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स्कूलों हेतु 21 प्रेरणादायक प्रार्थनाएँ: विद्यार्थियों के विकास के लिए

स्कूलों हेतु 21 प्रेरणादायक प्रार्थनाएँ: विद्यार्थियों के विकास के लिए

स्कूलों हेतु 21 प्रेरणादायक प्रार्थनाओं का संग्रह: विद्यार्थियों के नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए

प्रार्थना सभा किसी भी स्कूल का एक अभिन्न अंग होती है, जो विद्यार्थियों के दिन की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा और शांति के साथ करती है। यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास, नैतिक मूल्यों के संचार और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। सुबह की ये कुछ मिनटों की प्रार्थनाएँ छात्रों में अनुशासन, एकाग्रता, कृतज्ञता और सामाजिक सद्भाव की भावना को पोषित करती हैं।

यह संग्रह विशेष रूप से स्कूलों और विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें भारत में सर्वमान्य और प्रेरणादायक 21 प्रार्थनाओं को शामिल किया गया है। इन प्रार्थनाओं का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना है, बल्कि उन्हें आंतरिक शांति और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति भी प्रदान करना है।

आइए, इन प्रेरणादायक प्रार्थनाओं के माध्यम से अपने विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मकता और उच्च आदर्शों का संचार करें।

प्रार्थनाओं का संग्रह 1. गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
अर्थ: हम उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का ध्यान करते हैं, वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करे।
उपयोगिता: बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि, एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा के लिए।
2. सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
अर्थ: जो कुंद के फूल, चंद्रमा, बर्फ और हार के समान श्वेत हैं, जो श्वेत वस्त्रों से ढकी हुई हैं, जिनके हाथों में वीणा सुशोभित है, जो श्वेत कमल पर विराजमान हैं, जिनकी ब्रह्मा, विष्णु, शंकर आदि देवता हमेशा स्तुति करते हैं, वह संपूर्ण जड़ता (अज्ञान) को हरने वाली देवी सरस्वती मेरी रक्षा करें।
उपयोगिता: ज्ञान, विद्या और कला के प्रति श्रद्धा बढ़ाने के लिए।
3. इतनी शक्ति हमें देना दाता
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मन का विश्वास कमज़ोर हो ना।
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हो ना॥
दूर अज्ञान के हों अँधेरे,
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे।
हर बुराई से बचते रहें हम,
जितनी भी दे भली ज़िन्दगी दे॥
हम न सोचें हमें क्या मिला है,
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण।
फूल खुशियों के बाँटें सभी को,
सबका जीवन ही बन जाए मधुबन॥
उपयोगिता: आत्मविश्वास, नेक मार्ग पर चलने और दूसरों की सेवा करने की प्रेरणा के लिए।
4. हमको मन की शक्ति देना
हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें।
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें॥
भेदभाव अपने दिल से, साफ कर सकें।
दोस्तों से भूल हो तो, माफ़ कर सकें॥
झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें।
मुश्किलें पड़ें तो भी, न किसी से डरें॥
उपयोगिता: आत्म-नियंत्रण, साहस और आंतरिक शक्ति विकसित करने के लिए।
5. तेरी है ज़मीन तेरा आसमान
तेरी है ज़मीन तेरा आसमान।
तू बड़ा मेहरबान तू बख़्शिंदा।
सबका है तू सबका ख़ुदा।
मेरे मौला, मेरे मौला, मेरे मौला, तू है सबका ख़ुदा॥
उपयोगिता: ईश्वर की सर्वव्यापकता, दयालुता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान का संदेश।
6. वैष्णव जन तो तेने कहिए
वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाणे रे।
पर दुख्खे उपकार करे तोये मन अभिमान न आणे रे॥
अर्थ: सच्चा ईश्वर भक्त वही है जो दूसरों का दर्द समझता है। जो दूसरों की मदद करके भी मन में घमंड नहीं लाता।
उपयोगिता: परोपकार, सहानुभूति और विनम्रता के मूल्यों को सिखाने के लिए।
7. असत्य से सत्य की ओर (तमसो मा ज्योतिर्गमय)
ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
अर्थ: मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलें। मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलें। मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलें। ॐ शांति, शांति, शांति।
उपयोगिता: ज्ञान, सत्य और आंतरिक शांति की खोज के लिए।
8. दया कर दान विद्या का
दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना।
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना॥
हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ।
अंधेरे दिल में आकर के, परम ज्योति जगा देना॥
उपयोगिता: ज्ञान, पवित्रता और आध्यात्मिक प्रकाश की कामना के लिए।
9. ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
ऐसे हों हमारे करम
नेकी पर चलें और बदी से टलें
ताकि हँसते हुए निकले दम॥
उपयोगिता: नैतिकता, सच्चाई और अच्छे कर्मों के प्रति समर्पण के लिए।
10. सत्यमेव जयते
सत्यमेव जयते नानृतं
सत्येन पन्था विततो देवयानः
येनाक्रमन्त्यृषयो ह्याप्तकामा
यत्र तत् सत्यस्य परमं निधानम्॥
अर्थ: सत्य की ही विजय होती है, असत्य की नहीं। सत्य के ही मार्ग से देवयान (ईश्वरीय) पथ प्राप्त होता है, जिससे आत्मज्ञानी ऋषिजन उस परम सत्य को प्राप्त करते हैं।
उपयोगिता: सत्य और ईमानदारी के महत्व को स्थापित करने के लिए।
11. सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरू आज का काम प्रभु।
शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाए हम,
विद्या का वरदान तुम्ही से पाए हम।
तुम ही हो माता, तुम ही हो पिता,
तुम ही हो बंधु, तुम ही सखा।
उपयोगिता: दिन की शुरुआत ईश्वर के स्मरण और उनकी कृपा के साथ करने के लिए।
12. तू ही राम है तू रहीम है
तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, तू कृष्ण, तू खुदा हुआ।
तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, तू कृष्ण, तू खुदा हुआ।
उपयोगिता: धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने के लिए।
13. हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब एक दिन।
ओ मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन॥
हो हो शांति चारों ओर, हो हो शांति चारों ओर, हो हो शांति चारों ओर एक दिन।
ओ मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास, शांति चारों ओर एक दिन॥
उपयोगिता: आशावाद, दृढ़ संकल्प और सफलता की भावना को प्रेरित करने के लिए।
14. गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा।
गुरु साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः॥
अर्थ: गुरु ही ब्रह्मा हैं, गुरु ही विष्णु हैं, गुरु ही साक्षात् महेश (शिव) हैं। गुरु ही परब्रह्म के समान हैं, ऐसे गुरु को मैं नमस्कार करता हूँ।
उपयोगिता: शिक्षकों और ज्ञान के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए।
15. प्रार्थना इतनी सुन लेना हे प्रभु
प्रार्थना इतनी सुन लेना हे प्रभु,
अपने चरणों में मुझको स्थान दे।
पापियों को क्षमा कर सके हम सदा,
दया का वरदान हमें दान दे।
उपयोगिता: क्षमा, दया और नम्रता की भावना को बढ़ावा देने के लिए।
16. लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी।
ज़िंदगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी॥
दूर दुनिया का मेरे दम से अँधेरा हो जाए।
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए॥
उपयोगिता: दूसरों की मदद करने, दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाने और एक उपयोगी जीवन जीने की इच्छा।
17. नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है?
मुट्ठी में है तकदीर हमारी।
हमने तकदीर को बस में किया है।
उपयोगिता: आत्म-विश्वास और अपनी नियति को स्वयं बनाने की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए।
18. हम सब भारतीय हैं
हम सब भारतीय हैं, हम सब भारतीय हैं।
अपनी मंज़िल एक है, अपना एक किनारा है।
एक हमारी जुबाँ, एक ही हमारी शान,
एक ही है पहचान, हम सब भारतीय हैं॥
उपयोगिता: राष्ट्रीय एकता, भाईचारा और देश प्रेम की भावना को मजबूत करने के लिए।
19. शक्ति दे माँ, शक्ति दे
शक्ति दे माँ, शक्ति दे।
हमें तेरी भक्ति दे।
अज्ञान से हमें उबार दे,
ज्ञान का तू प्रकाश दे।
उपयोगिता: आंतरिक शक्ति, भक्ति और अज्ञानता से मुक्ति के लिए।
20. हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तार दे माँ।
तू श्वेतवर्णी कमल पे विराजे,
हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे।
हम तो हैं बालक, हम हैं अज्ञानी,
कर दे दयालु, दे दे हमें ज्ञान।
उपयोगिता: विद्या और ज्ञान की देवी से कृपा और अज्ञान से मुक्ति की प्रार्थना।
21. वंदे मातरम
वंदे मातरम!
सुजलां सुफलां मलयज शीतलाम्
शस्यश्यामलां मातरम्!
वंदे मातरम!
अर्थ: मैं तुम्हें नमन करता हूँ, माँ! जल से भरी हुई, फलों से समृद्ध, मलय पर्वत की ठंडी हवा से शीतल, फसलों से हरी-भरी, मेरी माँ!
उपयोगिता: देश प्रेम और राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना।
निष्कर्ष

ये 21 प्रार्थनाएँ केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि वे विचार और मूल्य हैं जो विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नियमित प्रार्थना सभा के माध्यम से, स्कूल अपने छात्रों में अनुशासन, आत्म-विश्वास, सहानुभूति और राष्ट्र प्रेम जैसे गुणों को विकसित कर सकते हैं। यह संग्रह स्कूलों को एक समृद्ध और सार्थक प्रार्थना अनुभव प्रदान करने में मदद करेगा, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल और सशक्त बन सकेगा।