कक्षा 10 NCERT विज्ञान: 200 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर (Exam Ready)
बोर्ड | NCERT आधारित (RBSE/CBSE समरूप) |
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मुख्य इकाइयाँ | रसायन, जीव, भौतिकी |
अध्याय | 16 (मानक वर्गीकरण) |
पुनरावृत्ति समय | 20–25 दिन (स्मार्ट प्लान) |
यह पेज | 100 Q&A + 8 तालिकाएँ + 5 चित्र |
कक्षा 10 NCERT विज्ञान: 100 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर (पूर्ण पाठ्यक्रम समरी)
कक्षा 10 NCERT विज्ञान (Science) का उद्देश्य विद्यार्थियों को रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और भौतिकी की मूलभूत अवधारणाओं का सुदृढ़, परीक्षोपयोगी और संतुलित बोध कराना है। यह व्यापक लेख 100 चयनित प्रश्न-उत्तर, आवश्यक सूत्र (formulae), परिभाषाएँ (definitions), आरेख (diagrams) और तुलनात्मक तालिकाएँ प्रदान करता है, ताकि आप कम समय में उच्च अंक हेतु लक्षित पुनरावृत्ति कर सकें। सामग्री Wikipedia-शैली में तटस्थ, संक्षिप्त और परीक्षा-दृष्टि से सुव्यवस्थित है।
- परीक्षा अवलोकन व वेटेज
- रसायन: अभिक्रियाएँ व समीकरण
- अम्ल, क्षार व लवण
- धातु व अधातु, कार्बन यौगिक
- जीव: जीवन प्रक्रियाएँ
- समन्वय, प्रजनन, आनुवंशिकी
- प्रकाश: परावर्तन-अपवर्तन
- मानव नेत्र व रंगीन संसार
- विद्युत व चुम्बकीय प्रभाव
- ऊर्जा स्रोत, पर्यावरण व संसाधन
- 100 परीक्षा-उपयोगी प्रश्न-उत्तर
- सूत्र-संग्रह (Quick Formula Sheet)
- तेज़ पुनरावृत्ति रणनीति
- संदर्भ
परीक्षा अवलोकन व वेटेज
कक्षा 10 NCERT विज्ञान का पाठ्यक्रम तीन खंडों में विभाजित है: रसायन (Chemistry), जीव (Biology) और भौतिकी (Physics)। बोर्ड परीक्षाएँ अवधारणात्मक प्रश्नों, संख्यात्मक समस्याओं और आरेख आधारित व्याख्याओं का संतुलित मिश्रण पूछती हैं। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों के आधार पर अध्यायवार वेटेज का औसत वितरण नीचे दिया गया है।[1]
खंड | अध्याय समूह | औसत वेटेज (%) | प्रश्न प्रकार |
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रसायन | अभिक्रियाएँ, अम्ल-क्षार-लवण, धातु-अधातु, कार्बन यौगिक | 26–30 | समता (balancing), कारण-प्रभाव, दैनिक जीवन |
जीव | जीवन प्रक्रियाएँ, समन्वय, प्रजनन, आनुवंशिकी | 30–34 | आरेख, परिभाषाएँ, क्रमबद्ध प्रक्रियाएँ |
भौतिकी | प्रकाश, नेत्र, विद्युत, चुम्बकत्व, ऊर्जा स्रोत | 36–40 | संख्यात्मक, नियम, रेखाचित्र |

रसायन: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
रासायनिक अभिक्रिया (Chemical Reaction) वे परिवर्तन हैं जिनमें अभिकारकों से उत्पाद बनते हैं। इन्हें सांकेतिक रूप से रासायनिक समीकरण (Chemical Equation) द्वारा व्यक्त किया जाता है। समीकरण संतुलन (Balancing) द्रव्यमान संरक्षण सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या दोनों पक्ष समान रखी जाती है।
अभिक्रियाओं के प्रकार—संयोजन, अपघटन, वियोजन/प्रतिस्थापन, द्वि-विस्थापन और ऑक्सीकरण-अपचयन—को समझना परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।[2]
प्रकार | सामान्य स्वरूप | उदाहरण | मुख्य बिंदु |
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संयोजन (Combination) | A + B → AB | 2H2 + O2 → 2H2O | ऊष्माक्षेपी हो सकती है |
अपघटन (Decomposition) | AB → A + B | 2KClO3 → 2KCl + 3O2 | ऊष्मा/विद्युत/प्रकाश द्वारा |
विस्थापन (Single Displacement) | A + BC → AC + B | Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu | धातु क्रियाशीलता श्रेणी पर निर्भर |
द्वि-विस्थापन (Double) | AB + CD → AD + CB | NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3 | अवक्षेप/गैस/जल बनना |
रेडॉक्स (Oxidation-Reduction) | e- का आदान-प्रदान | Fe2+ → Fe3+ (ऑक्सीकरण) | ऑक्सीकरण संख्या में परिवर्तन |
अम्ल (Acids), क्षार (Bases) एवं लवण (Salts)
अम्ल वे पदार्थ हैं जो जलीय विलयन में H+ आयन देते हैं, जबकि क्षार OH- आयन देते हैं। लवण अम्ल-क्षार के उदासीनीकरण (Neutralization) का परिणाम होते हैं। संकेतक (Indicators) जैसे लिटमस, मिथाइल ऑरेंज और फिनॉल्फ्थलीन अम्लीय/क्षारीय प्रकृति की पहचान करते हैं।[3]
श्रेणी | उदाहरण | pH श्रेणी | विशेषता |
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अम्ल | HCl, H2SO4, CH3COOH | < 7 | धातुओं से H2 गैस |
क्षार | NaOH, KOH, NH4OH | > 7 | चिकना स्पर्श, लाल लिटमस को नीला |
लवण | NaCl, Na2CO3, CH3COONa | ≈ 7 (अधिकांश) | अम्ल-क्षार के उदासीनीकरण से |
धातु एवं अधातु; कार्बन एवं उसके यौगिक
धातुएँ (Metals) ऊष्मा व विद्युत की सुचालक, तन्य एवं आघातवर्ध्य होती हैं, जबकि अधातुएँ (Non-metals) प्रायः विपरीत गुण दर्शाती हैं। क्रियाशीलता श्रेणी धातुओं की प्रतिक्रियाशीलता क्रम दर्शाती है। कार्बन सहसंयोजक बंध (Covalent Bond) बनाता है और लंबी श्रृंखलाएँ रचने की क्षमता (Catenation) रखता है।[4]
गुण | धातु | अधातु |
---|---|---|
विद्युत चालकता | उच्च (Cu, Al) | कम (S, P), अपवाद: ग्रेफाइट |
तन्यता/आघातवर्ध्यता | अधिक | कम/भंगुर |
ऑक्साइड प्रकृति | आधारकीय | अम्लीय/उभयधर्मी |
जीवन प्रक्रियाएँ (Life Processes)
जीवन प्रक्रियाएँ—पोषण (Nutrition), श्वसन (Respiration), परिवहन (Transportation) और उत्सर्जन (Excretion)—जीव के अस्तित्व हेतु आवश्यक हैं। पादपों में काष्ठीय ऊतकों के माध्यम से जल-लवण का परिवहन होता है, जबकि प्राणियों में परिसंचरण तंत्र रक्त, पोषक एवं गैसों का वहन करता है।[5]
प्रक्रिया | पादप | प्राणी/मानव | मुख्य तथ्य |
---|---|---|---|
पोषण | स्वपोषी (autotrophic) | परपोषी (heterotrophic) | क्लोरोफिल, प्रकाश-संश्लेषण |
श्वसन | कोशिकीय श्वसन | एरोबिक/एनेरोबिक | ATP उत्पादन |
परिवहन | जाइलम/फ्लोएम | हृदय, रक्त, धमनियाँ, शिराएँ | दाब/परासरण |
उत्सर्जन | रंध्र, पत्तियाँ | गुर्दे (किडनी) | नाइट्रोजन अपशिष्ट निष्कासन |
समन्वय एवं नियंत्रण; प्रजनन; आनुवंशिकी व उत्क्रांति
जीवों में समन्वय तंत्रिका तंत्र और अंत:स्रावी तंत्र द्वारा होता है। प्रजनन (Reproduction) अलैंगिक एवं लैंगिक दोनों प्रकार का हो सकता है। मेंडेल के आनुवंशिक नियम विरासत के पैटर्न समझाते हैं, जबकि उत्क्रांति (Evolution) जैव विविधता के दीर्घकालीन परिवर्तन का अध्ययन है।[6]
पद | अर्थ | उदाहरण |
---|---|---|
जीन (Gene) | वंशागति इकाई | बीज के रंग का जीन |
एलील (Allele) | जीन के वैकल्पिक रूप | R (गोल), r (झुर्रीदार) |
जीनोटाइप | आनुवंशिक संरचना | RR, Rr, rr |
फीनोटाइप | प्रकट गुण | गोल बीज |
प्रकाश: परावर्तन एवं अपवर्तन
परावर्तन (Reflection) में प्रकाश उसी माध्यम में लौटता है, जबकि अपवर्तन (Refraction) में माध्यम बदलने पर प्रकाश का मार्ग मुड़ता है। दर्पण सूत्र और लेंस सूत्र इमेज दूरी, वस्तु दूरी और फोकस दूरी के परस्पर संबंध को बताते हैं।[7]
संदर्भ | सूत्र | टिप्पणी |
---|---|---|
दर्पण सूत्र | 1/f = 1/v + 1/u | संकेत सम्मेलन का पालन |
लेंस सूत्र | 1/f = 1/v − 1/u | उत्तल/अवतल के लिए f का चिन्ह |
आवर्धन | m = hi/ho = v/u | उलटी/सीधी प्रतिबिंब |
स्नेल का नियम | n1sin i = n2sin r | आपतन/अपवर्तन कोण |
मानव नेत्र एवं रंगीन संसार
मानव नेत्र (Human Eye) की निकट बिंदु, दूर बिंदु और आवास (Accommodation) क्षमता दृष्टिदोषों—मायोपिया, हायपरोपिया, एस्टिग्मैटिज्म—को समझने में सहायक हैं। प्रिज़्म द्वारा श्वेत प्रकाश का वर्ण-विभाजन (Dispersion) इंद्रधनुष की व्याख्या करता है।[8]
विद्युत (Electricity) एवं चुम्बकीय प्रभाव
ओम का नियम (Ohm’s Law) V = IR विद्युत विभवांतर, धारा और प्रतिरोध के बीच रैखिक संबंध दिखाता है। श्रेणी व समांतर जुड़े प्रतिरोधों का तुल्य प्रतिरोध, तथा विद्युत शक्ति (P = VI) से संख्यात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। चुम्बकीय प्रभाव में फ्लेमिंग के बाएँ/दाएँ हाथ के नियम, विद्युतचुंबकीय प्रेरण और सॉलिनॉयड के गुण शामिल हैं।[9]
परिमाण | प्रतीक | SI इकाई | सूत्र |
---|---|---|---|
धारा | I | A (एम्पियर) | I = Q/t |
विभवांतर | V | V (वोल्ट) | V = W/Q |
प्रतिरोध | R | Ω (ओम) | R = ρl/A |
शक्ति | P | W (वाट) | P = VI = I2R = V2/R |
ऊर्जा स्रोत, पर्यावरण एवं संसाधन प्रबंधन
नवीकरणीय (Renewable) और अनवीकरणीय (Non-renewable) ऊर्जा स्रोतों के लाभ-हानि, दक्षता और पर्यावरणीय प्रभाव परीक्षा में बार-बार पूछे जाते हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, 3R (Reduce, Reuse, Recycle) और जैव-वृद्धि (Biomagnification) जैसे विचार पर्यावरण खंड का आधार बनाते हैं।[10]
स्रोत | प्रकार | लाभ | चुनौतियाँ |
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सौर | नवीकरणीय | स्वच्छ, सर्वव्यापी | अंतराल, प्रारंभिक लागत |
पवन | नवीकरणीय | कम उत्सर्जन | स्थान-निर्भर, ध्वनि |
कोयला | अनवीकरणीय | स्थापित अवसंरचना | प्रदूषण, CO2 |
जलविद्युत | नवीकरणीय | उच्च दक्षता | पारिस्थितिक प्रभाव |
100 परीक्षा-उपयोगी प्रश्न-उत्तर
नीचे दिए गए 100 प्रश्न-उत्तर पूरे पाठ्यक्रम को समेटते हैं। उत्तर संक्षिप्त, सटीक और परीक्षा के अनुरूप हैं। जहाँ उपयुक्त, तकनीकी शब्द हिंदी के साथ अंग्रेज़ी कोष्ठक में दिए गए हैं।
- रासायनिक समीकरण (Chemical Equation) क्या है? — अभिक्रिया का सांकेतिक निरूपण जिसमें अभिकारक, उत्पाद और उनकी मात्रा दिखाई जाए।
- समीकरण संतुलित क्यों करते हैं? — द्रव्यमान संरक्षण सिद्धांत के कारण, तत्वों के परमाणु संख्या दोनों ओर समान रखने हेतु।
- संयोजन अभिक्रिया का उदाहरण लिखें। — 2H2 + O2 → 2H2O।
- अपघटन अभिक्रिया क्या है? — एक यौगिक का सरल पदार्थों में टूटना; जैसे CaCO3 → CaO + CO2।
- रेडॉक्स अभिक्रिया परिभाषित करें। — जहाँ एक प्रजाति का ऑक्सीकरण और दूसरी का अपचयन साथ हो।
- ऑक्सीकरण संख्या क्या दर्शाती है? — किसी परमाणु का काल्पनिक आवेश जब यौगिक को आयनिक माना जाए।
- धातु क्रियाशीलता श्रेणी क्यों महत्त्वपूर्ण है? — विस्थापन अभिक्रियाओं की संभावना और क्रम अनुमान हेतु।
- अवक्षेपण (Precipitation) क्या है? — विलयन में अघुलनशील ठोस का बनना; जैसे AgCl↓।
- उत्प्रेरक (Catalyst) की भूमिका क्या है? — अभिक्रिया की दर बदलता है पर स्वयं स्थायी रूप से उपभोग नहीं होता।
- जंग (Rusting) का रासायनिक स्वरूप? — लौह का ऑक्सीकरण: Fe → Fe2O3·xH2O, नमी व O2 आवश्यक।
- अम्ल (Acid) की परिभाषा दें। — जलीय विलयन में H+ आयन देने वाला पदार्थ।
- क्षार (Base) क्या है? — OH- आयन देने वाला; धातु हाइड्रॉक्साइड सामान्य उदाहरण।
- pH का अर्थ? — हाइड्रोजन आयन सांद्रण का ऋण लघुगणक; अम्लता/क्षारता माप।
- प्रबल व दुर्बल अम्ल में अंतर। — प्रबल पूर्णत: आयनीकृत; दुर्बल आंशिक।
- उदासीनीकरण अभिक्रिया उदाहरण। — HCl + NaOH → NaCl + H2O।
- बेकिंग सोडा का सूत्र व उपयोग। — NaHCO3; बेकिंग, एंटासिड, अग्निशामक।
- वॉशिंग सोडा क्या है? — Na2CO3·10H2O; जल को मुलायम करने में।
- ब्लिचिंग पाउडर का सूत्र। — CaOCl2; जल कीटाणुनाशन।
- स्फटिकीकरण (Crystallization) क्या है? — घोल से शुद्ध स्फटिक प्राप्त करने की विधि।
- लवणों का pH कैसे निर्भर करता है? — जनक अम्ल/क्षार की शक्ति पर (मजबूत/कमजोर)।
- धातुओं के तीन भौतिक गुण लिखें। — तन्यता, आघातवर्ध्यता, सुचालकता।
- अधातुओं के दो रासायनिक गुण। — अम्लीय ऑक्साइड बनाते, H2 नहीं निकालते।
- उभयधर्मी धातु क्या है? — जो अम्ल और क्षार दोनों से अभिक्रिया करे; जैसे Zn, Al।
- धातुओं का संक्षारण रोकने के उपाय। — गैल्वनाइजेशन, पेंट, कैथोडिक संरक्षण।
- कार्बन का सहसंयोजक बंध क्यों स्थिर है? — इलेक्ट्रॉनों का साझाकरण और छोटे आकार के कारण।
- समावयव (Isomerism) क्या है? — समान सूत्र, भिन्न संरचना; जैसे C4H10 के n-ब्यूटेन/आइसोब्यूटेन।
- कार्यात्मक समूह (Functional Group) उदाहरण। — −OH (एल्कोहॉल), −COOH (कार्बोक्सिल)।
- एथेनॉल के दो उपयोग। — ईंधन (gasohol) और कीटाणुनाशक।
- साबुन व डिटर्जेंट में अंतर। — साबुन कठोर जल में कम प्रभावी; डिटर्जेंट कठोर जल में भी कार्यक्षम।
- एस्टरीकरण अभिक्रिया? — अल्कोहॉल + अम्ल → एस्टर + जल (सुगंधित)।
- पोषण के प्रकार? — स्वपोषी व परपोषी; परपोषी में परजीवी, सहभोजी, मृतजीवी।
- एरोबिक व एनेरोबिक श्वसन। — O2 के साथ/बिना; ऊर्जा उत्पादन भिन्न।
- मानव में गैस विनिमय कहाँ? — एल्वियोली (Alveoli) में प्रसरण द्वारा।
- रक्त के घटक? — RBC, WBC, प्लेटलेट्स, प्लाज़्मा।
- किडनी की क्रियात्मक इकाई? — नेफ्रॉन; निस्यंदन, पुनर्शोषण, स्रवण।
- पादप में परिवहन ऊतक? — जाइलम (जल/खनिज) और फ्लोएम (भोजन)।
- एंजाइम क्या हैं? — जैव-उत्प्रेरक प्रोटीन; विशिष्टता उच्च।
- पाचन में यकृत/अग्न्याशय की भूमिका। — पित्त (इमल्सीफिकेशन), पैंक्रियाटिक एन्ज़ाइम।
- हृदय का कार्य? — रक्त को दो परिसंचरणों में पंप करना—सिस्टमिक व पल्मोनरी।
- लसीका तंत्र का महत्व। — ऊतकों से द्रव निकासी, प्रतिरक्षा।
- न्यूरॉन की संरचना? — डेंड्राइट, सेल-बॉडी, ऐक्सॉन, साइनैप्स।
- हार्मोन क्या हैं? — अंत:स्रावी ग्रंथि से स्रावित रासायनिक संदेशवाहक।
- ट्रॉपिक मूवमेंट का उदाहरण। — प्रकाशानुवर्त (Phototropism) में तना प्रकाश की ओर मुड़ता है।
- अलैंगिक प्रजनन प्रकार। — द्विखण्डन, कलीजनन, स्पोर निर्माण, वानस्पतिक प्रवर्धन।
- लैंगिक प्रजनन का लाभ। — आनुवंशिक विविधता; अनुकूलन क्षमता बढ़ती है।
- मेंडेल का विभाजन का नियम? — एलील्स गैमीट निर्माण में अलग हो जाते हैं।
- पुनेट स्क्वायर का उपयोग। — संतान के जीनोटाइप/फीनोटाइप की संभावना ज्ञात करना।
- लिंग निर्धारण (मानव) कैसे? — पुरुष के X/Y क्रोमोसोम से; XY = पुत्र, XX = पुत्री।
- उत्क्रांति का साक्ष्य? — जीवाश्म, समजात अंग, जैव-भौगोलिक वितरण।
- प्राकृतिक व कृत्रिम चयन। — प्रकृति व मानव-चयन द्वारा गुणों का परिवर्तन।
- परावर्तन के नियम? — आपतन कोण = परावर्तन कोण; किरण, अभिलंब व परावर्तित किरण एक तल में।
- अवतल दर्पण के उपयोग। — शेविंग, परावर्ती दूरदर्शी, हेडलाइट्स।
- लेंस का आवर्धन सूत्र? — m = v/u = hi/ho।
- पूर्ण आंतरिक परावर्तन कब? — प्रकाश उच्च अपवर्तनांक से निम्न में, क्रांतिक कोण से अधिक आपतन पर।
- इंद्रधनुष कैसे बनता है? — जलकणों में अपवर्तन, परावर्तन और पुन: अपवर्तन से।
- नेत्र का निकट/दूर बिंदु? — सामान्य: 25 से.मी./अनंत।
- मायोपिया सुधार? — अवतल लेंस; दूर की वस्तु स्पष्ट।
- हायपरोपिया सुधार? — उत्तल लेंस; निकट दृष्टि स्पष्ट।
- रंग-विवर्तन (Dispersion) क्या है? — तरंगदैर्ध्य-निर्भर अपवर्तन से रंग अलग होना।
- प्रिज़्म विचलन किस पर निर्भर? — कोण, पदार्थ का n, आपतन कोण।
- ओम का नियम लिखें। — V = IR, ताप स्थिर रहने पर V ∝ I।
- श्रृंखला में प्रतिरोध जुड़ने पर Req? — Req = R1+R2+…
- समांतर में Req? — 1/Req = 1/R1 + 1/R2 + …
- विद्युत शक्ति के सूत्र। — P=VI=I2R=V2/R।
- रेसिस्टिविटी (ρ) किस पर निर्भर? — पदार्थ व तापमान पर; लंबाई/क्षेत्रफल पर नहीं।
- किर्चहॉफ़ के नियम? — जंक्शन: ΣI=0; लूप: ΣV=0।
- चुंबकीय क्षेत्र की दिशा (धारा-वाहक चालक)। — राइट-हैंड थंब रूल से।
- फ्लेमिंग का बायाँ हाथ नियम? — मोटर बल की दिशा ज्ञात करने हेतु।
- विद्युतचुंबकीय प्रेरण किसने बताया? — फैराडे; बदलते फ्लक्स से EMF उत्पन्न।
- AC और DC में अंतर। — AC का परिमाण/दिशा बदलती; DC स्थिर।
- नवीकरणीय ऊर्जा क्या है? — शीघ्र पुनर्भरणीय स्रोत; सौर, पवन, बायोगैस।
- हरितगृह प्रभाव का कारण? — CO2, CH4 आदि गैसें IR अवशोषित करती हैं।
- अम्ल वर्षा (Acid Rain) का कारण। — SO2/NOx का H2SO4/HNO3 बनना।
- ओज़ोन परत का महत्व। — UV-B/C से संरक्षण; CFC से क्षरण।
- जैव-वृद्धि (Biomagnification) क्या है? — खाद्य-श्रृंखला में विषाक्तता की बढ़ोत्तरी; DDT उदाहरण।
- 3R सिद्धांत समझाएँ। — Reduce, Reuse, Recycle—कचरा प्रबंधन।
- जल संरक्षण के उपाय। — वर्षाजल संचयन, ड्रिप सिंचाई, अपशिष्ट जल पुन: उपयोग।
- वनों का महत्व। — जैव-विविधता, जल चक्र, मृदा संरक्षण, कार्बन सिंक।
- जीवाश्म ईंधन की समस्या। — सीमित भंडार, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन।
- स्वच्छ ऊर्जा के दो उदाहरण। — सौर फोटोवोल्टिक, पवन टरबाइन।
- यदि V=12 V, R=6 Ω, तो I? — I = V/R = 2 A।
- 60 W बल्ब 220 V पर धारा? — I=P/V=60/220≈0.27 A।
- तीन 2 Ω श्रेणी में Req? — 6 Ω।
- तीन 6 Ω समांतर में Req? — 2 Ω।
- लेंस f=+20 cm, u=−40 cm; v? — 1/f=1/v−1/u ⇒ 1/20=1/v+1/40 ⇒ v≈+13.33 cm।
- आवर्धन m=v/u, ऊपर के प्रश्न में m? — m=13.33/−40≈−0.33 (उल्टा, छोटा)।
- दर्पण में u=−30 cm, f=−15 cm; v? — 1/f=1/v+1/u ⇒ −1/15=1/v−1/30 ⇒ v=−10 cm।
- कार्बन श्रृंखला क्यों स्थिर? — C–C बंध की मजबूत ऊर्जा व catenation क्षमता।
- एथीन (C2H4) किस प्रकार का हाइड्रोकार्बन? — अल्कीन्स; एक दोहरा बंध।
- एथाइन (C2H2) का उपयोग? — ऑक्सी-एसीटिलीन वेल्डिंग (उच्च ताप)।
- हृदय में वाल्वों का कार्य? — रक्त का एकदिश प्रवाह सुनिश्चित करना।
- फुफ्फुसीय धमनी/शिरा क्या वहन करती? — धमनी: डीऑक्सीजनयुक्त; शिरा: ऑक्सीजनयुक्त (अपवाद性质)।
- स्टोमाटा का कार्य? — गैस विनिमय व वाष्पोत्सर्जन।
- फोटोसिस्टम में क्लोरोफिल की भूमिका? — प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरित करना।
- ट्रांसलोकेशन क्या है? — फ्लोएम के माध्यम से भोजन का परिवहन (सोर्स से सिंक)।
- रिफ्लेक्स क्रिया कौन नियंत्रित करता? — स्पाइनल कॉर्ड; त्वरित प्रतिक्रिया।
- एड्रेनालिन का प्रभाव? — “फाइट-या-फ्लाइट” प्रतिक्रिया; हृदयगति, ग्लूकोज़ बढ़ना।
- डायहाइब्रिड क्रॉस का फीनोटाइप अनुपात? — 9:3:3:1 (स्वतंत्र वर्गीकरण पर)।
- एंटीबायोटिक किस पर कार्य करता? — बैक्टीरिया; वायरस पर नहीं।
- टीकाकरण का सिद्धांत? — स्मृति कोशिकाएँ बनाकर प्रतिरक्षा को प्रशिक्षित करना।
- खाद्य-श्रृंखला व जाल में अंतर। — श्रृंखला रैखिक; जाल परस्पर जुड़ी बहु-श्रृंखलाएँ।
- ट्रॉफिक स्तर क्या है? — खाद्य शृंखला में ऊर्जा का स्तर (उत्पादक, उपभोक्ता)।
- 10% ऊर्जा नियम? — अगले स्तर को औसतन 10% ऊर्जा स्थानांतरित होती है।
- कचरा पृथक्करण क्यों? — पुनर्चक्रण व प्रदूषण घटाने हेतु।
- जल-शोधन के चरण? — तलछटीकरण, परिशोधन, कीटाणुनाशन।
- CO2 बढ़ने का असर महासागरों पर? — अम्लीकरण; प्रवाल क्षति।
- बायोगैस का मुख्य घटक? — मीथेन (CH4)।
- LED की दक्षता क्यों अधिक? — ऊष्मा हानि कम; विद्युत-दीप्ति।
- घरेलू मीटर किसे मापता? — विद्युत ऊर्जा (kWh), यूनिट।
- फ्यूज़ का कार्य? — अतिधारा पर परिपथ की सुरक्षा हेतु गलना।
सूत्र-संग्रह (Quick Formula Sheet)
विषय | सूत्र | प्रयोग |
---|---|---|
ओम का नियम | V = IR | धारा/विभव/प्रतिरोध |
शक्ति | P = VI = I2R = V2/R | विद्युत शक्ति/ऊर्जा |
रेसिस्टिविटी | R = ρl/A | तार का प्रतिरोध |
दर्पण/लेंस | 1/f = 1/v ± 1/u | इमेज दूरी, फोकस |
आवर्धन | m = v/u | प्रतिबिंब आकार |
pH | pH = −log[H+] | अम्लता/क्षारता |
मेंडेल | मोनोहाइब्रिड 3:1; डायहाइब्रिड 9:3:3:1 | विरासत अनुपात |
तेज़ पुनरावृत्ति रणनीति
- प्राथमिकता: पहले विद्युत, प्रकाश, जीवन प्रक्रियाएँ, फिर रसायन के चार अध्याय।
- तालिका-आधारित पढ़ाई: अम्ल-क्षार संकेतक, धातु-अधातु भेद, ऊर्जा स्रोत तुलना को तालिकाओं से याद करें।
- प्रैक्टिस: रोज 10 न्यूमेरिकल—ओम नियम, Req, लेंस-दर्पण, शक्ति।
- आरेख: हृदय, नेफ्रॉन, नेत्र, प्रिज़्म—लेबलिंग के साथ 2–3 बार बनाएं।
- गलतियाँ जर्नल: गलत हल/कंसेप्ट का एक पेज—परीक्षा से पहले सिर्फ वही देखें।
संदर्भ
- NCERT, Science — Class X, नवीनतम संस्करण।[1]
- NCERT अध्याय 1: Chemical Reactions and Equations।[2]
- NCERT अध्याय 2: Acids, Bases and Salts।[3]
- NCERT अध्याय 3–4: Metals and Non-metals; Carbon and its Compounds।[4]
- NCERT अध्याय 6: Life Processes।[5]
- NCERT अध्याय 7–9: Control & Coordination; How do Organisms Reproduce?; Heredity and Evolution।[6]
- NCERT अध्याय 10: Light—Reflection and Refraction।[7]
- NCERT अध्याय 11: Human Eye and the Colourful World।[8]
- NCERT अध्याय 12–13: Electricity; Magnetic Effects of Electric Current।[9]
- NCERT अध्याय 14–16: Sources of Energy; Our Environment; Management of Natural Resources।[10]
- Wikimedia Commons — प्रकाश, आवर्त सारणी, हृदय आरेख, सर्किट चित्र।
- OpenStax & Khan Academy (पूरक संदर्भ एवं चित्रण अवधारणाएँ)।
श्रेणियाँ: कक्षा 10 विज्ञान | NCERT नोट्स | परीक्षा तैयारी | RBSE/CBSE
कक्षा 10 NCERT विज्ञान
100 महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
संपूर्ण पाठ्यक्रम | परीक्षा उपयोगी
1. रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
उदाहरण: CaO + H2O → Ca(OH)2
ऊष्माशोषी अभिक्रिया: जिसमें ऊष्मा अवशोषित होती है (जैसे: प्रकाश संश्लेषण)।
(लोहा कॉपर को विस्थापित करता है)
उदाहरण: Na2SO4 + BaCl2 → BaSO4 + 2NaCl
अपचयन: ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन का योग।
2. अम्ल, क्षारक और लवण
• pH 7 = उदासीन
• pH < 7 = अम्लीय
• pH > 7 = क्षारीय
उदाहरण: HCl + NaOH → NaCl + H2O
दुर्बल अम्ल: आंशिक रूप से आयनित होते हैं (CH3COOH, H2CO3)।
उदाहरण: CuSO4.5H2O (नीला थोथा)
उपयोग: बेकरी उत्पादों में, अग्निशामक में, एंटासिड के रूप में।
उपयोग: काँच, साबुन और कागज उद्योगों में, जल की कठोरता दूर करने में।
उपयोग: विरंजक, कीटाणुनाशक, पेयजल शुद्धिकरण में।
3. धातु एवं अधातु
• आघातवर्धनीय (पीटने पर चादर बनाना)
• तन्य (खींचने पर तार बनाना)
• ऊष्मा और विद्युत की सुचालक
• उच्च गलनांक और क्वथनांक
• ध्वानिक (आघात करने पर ध्वनि उत्पन्न करना)
• ऊष्मा और विद्युत की कुचालक (ग्रेफाइट अपवाद)
• चमकहीन (आयोडीन अपवाद)
• निम्न गलनांक और क्वथनांक
• तन्य और आघातवर्धनीय नहीं
• ठोस अवस्था में विद्युत चालन नहीं
• जलीय विलयन और गलित अवस्था में विद्युत चालन
• जल में विलेय
• कठोर और भंगुर
श्रेणी: K > Na > Ca > Mg > Al > Zn > Fe > Pb > H > Cu > Hg > Ag > Au
अयस्क: वे खनिज जिनसे धातु को लाभप्रद और आर्थिक रूप से निष्कर्षित किया जा सकता है। सभी अयस्क खनिज हैं परन्तु सभी खनिज अयस्क नहीं।
2ZnS + 3O2 → 2ZnO + 2SO2
उदाहरण: पीतल (Cu + Zn), कांसा (Cu + Sn), स्टेनलेस स्टील (Fe + C + Cr + Ni)
उदाहरण: Al2O3, ZnO
4. कार्बन एवं उसके यौगिक
• श्रृंखलन (स्वयं से लंबी श्रृंखलाएँ बनाना)
• छोटे आकार के कारण प्रबल आबंध
• एकल, द्वि और त्रि-आबंध बना सकता है
• अन्य तत्वों से बंध बना सकता है
असंतृप्त: द्विआबंध या त्रिआबंध होते हैं (एल्कीन - CnH2n, एल्काइन - CnH2n-2)।
• -OH (एल्कोहॉल)
• -COOH (कार्बोक्सिलिक अम्ल)
• -CHO (एल्डिहाइड)
• -CO- (कीटोन)
CH3COOH + C2H5OH ⇌ CH3COOC2H5 + H2O
तेल/वसा + NaOH → साबुन + ग्लिसरॉल
अपमार्जक: कठोर जल में भी प्रभावी, अवक्षेप नहीं, कुछ जैव निम्नीकरणीय नहीं होते।
5. तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
वर्ग: ऊर्ध्वाधर स्तंभ (18 वर्ग)। एक वर्ग के तत्वों के संयोजकता इलेक्ट्रॉन समान होते हैं।
वर्ग में: ऊपर से नीचे धात्विक गुण बढ़ता है।
• बाहरी कोश पूर्ण भरा (8 इलेक्ट्रॉन, हीलियम में 2)
• वर्ग 18 में स्थित
• एकपरमाणुक गैसें
• उदाहरण: He, Ne, Ar, Kr, Xe, Rn
6. जैव प्रक्रम
विषमपोषी: भोजन अन्य स्रोतों से प्राप्त करते हैं (जंतु, कवक)।
यह ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
कार्य: गैसों का आदान-प्रदान (CO2, O2), वाष्पोत्सर्जन।
2. अवायवीय श्वसन: ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, 2 ATP उत्पन्न, कोशिकाद्रव्य में।
यह ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
सहायक अंग: लार ग्रंथियाँ, यकृत, पित्ताशय, अग्न्याशय।
• आमाशय से आने वाले अम्लीय भोजन को क्षारीय बनाना
• अग्न्याशयी एंजाइमों को सक्रिय करना
• पाचन में सहायता (स्वयं कोई एंजाइम नहीं)
1. फुफ्फुस परिसंचरण: हृदय → फेफड़े → हृदय (ऑक्सीजनीकरण)
2. तंत्रिका परिसंचरण: हृदय → शरीर → हृदय
2. RBC (लाल रुधिर कोशिकाएँ): हीमोग्लोबिन, O2 परिवहन।
3. WBC (श्वेत रुधिर कोशिकाएँ): रोग प्रतिरोधक।
4. प्लेटलेट्स: रुधिर का थक्का बनाना।
कार्य: वसा का परिवहन, संक्रमण से सुरक्षा, अतिरिक्त द्रव को रुधिर में लौटाना।
लाभ: शीतलन, जल और खनिजों का ऊपरी परिवहन (चूषण बल), आर्द्रता नियंत्रण।
2. पुनरावशोषण: उपयोगी पदार्थों (ग्लूकोज, अमीनो अम्ल, जल, लवण) का पुनः अवशोषण।
3. स्रवण: अनावश्यक पदार्थों का मूत्र में स्रवण।
7. नियंत्रण एवं समन्वय
• कोशिका काय (साइटॉन): केन्द्रक युक्त
• डेंड्राइट: आवेग ग्रहण करना
• एक्सॉन: आवेग संचरण
• माइलिन आवरण: इन्सुलेशन
• सिनैप्स: दो न्यूरॉनों के बीच संधि
उदाहरण: गर्म वस्तु छूने पर हाथ हटाना, घुटने की प्रतिवर्ती क्रिया।
2. मध्य मस्तिष्क: दृष्टि और श्रवण अनुक्रिया।
3. पश्च मस्तिष्क (अनुमस्तिष्क + मेडुला): संतुलन, मुद्रा, श्वसन, हृदय स्पंदन।
हार्मोन: थायरॉक्सिन (आयोडीन आवश्यक)
कार्य: उपापचय दर नियंत्रण, वृद्धि और विकास।
कमी: घेंघा रोग, बौनापन।
ग्रंथि: अग्न्याशय (लैंगरहैंस की द्वीपिकाएं)
कार्य: रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करना।
कमी: मधुमेह (डायबिटीज़)
हार्मोन: वृद्धि हार्मोन (GH)
कमी: बौनापन
अधिकता: विशालकायता (एक्रोमेगाली)
2. जिबरेलिन: तने की वृद्धि, अंकुरण।
3. साइटोकाइनिन: कोशिका विभाजन।
4. एब्सिसिक एसिड: वृद्धि अवरोधक, रंध्र बंद करना।
5. एथिलीन: फल पकाना।
प्रकार:
• प्रकाशानुवर्तन: प्रकाश की ओर (धनात्मक) या विपरीत (ऋणात्मक)
• गुरुत्वानुवर्तन: गुरुत्व की दिशा में (मूल-धनात्मक, प्ररोह-ऋणात्मक)
• जलानुवर्तन: जल की ओर
• रसायनानुवर्तन: रसायनों की ओर
8. जीव जनन कैसे करते हैं
आवश्यकता: जाति की निरंतरता, जैव विविधता, विकास।
2. मुकुलन: मुकुल बनना (यीस्ट, हाइड्रा)
3. पुनरुद्भवन: शरीर के टुकड़ों से नया जीव (प्लेनेरिया, हाइड्रा)
4. बीजाणु निर्माण: बीजाणु से (कवक, फर्न)
5. कायिक प्रवर्धन: पौधों के भागों से (गन्ना, आलू, गुलाब)
मादा जनन अंग (स्त्रीकेसर): वर्तिकाग्र + वर्तिका + अंडाशय (बीजांड)।
1. स्व-परागण: उसी पुष्प या पौधे में।
2. पर-परागण: दूसरे पौधे के पुष्प में (हवा, कीट, जल द्वारा)।
• शुक्रवाहिकाएं: शुक्राणुओं का परिवहन।
• मूत्रमार्ग: शुक्राणुओं का मार्ग।
• सहायक ग्रंथियाँ: प्रोस्टेट, शुक्राशय (तरल पदार्थ स्रावित करती हैं)।
• फैलोपियन नलिका: निषेचन स्थल।
• गर्भाशय: भ्रूण का विकास।
• योनि: बाहरी जनन मार्ग।
2. यांत्रिक: कंडोम, डायफ्राम, कॉपर-T।
3. रासायनिक: गर्भनिरोधक गोलियाँ।
4. शल्य: पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी।
9. आनुवंशिकता एवं जैव विकास
2. पृथक्करण का नियम: युग्मकों में केवल एक एलील जाता है।
3. स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम: विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।
गुणसूत्र: DNA और प्रोटीन से बनी संरचना जो केन्द्रक में पाई जाती है। मनुष्य में 23 जोड़ी (46) गुणसूत्र होते हैं।
• मादा: XX (समयुग्मजी)
• नर: XY (विषमयुग्मजी)
पुरुष के शुक्राणु (X या Y) से लिंग निर्धारण होता है। महिला के अंडाणु में केवल X होता है।
समवृत्ति अंग: कार्य समान, संरचना और उत्पत्ति भिन्न (पक्षी और कीट के पंख)। अभिसारी विकास।
महत्व: विकास का प्रमाण, जीवों के क्रमिक विकास को दर्शाते हैं, भूवैज्ञानिक काल का निर्धारण।
10. प्रकाश - परावर्तन तथा अपवर्तन
नियम:
1. आपतन कोण = परावर्तन कोण (∠i = ∠r)
2. आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलंब एक ही तल में होते हैं।
जहाँ, f = फोकस दूरी, v = प्रतिबिंब दूरी, u = वस्तु दूरी
आवर्धन: m = -v/u = h'/h
उत्तल दर्पण: वाहनों के पश्च दृश्य दर्पण (क्योंकि ये अधिक क्षेत्र दिखाते हैं और सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं)।
n = c/v
या, n = sin i / sin r (स्नेल का नियम)
जल का अपवर्तनांक = 1.33, काँच का = 1.5
लेंस की क्षमता (P): P = 1/f (मीटर में)
मात्रक: डायोप्टर (D)
उत्तल लेंस: दूर दृष्टि दोष में, जरा दूरदर्शिता में, आवर्धक लेंस, कैमरा, सूक्ष्मदर्शी में।
• आइरिस: पुतली का आकार नियंत्रण
• लेंस: प्रकाश को फोकस करना
• रेटिना: प्रतिबिंब बनना, संवेदी कोशिकाएं
• दृष्टि तंत्रिका: संकेत मस्तिष्क तक पहुँचाना
11. मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
2. दूर दृष्टि दोष: पास की वस्तु नहीं दिखती। निवारण: उत्तल लेंस।
3. जरा दूरदर्शिता: समंजन क्षमता कम। निवारण: द्विफोकसी लेंस।
उदाहरण: आकाश का नीला दिखना, सूर्योदय और सूर्यास्त में लाल रंग।
12. विद्युत
V = IR
जहाँ, V = विभवांतर (वोल्ट), I = धारा (एम्पियर), R = प्रतिरोध (ओम)
R = ρl/A
कारक: लंबाई (∝), अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल (1/∝), पदार्थ की प्रकृति (ρ), ताप।
धारा समान, विभवांतर विभिन्न।
समांतर क्रम: 1/R = 1/R₁ + 1/R₂ + 1/R₃ (प्रतिरोध घटता है)
विभवांतर समान, धारा विभिन्न।
विद्युत ऊर्जा: E = P × t = VIt (जूल या kWh)
1 kWh = 1 यूनिट = 3.6 × 10⁶ जूल
जूल का नियम: H = I²Rt
उपयोग: विद्युत हीटर, इस्त्री, टोस्टर, बल्ब, फ्यूज।
13. विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
उपयोग: विद्युत घंटी, विद्युत मोटर, जेनरेटर, लाउडस्पीकर, चुंबकीय क्रेन।
फैराडे का नियम: प्रेरित विद्युत वाहक बल चुंबकीय फ्लक्स के परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है।
उपयोग: विद्युत जनित्र (जेनरेटर)।
ये 100 प्रश्न कक्षा 10 NCERT विज्ञान के सभी महत्वपूर्ण अध्यायों को कवर करते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए:
✓ सभी प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें
✓ रासायनिक सूत्र और समीकरण याद करें
✓ चित्र बनाने का अभ्यास करें
✓ संख्यात्मक प्रश्नों का अभ्यास करें
✓ NCERT पुस्तक के प्रश्नावली हल करें
शुभकामनाएं! 🎯
संपूर्ण पाठ्यक्रम समाप्त
परीक्षा के लिए शुभकामनाएं! 📚✨