RBSE Class 10 Hindi Model Paper 2025 | राजस्थान बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी नमूना प्रश्न पत्र 2025
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी नमूना प्रश्न पत्र 2025
| परीक्षा विवरण | |
|---|---|
| परीक्षा बोर्ड | RBSE (राजस्थान बोर्ड) |
| कक्षा | 10वीं (माध्यमिक) |
| विषय | हिन्दी |
| सत्र | 2025 |
| पूर्णांक | 80 |
| समय | 3 घंटे 15 मिनट |
| प्रश्न पत्र प्रकार | नमूना प्रश्न पत्र |
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) द्वारा आयोजित कक्षा 10वीं माध्यमिक परीक्षा 2025 के लिए जारी किया गया यह हिन्दी विषय का नमूना प्रश्न पत्र परीक्षार्थियों को परीक्षा पैटर्न, प्रश्नों के प्रकार तथा अंक वितरण को समझने में सहायक है। यह मॉडल पेपर राजस्थान बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट education.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है।
यह लेख संपूर्ण प्रश्न पत्र का विस्तृत विश्लेषण, सभी प्रश्नों के उत्तर, परीक्षा रणनीति तथा अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। यह सामग्री शाला सरल (Shala Saral) शैक्षिक मंच द्वारा राजस्थान के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है।
विषय सूची
- परीक्षा पैटर्न एवं अंक विभाजन
- सामान्य निर्देश
- खंड 'अ' - बहुविकल्पीय प्रश्न (15 अंक)
- खंड 'ब' - लघु उत्तरीय प्रश्न (14 अंक)
- खंड 'स' - गद्यांश एवं पद्यांश विश्लेषण (27 अंक)
- खंड 'द' - निबंधात्मक प्रश्न (24 अंक)
- उत्तर कुंजी एवं अंकन योजना
- परीक्षा तैयारी रणनीति
- संबंधित संसाधन एवं अध्ययन सामग्री
1. परीक्षा पैटर्न एवं अंक विभाजन
राजस्थान बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी का प्रश्न पत्र चार खंडों में विभाजित है:
| खंड | प्रश्न प्रकार | प्रश्नों की संख्या | कुल अंक |
|---|---|---|---|
| खंड 'अ' | बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) | 15 प्रश्न (1×15) | 15 अंक |
| खंड 'ब' | लघु उत्तरीय प्रश्न | 7 प्रश्न (2 अंक प्रत्येक) | 14 अंक |
| खंड 'स' | गद्यांश/पद्यांश विश्लेषण | 3 गद्यांश/पद्यांश (कुल 10 प्रश्न) | 27 अंक |
| खंड 'द' | निबंधात्मक/दीर्घ उत्तरीय प्रश्न | 6 प्रश्न (विकल्प सहित) | 24 अंक |
| कुल योग | 80 अंक | ||
समय अवधि: 3 घंटे 15 मिनट (195 मिनट)
प्रारंभिक 15 मिनट: प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए
लेखन समय: 3 घंटे (180 मिनट)
2. सामान्य निर्देश
परीक्षार्थियों को निम्नलिखित निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है:
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड है, उनके उत्तर एक साथ ही लिखें।
- प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
3. खंड 'अ' - बहुविकल्पीय प्रश्न (1×15=15 अंक)
इस खंड में 15 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए हैं, प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न 1: निम्नलिखित संज्ञा शब्दों में व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण है –
(अ) मित्रता (ब) लड़का
(स) पर्वत (द) हिमालय
✓ सही उत्तर: (द) हिमालय
व्याख्या: हिमालय एक विशिष्ट पर्वत का नाम है, अतः यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है। व्यक्तिवाचक संज्ञा किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का बोध कराती है।
प्रश्न 2: 'मानसिक' शब्द में प्रत्यय है ?
(अ) ईक (ब) इक
(स) सिक (द) क
✓ सही उत्तर: (ब) इक
व्याख्या: 'मानस' मूल शब्द है और 'इक' प्रत्यय जोड़ने पर 'मानसिक' बनता है। 'इक' प्रत्यय का अर्थ है 'संबंधित' या 'से युक्त'।
प्रश्न 3: निम्नलिखित शब्दों में से यण संधि का उदाहरण है –
(अ) महर्षि (ब) नायक
(स) सदेव (द) स्वच्छ
✓ सही उत्तर: (ब) नायक
व्याख्या: ने + अक = नायक (यण संधि)। जब इ, ई के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो इ/ई य् में बदल जाता है।
प्रश्न 4: 'शताब्दी' शब्द में समास का प्रकार है –
(अ) द्विगु समास (ब) द्वन्द्व
(स) तत्पुरुष समास (द) कर्मधारय समास
✓ सही उत्तर: (अ) द्विगु समास
व्याख्या: शत (सौ) अब्दों (वर्षों) का समाहार = शताब्दी। द्विगु समास में पहला पद संख्यावाचक होता है।
प्रश्न 5: 'नेताजी का चश्मा' पाठ में नेताजी की मूर्ति बनाने वाला था –
(अ) मास्टर हीरा लाल (ब) मास्टर मोती लाल
(स) मास्टर नंद लाल (द) मास्टर मदन लाल
✓ सही उत्तर: (स) मास्टर नंद लाल
व्याख्या: स्वामी आनंद की कहानी 'नेताजी का चश्मा' में मास्टर नंद लाल एक स्थानीय मूर्तिकार थे जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाई थी।
प्रश्न 6: 'झूठा सच' नामक उपन्यास के लेखक हैं –
(अ) यशपाल (ब) रामकृष्ण बेनीपुरी
(स) मन्नू भण्डारी (द) यतीन्द्र मित्र
✓ सही उत्तर: (अ) यशपाल
व्याख्या: 'झूठा सच' यशपाल का प्रसिद्ध उपन्यास है जो विभाजन की त्रासदी पर आधारित है। इसे दो खंडों में प्रकाशित किया गया।
प्रश्न 7: मन्नू भण्डारी के साहित्य का दायरा बढ़ाने में सर्वाधिक योगदान रहा –
(अ) उनके पिता का (ब) डॉ. अम्बा लाल का
(स) शीला अग्रवाल का (द) राजेन्द्र वर्मा का
✓ सही उत्तर: (ब) डॉ. अम्बा लाल का
व्याख्या: डॉ. अम्बा लाल जी ने मन्नू भण्डारी के साहित्यिक जीवन में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया।
प्रश्न 8: 'शहनाई' किस प्रकार का वाद्य यंत्र है –
(अ) तत वाद्य (ब) अवनद्ध वाद्य
(स) घनवाद्य (द) सुषिर वाद्य
✓ सही उत्तर: (द) सुषिर वाद्य
व्याख्या: सुषिर वाद्य वे वाद्य यंत्र होते हैं जिनमें फूंक मारकर ध्वनि उत्पन्न की जाती है। शहनाई, बांसुरी, हारमोनियम आदि सुषिर वाद्य हैं।
प्रश्न 9: वाल्मीकि के श्रेष्ठ कवि हैं –
(अ) तुलसी (ब) सूरदास
(स) रहीम (द) देव
✓ सही उत्तर: (अ) तुलसी
व्याख्या: तुलसीदास को 'कलियुग का वाल्मीकि' कहा जाता है। उन्होंने रामचरितमानस की रचना की जो हिंदी साहित्य का महाकाव्य है।
प्रश्न 10: "नाथ संतु धनु भंजनिहारा / होइहि केहि एक दास तुम्हारा" ।। उपर्युक्त काव्य पंक्ति किसकी ओर संकेत करती है –
(अ) राम (ब) लक्ष्मण
(स) भरत (द) शत्रुघ्न
✓ सही उत्तर: (अ) राम
व्याख्या: यह पंक्ति तुलसीदास के रामचरितमानस से है जहां परशुराम श्रीराम के बारे में पूछ रहे हैं कि शिव धनुष किसने तोड़ा।
प्रश्न 11: 'कामायनी' के रचयिता हैं –
(अ) सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (ब) नागार्जुन
(स) मंगलेश डबराल (द) जयशंकर प्रसाद
✓ सही उत्तर: (द) जयशंकर प्रसाद
व्याख्या: 'कामायनी' जयशंकर प्रसाद का प्रसिद्ध महाकाव्य है जो छायावाद युग की श्रेष्ठ रचना मानी जाती है।
प्रश्न 12: 'यह दंतुरित मुस्कान' कविता का केन्द्रीय पात्र है –
(अ) स्वयं लेखक (ब) माता
(स) बच्चा (द) वृद्ध
✓ सही उत्तर: (स) बच्चा
व्याख्या: नागार्जुन की कविता 'यह दंतुरित मुस्कान' में शिशु की मुस्कान के माध्यम से जीवन की सरलता और निश्छलता का वर्णन है।
प्रश्न 13: 'माता का अंचल' पाठ में लेखक के पिता लेखक को किस नाम से पुकारते थे–
(अ) भोलानाथ (ब) शिवनाथ
(स) गौरखनाथ (द) दरिंद नारायण
✓ सही उत्तर: (अ) भोलानाथ
व्याख्या: शिवपूजन सहाय की आत्मकथात्मक रचना 'माता का अंचल' में लेखक का बचपन का नाम भोलानाथ था।
प्रश्न 14: साना–साना हाथ जोड़ि पाठ में यात्रा से लौटते समय लेखिका ने किनके 'फूट प्रिंट' की जानकारी दी –
(अ) गुरु गोविन्द सिंह (ब) गुरुनानक
(स) गुरु अंगद (द) गुरु रामदास
✓ सही उत्तर: (अ) गुरु गोविन्द सिंह
व्याख्या: मधु कांकरिया के यात्रा वृत्तांत में सिक्किम यात्रा के दौरान गुरु गोविन्द सिंह के पदचिह्नों का उल्लेख है।
प्रश्न 15: हिरोशिमा की घटना पर आधारित पाठ का नाम है –
(अ) परमाणु (ब) मैं कैसे लिखता हूँ?
(स) मैनें क्यों लिखा? (द) मैं क्यों लिखता हूँ?
✓ सही उत्तर: (द) मैं क्यों लिखता हूँ?
व्याख्या: अज्ञेय के निबंध 'मैं क्यों लिखता हूँ?' में हिरोशिमा की विभीषिका का मार्मिक वर्णन है।
प्रश्न 2: रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए – (i से iv) (1×4= 4)
(i) जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता या लेखक (स्वयं) अपने लिए करता है उसे उत्तम पुरुष सर्वनाम कहते हैं।
(ii) 'द्रुस गेंद को मत फेंको' वाक्य में विशेषण है।
(iii) ऐसे शब्द जिनके रूप में लिंग, वचन, काल आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता अव्यय कहलाते हैं।
(iv) 'संयोग' शब्द में उपसर्ग है।
4. खंड 'ब' - लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक प्रत्येक)
इस खंड में 7 लघु उत्तरीय प्रश्न हैं जिनमें प्रत्येक 2 अंक का है। प्रत्येक उत्तर लगभग 40 शब्दों में अपेक्षित है।
प्रश्न 5: 'संगति' को संपूर्णता व एकाधिकार से सीखने की जिज्ञासा को अपने भीतर जिन्दा रखा।
उत्तर: स्वामी आनंद की कहानी 'नेताजी का चश्मा' में संगति शब्द से आशय है कि व्यक्ति जैसी संगति में रहता है, वैसा ही बन जाता है। कहानी में मास्टर मोती लाल संगीत से प्रेम करते थे और नेताजी की मूर्ति पर विभिन्न प्रकार के चश्मे देखना उनकी जिज्ञासा को दर्शाता है। सच्ची जिज्ञासा व्यक्ति को सीखने के लिए प्रेरित करती रहती है।
प्रश्न 6: हमारी संस्कृति पर मनीषियों का क्या प्रभाव पड़ा पठित पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर: भारतीय संस्कृति पर महान विचारकों और मनीषियों का गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने अध्यात्म, दर्शन, विज्ञान और कला के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया। वेदों, उपनिषदों और गीता के माध्यम से जीवन मूल्यों की स्थापना की। महात्मा बुद्ध, महावीर, कबीर, तुलसीदास जैसे संतों ने समाज में सत्य, अहिंसा और प्रेम का संदेश दिया।
प्रश्न 7: संगतकार का गायन में योगदान लिखिए।
उत्तर: संगतकार का संगीत में महत्वपूर्ण योगदान होता है। वह मुख्य गायक को सहारा देता है और प्रस्तुति को पूर्णता प्रदान करता है। जब मुख्य गायक ऊंचे सुरों में गाता है तो संगतकार मध्यम सुरों में साथ देकर गायन को संतुलित बनाता है। वह मुख्य गायक की गलतियों को छुपाता है और समूचे गायन को कलात्मक बनाने में सहायक होता है।
प्रश्न 8: आत्मकथा कविता का मूल भाव लिखिए।
उत्तर: जयशंकर प्रसाद की 'आत्मकथा' कविता में कवि ने अपने जीवन के दुःखों और संघर्षों का वर्णन किया है। कवि कहता है कि उसका जीवन कष्टों से भरा रहा है, परंतु उसने कभी हार नहीं मानी। दुःख को ही जीवन का सत्य मानकर वह आगे बढ़ता रहा। कविता में जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और आत्मविश्वास की भावना है।
प्रश्न 9: ''मैंडम यह मैदानी नहीं पहाड़ी इलाका है। यहाँ कोई भी आपको चिकना वर्षीला नहीं मिलेगा।'' उपर्युक्त वाक्य किसने ? क्यों कहा ?
उत्तर: यह वाक्य मधु कांकरिया के यात्रा वृत्तांत 'साना साना हाथ जोड़ि' से है। यह वाक्य सिक्किम में एक स्थानीय व्यक्ति ने लेखिका से कहा था। लेखिका जब सिक्किम की यात्रा पर गई थी तो उसने किसी से पूछा कि यहाँ हरे-भरे मैदान कहाँ हैं। तब स्थानीय व्यक्ति ने यह समझाया कि पहाड़ी इलाका होने के कारण यहाँ मैदानी क्षेत्रों जैसी समतल भूमि नहीं मिलेगी।
प्रश्न 10: 'माता का अंचल' पाठ के आधार पर ग्रामीण जीवन में बच्चों के जीवन का महत्व लिखिए।
उत्तर: 'माता का अंचल' में ग्रामीण जीवन में बच्चों का जीवन अत्यंत सरल, निश्छल और प्रकृति के समीप था। बच्चे खुले वातावरण में खेलते थे और प्रकृति से सीधा संपर्क रखते थे। वे मिट्टी के खिलौनों से खेलते, तालाब में नहाते और पेड़ों पर चढ़ते थे। उनका बचपन शहरी बच्चों की तरह कृत्रिम नहीं था। माता का आंचल उनके लिए सबसे सुरक्षित स्थान था।
प्रश्न 11: 'आँखें मुंदना' मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर: मुहावरा: आँखें मुंदना
अर्थ: मृत्यु होना, मर जाना
वाक्य प्रयोग: वृद्ध दादाजी ने शांतिपूर्वक आँखें मूंद लीं और सबको दुःख में छोड़ गए।
5. खंड 'स' - गद्यांश एवं पद्यांश विश्लेषण (27 अंक)
इस खंड में तीन अपठित गद्यांश/पद्यांश दिए गए हैं जिनके आधार पर प्रश्न पूछे गए हैं।
प्रश्न 12: निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए (i से iv) (1×4=4)
गाड़ी छूट रही थी। संकेण्डुल क्लास के एक छोटे डिब्बे को खाली समझकर जरा दौड़कर उसमें चढ़ गए। अंदमान के प्रतिकूल डिब्बे निर्जन नहीं था। एक बर्थ पर लखनऊ की नवाबी नस्ल के एक सुफेदपोष सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे। सामने दो ताजे चिकने खीरे तौलिए पर रखे थे। डिब्बे में हमारे सहसा आ जाने से सज्जन की आँखों में एकान्त चिन्तन में हो या खीरे जोशी अबसदायों वस्तु का शोक करते देखे जाने से संकोच में हो। यह भी कहानी के लिए सूझा की चिन्ता में हो या खीरे जोशी अबसदाप्रश् वस्तु का शोक करते देख जाते है।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर: "रेल यात्रा का एक प्रसंग" या "खीरे का दृश्य"
(ii) लेखक ने डिब्बे को लेकर क्या अनुमान लगाया था ?
उत्तर: लेखक ने अनुमान लगाया था कि सेकण्ड क्लास का छोटा डिब्बा खाली होगा, इसलिए वह दौड़कर उसमें चढ़ गए।
(iii) डिब्बे में बैठे सज्जन की आँखों में असन्तोष क्यों दिखाई दिया?
उत्तर: डिब्बे में अचानक लेखक के आ जाने से सज्जन के एकांत में खीरे खाने की योजना में व्यवधान पड़ गया, इसलिए उनकी आँखों में असन्तोष दिखाई दिया।
(iv) डिब्बे की बर्थ पर कौन बैठा हुआ था।
उत्तर: डिब्बे की बर्थ पर लखनऊ की नवाबी नस्ल के एक सफेदपोश सज्जन पालथी मारकर बैठे हुए थे।
प्रश्न 13: निम्नलिखित पठित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए (i से iv) (1×4=4)
बिहसि लखनु बोले मृदुबानी। अहो मुनीसु महा भट मानी ।।
पुनि पुनि मोहि दिखाव कुठारू। चहत उड़ावन फूँकि पहारू ।।
इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं ।।
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना ।।
भृगुसुत समुझि जनेउ बिलोकी। जो कछु कहा सहौं रिस रोकी ।।
सुर महिसुर हरिजन अरु गाई। हमरे कुल इन्ह पर न सुराई ।।
(i) काव्यांश में कवि ने 'महामत' किसे कहा है ?
उत्तर: कवि ने 'महामत' (महान योद्धा) परशुराम को कहा है।
(ii) 'इहा कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं' से क्या आशय है?
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि यहाँ कोई कुम्हड़े की बेल जैसा कमजोर व्यक्ति नहीं है जो केवल तर्जनी उंगली दिखाने से ही डर जाए।
(iii) रघुकुल में किन पर अपनी वीरता नहीं दिखाई जाती ?
उत्तर: रघुकुल में देवता, ब्राह्मण, भगवान के भक्त और गाय पर अपनी वीरता नहीं दिखाई जाती। ये सभी पूजनीय हैं।
(iv) उपर्युक्त काव्यांश में किन–किन के मध्य संवाद है ?
उत्तर: उपर्युक्त काव्यांश में लक्ष्मण और परशुराम के मध्य संवाद है।
अथवा
गद्यांश विश्लेषन - 'बालगोबिन भगत की संगीत साधना'
बालगोबिन भगत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया जिस दिन उनका बेटा मरा। इकलौता बेटा था वह। कुछ सुस्त और बोदा सा था किन्तु इसी कारण बालगोबिन भगत उसे और भी मानते थे। घर की खेती सम्भालने के लिए आकुल रहता है और भय उसकी पहुँच से बाहर होने के लिए। रोग दुःख के कारण घर प्रभाव डालने के लिए आकुल रहता है और भय उसकी पहुँच से बाहर होने के लिए। क्रोध दुःख के कारण पर भय के लिए कारण का निर्दिष्ट होना जरूरी नहीं, इतना भर मालूम होना चाहिए कि दुःख या हानि पहुँचेगी।
(i) बालगोबिन भगत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष कब देखा गया ?
उत्तर: बालगोबिन भगत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया जिस दिन उनका इकलौता बेटा मर गया।
(ii) बालगोबिन भगत अपने बेटे के प्रति अधिक लगाव क्यों रखते थे।
उत्तर: उनका बेटा कुछ सुस्त और सीधा-सादा था। इसी कारण बालगोबिन भगत उसके प्रति अधिक स्नेह रखते थे और उसकी देखभाल में लगे रहते थे।
(iii) भगत की पत्नी की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: बालगोबिन भगत की पत्नी सहनशील, त्यागमयी और पतिव्रता थी। उसने अपने पति के आदर्शों का सम्मान किया और बेटे की मृत्यु पर भी धैर्य बनाए रखा। वह भगत के भक्तिमार्ग में सहयोगी थी।
(iv) किस खबर ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
उत्तर: बालगोबिन भगत के इकलौते बेटे की मृत्यु की खबर ने गाँव के सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
अथवा
काव्यांश विश्लेषण
फसल क्या है ?
और तो कुछ नहीं है वह
नदियों के पानी का जादू है वह
हाथों के स्पर्श की महिमा है
भूरी–काली सदली मिट्टी का गुण धर्म है
रूपान्तर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का
(i) कवि के अनुसर फसल क्या है ?
उत्तर: कवि के अनुसार फसल नदियों के पानी का जादू, हाथों के स्पर्श की महिमा और मिट्टी का गुण धर्म है।
(ii) उपर्युक्त काव्यांश में किन मानवीय मूल्यों की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर: इस काव्यांश में परिश्रम, प्रकृति के प्रति सम्मान, कृषि का महत्व और प्राकृतिक तत्वों के सहयोग जैसे मानवीय मूल्यों की ओर संकेत किया गया है।
(iii) फसल किसका रूपान्तर है ?
उत्तर: फसल सूरज की किरणों का रूपान्तर है।
(iv) फसल को किसका संकोच बताया गया है।
उत्तर: फसल को हवा की थिरकन का सिमटा हुआ संकोच बताया गया है।
6. खंड 'द' - निबंधात्मक प्रश्न (24 अंक)
इस खंड में विकल्प सहित निबंधात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
प्रश्न 14: ''नहीं साब! वो लंगड़ा क्या जायेगा फौज में। पागल है पागल!'' पान वाले के द्वारा कही पंक्ति में कैप्टन के प्रति पान वाले की क्या सोच रही होगी कहानी के आधार पर लिखिए। (उत्तर सीमा : 60–80 शब्द) (3 अंक)
उत्तर: पान वाले की दृष्टि में कैप्टन एक विचित्र व्यक्ति था जो अपनी शारीरिक विकलांगता के बावजूद नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का सम्मान करता था। पान वाला व्यावहारिक दृष्टिकोण रखता था और समझता था कि लंगड़े व्यक्ति का सैनिक बनने का सपना असंभव है। परंतु कैप्टन में देशभक्ति की भावना इतनी प्रबल थी कि वह छोटे-छोटे चश्मे खरीदकर नेताजी की मूर्ति पर लगाता रहता था। पान वाले को यह पागलपन लगता था लेकिन वास्तव में यह कैप्टन की देशप्रेम की निशानी थी।
अथवा
प्रश्न: ''हम माई बहिनों का सारा लगाव माँ के साथ था लेकिन निहायत असहाय मजबूरी में लिपटा उनका यह त्याग कभी मेरा आदर्श नहीं बन सका।'' आपके अनुसार मन्नू भण्डारी की माँ उनके लिए आदर्श क्यों नहीं बन सकी ?
उत्तर: मन्नू भण्डारी की माँ अत्यंत सहनशील, त्यागमयी और पारंपरिक भारतीय नारी थीं। वे पिताजी के कठोर व्यवहार को चुपचाप सहती रहीं और कभी विरोध नहीं किया। उन्होंने अपने व्यक्तित्व को पूरी तरह से समर्पित कर दिया। मन्नू भण्डारी आधुनिक विचारों की थीं और वे मानती थीं कि महिलाओं को भी अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए। उनकी माँ का असहाय त्याग उन्हें कमजोरी लगता था, इसलिए वे उन्हें अपना आदर्श नहीं बना सकीं।
प्रश्न 15: संगतकार कविता के माध्यम से कवि ने समाज निर्माण में किन लोगों के योगदान को दर्शाया है ? (उत्तर सीमा : 60–80 शब्द) (3 अंक)
उत्तर: 'संगतकार' कविता में मंगलेश डबराल ने उन लोगों का महत्व दर्शाया है जो पर्दे के पीछे रहकर मुख्य व्यक्ति को सफल बनाते हैं। समाज में अधिकतर लोग मुख्य भूमिका में रहने वालों को ही सराहते हैं, परंतु उनकी सफलता में सहयोगियों का बड़ा योगदान होता है। श्रमिक, किसान, शिल्पकार, सहायक कलाकार जैसे लोग समाज की नींव हैं। कवि ने संगतकार के माध्यम से इन अदृश्य योगदानकर्ताओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया है और समाज को उनके महत्व को समझने का संदेश दिया है।
अथवा
प्रश्न: उद्धव गोपियों के कृष्ण के प्रति अन्तय प्रेम को समझने में असमर्थ क्यों रहे ?
उत्तर: उद्धव ज्ञानी थे और योग के उपासक थे। वे निर्गुण ब्रह्म की उपासना में विश्वास करते थे। गोपियों का प्रेम सगुण भक्ति का था - वे कृष्ण के रूप, लीला और उनकी उपस्थिति से प्रेम करती थीं। उद्धव का ज्ञानमार्ग और गोपियों का प्रेममार्ग दो भिन्न दिशाएँ थीं। गोपियों का प्रेम निस्वार्थ और पूर्ण समर्पण का था, जबकि उद्धव तर्क और ज्ञान की भाषा में बात करते थे। इसलिए उद्धव गोपियों के हृदय की गहराई को नहीं समझ सके।
प्रश्न 16: कवि नागार्जुन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में लिखिए। (3 अंक)
उत्तर:
व्यक्तित्व: नागार्जुन (वैद्यनाथ मिश्र) हिंदी साहित्य के प्रगतिशील और जनवादी कवि थे। वे सामाजिक समानता, गरीबों और वंचितों के अधिकारों के प्रबल समर्थक थे। उनका व्यक्तित्व सरल, निडर और जनता से जुड़ा हुआ था।
कृतित्व: नागार्जुन ने हिंदी और मैथिली दोनों भाषाओं में रचनाएँ कीं। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं - 'युगधारा', 'सतरंगे पंखों वाली', 'खिचड़ी विप्लव देखा हमने', 'हजार-हजार बाँहों वाली' (काव्य संग्रह) तथा 'रतिनाथ की चाची', 'बलचनमा', 'नई पौध' (उपन्यास)। उनकी कविताओं में जन-जीवन, प्रकृति और सामाजिक यथार्थ का सुंदर चित्रण है।
अथवा
प्रश्न: रामकृष्ण बेनीपुरी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में लिखिए।
उत्तर:
व्यक्तित्व: रामवृक्ष बेनीपुरी हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध निबंधकार, कहानीकार और स्वतंत्रता सेनानी थे। वे बिहार के रहने वाले थे और स्वाधीनता आंदोलन में सक्रिय भागीदार थे। उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। उनका व्यक्तित्व साहसी, देशभक्त और मानवीय मूल्यों से ओतप्रोत था।
कृतित्व: बेनीपुरी जी की प्रमुख रचनाएँ हैं - 'माटी की मूरतें', 'पतितों के देश में', 'चिता के फूल' (निबंध संग्रह), 'पैरों में पंख बाँधकर', 'अम्बपाली' (नाटक), तथा 'आम्रपाली', 'पतितों के देश में' (कहानी संग्रह)। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय चेतना, मानवीय संवेदना और सामाजिक सरोकार स्पष्ट दिखाई देते हैं।
प्रश्न 17: ''दुर्दिना से देर भली, साबधानी से मीत हली।'' सिरिकिम यात्रा के दौरान लेखिका को यह वेतावनी किस स्थान पर लिखी मिली उस मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को अपने शब्दों में लिखिए। (शब्द सीमा 80–100 शब्द) (4 अंक)
उत्तर: मधु कांकरिया के यात्रा वृत्तांत 'साना साना हाथ जोड़ि' में यह चेतावनी युमथांग जाने के मार्ग पर लिखी मिली थी। यह पहाड़ी रास्ता अत्यंत खतरनाक था। संकरे और टेढ़े-मेढ़े रास्तों पर एक ओर ऊँची चट्टानें थीं तो दूसरी ओर गहरी खाइयाँ। बारिश होने पर रास्ते फिसलन भरे हो जाते थे और भूस्खलन का खतरा बना रहता था। इस मार्ग पर जगह-जगह सैनिक चौकियाँ थीं क्योंकि यह सीमावर्ती क्षेत्र था। ऑक्सीजन की कमी के कारण साँस लेने में कठिनाई होती थी। इसलिए सावधानी से यात्रा करना अनिवार्य था।
अथवा
प्रश्न: ''मैं क्यों लिखता हूँ ?'' पाठ के आधार पर अजेय द्वारा लिखने के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: अज्ञेय के अनुसार लेखन एक आंतरिक प्रेरणा है। वे लिखते हैं क्योंकि उनके भीतर कुछ कहने की तीव्र इच्छा होती है। हिरोशिमा की विभीषिका देखकर उन्हें लगा कि मानव की पीड़ा को शब्द देना आवश्यक है। लेखन के माध्यम से वे समाज को जागरूक करना चाहते हैं। अनुभवों को संप्रेषित करना, संवेदनाओं को व्यक्त करना और भविष्य की पीढ़ियों के लिए दस्तावेज छोड़ना लेखन के कारण हैं। अज्ञेय मानते हैं कि लेखक का दायित्व है कि वह सत्य को उजागर करे और मानवता की रक्षा के लिए आवाज उठाए।
प्रश्न 18: निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंध लिखिए :– (6 अंक)
(1) भारत में भ्रष्टाचार का प्रभाव
भूमिका: भ्रष्टाचार आज भारत की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। यह समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीति सभी क्षेत्रों में व्याप्त है। भ्रष्टाचार का अर्थ है अनैतिक तरीकों से धन, पद या सुविधा प्राप्त करना।
भ्रष्टाचार के प्रकार: भ्रष्टाचार कई रूपों में देखा जा सकता है - रिश्वतखोरी, भाई-भतीजावाद, काला धन, कर चोरी, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग आदि। सरकारी विभागों, पुलिस, न्यायपालिका, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है।
भ्रष्टाचार का प्रभाव: भ्रष्टाचार के कारण विकास योजनाएँ प्रभावित होती हैं। गरीबों तक सरकारी सुविधाएँ नहीं पहुँच पातीं। देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होती है और विदेशी निवेश कम होता है। भ्रष्टाचार से न्याय व्यवस्था भी प्रभावित होती है। समाज में असमानता बढ़ती है और लोगों का सरकार से विश्वास उठ जाता है।
निवारण के उपाय: भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कानून, पारदर्शी शासन व्यवस्था, डिजिटलीकरण, जनजागरूकता और नैतिक शिक्षा आवश्यक है। लोकपाल जैसी संस्थाओं को मजबूत बनाना होगा।
उपसंहार: भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण के लिए सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर प्रयास करने होंगे। तभी हम विकसित और समृद्ध राष्ट्र बन सकते हैं।
(2) विद्यार्थी जीवन: भावी जीवन का आधार
भूमिका: विद्यार्थी जीवन मनुष्य के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था है। यह वह समय है जब व्यक्तित्व का निर्माण होता है और भविष्य की नींव रखी जाती है। इस अवस्था में प्राप्त ज्ञान और संस्कार पूरे जीवन काम आते हैं।
विद्यार्थी जीवन का महत्व: यह जीवन का स्वर्णिम काल है। इस समय विद्यार्थी शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से विकसित होता है। शिक्षा, अनुशासन, चरित्र निर्माण और सामाजिक मूल्यों का ज्ञान इसी काल में मिलता है।
विद्यार्थी के कर्तव्य: विद्यार्थी का मुख्य कर्तव्य अध्ययन करना है। उसे समय का सदुपयोग करना चाहिए। गुरुजनों और माता-पिता का सम्मान करना, अनुशासन में रहना, सत्संगति करना और बुरी आदतों से दूर रहना आवश्यक है।
चुनौतियाँ: आज के विद्यार्थी अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं - मोबाइल की लत, सोशल मीडिया का दुरुपयोग, प्रतिस्पर्धा का दबाव और नैतिक मूल्यों का ह्रास।
उपसंहार: विद्यार्थी जीवन भविष्य की तैयारी का समय है। यदि इस अवधि का सही उपयोग किया जाए तो जीवन सफल हो सकता है। "आज का विद्यार्थी कल का नागरिक है" - यह सूत्र हमेशा याद रखना चाहिए।
(3) राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहर
भूमिका: राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है जो अपनी समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ के किले, महल, मंदिर और स्मारक वीरता, कला और स्थापत्य के अद्भुत नमूने हैं।
प्रमुख ऐतिहासिक स्थल: जयपुर का आमेर किला और हवा महल, जोधपुर का मेहरानगढ़ किला, उदयपुर की झीलें और सिटी पैलेस, चित्तौड़गढ़ का दुर्ग, जैसलमेर का सोनार किला राजस्थान की प्रमुख धरोहर हैं। ये सभी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल हैं।
स्थापत्य कला: राजस्थान के स्मारकों में राजपूत और मुगल स्थापत्य कला का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। लाल पत्थर, संगमरमर और रंगीन कांच के काम की शिल्पकला अद्वितीय है।
पर्यटन का केंद्र: राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहर विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करती है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
संरक्षण की आवश्यकता: हमारी ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखना हमारा दायित्व है। प्रदूषण, उपेक्षा और अतिक्रमण से इन्हें बचाना होगा।
उपसंहार: राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहर हमारी गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। इसे संजोकर रखना और आने वाली पीढ़ियों को सौंपना हमारा कर्तव्य है।
(4) यदि मैं प्रधानाचार्य होता
भूमिका: विद्यालय शिक्षा का मंदिर है और प्रधानाचार्य उसके संचालक। यदि मैं प्रधानाचार्य होता तो विद्यालय को आदर्श शिक्षा संस्थान बनाने का प्रयास करता।
शैक्षिक सुधार: मैं पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान पर भी जोर देता। प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय और खेल सुविधाओं का विकास करता। शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों का प्रशिक्षण दिलवाता।
अनुशासन और नैतिक शिक्षा: विद्यार्थियों में अनुशासन, समय पालन और नैतिक मूल्यों का विकास करता। सुबह की प्रार्थना में प्रेरक विचार साझा करता। विद्यार्थियों को बड़ों का सम्मान और छोटों के प्रति स्नेह सिखाता।
समग्र विकास: केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि खेलकूद, संगीत, नृत्य, चित्रकला जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा देता। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करता और कमजोर विद्यार्थियों की विशेष सहायता करता।
अभिभावकों से संवाद: अभिभावकों से नियमित संवाद रखता और उनकी समस्याओं का समाधान करता। विद्यालय को समाज से जोड़ने का प्रयास करता।
उपसंहार: एक आदर्श प्रधानाचार्य वह है जो विद्यालय को ज्ञान, संस्कार और चरित्र निर्माण का केंद्र बना सके। मैं इसी लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करता।
प्रश्न 19: स्वयं को यशवर्धन मानते हुए अपने पिताजी को एक पत्र लिखिए जिसमें आपकी बोर्ड परीक्षा तैयारी एवं समय प्रबंधन के बारे में बताया गया हो। (4 अंक)
अथवा
प्रश्न: स्वयं को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रेणगढ़ का मनीष मानकर प्रधानाचार्य महोदय को खेल सताव आयोजनार्थ एक प्रार्थना पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय,
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,
रेणगढ़, राजस्थान
विषय: विद्यालय में खेल सप्ताह आयोजन हेतु प्रार्थना पत्र
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का कक्षा 10वीं का विद्यार्थी हूँ। हमारे विद्यालय में पिछले दो वर्षों से खेल सप्ताह का आयोजन नहीं हुआ है। खेलकूद विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
खेल सप्ताह के आयोजन से विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना, टीम वर्क और अनुशासन का विकास होगा। इससे उनका तनाव कम होगा और पढ़ाई में भी अधिक रुचि उत्पन्न होगी।
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आगामी माह में खेल सप्ताह का आयोजन करने की कृपा करें। इसके लिए हम सभी विद्यार्थी आपके आभारी रहेंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
मनीष
कक्षा - 10वीं
दिनांक: 29 अक्टूबर 2025
प्रश्न 20: नगर पालिका उदयपुर की ओर से स्वच्छता जागरूकता हेतु एक विज्ञापन लिखिए। (4 अंक)
अथवा
प्रश्न: ग्रीष्मावकाश में स्काउट्स एवं गाइड्स द्वारा कौशल विकास शिविर में बनाई गई सामग्री की प्रदर्शनी देखने हेतु एक विज्ञापन लिखिए।
नगर पालिका उदयपुर
स्वच्छता जागरूकता अभियान
"स्वच्छ शहर, स्वस्थ नागरिक"
• घर और आसपास साफ-सफाई रखें
• कचरा कूड़ेदान में ही डालें
• प्लास्टिक का उपयोग कम करें
• सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखें
• पानी का सदुपयोग करें
स्वच्छता हमारा दायित्व, स्वच्छ भारत हमारा संकल्प
संपर्क: नगर पालिका कार्यालय, उदयपुर
फोन: 0294-XXXXXXX
स्वच्छता अपनाएं, स्वस्थ भारत बनाएं!
7. उत्तर कुंजी एवं अंकन योजना
खंड 'अ' - बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर कुंजी
| प्रश्न संख्या | सही उत्तर | प्रश्न संख्या | सही उत्तर |
|---|---|---|---|
| 1 | (द) हिमालय | 9 | (अ) तुलसी |
| 2 | (ब) इक | 10 | (अ) राम |
| 3 | (ब) नायक | 11 | (द) जयशंकर प्रसाद |
| 4 | (अ) द्विगु समास | 12 | (स) बच्चा |
| 5 | (स) मास्टर नंद लाल | 13 | (अ) भोलानाथ |
| 6 | (अ) यशपाल | 14 | (अ) गुरु गोविन्द सिंह |
| 7 | (ब) डॉ. अम्बा लाल | 15 | (द) मैं क्यों लिखता हूँ? |
| 8 | (द) सुषिर वाद्य | ||
अंक वितरण सारांश
| खंड | प्रश्न संख्या | अंक विवरण | कुल अंक |
|---|---|---|---|
| खंड 'अ' | 1-15 MCQ, रिक्त स्थान | 15×1 + 4×1 | 19 अंक |
| खंड 'ब' | 5-11 | 7×2 | 14 अंक |
| खंड 'स' | 12-13 | विभिन्न | 27 अंक |
| खंड 'द' | 14-20 | विभिन्न | 24 अंक |
| सम्पूर्ण योग | 80 अंक | ||
8. परीक्षा तैयारी रणनीति
8.1 समय प्रबंधन
- 3 घंटे का विभाजन: बहुविकल्पीय (30 मिनट), लघु उत्तरीय (40 मिनट), गद्यांश/पद्यांश (50 मिनट), निबंधात्मक (70 मिनट), पुनरावलोकन (10 मिनट)
- प्रारंभिक 15 मिनट: पूरे प्रश्न पत्र को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों को चिह्नित करें
- पहले उन प्रश्नों को हल करें जो आपको अच्छे से आते हों
8.2 अध्ययन सामग्री
- NCERT पाठ्यपुस्तक 'स्पर्श' और 'संचयन' का गहन अध्ययन
- व्याकरण - संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, समास, संधि, उपसर्ग, प्रत्यय की पुनरावृत्ति
- गद्य और पद्य पाठों के प्रश्नोत्तर याद करें
- लेखक परिचय और रचनाएँ याद रखें
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें
8.3 लेखन कौशल
- उत्तर स्पष्ट, सुपाठ्य और बिंदुवार लिखें
- व्याकरण की त्रुटियों से बचें
- निबंध में भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार का ध्यान रखें
- पत्र लेखन और विज्ञापन के प्रारूप याद रखें
8.4 महत्वपूर्ण टिप्स
- नियमित अभ्यास करें और मॉक टेस्ट दें
- कठिन शब्दों और मुहावरों की सूची बनाएं
- गद्यांश और पद्यांश के अभ्यास प्रश्नों को हल करें
- परीक्षा में शांत रहें और आत्मविश्वास बनाए रखें
9. संबंधित संसाधन एवं अध्ययन सामग्री
9.1 RBSE पाठ्यक्रम एवं सिलेबस
राजस्थान बोर्ड के सभी कक्षाओं के विस्तृत पाठ्यक्रम:
- RBSE कक्षा 9 संपूर्ण पाठ्यक्रम 2025-26
- RBSE कक्षा 10 संपूर्ण पाठ्यक्रम 2025-26
- RBSE कक्षा 11 संपूर्ण पाठ्यक्रम 2025-26
- RBSE कक्षा 12 संपूर्ण पाठ्यक्रम 2025-26
9.2 कक्षा 10 टॉपर उत्तर पुस्तिकाएं एवं प्रश्न पत्र
परीक्षा की तैयारी के लिए टॉपर्स की उत्तर पुस्तिकाएं देखें:
9.3 कक्षा 12 टॉपर उत्तर पुस्तिकाएं
उच्च गुणवत्ता की उत्तर लेखन शैली सीखें:
- RBSE कक्षा 12 सभी विषय टॉपर उत्तर पुस्तिकाएं 2024
- RBSE कक्षा 12 हिन्दी साहित्य टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 हिन्दी अनिवार्य टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 अंग्रेजी साहित्य टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 अंग्रेजी टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 संस्कृत साहित्य टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
9.4 विज्ञान विषय टॉपर उत्तर पुस्तिकाएं
- RBSE कक्षा 12 भौतिक विज्ञान प्रश्न पत्र 2024 (हल सहित)
- RBSE कक्षा 12 रसायन विज्ञान टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 जीव विज्ञान टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 कृषि जीव विज्ञान टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
9.5 सामाजिक विज्ञान टॉपर उत्तर पुस्तिकाएं
- RBSE कक्षा 12 इतिहास टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 भूगोल टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 राजनीति विज्ञान टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 अर्थशास्त्र टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
9.6 वाणिज्य विषय टॉपर उत्तर पुस्तिकाएं
- RBSE कक्षा 12 लेखाशास्त्र टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
- RBSE कक्षा 12 व्यवसाय अध्ययन टॉपर उत्तर पुस्तिका 2024
9.7 अन्य विषय
9.8 परीक्षा परिणाम एवं प्रश्न पत्र संग्रह
10. निष्कर्ष
यह RBSE कक्षा 10 हिन्दी नमूना प्रश्न पत्र 2025 परीक्षार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। इस मॉडल पेपर का गहन अध्ययन करने से परीक्षा पैटर्न, प्रश्नों के प्रकार और अंक वितरण को समझने में सहायता मिलती है।
विद्यार्थियों को चाहिए कि वे नियमित अभ्यास करें, समय प्रबंधन सीखें और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी करें। शाला सरल (Shala Saral) शैक्षिक मंच राजस्थान के विद्यार्थियों के लिए निरंतर गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
11. सन्दर्भ
- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट
- NCERT हिन्दी पाठ्यपुस्तक 'स्पर्श' एवं 'संचयन'
- RBSE कक्षा 10 हिन्दी पाठ्यक्रम 2025-26
- शाला सरल शैक्षिक मंच (Sarkari Service Prep™)
12. श्रेणियाँ (Categories)
- राजस्थान बोर्ड परीक्षा
- कक्षा 10 हिन्दी
- RBSE मॉडल पेपर 2025
- माध्यमिक परीक्षा तैयारी
- हिन्दी प्रश्न पत्र हल
- राजस्थान शिक्षा
लेख प्रकाशक: शाला सरल (Shala Saral) | वेबसाइट: Sarkari Service Prep™
अस्वीकरण: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। कृपया आधिकारिक RBSE वेबसाइट से नवीनतम जानकारी की पुष्टि करें।
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