस में राष्ट्रवाद की गहरी जड़ें

7. निष्कर्ष (0.5 अंक)

भारत छोड़ो आंदोलन वास्तव में एक जन आंदोलन था क्योंकि इसमें समाज के सभी वर्गों - छात्रों, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, व्यापारियों - ने स्वतःस्फूर्त भागीदारी की। यह आंदोलन केवल नेताओं के नेतृत्व तक सीमित नहीं था, बल्कि जनता ने स्वयं इसे आगे बढ़ाया। विभिन्न क्षेत्रों में समानांतर सरकारों की स्थापना, व्यापक हड़तालें, और दमन के बावजूद संघर्ष की निरंतरता इस बात का प्रमाण है कि यह एक सच्चा जन आंदोलन था।

📊 शिक्षक का विश्लेषण:

संभावित अंक: 7-8/11

सकारात्मक पहलू:

  • ✅ आंदोलन की मूल अवधारणा को समझा है
  • ✅ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किए हैं
  • ✅ गांधीजी के योगदान का उल्लेख

सुधार की आवश्यकता:

  • ❌ तिथि में त्रुटि (1857 का उल्लेख गलत है)
  • ❌ विस्तृत विवरण की कमी
  • ❌ प्रमुख नेताओं के नाम नहीं
  • ❌ आंदोलन के प्रभाव का विस्तृत विवरण नहीं
  • ❌ भाषा और व्याकरण में त्रुटियां
  • ❌ संरचित उत्तर लेखन की कमी

शिक्षक का समग्र विश्लेषण

📊 उत्तर पुस्तिका का व्यापक मूल्यांकन

1. सकारात्मक पहलू (Strengths)

✅ प्रयास और समर्पण:

  • विद्यार्थी ने अधिकांश प्रश्नों को हल करने का प्रयास किया है
  • समय प्रबंधन अच्छा प्रतीत होता है
  • सभी खण्डों में प्रयास दिखाई देता है

✅ ज्ञान का आधार:

  • मूल ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी है
  • महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में सामान्य जागरूकता
  • कुछ प्रश्नों में अच्छी समझ प्रदर्शित की है

2. सुधार की आवश्यकता (Areas for Improvement)

❌ तथ्यात्मक त्रुटियां:

  • कुछ महत्वपूर्ण तिथियों और घटनाओं में गलतियां
  • ऐतिहासिक तथ्यों में भ्रम (जैसे 1857 और 1942 की घटनाओं में)
  • वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में कुछ गलत उत्तर

❌ उत्तर लेखन कौशल:

  • संरचित उत्तर लेखन की कमी
  • प्रस्तावना-विषय वस्तु-निष्कर्ष का सही प्रारूप नहीं
  • बिंदुवार लेखन में असंगति
  • विस्तृत विवरण की कमी (विशेषकर निबंधात्मक प्रश्नों में)

❌ भाषा और प्रस्तुति:

  • हस्तलेखन में स्पष्टता की कमी (कुछ स्थानों पर)
  • व्याकरण और वर्तनी की त्रुटियां
  • वाक्य संरचना में सुधार की आवश्यकता
  • तकनीकी शब्दावली का सही उपयोग नहीं

❌ विषय-वस्तु की गहराई:

  • सतही उत्तर, गहन विश्लेषण की कमी
  • महत्वपूर्ण पहलुओं को छोड़ देना
  • कारण-प्रभाव संबंध स्पष्ट नहीं
  • ऐतिहासिक संदर्भ का अभाव

3. अनुमानित अंक विभाजन

खण्ड अधिकतम अंक अनुमानित प्राप्तांक प्रतिशत
खण्ड अ (वस्तुनिष्ठ) 18 12-14 67-78%
खण्ड ब (अति लघूत्तरात्मक) 20 14-16 70-80%
खण्ड स (लघूत्तरात्मक) 20 12-15 60-75%
खण्ड द (निबंधात्मक) 22 14-16 64-73%
कुल 80 52-61 65-76%

4. शिक्षक की सिफारिशें

तत्काल सुधार के लिए:

  • 📚 NCERT पाठ्यपुस्तकों का गहन अध्ययन
  • 📝 नियमित उत्तर लेखन अभ्यास
  • 📖 महत्वपूर्ण तिथियों और घटनाओं की सूची तैयार करें
  • ✍️ भाषा और व्याकरण पर विशेष ध्यान
  • 🎯 पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास

दीर्घकालिक विकास के लिए:

  • विषय की गहरी समझ के लिए संदर्भ पुस्तकें पढ़ें
  • ऐतिहासिक स्थलों/संग्रहालयों का भ्रमण
  • समूह चर्चा और प्रस्तुतीकरण में भाग लें
  • शिक्षक से नियमित मार्गदर्शन लें

विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सीखने के बिंदु

📚 सफलता के मूल मंत्र

1. विषय-वस्तु की तैयारी

पाठ्यक्रम की समझ:

  • प्राचीन भारत: सिंधु सभ्यता, वैदिक काल, बौद्ध धर्म, मौर्य साम्राज्य
  • मध्यकालीन भारत: दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य, भक्ति आंदोलन, विजयनगर साम्राज्य
  • आधुनिक भारत: औपनिवेशिक काल, स्वतंत्रता संग्राम, संविधान निर्माण

महत्वपूर्ण विषय:

  • स्थापत्य कला: स्तूप, मंदिर, मस्जिद, किले
  • धार्मिक आंदोलन: भक्ति, सूफी परंपरा
  • राष्ट्रीय आंदोलन: असहयोग, सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो
  • प्रशासनिक व्यवस्था: मुगल, ब्रिटिश

2. उत्तर लेखन की रणनीति

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (18 अंक):

  • ⏰ समय: 15-20 मिनट
  • 📌 सभी प्रश्न हल करें, अनुमान लगाएं यदि निश्चित नहीं हैं
  • ✔️ पहले निश्चित उत्तरों को चिह्नित करें, फिर कठिन प्रश्नों पर वापस आएं
  • 🎯 NCERT के तथ्यों पर मजबूत पकड़ रखें

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न (20 अंक):

  • ⏰ समय: 30-40 मिनट
  • 📏 लंबाई: 2-3 वाक्य या 30-40 शब्द
  • ✍️ प्रत्येक उत्तर में 2 मुख्य बिंदु अवश्य शामिल करें
  • 💡 सीधे और स्पष्ट उत्तर दें

लघूत्तरात्मक प्रश्न (20 अंक):

  • ⏰ समय: 50-60 मिनट (5 प्रश्न)
  • 📏 लंबाई: 80-100 शब्द प्रति प्रश्न
  • 📝 संरचना: परिचय (0.5 अंक) + मुख्य विषय (3 अंक) + निष्कर्ष (0.5 अंक)
  • 🎯 4-5 महत्वपूर्ण बिंदु शामिल करें
  • ✨ उदाहरण और तिथियां जोड़ें

निबंधात्मक प्रश्न (22 अंक):

  • ⏰ समय: 70-80 मिनट (2 प्रश्न)
  • 📏 लंबाई: 250-300 शब्द प्रति प्रश्न
  • 📝 संरचना:
    • प्रस्तावना (1 अंक): विषय का परिचय
    • मुख्य विषय-वस्तु (8-9 अंक): 5-7 उप-शीर्षकों में विभाजित
    • निष्कर्ष (1 अंक): संक्षिप्त सारांश
  • 💡 प्रत्येक उप-शीर्षक में 3-4 बिंदु
  • 📊 तथ्य, आंकड़े, उदाहरण अवश्य दें

3. समय प्रबंधन

खण्ड समय आवंटन रणनीति
प्रश्न पत्र पढ़ना 15 मिनट सभी प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़ें, विकल्प चुनें
खण्ड अ 15-20 मिनट तुरंत उत्तर दें, समय बर्बाद न करें
खण्ड ब 30-40 मिनट संक्षिप्त और स्पष्ट उत्तर
खण्ड स 50-60 मिनट 5 सर्वश्रेष्ठ प्रश्न चुनें, बिंदुवार लिखें
खण्ड द 70-80 मिनट विस्तृत और संरचित उत्तर
पुनरीक्षण 10-15 मिनट त्रुटियां सुधारें, छूटे प्रश्न जांचें

4. प्रस्तुति और लेखन

  • ✍️ हस्तलेखन: स्पष्ट और पठनीय लिखें
  • 📐 मार्जिन: दोनों तरफ उचित मार्जिन छोड़ें
  • 🖊️ कलम: नीली या काली स्याही का उपयोग करें
  • 📑 पैराग्राफ: प्रत्येक नए बिंदु के लिए नया पैराग्राफ
  • 🔤 शीर्षक: महत्वपूर्ण शब्दों को रेखांकित करें
  • 📊 चार्ट/तालिका: जहां संभव हो, डायग्राम बनाएं
  • 🎨 सफाई: काटे गए शब्दों को साफ-सुथरा तरीके से काटें

5. महत्वपूर्ण स्मरणीय बिंदु

तिथियां और घटनाएं:

  • 1857 - प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
  • 1885 - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
  • 1905 - बंगाल विभाजन
  • 1919 - जलियांवाला बाग हत्याकांड
  • 1920-22 - असहयोग आंदोलन
  • 1930 - सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी मार्च
  • 1942 - भारत छोड़ो आंदोलन
  • 1947 - भारत की स्वतंत्रता
  • 1950 - संविधान लागू

महत्वपूर्ण व्यक्तित्व:

  • महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस
  • भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सरदार पटेल
  • डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. बी.आर. आंबेडकर
  • अबुल फजल, इब्न बतूता, फ्रांसिस बर्नियर (विदेशी यात्री)

परीक्षा में सफलता के लिए विशेष सुझाव

🎯 टॉपर्स की रणनीतियां

1. तैयारी के चरण

प्रथम चरण (6 महीने पहले):

  • 📖 NCERT पाठ्यपुस्तकों का पूर्ण अध्ययन
  • 📝 प्रत्येक अध्याय के संक्षिप्त नोट्स तैयार करें
  • 🗺️ मानचित्र और चित्रों का अभ्यास
  • 📚 संदर्भ पुस्तकों से अतिरिक्त जानकारी

द्वितीय चरण (3 महीने पहले):

  • 📋 विषयवार नोट्स तैयार करें
  • 🔄 पिछले 5 वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें
  • ✍️ उत्तर लेखन अभ्यास शुरू करें
  • 👥 समूह अध्ययन और चर्चा

तृतीय चरण (1 महीना पहले):

  • 🔁 पूर्ण पाठ्यक्रम का रिवीजन
  • ⏱️ समय-बद्ध मॉक टेस्ट (प्रति सप्ताह 2-3)
  • 📊 कमजोर क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
  • 📝 महत्वपूर्ण तिथियां और तथ्यों की सूची

अंतिम सप्ताह:

  • 🔖 केवल नोट्स और महत्वपूर्ण बिंदुओं का रिवीजन
  • 😌 तनाव मुक्त रहें, पर्याप्त नींद लें
  • 🧘 ध्यान और योग से मन को शांत रखें
  • ✅ परीक्षा सामग्री की जांच

2. परीक्षा हॉल में

प्रथम 15 मिनट (रीडिंग टाइम):

  • 📄 पूरा प्रश्न पत्र ध्यानपूर्वक पढ़ें
  • ✅ अनिवार्य और वैकल्पिक प्रश्नों को चिह्नित करें
  • 🎯 जिन प्रश्नों के उत्तर आप सबसे अच्छा जानते हैं, उन्हें चुनें
  • 📊 समय विभाजन की योजना बनाएं

लेखन के दौरान:

  • 🏃 आसान प्रश्नों से शुरुआत करें (आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए)
  • ⏰ प्रत्येक प्रश्न के लिए निर्धारित समय का पालन करें
  • 📝 प्रश्न संख्या स्पष्ट रूप से लिखें
  • 🎨 डायग्राम और मानचित्र बनाएं (जहां आवश्यक हो)
  • ✍️ सुपाठ्य लिखावट बनाए रखें

अंतिम 15 मिनट:

  • 🔍 सभी उत्तरों की समीक्षा करें
  • ✏️ व्याकरण और वर्तनी की त्रुटियां सुधारें
  • ✅ कोई प्रश्न छूटा तो नहीं, जांच लें
  • 📌 महत्वपूर्ण बिंदुओं को रेखांकित करें

3. सामान्य गलतियों से बचें

❌ न करें:

  • किसी एक प्रश्न पर अत्यधिक समय खर्च करना
  • अस्पष्ट या गंदा लिखना
  • प्रश्न के निर्देशों को अनदेखा करना
  • अनावश्यक या असंबंधित जानकारी लिखना
  • पहले पूछे गए प्रश्न का उत्तर फिर से देना
  • तथ्यों में अनिश्चित होकर गलत जानकारी देना
  • निष्कर्ष के बिना उत्तर समाप्त करना

✅ अवश्य करें:

  • प्रश्न को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें
  • संक्षिप्त रूपरेखा तैयार करें (मन में या कागज के किनारे)
  • बिंदुवार और व्यवस्थित उत्तर लिखें
  • उदाहरण, तिथियां और आंकड़े शामिल करें
  • प्रस्तावना और निष्कर्ष अवश्य दें
  • महत्वपूर्ण शब्दों को रेखांकित करें
  • समय प्रबंधन का सख्ती से पालन करें

संदर्भ एवं बाहरी कड़ियाँ

निष्कर्ष

यह RBSE Class 12 इतिहास टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024 का संपूर्ण विश्लेषण विद्यार्थियों के लिए एक अमूल्य संसाधन है। इस लेख में प्रस्तुत सभी प्रश्नों के विस्तृत उत्तर, शिक्षक का विश्लेषण, और परीक्षा रणनीतियां न केवल आपको परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में मदद करेंगी, बल्कि इतिहास विषय की गहन समझ भी प्रदान करेंगी।

याद रखें कि सफलता के लिए केवल तथ्यों को याद करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें समझना, विश्लेषण करना और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना आवश्यक है। नियमित अभ्यास, व्यवस्थित अध्ययन, और सही मार्गदर्शन के साथ आप निश्चित रूप से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

शुभकामनाएं! आपकी परीक्षा तैयारी सफल हो। 📚✨


संदर्भ: यह लेख RBSE की आधिकारिक उत्तर पुस्तिका (2024) और NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित है। सभी तथ्य और जानकारी शैक्षिक उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत की गई हैं।

अस्वीकरण: यह एक स्वतंत्र शैक्षिक विश्लेषण है और इसका RBSE से कोई आधिकारिक संबंध नहीं है। अंकों का आकलन अनुमानित है।

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