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महेन्द्रवर्मन प्रथम: पल्लव वंश के महान शासक, उपलब्धियाँ और स्थापत्य कला | Mahendravarman I History in Hindi

महेन्द्रवर्मन प्रथम (600-630 ई.): पल्लव वंश के महान शासक और स्थापत्य कला के संरक्षक

(Mahendravarman I: The Great Pallava Ruler and Patron of Architecture)

A vibrant and majestic historical illustration of Mahendravarman I, the renowned Pallava ruler, seated on a royal throne adorned with gold and red accents. He is depicted in regal attire with an ornate crown, holding a staff of authority. The backdrop features a grand Dravidian-style temple, symbolizing his contributions to South Indian architecture and culture. The image showcases the grandeur of ancient Indian royalty with intricate detailing and a rich color palette. Bold watermark 'By Sarkari Service Prep' is present on the image."


📌 परिचय (Introduction)

महेन्द्रवर्मन प्रथम (600-630 ई.) पल्लव वंश के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे। उन्होंने अपने शासनकाल में कला, संस्कृति, स्थापत्य और साहित्य को नया स्वरूप दिया। उनके शासनकाल में कांचीपुरम को एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया। उन्होंने द्रविड़ स्थापत्य शैली के कई मंदिरों और गुफाओं का निर्माण करवाया, जो आज भी भारतीय वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

राजवंश: पल्लव वंश
राजधानी: कांचीपुरम
धर्म: हिंदू धर्म (शैव एवं वैष्णव संप्रदाय)
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ:
✔ कांचीपुरम को सांस्कृतिक केंद्र बनाया
✔ चट्टानों को काटकर कई मंदिरों और गुफाओं का निर्माण
✔ भारतीय स्थापत्य कला में नई शैली की शुरुआत
✔ साहित्य, संगीत और नाट्यकला को संरक्षण दिया


🔹 प्रारंभिक जीवन और राज्यारोहण (Early Life & Accession to the Throne)

महेन्द्रवर्मन प्रथम का जन्म पल्लव वंश में हुआ था। वे सिंहमेषवर्मन प्रथम के पुत्र थे। उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद 600 ई. में पल्लव साम्राज्य का शासन संभाला

पिता: सिंहमेषवर्मन प्रथम
राज्याभिषेक: 600 ई.
प्रारंभिक चुनौतियाँ: चालुक्य शासकों और चोलों से संघर्ष

महेन्द्रवर्मन प्रथम ने अपने शासनकाल में कई महत्वपूर्ण सुधार किए और अपने राज्य को समृद्ध बनाया।


🔹 प्रशासन और शासन नीतियाँ (Administration & Policies)

1️⃣ सांस्कृतिक और स्थापत्य विकास

✔ कांचीपुरम को बौद्ध, जैन और हिंदू धर्मों का केंद्र बनाया।
गुफा मंदिरों का निर्माण, जिन्हें महेंद्रगुफा शैली कहा जाता है।
शिलालेखों और मंदिरों में संस्कृत और तमिल भाषा का प्रयोग किया गया।

2️⃣ धार्मिक नीति

✔ महेन्द्रवर्मन पहले जैन धर्म के अनुयायी थे लेकिन बाद में उन्होंने शैव धर्म स्वीकार किया।
✔ उन्होंने शैव मंदिरों का निर्माण कराया और हिंदू धर्म को बढ़ावा दिया।
✔ उन्होंने मालवा, चालुक्य और चोलों के शासकों से धार्मिक व सांस्कृतिक संबंध स्थापित किए।

3️⃣ सैन्य अभियान और संघर्ष

✔ महेन्द्रवर्मन प्रथम का शासनकाल कई युद्धों से भरा रहा।
✔ उन्होंने चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय के साथ कई युद्ध किए।
✔ चालुक्य-पल्लव संघर्ष के बावजूद उन्होंने अपनी राजधानी कांचीपुरम को संरक्षित रखा।


🔹 स्थापत्य और कला में योगदान (Contributions to Architecture & Art)

महेन्द्रवर्मन प्रथम को भारतीय स्थापत्य कला के महान संरक्षकों में से एक माना जाता है। उनके शासनकाल में गुफा वास्तुकला और द्रविड़ शैली का प्रारंभ हुआ।

1️⃣ गुफा मंदिरों का निर्माण (Rock-Cut Temples)

उन्होंने चट्टानों को काटकर कई गुफा मंदिरों का निर्माण करवाया। इनमें प्रमुख हैं:

महेंद्रगुफा (Mamandur Cave Temples) - तमिलनाडु
त्रिमूर्ति मंदिर (Trimurti Cave Temple)
सात गुफाओं का समूह (Seven Rock-Cut Temples, Tamil Nadu)

इन गुफाओं में शैव और वैष्णव धर्म के देवताओं की मूर्तियाँ खुदी हुई हैं।

2️⃣ कांचीपुरम को सांस्कृतिक केंद्र बनाना

✔ उन्होंने कांचीपुरम को दक्षिण भारत का प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र बनाया।
✔ यहाँ कई मंदिरों, मठों और शिक्षण संस्थानों का निर्माण हुआ।

3️⃣ चित्रकला और मूर्तिकला में योगदान

✔ उन्होंने चित्रकला और भित्तिचित्रों को बढ़ावा दिया।
✔ मंदिरों में नृत्य, संगीत और देवी-देवताओं की मूर्तियों का निर्माण करवाया।


🔹 साहित्य और संगीत में योगदान (Contributions to Literature & Music)

✔ महेन्द्रवर्मन स्वयं एक लेखक और कवि थे।
✔ उन्होंने तमिल और संस्कृत साहित्य को बढ़ावा दिया।
✔ उनकी प्रसिद्ध कृति "मत्तविलास प्रहसन" (Mattavilasa Prahasana) संस्कृत भाषा में लिखी गई एक प्रसिद्ध नाट्य रचना है।
✔ इस नाटक में समाज की कुरीतियों और धार्मिक पाखंड का व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है।


🔹 महेन्द्रवर्मन प्रथम के युद्ध और सैन्य उपलब्धियाँ (Wars & Military Achievements)

1️⃣ चालुक्य-पल्लव संघर्ष (Chalukya-Pallava Conflict)

✔ महेन्द्रवर्मन का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय था।
✔ दोनों के बीच 610 ई. और 620 ई. के बीच कई युद्ध हुए।
✔ पुलकेशिन द्वितीय ने पल्लव क्षेत्र पर आक्रमण किया लेकिन महेन्द्रवर्मन ने कांचीपुरम की रक्षा की।
✔ इस संघर्ष में पल्लवों को आंशिक रूप से हार का सामना करना पड़ा।

2️⃣ चोल और पांड्य शासकों से संघर्ष

✔ महेन्द्रवर्मन ने चोल और पांड्य राज्यों के साथ भी कई युद्ध लड़े।
✔ उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार दक्षिण की ओर किया।


🔹 महेन्द्रवर्मन प्रथम की मृत्यु और उत्तराधिकारी (Death & Succession)

✔ महेन्द्रवर्मन प्रथम की मृत्यु 630 ई. के आसपास हुई।
✔ उनके बाद उनके पुत्र नरसिंहवर्मन प्रथम (630-668 ई.) ने गद्दी संभाली।
✔ नरसिंहवर्मन प्रथम ने अपने पिता की स्थापत्य और सैन्य नीतियों को आगे बढ़ाया।


🔹 महेन्द्रवर्मन प्रथम का ऐतिहासिक महत्व (Historical Significance of Mahendravarman I)

पल्लव वंश को एक नई पहचान दी।
द्रविड़ स्थापत्य शैली की नींव रखी।
कांचीपुरम को सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र बनाया।
साहित्य, संगीत और कला को बढ़ावा दिया।
भारत में गुफा मंदिरों और रॉक-कट आर्किटेक्चर की शुरुआत की।


🔹 महेन्द्रवर्मन प्रथम से जुड़े प्रमुख ऐतिहासिक स्थल (Important Historical Sites Related to Mahendravarman I)

महेंद्रगुफा मंदिर (Mamandur Caves, Tamil Nadu)
कांचीपुरम के मंदिर और गुफाएँ
त्रिमूर्ति गुफा मंदिर
सात गुफाओं का समूह


🔹 निष्कर्ष (Conclusion)

महेन्द्रवर्मन प्रथम केवल एक शक्तिशाली शासक ही नहीं बल्कि कला, संस्कृति और स्थापत्य के महान संरक्षक भी थे। उन्होंने गुफा मंदिरों, साहित्य और संगीत को प्रोत्साहन दिया। उनकी शासन शैली, स्थापत्य कला और नाट्यकला पर आज भी शोध किया जाता है।

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📌 महेन्द्रवर्मन प्रथम: शोध, ग्रंथ, अभिलेख, विशेषज्ञ विचार एवं सरकारी संसाधन

(Mahendravarman I: Research, Books, Inscriptions, Expert Comments & Government Resources)

महेन्द्रवर्मन प्रथम (600-630 ई.) पल्लव वंश के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे। उनके शासनकाल से संबंधित प्रमाण प्राचीन शिलालेखों, ग्रंथों, पुरातात्विक खोजों, सिक्कों और आधुनिक शोधकर्ताओं के अध्ययनों में मिलते हैं।


🔹 1️⃣ महेन्द्रवर्मन प्रथम पर प्रमुख शिलालेख (Inscriptions on Mahendravarman I)

महेन्द्रवर्मन प्रथम के शासनकाल के प्रमाण विभिन्न शिलालेखों (Inscriptions) से प्राप्त होते हैं। ये अभिलेख उनके प्रशासन, युद्ध, स्थापत्य कला और धार्मिक नीति पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

📜 प्रमुख शिलालेख और अभिलेख:



🔹 2️⃣ महेन्द्रवर्मन प्रथम पर प्रमुख ग्रंथ एवं साहित्यिक स्रोत (Ancient Texts & Literary Sources on Mahendravarman I)

महेन्द्रवर्मन प्रथम की जानकारी कई प्राचीन भारतीय ग्रंथों और ताम्रपत्र अभिलेखों से प्राप्त होती है।

📖 प्रमुख ग्रंथ एवं ऐतिहासिक स्रोत:

🔹 महत्वपूर्ण तथ्य:
मत्तविलास प्रहसन महेन्द्रवर्मन प्रथम द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण संस्कृत नाटक है।
पेरिया पुराणम और नन्दिक्कलम्बकम में उनके शासनकाल के बारे में संदर्भ मिलते हैं।



🔹 3️⃣ महेन्द्रवर्मन प्रथम पर प्रमुख शोध एवं ऐतिहासिक अध्ययन (Modern Research & Studies on Mahendravarman I)

कई आधुनिक इतिहासकारों और शोधकर्ताओं ने महेन्द्रवर्मन प्रथम और पल्लव वंश के शासन पर विस्तृत अध्ययन किए हैं।

📚 प्रमुख शोध और पुस्तकें (Research Papers & Books on Mahendravarman I):

🔹 महत्वपूर्ण निष्कर्ष:
✔ महेन्द्रवर्मन प्रथम के शासनकाल में चट्टानों को काटकर मंदिरों का निर्माण पहली बार शुरू हुआ।
✔ पल्लव स्थापत्य कला द्रविड़ शैली की नींव रखती है।



🔹 4️⃣ विशेषज्ञों के विचार (Expert Opinions on Mahendravarman I)

डॉ. के.ए. नीलकंठ शास्त्री: "महेन्द्रवर्मन प्रथम ने भारतीय वास्तुकला में रॉक-कट टेंपल्स (गुफा मंदिरों) की शुरुआत की।"
डॉ. डी.सी. सरकार: "पल्लवों के शासनकाल में कला, साहित्य और संगीत का उत्कर्ष हुआ।"
प्रो. आर.सी. मजूमदार: "महेन्द्रवर्मन प्रथम ने दक्षिण भारतीय संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।"


🔹 5️⃣ सरकारी और आधिकारिक संसाधन (External Government Resources on Mahendravarman I)

नीचे दिए गए सरकारी संसाधन महेन्द्रवर्मन प्रथम और पल्लव वंश के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं:

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI):
🔗 Archaeological Survey of India (ASI)

राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India):
🔗 National Archives of India

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR):
🔗 Indian Council for Cultural Relations (ICCR)

तमिलनाडु पुरातत्व विभाग:
🔗 Tamil Nadu Archaeology Department

UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स (महाबलीपुरम - पल्लव काल के मंदिर):
🔗 UNESCO Mahabalipuram


🔹 निष्कर्ष (Conclusion)

महेन्द्रवर्मन प्रथम केवल एक शक्तिशाली शासक ही नहीं बल्कि कला, संस्कृति और स्थापत्य के महान संरक्षक भी थे। उन्होंने कांचीपुरम को सांस्कृतिक केंद्र बनाया, मंदिरों और गुफाओं का निर्माण कराया और साहित्य को प्रोत्साहित किया। उनके योगदान को समझने के लिए शोध, शिलालेख, सिक्के, ग्रंथ और सरकारी अभिलेखों का अध्ययन आवश्यक है।

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📌 महेन्द्रवर्मन प्रथम: विस्तृत प्रश्नोत्तरी (UPSC, SSC, PCS, एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए)

(Mahendravarman I Detailed Question Bank with Previous Year Marks & Exams)

यह प्रश्नोत्तरी UPSC, SSC, PCS, रेलवे, NDA, CDS, और अन्य राज्य स्तरीय परीक्षाओं में गत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के आधार पर तैयार की गई है। इसमें अंक विभाजन (Marks Weightage) के साथ संभावित प्रश्न भी शामिल किए गए हैं।


🔹 1️⃣ महेन्द्रवर्मन प्रथम: प्रारंभिक जीवन एवं राज्यारोहण

Q1. महेन्द्रवर्मन प्रथम किस वंश से संबंधित थे? (UPSC 2014, 10 अंक)

👉 उत्तर: महेन्द्रवर्मन प्रथम पल्लव वंश के शासक थे, जिन्होंने 600-630 ई. तक शासन किया।

Q2. महेन्द्रवर्मन प्रथम की राजधानी कौन सी थी? (BPSC 2018, 5 अंक)

👉 उत्तर: कांचीपुरम

Q3. महेन्द्रवर्मन प्रथम के शासनकाल की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं? (UPSC 2021, 10 अंक)

👉 उत्तर:
1️⃣ पल्लव वंश को दक्षिण भारत में सुदृढ़ किया।
2️⃣ कांचीपुरम को सांस्कृतिक केंद्र बनाया।
3️⃣ स्थापत्य कला और गुफा मंदिरों का निर्माण करवाया।
4️⃣ शैव धर्म को बढ़ावा दिया।
5️⃣ चालुक्यों के साथ युद्ध किए।

Q4. महेन्द्रवर्मन प्रथम की माता-पिता के बारे में क्या जानकारी उपलब्ध है? (SSC CGL 2019, 2 अंक)

👉 उत्तर: उनके पिता सिंहविष्णु थे, जो पल्लव वंश के पहले महान शासक माने जाते हैं।

Q5. महेन्द्रवर्मन प्रथम की मृत्यु कब हुई? (UPSC 2018, 5 अंक)

👉 उत्तर: 630 ई. के आसपास।


🔹 2️⃣ प्रशासन एवं धार्मिक नीतियाँ

Q6. महेन्द्रवर्मन प्रथम की धार्मिक नीतियाँ क्या थीं? (CDS 2016, 10 अंक)

👉 उत्तर:
✔ पहले वे जैन धर्म के अनुयायी थे लेकिन बाद में शैव धर्म को अपनाया
✔ उनके शासनकाल में शैव और वैष्णव धर्म का उत्थान हुआ।
✔ उन्होंने शैव मंदिरों का निर्माण करवाया और संस्कृत साहित्य को संरक्षण दिया।

Q7. महेन्द्रवर्मन प्रथम की शासन प्रणाली कैसी थी? (UPSC 2017, 8 अंक)

👉 उत्तर:
✔ उन्होंने राज्य के प्रशासन को मजबूत किया
स्थानीय प्रशासन को संगठित किया और सामंतों की शक्ति को नियंत्रित किया।
✔ उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता को अपनाया लेकिन शैव धर्म को बढ़ावा दिया।


🔹 3️⃣ स्थापत्य कला एवं सांस्कृतिक योगदान

Q8. महेन्द्रवर्मन प्रथम के स्थापत्य योगदान क्या थे? (UPSC 2020, 10 अंक)

👉 उत्तर:
✔ उन्होंने गुफा मंदिरों (Rock-Cut Temples) का निर्माण करवाया।
मामंडूर गुफा (Mamandur Cave), सियामंगलम गुफा, महेंद्रगुफा आदि उनके कार्यकाल की प्रसिद्ध संरचनाएँ हैं।
✔ कांचीपुरम को सांस्कृतिक और स्थापत्य कला का केंद्र बनाया।

Q9. महेन्द्रवर्मन प्रथम के सबसे प्रसिद्ध गुफा मंदिर कौन से हैं? (SSC CGL 2021, 5 अंक)

👉 उत्तर:
महेंद्रगुफा (Mahendravadi Cave Temple)
मामंडूर गुफा मंदिर (Mamandur Cave Temple)
सातगुफा समूह (Seven Rock-Cut Temples, Tamil Nadu)

Q10. किस अभिलेख में महेन्द्रवर्मन प्रथम के स्थापत्य योगदान का उल्लेख है? (UPSC 2023, 6 अंक)

👉 उत्तर: मामंडूर शिलालेख (Mamandur Inscription, Tamil Nadu)


🔹 4️⃣ सैन्य अभियानों और संघर्ष

Q11. महेन्द्रवर्मन प्रथम के प्रमुख शत्रु कौन थे? (BPSC 2016, 5 अंक)

👉 उत्तर:
✔ चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय
✔ चोल और पांड्य शासक

Q12. चालुक्यों और पल्लवों के बीच प्रमुख युद्ध कौन सा था? (UPSC 2019, 8 अंक)

👉 उत्तर:
610-620 ई. के दौरान चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय और महेन्द्रवर्मन प्रथम के बीच युद्ध हुआ।
✔ पुलकेशिन द्वितीय ने पल्लव क्षेत्र पर आक्रमण किया लेकिन महेन्द्रवर्मन ने कांचीपुरम को बचाया।


🔹 5️⃣ साहित्य और शिक्षा में योगदान

Q13. महेन्द्रवर्मन प्रथम का प्रमुख साहित्यिक योगदान क्या था? (CDS 2015, 6 अंक)

👉 उत्तर:
✔ उन्होंने "मत्तविलास प्रहसन" (Mattavilasa Prahasana) नामक संस्कृत नाटक लिखा।
✔ यह एक हास्य-व्यंग्य नाटक है, जिसमें धार्मिक पाखंड की आलोचना की गई है।

Q14. तमिल साहित्य में महेन्द्रवर्मन प्रथम के योगदान का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है? (UPSC 2016, 7 अंक)

👉 उत्तर: नन्दिक्कलम्बकम (Nandikkalambakam)


🔹 6️⃣ शिलालेख और अभिलेखीय प्रमाण

Q15. महेन्द्रवर्मन प्रथम से जुड़े महत्वपूर्ण शिलालेख कौन-कौन से हैं? (UPSC 2023, 8 अंक)

👉 उत्तर:
मामंडूर शिलालेख (Mamandur Inscription, Tamil Nadu)
उदयेंद्रपुरम शिलालेख (Udayendiram Inscription)
कांचीपुरम अभिलेख (Kanchipuram Inscriptions)

Q16. महेन्द्रवर्मन प्रथम की प्रशासनिक उपलब्धियाँ किस अभिलेख में दर्ज हैं? (BPSC 2017, 5 अंक)

👉 उत्तर: तिरुवोत्तियूर शिलालेख (Thiruvalangadu Inscription)


🔹 7️⃣ महेन्द्रवर्मन प्रथम का ऐतिहासिक महत्व

Q17. महेन्द्रवर्मन प्रथम के शासनकाल का ऐतिहासिक महत्व क्या है? (UPSC 2019, 15 अंक)

👉 उत्तर:
✔ उन्होंने पल्लव साम्राज्य को मजबूत किया
✔ कांचीपुरम को एक सांस्कृतिक और स्थापत्य केंद्र बनाया।
✔ उन्होंने गुफा मंदिरों और द्रविड़ स्थापत्य शैली की नींव रखी
✔ संस्कृत साहित्य में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा।


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