RBSE Class 10 Social Science Model Paper 2025 | राजस्थान बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान मॉडल प्रश्न पत्र 2025

| बुधवार, अक्टूबर 29, 2025
राजस्थान बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान मॉडल प्रश्न पत्र 2025

राजस्थान बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान मॉडल प्रश्न पत्र 2025

परीक्षा विवरण
बोर्ड राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE)
कक्षा 10वीं (माध्यमिक)
विषय सामाजिक विज्ञान
परीक्षा सत्र 2024-2025
कुल अंक 80 अंक
समय अवधि 2 घंटे 45 मिनट
प्रश्नों की संख्या 25 प्रश्न
विषय क्षेत्र इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र

राजस्थान बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान मॉडल प्रश्न पत्र 2025 राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षा की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। यह मॉडल प्रश्न पत्र इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र के प्रमुख अवधारणाओं को समाहित करता है।

1. प्रश्न पत्र की संरचना

खंड प्रश्न प्रकार प्रश्नों की संख्या अंक प्रति प्रश्न कुल अंक
खंड क वस्तुनिष्ठ (MCQ) 10 1 10
खंड ख अति लघूत्तरात्मक 8 2 16
खंड ग लघूत्तरात्मक 4 4 16
खंड घ निबंधात्मक 3 6 18
लिखित परीक्षा योग 60
मानचित्र कार्य 20
महायोग 80

2. ब्लूप्रिंट विवरण

2.1 विषय-वार अंक वितरण चार्ट

विषय-वार अंक वितरण (कुल 80 अंक) इतिहास 22 भूगोल 26 राजनीति 11 अर्थशास्त्र 21 0 10 15 20 25 30

चित्र 1: विषय-वार अंकों का वितरण दर्शाता बार चार्ट

2.2 कठिनाई स्तर पाई चार्ट

कठिनाई स्तर वितरण आसान 40% (32) मध्यम 40% (32) कठिन 20% (16) आसान (32 अंक) मध्यम (32 अंक) कठिन (16 अंक)

चित्र 2: प्रश्न पत्र में कठिनाई स्तर का वितरण

3. खंड क - वस्तुनिष्ठ प्रश्न (10 अंक)

प्रश्न 1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?

(अ) 1857 | (ब) 1885 | (स) 1905 | (द) 1920

उत्तर: (ब) 1885

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को बम्बई में हुई। संस्थापक A.O. ह्यूम थे और प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन सा खनिज 'काला सोना' कहलाता है?

(अ) लौह अयस्क | (ब) कोयला | (स) मैंगनीज | (द) बॉक्साइट

उत्तर: (ब) कोयला

कोयला को 'काला सोना' कहा जाता है क्योंकि यह ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है। भारत में झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में प्रमुख भंडार हैं।

प्रश्न 3. लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का मुख्य उद्देश्य क्या है?

(अ) राजनीतिक स्थिरता | (ब) आर्थिक विकास | (स) सामाजिक समानता | (द) उपरोक्त सभी

उत्तर: (द) उपरोक्त सभी

लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास और सामाजिक समानता - तीनों को बढ़ावा देती है। यह विभिन्न समूहों को प्रतिनिधित्व देकर समावेशी शासन सुनिश्चित करती है।

प्रश्न 4. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से क्या आशय है?

(अ) एक वर्ष में देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य | (ब) विदेशों से प्राप्त आय | (स) सरकारी राजस्व | (द) निर्यात मूल्य

उत्तर: (अ) एक वर्ष में देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य

GDP किसी देश की भौगोलिक सीमाओं के भीतर एक वित्तीय वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल बाजार मूल्य है। यह आर्थिक विकास का प्रमुख सूचक है।

प्रश्न 5. जलियांवाला बाग हत्याकांड किस वर्ष हुआ?

(अ) 1917 | (ब) 1919 | (स) 1920 | (द) 1922

उत्तर: (ब) 1919

जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में हुआ। जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाई गईं। लगभग 1000 लोग मारे गए। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण मोड़ था।

प्रश्न 6. भारत में कितने प्रकार की मिट्टियां पाई जाती हैं?

(अ) 4 | (ब) 6 | (स) 8 | (द) 10

उत्तर: (स) 8

भारत में मुख्यतः 8 प्रकार की मिट्टियां हैं: (1) जलोढ़, (2) काली (रेगुर), (3) लाल, (4) लैटेराइट, (5) मरुस्थलीय, (6) पर्वतीय, (7) दलदली, (8) लवणीय। प्रत्येक की अलग विशेषताएं और कृषि उपयोगिता है।

प्रश्न 7. संविधान में मौलिक अधिकार किस देश से लिए गए हैं?

(अ) ब्रिटेन | (ब) अमेरिका | (स) फ्रांस | (द) कनाडा

उत्तर: (ब) अमेरिका

भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार की अवधारणा अमेरिकी संविधान से ली गई है। भाग III (अनुच्छेद 12-35) में 6 मौलिक अधिकार वर्णित हैं। ये न्यायसंगत हैं और नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं।

प्रश्न 8. हरित क्रांति के जनक किसे कहा जाता है?

(अ) डॉ. राजेंद्र प्रसाद | (ब) एम.एस. स्वामीनाथन | (स) नॉर्मन बोरलॉग | (द) वर्गीज कुरियन

उत्तर: (स) नॉर्मन बोरलॉग (विश्व स्तर), (ब) एम.एस. स्वामीनाथन (भारत में)

विश्व स्तर पर हरित क्रांति के जनक डॉ. नॉर्मन बोरलॉग हैं। भारत में हरित क्रांति के जनक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन हैं। 1960-70 के दशक में भारत में खाद्यान्न उत्पादन में नाटकीय वृद्धि हुई।

प्रश्न 9. असहयोग आंदोलन किस वर्ष प्रारंभ हुआ?

(अ) 1919 | (ब) 1920 | (स) 1930 | (द) 1942

उत्तर: (ब) 1920

असहयोग आंदोलन अगस्त 1920 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ। यह जलियांवाला बाग हत्याकांड और खिलाफत आंदोलन की पृष्ठभूमि में शुरू किया गया। विदेशी वस्तुओं, सरकारी सेवाओं का बहिष्कार किया गया।

प्रश्न 10. भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा कौन सी है?

(अ) अंग्रेजी | (ब) हिंदी | (स) बंगाली | (द) तमिल

उत्तर: (ब) हिंदी

हिंदी भारत की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। 2011 की जनगणना के अनुसार, लगभग 43.63% जनसंख्या हिंदी बोलती है। संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी संघ की राजभाषा है।

4. खंड ख - अति लघूत्तरात्मक प्रश्न (16 अंक)

इस खंड में 8 प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में लिखना है। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है।

प्रश्न 11. सविनय अवज्ञा आंदोलन क्या था? इसका मुख्य उद्देश्य बताइए।

उत्तर: सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में प्रारंभ हुआ। इसमें ब्रिटिश सरकार के अन्यायपूर्ण कानूनों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। 12 मार्च 1930 को गांधीजी ने साबरमती आश्रम से दांडी तक 385 किलोमीटर की यात्रा की और नमक कानून तोड़ा। इस आंदोलन का उद्देश्य पूर्ण स्वराज प्राप्त करना था। इसमें लाखों भारतीयों ने भाग लिया और महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय थी।

प्रश्न 12. जल संरक्षण क्यों आवश्यक है? दो कारण दीजिए।

उत्तर: जल संरक्षण अत्यंत आवश्यक है क्योंकि: (1) सीमित संसाधन: पृथ्वी पर मीठे जल की मात्रा केवल 2.5% है और बढ़ती जनसंख्या के कारण जल संकट गहराता जा रहा है। (2) प्रदूषण और अति-दोहन: नदियों का प्रदूषण और भूजल का अत्यधिक दोहन जल स्तर को लगातार कम कर रहा है। राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन और पारंपरिक जल संरक्षण प्रणालियां (टांका, खड़ीन) महत्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 13. लोकतांत्रिक सरकार की दो प्रमुख विशेषताएं लिखिए।

उत्तर: लोकतांत्रिक सरकार की प्रमुख विशेषताएं: (1) जनता की भागीदारी: लोकतंत्र में जनता नियमित, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार से प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार है। (2) जवाबदेही और पारदर्शिता: लोकतांत्रिक सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी होती है। संविधान के अनुसार कार्य करती है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करती है।

प्रश्न 14. वैश्वीकरण का क्या अर्थ है? इसका एक लाभ बताइए।

उत्तर: वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाएं आपस में एकीकृत होती हैं। इसमें वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी, प्रौद्योगिकी और विचारों का अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह शामिल है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां (MNCs) वैश्वीकरण के प्रमुख माध्यम हैं। लाभ: वैश्वीकरण से उपभोक्ताओं को विविध और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध होते हैं। भारत ने 1991 में नई आर्थिक नीति अपनाकर वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया।

प्रश्न 15. भारत छोड़ो आंदोलन कब और क्यों शुरू हुआ?

उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 को बम्बई के ग्वालिया टैंक मैदान (अब अगस्त क्रांति मैदान) से शुरू हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान क्रिप्स मिशन की विफलता के बाद महात्मा गांधी ने "करो या मरो" का नारा दिया। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त कर भारत को पूर्ण स्वतंत्रता दिलाना था। यह स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा जनांदोलन था।

प्रश्न 16. भारतीय कृषि की दो प्रमुख समस्याएं बताइए।

उत्तर: भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएं: (1) मानसून पर अत्यधिक निर्भरता: भारत की लगभग 60% कृषि भूमि वर्षा पर निर्भर है। अनियमित मानसून से फसलों को भारी नुकसान होता है। सिंचाई सुविधाओं का अभाव है। (2) छोटी और खंडित जोतें: बढ़ती जनसंख्या और उत्तराधिकार कानूनों के कारण भूमि का विभाजन हो रहा है। छोटी जोतों में आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग कठिन और महंगा है, जिससे उत्पादकता कम रहती है।

प्रश्न 17. संघीय शासन प्रणाली की दो विशेषताएं लिखिए।

उत्तर: संघीय शासन प्रणाली की विशेषताएं: (1) शक्तियों का विभाजन: केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियां स्पष्ट रूप से विभाजित होती हैं। दोनों अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र होते हैं। भारत में तीन सूचियां हैं - संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। (2) संविधान की सर्वोच्चता: लिखित संविधान सर्वोच्च होता है और स्वतंत्र न्यायपालिका संविधान की व्याख्या करती है। केंद्र और राज्य दोनों संविधान से शक्तियां प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 18. मुद्रास्फीति से क्या तात्पर्य है? इसका एक प्रभाव बताइए।

उत्तर: मुद्रास्फीति वह स्थिति है जब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें लगातार बढ़ती हैं और मुद्रा की क्रय शक्ति घटती है। यह तब होती है जब मांग की तुलना में आपूर्ति कम हो या अत्यधिक मुद्रा प्रचलन में हो। प्रभाव: मुद्रास्फीति से गरीबों और निश्चित आय वाले लोगों (पेंशनर्स, वेतनभोगी) को सबसे अधिक नुकसान होता है क्योंकि उनकी क्रय शक्ति कम हो जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों के माध्यम से मुद्रास्फीति नियंत्रित करता है।

5. खंड ग - लघूत्तरात्मक प्रश्न (16 अंक)

इस खंड में 4 प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 75 शब्दों में लिखना है। प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है।

प्रश्न 19. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी की भूमिका का वर्णन कीजिए।

उत्तर:

महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को जनांदोलन का रूप दिया और सत्य एवं अहिंसा को अपना हथियार बनाया।

प्रारंभिक सत्याग्रह (1917-18): गांधीजी ने 1917 में बिहार के चंपारण में नील किसानों के पक्ष में पहला सत्याग्रह किया। 1918 में गुजरात के खेड़ा में किसानों और अहमदाबाद में मिल मजदूरों के लिए आंदोलन चलाए।

असहयोग आंदोलन (1920-22): जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में गांधीजी ने विदेशी वस्तुओं, सरकारी संस्थाओं, उपाधियों और अदालतों का बहिष्कार किया। यह पहला बड़े पैमाने पर जन भागीदारी वाला आंदोलन था।

सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930): 1930 में दांडी मार्च करके नमक कानून तोड़ा। यह आंदोलन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुआ।

भारत छोड़ो आंदोलन (1942): "करो या मरो" के नारे के साथ अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया। गांधीजी ने भारतीय समाज में एकता और आत्मविश्वास जगाया जो 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति में निर्णायक साबित हुआ।

प्रश्न 20. भारत में जल संसाधनों का महत्व और संरक्षण के उपाय बताइए।

उत्तर:

जल संसाधनों का महत्व:

  • जल जीवन के लिए अनिवार्य है और कृषि, उद्योग तथा घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक
  • भारत की 65% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है जो पूर्णतः जल संसाधनों पर आधारित है
  • जलविद्युत उत्पादन, नदी परिवहन और मत्स्य पालन में जल की महत्वपूर्ण भूमिका
  • पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में सहायक

जल संरक्षण के उपाय:

  1. वर्षा जल संचयन: छतों और भवनों से वर्षा का जल एकत्र कर भूजल स्तर बढ़ाना
  2. पारंपरिक प्रणालियां: राजस्थान में टांका, खड़ीन, नाड़ी, तालाब का निर्माण और संरक्षण
  3. जल का पुनर्चक्रण: उपयोग किए गए जल का शुद्धिकरण और पुनः उपयोग
  4. प्रदूषण नियंत्रण: नदियों और झीलों में औद्योगिक एवं घरेलू अपशिष्ट का निपटान रोकना
  5. कुशल सिंचाई: ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई से जल की बचत
  6. जन जागरूकता: समाज में जल बचाओ अभियान चलाना

प्रश्न 21. भारतीय लोकतंत्र की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर:

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इसकी प्रमुख विशेषताएं:

1. संसदीय लोकतंत्र: भारत में संसदीय शासन प्रणाली है जिसमें प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यपालिका प्रमुख होता है और राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख। मंत्रिमंडल संसद के प्रति उत्तरदायी है।

2. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार: 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाला प्रत्येक नागरिक बिना किसी जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक भेदभाव के मतदान कर सकता है।

3. संघीय व्यवस्था: केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन - संघ सूची (97 विषय), राज्य सूची (66 विषय) और समवर्ती सूची (47 विषय)।

4. मौलिक अधिकार और कर्तव्य: नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार प्राप्त हैं जो न्यायसंगत हैं। साथ ही 11 मूल कर्तव्य भी निर्धारित हैं।

5. स्वतंत्र न्यायपालिका: सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करते हैं और न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति रखते हैं।

6. बहुदलीय प्रणाली: देश में अनेक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दल हैं जो चुनाव लड़ते हैं।

प्रश्न 22. भारतीय अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रों - प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक को समझाइए।

उत्तर:

भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक गतिविधियों के आधार पर तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:

1. प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector):

  • इसे कृषि और संबद्ध क्षेत्र भी कहते हैं
  • इसमें कृषि, पशुपालन, वानिकी, मछली पालन, खनन आदि शामिल हैं
  • यह प्रकृति से सीधे उत्पाद प्राप्त करता है
  • भारत की लगभग 42% जनसंख्या इस क्षेत्र में कार्यरत है
  • GDP में योगदान: लगभग 18%

2. द्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector):

  • इसे औद्योगिक क्षेत्र या विनिर्माण क्षेत्र कहते हैं
  • प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को प्रसंस्करित कर नए उत्पाद बनाए जाते हैं
  • इसमें विनिर्माण, निर्माण, विद्युत, गैस और जल आपूर्ति शामिल हैं
  • लगभग 25% जनसंख्या इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करती है
  • GDP में योगदान: लगभग 27%

3. तृतीयक क्षेत्र (Tertiary Sector):

  • इसे सेवा क्षेत्र कहते हैं
  • यह उत्पादन में सीधे भाग नहीं लेता बल्कि सेवाएं प्रदान करता है
  • इसमें परिवहन, संचार, बैंकिंग, बीमा, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन आदि शामिल हैं
  • लगभग 33% जनसंख्या इस क्षेत्र में कार्यरत है
  • GDP में सर्वाधिक योगदान: लगभग 55%

भारत धीरे-धीरे कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था से सेवा प्रधान अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।

6. खंड घ - निबंधात्मक प्रश्न (18 अंक)

इस खंड में 3 प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में लिखना है। प्रत्येक प्रश्न 6 अंक का है।

प्रश्न 23. प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के कारणों और परिणामों का विस्तार से वर्णन कीजिए।

उत्तर:

प्रथम विश्व युद्ध के प्रमुख कारण:

1. साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद: 19वीं सदी के अंत में यूरोपीय शक्तियां एशिया और अफ्रीका में उपनिवेश स्थापित करने की होड़ में थीं। ब्रिटेन और फ्रांस के पास विशाल उपनिवेश थे जबकि जर्मनी और इटली नए उपनिवेश चाहते थे। इससे अंतर्राष्ट्रीय तनाव बढ़ा।

2. उग्र राष्ट्रवाद: यूरोप में तीव्र राष्ट्रवादी भावनाएं विकसित हो रही थीं। बाल्कन क्षेत्र में स्लाव राष्ट्रवाद ने ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के लिए समस्याएं उत्पन्न कीं। प्रत्येक देश अपनी सैन्य शक्ति को श्रेष्ठ मानता था।

3. सैन्यीकरण: यूरोपीय देश अपनी सेनाओं का तेजी से विस्तार कर रहे थे। जर्मनी ने शक्तिशाली सेना तैयार की। हथियारों की होड़ ने युद्ध की संभावना को बढ़ा दिया।

4. गुटबंदी: यूरोप दो प्रमुख गुटों में बंट गया - मित्र राष्ट्र (ब्रिटेन, फ्रांस, रूस) और धुरी राष्ट्र (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की)। इससे एक देश का संघर्ष पूरे यूरोप के युद्ध में बदल गया।

5. तात्कालिक कारण: 28 जून 1914 को सर्बियाई राष्ट्रवादी द्वारा ऑस्ट्रिया के राजकुमार आर्कड्यूक फर्डिनेंड की सेराजेवो में हत्या। ऑस्ट्रिया ने सर्बिया पर आक्रमण किया और गुटबंदी के कारण पूरा यूरोप युद्ध में उलझ गया।

प्रथम विश्व युद्ध के प्रमुख परिणाम:

1. जन-धन की भारी क्षति: लगभग 1 करोड़ लोग मारे गए और 2 करोड़ घायल हुए। यूरोप की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तबाह हो गई।

2. साम्राज्यों का पतन: जर्मन साम्राज्य, ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य, रूसी साम्राज्य और उस्मानिया साम्राज्य का अंत हो गया। नए राष्ट्रों का उदय हुआ।

3. वर्साय की संधि (1919): जर्मनी को युद्ध का दोषी ठहराया गया। उस पर भारी क्षतिपूर्ति (33 बिलियन डॉलर) थोपी गई और उसका क्षेत्र छोटा कर दिया गया। यह अपमानजनक संधि द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बनी।

4. राष्ट्र संघ की स्थापना: 1920 में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। हालांकि यह विफल रहा।

5. अमेरिका का उदय: अमेरिका विश्व शक्ति के रूप में उभरा जबकि यूरोपीय देश कमजोर हो गए।

6. साम्यवाद का प्रसार: 1917 में रूस में बोल्शेविक क्रांति हुई और सोवियत संघ की स्थापना हुई।

प्रश्न 24. भारत में वन संसाधनों का महत्व, समस्याएं और संरक्षण के उपायों का वर्णन कीजिए।

उत्तर:

वन संसाधनों का महत्व:

पर्यावरणीय महत्व: वन कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण कर ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, मृदा अपरदन रोकते हैं, जलवायु नियंत्रण में सहायक हैं, जैव विविधता के संरक्षक हैं और जल चक्र को संतुलित रखते हैं।

आर्थिक महत्व: वन लकड़ी, ईंधन, चारा, औषधीय पौधे प्रदान करते हैं। कागज, रबर, लाख, गोंद आदि उद्योगों को कच्चा माल मिलता है। आदिवासियों और ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य स्रोत हैं।

सामाजिक महत्व: आदिवासी समुदायों के लिए वन जीवनयापन और सांस्कृतिक पहचान का आधार हैं।

वन संसाधनों की समस्याएं:

1. वनों की कटाई: कृषि विस्तार, बस्तियों के विकास, उद्योगों, बांधों और सड़कों के निर्माण के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। यह भारत की सबसे गंभीर पर्यावरणीय समस्या है।

2. वन अग्निकांड: गर्मियों में आग लगने से हजारों हेक्टेयर वन नष्ट हो जाते हैं।

3. अवैध कटाई: चंदन, साल, सागौन जैसी बहुमूल्य लकड़ी की अवैध कटाई और तस्करी।

4. अतिचारण: पशुओं का अत्यधिक चारण नए पौधों को बढ़ने नहीं देता।

5. झूम खेती: पूर्वोत्तर भारत में स्थानांतरित कृषि (झूम खेती) से वनों का ह्रास हो रहा है।

वन संरक्षण के उपाय:

कानूनी उपाय: भारतीय वन अधिनियम 1927, वन संरक्षण अधिनियम 1980, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, राष्ट्रीय वन नीति 1988 (33% क्षेत्र पर वन का लक्ष्य)।

वनीकरण: सामाजिक वानिकी, कृषि वानिकी, विद्यालयों में वृक्षारोपण कार्यक्रम।

संयुक्त वन प्रबंधन (JFM): 1988 में ओडिशा में शुरू हुए इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदायों को वन प्रबंधन में भागीदार बनाया जाता है।

वन्यजीव संरक्षण: राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य और बायोस्फीयर रिजर्व स्थापित किए गए हैं। प्रोजेक्ट टाइगर (1973) और प्रोजेक्ट एलीफेंट जैसे कार्यक्रम चल रहे हैं।

जन आंदोलन: 1970 के दशक में उत्तराखंड में चिपको आंदोलन में महिलाओं ने वृक्षों से चिपककर वन कटाई का विरोध किया।

प्रश्न 25. भारत में गरीबी और बेरोजगारी की समस्याओं के कारणों और समाधान के उपायों की विवेचना कीजिए।

उत्तर:

गरीबी के कारण:

1. तीव्र जनसंख्या वृद्धि: भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है जिससे संसाधनों पर दबाव बढ़ता है और प्रति व्यक्ति आय कम होती है।

2. बेरोजगारी: रोजगार के अवसरों की कमी गरीबी का मुख्य कारण है।

3. निम्न कृषि उत्पादकता: 60% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है लेकिन पारंपरिक तकनीकों के कारण उत्पादकता कम है।

4. शिक्षा और स्वास्थ्य की कमी: अशिक्षा और बीमारियों से उत्पादकता कम होती है।

5. सामाजिक कारक: जाति व्यवस्था, लैंगिक भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार।

बेरोजगारी के कारण:

1. जनसंख्या विस्फोट: रोजगार के अवसरों से अधिक जनसंख्या वृद्धि।

2. धीमा आर्थिक विकास: पर्याप्त औद्योगीकरण न होने से रोजगार सृजन कम।

3. शिक्षा-कौशल अंतर: शिक्षा प्रणाली रोजगार-उन्मुख नहीं। तकनीकी प्रशिक्षण की कमी।

4. मौसमी बेरोजगारी: कृषि में मौसमी रोजगार के कारण किसान वर्ष के कुछ महीने बेरोजगार रहते हैं।

5. प्रच्छन्न बेरोजगारी: कृषि में आवश्यकता से अधिक लोग काम करते हैं।

समाधान के उपाय:

गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम:

  1. MGNREGA: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम - 100 दिनों के रोजगार की गारंटी
  2. प्रधानमंत्री जन धन योजना: वित्तीय समावेशन
  3. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन: स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा
  4. प्रधानमंत्री आवास योजना: सबको घर
  5. अन्त्योदय अन्न योजना: गरीबों को सस्ता खाद्यान्न

रोजगार सृजन:

  1. कौशल विकास: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
  2. स्टार्ट-अप इंडिया: उद्यमिता को बढ़ावा
  3. मेक इन इंडिया: विनिर्माण में रोजगार
  4. आत्मनिर्भर भारत: स्वरोजगार और MSME को प्रोत्साहन
  5. डिजिटल इंडिया: तकनीकी क्षेत्र में रोजगार

दीर्घकालीन उपाय: शिक्षा प्रणाली में सुधार, जनसंख्या नियंत्रण, कृषि उत्पादकता बढ़ाना, औद्योगीकरण, लघु-कुटीर उद्योगों को बढ़ावा और ग्रामीण विकास।

7. मानचित्र कार्य (20 अंक)

7.1 भारत का राजनीतिक मानचित्र - स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण स्थल

भारत - स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्थल 1. चंपारण (1917 - सत्याग्रह) 2. अमृतसर (1919 - जलियांवाला) 3. दांडी (1930 - नमक मार्च) 4. चौरी-चौरा (1922 - घटना) 5. दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी) 6. मुंबई (1885 - INC स्थापना) 7. कोलकाता (1905 - बंग-भंग) 8. अहमदाबाद (1918 - मिल हड़ताल) पू 0 ——— 500 किमी

मानचित्र चिह्न

स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण स्थल
राष्ट्रीय राजधानी

चित्र 3: भारत का राजनीतिक मानचित्र - स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्थल

7.2 भारत का भौतिक मानचित्र - संसाधन वितरण

भारत - प्रमुख खनिज एवं भौगोलिक विशेषताएं हिमालय पर्वत गंगा नदी दक्कन का पठार पश्चिमी घाट पूर्वी घाट झरिया (कोयला) बोकारो (कोयला) बैलाडीला (लौह) कुद्रेमुख (लौह) ओडिशा (बॉक्साइट) मुंबई बंदरगाह कोच्चि कोलकाता जिम कॉर्बेट रणथंभौर अरब सागर बंगाल की खाड़ी हिंद महासागर

मानचित्र प्रतीक

कोयला क्षेत्र
लौह अयस्क
बॉक्साइट
राष्ट्रीय उद्यान
प्रमुख बंदरगाह

चित्र 4: भारत का भौतिक मानचित्र - खनिज संसाधन और भौगोलिक विशेषताएं

8. आरेख और चित्र

8.1 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की समयरेखा

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम - महत्वपूर्ण घटनाएं (1857-1947) 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1885 कांग्रेस की स्थापना 1905 बंगाल विभाजन 1919 जलियांवाला बाग 1920 असहयोग आंदोलन 1930 दांडी मार्च/ सविनय अवज्ञा 1942 भारत छोड़ो आंदोलन 1947 स्वतंत्रता 15 अगस्त प्रतीक चिह्न: ब्रिटिश दमन/हिंसा गांधीजी के आंदोलन संगठनात्मक घटनाएं स्वतंत्रता प्राप्ति

चित्र 5: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं की समयरेखा (1857-1947)

8.2 भारत में मिट्टी के प्रकार

भारत में मिट्टी के प्रकार और उनका वितरण जलोढ़ मिट्टी काली मिट्टी (रेगुर) लाल मिट्टी लैटेराइट मरुस्थलीय पर्वतीय जलोढ़ मिट्टी • उत्तरी मैदान • सबसे उपजाऊ • गेहूं, चावल, गन्ना • 40% क्षेत्र काली मिट्टी (रेगुर) • दक्कन का पठार • कपास के लिए उत्तम • नमी धारण क्षमता • महाराष्ट्र, MP, गुजरात लाल मिट्टी • प्रायद्वीपीय पठार • लौह ऑक्साइड युक्त • मोटे अनाज, दालें • कम उर्वर लैटेराइट मिट्टी • उच्च वर्षा क्षेत्र • चाय, कॉफी, काजू • केरल, तमिलनाडु • अम्लीय प्रकृति मरुस्थलीय मिट्टी • राजस्थान • बाजरा, दालें • रेतीली, कम उर्वर पर्वतीय मिट्टी • हिमालय क्षेत्र • चाय, फल • अम्लीय दलदली मिट्टी • सुंदरबन, केरल • जैविक पदार्थ • चावल लवणीय मिट्टी • शुष्क क्षेत्र • अनुपजाऊ • रेह, कल्लर

चित्र 6: भारत में मिट्टी के प्रकार, उनका वितरण और विशेषताएं

8.3 भारत की आर्थिक गतिविधियों का सेक्टर वितरण

भारतीय अर्थव्यवस्था - तीन क्षेत्रों का योगदान प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector) • कृषि • पशुपालन • मछली पालन • खनन रोजगार: 42% GDP योगदान: ~18% द्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector) • विनिर्माण • निर्माण • विद्युत • गैस-जल आपूर्ति रोजगार: 25% GDP योगदान: ~27% तृतीयक क्षेत्र (Tertiary Sector) • परिवहन-संचार • बैंकिंग-बीमा • व्यापार • शिक्षा-स्वास्थ्य रोजगार: 33% GDP योगदान: ~55% कच्चा माल उत्पाद GDP योगदान की तुलना (2023-24) 18% प्राथमिक 27% द्वितीयक 55% तृतीयक 0% 30% 50% 60%

चित्र 7: भारतीय अर्थव्यवस्था में तीन क्षेत्रों का योगदान और रोजगार वितरण

9. तैयारी रणनीति

समय अवधि फोकस क्षेत्र रणनीति
3 महीने पहले संपूर्ण पाठ्यक्रम NCERT पाठ्यपुस्तकों का गहन अध्ययन, नोट्स बनाना, मानचित्र अभ्यास
2 महीने पहले महत्वपूर्ण टॉपिक्स महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास, आरेख बनाना, टाइमलाइन याद करना
1 महीना पहले रिवीजन और टेस्ट मॉडल पेपर्स हल करना, मानचित्र पूर्ण करना, कमजोर विषयों पर फोकस
अंतिम सप्ताह त्वरित रिवीजन महत्वपूर्ण तिथियां, नाम, स्थान, आंकड़े याद करना

10. अतिरिक्त संसाधन

10.1 RBSE कक्षा 10 अन्य विषय मॉडल पेपर

10.2 कक्षा 10 पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र

10.3 कक्षा 12 संबंधित संसाधन

विज्ञान विषय

सामाजिक विज्ञान विषय

भाषा विषय

वाणिज्य विषय

अन्य विषय

अस्वीकरण: यह मॉडल प्रश्न पत्र केवल शैक्षिक और अभ्यास उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। वास्तविक परीक्षा में प्रश्नों की प्रकृति भिन्न हो सकती है। नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक RBSE वेबसाइट देखें।

लेख प्रकाशक: शाला सरल (Shala Saral) | वेबसाइट: Sarkari Service Prep™
संपादित: 29 अक्टूबर 2025 | भाषा: हिंदी
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