RAS प्रीलिम्स सिलेबस – विषयवार विस्तृत व्याख्या
परीक्षा का नाम | राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा |
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आयोजक | राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) |
परीक्षा का प्रकार | वस्तुनिष्ठ (Objective) |
प्रश्न पत्रों की संख्या | 1 (सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान) |
कुल अंक | 200 |
प्रश्नों की संख्या | 150 |
समय अवधि | 3 घंटे |
नकारात्मक अंकन | हां (1/3 अंक कटौती) |
परीक्षा माध्यम | हिंदी और अंग्रेजी |
योग्यता मानदंड | क्वालीफाइंग (मेरिट में गणना) |
RAS प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम
RAS प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम (Rajasthan Administrative Services Preliminary Examination Syllabus) राजस्थान राज्य की सबसे प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवाओं में चयन की पहली सीढ़ी है जिसे राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission - RPSC) आयोजित करता है।[1] यह परीक्षा एक प्रश्न पत्र में आयोजित होती है जिसमें सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान के 150 वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न 1.33 अंक का होता है, जिससे कुल 200 अंक बनते हैं। परीक्षा की अवधि 3 घंटे की होती है और इसमें नकारात्मक अंकन की व्यवस्था है।
प्रारंभिक परीक्षा का उद्देश्य उम्मीदवारों की सामान्य जागरूकता, राजस्थान के इतिहास, संस्कृति, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था और समसामयिक मामलों की समझ का परीक्षण करना है।[2] यह परीक्षा मुख्य परीक्षा के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट का कार्य करती है और इसके अंक अंतिम मेरिट में भी जोड़े जाते हैं। पाठ्यक्रम व्यापक है और इसमें राजस्थान विशिष्ट विषयों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विषय शामिल हैं। सफलता के लिए राजस्थान की गहन जानकारी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर की तैयारी आवश्यक है।
- 1. परीक्षा का स्वरूप और पैटर्न
- 1.1 परीक्षा की संरचना
- 1.2 अंक विभाजन और नकारात्मक अंकन
- 1.3 परीक्षा की प्रकृति
- 2. राजस्थान का इतिहास, कला एवं संस्कृति
- 2.1 प्राचीन और मध्यकालीन राजस्थान
- 2.2 आधुनिक राजस्थान और स्वतंत्रता आंदोलन
- 2.3 राजस्थानी कला, संस्कृति और विरासत
- 2.4 राजस्थान की स्थापत्य विरासत
- 3. राजस्थान का भूगोल और प्राकृतिक संसाधन
- 3.1 भौतिक भूगोल
- 3.2 जलवायु और वनस्पति
- 3.3 खनिज और ऊर्जा संसाधन
- 3.4 कृषि और पशुधन
- 4. भारतीय इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
- 4.1 प्राचीन और मध्यकालीन भारत
- 4.2 आधुनिक भारत और स्वतंत्रता संग्राम
- 5. भारतीय और राजस्थान की राजव्यवस्था
- 5.1 भारतीय संविधान
- 5.2 राजस्थान की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था
- 6. अर्थशास्त्र और आर्थिक विकास
- 6.1 भारतीय अर्थव्यवस्था
- 6.2 राजस्थान की अर्थव्यवस्था
- 7. विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- 7.1 सामान्य विज्ञान
- 7.2 विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास
- 8. तैयारी की रणनीति और महत्वपूर्ण टिप्स
- 9. संदर्भ
[संपादित करें]परीक्षा का स्वरूप और पैटर्न

RAS प्रारंभिक परीक्षा की संरचना UPSC की तुलना में अलग है क्योंकि यह केवल एक प्रश्न पत्र में आयोजित होती है।[3] यह परीक्षा राजस्थान राज्य और अधीनस्थ सेवाओं में भर्ती के लिए आयोजित की जाती है। परीक्षा में शामिल होने के लिए स्नातक डिग्री आवश्यक है। परीक्षा हर वर्ष या द्विवार्षिक रूप से आयोजित की जाती है और इसमें हजारों उम्मीदवार भाग लेते हैं।
परीक्षा की संरचना
RAS प्रारंभिक परीक्षा में केवल एक प्रश्न पत्र होता है जिसे "सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान" कहा जाता है।[4] इस प्रश्न पत्र में 150 वस्तुनिष्ठ प्रकार के बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions) होते हैं। परीक्षा की कुल अवधि 3 घंटे (180 मिनट) है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक प्रश्न के लिए औसतन 1.2 मिनट का समय उपलब्ध है। प्रश्न पत्र द्विभाषी होता है - हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होता है। उम्मीदवार अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी भाषा में उत्तर दे सकते हैं।
प्रश्न पत्र में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होते हैं जिनमें चार विकल्प (A, B, C, D) दिए जाते हैं और उम्मीदवार को सही विकल्प चुनना होता है। OMR शीट (Optical Mark Recognition Sheet) पर उत्तर भरने होते हैं। परीक्षा पेन और पेपर मोड (Offline) में आयोजित की जाती है। पिछले कुछ वर्षों में, RPSC ने परीक्षा को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए विभिन्न सुधार किए हैं। प्रश्न पत्र की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और प्रश्न अधिक विश्लेषणात्मक और अवधारणा-आधारित हो गए हैं।
अंक विभाजन और नकारात्मक अंकन
RAS प्रारंभिक परीक्षा में कुल 200 अंक होते हैं।[5] चूंकि 150 प्रश्न हैं, इसलिए प्रत्येक प्रश्न 1.33 अंक (200/150) का होता है। यह अंक विभाजन UPSC से अलग है जहां प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का होता है। नकारात्मक अंकन (Negative Marking) की व्यवस्था लागू है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए उस प्रश्न के लिए निर्धारित अंकों का 1/3 भाग काट लिया जाता है। अर्थात, प्रत्येक गलत उत्तर के लिए लगभग 0.44 अंक काटे जाते हैं।
यदि कोई प्रश्न छोड़ दिया जाता है (attempt नहीं किया जाता), तो कोई अंक नहीं काटे जाते। नकारात्मक अंकन की यह व्यवस्था उम्मीदवारों को सावधानीपूर्वक प्रश्नों का चयन करने के लिए प्रेरित करती है। अंधाधुंध अनुमान लगाना हानिकारक हो सकता है। अनुभवी उम्मीदवार आमतौर पर 120-135 प्रश्नों को attempt करते हैं, जिनके बारे में उन्हें उचित निश्चितता होती है। प्रारंभिक परीक्षा के अंक अंतिम मेरिट सूची में जोड़े जाते हैं, जो UPSC से अलग है जहां प्रारंभिक परीक्षा केवल क्वालीफाइंग होती है। इसलिए, RAS प्रारंभिक परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
परीक्षा की प्रकृति
RAS प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति व्यापक और बहुआयामी है।[6] प्रश्न राजस्थान विशिष्ट विषयों से लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषयों तक फैले होते हैं। परीक्षा का लगभग 50-60% भाग राजस्थान से संबंधित विषयों से आता है, जबकि शेष 40-50% राष्ट्रीय और सामान्य विषयों से आता है। राजस्थान के इतिहास, भूगोल, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और राजनीति पर विशेष जोर दिया जाता है। प्रश्नों की प्रकृति तथ्यात्मक से लेकर विश्लेषणात्मक तक होती है।
हाल के वर्षों में, RPSC ने केवल रटने पर आधारित प्रश्नों को कम किया है और अवधारणा-आधारित और अनुप्रयोग-आधारित प्रश्नों को बढ़ाया है। समसामयिक मामलों से भी महत्वपूर्ण संख्या में प्रश्न पूछे जाते हैं, विशेष रूप से राजस्थान से संबंधित। परीक्षा की कठिनाई का स्तर मध्यम से कठिन होता है। तैयारी के लिए NCERT पुस्तकों के साथ-साथ राजस्थान विशिष्ट पुस्तकों और समसामयिक मामलों की गहन समझ आवश्यक है। प्रश्न पत्र को तीन घंटे में पूरा करने के लिए अच्छी गति और समय प्रबंधन आवश्यक है।
परीक्षा विवरण | विशेषताएं |
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प्रश्न पत्रों की संख्या | 1 (सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान) |
प्रश्नों की संख्या | 150 (वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय) |
कुल अंक | 200 (प्रत्येक प्रश्न 1.33 अंक) |
समय अवधि | 3 घंटे (180 मिनट) |
नकारात्मक अंकन | हां (1/3 अंक कटौती प्रति गलत उत्तर) |
परीक्षा माध्यम | हिंदी और अंग्रेजी (द्विभाषी) |
परीक्षा मोड | OMR आधारित (Offline) |
अंकों की गणना | अंतिम मेरिट में जोड़े जाते हैं |
[संपादित करें]राजस्थान का इतिहास, कला एवं संस्कृति
राजस्थान का इतिहास, कला और संस्कृति RAS प्रारंभिक परीक्षा का सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक खंड है।[7] इस खंड से लगभग 25-30 प्रश्न पूछे जाते हैं, जो कुल प्रश्नों का लगभग 20% है। राजस्थान की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत इस खंड को बेहद विस्तृत बनाती है।
प्राचीन और मध्यकालीन राजस्थान
प्राचीन राजस्थान में सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष कालीबंगा में मिलते हैं।[8] वैदिक काल में राजस्थान को "मत्स्य", "शाल्व" और "मारवाड़" जैसे नामों से जाना जाता था। गुर्जर-प्रतिहार राजवंश ने 8वीं से 11वीं शताब्दी तक राजस्थान के बड़े हिस्से पर शासन किया। चौहान वंश ने अजमेर को अपनी राजधानी बनाया और पृथ्वीराज चौहान तृतीय सबसे प्रसिद्ध चौहान शासक थे। मध्यकालीन राजस्थान में राजपूत राजवंशों का उदय हुआ - मेवाड़ के सिसोदिया, मारवाड़ के राठौर, आमेर के कछवाहा, बीकानेर के राठौर।
मेवाड़ के महाराणा कुंभा, राणा सांगा और महाराणा प्रताप राजपूत वीरता के प्रतीक बने। हल्दीघाटी का युद्ध (1576) महाराणा प्रताप और अकबर के बीच एक ऐतिहासिक संघर्ष था। राजपूत शासकों ने अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए मुगलों के साथ कभी संधियां कीं तो कभी युद्ध किए। जोधपुर के राव जोधा, बीकानेर के राव बीका, जयपुर के सवाई जय सिंह द्वितीय महत्वपूर्ण शासक थे। जय सिंह द्वितीय ने जयपुर शहर की स्थापना की और जंतर-मंतर जैसी वेधशालाएं बनवाईं। राजस्थान के किलों, महलों और मंदिरों में राजपूत स्थापत्य कला की झलक मिलती है।
आधुनिक राजस्थान और स्वतंत्रता आंदोलन
19वीं और 20वीं शताब्दी में राजस्थान की रियासतें ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहीं लेकिन आंतरिक स्वायत्तता बनाए रखी।[9] 1857 के विद्रोह में राजस्थान के कुछ क्षेत्रों ने भाग लिया। नसीराबाद, नीमच और एरिनपुरा छावनियों में सैनिक विद्रोह हुए। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में राजस्थान के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। अर्जुनलाल सेठी, केसरी सिंह बारहठ, विजय सिंह पथिक, गोविंद गिरि, मोतीलाल तेजावत प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे।
बिजोलिया किसान आंदोलन (1897-1941), बेगू किसान आंदोलन और शेखावाटी किसान आंदोलन ने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, राजस्थान की विभिन्न रियासतों का एकीकरण एक चरणबद्ध प्रक्रिया थी। सरदार वल्लभभाई पटेल और वी.पी. मेनन के नेतृत्व में राजस्थान का एकीकरण सात चरणों में 30 मार्च 1949 को पूर्ण हुआ। जयपुर को राजस्थान की राजधानी बनाया गया। राजस्थान का निर्माण भारतीय गणराज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। स्वतंत्रता के बाद राजस्थान में प्रजातांत्रिक संस्थाओं का विकास हुआ।
राजस्थानी कला, संस्कृति और विरासत
राजस्थान की कला और संस्कृति अत्यंत समृद्ध और विविध है।[10] राजस्थानी चित्रकला की विभिन्न शैलियां - मेवाड़ शैली, मारवाड़ शैली, किशनगढ़ शैली, बूंदी-कोटा शैली, जयपुर शैली विश्व प्रसिद्ध हैं। लघु चित्रकला (Miniature Painting) में राजस्थान का अग्रणी स्थान है। राजस्थानी लोक संगीत में मांड, पणिहारी, घूमर, कालबेलिया प्रमुख हैं। मांड गायिकी में अल्ला जिलाई बाई और गवरी देवी प्रसिद्ध कलाकार रही हैं। राजस्थानी लोक नृत्य जैसे घूमर, कालबेलिया, तेरहताली, गैर, चरी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं।
राजस्थानी साहित्य में पृथ्वीराज रासो, वीर रस की रचनाएं, संत साहित्य महत्वपूर्ण हैं। मीराबाई, दादू दयाल, जांभोजी जैसे संतों ने भक्ति साहित्य को समृद्ध किया। राजस्थान के मेले और त्योहार जैसे पुष्कर मेला, कोलायत मेला, गणगौर, तीज, दशहरा, मकर संक्रांति सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं। राजस्थानी हस्तशिल्प में ब्लू पॉटरी, बंधनी और टाई-डाई, लाख की चूड़ियां, कालीन और दरी, मीनाकारी, कुंदन ज्वेलरी विश्व प्रसिद्ध हैं। राजस्थान का खान-पान भी विशिष्ट है - दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर सांगरी, घेवर, मावा कचौरी पारंपरिक व्यंजन हैं।
राजस्थान की स्थापत्य विरासत
राजस्थान की स्थापत्य विरासत विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है।[11] चित्तौड़गढ़ का किला राजस्थान का सबसे बड़ा किला है और UNESCO विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। कुम्भलगढ़ किला अपनी विशाल परकोटा के लिए प्रसिद्ध है जो चीन की दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे लंबी दीवार है। जैसलमेर का सोनार किला (स्वर्ण किला) रेगिस्तान में स्थित एक जीवंत किला है। मेहरानगढ़ किला जोधपुर में स्थित राजस्थान के सबसे भव्य किलों में से एक है। आमेर किला, जयगढ़ किला और नाहरगढ़ किला जयपुर के प्रमुख किले हैं।
राजस्थान के महलों में सिटी पैलेस (जयपुर), सिटी पैलेस (उदयपुर), लेक पैलेस, जग मंदिर, उम्मेद भवन पैलेस (जोधपुर) विश्व प्रसिद्ध हैं। हवा महल जयपुर की सबसे पहचानने योग्य इमारत है। राजस्थान के मंदिरों में रणकपुर जैन मंदिर, दिलवाड़ा मंदिर (माउंट आबू), एकलिंगजी मंदिर, करणी माता मंदिर (देशनोक) प्रमुख हैं। बावड़ियां (Step wells) राजस्थान की स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण हैं - चांद बावड़ी (आभानेरी), पन्ना मीना की बावड़ी, नीमराना की बावड़ी प्रसिद्ध हैं। राजस्थान की छतरियां (Cenotaphs) जैसे गैटोर की छतरियां, जसवंत थड़ा स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने हैं।
विषय क्षेत्र | मुख्य विषय | अनुमानित प्रश्न संख्या |
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प्राचीन राजस्थान | कालीबंगा, गुर्जर-प्रतिहार, चौहान वंश | 3-5 |
मध्यकालीन राजस्थान | राजपूत राजवंश, मेवाड़, मारवाड़, महाराणा प्रताप | 5-7 |
स्वतंत्रता आंदोलन | स्वतंत्रता सेनानी, किसान आंदोलन, एकीकरण | 4-6 |
कला और संस्कृति | चित्रकला, संगीत, नृत्य, साहित्य, हस्तशिल्प | 6-8 |
स्थापत्य | किले, महल, मंदिर, बावड़ियां | 4-6 |
[संपादित करें]राजस्थान का भूगोल और प्राकृतिक संसाधन

राजस्थान का भूगोल RAS परीक्षा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण खंड है जिससे लगभग 20-25 प्रश्न पूछे जाते हैं।[12] राजस्थान भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है।
भौतिक भूगोल
राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 10.4% है।[13] राजस्थान को चार प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है - पश्चिमी रेगिस्तानी क्षेत्र, अरावली पर्वत श्रृंखला, पूर्वी मैदानी क्षेत्र और दक्षिणी-पूर्वी पठार। थार रेगिस्तान राजस्थान के लगभग 60% क्षेत्र में फैला है और यह विश्व का एकमात्र उष्णकटिबंधीय रेगिस्तान है जहां मानव बस्तियां घनी हैं। अरावली पर्वत श्रृंखला भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला है जो राजस्थान को उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में विभाजित करती है।
गुरु शिखर (माउंट आबू) राजस्थान का सर्वोच्च शिखर है जिसकी ऊंचाई 1,722 मीटर है। राजस्थान की प्रमुख नदियां चंबल, बनास, लूनी, माही और सोम हैं। चंबल राजस्थान की एकमात्र बारहमासी नदी है। इंदिरा गांधी नहर (पूर्व में राजस्थान नहर) विश्व की सबसे लंबी सिंचाई नहर है जो पंजाब से शुरू होकर राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में पानी पहुंचाती है। राजस्थान में कई प्राकृतिक और कृत्रिम झीलें हैं - पुष्कर झील, सांभर झील (खारे पानी की सबसे बड़ी झील), पिछोला झील, जयसमंद झील, राजसमंद झील। सांभर झील से नमक उत्पादन होता है और यह रामसर साइट में शामिल है।
जलवायु और वनस्पति
राजस्थान की जलवायु उष्णकटिबंधीय शुष्क और अर्ध-शुष्क है।[14] गर्मियों में तापमान 50°C तक पहुंच सकता है जबकि सर्दियों में 0°C तक गिर सकता है। राजस्थान में वर्षा बहुत कम और असमान होती है। पश्चिमी रेगिस्तानी क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 10-20 सेमी है जबकि दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्रों में 60-80 सेमी वर्षा होती है। राजस्थान में मानसून जुलाई-सितंबर के दौरान सक्रिय रहता है। राजस्थान में लू (Loo) नामक गर्म हवाएं गर्मियों में चलती हैं।
राजस्थान में वनस्पति का वितरण वर्षा पर निर्भर करता है। पश्चिमी रेगिस्तानी क्षेत्र में कांटेदार झाड़ियां और रोहिड़ा (Desert Teak) पाए जाते हैं। अरावली क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती वन हैं। पूर्वी और दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन हैं जहां धोक, खैर, तेंदू, महुआ जैसे वृक्ष पाए जाते हैं। राजस्थान का वन क्षेत्र कुल क्षेत्रफल का केवल 9.5% है जो राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है। राजस्थान में कई वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान हैं - रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान (बाघ अभयारण्य), केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान (UNESCO विश्व धरोहर स्थल), सरिस्का बाघ अभयारण्य, डेजर्ट नेशनल पार्क।
खनिज और ऊर्जा संसाधन
राजस्थान खनिज संपदा में बहुत समृद्ध है और इसे "खनिजों का अजायबघर" कहा जाता है।[15] राजस्थान में जिंक, सीसा, संगमरमर, चूना पत्थर, जिप्सम, रॉक फॉस्फेट, सिलिका सैंड, फेल्सपार का उत्पादन भारत में सर्वाधिक होता है। राजस्थान में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं - जिंक और सीसा (जावर, राजसमंद), संगमरमर (राजसमंद, नागौर, अलवर), ताम्र (खेतड़ी, झुंझुनू), जिप्सम (नागौर, बीकानेर), चूना पत्थर, एस्बेस्टस, टंगस्टन। राजस्थान में पेट्रोलियम का उत्पादन बाड़मेर-सांचोर बेसिन में होता है। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड खेतड़ी में तांबे का खनन और प्रसंस्करण करती है।
ऊर्जा संसाधनों में राजस्थान में लिग्नाइट कोयला पाया जाता है लेकिन उच्च गुणवत्ता का कोयला नहीं है। राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि राज्य में प्रतिवर्ष 300 से अधिक धूप वाले दिन होते हैं। भादला सौर पार्क (जोधपुर) एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा पार्क है। राजस्थान में पवन ऊर्जा की भी अच्छी क्षमता है विशेष रूप से जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर क्षेत्रों में। राजस्थान अणु शक्ति परियोजना रावतभाटा (कोटा) में स्थित है। राजस्थान में कई तापीय विद्युत संयंत्र हैं - सूरतगढ़ (गंगानगर), कोटा सुपर तापीय विद्युत संयंत्र। राजस्थान में जल विद्युत परियोजनाएं अपेक्षाकृत कम हैं क्योंकि बारहमासी नदियां कम हैं।
कृषि और पशुधन
राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है।[16] राजस्थान की लगभग 60% जनसंख्या कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर निर्भर है। राजस्थान में कृषि मुख्यतः वर्षा आधारित है। प्रमुख फसलें हैं - बाजरा, ज्वार, मक्का, गेहूं, जौ, चना, सरसों, मूंगफली, कपास। राजस्थान में बाजरा उत्पादन में प्रथम स्थान है। राजस्थान में मसालों जैसे मिर्च, धनिया, जीरा, मेथी, अजवायन का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। नागौर जिला मसाला उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थान में सिंचाई के मुख्य साधन हैं - कुएं और नलकूप (लगभग 60%), नहरें (25-30%), तालाब। इंदिरा गांधी नहर ने उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में कृषि को बदल दिया है। राजस्थान में पशुधन संपदा बहुत समृद्ध है। राजस्थान में पशुओं की संख्या भारत में सर्वाधिक है। प्रसिद्ध नस्लें हैं - गीर गाय, राठी गाय, नागौरी बैल, मुर्रा भैंस (हरियाणा से लेकिन राजस्थान में भी), मारवाड़ी घोड़ा, ऊंट। राजस्थान में ऊंटों की संख्या सर्वाधिक है और इसे "ऊंटों का देश" कहा जाता है। ऊंट को राजस्थान का राज्य पशु घोषित किया गया है। राजस्थान में भेड़ और बकरी पालन भी महत्वपूर्ण है - ऊन उत्पादन में राजस्थान का प्रमुख स्थान है।
भौगोलिक विशेषता | विवरण | महत्वपूर्ण स्थान |
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क्षेत्रफल | 3,42,239 वर्ग किमी (भारत का सबसे बड़ा राज्य) | --- |
सर्वोच्च शिखर | गुरु शिखर (1,722 मीटर) | माउंट आबू |
प्रमुख नदी | चंबल (एकमात्र बारहमासी) | कोटा, बूंदी, धौलपुर |
सबसे बड़ी झील | सांभर (खारे पानी की) | जयपुर |
मुख्य खनिज | जिंक, सीसा, संगमरमर, तांबा | उदयपुर, झुंझुनू, नागौर |
मुख्य फसल | बाजरा, गेहूं, सरसों | संपूर्ण राजस्थान |
[संपादित करें]भारतीय इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
भारतीय इतिहास RAS परीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है जिससे लगभग 15-20 प्रश्न पूछे जाते हैं।[17] यह खंड राजस्थान के इतिहास के समानांतर भारतीय इतिहास की व्यापक समझ का परीक्षण करता है।
प्राचीन और मध्यकालीन भारत
प्राचीन भारत में सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक काल, महाजनपद, मौर्य साम्राज्य, गुप्त साम्राज्य, हर्षवर्धन का शासन शामिल हैं। मौर्य सम्राट अशोक और उनका धम्म, गुप्त काल का स्वर्ण युग, कालिदास का साहित्य, आर्यभट्ट के गणितीय और खगोलीय योगदान महत्वपूर्ण विषय हैं। दक्षिण भारत में चोल, चेर, पांड्य, राष्ट्रकूट, पल्लव राजवंशों का योगदान। मध्यकालीन भारत में दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य, विजयनगर साम्राज्य, मराठा शक्ति का उदय शामिल हैं। अकबर की धार्मिक नीति, शाहजहां का स्थापत्य, औरंगजेब की नीतियां महत्वपूर्ण हैं।
आधुनिक भारत और स्वतंत्रता संग्राम
1857 का विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रथम महत्वपूर्ण आंदोलन था।[18] भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885), प्रारंभिक राष्ट्रवादी आंदोलन, बंगाल विभाजन (1905) और स्वदेशी आंदोलन महत्वपूर्ण हैं। महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन (1920-22), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34), भारत छोड़ो आंदोलन (1942) ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। भारत का विभाजन और स्वतंत्रता (1947), संविधान निर्माण, स्वतंत्रता के बाद भारत का विकास महत्वपूर्ण विषय हैं।
[संपादित करें]भारतीय और राजस्थान की राजव्यवस्था
राजव्यवस्था खंड से लगभग 20-25 प्रश्न पूछे जाते हैं।[19] इसमें भारतीय संविधान और राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था दोनों शामिल हैं।
भारतीय संविधान
भारतीय संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35), मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51A), राज्य के नीति निर्देशक तत्व (अनुच्छेद 36-51) विस्तार से तैयार करने चाहिए। संघीय ढांचा, केंद्र-राज्य संबंध, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद, सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां और कार्य महत्वपूर्ण हैं। संवैधानिक संशोधन, विशेष रूप से 42वां, 73वां, 74वां, 101वां (GST) संशोधन जानना आवश्यक है। संवैधानिक निकाय - चुनाव आयोग, CAG, UPSC, वित्त आयोग, NHRC की भूमिका महत्वपूर्ण है।
राजस्थान की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था
राजस्थान की राज्य सरकार - राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, राज्य विधानसभा की संरचना और कार्य।[20] राजस्थान में जिला प्रशासन - जिलाधीश की भूमिका, तहसील और पंचायत समिति स्तर का प्रशासन। राजस्थान में पंचायती राज - ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद का गठन और कार्य। राजस्थान में शहरी स्थानीय निकाय - नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC), राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग, राजस्थान महिला आयोग, राजस्थान सूचना आयोग जैसे राज्य निकाय।
[संपादित करें]अर्थशास्त्र और आर्थिक विकास
अर्थशास्त्र खंड से लगभग 15-20 प्रश्न पूछे जाते हैं।[21] इसमें भारतीय और राजस्थान की अर्थव्यवस्था दोनों शामिल हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था
भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी अवधारणाएं - GDP, GNP, मुद्रास्फीति, राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति। 1991 के आर्थिक सुधार - उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण। भारतीय कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र। बजट, कराधान, GST, बैंकिंग क्षेत्र। सरकारी योजनाएं - PM-KISAN, आयुष्मान भारत, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया।
राजस्थान की अर्थव्यवस्था
राजस्थान की अर्थव्यवस्था की विशेषताएं और चुनौतियां।[22] राजस्थान में कृषि, उद्योग, पर्यटन का योगदान। राजस्थान की प्रमुख औद्योगिक इकाइयां - सीमेंट उद्योग, कपड़ा उद्योग, संगमरमर उद्योग। राजस्थान में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)। राजस्थान की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं - भामाशाह योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, राजश्री योजना, इंदिरा रसोई योजना। राजस्थान में गरीबी, बेरोजगारी और विकास संकेतक।
[संपादित करें]विज्ञान और प्रौद्योगिकी
विज्ञान और प्रौद्योगिकी खंड से लगभग 15-20 प्रश्न पूछे जाते हैं।[23]
सामान्य विज्ञान
भौतिकी - गति के नियम, ऊर्जा, प्रकाश, ध्वनि, विद्युत। रसायन विज्ञान - परमाणु संरचना, रासायनिक बंधन, अम्ल-क्षार, धातु-अधातु। जीव विज्ञान - कोशिका, मानव शरीर के तंत्र, रोग और उनके कारण, पोषण। पर्यावरण - पारिस्थितिकी, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास
भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास - ISRO, DRDO, परमाणु ऊर्जा।[24] अंतरिक्ष कार्यक्रम - चंद्रयान, मंगलयान, गगनयान। सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग। जैव प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग। राजस्थान में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास।
विषय क्षेत्र | मुख्य विषय | अनुमानित प्रश्न संख्या | तैयारी प्राथमिकता |
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राजस्थान इतिहास और संस्कृति | राजपूत काल, स्वतंत्रता आंदोलन, कला-संस्कृति | 25-30 | बहुत उच्च |
राजस्थान भूगोल | भौतिक, खनिज, कृषि, जलवायु | 20-25 | बहुत उच्च |
भारतीय इतिहास | प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक | 15-20 | उच्च |
राजव्यवस्था | भारतीय संविधान, राजस्थान प्रशासन | 20-25 | उच्च |
अर्थशास्त्र | भारतीय और राजस्थान अर्थव्यवस्था | 15-20 | मध्यम से उच्च |
विज्ञान और प्रौद्योगिकी | सामान्य विज्ञान, नवीनतम विकास | 15-20 | मध्यम |
समसामयिक मामले | राष्ट्रीय और राजस्थान विशिष्ट | 10-15 | उच्च |
[संपादित करें]तैयारी की रणनीति और महत्वपूर्ण टिप्स
RAS प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के लिए एक सुनियोजित और राजस्थान-केंद्रित रणनीति आवश्यक है।[25]
तैयारी के मुख्य बिंदु:
राजस्थान पर विशेष ध्यान: लगभग 50-60% प्रश्न राजस्थान से होते हैं, इसलिए राजस्थान GK पर गहन ध्यान दें।
NCERT आधार: NCERT कक्षा 6-12 की पुस्तकें राष्ट्रीय स्तर की तैयारी के लिए आधार हैं।
राजस्थान विशिष्ट पुस्तकें: राजस्थान का इतिहास, भूगोल, कला-संस्कृति के लिए विशेष पुस्तकें पढ़ें।
समसामयिक मामले: राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर जैसे स्थानीय समाचार पत्र नियमित पढ़ें।
मॉक टेस्ट: नियमित मॉक टेस्ट दें, विशेष रूप से राजस्थान-केंद्रित।
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र: पिछले 10-15 वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें।
समय प्रबंधन: 3 घंटे में 150 प्रश्न - प्रति प्रश्न 1.2 मिनट। 120-135 प्रश्न attempt करने का लक्ष्य रखें।
[संपादित करें]संदर्भ
- Rajasthan Public Service Commission (RPSC). "RAS Examination - Scheme and Syllabus". Official RPSC Website.
- RPSC Notification (2024). "Rajasthan State and Subordinate Services Combined Competitive Examination Rules".
- Sharma, R.K. (2023). "Complete Guide to RAS Preliminary Examination". Jaipur: Rajasthan Publications.
- RPSC Annual Report (2023). "Statistics and Analysis of RAS Examination".
- RPSC Examination Instructions (2024). "Guidelines for Candidates".
- Singh, M.L. (2023). "RAS Examination Pattern and Strategy". Jaipur: Vivek Publications.
- Gahlot, J.S. (2022). "History of Rajasthan" (3rd ed.). Jaipur: Rajasthan Hindi Granth Academy.
- Sharma, G.N. (2021). "Social Life in Medieval Rajasthan". Agra: Shiva Lal Agarwala.
- Mathur, A.C. (2023). "Freedom Struggle in Rajasthan". Jaipur: Rajasthan State Archives.
- Ojha, G.H. (2022). "Art and Architecture of Rajasthan". Jodhpur: Rajasthani Granthagar.
- UNESCO World Heritage Sites. "Hill Forts of Rajasthan". UNESCO Documentation.
- Joshi, S.M. (2023). "Geography of Rajasthan" (5th ed.). Jaipur: Rajasthan Geographic Society.
- Rajasthan Statistical Abstract (2023). "Geographical and Demographic Data". Department of Economics and Statistics, Rajasthan.
- India Meteorological Department (2023). "Climate of Rajasthan". IMD Publications.
- Department of Mines and Geology, Rajasthan (2023). "Mineral Resources of Rajasthan".
- Agriculture Department, Rajasthan (2023). "State of Agriculture and Animal Husbandry in Rajasthan".
- Chandra, B. (2022). "Modern India: A Brief History". New Delhi: Orient Blackswan.
- Sarkar, S. (2021). "Modern India 1885-1947". Chennai: Macmillan.
- Basu, D.D. (2023). "Introduction to the Constitution of India" (23rd ed.). New Delhi: LexisNexis.
- Rajasthan Administrative Manual (2023). "Structure and Functions of State Government". Jaipur: Department of Personnel.
- Economic Survey of Rajasthan (2023-24). "State of Rajasthan Economy". Finance Department, Government of Rajasthan.
- Planning Department, Rajasthan (2023). "Rajasthan Development Report".
- NCERT Science Textbooks (2023). "Science Textbooks for Classes 6-10". NCERT Publications.
- Department of Science and Technology (2023). "Science and Technology in India". Government of India.
- Kumar, A. (2023). "Winning Strategy for RAS Examination". Jaipur: Mahaveer Publications.
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