कवच" तकनीक: भारतीय रेलवे की स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली
🚆 "कवच" तकनीक: भारतीय रेलवे की स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली
"कवच" भारतीय रेलवे द्वारा विकसित एक स्वदेशी ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (Train Collision Avnnoidance System - TCAS) है, जिसे रेल दुर्घटनाओं को रोकने और यात्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।
🔹 "कवच" तकनीक के प्रमुख बिंदु:
✅ 🛑 ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली: यह सिस्टम दो ट्रेनों के बीच टक्कर की संभावना को भांपकर उन्हें स्वतः रोकने की क्षमता रखता है।
✅ 🚦 सिग्नल पासिंग प्रिवेंशन (SPAD) कंट्रोल: अगर कोई ट्रेन लाल सिग्नल को पार करने की कोशिश करती है, तो "कवच" उसे स्वतः रोक देता है।
✅ 🛰 जीपीएस और रेडियो संचार: "कवच" रेलवे ट्रैक, स्टेशन और नियंत्रण कक्षों से जुड़े नेटवर्क के माध्यम से रियल-टाइम ट्रेन लोकेशन ट्रैकिंग करता है।
✅ 🚆 160 किमी/घंटा तक की गति में सुरक्षा: यह सिस्टम हाई-स्पीड वंदे भारत और अन्य ट्रेनों में भी प्रभावी रूप से काम करता है।
✅ 📡 ट्रेन-ट्रेन कम्युनिकेशन: यह तकनीक दो ट्रेनों के बीच संपर्क स्थापित करके संभावित टक्कर से बचाव करती है।
✅ 🇮🇳 "मेक इन इंडिया" पहल: "कवच" को पूरी तरह से भारतीय तकनीक से विकसित किया गया है, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी।
📊 कवच तकनीक का मौजूदा परिदृश्य:
📍 2022 में पहली बार परीक्षण किया गया।
📍 दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर में लागू।
📍 2030 तक भारतीय रेलवे के प्रमुख मार्गों में इसे लागू करने की योजना।
🚀 "कवच" के लाभ
✔ रेलवे दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी।
✔ हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए सुरक्षित संचालन।
✔ यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ेगी।
✔ ऑटोमेटिक ट्रेन स्टॉपिंग सिस्टम से मानवीय त्रुटियों को रोका जा सकेगा।
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