1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम – लॉर्ड मैकाले और भारत में शिक्षा क्रांति
1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम भारतीय शिक्षा व्यवस्था के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ था। लॉर्ड मैकाले द्वारा प्रस्तुत इस अधिनियम ने भारतीय समाज की भाषा, सोच और प्रशासनिक संरचना को गहराई से प्रभावित किया। यह अधिनियम केवल एक शिक्षा नीति नहीं था, बल्कि एक वैचारिक बदलाव का वाहक था जिसने भारत में अंग्रेजी शिक्षा को स्थापित किया और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को पीछे छोड़ दिया। UPSC, RPSC, SSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में यह विषय बार-बार पूछा जाता है।
Table of Contents
- पृष्ठभूमि और ब्रिटिश उद्देश्य
- लॉर्ड मैकाले का शिक्षा प्रस्ताव
- 1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम
- नीति में बदलाव: पारंपरिक बनाम अंग्रेजी शिक्षा
- भारत पर प्रभाव
- आलोचना व बहस
- अधिनियम की विरासत और आधुनिक प्रभाव
- UPSC दृष्टिकोण + MCQs
- FAQs
1. पृष्ठभूमि और ब्रिटिश उद्देश्य
19वीं शताब्दी की शुरुआत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में प्रशासनिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव बढ़ा रही थी। शिक्षा के क्षेत्र में कंपनी को एक ऐसा वर्ग तैयार करना था जो भारतीयों को अंग्रेजी कानून, नीतियों और प्रशासनिक आदेशों को समझा सके। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए शिक्षा को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
यह रहा — 1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम (English Education Act of 1835) — पर एक विस्तृत, अध्ययनपरक और परीक्षा उपयोगी विवरण:
1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम – पृष्ठभूमि, उद्देश्य व प्रभाव
पृष्ठभूमि:
- भारत में शिक्षा व्यवस्था प्राचीनकाल से ही संस्कृत, फारसी और अरबी जैसी भाषाओं पर आधारित थी।
- मुग़ल शासन के समय मदरसे और गुरुकुल जैसी संस्थाएँ प्रमुख थीं।
- अंग्रेजों के भारत आने के बाद शिक्षा को नियंत्रित करने और अपने हितों के लिए उपयोग करने की योजना बनी।
- 1813 के चार्टर एक्ट में पहली बार शिक्षा के लिए 1 लाख रुपये वार्षिक खर्च की स्वीकृति दी गई।
- शिक्षा के माध्यम और स्वरूप को लेकर ओरिएंटलिस्ट बनाम एंग्लिसिस्ट (Orientalist vs Anglicist) बहस छिड़ गई थी।
अधिनियम का प्रवर्तन:
- लॉर्ड मैकाले (Lord Macaulay) ने 1835 में Minutes on Indian Education लिखा।
- मैकाले का कहना था कि “हमें ऐसे लोग तैयार करने चाहिए जो रंग-रूप से भारतीय हों लेकिन सोच से अंग्रेज हों।”
- इसके बाद लॉर्ड विलियम बैंटिक ने 1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम लागू किया।
मुख्य प्रावधान:
- शिक्षा का माध्यम अब अंग्रेजी होगा।
- पारंपरिक भारतीय शिक्षा (संस्कृत, फारसी आदि) के लिए आर्थिक सहायता बंद।
- अंग्रेजी माध्यम से "क्लर्क" तैयार करने पर फोकस — जो प्रशासन में सहायक बन सकें।
- उच्च शिक्षा संस्थाओं में अंग्रेजी को प्राथमिक भाषा के रूप में अपनाया गया।
ब्रिटिश उद्देश्य:
- राजनीतिक: प्रशासन में सहयोगी वर्ग बनाना।
- आर्थिक: सस्ते क्लर्क और अधिकारियों की आपूर्ति करना।
- सांस्कृतिक: पश्चिमी सभ्यता को श्रेष्ठ साबित करना और भारतीय संस्कृति को हीन ठहराना।
- मानसिक उपनिवेश: भारतीयों की सोच को इस तरह ढालना कि वे अंग्रेज़ी नीति को सही मानें।
प्रभाव:
- भारतीय भाषाओं की उपेक्षा शुरू हुई।
- भारतीय शिक्षा प्रणाली और सांस्कृतिक गर्व पर आघात पहुँचा।
- अंग्रेजी माध्यम शिक्षा का दौर शुरू हुआ, जो आज भी प्रभावी है।
- एक नया शिक्षित वर्ग बना जिसने आगे चलकर स्वतंत्रता संग्राम में भी भूमिका निभाई।
विशेष बिंदु (बुलेट्स में):
- ✔️ लॉर्ड मैकाले की Minutes on Education (2 फरवरी 1835) प्रसिद्ध है।
- ✔️ ‘Downward Filtration Theory’ — पहले उच्च वर्ग को शिक्षित करो, वही शिक्षा नीचे आएगी।
- ✔️ 1835 का अधिनियम कोई विधायी कानून नहीं था, बल्कि एक प्रशासनिक निर्णय था।
- ✔️ इसका उद्देश्य भारत को मानसिक रूप से अधीन बनाना था।
एक्सपर्ट व्यू:
राजा राम मोहन राय ने प्रारंभिक अंग्रेजी शिक्षा का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने भारतीय भाषाओं को भी बनाए रखने की बात कही थी।
गांधीजी ने कहा था – “मैकाले की शिक्षा ने हमें आत्महीन और नौकरशाह बना दिया।”
अर्विंद घोष ने कहा – "यह शिक्षा प्रणाली केवल नकलची पैदा करती है, मौलिक नहीं।"
महत्वपूर्ण सरकारी स्रोत:
- Ministry of Education – Government of India
- National Archives of India – Educational Reforms
- भारत सरकार की डिजिटल लाइब्रेरी – Digital India Library
2. लॉर्ड मैकाले का शिक्षा प्रस्ताव
लॉर्ड थॉमस बैबिंगटन मैकाले ने 2 फरवरी 1835 को अपनी प्रसिद्ध रिपोर्ट 'Minutes on Indian Education' में स्पष्ट कहा कि भारतीय भाषाओं में कोई उपयोगी ज्ञान नहीं है और शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए। उन्होंने 'एक ऐसा वर्ग तैयार करने की बात कही जो रंग-रूप से भारतीय हो लेकिन सोच से अंग्रेज़'।
लॉर्ड मैकाले का शिक्षा प्रस्ताव (Macaulay's Minute on Indian Education – 1835) भारत की आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव का मूल दस्तावेज माना जाता है। यह प्रस्ताव भारत में अंग्रेज़ी माध्यम की शिक्षा लागू करने का आधार बना, जिसने भारतीय समाज, संस्कृति और प्रशासनिक व्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव डाला।
1. पृष्ठभूमि (Background):
- 1813 का चार्टर एक्ट: पहली बार ब्रिटिश सरकार ने भारत में शिक्षा के लिए ₹1 लाख वार्षिक अनुदान की स्वीकृति दी।
- ओरिएंटलिस्ट बनाम एंग्लिसिस्ट बहस:
- ओरिएंटलिस्ट: भारतीय भाषाओं (संस्कृत, अरबी, फारसी) के पक्षधर।
- एंग्लिसिस्ट: पश्चिमी ज्ञान और अंग्रेज़ी भाषा के प्रचार के समर्थक।
- अंग्रेजों को एक निर्णय लेना था कि भारत में शिक्षा किस भाषा और पद्धति से दी जाए।
2. लॉर्ड मैकाले का आगमन और भूमिका:
- लॉर्ड थॉमस बैबिंगटन मैकाले 1834 में भारत आए और सर्वोच्च शिक्षा समिति (General Committee of Public Instruction) के सदस्य बनाए गए।
- 2 फरवरी 1835 को उन्होंने प्रसिद्ध रिपोर्ट तैयार की — “Minute on Indian Education”।
3. मुख्य प्रस्ताव और विचार (Main Provisions & Ideas):
● भाषा संबंधी सुझाव:
- अंग्रेज़ी को शिक्षा का माध्यम बनाया जाए।
- संस्कृत, अरबी, फारसी को "बेवकूफी और बर्बरता से भरी भाषाएं" कहा।
- भारतीय भाषाओं की तुलना में अंग्रेज़ी साहित्य को श्रेष्ठ बताया।
● ज्ञान की श्रेष्ठता पर तर्क:
"A single shelf of a good European library is worth the whole native literature of India and Arabia."
– यानी एक यूरोपीय पुस्तकालय की एक शेल्फ भी भारत और अरब की समस्त साहित्यिक धरोहर से श्रेष्ठ है।
● शिक्षा का उद्देश्य:
- अंग्रेजों को प्रशासनिक सहायता देने के लिए “एक ऐसा वर्ग तैयार करना जो रंग-रूप से भारतीय हो लेकिन सोच से अंग्रेज हो।”
- Downward Filtration Theory – पहले उच्च वर्ग को शिक्षित करो, वही शिक्षा नीचे के समाज तक पहुँचेगी।
4. लॉर्ड विलियम बैंटिक की स्वीकृति:
- मैकाले के प्रस्ताव को लॉर्ड बैंटिक (तब के गवर्नर जनरल) ने समर्थन दिया।
- इसके बाद 1835 में अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम पारित किया गया।
5. प्रभाव (Impact):
✔️ अंग्रेज़ी माध्यम का आगमन:
- उच्च शिक्षा संस्थाओं में अंग्रेज़ी को माध्यम बनाया गया।
✔️ भारतीय भाषाओं की उपेक्षा:
- संस्कृत और फारसी के लिए अनुदान समाप्त कर दिया गया।
✔️ पश्चिमी सोच का प्रभाव:
- भारतीयों को अंग्रेजों की तरह सोचने और व्यवहार करने की दिशा में ढाला गया।
✔️ प्रशासनिक सहयोगी वर्ग का निर्माण:
- नौकरी के लिए तैयार ‘क्लर्क’ वर्ग उभरकर आया।
6. आलोचना (Criticism):
- भारतीय संस्कृति और ज्ञान पर उपेक्षापूर्ण टिप्पणी।
- मातृभाषा को शिक्षा से बाहर करने से आम जनमानस शिक्षा से दूर हुआ।
- गांधीजी ने इसे "दिमागी गुलामी" की शुरुआत बताया।
7. परीक्षा उपयोगी तथ्य:
8. आधिकारिक लिंक (Official Links):
- NCERT Book – Class 8 History: Chapter 8 (Macaulay's Impact)
- Digital South Asia Library – Original Minutes
9. Expert View / आलोचनात्मक दृष्टिकोण:
महात्मा गांधी: “हमने अपनी संस्कृति को त्याग दिया और जो अपनाया, वह भी पूरी तरह न अपना सके।”
अरविंद घोष: “यह शिक्षा प्रणाली केवल बाबू पैदा करती है, स्वतंत्र विचारक नहीं।”
3. 1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम
लॉर्ड विलियम बेंटिक ने 1835 में लॉर्ड मैकाले की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए एक आधिकारिक आदेश जारी किया। इस अधिनियम के मुख्य बिंदु थे:
- अंग्रेजी को उच्च शिक्षा का प्रमुख माध्यम बनाना।
- पारंपरिक संस्थानों की बजट कटौती।
- क्लासिकल भाषाओं (संस्कृत, अरबी, फारसी) के लिए सहायता बंद करना।
4. नीति में बदलाव: पारंपरिक बनाम अंग्रेजी शिक्षा
- ब्रिटिश शिक्षा नीति में पहला वैचारिक हस्तक्षेप।
- Downward Filtration Theory को लागू करना।
- "Modern Education for Few, Impression for Many" की नीति।
5. भारत पर प्रभाव
- एक नया वर्ग उत्पन्न हुआ जिसे "अंग्रेजी शिक्षित भारतीय" कहा गया।
- पत्रकारिता, न्यायपालिका, प्रशासन में अंग्रेजी का प्रसार।
- राष्ट्रीय आंदोलन और समाज सुधार आंदोलनों को विचारधारा मिली।
6. आलोचना व बहस
- भारतीय भाषाओं की उपेक्षा और भाषाई असंतुलन।
- ग्रामीण भारत शिक्षा से वंचित रह गया।
- यह अधिनियम सामाजिक विभाजन का भी कारण बना।
7. अधिनियम की विरासत और आधुनिक प्रभाव
- आज भी भारत में अंग्रेजी शिक्षा का प्रभुत्व बना हुआ है।
- सरकारी सेवाओं में अंग्रेजी की प्रमुखता जारी।
- नई शिक्षा नीति (NEP 2020) इस असंतुलन को ठीक करने की कोशिश कर रही है।
8. UPSC दृष्टिकोण + MCQs
- 1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम किसने पारित किया?
A. लॉर्ड कर्ज़न
B. लॉर्ड डलहौजी
C. लॉर्ड बेंटिक ✅
D. लॉर्ड रिपन - 'Downward Filtration Theory' किससे संबंधित है?
A. भू-राजस्व प्रणाली
B. शिक्षा नीति ✅
C. पुलिस सुधार
D. रेलवे नीति - मैकाले की रिपोर्ट कब पेश की गई थी?
A. 1823
B. 1835 ✅
C. 1845
D. 1857
9. FAQs
Q1: लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य क्या था?
Ans: अंग्रेजी भाषा को माध्यम बनाकर एक ऐसा वर्ग तैयार करना जो ब्रिटिश शासन को सुगमता से चला सके।
Q2: क्या यह अधिनियम भारतीय भाषाओं के लिए नुकसानदायक था?
Ans: हाँ, इससे पारंपरिक शिक्षा केंद्र उपेक्षित हुए और अंग्रेजी का वर्चस्व स्थापित हुआ।
Q3: 1835 का अधिनियम किस पर आधारित था?
Ans: लॉर्ड मैकाले के Minutes on Indian Education (1835) पर।
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यह लेख SarkariServicePrep.com की शोध टीम द्वारा विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।
🎯 लॉर्ड मैकाले एवं 1835 शिक्षा प्रस्ताव पर आधारित प्रश्नोत्तरी | MCQ Quiz
यह प्रश्नोत्तरी UPSC, SSC, RPSC जैसी परीक्षाओं में पूछे गए या संभावित प्रश्नों पर आधारित है।
-
लॉर्ड मैकाले का शिक्षा प्रस्ताव किस वर्ष पेश किया गया था?
a) 1813
b) 1833
✅ c) 1835
d) 1857 -
लॉर्ड मैकाले ने किस भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने की सिफारिश की?
a) संस्कृत
b) उर्दू
✅ c) अंग्रेज़ी
d) हिंदी -
मैकाले के अनुसार किस वर्ग को शिक्षित करने की योजना बनाई गई थी?
a) ग्रामीण किसान
b) ब्रिटिश अधिकारी
✅ c) उच्च वर्ग भारतीय
d) सभी भारतीय -
‘क्लास ऑफ इंटरप्रेटर्स’ से लॉर्ड मैकाले का क्या आशय था?
a) अंग्रेज़ों के लिए दुभाषिए
✅ b) भारतीय मध्यवर्ग जो अंग्रेज़ी सीखे
c) संस्कृत जानने वाले
d) फारसी लेखपाल -
लॉर्ड मैकाले की रिपोर्ट को किस गवर्नर जनरल ने लागू किया था?
✅ a) लॉर्ड विलियम बेंटिक
b) वारेन हेस्टिंग्स
c) लॉर्ड डलहौजी
d) लॉर्ड रिपन -
1835 के अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
a) वेदों का प्रचार
✅ b) पश्चिमी ज्ञान का प्रसार अंग्रेज़ी भाषा में
c) मदरसा शिक्षा
d) प्राथमिक शिक्षा का विस्तार -
मैकाले की शिक्षा नीति का सबसे बड़ा प्रभाव क्या था?
a) संस्कृत का विकास
b) धार्मिक शिक्षा का प्रसार
✅ c) अंग्रेज़ी का प्रभुत्व
d) मुस्लिम शिक्षा संस्थानों की वृद्धि -
मैकाले का किस रिपोर्ट से संबंध है?
a) हंटर आयोग
b) सैडलर रिपोर्ट
✅ c) मिनिट्स ऑफ 1835
d) वुड्स डिस्पैच -
लॉर्ड मैकाले की नीति से किस प्रणाली का अंत हुआ?
✅ a) ओरिएंटल शिक्षा प्रणाली
b) नैतिक शिक्षा
c) ब्रिटिश सेना
d) टेलिग्राफ प्रणाली -
निम्न में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
a) लॉर्ड मैकाले ने अंग्रेज़ी शिक्षा का समर्थन किया
b) संस्कृत और फारसी को मुख्य भाषा माना गया
✅ c) अंग्रेज़ी शिक्षा ग्रामीण स्तर पर लागू की गई
d) शिक्षा माध्यम का उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासन में सुविधा था
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