कर निर्धारण वर्ष 2026-27 | Salary & Allowances Income Tax Calculation and Exemptions

| अक्टूबर 17, 2025
आयकर कटौती और छूट 2025-26 - विस्तृत मार्गदर्शिका

वेतन व भत्तों पर आयकर की गणना व छूट - वित्तीय वर्ष 2025-26

कर निर्धारण वर्ष 2026-27

आयकर विवरण 2025-26
वित्तीय वर्ष 2025-2026
कर निर्धारण वर्ष 2026-2027
नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट
मानक कटौती ₹75,000
बेसिक छूट सीमा ₹4,00,000
धारा 87A छूट ₹60,000 तक
प्रभावी: 1 अप्रैल 2025 से

केंद्रीय बजट 2025 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 (कर निर्धारण वर्ष 2026-27) के लिए भारत सरकार ने आयकर संरचना में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इन परिवर्तनों में आयकर स्लैब की छूट से घटाकर पाँच कर दिया गया है, मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी गई है, तथा नई कर व्यवस्था के तहत उच्चतम अधिभार दर 37% से घटाकर 25% कर दी गई है।[1]

बजट 2025 में यह स्पष्ट किया गया है कि नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट होगी और करदाताओं को पुरानी व्यवस्था चुनने का विकल्प रहेगा।[2] वेतनभोगी व्यक्तियों और पेंशनभोगियों के लिए मानक कटौती ₹75,000 रुपये निर्धारित की गई है।

विषय सूची
  1. बजट 2025 में मुख्य परिवर्तन
  2. नई कर व्यवस्था की मुख्य विशेषताएं
  3. नई कर व्यवस्था में अनुज्ञेय कटौतियां
  4. पुरानी कर व्यवस्था में कटौतियां
  5. धारा 80 के तहत विभिन्न कटौतियां
  6. आयकर स्लैब और दरें
  7. नई और पुरानी व्यवस्था की तुलना
  8. आयकर गणना के उदाहरण
  9. मकान किराया भत्ता (HRA)
  10. स्रोत पर कर कटौती (TDS)
  11. अग्रिम कर भुगतान
  12. करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
  13. संदर्भ

बजट 2025 में मुख्य परिवर्तन

केंद्रीय बजट 2025 में आयकर व्यवस्था में निम्नलिखित महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं:[3]

मुख्य अपडेट इस प्रकार हैं:

  • आयकर स्लैब की छूट से घटाकर पाँच कर दिया गया है – पहले 6 स्लैब थे, अब 5 हैं।
  • मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी गई है – ₹4 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
  • नई कर व्यवस्था के तहत, उच्चतम अधिभार दर 37% से घटाकर 25% कर दी गई है – उच्च आय वर्ग के लिए राहत।
  • धारा 11ए, 112, 112A (शेयरों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ) और धारा 115 एडी (विदेशी संस्थागत निवेशकों की आय पर कर) के तहत कर योग्य आय पर अधिभार दरें लागू नहीं होती हैं। इन आय के लिए देय कर देते अधिभार की उच्चतम दर 15% होगी।
  • ध्यान दें कि धारा 112 में अर्जित पूंजीगत लाभ या लाभांश आय के लिए देय करों पर अधिकतम अधिभार दर 15% है। 15% विभिन्न कंपनियों से मिलकर बने व्यक्तियों के संघ (एओपी) पर लागू अधिकतम अधिभार दर भी है।
  • ध्यान दें कि 4% की दर से स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर प्रत्येक मामले में अधिभार के साथ आयकर देयता में जोड़ा जाएगा। नई कर व्यवस्था के अंतर्गत वेतनभोगी व्यक्तियों और पेंशनभोगियों के लिए 75,000 रुपये की मानक कटौती लागू है।
  • धारा 87ए के तहत कर छूट बढ़ा दी गई है, जिससे 12 लाख रुपये तक की आय वालों को राहत मिलेगी।

नई कर व्यवस्था की मुख्य विशेषताएं

नई कर व्यवस्था के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान विशेष रूप से लागू होंगे:

  • एकसमान कर दरें: वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी व्यक्तिगत करदाताओं पर समान स्लैब दरों पर कर लगाया जाता है।
  • छूट की घात्रा: यदि आपकी कुल आय 7 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो 25,000 रुपये तक की कर छूट उपलब्ध है (ध्यान दें कि यह अनिवासी भारतीयों पर लागू नहीं है)।
  • मानक कटौती: वेतनभोगी व्यक्ति 75,000 रुपये की मानक कटौती का दावा कर सकते हैं।
  • पारिवारिक पेंशन कटौती: पारिवारिक पेंशन आय के लिए कटौती सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है।
  • एनपीएस नियोक्ता अंशदान: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में नियोक्ता अंशदान 14% तक कटौती योग्य है।
  • अधिभार सीमा: लागू अधिकतम अधिभार 25% है, जबकि पुरानी व्यवस्था में यह 37% था।
  • डिफॉल्ट व्यवस्था: नई कर व्यवस्था अब करदाताओं के लिए डिफॉल्ट विकल्प है, जब तक कि पुरानी व्यवस्था को विशेष रूप से नहीं चुना जाता।

नई कर व्यवस्था में अनुज्ञेय कटौतियां (New Regime)

नई कर व्यवस्था (धारा 115-BAC के अंतर्गत) में निम्नलिखित कटौतियां और छूटें उपलब्ध हैं:

धारा कटौती का विवरण अधिकतम सीमा
16(ia) मानक कटौती (Standard Deduction) ₹75,000
80-CCD(2) केंद्र सरकार की पेंशन योजना में अंशदान के संबंध में कटौती
87-A छूट (Rebate):
जहां कर योग्य आय 12 लाख रुपये से कम है
₹60,000 या कर, जो भी कम हो
87-A जहां कर योग्य आय 12 लाख रुपये से अधिक है कर योग्य आय और 12 लाख के बीच के अंतर की कर राशि
महत्वपूर्ण: नई कर व्यवस्था में अधिकांश कटौतियां (जैसे 80C, 80D, HRA, आदि) उपलब्ध नहीं हैं। केवल उपरोक्त सीमित कटौतियां ही अनुमत हैं।

पुरानी कर व्यवस्था में कटौतियां (Old Regime)

पुरानी कर व्यवस्था में निम्नलिखित कटौतियां उपलब्ध हैं:

धारा कटौती का विवरण अधिकतम सीमा
16(ia) मानक कटौती ₹50,000
16(ii) मनोरंजन भत्ता (Entertainment allowance) ₹5,000
16(iii) व्यावसायिक कर भुगतान (Professional tax paid) ₹2,500

धारा 80 के तहत विभिन्न कटौतियां

पुरानी कर व्यवस्था में धारा 80 के अंतर्गत निम्नलिखित कटौतियां उपलब्ध हैं:

धारा कटौती का विवरण अधिकतम सीमा
80-C जीवन बीमा प्रीमियम, आस्थगित वार्षिकी, भविष्य निधि में अंशदान, कुछ इक्विटी शेयरों या डिबेंचर की सदस्यता, आदि के संबंध में कटौती ₹1,50,000
80-CCD (1) केंद्र सरकार की पेंशन योजना में अंशदान के संबंध में कटौती
(2) सरकार द्वारा की गई कटौती
वेतन का 10%

वेतन का 14%
80-D स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के संबंध में कटौती:
(a) स्वयं या परिवार के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान की गई राशि
(b) माता-पिता के स्वास्थ्य बीमा के लिए
(c) स्वयं या परिवार के चिकित्सा व्यय के लिए
(d) माता-पिता के चिकित्सा व्यय के लिए
₹25,000

₹25,000

₹50,000

₹50,000

(a) और (c) या (b) और (d) का कुल अधिकतम ₹50,000)
80DD विकलांग आश्रित के रखरखाव के लिए कटौती ₹75,000 (विकलांगता के लिए)
₹1,25,000 (गंभीर विकलांगता के लिए)
80-DDB चिकित्सा उपचार आदि के संबंध में कटौती ₹40,000
₹1,00,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए)
80-E उच्च शिक्षा के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज के संबंध में कटौती कोई सीमा नहीं
80-EE आवासीय गृह संपत्ति के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज के संबंध में कटौती ₹50,000
80-EEA आवासीय गृह संपत्ति ऋण ब्याज (विशेष शर्तों के साथ) ₹1,50,000
80-EEB इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद के संबंध में कटौती ₹1,50,000
80-G कुछ निधियों, धर्मार्थ संस्थाओं आदि को दान के संबंध में कटौती दान की राशि के अनुसार
80-TTA बचत खाते में जमा पर ब्याज के संबंध में कटौती ₹10,000
80-TTB वरिष्ठ नागरिकों के मामले में जमा पर ब्याज के संबंध में कटौती ₹1,00,000
80-U विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती ₹75,000 (विकलांगता के लिए)
₹1,25,000 (गंभीर विकलांगता के लिए)
ध्यान दें: यदि नियोक्ता का योगदान न हो तो कर्मचारी द्वारा PF में ₹5,00,000 से अधिक के योगदान पर ब्याज आय कर योग्य होगी।

आयकर स्लैब और दरें

नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब (u/s 115-BAC)

आय स्लैब कर की दर
₹4,00,000 तक शून्य (Nil)
₹4,00,000 - ₹8,00,000 5% (₹4,00,000 से अधिक आय पर)
₹8,00,000 - ₹12,00,000 ₹20,000 + 10% (₹8,00,000 से अधिक पर)
₹12,00,000 - ₹16,00,000 ₹60,000 + 15% (₹12,00,000 से अधिक पर)
₹16,00,000 - ₹20,00,000 ₹1,20,000 + 20% (₹16,00,000 से अधिक पर)
₹20,00,000 - ₹24,00,000 ₹2,00,000 + 25% (₹20,00,000 से अधिक पर)
₹24,00,000 से अधिक ₹3,00,000 + 30% (₹24,00,000 से अधिक पर)

पुरानी कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब

आय स्लैब 60 वर्ष से कम 60-80 वर्ष 80 वर्ष से अधिक
₹2,50,000 तक शून्य शून्य शून्य
₹2,50,001 - ₹3,00,000 5% शून्य शून्य
₹3,00,001 - ₹5,00,000 5% 5% शून्य
₹5,00,001 - ₹10,00,000 20% 20% 20%
₹10,00,001 से अधिक 30% 30% 30%

अधिभार (Surcharge)

कुल आय अधिभार दर
₹50 लाख और < ₹1 करोड़ 10%
₹1 करोड़ और < ₹2 करोड़ 15%
₹2 करोड़ और < ₹5 करोड़ 25%
₹5 करोड़ से अधिक 37% (नई व्यवस्था में 25%)

नोट: इन सभी पर 4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर (Health and Education Cess) अतिरिक्त लागू होगा।

नई और पुरानी कर व्यवस्था की तुलना

नीचे दी गई तालिका विधान दरों एवं नवीन वैकल्पिक दरों पर आयकर की कटौती का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करती है:

विशेषता पुरानी व्यवस्था नई व्यवस्था
मूल छूट सीमा ₹2,50,000 ₹4,00,000
मानक कटौती ₹50,000 ₹75,000
धारा 80C/80D आदि कटौतियां उपलब्ध उपलब्ध नहीं
HRA छूट उपलब्ध उपलब्ध नहीं
अधिकतम अधिभार 37% 25%
धारा 87A छूट सीमा ₹5,00,000 (₹12,500 तक) ₹12,00,000 (₹60,000 तक)
स्लैब की संख्या 6 5

आयकर गणना के उदाहरण

उदाहरण 1: पुरानी कर व्यवस्था

वार्षिक आय: ₹15,50,000

वार्षिक आय ₹15,50,000
अनुज्ञेय कटौतियां:
(1) मानक कटौती (-) ₹50,000
मकान किराया भत्ता पर व्याज (-) ₹50,000
शेष ₹14,50,000
(2) 80(C) के अन्तर्गत अनुज्ञेय कटौती (-) ₹1,50,000
शेष ₹13,00,000
(3) अन्य कटौतियां
मेडीक्लेम (-) ₹50,000
दान (-) ₹10,000
₹60,000
कर योग्य आय ₹12,40,000

आयकर की गणना:

₹2.50 लाख तक दर: शून्य ₹0
₹2.50 लाख से ₹5 लाख तक 5% ₹12,500
₹5 लाख से ₹10 लाख तक 20% ₹1,00,000
₹10 लाख से अधिक (₹2.40 लाख पर) 30% ₹72,000
कुल आयकर ₹1,84,500
शिक्षा उपकर 4% ₹7,380
कुल आयकर ₹1,91,880

उदाहरण 2: नई कर व्यवस्था

वार्षिक आय: ₹15,50,000

वार्षिक आय ₹15,50,000
मानक कटौती (-) ₹75,000
वार्षिक कर योग्य आय ₹14,75,000

आयकर की गणना:

₹4.00 लाख तक दर: शून्य ₹0
₹4.00 से ₹8.00 लाख तक 5% ₹20,000
₹8 लाख से ₹12.00 लाख तक 10% ₹40,000
शेष ₹2.75 लाख पर 15% ₹41,250
कुल आयकर ₹1,01,250
शिक्षा उपकर 4% ₹4,050
कुल आयकर ₹1,05,300

निष्कर्ष: इस उदाहरण में, नई कर व्यवस्था में कर देयता लगभग ₹86,580 कम है!

मकान किराया भत्ता (HRA) की गणना

मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance - HRA) केवल पुरानी कर व्यवस्था में उपलब्ध है। HRA छूट की गणना निम्नलिखित तीन राशियों में से सबसे कम होगी:

  1. वास्तव में प्राप्त HRA की राशि
  2. किराये के लिए भुगतान:
    • (a) वास्तव में प्राप्त किया गया मकान किराया भत्ता, या
    • (b) वेतन के 1/10 भाग से अधिक किराये का भुगतान, या
    • (c) निन्न के बराबर राशि:
    1. जब आवास मुंबई, कलकत्ता, दिल्ली या मद्रास में हो तो संबंधित अवधि के लिए करदाताको देय वेतन का आधा भाग, और
    2. जब आवास किसी अन्य स्थान पर स्थित हो तो संबंधित अवधि के लिए करदाता को देय वेतन का 2/5 भाग [नियम 2A]

HRA गणना उदाहरण

उदाहरण: जयपुर में रह रहे Mr. X द्वारा दिये गये निम्न विवरण से, करयोग्य HRA की राशि निर्धारित करें।

  • (a) मूल वेतन (प्रति वर्ष): ₹3,00,000
  • (b) मकान किराया भत्ता (प्रति वर्ष): ₹54,000
  • (c) जयपुर में मकान के लिए किराये का भुगतान: ₹75,000

निन्न में से न्यूनतम कर मुक्त HRA की राशि होगी:

  • (i) वास्तविक HRA: ₹54,000
  • (ii) किराये का भुगतान - वेतन का 10% [अर्थात ₹75,000 - ₹30,000]: ₹45,000
  • (iii) वेतन का 40 प्रतिशत (चूंकि मकान जयपुर में है): ₹1,20,000

अतः कर मुक्त HRA ₹45,000 रुपए होगा तथा HRA की कर योग्य राशि [₹54,000 रुपए - ₹45,000 रुपए = ] ₹9,000/- रुपए होगी।

नोट: ₹3,000 रुपए तक मकान किराया भत्ता प्राप्त करने वाले कर्मचारी मकान किराया भुगतान रसीद प्रस्तुत करने से मुक्त रहेंगे।

स्रोत पर आयकर कटौती की दरें (TDS Rates)

विभिन्न भुगतानों पर स्रोत पर कर कटौती (Tax Deducted at Source - TDS) की दरें निम्नलिखित हैं:

फार्म का विवरण धारा कटौती की धारा कटौती की दर विशेष विवरण
(1) (i) ठेकेदारों को भुगतान, HUF
(ii) भाटन राशि फर्म
194(C) 1%
2%

एक समय में 30,000 तथा वार्षिक 1,00 लाख रु. तक की संविदा के प्रतिफल पर TDS की कटौती नहीं होगी
(2) ब्याज (प्रतिभूतियों पर ब्याज को छोड़कर) वरिष्ठ ऋणपत्रों हेतु 194(ए) 10%
10%

ब्याज को राशि ₹10,000 से अधिक होने पर ही कटौती होगी।
ब्याज की राशि ₹50,000 से अधिक होने पर ही कटौती होगी।
(3) किराये के भुगतान से एक व्यक्ति करदाता प्लांट एवं मशीनरी के किराये पर 194(i) 10%
2%

6.00 लाख वार्षिक किराये से अधिक होने पर
(4) पेशा सम्बन्धी तकनीकी सेवा 194(j) 10% 30,000 के ऊपर की राशि पर
(5) कॉल सेन्टर चलाने के व्यापार पर 194(B) 20%
(6) लॉटरी इत्यादि की अर्य पर 194(B) 30% 10,000 से अधिक की आय पर
(7) दलाली एवं कमीशन 194(H) 2% 15,000 से अधिक राशि होने पर (1.6.16 से)

महत्वपूर्ण: यदि कोई व्यक्ति स्रोत पर कर की कटौती करने के लिए जिम्मेदार है तथा कर की कटौती नहीं करता है अथवा कटौती करने के पश्चात कर भुगतान करने में असफल रहता है तो जिस तारीख से कर की कटौती की जानी थी उस तारीख तक जिस दिन वास्तव में भुगतान किया गया है कर की राशि पर प्रति वर्ष 12 प्रतिशत की दर से साधारण ब्याज देना होगा। जुर्माना भी वसूल किया जा सकेगा।

धारा 201 (IA): कर का अग्रिम भुगतान - प्रत्येक व्यक्ति को अग्रिम कर का भुगतान करना उस स्थिति में अनिवार्य है, यदि देय अग्रिम कर की राशि ₹5,000 अथवा इससे अधिक हो। आय की सभी मदों में अग्रिम कर का भुगतान अनिवार्य है।

अग्रिम कर की गणना और भुगतान

अग्रिम कर भुगतान की तिथियां

किश्त की देय तिथि देय अग्रिम कर (प्रतिशत)
गत वर्ष की 15 जून तक 15 प्रतिशत
गत वर्ष की 15 सितम्बर तक 45 प्रतिशत
गत वर्ष की 15 दिसम्बर तक 75 प्रतिशत
चालू वर्ष की 15 मार्च तक 100 प्रतिशत

e-TDS की त्रैमासिक विवरणी

24Q से संबंधित 24Q व 26Q अन्य स्रोत पर अंतिम तिथि
अप्रैल 2025 से जून 25 तक अप्रैल से जून तक 31 जुलाई 2025
जुलाई 2025 से सितम्बर 25 तक जुलाई से सितम्बर तक 31 अक्टू. 2025
अक्टू. 2025 से दिसम्बर 25 तक अक्टूबर से दिसम्बर तक 31 जनवरी 2026
जनवरी 2026 से मार्च 26 तक जनवरी से मार्च तक 31 मई 2026

करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

नया टैक्स स्लैब चुनने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

नए कर स्लैब 2025-26 के तहत आयकर का भुगतान करने का विकल्प चुनने से पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए:

  • नई कर व्यवस्था आपके द्वारा प्राप्त छूटों और कटौतियों को प्रभावित कर सकती है। सुनिश्चित करें कि आप समझते हैं कि नई व्यवस्था आपकी छूटों और कटौतियों को कैसे प्रभावित करेगी।
  • यदि आप एक व्यक्ति हैं या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के सदस्य हैं और आपकी कोई व्यावसायिक आय नहीं है, तो आप प्रत्येक पिछले वर्ष के लिए या उससे पहले विकल्प का प्रयोग कर सकते हैं।
  • एक करदाता के रूप में, एक बार जब आप अगली कर व्यवस्था चुन लेते हैं, तो आप वर्ष के दौरान किसी अन्य विकल्प पर स्विच नहीं कर सकते।
  • नई कर व्यवस्था आपके द्वारा प्राप्त छूटों और कटौतियों को प्रभावित कर सकती है। सुनिश्चित करें कि आप समझते हैं कि नई व्यवस्था आपकी छूटों और कटौतियों को कैसे प्रभावित करेगी।
  • पुरानी और नई दोनों कर व्यवस्थाओं के तहत अपनी कर देयता की गणना करना महत्वपूर्ण है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि आपके लिए कौन सी अधिक लाभदायक है, क्योंकि नई कर स्लैब के कारण आपकी कर देयता में कमी या वृद्धि हो सकती है।

1 अप्रैल 2025 से प्रभावी आयकर परिवर्तन

केंद्रीय बजट 2025 ने भारत के आयकर ढांचे में कई महत्वपूर्ण बदलाव पेश किए हैं। ये बदलाव अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे और आकलन वर्ष 2026-27 तक लागू होंगे।

1. धारा 87ए के तहत बढ़ी हुई छूट

नई कर व्यवस्था के तहत, उच्चतम अधिभार दर 37% से घटाकर 25% कर दी गई है, जिससे 12 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों को राहत मिलेगी। पुरानी का व्यवस्था के तहत छूट 12.500 रुपये पर अपरिवर्तित रहेगी।

2. ब्याज और किराये के लिए उच्च टीडीएस सीमा

कर अनुपालन को सरल बनाने के लिए, स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की सीमा को संशोधित किया गया है: भुगतान को प्रकृति वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 जमा पर ब्याज किराया भुगतान 2.4 लाख रुपये 50,000 रुपये प्रति वर्ष प्रति माह

संदर्भ

  1. ^ केंद्रीय बजट 2025 - भारत सरकार
  2. ^ आयकर अधिनियम, 1961 - धारा 115-BAC
  3. ^ "Income Tax Slabs and Rates for FY 2025-26". Income Tax Department, Government of India.
  4. ^ "New Tax Regime Guidelines 2025-26". Central Board of Direct Taxes (CBDT).

बाहरी कड़ियाँ

यह पृष्ठ अंतिम बार 17 अक्टूबर 2025 को अद्यतन किया गया था।

सभी सामग्री केंद्रीय बजट 2025 और आयकर अधिनियम, 1961 पर आधारित है।

यह लेख केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। कृपया कर सलाहकार से परामर्श करें।