PRASHAST 2.0 प्री-असेसमेंट होलिस्टिक स्क्रीनिंग टूल (Pre-Assessment Holistic Screening Tool)
PRASHAST 2.0
पूर्ण नाम | Pre-Assessment Holistic Screening Tool |
---|---|
प्रकार | मोबाइल ऐप आधारित स्क्रीनिंग उपकरण |
विकासकर्ता | शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार |
विभाग | विद्यालय शिक्षा एवं साक्षरता विभाग |
उद्देश्य | विद्यालयों में विकलांगता की प्रारंभिक जांच |
विकलांगताएं | 21 (RPWD Act 2016) |
भाषाएं | 23 भारतीय भाषाएं |
प्लेटफॉर्म | Android, iOS, Web |
पंजीकृत शिक्षक | 4.77 लाख |
पंजीकृत छात्र | 11.29 करोड़ |
आधिकारिक वेबसाइट | — |
PRASHAST 2.0 (प्री-असेसमेंट होलिस्टिक स्क्रीनिंग टूल, अंग्रेजी: Pre-Assessment Holistic Screening Tool) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित एक डिजिटल मोबाइल एप्लिकेशन है जो विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CwSN - Children with Special Needs) की प्रारंभिक जांच (early screening) के लिए बनाया गया है।[1] यह उपकरण विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम, 2016 में मान्यता प्राप्त सभी 21 प्रकार की विकलांगताओं की पहचान में सहायता करता है।[2]
PRASHAST 2.0 का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और विशेष शिक्षकों को एक मानकीकृत और वैज्ञानिक तरीका प्रदान करना है जिससे वे बच्चों में संभावित विकलांगता के संकेतों को प्रारंभिक अवस्था में ही पहचान सकें। यह केवल एक स्क्रीनिंग टूल है, न कि पहचान (identification) उपकरण, और इसका उद्देश्य अवैज्ञानिक लेबलिंग को रोकना है।[3]
पृष्ठभूमि
भारत में समावेशी शिक्षा (Inclusive Education) को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है।[4] हालांकि, विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि बड़ी संख्या में CwSN या तो स्कूल नहीं जा रहे हैं या प्रारंभिक कक्षाओं में ही स्कूल छोड़ देते हैं।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा 8 अक्टूबर 2025 को आयोजित समीक्षा बैठक में PRASHAST-App 2.0 के रजिस्ट्रेशन और उपयोग को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया गया।[5] इस निर्णय का उद्देश्य सभी विद्यालयों में व्यवस्थित तरीके से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान करना और उन्हें समय पर आवश्यक सहायता प्रदान करना है।
भारत में CwSN की स्थिति
जनसंख्या आंकड़े
भारत में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की वास्तविक संख्या का अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण रहा है। विभिन्न सर्वेक्षणों में भिन्न-भिन्न आंकड़े सामने आए हैं।
आयु वर्ग | जनगणना 2011 (%) | NSSO 2018 (%) |
---|---|---|
0-19 वर्ष | 1.6 | 1.73 |
5-19 वर्ष (स्कूली आयु) | 2.2 | 1.19 |
सभी आयु वर्ग | 1.07 | 2.15 |
सबसे रूढ़िवादी (conservative) अनुमान के अनुसार, स्कूल जाने वाली आयु (5-19 वर्ष) के बच्चों में कम से कम 1.19% CwSN हैं।[6] यदि भारत में इस आयु वर्ग में लगभग 35 करोड़ बच्चे हैं, तो लगभग 42 लाख बच्चे CwSN की श्रेणी में आते हैं।
नामांकन प्रवृत्ति
एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली (UDISE+) के आंकड़ों के अनुसार, CwSN का नामांकन पिछले कुछ वर्षों में केवल मामूली सुधार दिखाता है।
शैक्षणिक वर्ष | CwSN नामांकन (लाख में) | कुल नामांकन का प्रतिशत (%) |
---|---|---|
2018-19 | 21.32 | 0.86 |
2019-20 | 22.79 | 0.83 |
2020-21 | 21.91 | 0.85 |
2021-22 | 22.67 | 0.84 |
2022-23 | 21.07 | 0.85 |
2023-24 | 21.14 | 0.87 |
2024-25 | 21.49 | — |
यह देखा जा सकता है कि CwSN नामांकन कुल नामांकन के 1% से भी कम है, जबकि जनसंख्या में इनका अनुमानित हिस्सा 1.19% है।[7] यह दर्शाता है कि बड़ी संख्या में CwSN अभी भी स्कूल प्रणाली के बाहर हैं।
ड्रॉपआउट विश्लेषण
UDISE+ के आंकड़ों का कक्षावार विश्लेषण दर्शाता है कि CwSN का ड्रॉपआउट कुछ विशेष संक्रमण बिंदुओं पर अधिक होता है:
- कक्षा 5 से 6: प्राथमिक से उच्च प्राथमिक में संक्रमण के दौरान (2022-23 से 2023-24 में -54,732; 2023-24 से 2024-25 में -23,040)
- कक्षा 8 से 9: उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में संक्रमण के दौरान (-64,331 और -48,065)
- कक्षा 11 से 12: माध्यमिक से उच्चतर माध्यमिक में संक्रमण के दौरान (-58,187 और -47,372)
ये आंकड़े इस बात की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं कि CwSN के लिए व्यक्तिगत शिक्षा योजना (IEP), पाठ्यक्रम अनुकूलन और परीक्षा में विशेष सुविधाओं की व्यवस्था की जाए।[9]
विकलांगता-वार वितरण
UDISE+ 2024-25 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं का वितरण निम्नलिखित है:
विकलांगता का प्रकार | संख्या | प्रतिशत (%) |
---|---|---|
बौद्धिक विकलांगता (Intellectual Disability) | 3,89,794 | 18.14 |
चलन विकलांगता (Locomotor Disability) | 3,27,298 | 15.23 |
कम दृष्टि (Low-Vision) | 2,99,019 | 13.91 |
विशिष्ट सीखने की अक्षमता (Specific Learning Disabilities) | 2,61,100 | 12.15 |
वाणी और भाषा विकलांगता (Speech & Language Disability) | 2,32,521 | 10.82 |
श्रवण दोष (Hearing Impairment) | 2,09,574 | 9.75 |
मानसिक बीमारी (Mental Illness) | 1,11,985 | 5.21 |
सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) | 78,919 | 3.67 |
बहु-विकलांगता सहित बधिर-अंधता (Multiple Disability incl. Deaf-Blindness) | 67,005 | 3.12 |
अंधापन (Blindness) | 60,955 | 2.84 |
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (Autism Spectrum Disorder) | 27,234 | 1.27 |
पेशीय दुर्विकास (Muscular Dystrophy) | 22,658 | 1.05 |
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि अदृश्य विकलांगताओं (Invisible Disabilities) का प्रसार बहुत अधिक है। बौद्धिक विकलांगता (18.14%), विशिष्ट सीखने की अक्षमता (12.15%), कम दृष्टि (13.91%), और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (1.27%) को मिलाकर लगभग 45% CwSN ऐसी विकलांगताओं से ग्रस्त हैं जो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती।[10]
ये विकलांगताएं आमतौर पर स्कूली शिक्षा के दौरान ही स्पष्ट होती हैं, इसलिए शिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रारंभिक स्क्रीनिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शिक्षकों की भूमिका
शिक्षक विकलांगता की प्रारंभिक जांच के लिए सबसे उपयुक्त स्थिति में होते हैं क्योंकि:
- समय का लाभ: शिक्षक बच्चों के साथ दैनिक रूप से 5-6 घंटे बिताते हैं।
- बहुआयामी अवलोकन: वे बच्चों को विभिन्न परिस्थितियों में देखते हैं - कक्षा में (शैक्षणिक), खेल के मैदान में (शारीरिक), पुस्तकालय में (संज्ञानात्मक), और सामूहिक गतिविधियों में (सामाजिक)।
- व्यवहार पैटर्न की पहचान: नियमित अवलोकन से शिक्षक व्यवहार पैटर्न और विकासात्मक देरी को पहचान सकते हैं।
- अभिभावक संपर्क: शिक्षक अभिभावकों के लिए विश्वसनीय संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करते हैं।
PRASHAST 2.0 शिक्षकों को मानकीकृत चेकलिस्ट और संसाधन प्रदान करता है जिससे वे बच्चों में विकलांगता के संकेतों को वैज्ञानिक तरीके से पहचान और दर्ज कर सकते हैं। यह प्रारंभिक पहचान समय पर हस्तक्षेप को संभव बनाती है और अवैज्ञानिक लेबलिंग को रोकती है।[11]
तकनीकी विशेषताएं और कार्यप्रणाली
हितधारक
PRASHAST 2.0 में तीन मुख्य प्रकार के उपयोगकर्ता हैं:
1. प्रधानाचार्य / हेडमास्टर
प्रधानाचार्य की प्रमुख जिम्मेदारियां हैं:
- MeriPehchaan के माध्यम से स्वयं को पंजीकृत करना
- शिक्षकों और विशेष शिक्षकों को सत्यापित करना
- Part 1 स्क्रीनिंग शिक्षकों को सौंपना
- Part 2 स्क्रीनिंग विशेष शिक्षकों को सौंपना
- स्क्रीनिंग रिपोर्ट डाउनलोड करना और समग्र शिक्षा अभियान अधिकारियों के साथ साझा करना
- स्क्रीनिंग की समयसीमा निर्धारित करना
2. शिक्षक
शिक्षकों की प्रमुख जिम्मेदारियां हैं:
- MeriPehchaan के माध्यम से स्वयं को पंजीकृत करना
- सौंपी गई कक्षा में छात्रों को जोड़ना
- न्यूनतम 2 सप्ताह के अवलोकन के बाद Part 1 स्क्रीनिंग (63 items) करना
- Part 1 screening survey status और individual reports देखना
3. विशेष शिक्षक (Special Educator)
विशेष शिक्षकों की प्रमुख जिम्मेदारियां हैं:
- MeriPehchaan के माध्यम से स्वयं को पंजीकृत करना
- RCI-CRR Number दर्ज करना (API से verification)
- Part 2 Screening के लिए स्कूल जोड़ना
- Principal द्वारा verification और Part 1 पूर्ण होने के बाद Part 2 detailed screening करना
- न्यूनतम 15 दिनों के detailed behavioral observation के बाद individual disability checklists भरना
- Starred Behaviours (तुरंत ध्यान देने योग्य) और Red Flags की पहचान करना
दो-चरणीय स्क्रीनिंग प्रक्रिया
PRASHAST 2.0 में स्क्रीनिंग दो चरणों में होती है:
Part 1: प्रारंभिक स्क्रीनिंग (शिक्षक द्वारा)
पहलू | विवरण |
---|---|
संचालक | नियमित कक्षा शिक्षक |
लक्षित छात्र | कक्षा के सभी छात्र |
अवलोकन अवधि | न्यूनतम 2 सप्ताह |
चेकलिस्ट | 63 items, objective-type |
अवलोकन संदर्भ | शैक्षणिक, सामाजिक, व्यवहारिक, चलन |
उद्देश्य | प्रारंभिक, प्रथम-स्तरीय जांच |
Part 1 में, शिक्षक छात्रों का विभिन्न परिस्थितियों में अवलोकन करते हैं और 63 items की एक चेकलिस्ट में केवल उन्हीं items को चिह्नित करते हैं जो उन्होंने वास्तव में observe किए हों। यह एक सरल tick (✓) आधारित प्रणाली है।
Part 2: विस्तृत स्क्रीनिंग (विशेष शिक्षक द्वारा)
पहलू | विवरण |
---|---|
संचालक | RCI पंजीकृत विशेष शिक्षक |
लक्षित छात्र | केवल Part 1 में flagged छात्र |
अवलोकन अवधि | न्यूनतम 15 दिन |
चेकलिस्ट | 21 individual disability checklists |
विशेष तत्व | Starred Behaviours, Red Flags |
उद्देश्य | Part 1 validation और tentative categorization |
Part 2 में, विशेष शिक्षक Part 1 के परिणामों को validate करते हैं और detailed behavioral observations के माध्यम से विशिष्ट विकलांगता श्रेणियों की tentative पहचान करते हैं। इसमें प्रत्येक विकलांगता के लिए अलग चेकलिस्ट होती है, और Starred Behaviours (जिन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है) को विशेष रूप से चिह्नित किया जाता है।[12]
PRASHAST 2.0 की नई विशेषताएं
PRASHAST 2.0 में पिछले संस्करण की तुलना में कई नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं:
सभी उपयोगकर्ताओं के लिए
- Profile photo upload करने का विकल्प
- MeriPehchaan के माध्यम से role-based access के लिए पंजीकरण
- DIKSHA ID, APAAR ID, और Date of Birth दर्ज करने के लिए fields
- विशेष विकलांगता पर DIKSHA course links
- Block Level Identification Camp की सूचना के लिए notifications (विकास में)
- 23 भारतीय भाषाओं में समर्थन
प्रधानाचार्य के लिए विशेष सुविधाएं
- Dashboard पर स्कूल के screening data का overview
- Class-wise और School-wise Part-1 Screening report status
- Part 2 screening data का visualization (विकास में)
- Teachers और Special Educators को push notification भेजना (विकास में)
- Teachers और Special Educators को add और verify करना
- Screening timeline निर्धारित करना
- एक teacher/special educator को multiple classes assign करना
- Part 2 submission के बाद screening data edit करना
विशेष शिक्षक के लिए विशेष सुविधाएं
- RCI-CRR Number दर्ज करना (RCI database से API verification)
- Dashboard पर Daily visits schedule
- UDID card number upload करना (विकास में)
- Starred behaviour checklist देखना
System-wide एवं Technical Features
- National Platforms (UDISE+, RCI, APAAR, NIC platforms, RBSK) के साथ API Integration (विकास में)
- User Authentication और Data Security
- Offline Functionality (विकास में)
- Data Import
- Survey Submission Tracking
- Android (Tablet और Phone), iOS (live) और Web Version/Desktop (विकास में)
- Peak times में performance optimization
- Inter-School/State Student Transfer (विकास में)
- Teacher Transfer tracking
राष्ट्रीय और राज्यवार अपनाव
राष्ट्रीय स्तर
UDISE+ 2024-25 के अनुसार, भारत में कुल 1 करोड़ शिक्षक और 24.69 करोड़ छात्र हैं। PRASHAST में अब तक 4.77 लाख शिक्षक (4.77%) और 11.29 करोड़ छात्र (45.73%) पंजीकृत हो चुके हैं।[13]
राज्यवार प्रदर्शन
PRASHAST के अपनाव में राज्यों के बीच काफी भिन्नता है। निम्नलिखित तालिका शीर्ष 10 राज्यों का प्रदर्शन दर्शाती है:
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र | कुल पंजीकृत उपयोगकर्ता | कुल छात्र | Part 1 पूर्ण | Part 2 पूर्ण |
---|---|---|---|---|
मध्य प्रदेश | 98,736 | 22,33,716 | 19,18,660 | 80,824 |
गुजरात | 96,829 | 13,72,711 | 6,73,988 | 16,196 |
आंध्र प्रदेश | 87,744 | 12,20,764 | 10,48,506 | 76,509 |
तेलंगाना | 67,909 | 11,01,231 | 8,90,589 | 72,096 |
झारखंड | 65,463 | 18,12,621 | 13,02,156 | 3,04,264 |
दिल्ली | 60,545 | 21,07,118 | 24,58,234 | 1,25,652 |
केरल | 50,741 | 79,400 | 63,705 | 17,488 |
असम | 29,400 | 49,430 | 40,264 | 18,947 |
जम्मू-कश्मीर | 19,458 | 1,13,906 | — | — |
महाराष्ट्र | 16,503 | 55,579 | 46,808 | 2,920 |
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि झारखंड ने Part 2 screening completions में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है (3,04,264), जो अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है।[14]
वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश (केवल 1,696 users और 30,210 छात्र) और बिहार (केवल 2,084 users और 2,643 छात्र) जैसे बड़े राज्यों में PRASHAST का adoption बहुत कम है, जो चिंताजनक है।
कार्यान्वयन मार्गदर्शिका
शिक्षकों के लिए विस्तृत मार्गदर्शन
पंजीकरण प्रक्रिया (चरणबद्ध)
चरण | कार्य | विवरण |
---|---|---|
1 | MeriPehchaan पंजीकरण | MeriPehchaan portal/app खोलें, basic details भरें, mobile verification करें, role select करें (Teacher) |
2 | App Download | Google Play Store (Android) या Apple App Store (iOS) से PRASHAST App download करें |
3 | Login | App खोलें और MeriPehchaan credentials से login करें |
4 | Profile Complete | Profile photo upload करें, DIKSHA ID, APAAR ID, Date of Birth और अन्य details भरें |
5 | Verification | Principal द्वारा verification की प्रतीक्षा करें |
6 | छात्र जोड़ें | सौंपी गई कक्षा में प्रत्येक छात्र की basic details add करें |
7 | अवलोकन अवधि | न्यूनतम 2 सप्ताह तक छात्रों का विभिन्न परिस्थितियों में अवलोकन करें |
8 | Part 1 Screening | प्रत्येक छात्र के लिए 63 items checklist भरें और submit करें |
Part 1 Screening के लिए सर्वोत्तम अभ्यास
शिक्षकों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
करने योग्य कार्य:
- पर्याप्त समय लें: कम से कम 2 सप्ताह का अवलोकन आवश्यक है
- विभिन्न contexts में observe करें: कक्षा (शैक्षणिक), खेल के मैदान (शारीरिक), पुस्तकालय (संज्ञानात्मक), सामूहिक गतिविधियों (सामाजिक) में
- Objective रहें: केवल वही चिह्नित करें जो आपने वास्तव में देखा है
- Notes बनाएं: महत्वपूर्ण observations को विस्तार से note down करें
- DIKSHA courses देखें: विभिन्न विकलांगताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें
- Parents से बात करें: घर पर बच्चे के व्यवहार के बारे में जानकारी लें
- Confidentiality maintain करें: छात्र की जानकारी गोपनीय रखें
- व्यवहार patterns देखें: एक बार की घटना पर नहीं, बल्कि repeated patterns पर ध्यान दें
परिहार योग्य गलतियां:
- Guess या assume न करें: केवल observed behaviors चिह्नित करें
- Label न करें: बच्चे को किसी विकलांगता category में न डालें
- Parents को डराएं नहीं: sensitively communicate करें
- Single observation पर depend न करें: patterns देखें
- Rush न करें: पर्याप्त observation period पूरा करें
- Bias न रखें: हर बच्चे को equal opportunity दें
- Discuss बाहर न करें: छात्र की गोपनीयता बनाए रखें
किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए
शिक्षकों को निम्नलिखित श्रेणियों में संकेतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:
1. दृष्टि संबंधी संकेत:
- बोर्ड पढ़ने में कठिनाई या आंखें मलना/भींचना
- बहुत पास से पढ़ना या देखना
- Headaches की शिकायत
- आंखों में लालिमा या पानी आना
2. श्रवण संबंधी संकेत:
- बार-बार "क्या?" पूछना या instructions follow न कर पाना
- बोलने में देरी या कठिनाई
- TV/Audio को loud सुनना
- कान में दर्द की शिकायत
3. सीखने की कठिनाई के संकेत:
- Reading/Writing में persistent struggle
- Math में कठिनाई या numbers को reverse करना
- Attention span बहुत कम होना
- याद रखने में समस्या या instructions भूल जाना
4. चलन संबंधी संकेत:
- चलने में कठिनाई या असामान्य gait
- संतुलन की समस्या, बार-बार गिरना
- Fine motor skills में कठिनाई (writing, buttoning)
- Physical Education activities में struggle
5. वाणी और भाषा के संकेत:
- स्पष्ट बोलने में कठिनाई या Stuttering
- सीमित vocabulary या age के अनुसार कम
- Complete sentences बनाने में समस्या
- अपनी बात समझाने में कठिनाई
6. व्यवहार और सामाजिक संकेत:
- Eye contact नहीं बनाना या बनाए रखने में कठिनाई
- Social interaction में कठिनाई या अलग-थलग रहना
- Repetitive behaviors या restricted interests
- Emotional outbursts या mood swings
- Peers के साथ खेलने में रुचि न दिखाना
अभिभावकों के लिए जानकारी
PRASHAST का महत्व
PRASHAST एक डिजिटल screening tool है जो शिक्षकों को आपके बच्चे में किसी भी विशेष शैक्षिक आवश्यकता की प्रारंभिक पहचान करने में मदद करता है। यह डरने की बात नहीं है, बल्कि एक सकारात्मक कदम है जो सुनिश्चित करता है कि हर बच्चे को उनकी आवश्यकता के अनुसार सहायता मिले।
अभिभावकों के सामान्य प्रश्न
प्रश्न 1: क्या मेरे बच्चे की screening होगी?
हां, सभी बच्चों की Part 1 screening होगी। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और सभी के लिए समान है।
प्रश्न 2: क्या मुझे पूर्व सहमति देनी होगी?
Part 1 के लिए अलग से सहमति की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह सभी बच्चों के लिए है। लेकिन यदि Part 2 screening की आवश्यकता हो (केवल कुछ बच्चों के लिए), तो आपकी सहमति आवश्यक होगी।
प्रश्न 3: यदि मेरे बच्चे में कोई concern flag किया जाता है तो क्या होगा?
यदि Part 1 में कोई concern आता है, तो विशेष शिक्षक Part 2 detailed screening करेंगे। आपको inform किया जाएगा और आपकी consent ली जाएगी। यदि आवश्यक हो, तो assessment camp के लिए refer किया जाएगा, जहां medical professionals द्वारा proper diagnosis होगी और Individualized Education Plan (IEP) बनाई जाएगी।
प्रश्न 4: क्या यह मेरे बच्चे को label करेगा?
बिल्कुल नहीं। PRASHAST केवल एक screening tool है। यह आपके बच्चे को किसी category में नहीं डालता। इसका उद्देश्य समय पर सहायता प्रदान करना है, लेबल लगाना नहीं।
प्रश्न 5: क्या मेरे बच्चे का डेटा सुरक्षित रहेगा?
हां, पूरी तरह सुरक्षित। PRASHAST में strong data security और privacy measures हैं। आपके बच्चे की जानकारी गोपनीय रहेगी।
प्रश्न 6: मैं एक अभिभावक के रूप में कैसे मदद कर सकता हूं?
शिक्षकों के साथ open communication रखें, घर पर अपने बच्चे के व्यवहार और development को observe करें, कोई भी concern share करें, screening process में cooperate करें, और यदि आवश्यक हो तो follow-up assessments में भाग लें।
छात्रों के लिए सूचना
प्यारे छात्रों, तुम्हारे शिक्षक तुम सभी का ध्यान रखते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर किसी को स्कूल में सफल होने के लिए जो कुछ भी चाहिए वह मिले। कभी-कभी, कुछ बच्चों को पढ़ाई में, खेल में, या दोस्त बनाने में थोड़ी अतिरिक्त मदद की आवश्यकता होती है। यह पूरी तरह से ठीक है। PRASHAST तुम्हारे शिक्षकों को यह समझने में मदद करता है कि प्रत्येक छात्र को क्या चाहिए, ताकि हर कोई अपना सर्वश्रेष्ठ कर सके। याद रखो: हर कोई अलग है, और यह बहुत अच्छी बात है।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
तकनीकी प्रश्न
Q1: PRASHAST App कहां से download करें?
A: आप इसे Google Play Store (Android) या Apple App Store (iOS) से download कर सकते हैं। App store में "PRASHAST" search करें।
Q2: क्या PRASHAST बिना internet के काम करता है?
A: Offline functionality वर्तमान में विकास में है। अभी के लिए, आपको internet connection की आवश्यकता है।
Q3: मैं अपनी भाषा में PRASHAST का उपयोग कर सकता हूं?
A: हां। PRASHAST 23 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
Q4: यदि मैं गलती से कुछ गलत submit कर दूं तो क्या होगा?
A: Principal को Part 2 submission के बाद data edit करने की सुविधा है। उनसे संपर्क करें।
Q5: App download करने के लिए minimum system requirements क्या हैं?
A: Android 5.0 या उच्च, iOS 11.0 या उच्च। न्यूनतम 2GB RAM और 100MB storage space की आवश्यकता है।
Screening से संबंधित प्रश्न
Q6: 63 items की checklist में कितना समय लगता है?
A: प्रत्येक छात्र के लिए लगभग 10-15 मिनट। लेकिन याद रखें, आपको पहले न्यूनतम 2 सप्ताह का observation करना होगा।
Q7: क्या मुझे हर item के लिए tick करना होगा?
A: नहीं। केवल वही items tick करें जो आपने actually observe किए हों। Unsure होने पर skip करें।
Q8: Starred Behaviours क्या हैं?
A: ये ऐसे behaviors हैं जिन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। Special Educators इन्हें Part 2 में identify करते हैं और ये immediate intervention की मांग करते हैं।
Q9: Red Flags क्या हैं?
A: ये गंभीर संकेत हैं जो immediate और urgent intervention की मांग करते हैं। Special Educators इन्हें Part 2 detailed screening में identify करते हैं।
Q10: Part 1 और Part 2 में क्या अंतर है?
A: Part 1 सभी छात्रों के लिए सामान्य preliminary screening है जो नियमित teachers द्वारा की जाती है (63 items, 2+ weeks observation)। Part 2 केवल Part 1 में flagged छात्रों के लिए detailed screening है जो RCI certified Special Educators द्वारा की जाती है (21 individual disability checklists, 15+ days observation)।
प्रशासनिक प्रश्न
Q11: MeriPehchaan क्या है?
A: MeriPehchaan भारत सरकार की एक unified authentication system है। यह PRASHAST में secure login के लिए use होती है और National Digital ID के रूप में कार्य करती है।
Q12: DIKSHA ID क्यों आवश्यक है?
A: DIKSHA ID आपकी teacher profile को link करती है और आपको relevant training courses तक पहुंच प्रदान करती है। यह professional development tracking में भी मदद करती है।
Q13: APAAR ID क्या है?
A: APAAR (Automated Permanent Academic Account Registry) ID छात्रों और शिक्षकों के लिए एक unique identification number है जो उनके सभी शैक्षणिक records को track करता है।
Q14: RCI-CRR Number क्या है?
A: यह Rehabilitation Council of India (RCI) द्वारा जारी किया गया Special Educators का registration number है। केवल RCI certified Special Educators ही Part 2 screening कर सकते हैं।
Q15: UDID Card क्या है?
A: Unique Disability Identity Card - यह विकलांग व्यक्तियों को जारी किया जाता है और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करता है। PRASHAST के भविष्य के versions में UDID से integration होगा।
Data और Privacy संबंधी प्रश्न
Q16: छात्र डेटा कितना सुरक्षित है?
A: बहुत सुरक्षित। PRASHAST में strong encryption और data security measures हैं। सभी data government servers पर सुरक्षित रूप से stored है और केवल authorized personnel ही access कर सकते हैं।
Q17: कौन-कौन screening data देख सकता है?
A: केवल authorized personnel: संबंधित Teacher, Special Educator, Principal/Headmaster, और Samagra Shiksha अधिकारी। किसी अन्य को access नहीं है।
Q18: यदि छात्र school transfer करता है तो क्या होगा?
A: Student transfer feature (inter-school/state) विकास में है। जल्द ही, screening data नए school में securely transfer हो सकेगा, जिससे data continuity बनी रहेगी।
Q19: क्या parents screening data देख सकते हैं?
A: वर्तमान में parents को screening results school द्वारा communicate किए जाते हैं। भविष्य में parent portal की योजना है जहां वे अपने बच्चे का data देख सकेंगे।
Support और Training संबंधित प्रश्न
Q20: मुझे PRASHAST का उपयोग करने के लिए training कहां से मिलेगी?
A: App में built-in help और tutorials, DIKSHA platform पर courses, समग्र शिक्षा द्वारा organize की गई workshops, और State education departments की training programs उपलब्ध हैं।
Q21: यदि मुझे technical problem आती है तो क्या करूं?
A: App में Help/Support section देखें, अपने Principal/IT coordinator से संपर्क करें, या समग्र शिक्षा के district coordinator से संपर्क करें।
Q22: क्या PRASHAST use करने के लिए कोई certificate या training mandatory है?
A: Part 1 screening के लिए mandatory training की आवश्यकता नहीं है, लेकिन DIKSHA पर available courses करना recommended है। Part 2 के लिए RCI certification mandatory है।
Screening Results और Follow-up
Q23: Part 1 screening के बाद results कब आते हैं?
A: Results तुरंत app में available होते हैं। Teacher submission के तुरंत बाद dashboard पर देख सकते हैं।
Q24: यदि बच्चा Part 2 के लिए refer हुआ तो क्या करना होगा?
A: Special Educator को assign किया जाएगा, parents को inform किया जाएगा और उनकी consent ली जाएगी, फिर 15+ days का detailed observation होगा।
Q25: Assessment camp क्या है?
A: ये Block या District level पर organize होने वाले camps हैं जहां qualified medical professionals (doctors, psychologists, therapists) बच्चों का comprehensive assessment करते हैं और official diagnosis प्रदान करते हैं।
Q26: PRASHAST screening के बाद certificate कैसे मिलेगा?
A: PRASHAST screening के बाद assessment camp में refer किया जाता है। वहां medical professionals द्वारा official diagnosis और certification किया जाता है। UDID card भी वहीं जारी किया जाता है।
Q27: क्या screening results confidential हैं?
A: हां, पूरी तरह से। केवल authorized school staff और parents ही results देख सकते हैं। किसी अन्य को share नहीं किया जाता।
आलोचना और सीमाएं
PRASHAST 2.0, जबकि एक महत्वपूर्ण पहल है, कुछ सीमाओं और चुनौतियों का सामना करता है:
तकनीकी सीमाएं
- Internet connectivity: वर्तमान में offline functionality उपलब्ध नहीं है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या उत्पन्न कर सकती है।
- Device availability: सभी शिक्षकों के पास smartphone या tablet उपलब्ध नहीं है।
प्रशिक्षण और जागरूकता
- कई शिक्षकों को PRASHAST का उपयोग करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिला है।
- विशेष शिक्षकों की कमी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
- माता-पिता और समुदाय में जागरूकता की कमी।
डेटा गुणवत्ता संबंधी चिंताएं
- शिक्षकों द्वारा subjective interpretations के कारण data quality में variation।
- Time constraints के कारण पर्याप्त observation न होना।
Adoption संबंधी चुनौतियां
- कुछ बड़े राज्यों (जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार) में बहुत कम adoption।
- शिक्षकों की तुलना में छात्र registration अधिक है, जो implementation में gap दर्शाता है।
भविष्य की योजनाएं
PRASHAST 2.0 को एक comprehensive end-to-end solution के रूप में विकसित करने की योजना है। आगामी features में शामिल हैं:
- Complete API Integration: UDISE+, RCI, APAAR, NIC platforms, RBSK के साथ पूर्ण integration
- Offline Functionality: बिना internet के भी app का उपयोग संभव होगा
- UDID Integration: Screening से सीधे UDID card generation की सुविधा
- Student Transfer Module: Inter-school और inter-state student transfer में data continuity
- Web Portal: Desktop-based comprehensive dashboard
- Advanced Analytics: District और state level analytics और reporting
- Scheme Linkages: विभिन्न सरकारी योजनाओं से automatic linkage
शिक्षा मंत्रालय का लक्ष्य है कि PRASHAST screening से लेकर certification, UDID generation, और scheme entitlements तक का पूरा journey digital और seamless हो जाए।[15]
यह भी देखें
- विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम, 2016
- समावेशी शिक्षा
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
- समग्र शिक्षा अभियान
- UDISE+ (एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस)
- Rehabilitation Council of India (RCI)
- DIKSHA (डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग)
- Unique Disability Identity (UDID)
संदर्भ
- शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार. "PRASHAST 2.0 Presentation". Department of School Education & Literacy, October 2025.
- विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम, 2016. भारत का राजपत्र.
- राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद. पत्र संख्या: रा.स्कू.शि.प./जय/आईईडी/2025-26/PRASHAST-App 2.0, दिनांक: 16 अक्टूबर 2025.
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020. शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार.
- शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक, 08 अक्टूबर 2025.
- Census of India 2011; National Sample Survey Organisation (NSSO) Report 2018.
- UDISE+ 2024-25 Data. Department of School Education & Literacy.
- NSSO Survey 2018 on Persons with Disabilities in India.
- UDISE+ Grade Progression Analysis, 2022-23 to 2024-25.
- UDISE+ Disability-wise CwSN Enrolment Data, 2024-25.
- Ms. A. Srija, IES. "Empowering Teachers for Screening of Disabilities". PRASHAST 2.0 Presentation, October 2025.
- PRASHAST 2.0 User Manual. Department of School Education & Literacy.
- PRASHAST National Adoption Status Report, October 2025.
- State-wise PRASHAST Adoption Data, October 2025.
- शिक्षा मंत्रालय. "PRASHAST 2.0: Future Roadmap". Internal Document, 2025.
बाहरी कड़ियाँ
- शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
- DIKSHA Portal
- UDISE+ Portal
- Rehabilitation Council of India (RCI)
- समग्र शिक्षा अभियान
- MeriPehchaan Portal