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राजस्थान STEM शिक्षक प्रशिक्षण 2025: TNA फॉर्म (कक्षा 6-10) - समग्र शिक्षा की नई पहल

राजस्थान में STEM शिक्षा को मिलेगा नया आयाम: शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकता आकलन (TNA) प्रारंभ

जयपुर, राजस्थान: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-स्कूल शिक्षा (NCF) के अनुरूप, राजस्थान में सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने और STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। समग्र शिक्षा अभियान, जयपुर द्वारा कक्षा 6 से 10 में विज्ञान एवं गणित विषय के शिक्षकों के लिए विशेष STEM आधारित प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

इस महत्वाकांक्षी पहल के तहत, प्रभावी प्रशिक्षण कार्ययोजना एवं मैन्युअल निर्माण के उद्देश्य से शिक्षकों की वर्तमान शैक्षणिक प्रक्रियाओं, विषयगत समझ, शिक्षण विधियों, आकलन तकनीकों, समावेशी कक्षा प्रबंधन और तकनीकी एकीकरण से संबंधित प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आकलन (Training Need Assessment - TNA) किया जा रहा है।

TNA का उद्देश्य और प्रक्रिया

गुणवत्ता एवं प्रशिक्षण प्रकोष्ठ, समग्र शिक्षा, जयपुर के अनुसार, यह प्रशिक्षण आवश्यकता आकलन एक स्व-आकलन प्रपत्र (Self-Assessment Form) के माध्यम से किया जा रहा है। इस प्रपत्र का मुख्य उद्देश्य है:

  • शिक्षकों को यह जानने का अवसर देना कि वे किन शैक्षणिक क्षेत्रों में स्वयं को सशक्त महसूस करते हैं।
  • उन क्षेत्रों की पहचान करना जहाँ शिक्षकों को और अधिक सहायता या प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
  • शिक्षकों द्वारा दी गई बहुमूल्य जानकारी का उपयोग करके STEM प्रशिक्षण मॉड्यूल और कार्ययोजना को और अधिक प्रभावी और लक्ष्योन्मुख बनाना।

यह स्पष्ट किया गया है कि प्रपत्र में दी गई जानकारी का उपयोग केवल और केवल प्रशिक्षण कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए ही किया जाएगा और यह किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत मूल्यांकन से संबंधित नहीं है।

कौन शिक्षक भर सकते हैं यह प्रपत्र?

यह स्व-आकलन प्रपत्र विशेष रूप से उन शिक्षकों के लिए है जो राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में:

  • कक्षा 6 से 10 में अध्यापन कार्य करा रहे हैं।
  • और विज्ञान (Science) या गणित (Mathematics) विषय पढ़ाते हैं।

अन्य विषयों या कक्षाओं के शिक्षकों को यह प्रपत्र भरने की आवश्यकता नहीं है।

🚨 प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि: 17 जून 2025 🚨

स्व-आकलन प्रपत्र भरने हेतु लिंक

संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उनके जिले/ब्लॉक में संचालित सभी राजकीय विद्यालयों के पात्र विज्ञान और गणित शिक्षक इस फॉर्म को निर्धारित समय सीमा 17 जून 2025 तक अनिवार्य रूप से भर दें।

यह पहल राजस्थान में STEM शिक्षा को एक नई ऊंचाई पर ले जाने और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, खोज-आधारित शिक्षा और अनुभवात्मक सीखने को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

स्रोत: गुणवत्ता एवं प्रशिक्षण प्रकोष्ठ, समग्र शिक्षा, जयपुर राजस्थान।

शब्दावली (Glossary of Key Terms)

📜NEP 2020 (एनईपी 2020)
National Education Policy 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020): भारत सरकार द्वारा जारी की गई एक व्यापक नीति जिसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च शिक्षा तक सुधार लाना है। यह नीति रटंत विद्या के बजाय वैचारिक समझ, रचनात्मकता, और कौशल विकास पर जोर देती है。
📖NCF (एनसीएफ)
National Curriculum Framework (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा): यह NEP के दिशानिर्देशों के आधार पर तैयार किया गया एक विस्तृत ढांचा है जो बताता है कि विभिन्न विषयों में क्या और कैसे पढ़ाया जाना चाहिए। NCF-SE (School Education) विशेष रूप से स्कूली शिक्षा के लिए है।
🔬STEM (स्टेम)
Science, Technology, Engineering, and Mathematics (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित): शिक्षा का एक दृष्टिकोण जो इन चार विषयों को एकीकृत तरीके से पढ़ाने पर जोर देता है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, समस्या-समाधान कौशल और नवाचार को बढ़ावा देना है।
🛠️Learning-by-Doing (लर्निंग-बाई-डूइंग)
करके सीखना: एक शिक्षण पद्धति जिसमें विद्यार्थी सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त करने के बजाय व्यावहारिक गतिविधियों और प्रयोगों के माध्यम से सीखते हैं।
💡Experiential Learning (अनुभवात्मक अधिगम)
अनुभवजन्य शिक्षा: एक ऐसी अधिगम प्रक्रिया जिसमें विद्यार्थी अनुभवों और उन पर चिंतन के माध्यम से ज्ञान और कौशल अर्जित करते हैं। यह वास्तविक दुनिया की स्थितियों से सीखने पर जोर देता है।
📊TNA (टीएनए)
Training Need Assessment (प्रशिक्षण आवश्यकता आकलन): एक प्रक्रिया जिसके माध्यम से किसी समूह (जैसे शिक्षकों) की वर्तमान क्षमताओं और वांछित क्षमताओं के बीच के अंतर को पहचाना जाता है ताकि लक्षित और प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन किए जा सकें।
🏛️समग्र शिक्षा अभियान
भारत सरकार की एक एकीकृत योजना जो प्री-स्कूल से लेकर कक्षा 12 तक की स्कूली शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर करती है। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, समान अवसर प्रदान करना और शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना है।
📝स्व-आकलन प्रपत्र (Self-Assessment Form)
एक ऐसा प्रपत्र जिसे व्यक्ति स्वयं भरता है ताकि वह अपनी क्षमताओं, ज्ञान, कौशल या आवश्यकताओं का आकलन कर सके। TNA के संदर्भ में, यह शिक्षकों को उनकी प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पहचानने में मदद करता है।
🧩समावेशी कक्षा प्रबंधन (Inclusive Classroom Management)
एक ऐसी कक्षा का प्रबंधन करना जहाँ विभिन्न क्षमताओं, पृष्ठभूमियों और सीखने की शैलियों वाले सभी विद्यार्थियों को सीखने और भाग लेने के समान अवसर मिलें।
💻तकनीकी एकीकरण (Technological Integration)
शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) उपकरणों और संसाधनों (जैसे कंप्यूटर, इंटरनेट, शैक्षिक सॉफ्टवेयर) का प्रभावी ढंग से उपयोग करना।

शब्दावली (Glossary of Key Terms)

📜NEP 2020 (एनईपी 2020)
National Education Policy 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020): भारत सरकार द्वारा जारी की गई एक व्यापक नीति जिसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च शिक्षा तक सुधार लाना है। यह नीति रटंत विद्या के बजाय वैचारिक समझ, रचनात्मकता, और कौशल विकास पर जोर देती है。
📖NCF (एनसीएफ)
National Curriculum Framework (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा): यह NEP के दिशानिर्देशों के आधार पर तैयार किया गया एक विस्तृत ढांचा है जो बताता है कि विभिन्न विषयों में क्या और कैसे पढ़ाया जाना चाहिए। NCF-SE (School Education) विशेष रूप से स्कूली शिक्षा के लिए है।
🔬STEM (स्टेम)
Science, Technology, Engineering, and Mathematics (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित): शिक्षा का एक दृष्टिकोण जो इन चार विषयों को एकीकृत तरीके से पढ़ाने पर जोर देता है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, समस्या-समाधान कौशल और नवाचार को बढ़ावा देना है।
🛠️Learning-by-Doing (लर्निंग-बाई-डूइंग)
करके सीखना: एक शिक्षण पद्धति जिसमें विद्यार्थी सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त करने के बजाय व्यावहारिक गतिविधियों और प्रयोगों के माध्यम से सीखते हैं।
💡Experiential Learning (अनुभवात्मक अधिगम)
अनुभवजन्य शिक्षा: एक ऐसी अधिगम प्रक्रिया जिसमें विद्यार्थी अनुभवों और उन पर चिंतन के माध्यम से ज्ञान और कौशल अर्जित करते हैं। यह वास्तविक दुनिया की स्थितियों से सीखने पर जोर देता है।
📊TNA (टीएनए)
Training Need Assessment (प्रशिक्षण आवश्यकता आकलन): एक प्रक्रिया जिसके माध्यम से किसी समूह (जैसे शिक्षकों) की वर्तमान क्षमताओं और वांछित क्षमताओं के बीच के अंतर को पहचाना जाता है ताकि लक्षित और प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन किए जा सकें।
🏛️समग्र शिक्षा अभियान
भारत सरकार की एक एकीकृत योजना जो प्री-स्कूल से लेकर कक्षा 12 तक की स्कूली शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर करती है। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, समान अवसर प्रदान करना और शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना है।
📝स्व-आकलन प्रपत्र (Self-Assessment Form)
एक ऐसा प्रपत्र जिसे व्यक्ति स्वयं भरता है ताकि वह अपनी क्षमताओं, ज्ञान, कौशल या आवश्यकताओं का आकलन कर सके। TNA के संदर्भ में, यह शिक्षकों को उनकी प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पहचानने में मदद करता है।
🧩समावेशी कक्षा प्रबंधन (Inclusive Classroom Management)
एक ऐसी कक्षा का प्रबंधन करना जहाँ विभिन्न क्षमताओं, पृष्ठभूमियों और सीखने की शैलियों वाले सभी विद्यार्थियों को सीखने और भाग लेने के समान अवसर मिलें।
💻तकनीकी एकीकरण (Technological Integration)
शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) उपकरणों और संसाधनों (जैसे कंप्यूटर, इंटरनेट, शैक्षिक सॉफ्टवेयर) का प्रभावी ढंग से उपयोग करना।

विशेषज्ञ दृष्टिकोण: राजस्थान में STEM शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण की नई दिशा

समग्र शिक्षा, राजस्थान द्वारा STEM आधारित शिक्षक प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण आवश्यकता आकलन (TNA) की पहल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और NCF के आलोक में एक प्रगतिशील और स्वागत योग्य कदम है। आइए, इस पहल के विभिन्न पहलुओं पर एक विशेषज्ञ दृष्टि डालते हैं:

1. पहल का महत्व और सकारात्मक पहलू:

नीतिगत संरेखण (Policy Alignment): यह पहल सीधे तौर पर NEP 2020 और NCF की उन अनुशंसाओं के अनुरूप है जो खोज-आधारित, गतिविधि-उन्मुख और अनुभवात्मक सीखने पर बल देती हैं। STEM शिक्षा इन सभी शिक्षण विधियों का एक उत्कृष्ट समागम है।
शिक्षक-केंद्रित दृष्टिकोण: प्रशिक्षण की आवश्यकताओं का आकलन (TNA) सीधे शिक्षकों से करना एक प्रशंसनीय कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों की वास्तविक आवश्यकताओं, उनकी वर्तमान दक्षताओं और चुनौतियों पर आधारित हो, न कि केवल ऊपर से थोपा गया हो। इससे प्रशिक्षण की प्रभावशीलता और शिक्षकों की स्वीकार्यता दोनों में वृद्धि होगी।
सीखने के परिणामों में सुधार की क्षमता: यदि STEM आधारित प्रशिक्षण सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, तार्किक क्षमता, समस्या-समाधान कौशल और नवाचार की भावना को बढ़ावा देगा। इससे न केवल विज्ञान और गणित विषयों में बल्कि समग्र सीखने के परिणामों में भी सुधार होने की प्रबल संभावना है।
भविष्य के लिए तैयारी: आज का युग प्रौद्योगिकी और नवाचार का है। STEM शिक्षा विद्यार्थियों को भविष्य के करियर और चुनौतियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार करती है। यह पहल राजस्थान के युवाओं को 21वीं सदी के कौशल से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निवेश है।

"शिक्षकों का सशक्तिकरण ही शिक्षा प्रणाली के सशक्तिकरण की कुंजी है। TNA के माध्यम से शिक्षकों की आवाज़ को सुनना और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण डिज़ाइन करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक निर्णायक कदम है।"

2. संभावित चुनौतियां और समाधान:

संसाधनों की उपलब्धता: प्रभावी STEM शिक्षा के लिए विद्यालयों में उपयुक्त प्रयोगशालाएं, उपकरण, डिजिटल संसाधन और इंटरनेट कनेक्टिविटी आवश्यक है। इन संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक चुनौती हो सकती है, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में।
समाधान: चरणबद्ध तरीके से संसाधनों का विकास, कम लागत वाले नवाचारी समाधानों (Low-cost innovative solutions) को अपनाना और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
प्रशिक्षण की गुणवत्ता और निरंतरता: एक बार का प्रशिक्षण पर्याप्त नहीं होता। शिक्षकों के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास (CPD) के अवसर, मेंटरिंग और सहयोगी शिक्षण समुदायों (PLCs) का निर्माण आवश्यक है।
समाधान: नियमित अंतराल पर फॉलो-अप प्रशिक्षण, ऑनलाइन मॉड्यूल, और शिक्षकों के बीच अनुभव साझा करने के लिए मंच प्रदान करना।
मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव: STEM शिक्षा का प्रभावी मूल्यांकन करने के लिए पारंपरिक परीक्षा प्रणाली से हटकर पोर्टफोलियो, प्रोजेक्ट-आधारित मूल्यांकन और प्रदर्शन-आधारित कार्यों को अपनाना होगा।
समाधान: मूल्यांकन की नई विधियों पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करना और बोर्ड परीक्षाओं में भी इन तत्वों को धीरे-धीरे शामिल करना।
शिक्षकों की मानसिकता और कार्यभार: कुछ शिक्षकों के लिए नई शिक्षण विधियों को अपनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर यदि उन पर पहले से ही पाठ्यक्रम पूरा करने और अन्य प्रशासनिक कार्यों का दबाव हो।
समाधान: शिक्षकों को पर्याप्त समर्थन, प्रोत्साहन और स्वायत्तता प्रदान करना। उनके कार्यभार को युक्तिसंगत बनाना।

3. आगे की राह और अपेक्षाएं:

सटीक TNA विश्लेषण: शिक्षकों द्वारा भरे गए TNA प्रपत्रों का गहन और सटीक विश्लेषण अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि प्रशिक्षण की सामग्री और विधियां वास्तव में आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
प्रभावी मॉड्यूल निर्माण: TNA के परिणामों के आधार पर आकर्षक, व्यावहारिक और क्रियाकलाप-आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल का निर्माण किया जाना चाहिए, जिसमें स्थानीय संदर्भों का भी ध्यान रखा जाए।
निगरानी और मूल्यांकन: प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभाव का निरंतर निगरानी और मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि आवश्यकतानुसार उसमें सुधार किया जा सके।

कुल मिलाकर, राजस्थान में STEM शिक्षा को बढ़ावा देने और इसके लिए शिक्षकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आकलन करने की यह पहल एक अत्यंत सकारात्मक और दूरगामी परिणाम देने वाली सिद्ध हो सकती है। यदि इसे सही योजना, पर्याप्त संसाधनों और मजबूत राजनीतिक व प्रशासनिक इच्छाशक्ति के साथ लागू किया जाता है, तो यह न केवल राजस्थान के शैक्षिक परिदृश्य को बदलेगा बल्कि राज्य को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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