भारतीय भूगोल – नदियाँ और नदी घाटी परियोजनाएँ – RPSC & UPSC PYQ
भारत की प्रमुख नदियां
प्रस्तावना
भारत की नदियों के आंकड़े
- कुल नदियां: 400+ प्रमुख नदियां
- कुल जल संसाधन: 1,869 बिलियन क्यूबिक मीटर
- उपयोग योग्य जल: 1,123 बिलियन क्यूबिक मीटर
- सिंचाई में योगदान: 60% कृषि जल आपूर्ति
भारत एक नदी प्रधान देश है जहां नदियों का न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यहां की नदियां भौगोलिक संरचना, जलवायु और भूविज्ञान के आधार पर विभिन्न तंत्रों में विभाजित हैं।
भारत की नदियों को मुख्यतः तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है: हिमालयी नदी तंत्र, प्रायद्वीपीय नदी तंत्र और तटीय नदियां। प्रत्येक तंत्र की अपनी विशेषताएं, सहायक नदियां और महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं।
नदी तंत्र का वर्गीकरण
भौगोलिक आधार पर वर्गीकरण
नदी तंत्र | उत्पत्ति | मुख्य विशेषताएं | प्रमुख नदियां |
---|---|---|---|
हिमालयी नदी तंत्र | हिमालय पर्वत | बारहमासी, हिमनद पोषित | गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र |
प्रायद्वीपीय नदी तंत्र | पश्चिमी घाट, मध्य भारत | मौसमी, वर्षा पोषित | गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा |
तटीय नदियां | पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट | छोटी, तीव्र प्रवाह | तापी, माही, साबरमती |
प्रवाह दिशा के आधार पर
- पूर्व प्रवाही: गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा, महानदी, कावेरी
- पश्चिम प्रवाही: नर्मदा, तापी, साबरमती, माही, लूनी
- उत्तर प्रवाही: चंबल, बेतवा, केन (गंगा की सहायक नदियां)
हिमालयी नदी तंत्र
गंगा नदी तंत्र
लंबाई: 2,525 कि.मी.
कुल जलग्रहण: 8,61,404 वर्ग कि.मी.
राज्य: उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल
मुहाना: बंगाल की खाड़ी
गंगा भारत की सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण नदी है। यह उत्तराखंड के गंगोत्री हिमनद से निकलकर भागीरथी के नाम से प्रवाहित होती है और देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलकर गंगा बनती है।
गंगा की प्रमुख सहायक नदियां
सहायक नदी | उद्गम | लंबाई (कि.मी.) | संगम स्थल | तट (दायां/बायां) |
---|---|---|---|---|
यमुना | यमुनोत्री | 1,376 | प्रयागराज | दायां |
चंबल | जानापाव पहाड़ी (मध्य प्रदेश) | 966 | इटावा (यमुना में) | दायां |
सोन | अमरकंटक (मध्य प्रदेश) | 784 | पटना | दायां |
गोमती | गोमत ताल (उत्तर प्रदेश) | 900 | गाजीपुर | बायां |
घाघरा | मप्सातुंग हिमनद | 1,080 | छपरा | बायां |
गंडक | नेपाल हिमालय | 630 | पटना | बायां |
कोसी | नेपाल (गोसाईधाम) | 730 | कुर्सेला | बायां |
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
तिब्बत में नाम: सांग्पो
लंबाई: 2,900 कि.मी.
भारत में लंबाई: 916 कि.मी.
जलग्रहण: 5,80,000 वर्ग कि.मी.
मुहाना: बंगाल की खाड़ी
ब्रह्मपुत्र एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह तिब्बत में सांग्पो के नाम से बहती है, भारत में प्रवेश करने के बाद ब्रह्मपुत्र कहलाती है और बांग्लादेश में जमुना के नाम से जानी जाती है।
ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियां
- उत्तरी तट से: सुबानसिरी, कामेंग, भरेली, धनसिरी
- दक्षिणी तट से: दिबांग, लोहित, बराक, मानस, संकोश
सिंधु नदी तंत्र
सिंधु नदी का केवल एक छोटा भाग भारत (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में है। इसकी मुख्य सहायक नदियां:
- झेलम: श्रीनगर से होकर बहती है
- चिनाब: चंद्रा और भागा नदियों का संयोजन
- रावी: हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर बहती है
- सतलुज: मानसरोवर झील से निकलती है
- व्यास: रोहतांग दर्रे से निकलती है
प्रायद्वीपीय नदी तंत्र
गोदावरी नदी तंत्र
लंबाई: 1,465 कि.मी.
जलग्रहण: 3,12,812 वर्ग कि.मी.
उपनाम: दक्षिण की गंगा
राज्य: महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा
मुहाना: बंगाल की खाड़ी
गोदावरी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है। इसे "दक्षिण की गंगा" कहा जाता है। यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर से निकलती है।
गोदावरी की सहायक नदियां
सहायक नदी | उद्गम | लंबाई (कि.मी.) | तट |
---|---|---|---|
प्राणहिता | पेनगंगा + वर्धा | 113 | बायां |
इंद्रावती | छत्तीसगढ़ | 535 | बायां |
मंजीरा | महाराष्ट्र | 724 | दायां |
पुरणा | महाराष्ट्र | 373 | दायां |
कृष्णा नदी तंत्र
कृष्णा की प्रमुख सहायक नदियां
- तुंगभद्रा: तुंगा + भद्रा (कर्नाटक)
- भीमा: महाराष्ट्र (पुणे के निकट)
- घाटप्रभा: कर्नाटक
- मालप्रभा: कर्नाटक
- मूसी: तेलंगाना (हैदराबाद से होकर बहती है)
नर्मदा नदी तंत्र
नर्मदा मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलती है और भ्रंश घाटी में बहते हुए अरब सागर में गिरती है। यह प्रायद्वीपीय भारत की एकमात्र पश्चिम प्रवाही बड़ी नदी है।
कावेरी नदी तंत्र
कावेरी कर्नाटक के कोडगू जिले से निकलकर तमिलनाडु से होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसे "दक्षिण भारत की गंगा" भी कहा जाता है।
कावेरी की सहायक नदियां
- हेमावती: कर्नाटक
- शिमसा: कर्नाटक
- अर्कावती: कर्नाटक
- भवानी: तमिलनाडु
- अमरावती: तमिलनाडु
तटीय नदियां
पश्चिमी तटीय नदियां
नदी | उद्गम | लंबाई (कि.मी.) | मुहाना | राज्य |
---|---|---|---|---|
तापी | सतपुड़ा पर्वत (मध्य प्रदेश) | 724 | अरब सागर | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात |
साबरमती | अरावली पर्वत (राजस्थान) | 371 | खंभात की खाड़ी | राजस्थान, गुजरात |
माही | मेहद झील (राजस्थान) | 583 | खंभात की खाड़ी | राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात |
लूनी | अरावली पर्वत (राजस्थान) | 495 | कच्छ का रण | राजस्थान, गुजरात |
पूर्वी तटीय नदियां
- महानदी: छत्तीसगढ़ से निकलकर ओडिशा से होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है
- ब्राह्मणी: ओडिशा की प्रमुख नदी
- सुवर्णरेखा: झारखंड से निकलकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा से होकर बहती है
- दामोदर: झारखंड की प्रमुख नदी, "बंगाल का शोक"
नदी घाटी परियोजनाएं
प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं
परियोजना | नदी | राज्य | पूर्णता वर्ष | मुख्य उद्देश्य |
---|---|---|---|---|
दामोदर घाटी निगम | दामोदर | झारखंड, पश्चिम बंगाल | 1948 | बाढ़ नियंत्रण, विद्युत |
हीराकुंड परियोजना | महानदी | ओडिशा | 1957 | सिंचाई, विद्युत |
भाखड़ा नांगल | सतलुज | हिमाचल प्रदेश, पंजाब | 1963 | सिंचाई, विद्युत |
टिहरी परियोजना | भागीरथी | उत्तराखंड | 2006 | विद्युत, बाढ़ नियंत्रण |
नर्मदा घाटी परियोजना | नर्मदा | मध्य प्रदेश, गुजरात | निरंतर | सिंचाई, विद्युत |
कोसी परियोजना | कोसी | बिहार, नेपाल | 1962 | बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई |
चंबल घाटी परियोजना | चंबल | राजस्थान, मध्य प्रदेश | 1960 | सिंचाई, विद्युत |
नदी जोड़ो परियोजना
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना जिसका उद्देश्य अतिरिक्त पानी वाली नदियों को कम पानी वाली नदियों से जोड़ना है।
मुख्य घटक
- हिमालयी घटक: 14 प्रमुख लिंक
- प्रायद्वीपीय घटक: 16 प्रमुख लिंक
- अनुमानित लागत: 5.6 लाख करोड़ रुपए
- लाभ: 3.5 करोड़ हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई
जलग्रहण क्षेत्र
प्रमुख नदियों के जलग्रहण क्षेत्र
नदी | जलग्रहण क्षेत्र (वर्ग कि.मी.) | कुल क्षेत्रफल का % | प्रवाह दिशा |
---|---|---|---|
गंगा | 8,61,404 | 26.2% | पूर्व |
सिंधु | 3,21,289 | 9.8% | दक्षिण-पश्चिम |
ब्रह्मपुत्र | 1,94,413 | 5.9% | पूर्व |
गोदावरी | 3,12,812 | 9.5% | पूर्व |
कृष्णा | 2,58,948 | 7.9% | पूर्व |
नर्मदा | 98,796 | 3.0% | पश्चिम |
राज्यवार जल संसाधन वितरण
- सर्वाधिक जल संसाधन: उत्तर प्रदेश (22.4%)
- द्वितीय स्थान: महाराष्ट्र (12.3%)
- तृतीय स्थान: आंध्र प्रदेश + तेलंगाना (8.9%)
- न्यूनतम जल संसाधन: राजस्थान (1.2%)
पर्यावरणीय चुनौतियां
प्रदूषण की समस्या
प्रमुख प्रदूषित नदियां
- गंगा: औद्योगिक अपशिष्ट, घरेलू मल-जल
- यमुना: दिल्ली में सर्वाधिक प्रदूषण
- गोदावरी: महाराष्ट्र में रासायनिक प्रदूषण
- कावेरी: कर्नाटक और तमिलनाडु में जल विवाद
जल संरक्षण के उपाय
- नमामि गंगे कार्यक्रम: गंगा की सफाई हेतु 20,000 करोड़ का बजट
- राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना: 39 नदियों की सफाई
- जल शक्ति मंत्रालय: एकीकृत जल प्रबंधन
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग: भूजल पुनर्भरण
पूर्व वर्ष प्रश्न (वर्ष सहित)
UPSC प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न
RPSC प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न
मुख्य परीक्षा प्रश्न
"भारत में नदी घाटी परियोजनाओं के पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन करते हुए सतत विकास के लिए सुझाव दें।" (250 शब्द)
"राजस्थान की नदियों की समस्याओं का विश्लेषण करते हुए जल संरक्षण के उपाय सुझाएं।" (200 शब्द)
अभ्यास प्रश्न (व्याख्या सहित)
निबंध प्रकार प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: भारत में नदी जोड़ो परियोजना की आवश्यकता, चुनौतियां और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करें। (400 शब्द)
उत्तर:
प्रस्तावना: भारत में जल संसाधनों का असमान वितरण एक प्रमुख समस्या है। नदी जोड़ो परियोजना इस समस्या का एक महत्वाकांक्षी समाधान है जिसका उद्देश्य अतिरिक्त पानी वाली नदियों को कम पानी वाली नदियों से जोड़ना है।
आवश्यकता:
- जल की कमी: देश के 60% भाग में पानी की कमी
- बाढ़ और सूखा: एक ही समय में कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और अन्य में सूखा
- कृषि संकट: अनियमित वर्षा से कृषि प्रभावित
- भूजल स्तर गिरना: तेजी से घटता भूजल स्तर
- औद्योगिक आवश्यकता: बढ़ती औद्योगिक मांग
चुनौतियां:
- पर्यावरणीय प्रभाव: नदियों के प्राकृतिक प्रवाह में बदलाव
- राज्यों के बीच विवाद: जल बंटवारे को लेकर संघर्ष
- विस्थापन की समस्या: लाखों लोगों का पुनर्वास
- आर्थिक लागत: 5.6 लाख करोड़ रुपए की भारी लागत
- तकनीकी जटिलता: भौगोलिक और तकनीकी बाधाएं
भविष्य की संभावनाएं:
- सिंचाई विस्तार: 3.5 करोड़ हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई
- बाढ़ नियंत्रण: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत
- विद्युत उत्पादन: 34,000 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत
- आर्थिक विकास: कृषि और औद्योगिक विकास में तेजी
- रोजगार सृजन: निर्माण और रखरखाव में लाखों नौकरियां
निष्कर्ष: नदी जोड़ो परियोजना भारत की जल समस्या का दीर्घकालिक समाधान हो सकती है, लेकिन इसके लिए सभी हितधारकों की सहमति, पर्यावरणीय सुरक्षा और चरणबद्ध क्रियान्वयन आवश्यक है।
प्रश्न 2: भारत की नदियों के प्रदूषण की समस्या और इसके समाधान के उपायों पर विस्तार से लिखें। (350 शब्द)
उत्तर:
प्रस्तावना: भारत की नदियां देश की जीवनरेखा हैं, लेकिन तीव्र औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण इनमें प्रदूषण की समस्या गंभीर हो गई है।
प्रदूषण के कारण:
- औद्योगिक अपशिष्ट: फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायन
- घरेलू मल-जल: शहरों का अनुपचारित सीवेज
- कृषि अपशिष्ट: रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक
- धार्मिक गतिविधियां: अवशेष और राख विसर्जन
- प्लास्टिक कचरा: नदियों में फेंका जाने वाला प्लास्टिक
प्रभाव:
- जल की गुणवत्ता में गिरावट: पीने योग्य पानी की कमी
- जैव विविधता का नुकसान: मछली और अन्य जलीय जीवों की मृत्यु
- स्वास्थ्य समस्याएं: जल जनित बीमारियों में वृद्धि
- कृषि पर प्रभाव: मिट्टी की उर्वरता में कमी
समाधान के उपाय:
- नमामि गंगे कार्यक्रम: 20,000 करोड़ रुपए का निवेश
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट: शहरों में STP की स्थापना
- औद्योगिक नियंत्रण: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सख्त नियंत्रण
- जागरूकता अभियान: लोगों में पर्यावरण चेतना
- वैकल्पिक तकनीक: बायो-रेमेडिएशन का प्रयोग
निष्कर्ष: नदी प्रदूषण की समस्या का समाधान सरकार, उद्योग और जनता की सामूहिक जिम्मेदारी है। तत्काल और निरंतर प्रयासों से ही हम अपनी नदियों को पुनर्जीवित कर सकते हैं।
प्रश्न 3: हिमालयी और प्रायद्वीपीय नदी तंत्र के बीच तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करें। (300 शब्द)
उत्तर:
प्रस्तावना: भारत के नदी तंत्र को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है - हिमालयी और प्रायद्वीपीय। दोनों की अपनी विशिष्ट भौगोलिक और जलवैज्ञानिक विशेषताएं हैं।
विशेषताएं | हिमालयी नदी तंत्र | प्रायद्वीपीय नदी तंत्र |
---|---|---|
उत्पत्ति | हिमालय पर्वत श्रृंखला | प्रायद्वीपीय पठार |
आयु | नवीन (तृतीयक काल) | प्राचीन (प्री-कैम्ब्रियन) |
प्रकृति | बारहमासी | मौसमी |
जल स्रोत | हिमनद + वर्षा | केवल वर्षा |
प्रवाह पैटर्न | युवावस्था, मंद्र धारा | प्रौढ़ावस्था, द्रुत धारा |
अपरदन | उर्ध्वाधर अपरदन | पार्श्विक अपरदन |
घाटी | गहरी V आकार की | चौड़ी U आकार की |
नदी मार्ग | परिवर्तनशील | स्थिर |
डेल्टा | विशाल डेल्टा निर्माण | छोटे डेल्टा या एस्चुअरी |
नौवहन | उपयुक्त | सीमित उपयुक्तता |
आर्थिक महत्व:
- हिमालयी नदियां: सिंचाई, नौवहन, मत्स्य पालन में अधिक योगदान
- प्रायद्वीपीय नदियां: जल विद्युत उत्पादन में अधिक उपयोगी
निष्कर्ष: दोनों नदी तंत्र भारत की आर्थिक और सामाजिक संरचना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हिमालयी नदियां स्थायी जल आपूर्ति प्रदान करती हैं जबकि प्रायद्वीपीय नदियां ऊर्जा उत्पादन में सहायक हैं।
RPSC PYQ – Indian Rivers & River Valley Projects
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प्रश्न: नर्मदा नदी किस दिशा में बहती है और कहाँ गिरती है?
उत्तर: पूर्व से पश्चिम; अरब सागर (खम्भात की खाड़ी) में।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016
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प्रश्न: ‘सरदार सरोवर परियोजना’ किस नदी पर है?
उत्तर: नर्मदा नदी (गुजरात).
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018
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प्रश्न: ‘हीराकुंड बाँध’ किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: महानदी (ओडिशा).
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021
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प्रश्न: ‘भाखड़ा–नांगल परियोजना’ किन राज्यों को मुख्यतः लाभ देती है?
उत्तर: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान (नदी—सतलुज).
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016
-
प्रश्न: ‘कोसी’ किसकी उपनदी है और इसे क्या कहा जाता है?
उत्तर: गंगा की उपनदी; ‘बिहार का शोक’.
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018
UPSC CSE Prelims PYQ – Indian Rivers & River Valley Projects
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प्रश्न: ‘तेहरी बाँध’ किस नदी पर है?
उत्तर: भागीरथी नदी (उत्तराखंड) — गंगा की धारा पर उच्च बांध।
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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प्रश्न: ‘नागरजुन सागर बाँध’ किस नदी पर है?
उत्तर: कृष्णा नदी (तेलंगाना–आंध्र प्रदेश सीमा).
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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प्रश्न: ‘फरक्का बैराज’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: हुगली नदी में नौपरिवहन हेतु प्रवाह बढ़ाना/सिल्ट निकास—गंगा का जल मोड़ना।
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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प्रश्न: ‘रिहंद बाँध’ किस नदी/उपनदी पर है?
उत्तर: रिहंद नदी (सोन की उपनदी), उत्तर प्रदेश.
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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प्रश्न: इंद्रावती (Indravati) किस प्रमुख नदी की उपनदी है?
उत्तर: गोदावरी नदी.
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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