Gandhian Era and Freedom Struggle (1919-1947) – गांधी युग व स्वतंत्रता संग्राम की सम्पूर्ण जानकारी
🏛️ गांधी युग और स्वतंत्रता संग्राम (1919-1947)
Gandhi Era & Freedom Struggle - Complete UPSC Study Notes
📅 गांधी युग की मुख्य घटनाएं (Chronology)
वर्ष | घटना | महत्व |
---|---|---|
1915 | गांधी का भारत आगमन | दक्षिण अफ्रीका से 21 वर्षों के बाद वापसी |
1917 | चंपारण सत्याग्रह | भारत में पहला सत्याग्रह, "महात्मा" उपाधि |
1918 | खेड़ा सत्याग्रह | किसान आंदोलन, सरदार पटेल का उदय |
1920-22 | असहयोग आंदोलन | पहला जन आंदोलन, चौरी-चौरा कांड |
1930 | नमक सत्याग्रह (दांडी मार्च) | 78 सत्याग्रही, 241 मील, 24 दिन |
1942 | भारत छोड़ो आंदोलन | "करो या मरो", द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान |
1947 | स्वतंत्रता और विभाजन | 15 अगस्त को आजादी, 14 अगस्त को पाकिस्तान |
🌱 चंपारण सत्याग्रह (1917)
पृष्ठभूमि:
- तिनकठिया प्रथा: किसानों को 3/20 भूमि पर नील की खेती अनिवार्य
- राजकुमार शुक्ल: गांधी को चंपारण आने का निमंत्रण
- यूरोपीय बागान मालिक: अन्यायपूर्ण शोषण
- स्थानीय सहयोग: ब्रजकिशोर प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद
आंदोलन की विशेषताएं:
- तथ्य संकलन और व्यवस्थित जांच
- अहिंसक प्रतिरोध की पहली सफल अवधारणा
- किसानों में चेतना का विकास
- सरकारी दबाव में तथ्यों के आधार पर बातचीत
परिणाम:
- तिनकठिया प्रथा का अंत
- गांधी को "महात्मा" की उपाधि (रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा)
- सत्याग्रह की सफलता, भविष्य के आंदोलनों का आधार
- राजेंद्र प्रसाद जैसे स्थानीय नेताओं का उदय
🌾 खेड़ा सत्याग्रह (1918)
समस्या:
- खराब मानसून और फसल की क्षति
- सरकारी नियम: फसल 25% से कम होने पर कर माफी
- वास्तविकता: 25% से कम पैदावार पर भी कर की मांग
- किसानों की मांग: पूर्ण कर माफी या आंशिक छूट
आंदोलन:
- वास्तविक स्थिति का सर्वेक्षण
- सामूहिक कर न देने का फैसला
- वल्लभभाई पटेल का नेतृत्व
- अहिंसक विरोध के तरीकों का प्रयोग
परिणाम:
- आंशिक सफलता (सक्षम किसानों को कर देना पड़ा)
- सरदार पटेल को "सरदार" की उपाधि
- संगठनात्मक अनुभव
- भविष्य के किसान आंदोलनों की नींव
⚔️ असहयोग आंदोलन (1920-1922)
कारण:
- जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919): जनरल डायर की कार्रवाई
- हंटर कमेटी की असंतोषजनक रिपोर्ट
- रॉलेट एक्ट: "काला कानून" - बिना मुकदमे के गिरफ्तारी
- खिलाफत मुद्दा: तुर्की के खलीफा के साथ अन्याय
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद आर्थिक संकट
आंदोलन का कार्यक्रम:
- शिक्षा: सरकारी स्कूल-कॉलेज का बहिष्कार
- न्यायालय: सरकारी अदालतों का बहिष्कार
- विदेशी वस्तुएं: विदेशी कपड़ों की होली
- सरकारी सेवा: नौकरियों का त्याग
- चरखा: खादी का उत्पादन और प्रयोग
मुख्य नेता:
- महात्मा गांधी (सर्वोच्च नेतृत्व)
- अली बंधु (मुहम्मद अली और शौकत अली)
- मौलाना अबुल कलाम आजाद
- हकीम अजमल खान
- लाला लाजपत राय
- सी. आर. दास
चौरी-चौरा कांड (5 फरवरी 1922):
- स्थान: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में
- घटना: पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी
- परिणाम: 22 पुलिसकर्मियों की हत्या, थाने में आग
- गांधी की प्रतिक्रिया: आंदोलन वापसी (अहिंसा के सिद्धांत का उल्लंघन)
- विवाद: नेताओं में मतभेद
परिणाम:
- राष्ट्रीय चेतना का विकास
- गांधी का निर्विवाद राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापना
- हिंदू-मुस्लिम एकता (अस्थायी)
- स्वदेशी उद्योग को बढ़ावा
- सरकारी नीति में परिवर्तन
🧂 नमक सत्याग्रह - दांडी मार्च (1930)
पूर्व घटनाएं:
- साइमन कमीशन (1928): सभी अंग्रेज सदस्य, भारतीयों का बहिष्कार
- नेहरू रिपोर्ट (1928): पूर्ण स्वराज की मांग
- लाहौर अधिवेशन (1929): पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव
- 26 जनवरी 1930: प्रथम स्वतंत्रता दिवस
गांधी की रणनीति:
- नमक क्यों चुना: हर व्यक्ति को प्रभावित करने वाला मुद्दा
- प्राकृतिक संपदा पर एकाधिकार: सबसे अन्यायपूर्ण कानून
- अमीर-गरीब सभी का मुद्दा: व्यापक जन समर्थन
- 11 सूत्री मांग पत्र: वायसराय को भेजा गया
दांडी मार्च के तथ्य:
- प्रारंभ: 12 मार्च 1930, साबरमती आश्रम से
- समाप्ति: 6 अप्रैल 1930, दांडी समुद्र तट पर
- दूरी: 241 मील (लगभग 385 किमी)
- समय: 24 दिन
- सत्याग्रही: शुरुआत में 78 लोग
- नमक बनाना: 6 अप्रैल सुबह समुद्री जल से नमक
Memory Trick: दांडी मार्च के आंकड़े
78-241-24-6: 78 सत्याग्रही, 241 मील, 24 दिन, 6 अप्रैल को नमक
मुख्य पड़ाव:
- साबरमती आश्रम (12 मार्च)
- नडियाद (15 मार्च)
- बोरसद (20 मार्च)
- जमबुसार (28 मार्च)
- दांडी (5-6 अप्रैल)
विश्वव्यापी प्रभाव:
- टाइम मैगजीन ने गांधी को "मैन ऑफ द ईयर" चुना
- यूरोपीय बुद्धिजीवियों का समर्थन (रोमां रोलां, आइंस्टाइन)
- अमेरिकी प्रेस में व्यापक कवरेज
- ब्रिटिश जनमत में सरकार की आलोचना
गांधी-इरविन पैक्ट (1931):
- सत्याग्रह वापसी
- राजनीतिक कैदियों की रिहाई
- तटीय इलाकों में नमक बनाने की अनुमति
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने की सहमति
🚩 भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
पृष्ठभूमि:
- द्वितीय विश्व युद्ध: भारत को बिना सहमति के युद्ध में शामिल करना
- क्रिप्स मिशन की असफलता (1942): "भविष्य की तारीख का चेक"
- जापानी खतरा: बर्मा पर कब्जा, भारत पर आक्रमण की संभावना
- तत्काल स्वतंत्रता की मांग: युद्ध के दौरान ब्रिटेन पर दबाव
8 अगस्त 1942 - गोवालिया टैंक मैदान:
- "करो या मरो": गांधी का सबसे प्रसिद्ध नारा
- "यहां मंत्र है": भारत छोड़ो का आह्वान
- अहिंसक क्रांति: हिंसा का परित्याग
- तत्काल कार्रवाई: देर न करने की सलाह
तत्काल गिरफ्तारियां (9 अगस्त):
- गांधी और कस्तूरबा: आगा खान पैलेस, पुणे
- नेहरू, आजाद, पटेल: अहमदनगर किला
- कांग्रेस पर प्रतिबंध: संगठन को अवैध घोषित
- संपत्ति जब्ती: कांग्रेस की सारी संपत्ति कुर्क
स्वतः स्फूर्त विद्रोह:
- छात्र आंदोलन: स्कूल-कॉलेज छोड़कर सड़कों पर
- हड़तालें: कारखानों में काम बंद
- रेल परिवहन बंद: ट्रेनों का संचालन रोकना
- तार-टेलीफोन काटना: संचार व्यवस्था पर हमला
- सरकारी इमारतों पर कब्जा: प्रशासनिक ढांचे को हिलाना
मुख्य भूमिगत नेता:
- अरुणा आसफ अली: "ग्रैंड ओल्ड लेडी", गोवालिया टैंक में तिरंगा फहराया
- जयप्रकाश नारायण: बिहार में छापामार युद्ध के नेता
- राम मनोहर लोहिया: समाजवादी विचारधारा के प्रणेता
- सुचेता कृपलानी: महिला सत्याग्रहियों की प्रेरणास्रोत
आंदोलन के मुख्य केंद्र:
राज्य | मुख्य नेता | विशेष गतिविधियां |
---|---|---|
बिहार | जयप्रकाश नारायण | भूमिगत नेटवर्क, छापामार युद्ध |
बंगाल | सुचेता कृपलानी | छात्र आंदोलन, महिला भागीदारी |
महाराष्ट्र | अरुणा आसफ अली | गोवालिया टैंक में तिरंगा फहराना |
उत्तर प्रदेश | राम मनोहर लोहिया | किसान आंदोलन, तहसील पर कब्जा |
व्यक्तिगत त्रासदी - कस्तूरबा गांधी का देहांत
22 फरवरी 1944: आगा खान पैलेस में कस्तूरबा का निधन। गांधी जी की सबसे बड़ी व्यक्तिगत हानि। "बा" के बिना आजीवन अधूरेपन की भावना।
परिणाम:
- अंतर्राष्ट्रीय दबाव में वृद्धि
- ब्रिटिश सत्ता का हिलना
- नई पीढ़ी के नेताओं का उदय
- महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
- स्वतंत्रता की अवश्यंभावीता का एहसास
🇮🇳 स्वतंत्रता की दिशा में अंतिम चरण (1945-1947)
कैबिनेट मिशन (1946):
- सदस्य: लॉर्ड पैथिक लॉरेंस, सर स्टैफर्ड क्रिप्स, ए.वी. अलेक्जेंडर
- उद्देश्य: भारत को सत्ता हस्तांतरण की योजना
- मुख्य सुझाव: कमजोर केंद्र, मजबूत प्रांत, तीन समूह
- परिणाम: कांग्रेस की सशर्त स्वीकृति, मुस्लिम लीग की अस्वीकृति
प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस (16 अगस्त 1946):
- मुस्लिम लीग का आह्वान
- कलकत्ता में भयानक दंगे
- हजारों लोगों की मौत
- देश भर में सांप्रदायिक तनाव
माउंटबेटन योजना (3 जून 1947):
- लॉर्ड माउंटबेटन: अंतिम वायसराय (मार्च 1947)
- विभाजन योजना: भारत और पाकिस्तान
- 15 अगस्त 1947: स्वतंत्रता की तारीख
- रेडक्लिफ आयोग: सीमा निर्धारण
🗓️ स्वतंत्रता और विभाजन (15 अगस्त 1947)
स्वतंत्रता दिवस:
- नेहरू का भाषण: "Tryst with Destiny"
- लाल किले पर तिरंगा: प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा
- देशभर में जश्न: 200 वर्षों की गुलामी का अंत
विभाजन की त्रासदी:
- दो देशों का जन्म: भारत और पाकिस्तान
- विस्थापित जनसंख्या: 1.4 करोड़ लोग
- मृत्यु संख्या: 10-20 लाख (अनुमानित)
- सांप्रदायिक दंगे: बड़े पैमाने पर हिंसा
- महिलाओं पर अत्याचार: हजारों अपहरण के मामले
गांधी की चिंता:
- दिल्ली में अनुपस्थिति: कलकत्ता में दंगे रोकने का प्रयास
- "विभाजित आजादी": अधूरी खुशी की भावना
- अहिंसा की हार: सांप्रदायिक हिंसा से दुख
- शांति मिशन: दिल्ली में अनशन और प्रार्थना सभा
🔄 गांधी के मुख्य सिद्धांत
सत्याग्रह:
- सत्य की शक्ति: Truth Force का सिद्धांत
- अहिंसक प्रतिरोध: नैतिक बल पर आधारित
- आत्म-शुद्धि: स्वयं को तैयार करना
- सविनय अवज्ञा: अन्यायपूर्ण कानूनों का विरोध
- असहयोग: अन्यायकारी सत्ता से सहयोग न करना
सर्वोदय:
- सबका कल्याण: समाज के हर वर्ग का विकास
- ग्राम स्वराज: आत्मनिर्भर गांव का मॉडल
- खादी और चरखा: आर्थिक स्वावलंबन
- शिक्षा का महत्व: नई तालीम की अवधारणा
- जाति प्रथा का विरोध: हरिजन कल्याण
रचनात्मक कार्यक्रम:
- स्वदेशी (विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार)
- हिंदी भाषा का प्रचार
- महिला शिक्षा और अधिकार
- स्वच्छता का महत्व
- मादक द्रव्य निषेध
- हिंदू-मुस्लिम एकता
🧠 Memory Techniques
आंदोलनों की तारीखें याद रखने की ट्रिक:
"चा-खे-अ-न-भा"
- चाम्पारण (1917)
- खेड़ा (1918)
- असहयोग (1920)
- नमक (1930)
- भारत छोड़ो (1942)
संख्याओं की ट्रिक: "17-18-20-30-42"
❓ UPSC Previous Year Questions
Question 1: असहयोग आंदोलन (UPSC 2018)
प्रश्न: असहयोग आंदोलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
a) यह खिलाफत आंदोलन के साथ मिलकर शुरू हुआ
b) चौरी-चौरा कांड के कारण वापस लिया गया
c) इसमें हिंदू-मुस्लिम एकता देखने को मिली
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: d) उपरोक्त सभी
Question 2: दांडी मार्च (UPSC 2019)
प्रश्न: दांडी मार्च के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. यह साबरमती आश्रम से शुरू हुआ
2. इसमें 78 सत्याग्रही शामिल थे
3. यह 241 मील की दूरी तय करके दांडी पहुंचा
4. 6 अप्रैल 1930 को नमक बनाकर कानून तोड़ा गया
उत्तर: सभी कथन सही हैं
Question 3: भारत छोड़ो आंदोलन (UPSC 2020)
प्रश्न: भारत छोड़ो आंदोलन के तत्काल कारण में निम्नलिखित में से कौन सा शामिल है?
a) क्रिप्स मिशन की असफलता
b) द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को बिना सहमति के शामिल करना
c) जापान का बर्मा पर कब्जा
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: d) उपरोक्त सभी
🌍 गांधी युग का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव
अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन:
- मार्टिन लूथर किंग जूनियर: गांधी के अहिंसक प्रतिरोध से प्रेरणा
- मॉन्टगोमरी बस बॉयकॉट (1955): रंगभेद के विरुद्ध
- Civil Rights Act (1964): अहिंसक संघर्ष की जीत
दक्षिण अफ्रीका:
- नेल्सन मंडेला: गांधी के आदर्शों से प्रेरित
- Apartheid का अंत (1994): दीर्घकालीन संघर्ष की जीत
- Truth and Reconciliation Commission: गांधी के सत्य सिद्धांत का प्रयोग
अन्य देशों में प्रभाव:
- पोलैंड का सॉलिडेरिटी आंदोलन
- चेकोस्लोवाकिया का वेल्वेट रेवोल्यूशन
- म्यांमार में आंग सान सू की का लोकतंत्र आंदोलन
- तिब्बत में दलाई लामा का अहिंसक प्रतिरोध
📊 Quick Revision Points
महत्वपूर्ण तारीखें:
- 1915 - गांधी का भारत आगमन
- 1917 - चंपारण सत्याग्रह
- 1920-22 - असहयोग आंदोलन
- 1930 - नमक सत्याग्रह
- 1942 - भारत छोड़ो आंदोलन
- 1947 - स्वतंत्रता और विभाजन
मुख्य व्यक्तित्व:
- राजकुमार शुक्ल - चंपारण
- सरदार वल्लभभाई पटेल - खेड़ा
- अली बंधु - खिलाफत
- अरुणा आसफ अली - भारत छोड़ो
- जयप्रकाश नारायण - भूमिगत नेता
महत्वपूर्ण स्थान:
- चंपारण - बिहार (तिनकठिया प्रथा)
- खेड़ा - गुजरात (कर विद्रोह)
- दांडी - गुजरात (नमक बनाना)
- चौरी-चौरा - उत्तर प्रदेश (हिंसक घटना)
- गोवालिया टैंक - मुंबई (भारत छोड़ो की शुरुआत)
मुख्य संख्याएं:
- 78 - दांडी मार्च में सत्याग्रहियों की संख्या
- 241 - दांडी मार्च की दूरी (मील में)
- 24 - दांडी मार्च की अवधि (दिन)
- 28 - गांधी के नेतृत्व के वर्ष (1919-1947)
- 1.4 करोड़ - विभाजन के समय विस्थापित लोग
📚 Recommended Study Material
मुख्य पुस्तकें:
- NCERT Books: कक्षा 8-12 इतिहास
- Spectrum Modern India: Rajiv Ahir
- India's Struggle for Independence: Bipan Chandra
- Gandhi Autobiography: सत्य के साथ मेरे प्रयोग
- Freedom at Midnight: Larry Collins & Dominique Lapierre
🎯 UPSC Strategy
गांधी युग से UPSC में प्रश्न:
- Direct Facts: 40% (तारीखें, व्यक्तित्व, स्थान)
- Cause-Effect: 30% (आंदोलन के कारण और परिणाम)
- Chronology: 20% (घटनाओं का क्रम)
- Philosophy: 10% (सिद्धांत और विचारधारा)
Common Mistakes से बचें:
- तारीखों में गलती (1920 और 1930 में confusion)
- नेताओं का गलत आंदोलन से जोड़ना
- स्थानों की गलत जानकारी
- आंकड़ों में भ्रम (78 vs 79 सत्याग्रही)
⚠️ अस्वीकरण
यह study material UPSC Prelims की तैयारी के लिए है। सभी तथ्य NCERT और प्रतिष्ठित इतिहास पुस्तकों से लिए गए हैं। sarkariserviceprep.com exam result की गारंटी नहीं देता। अध्ययन के साथ current affairs और answer writing practice भी आवश्यक है।
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