RBSE Class 10 Hindi Question Paper 2024 with Answers | Rajasthan Board

| अक्टूबर 18, 2025
माध्यमिक परीक्षा 2024 - हिंदी प्रश्न पत्र एवं उत्तर - विकिपीडिया

माध्यमिक परीक्षा 2024 - हिंदी प्रश्न पत्र एवं उत्तर

SECONDARY EXAMINATION 2024 - Hindi (S-01)
परीक्षा विवरण
परीक्षा माध्यमिक परीक्षा 2024
विषय हिंदी
प्रश्न पत्र कोड S-01-Hindi
कुल प्रश्न 20
कुल पृष्ठ 11
समय 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक 80
खंड 4 (अ, ब, स, द)

यह माध्यमिक परीक्षा 2024 का हिंदी विषय का प्रश्न पत्र (S-01-Hindi) है। इस प्रश्न पत्र में कुल 20 प्रश्न हैं जो 80 अंकों के लिए पूछे गए हैं। परीक्षा की कुल अवधि 3 घंटे 15 मिनट है। यह लेख छात्रों के लिए सभी प्रश्नों के साथ-साथ उनके नियमानुसार आदर्श उत्तर भी प्रस्तुत करता है।

प्रश्न पत्र चार मुख्य खंडों में विभाजित है: खंड-अ (बहुविकल्पीय प्रश्न), खंड-ब (लघुउत्तरात्मक प्रश्न), खंड-स (पठित गद्यांश/पद्यांश), और खंड-द (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)।

सामान्य निर्देश

परीक्षार्थियों के लिए निम्नलिखित सामान्य निर्देश दिए गए हैं:

  1. परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  2. सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  3. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
  4. जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
  5. प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
परीक्षार्थियों के लिए महत्वपूर्ण: सभी उत्तर स्वच्छ, सुपाठ्य और क्रमबद्ध तरीके से लिखें। शब्द सीमा का ध्यान रखें और प्रश्न के अनुसार उचित उत्तर दें।

खंड-अ: बहुविकल्पीय प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए। (12 × 1 = 12 अंक)

प्रश्न 1(i): [1 अंक]

'रसिया' शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है:

(अ) ऐया
(ब) इया
(स) आर
(द) ई
✓ उत्तर:

(ब) इया

व्याख्या: 'रसिया' शब्द 'रस' मूल शब्द में 'इया' प्रत्यय जोड़कर बना है। यह प्रत्यय स्थान, व्यवसाय या संबंध बताने के लिए प्रयुक्त होता है। उदाहरण: बनारस → बनारसिया, मथुरा → मथुरिया।
प्रश्न 1(ii): [1 अंक]

'गुण स्वर संधि' का सही उदाहरण है:

(अ) रमेश
(ब) विद्यालय
(स) मतैक्य
(द) नीरोग
✓ उत्तर:

(अ) रमेश

व्याख्या: 'रमेश' शब्द में गुण स्वर संधि है। राम + ईश = रमेश (अ + ई = ए)। गुण स्वर संधि में जब अ/आ के बाद इ/ई आता है तो 'ए' बनता है। अन्य उदाहरण: महा + इंद्र = महेंद्र, नर + इंद्र = नरेंद्र।
प्रश्न 1(iii): [1 अंक]

'उत्साह' कविता के कवि हैं:

(अ) नागार्जुन
(ब) सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
(स) सूरदास
(द) जयशंकर प्रसाद
✓ उत्तर:

(ब) सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

व्याख्या: 'उत्साह' कविता महान छायावादी कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित है। यह कविता बादलों को संबोधित करती है और क्रांति और परिवर्तन का प्रतीक है। निराला जी हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
प्रश्न 1(iv): [1 अंक]

'राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' की भाषा है:

(अ) खड़ी बोली
(ब) ब्रज
(स) राजस्थानी
(द) अवधी
✓ उत्तर:

(द) अवधी

व्याख्या: 'राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित 'रामचरितमानस' के बालकांड से लिया गया है, जो अवधी भाषा में लिखा गया है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना अवधी में की थी।
प्रश्न 1(v): [1 अंक]

गोपियों ने भ्रमर के बहाने किस पर व्यंग्य बाण छोड़े हैं?

(अ) उद्धव
(ब) कृष्ण
(स) नंद
(द) कंस
✓ उत्तर:

(अ) उद्धव

व्याख्या: सूरदास की 'भ्रमरगीत' में गोपियां भ्रमर (उद्धव) के माध्यम से निर्गुण ज्ञान पर व्यंग्य करती हैं। गोपियां कृष्ण के प्रति अपनी सगुण भक्ति को श्रेष्ठ मानती हैं और उद्धव द्वारा लाए गए निर्गुण ज्ञान को अस्वीकार करती हैं।
प्रश्न 1(vi): [1 अंक]

नागार्जुन का जन्म हुआ था:

(अ) बिहार
(ब) बंगाल
(स) राजस्थान
(द) उत्तरप्रदेश
✓ उत्तर:

(अ) बिहार

व्याख्या: नागार्जुन (वैद्यनाथ मिश्र) का जन्म 1911 में बिहार के दरभंगा जिले के सतलखा गाँव में हुआ था। वे प्रगतिशील धारा के प्रमुख कवि थे और जनवादी कविता के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 1(vii): [1 अंक]

'कैप्टन' किसका नाम था?

(अ) चश्मे वाला
(ब) पान वाला
(स) हालदार साहब
(द) नेताजी
✓ उत्तर:

(अ) चश्मे वाला

व्याख्या: हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचना 'नेताजी का चश्मा' में 'कैप्टन' एक गरीब चश्मे वाले का नाम है जो देशभक्ति से प्रेरित होकर नेताजी की मूर्ति पर विभिन्न चश्मे लगाता रहता है। उसे 'कैप्टन' इसलिए कहा जाता था क्योंकि वह किसी समय फौज में रहा होगा।
प्रश्न 1(viii): [1 अंक]

'लखनवी अंदाज़' व्यंग्य के लेखक हैं:

(अ) यशपाल
(ब) मन्नू भंडारी
(स) स्वयं प्रकाश
(द) यतीन्द्र मिश्र
✓ उत्तर:

(अ) यशपाल

व्याख्या: 'लखनवी अंदाज़' प्रसिद्ध कथाकार यशपाल द्वारा रचित एक व्यंग्यात्मक कहानी है। इसमें लखनऊ की नवाबी तहज़ीब और दिखावे की संस्कृति पर व्यंग्य किया गया है। यशपाल प्रगतिशील लेखक संघ के प्रमुख सदस्य थे।
प्रश्न 1(ix): [1 अंक]

'बालगोबिन भगत' पाठ की विधा है:

(अ) व्यंग्य
(ब) कहानी
(स) रेखाचित्र
(द) निबंध
✓ उत्तर:

(स) रेखाचित्र

व्याख्या: रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा रचित 'बालगोबिन भगत' एक रेखाचित्र है। रेखाचित्र में किसी वास्तविक व्यक्ति के व्यक्तित्व और चरित्र का शब्द-चित्र प्रस्तुत किया जाता है। इसमें बालगोबिन भगत के संत जीवन और उनके आदर्शों का सजीव चित्रण है।
प्रश्न 1(x): [1 अंक]

संस्कृति का परिणाम है:

(अ) अपसंस्कृति
(ब) सभ्यता
(स) अशिष्टता
(द) विभाजन
✓ उत्तर:

(ब) सभ्यता

व्याख्या: संस्कृति का बाह्य और भौतिक स्वरूप सभ्यता कहलाता है। संस्कृति आंतरिक मूल्यों, विचारों और विश्वासों का समूह है, जबकि सभ्यता उसकी बाहरी अभिव्यक्ति है। जैसे - रहन-सहन, वेशभूषा, शिष्टाचार आदि सभ्यता के अंग हैं।
प्रश्न 1(xi): [1 अंक]

हमारे समाज में 'नाक' प्रतीक है:

(अ) सुंदरता का
(ब) संस्कृति का
(स) इज्जत का
(द) समाज का
✓ उत्तर:

(स) इज्जत का

व्याख्या: हिंदी मुहावरों में 'नाक' शब्द इज्जत, सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक है। जैसे - 'नाक कटना' (बेइज्जत होना), 'नाक रखना' (सम्मान बचाना), 'नाक ऊँची रहना' (इज्जत बनी रहना) आदि।
प्रश्न 1(xii): [1 अंक]

हिन्दी का पहला आंचलिक उपन्यास माना जाता है:

(अ) जार्ज पंचम की नाक
(ब) देहाती दुनिया
(स) आपका बंटी
(द) रामचरितमानस
✓ उत्तर:

(ब) देहाती दुनिया

व्याख्या: 'देहाती दुनिया' हिंदी का पहला आंचलिक उपन्यास माना जाता है, जिसे शिवपूजन सहाय ने लिखा था। आंचलिक उपन्यास वे होते हैं जो किसी विशेष अंचल (क्षेत्र) की भाषा, संस्कृति और जीवन को प्रस्तुत करते हैं। बाद में फणीश्वरनाथ रेणु का 'मैला आंचल' भी प्रसिद्ध आंचलिक उपन्यास बना।

खंड-ब: रिक्त स्थानों की पूर्ति

निर्देश: रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए। (6 × 1 = 6 अंक)

प्रश्न 2: [6 अंक]

(i) किसी भाव, अवस्था, गुण अथवा दशा के नाम को __________ संज्ञा कहते हैं।

(ii) वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें __________ कहते हैं।

(iii) वे क्रियाएँ जिनके साथ कर्म प्रयुक्त नहीं होता, उसे __________ क्रिया कहते हैं।

(iv) वे __________ शब्द, जो दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं।

(v) वे शब्दांश जो किसी शब्द के __________ में लगकर नये अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

(vi) हिन्दी में उपसर्ग __________ प्रकार के होते हैं।

✓ उत्तर:

(i) भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

(ii) विशेषण कहते हैं।

(iii) अकर्मक क्रिया कहते हैं।

(iv) समुच्चयबोधक शब्द (या संयोजक)।

(v) अंत/पीछे में लगकर।

(vi) तीन/चार प्रकार के होते हैं। (संस्कृत, हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी - विस्तृत वर्गीकरण में चार; सामान्यतः तीन भी माना जाता है)

व्याख्या:
  • भाववाचक संज्ञा: जो भाव, गुण, अवस्था को बताए। जैसे - मिठास, बुढ़ापा, सुंदरता।
  • विशेषण: संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द। जैसे - सुंदर, लाल, दो।
  • अकर्मक क्रिया: जिसमें कर्म की आवश्यकता न हो। जैसे - वह सोता है, बच्चा रोता है।
  • समुच्चयबोधक: दो शब्दों/वाक्यों को जोड़ने वाले। जैसे - और, या, किंतु, परंतु।
  • प्रत्यय: शब्द के अंत में लगता है। जैसे - लड़क + आई = लड़काई।
  • उपसर्ग: तीन मुख्य प्रकार - संस्कृत (प्र, परा, अप), हिंदी (अन, औ, दु), उर्दू (ला, बद, ना)।

खंड-स: अपठित गद्यांश

निर्देश: निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए। (6 × 1 = 6 अंक)

प्रश्न 3: [6 अंक]

गद्यांश:

वर्तमान में राष्ट्र को शारीरिक दृष्टि से मजबूत, निर्भय तथा ऐसे नवयुवकों की आवश्यकता है जो अपने आप में, अपनी शक्ति में विश्वास करते हों। विवेकानन्द की दृष्टि से नास्तिक वह है जो अपने आप में विश्वास नहीं करता। भारत के राष्ट्रीय आदर्श त्याग और सेवा को अपनाकर गरीबों, भूखों और पीड़ितों की सेवा में अपने को अर्पित करना ही राष्ट्र की सबसे बड़ी सेवा है। राष्ट्र भक्ति की भावना नहीं है, उसका आधार विवेक और प्रेम है जिसकी अभिव्यक्ति विवेकपूर्ण कार्य करते हुए बाह्य भेद-भाव को भूलकर हर एक मनुष्य से प्रेम करने में देखी जा सकती है। विवेकानन्द के उपदेश का ध्येय वाक्य है, 'उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये'।

(i) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

(ii) वर्तमान में कैसे युवाओं की आवश्यकता है?

(iii) राष्ट्र की सबसे बड़ी सेवा क्या है?

(iv) विवेकानन्द के उपदेश का ध्येय वाक्य क्या है?

(v) राष्ट्र भक्ति की भावना का आधार किसे माना गया है?

(vi) 'आस्तिक' शब्द का विपरीतार्थक शब्द गद्यांश में से छाँटकर लिखिए।

✓ उत्तर:

(i) शीर्षक: 'राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका' या 'विवेकानंद के आदर्श और राष्ट्रसेवा' या 'युवा शक्ति और राष्ट्र निर्माण'

(ii) उत्तर: वर्तमान में राष्ट्र को ऐसे नवयुवकों की आवश्यकता है जो शारीरिक रूप से मजबूत हों, निर्भय हों तथा अपने आप में और अपनी शक्ति में विश्वास करते हों।

(iii) उत्तर: राष्ट्र की सबसे बड़ी सेवा है - त्याग और सेवा के राष्ट्रीय आदर्शों को अपनाकर गरीबों, भूखों और पीड़ितों की सेवा में अपने को अर्पित करना।

(iv) उत्तर: विवेकानन्द के उपदेश का ध्येय वाक्य है - "उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये।"

(v) उत्तर: राष्ट्र भक्ति की भावना का आधार विवेक और प्रेम को माना गया है। इसकी अभिव्यक्ति विवेकपूर्ण कार्य करते हुए भेद-भाव भुलाकर हर मनुष्य से प्रेम करने में होती है।

(vi) उत्तर: नास्तिक

उत्तर लेखन की युक्ति:
  • शीर्षक संक्षिप्त, आकर्षक और गद्यांश के मुख्य भाव को व्यक्त करने वाला होना चाहिए।
  • उत्तर गद्यांश से ही लिखें, अपनी ओर से कुछ न जोड़ें।
  • पूर्ण वाक्यों में उत्तर दें, एक-दो शब्दों में नहीं।
  • शब्द सीमा का ध्यान रखें - प्रत्येक उत्तर 20-25 शब्दों में।
प्रश्न 4: [6 अंक]

पद्यांश:

है कौन! विप्न ऐसा जग में, टिक सके आदमी के मग में,

खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पाँव उखड़।

मानव जब जोर लगाता है,

पत्थर पानी बन जाता है।

गुण बड़े एक से एक प्रखर, हैं छिपे मानवों के भीतर,

मेंहदी में जैसे लाली हो, वर्तिका बीच उजियाली हो।

बत्ती जो नहीं जलाता है,

रोशनी नहीं वह पाता है।

(i) प्रस्तुत पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

(ii) आदमी के मग में कौन नहीं टिक सकता है?

(iii) पत्थर कब पानी बन जाता है?

(iv) रोशनी किसे नहीं मिलती?

(v) पर्वत के पाँव कब उखड़ जाते हैं?

(vi) मेंहदी के बीच क्या छिपा है?

✓ उत्तर:

(i) शीर्षक: 'मानव की अदम्य शक्ति' या 'परिश्रम का महत्व' या 'मनुष्य की सामर्थ्य'

(ii) उत्तर: आदमी के मार्ग में कोई भी विघ्न या बाधा टिक नहीं सकता है। जब मनुष्य दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ता है तो कोई समस्या उसे रोक नहीं सकती।

(iii) उत्तर: जब मानव (मनुष्य) अपनी पूर्ण शक्ति और परिश्रम से कोई कार्य करता है, तब कठिन से कठिन चीज़ भी आसान हो जाती है। पत्थर भी पानी बन जाता है अर्थात् असंभव भी संभव हो जाता है।

(iv) उत्तर: जो व्यक्ति बत्ती (दीपक) नहीं जलाता है, उसे रोशनी (प्रकाश) नहीं मिलता है। अर्थात् जो प्रयास नहीं करता, उसे सफलता नहीं मिलती।

(v) उत्तर: जब मनुष्य खम ठोककर (दृढ़ संकल्प के साथ) प्रयास करता है और पूरी शक्ति लगाता है, तब पर्वत (पहाड़) के भी पाँव उखड़ जाते हैं। अर्थात् बड़ी से बड़ी बाधा भी दूर हो जाती है।

(vi) उत्तर: मेंहदी के बीच लाली छिपी है। जैसे मेंहदी में लाली छिपी रहती है, वैसे ही मानव के भीतर अनेक गुण छिपे रहते हैं जो उचित समय पर प्रकट होते हैं।

पद्यांश का भावार्थ: इस कविता में मानव की अदम्य शक्ति और परिश्रम के महत्व को दर्शाया गया है। कवि कहता है कि जब मनुष्य दृढ़ निश्चय के साथ प्रयास करता है तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती। पहाड़ भी हिल जाते हैं और असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। मनुष्य के भीतर अनेक गुण छिपे हैं, लेकिन उन्हें प्रकट करने के लिए प्रयास करना आवश्यक है, जैसे बत्ती जलाने पर ही रोशनी मिलती है।

खंड-ब: लघुउत्तरात्मक प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए। (7 × 2 = 14 अंक)

प्रश्न 5: [2 अंक]

शहनाई और डुमराँव एक-दूसरे के लिए किस प्रकार उपयोगी हैं?

✓ उत्तर:

शहनाई और डुमराँव का संबंध अटूट है। डुमराँव (बिहार) में नर्क (एक विशेष प्रकार का बाँस) उगता है जो शहनाई बनाने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इसी नर्क से विश्व की सर्वोत्तम शहनाई बनती है। दूसरी ओर, शहनाई के कारण डुमराँव को विश्वभर में पहचान मिली है। बिस्मिल्ला खाँ जैसे महान शहनाईवादक ने डुमराँव को संगीत के मानचित्र पर स्थापित कर दिया। इस प्रकार दोनों एक-दूसरे की पहचान और प्रसिद्धि का कारण बने हैं। (लगभग 40 शब्द)

प्रश्न 6: [2 अंक]

हालदार साहब ने जब नेताजी की मूर्ति को पहली बार देखा तो उनकी दृष्टि में क्या बात खटकती थी?

✓ उत्तर:

जब हालदार साहब ने पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति देखी तो उन्हें यह बात खटकी कि मूर्ति पर चश्मा असली था, पत्थर का नहीं। यह एक सामान्य चश्मा था जिसे किसी ने मूर्ति पर लगा दिया था। यह दृश्य अजीब और अनोखा लगा क्योंकि आमतौर पर मूर्तियों में सभी अंग पत्थर या धातु के ही होते हैं। यह देशभक्ति की एक अनोखी अभिव्यक्ति थी जो हालदार साहब को आश्चर्यचकित करती रही। (लगभग 40 शब्द)

प्रश्न 7: [2 अंक]

छोटे बच्चे की मनोहारी मुस्कान देखकर कवि के मन में क्या भाव उमड़ते हैं? – 'यह दंतुरित मुस्कान' कविता के आधार पर समझाइए।

✓ उत्तर:

छोटे बच्चे की दंतुरित (दांत निकलते समय की) मुस्कान अत्यंत मनोहारी और निर्मल होती है। कवि नागार्जुन इस मुस्कान को देखकर भाव-विभोर हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि यह मुस्कान कमल के तालाब में तैरती है, फूलों के बगीचे में खिलती है। यह मुस्कान इतनी प्यारी है कि कवि इसे बार-बार देखना चाहते हैं। बच्चे की मासूम मुस्कान में एक अद्भुत आकर्षण है जो कवि के मन को छू लेता है और उन्हें प्रकृति की सुंदरता का स्मरण करा देता है। (लगभग 40 शब्द)

प्रश्न 8: [2 अंक]

'उत्साह' कविता का मूल भाव लिखिए।

✓ उत्तर:

निराला जी की 'उत्साह' कविता में बादलों का आह्वान करते हुए कवि क्रांति और परिवर्तन का संदेश देते हैं। बादल परिवर्तन, नवीनता और क्रांति के प्रतीक हैं। कवि बादलों से कहते हैं कि वे घर-घर जाकर बरसें और नयी उमंग, नयी आशा और नवजीवन लाएँ। गर्मी से तप्त धरती को शीतलता प्रदान करें। यह कविता स्वतंत्रता संग्राम के दौर में लिखी गई थी, इसलिए इसमें सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन की कामना भी निहित है। (लगभग 40 शब्द)

प्रश्न 9: [2 अंक]

गंगटोक शहर को देखकर लेखिका को क्या अनुभूति हुई?

✓ उत्तर:

गंगटोक शहर को देखकर लेखिका महादेवी वर्मा को बहुत आनंद और सुखद अनुभूति हुई। गंगटोक एक साफ-सुथरा, व्यवस्थित और सुंदर पर्वतीय नगर है। पहाड़ियों पर बसा यह शहर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ की स्वच्छता, शांति और अनुशासन ने लेखिका को बहुत प्रभावित किया। रंग-बिरंगे घर, फूलों से सजी सड़कें और मनोहारी दृश्य लेखिका के मन को मोह लेते हैं। उन्हें लगता है कि गंगटोक किसी स्वप्नलोक जैसा है। (लगभग 40 शब्द)

प्रश्न 10: [2 अंक]

साँप निकलने पर पानी फेंकते बच्चों की क्या प्रतिक्रिया हुई? 'माता का अँचल' पाठ के आधार पर समझाइए।

✓ उत्तर:

शिवपूजन सहाय की कहानी 'माता का अँचल' में जब पानी फेंकते समय साँप निकला तो बच्चे भोलू बहुत डर गए। वह तुरंत माँ के पास भागा और माँ के आँचल में छिप गया। बच्चों के लिए माँ का आँचल सबसे सुरक्षित स्थान होता है। भोलू डर के मारे काँप रहा था और माँ से चिपक गया। माँ ने उसे संभाला और हिम्मत दिलाई। यह घटना दर्शाती है कि संकट के समय बच्चों के लिए माँ ही सबसे बड़ा सहारा होती है। माँ का प्यार और सुरक्षा का एहसास बच्चों के मन से डर दूर कर देता है। (लगभग 40 शब्द)

प्रश्न 11: [2 अंक]

'नमक-मिर्च लगाना' मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।

✓ उत्तर:

अर्थ: किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना, किसी घटना में अतिश्योक्ति करना।

वाक्य में प्रयोग:

1. राम को छोटी सी बात में भी नमक-मिर्च लगाने की आदत है, इसलिए उसकी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

2. अख़बार वाले अक्सर खबरों में नमक-मिर्च लगाकर उन्हें सनसनीखेज बना देते हैं।

3. तुम हर बात में नमक-मिर्च लगा देते हो, सच्चाई तो कुछ और ही होती है।

खंड-द: दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए।

प्रश्न 12: [4 × 1 = 4 अंक]

निम्नलिखित पठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए:

आग के आविष्कार में कदाचित पेट की ज्वाला की प्रेरणा एक कारण रही। मुई-धानी के आविष्कार में शायद शीतोष्ण से बचने तथा शरीर को सजाने की प्रवृत्ति का विशेष हाथ रहा। अब कल्पना कीजिए उस आदमी की जिसका पेट भरा है, जिसका तन ढंका है, लेकिन जब वह खुले आकाश के नीचे सोया हुआ रात के जगमगाते तारों को देखता है, तो उसको केवल इसलिए नींद नहीं आती क्योंकि वह यह जानने के लिए परेशान है कि आखिर यह मोती भरा थाल क्या है? पेट भरने और तन ढंकने की इच्छा मनुष्य की संस्कृति की जननी नहीं है। पेट भरा और तन ढंका होने पर भी ऐसा मानव जो वास्तव में संस्कृत है, निढाल नहीं बैठ सकता।

(i) आग के आविष्कार में क्या प्रेरणा रही होगी?

(ii) शरीर को सजाने की प्रवृत्ति किसके आविष्कार का कारण बनी?

(iii) खुले आकाश के नीचे सोए व्यक्ति को नींद क्यों नहीं आती?

(iv) वास्तव में संस्कृत मानव क्या नहीं कर सकता?

✓ उत्तर:

(i) आग के आविष्कार में पेट की ज्वाला (भूख) की प्रेरणा एक प्रमुख कारण रही। मनुष्य ने भोजन पकाने और गर्मी पाने के लिए आग की खोज की।

(ii) शीतोष्ण (सर्दी-गर्मी) से बचने तथा शरीर को सजाने की प्रवृत्ति वस्त्र (मुई-धानी) के आविष्कार का कारण बनी।

(iii) खुले आकाश के नीचे सोए व्यक्ति को इसलिए नींद नहीं आती क्योंकि वह जिज्ञासु स्वभाव का है और वह यह जानने के लिए परेशान रहता है कि आखिर यह मोती भरा थाल (तारों से भरा आकाश) क्या है। उसकी जिज्ञासा उसे सोने नहीं देती।

(iv) वास्तव में संस्कृत (सुसंस्कृत) मानव निढाल (आलसी, निष्क्रिय) नहीं बैठ सकता। पेट भरा और तन ढंका होने पर भी वह ज्ञान की खोज में सक्रिय रहता है। वह केवल भौतिक सुख से संतुष्ट नहीं होता।

गद्यांश का मूल भाव: यह गद्यांश मनुष्य की जिज्ञासा और संस्कृति के विकास पर प्रकाश डालता है। लेखक बताते हैं कि मनुष्य केवल भौतिक आवश्यकताओं (भोजन और वस्त्र) से संतुष्ट नहीं होता। सच्ची संस्कृति जिज्ञासा और ज्ञान की खोज में निहित है। मनुष्य की यही जिज्ञासा उसे पशुओं से अलग बनाती है और सभ्यता के विकास का कारण बनती है।
प्रश्न 13: [4 × 1 = 4 अंक]

प्रस्तुत पठित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

ऊधो, तुम हो अति बड़भागी।

अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिल मन अनुरागी।

पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।

ज्यों जल मांहि तेल की गागरि, बूँद न ताकों लागी।

(i) गोपियों ने किसे बड़भागी कहा है?

(ii) उसे बड़भागी क्यों कहा गया है?

(iii) 'पुरइनि पात' से क्या अभिप्राय है?

(iv) तेल की गागरि पानी में डुबाने पर क्या होता है?

✓ उत्तर:

(i) गोपियों ने उद्धव को 'बड़भागी' (बड़े भाग्यशाली) कहा है। वे व्यंग्यपूर्वक उद्धव की निर्लिप्तता और निर्गुण ज्ञान की प्रशंसा कर रही हैं।

(ii) गोपियाँ उद्धव को व्यंग्य से बड़भागी इसलिए कहती हैं क्योंकि वे स्नेह और प्रेम के बंधन में नहीं बंधे हैं। उनका मन किसी से प्रेम नहीं करता और वे सांसारिक मोह-माया से अपरस (अछूते) रहते हैं। गोपियाँ कृष्ण-प्रेम में डूबी हैं और उद्धव की इस निर्लिप्तता को समझ नहीं पातीं।

(iii) 'पुरइनि पात' से अभिप्राय है - कमल का पत्ता। कमल का पत्ता पानी में रहता है परंतु पानी उसे भिगो नहीं पाता, वह सूखा ही रहता है। गोपियाँ उद्धव की तुलना कमल के पत्ते से कर रही हैं जो प्रेम-रस से अछूता रहता है।

(iv) जब तेल की गागरी (घड़ा) को पानी में डुबाया जाता है तो पानी की एक बूंद भी उसमें प्रवेश नहीं कर पाती। तेल की गागरी पानी में रहकर भी पानी से अलग रहती है। इसी प्रकार उद्धव कृष्ण के पास रहकर भी प्रेम से अछूते हैं।

पद का भावार्थ: यह पद सूरदास के 'भ्रमरगीत' से है। गोपियाँ व्यंग्य से उद्धव की निर्गुण भक्ति और निर्लिप्तता पर टिप्पणी कर रही हैं। वे कहती हैं कि उद्धव बहुत भाग्यशाली हैं क्योंकि वे प्रेम के बंधन में नहीं बंधे। कमल का पत्ता पानी में रहकर भी गीला नहीं होता, तेल की गागरी पानी में रहकर भी पानी से अलग रहती है, उसी प्रकार उद्धव कृष्ण के पास रहकर भी प्रेम से वंचित हैं। गोपियाँ अपनी सगुण भक्ति को श्रेष्ठ मानती हैं।
प्रश्न 14: [3 अंक]

"हालदार साहब भावुक हैं। इतनी-सी बात पर उनकी आँखें भर आईं।"

हालदार साहब की आँखें क्यों भर आईं? 'नेताजी का चश्मा' पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए।

(उत्तर सीमा लगभग 50-60 शब्द)

✓ उत्तर:

हालदार साहब की आँखें इसलिए भर आईं क्योंकि उन्होंने देखा कि 'कैप्टन' नाम का एक गरीब चश्मे वाला नेताजी की मूर्ति पर विभिन्न प्रकार के चश्मे लगाकर अपनी देशभक्ति प्रदर्शित करता था। जब कैप्टन की मृत्यु हो गई, तब नेताजी की मूर्ति पर सरकंडे से बना एक देशी चश्मा लगा था। यह गरीबी में भी देशभक्ति का अद्भुत उदाहरण था। कैप्टन जैसे साधारण व्यक्ति की असाधारण देशभक्ति ने हालदार साहब को भावुक कर दिया। उन्हें एहसास हुआ कि देशप्रेम धन-दौलत में नहीं बल्कि भावनाओं में होता है। (60 शब्द)

प्रश्न 14 (अथवा): [3 अंक]

'लखनवी अंदाज़' व्यंग्य में लेखक ने किस वर्ग पर कटाक्ष किया है? (उत्तर सीमा लगभग 50-60 शब्द)

✓ उत्तर:

'लखनवी अंदाज़' व्यंग्य में लेखक यशपाल ने नवाबी संस्कृति और दिखावे की प्रवृत्ति पर कटाक्ष किया है। कहानी में एक नवाब सिर्फ खीरे की खुशबू लेते हैं और उन्हें खिड़की से बाहर फेंक देते हैं। वे दावा करते हैं कि खीरा खाने से पेट में दर्द होता है। यह उस वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है जो अपनी झूठी शान दिखाने और खोखली नवाबी संस्कृति को बनाए रखने में विश्वास करता है। लेखक ने इस वर्ग की कृत्रिमता, दिखावा और बनावटीपन पर तीखा व्यंग्य किया है। (60 शब्द)

प्रश्न 15: [3 अंक]

"सेवक सो जो करै सेवकाई। अरि करि करिअ लगाई।"

पंक्ति के आधार पर बताइए परशुराम ने राम के किस कार्य को शत्रु के कार्य के समान बताया है।

(उत्तर सीमा लगभग 50-60 शब्द)

✓ उत्तर:

परशुराम क्रोधित होकर कहते हैं कि सेवक वही है जो सेवा करे, यदि कोई शत्रुता करे तो उसे शत्रु ही माना जाएगा। परशुराम ने राम द्वारा शिव धनुष तोड़ने के कार्य को शत्रु के समान बताया है। परशुराम मानते हैं कि शिव जी उनके गुरु हैं और उनके धनुष को तोड़ना गुरु का अपमान है। यह सेवक के योग्य कार्य नहीं बल्कि शत्रु का कार्य है। परशुराम लक्ष्मण से कहते हैं कि राम ने गुरु के प्रति अपमानजनक कार्य किया है जो क्षमा योग्य नहीं है। (60 शब्द)

प्रश्न 15 (अथवा): [3 अंक]

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' रचित कविता 'अट नहीं रही है' में वर्णित फाल्गुन की मादकता का वर्णन कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 50-60 शब्द)

✓ उत्तर:

'अट नहीं रही है' कविता में कवि निराला ने फाल्गुन महीने की प्राकृतिक सुंदरता और मादकता का अद्भुत वर्णन किया है। फाल्गुन में चारों ओर फूल खिल जाते हैं, पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं और प्रकृति में नवजीवन का संचार होता है। इस मौसम की सुगंध और सौंदर्य इतना मादक है कि मन में नहीं समाता। कवि कहते हैं कि फाल्गुन की यह छटा आकाश में भी नहीं समा रही है। हर तरफ़ उमंग, उल्लास और रंगों की बहार है। यह मादकता मन को मोह लेती है। (60 शब्द)

प्रश्न 16: [4 अंक]

तुलसीदास जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व के बारे में लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द)

✓ उत्तर:

तुलसीदास जी का कृतित्व एवं व्यक्तित्व

गोस्वामी तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के महान कवि और भक्त हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना 'रामचरितमानस' है जो अवधी भाषा में लिखी गई है। वे भक्तिकाल की सगुण भक्ति धारा के प्रमुख कवि हैं।

कृतित्व: रामचरितमानस, विनय पत्रिका, कवितावली, दोहावली, गीतावली आदि उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।

व्यक्तित्व: तुलसीदास जी राम के परम भक्त थे। वे सरल, विनम्र और लोककल्याण की भावना से ओतप्रोत थे। उन्होंने अपनी रचनाओं से समाज में आदर्श मूल्यों की स्थापना की और राम के चरित्र को जन-जन तक पहुँचाया। (60 शब्द)

प्रश्न 16 (अथवा): [4 अंक]

यशपाल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में लिखिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द)

✓ उत्तर:

यशपाल का व्यक्तित्व एवं कृतित्व

यशपाल हिंदी के प्रगतिशील धारा के प्रमुख कथाकार थे। वे क्रांतिकारी विचारधारा के समर्थक और प्रगतिशील लेखक संघ के सदस्य थे।

कृतित्व: 'दिव्या', 'देशद्रोही', 'झूठा सच', 'मनुष्य के रूप', 'लखनवी अंदाज़' आदि उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। उन्हें 'झूठा सच' उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।

व्यक्तित्व: यशपाल समाज सुधारक, यथार्थवादी लेखक और क्रांतिकारी विचारक थे। उन्होंने अपनी रचनाओं में समाज की विसंगतियों, शोषण और अन्याय पर तीखा व्यंग्य किया। (60 शब्द)

प्रश्न 17: [4 अंक]

"जाने कितना ऋण है हम पर इन नदियों का, हिम शिखरों का।" 'साना-साना हाथ जोड़ि' – पाठ के आधार पर बताइए कि मणि ने ऐसा क्यों कहा होगा। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द)

✓ उत्तर:

मणि मधुकर ने यह कथन प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए कहा है। नदियाँ और हिम शिखर हमें जीवन देते हैं। नदियों से हमें पीने का पानी, सिंचाई के लिए जल और विद्युत ऊर्जा मिलती है। हिम शिखर जल के भंडार हैं और वर्षा लाने में सहायक हैं। ये प्राकृतिक संसाधन निःस्वार्थ भाव से मनुष्य की सेवा करते हैं। हम इनसे अनगिनत लाभ लेते हैं परंतु इनके संरक्षण के बारे में नहीं सोचते। इसलिए लेखिका ने विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया कि हम पर इन प्राकृतिक संसाधनों का बहुत बड़ा ऋण है। (60 शब्द)

प्रश्न 17 (अथवा): [4 अंक]

'एक दिन मैंने हिरोशिमा पर कविता लिखी – जापान में नहीं, भारत लौटकर रेलगाड़ी में बैठे-बैठे।' अग्नेय ने हिरोशिमा में तत्काल कुछ न लिखकर, भारत लौटने पर कविता क्यों लिखी? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द)

✓ उत्तर:

अग्नेय ने हिरोशिमा में तत्काल कुछ नहीं लिखा क्योंकि वहाँ का दृश्य इतना भयावह और करुणामय था कि वे अवाक् रह गए। हिरोशिमा में परमाणु बम के विनाश को देखकर वे इतने स्तब्ध हो गए कि शब्द ही नहीं मिले। उस त्रासदी की भयावहता को व्यक्त करना कठिन था। बाद में जब वे भारत लौटे और रेलगाड़ी में बैठे थे, तब उन्हें शांति मिली और वे अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सके। कभी-कभी गहरे अनुभव तत्काल व्यक्त नहीं हो पाते, उन्हें समय चाहिए होता है। भावनाओं के उथल-पुथल के बाद ही सच्ची कविता लिखी जा सकती है। (60 शब्द)

प्रश्न 18: [6 अंक]

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंध लिखिए:

(1) कन्या भ्रूण-हत्या – सामाजिक अभिशाप

  • (i) प्रस्तावना
  • (ii) कन्या भ्रूण-हत्या के कारण
  • (iii) कन्या भ्रूण-हत्या के दुष्परिणाम
  • (iv) कन्या भ्रूण-हत्या रोकने के उपाय
  • (v) उपसंहार

(2) शिक्षा के क्षेत्र में मोबाइल की उपयोगिता

  • (i) प्रस्तावना
  • (ii) मोबाइल का शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग
  • (iii) मोबाइल प्रयोग के दुष्परिणाम
  • (iv) छात्रों पर मोबाइल का प्रभाव
  • (v) उपसंहार

(3) बढ़ता ध्वनि प्रदूषण

  • (i) प्रस्तावना
  • (ii) ध्वनि प्रदूषण का अर्थ
  • (iii) ध्वनि प्रदूषण के कारण व दुष्परिणाम
  • (iv) ध्वनि प्रदूषण रोकने के उपाय
  • (v) उपसंहार

(4) मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना

  • (i) प्रस्तावना
  • (ii) घटना का वर्णन
  • (iii) घटना के अविस्मरणीय होने का कारण
  • (iv) उपसंहार
✓ उत्तर (विषय 1): कन्या भ्रूण-हत्या – सामाजिक अभिशाप

प्रस्तावना:

भारतीय समाज में कन्या भ्रूण-हत्या एक गंभीर सामाजिक समस्या है। इस कुप्रथा ने हमारे समाज को कलंकित किया है। जहाँ हमारे शास्त्रों में कन्या को देवी का रूप माना गया है, वहीं आधुनिक युग में उसे जन्म से पहले ही मार दिया जाता है। यह मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध है।

कन्या भ्रूण-हत्या के कारण:

इस कुप्रथा के कई कारण हैं। प्रमुख कारण है - पुत्र को प्राथमिकता देना और कन्या को बोझ समझना। दहेज प्रथा भी इसका एक बड़ा कारण है। लोग सोचते हैं कि लड़की की शादी में बहुत खर्च होगा। अशिक्षा और अंधविश्वास भी जिम्मेदार हैं। अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग करके लिंग परीक्षण किया जाता है।

कन्या भ्रूण-हत्या के दुष्परिणाम:

इसके गंभीर परिणाम हैं। समाज में लिंगानुपात बिगड़ रहा है। हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में प्रति 1000 लड़कों पर 850 से भी कम लड़कियाँ हैं। इससे सामाजिक संतुलन बिगड़ता है। भविष्य में लड़कों के लिए लड़कियाँ नहीं मिलेंगी। महिलाओं की कमी से अपराध बढ़ेंगे। यह नैतिक पतन का संकेत है।

कन्या भ्रूण-हत्या रोकने के उपाय:

सरकार ने PC-PNDT Act बनाया है जो लिंग परीक्षण को अपराध मानता है। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन असली बदलाव मानसिकता में आना चाहिए। शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है। दहेज प्रथा को समाप्त करना होगा। कन्याओं को आत्मनिर्भर बनाना होगा। समाज में लैंगिक समानता स्थापित करनी होगी।

उपसंहार:

कन्या भ्रूण-हत्या एक जघन्य अपराध है जो हमारे समाज को खोखला कर रहा है। कन्या को देवी मानने वाला समाज उसे मारे, यह सबसे बड़ा विरोधाभास है। हमें यह समझना होगा कि बेटी और बेटे में कोई अंतर नहीं। दोनों समान हैं। जब तक हम अपनी मानसिकता नहीं बदलेंगे, कानून भी कारगर नहीं हो सकते। आइए, हम सब मिलकर बेटियों को बचाएं और उन्हें सम्मान दें। (300 शब्द)

निबंध लेखन के महत्वपूर्ण सुझाव:
  • निबंध को दिए गए बिंदुओं के अनुसार लिखें
  • प्रत्येक अनुच्छेद का एक स्पष्ट मुख्य विचार होना चाहिए
  • भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली होनी चाहिए
  • वर्तनी और व्याकरण की अशुद्धियों से बचें
  • शब्द सीमा (300 शब्द) का ध्यान रखें
  • प्रासंगिक उदाहरण और आंकड़े दें
प्रश्न 19: [4 अंक]

स्वयं को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नाहरपुरा का छात्र राहुल मानकर अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य से विद्यालय में पुस्तकालय स्थापित मनाने जाने हेतु प्रार्थना पत्र लिखिए।

✓ उत्तर:
सेवा में,
     श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय,
     राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,
     नाहरपुरा।

विषय: विद्यालय में पुस्तकालय स्थापित करने हेतु प्रार्थना पत्र।

महोदय,

     सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का कक्षा 10वीं का छात्र हूँ। 
मैं आपके ध्यान में यह लाना चाहता हूँ कि हमारे विद्यालय में अभी तक 
पुस्तकालय की व्यवस्था नहीं है। पुस्तकालय विद्यालय का अत्यंत महत्वपूर्ण 
अंग है। यह छात्रों के ज्ञान वर्धन और अध्ययन के लिए आवश्यक है।

     पुस्तकालय होने से छात्रों को विभिन्न विषयों की पुस्तकें, पत्रिकाएँ 
और समाचार पत्र पढ़ने को मिलेंगे। इससे उनका सामान्य ज्ञान बढ़ेगा। 
छात्र अपना खाली समय सदुपयोग कर सकेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं की 
तैयारी में भी पुस्तकालय सहायक होगा।

     अतः आपसे सविनय निवेदन है कि विद्यालय में शीघ्र ही एक 
सुसज्जित पुस्तकालय स्थापित करने की कृपा करें। इससे सभी छात्रों 
को लाभ होगा।

सधन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
राहुल
कक्षा 10वीं 'अ'
अनुक्रमांक: ____________
दिनांक: ______________
            
प्रार्थना पत्र लेखन के महत्वपूर्ण बिंदु:
  • प्रारूप: बायीं ओर सेवा में, बीच में विषय, फिर महोदय/महोदया
  • भाषा: विनम्र और औपचारिक
  • सविनय निवेदन: पत्र की शुरुआत में अवश्य लिखें
  • मुख्य बिंदु: स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करें
  • अंत: सधन्यवाद/सविनय के साथ
  • हस्ताक्षर: नाम, कक्षा, अनुक्रमांक, दिनांक
प्रश्न 19 (अथवा): [4 अंक]

स्वयं को रामगढ़ निवासी अर्जुन मानते हुए अपने मित्र राकेश को जीवन में अनुशासन का महत्व बताते हुए एक पत्र लिखिए।

✓ उत्तर:
सेवा निकेतन,
रामगढ़।
दिनांक: ______________

प्रिय मित्र राकेश,
सप्रेम नमस्कार।

     तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारे पत्र से ज्ञात हुआ कि तुम परीक्षा में 
अच्छे अंक नहीं ला पाए। मुझे लगता है कि इसका मुख्य कारण है - 
तुम्हारे जीवन में अनुशासन की कमी।

     प्रिय मित्र, अनुशासन जीवन की नींव है। जो व्यक्ति अनुशासित 
होता है, वह हर क्षेत्र में सफल होता है। अनुशासन का अर्थ है - 
नियमित दिनचर्या, समय का सदुपयोग, और अपने कर्तव्यों का पालन।

     अनुशासित छात्र नियमित रूप से पढ़ाई करता है। वह समय पर 
सोता और जागता है। खेल-कूद और मनोरंजन के लिए भी उसके पास 
निश्चित समय होता है। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पढ़ाई में 
भी मन लगता है।

     अनुशासनहीनता से जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। देर से सोना, 
देर से उठना, समय की बर्बादी - ये सब असफलता के कारण हैं। मैं 
चाहता हूँ कि तुम अपने जीवन में अनुशासन लाओ। नियमित दिनचर्या 
बनाओ और उसका पालन करो।

     शेष कुशल है। अपने माता-पित जी को मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा मित्र,
अर्जुन
            
प्रश्न 20: [4 अंक]

महिला उद्यमिता केन्द्र द्वारा बनाये गए अचार व पापड़ की बिक्री हेतु एक विज्ञापन लिखिए।

✓ उत्तर:

✿ घर का स्वाद, माँ का प्यार ✿

महिला उद्यमिता केन्द्र

प्रस्तुत करता है

★ स्वादिष्ट घर का अचार ★

आम, नींबू, गाजर, मिर्च, मिश्रित अचार

★ कुरकुरे पापड़ ★

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प्रश्न 20 (अथवा): [4 अंक]

विद्यालय में छात्रों द्वारा अनुपयोगी वस्तुओं से निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी देखने के लिए एक विज्ञापन लिखिए।

✓ उत्तर:

♻️ कचरे से कला तक ♻️

हस्तशिल्प प्रदर्शनी

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय

छात्रों द्वारा निर्मित

अनुपयोगी वस्तुओं से बनी कलाकृतियाँ

प्रदर्शनी में देखें:

★ पुरानी बोतलों से फूलदान

★ अखबार से सुंदर टोकरियाँ

★ प्लास्टिक से खिलौने

★ पुराने कपड़ों से बैग

★ और भी बहुत कुछ...

📅 तिथि: 15 से 17 नवंबर 2024

⏰ समय: प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक

📍 स्थान: विद्यालय प्रांगण

प्रवेश निःशुल्क

"अपशिष्ट को कला में बदलें - पर्यावरण बचाएं!"

संपर्क: प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय

उत्तर लेखन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

सामान्य दिशा-निर्देश

1. समय प्रबंधन:

  • प्रश्न पत्र को पहले पूरा पढ़ें (5 मिनट)
  • प्रत्येक प्रश्न के अनुसार समय विभाजित करें
  • 15 मिनट अंत में revision के लिए बचाएं

2. उत्तर लेखन तकनीक:

  • स्पष्टता: सरल और स्पष्ट भाषा में लिखें
  • शब्द सीमा: दी गई शब्द सीमा का पालन करें
  • सुपाठ्यता: साफ़-सुथरे अक्षरों में लिखें
  • अनुच्छेद: लंबे उत्तर को paragraphs में बाँटें
  • रेखांकन: महत्वपूर्ण शब्दों को underline करें

खंडवार सुझाव

खंड प्रकार समय सुझाव
खंड-अ MCQs 15 मिनट तुरंत उत्तर दें, अधिक न सोचें
खंड-ब (रिक्त स्थान) Fill in blanks 10 मिनट व्याकरण के नियमों का ध्यान रखें
खंड-स गद्यांश/पद्यांश 30 मिनट पहले passage पढ़ें, फिर प्रश्न
खंड-ब लघुउत्तरात्मक 30 मिनट 40 शब्दों में सटीक उत्तर
खंड-द दीर्घ उत्तरीय 60 मिनट विस्तार से, points में लिखें
निबंध Essay 40 मिनट रूपरेखा बनाएं, फिर लिखें

अंक प्राप्ति के लिए विशेष सुझाव

  • ✅ सभी प्रश्नों को attempt करें
  • ✅ सही वर्तनी का प्रयोग करें
  • ✅ विराम चिह्नों का सही उपयोग करें
  • ✅ मूल पाठ से उदाहरण दें
  • ✅ निबंध में प्रासंगिक उदाहरण हों
  • ✅ पत्र लेखन में सही format follow करें
  • ✅ व्याकरण की अशुद्धियों से बचें
  • ✅ अंत में एक बार revision अवश्य करें

यह लेख छात्रों को परीक्षा की तैयारी में सहायता के लिए तैयार किया गया है।

सभी उत्तर नमूना उत्तर हैं। छात्र अपनी समझ और शब्दों में उत्तर लिख सकते हैं।

शुभकामनाएं!