📜 भारतीय संविधान: भाग V और संघीय कार्यपालिका (Union Executive) 📜
(UPSC, SSC, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए विस्तृत और शोधपूर्ण आलेख)
🔷 प्रस्तावना
भारतीय संविधान का भाग V (Part V) संघ (Union) की कार्यपालिका (Executive) से संबंधित प्रावधानों को परिभाषित करता है।
- इस भाग में राष्ट्रपति (President), उपराष्ट्रपति (Vice President), प्रधानमंत्री (Prime Minister), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers), और अटॉर्नी जनरल (Attorney General) की शक्तियों और कार्यों का वर्णन किया गया है।
- यह भाग संविधान के अनुच्छेद 52 से 78 (Articles 52-78) तक फैला हुआ है।
- इसका उद्देश्य केंद्र सरकार की प्रशासनिक संरचना को स्पष्ट करना और शक्तियों के वितरण को सुनिश्चित करना है।
इस आलेख में हम संघीय कार्यपालिका के विभिन्न प्रावधानों, न्यायिक व्याख्या, ऐतिहासिक फैसलों, और प्रभावों का विश्लेषण करेंगे।
🔷 1. भारतीय संघ की कार्यपालिका की संरचना
📌 संघीय कार्यपालिका निम्नलिखित पदों और संस्थाओं से मिलकर बनी होती है:
✅ 1️⃣ राष्ट्रपति (President) - अनुच्छेद 52-62
✅ 2️⃣ उपराष्ट्रपति (Vice President) - अनुच्छेद 63-71
✅ 3️⃣ प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद (Prime Minister and Council of Ministers) - अनुच्छेद 74-75
✅ 4️⃣ अटॉर्नी जनरल (Attorney General) - अनुच्छेद 76
📌 इनका मुख्य कार्य संविधान के अनुसार शासन का संचालन और प्रशासनिक कार्यों को लागू करना होता है।
🔷 2. राष्ट्रपति (President) - अनुच्छेद 52-62
📌 राष्ट्रपति भारत के प्रमुख (Head of State) होते हैं और कार्यपालिका की संवैधानिक प्रमुखता रखते हैं।
✅ निर्वाचन प्रक्रिया (Election - Article 54-55)
- राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचन मंडल (Electoral College) द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
✅ कार्यकाल और पदत्याग (Term and Resignation - Article 56-57)
- राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
- वे पुनः निर्वाचित हो सकते हैं।
- इस्तीफा उपराष्ट्रपति को सौंपा जाता है।
✅ पदच्युति (Impeachment - Article 61)
- राष्ट्रपति को महाभियोग (Impeachment) प्रक्रिया द्वारा पद से हटाया जा सकता है।
- यह प्रक्रिया संसद के दोनों सदनों द्वारा चलाई जाती है।
📌 राष्ट्रपति भारत के संवैधानिक प्रमुख होते हैं और उनके कार्य संसदीय प्रणाली द्वारा निर्देशित होते हैं।
🔷 3. उपराष्ट्रपति (Vice President) - अनुच्छेद 63-71
📌 उपराष्ट्रपति का मुख्य कार्य राष्ट्रपति के अनुपस्थिति में कार्यभार संभालना और राज्यसभा का सभापति (Chairman of Rajya Sabha) होना है।
✅ निर्वाचन (Election - Article 66)
- उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है।
✅ कार्यकाल और पदत्याग (Term and Resignation - Article 67)
- उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
- इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा जाता है।
✅ कार्यकारी भूमिका
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं।
- राष्ट्रपति की अनुपस्थिति या मृत्यु की स्थिति में, वे राष्ट्रपति का कार्यभार संभालते हैं।
📌 उपराष्ट्रपति कार्यपालिका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और उनकी भूमिका राज्यसभा और राष्ट्रपति के पद से जुड़ी होती है।
🔷 4. प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद (Prime Minister and Council of Ministers) - अनुच्छेद 74-75
📌 प्रधानमंत्री भारत की वास्तविक कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं और सरकार का संचालन करते हैं।
✅ प्रधानमंत्री की नियुक्ति (Appointment of PM - Article 75)
- राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं, लेकिन आमतौर पर लोकसभा में बहुमत दल के नेता को यह पद दिया जाता है।
✅ मंत्रिपरिषद की नियुक्ति (Council of Ministers - Article 74)
- प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
✅ सामूहिक उत्तरदायित्व (Collective Responsibility - Article 75(3))
- मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी होती है।
✅ प्रधानमंत्री की शक्तियाँ
1️⃣ सरकार का नेतृत्व करना
2️⃣ नीतियाँ और कार्यक्रम तैयार करना
3️⃣ राष्ट्रपति को सलाह देना
4️⃣ कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता करना
📌 प्रधानमंत्री भारतीय प्रशासन की धुरी होते हैं और उनके नेतृत्व में मंत्रिपरिषद कार्य करती है।
🔷 5. अटॉर्नी जनरल (Attorney General) - अनुच्छेद 76
📌 अटॉर्नी जनरल भारत सरकार के सर्वोच्च विधि अधिकारी (Top Legal Officer) होते हैं।
✅ नियुक्ति और कार्यकाल
- राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- उनका कार्यकाल राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करता है।
✅ कार्य और अधिकार
- सरकार को कानूनी मामलों में सलाह देना।
- सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना।
📌 अटॉर्नी जनरल सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं और न्यायिक मामलों में सरकार की सहायता करते हैं।
🔷 6. संघीय कार्यपालिका और न्यायिक समीक्षा
📌 संघीय कार्यपालिका की शक्तियों पर न्यायपालिका द्वारा समीक्षा की जाती है।
1️⃣ केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) - प्रधानमंत्री की शक्तियाँ
✅ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका संविधान की मूल संरचना (Basic Structure) को प्रभावित नहीं कर सकती।
2️⃣ शमशेर सिंह बनाम पंजाब राज्य (1974) - राष्ट्रपति की भूमिका
✅ न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रपति संविधान के तहत कार्यपालिका का प्रमुख होते हैं, लेकिन वे मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करते हैं।
📌 संविधान कार्यपालिका को शक्तियाँ प्रदान करता है, लेकिन उन्हें न्यायिक समीक्षा के अधीन रखा गया है।
🔷 7. संघीय कार्यपालिका से जुड़े विवाद और चुनौतियाँ
1️⃣ राष्ट्रपति की शक्तियाँ बनाम प्रधानमंत्री की वास्तविक शक्ति
✅ राष्ट्रपति केवल एक औपचारिक प्रमुख होते हैं, जबकि प्रधानमंत्री के पास वास्तविक शक्ति होती है।
2️⃣ संघीय ढांचे में कार्यपालिका की भूमिका
✅ क्या केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप कर सकती है?
3️⃣ न्यायपालिका बनाम कार्यपालिका
✅ क्या न्यायपालिका को सरकार के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए?
📌 संविधान ने कार्यपालिका को शक्तियाँ प्रदान की हैं, लेकिन उन पर उचित संतुलन भी बनाए रखा है।
🔷 निष्कर्ष: भारतीय कार्यपालिका की शक्ति और संतुलन
संघीय कार्यपालिका भारतीय शासन प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और अटॉर्नी जनरल शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास वास्तविक कार्यकारी शक्तियाँ होती हैं।
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति संवैधानिक पदों के रूप में कार्य करते हैं।
- संघीय कार्यपालिका का उद्देश्य भारत में प्रशासनिक और विधायी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना है।
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