राजस्थान सेवा नियम के अंतर्गत परिभाषाएं | RSR Definitions 1951 Chapter 2
अध्याय | 2 |
कुल परिभाषाएं | 40 |
प्रभावी तिथि | 1951 |
आधार | संविधान अनुच्छेद 309 |
अधिकार क्षेत्र | राजस्थान राज्य |
राजस्थान सेवा नियम - परिभाषाएं
- आयु
- शिक्षार्थी
- संविधान
- संवर्ग
- चतुर्थ श्रेणी सेवा
- क्षतिपूर्ति भत्ते
- सक्षम प्राधिकारी
- संहित निधि
- रुपांतरित अवकाश
- कर्तव्य
- शुल्क
- वैकल्पिक सेवा
- राजपत्रित अधिकारी
- अर्ध वेतन अवकाश
- विभागाध्यक्ष
- अवकाश
- मानदेय
- कार्यभार ग्रहण काल
- अवकाश
- अवकाश वेतन
- पदाधिकार
- स्थानीय निधि
- मंत्रालयिक कर्मचारी
- मास अधिक कलेण्डर मास
- नियम
- स्थायी नियोजन के कर्मचारी
- स्थानापन्न/कार्यवाहक
- वेतन
- पेंशन
- स्थायी पद
- व्यक्तिगत वेतन
- उपार्जित अवकाश
- पद का परिकलित वेतन
- परीक्षाधीन
- परीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी
- विशेष वेतन
- उच्च सेवा
- निलंबन अनुदान
- मूल वेतन
- स्थायी नियुक्ति
- अस्थायी पद
- सावधि पद
- समय वेतनमान
- स्थानान्तरण
- विभागकालीन विभाग
- पेंशन के अयोग्य संस्थापन
नियम 7(1) - आयु
नियम 7(2) - शिक्षार्थी
नियम 7(3) - संविधान
नियम 7(4) - संवर्ग
क्र. सं. | राज्य में राजस्थान लेखा सेवा का कैडर (यथास्थिति 18 सितम्बर, 2023) | ||
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स्केल | कैडर पद | A कैडर पद | कुल योग |
1. हायर सुपर टाइम स्केल (L-23) | 27 | 14 | 41 |
2. सुपर टाइम स्केल (L-21) | 79 | 54 | 133 |
3. सेलेक्शन स्केल (L-19) | 101 | 53 | 154 |
4. सीनियर स्केल (L-16) | 183 | 74 | 271 |
5. जूनियर स्केल (L-14) | 633 | 207 | 840 |
कुल कैडर स्ट्रेंथ: | 1133 | 402 | 1439 |
नियम 7(4A) - चतुर्थ श्रेणी सेवा
नियम 7(5) - क्षतिपूर्ति भत्ते
नियम 7(6) - सक्षम प्राधिकारी
नियम 7(7) - संहित निधि
नियम 7(7A) - रुपांतरित अवकाश
नियम 7(8) - कर्तव्य
(i) परीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी या शिक्षार्थी के रूप में की गयी सेवा यदि ऐसी सेवा के शीघ्र बाद नियमित सेवा से व्यक्ति स्थायी रूप से नियुक्त कर दिया जाता है।
(ii) कार्यभार ग्रहण काल
- (iii) अवकाश से लौटने से, किसी पद पर पदस्थापित किये जाने के मध्य की अवधि
- (iv) परीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी
- नागरिक सुरक्षा संबंधी समस्त प्रकार के प्रशिक्षणों की अवधि—नियम—7(8)(b)(i)
- किसी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय या विद्यालय में छात्रवृत्ति प्राप्त करते हुए या कोई प्रशिक्षण पाते हुए प्रशिक्षण की समाप्ति व सेवा में नियुक्त होने के बीच की अवधि —नियम—7(8)(b)(ii)
- राज्य सेवा में प्रथम नियुक्ति के समय निवास स्थान पर उपस्थिति की सूचना देने की तारीख से विशिष्ट पद पर नियोजित होने के मध्य की अवधि —नियम—7(8)(b)(iii)
- अभियार्थ विभागीय परीक्षा में बैठने के लिये परीक्षा का समय तथा परीक्षास्थल तक आने व जाने का यथोचित समय —नियम—7(8)(b)(iv)
- किसी लिखित परीक्षा जिसमें प्रवेश के लिये सहायक प्राधिकारी ने स्वीकृति प्रदान कर दी है तो परीक्षास्थल तक आने व जाने का यथोचित समय —नियम—7(8)(b)(v)
- कोई अधिकारी राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी या ऐसे ही किसी राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण में या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों द्वारा संचालित सेमीनार में भाग लेते हैं या प्रशन के लिए बुलाये जाने पर उस अवधि को कर्तव्य माना जाता है। (वित्त विभाग का आदेश क्रमांक F.1(15) विधि/नियम/71 दिनांक 26 मार्च 1971)
राजस्थान सरकार का विनिश्चय:
सदेह व्यक्त किया गया है कि एक राज्य कर्मचारी के, उसके निवास स्थान से कर्तव्य स्थान (कार्यालय) पहुंचने तथा संस्था समय वापस निवास स्थान आने पर, जाने आने में लगने वाले समय को राजस्थान सेवा नियम 7(8) के अंतर्गत ड्यूटी का भाग माना जावेगा अथवा नहीं। इस प्रश्न पर विचार कर वित्त विभाग के आदेश क्रमांक F.1(5)विन(नियम)/2010 दिनांक 14 दिसम्बर 2012 द्वारा राज्यपाल महोदय में आदेश किया है कि— (1) सेवा नियम 7(8) के अंतर्गत "ड्यूटी" तब प्रारम्भ होती है जब सरकारी कर्मचारी किसी दिन विशेष में कर्तव्य के लिये रिपोर्ट करता है या पद का कार्यभार सम्भालता है और तब समाप्त होती है जब वह अपनी ड्यूटी का स्थान छोड़ता है। तदनुसार निवास स्थान से कार्यालय और उसके विलोमतः यात्रा की अवधि ड्यूटी का भाग नहीं है। यानि ड्यूटी उस अवधि को माना जावेगा जिसमें जिस दिन एक कर्मचारी कार्यालय पहुंचकर अपने पद के कर्तव्य सम्भालित करता है तथा "ड्यूटी" अवधि कर्मचारी द्वारा कार्यालय छोड़ते ही समाप्त हो जाती है। अतः निवास स्थान से कार्यालय जाने एवं कार्यालय से वापस घर पहुंचने में लगने वाला समय "ड्यूटी" नहीं माना जाता है। (2) यात्रा के समय एक कर्मचारी जैसे ही अपने निवास से प्रस्थान करे तो "ड्यूटी" आरम्भ हो जाती है तथा जब वह यात्रा से लौटकर निवास स्थान पर आ जाता है तो ड्यूटी समाप्त मानी जाती है। इसमें दोनों ओर के दौरान उपयुक्त अवकाश सहित किसी भी प्रकार का अवकाश, यदि कोई हो, सम्मिलित नहीं है। (3) एक राज्य कर्मचारी को निर्वाचन "ड्यूटी" पर उसी समय से माना जाता है जब वह अपने निवास स्थान अथवा कार्यालय से प्रस्थान कर चुनाव संबंधी कार्य, जिसमें प्रशिक्षण भी सम्मिलित है, के लिए सक्षम अधिकारी को रिपोर्ट करता है। चुनाव कार्य से निवृत्त होकर अपने निवास अथवा कार्यालय वापस आते ही चुनाव ड्यूटी समाप्त मानी जाती है। यदि इस अवधि में कोई दुर्घटना हो जाती है तो वह दुर्घटना चुनाव ड्यूटी समाप्त मानी जावेगी, किन्तु शर्त यह होगी कि ऐसी दुर्घटना/मृत्यु "चुनाव कार्य सम्पादन" से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष से संबंधित होनी चाहिए।नियम 7(9) - शुल्क
- सम्पत्ति से प्राप्त आय, मकान किराया आदि लाभांश व जमाओं पर ब्याज से आय जैसी अनुपार्जित आय
- साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं कलात्मक आदि कार्यकलापों से आय, यदि वह सेवा ज्ञान की सहायता से नहीं हो। यदि सेवा में अर्जित ज्ञान से तैयार की गई हो तो शुल्क प्राप्त करने के लिए सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति आवश्यक होगी।
नियम 7(10) - वैकल्पिक सेवा
नियम 7(10A) - राजपत्रित अधिकारी
(1) अखिल भारतीय सेवा का अधिकारी हो,
(2) राजस्थान सिविल सेवार (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 की अनुसूची-I में दर्शाये गये पदों के धारक हो,
(3) संविदा या अनुबंध की शर्तों के अनुसार नियुक्त व्यक्ति जिसकी नियुक्ति सरकार द्वारा राजपत्रित की गयी हो, व
(4) ऐसा पद धारण करने वाला सरकारी कर्मचारी जिसे राज्य सरकार अधिसूचना जारी कर राजपत्रित पद घोषित कर दे।
नियम 7(10B) - अर्ध वेतन अवकाश
नियम 7(11) - विभागाध्यक्ष
नियम 7(12) - अवकाश
नियम 7(13) - मानदेय
नियम 7(14) - कार्यभार ग्रहण काल
नियम 7(15) - अवकाश
नियम 7(16) - अवकाश वेतन
नियम 7(17) - पदाधिकार
नियम 7(18) - स्थानीय निधि
- नगरपालिकाओं का बजट स्वीकार करना, विशिष्ट पद सूजित करने की स्वीकृति देना अथवा उन्हें भरने की स्वीकृति देना एवं सेवा नियम बनाना।
- राज्यपाल के विशेष आदेशों से किसी संस्था/निकाय के राजस्व को स्थानीय निधि घोषित कर दिया जावे तो वह राजस्व स्थानीय निधि कहलाता है।
नियम 7(19) - मंत्रालयिक कर्मचारी
नियम 7(20) - मास अधिक कलेण्डर मास
दिन | वर्ष | मास | दिन |
---|---|---|---|
25 से 31 जनवरी | 0 | 0 | 7 |
फरवरी से अप्रैल | 0 | 3 | 0 |
1 मार्च से 13 मई | 0 | 0 | 13 |
योग | 0 | 3 | 20 |
दिन | वर्ष | मास | दिन |
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30 से 31 जनवरी | 0 | 0 | 2 |
फरवरी | 0 | 1 | 0 |
1 मार्च से 2 मार्च | 0 | 0 | 2 |
योग | 0 | 1 | 4 |
दिन | वर्ष | मास | दिन |
---|---|---|---|
2 से 31 जनवरी | 0 | 0 | 30 |
फरवरी | 0 | 1 | 0 |
1 मार्च | 0 | 0 | 1 |
योग | 0 | 1 | 31 |
नियम 7(21) - नियम
नियम 7(22) - स्थायी नियोजन के कर्मचारी
नियम 7(23) - स्थानापन्न/कार्यवाहक
नियम 7(24) - वेतन
(i) वेतन, विशेष वेतन के अलावा या उसकी व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर स्वीकृत वेतन जो उसके द्वारा स्थायी या स्थानापन्न रूप से धारण किये गये स्वीकृत किया गया है।
(ii) विशेष वेतन एवं व्यक्तिगत वेतन तथा
(iii) अन्य राशि जो राज्यपाल द्वारा विशेष रूप से वेतन के रूप में स्वीकृत की गयी हो।
- पुलिस के सिपाहियों तथा अन्य स्टाफ को साहसता भत्ता।
- राजकीय मुद्रणालय में आशिक आधार पर कार्य करने वाले व्यक्तियों के मामले में 200 कार्य घंटों की धनराशि के समान राशि को एक मास के वेतन के समान।
- चिकित्सा अधिकारियों को दिया जाने वाला नॉन—प्रैक्टिसिंग (Non-practising) भत्ता एवं नॉन—क्लीनिकल (Non-clinical) भत्ता।
- चिकित्सा अधिकारियों को दिया जाने वाला ग्रामीण भत्ता।
नियम 7(25) - पेंशन
नियम 7(26) - स्थायी पद
नियम 7(27) - व्यक्तिगत वेतन
नियम 7(28) - उपार्जित अवकाश
नियम 7(29) - पद का परिकलित वेतन
नियम 7(30) - परीक्षाधीन
नियम 7(30A) - परीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी
नियम 7(31) - विशेष वेतन
(अ) विशेष रूप से कर्तव्यों की कठिन प्रकृति के कारण अथवा
(ब) उसके कार्य अथवा उत्तरदायित्वों में विशेष वृद्धि हो जाने के कारण स्वीकृत किया जाता है।
नियम 7(32) - उच्च सेवा
नियम 7(33) - निलंबन अनुदान
नियम 7(34) - मूल वेतन
नियम 7(34A) - स्थायी नियुक्ति
नियम 7(35) - अस्थायी पद
नियम 7(36) - सावधि पद
नियम 7(37) - समय वेतनमान
नियम 7(38) - स्थानान्तरण
(क) नये पद का कार्यभार सम्भालने के लिये या
(ख) उसके मुख्यालय के स्थान परिवर्तन के फलस्वरूप
नियम 7(39) - विभागकालीन विभाग
नियम 7(40) - पेंशन के अयोग्य संस्थापन
प्रतियोगी परीक्षा प्रश्नोत्तरी
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1: राजस्थान सेवा नियम में परिभाषाएं किस अध्याय में दी गई हैं?
प्रश्न 2: भारतीय संविधान कब से प्रभावशील है?
प्रश्न 3: राजस्थान सेवा नियम के अंतर्गत सर्वोच्च सक्षम प्राधिकारी कौन है?
प्रश्न 4: चतुर्थ श्रेणी सेवा से संबंधित परिभाषा किस नियम में है?
प्रश्न 5: राजस्थान लेखा सेवा की कुल संवर्ग संख्या (2023 तक) कितनी है?
प्रश्न 6: शिक्षार्थी को कितनी राशि दी जाती है?
प्रश्न 7: विभागाध्यक्षों की वर्तमान संख्या (2021 तक) कितनी है?
प्रश्न 8: परीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी की नियुक्ति कितने समय के लिए होती है?
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: संवर्ग (Cadre) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: संवर्ग का अर्थ है किसी सेवा में निश्चित रूप से स्वीकृत उन स्थायी पदों की संख्या जिनके नियुक्ति/पदोन्नति/परीक्षा आदि के विशिष्ट सेवा नियम बने हुए हैं।
प्रश्न 2: वैकल्पिक सेवा किसे कहते हैं?
उत्तर: उस सेवा अवधि को वैकल्पिक सेवा कहते हैं जिसमें एक राज्य कर्मचारी अपने पूर्ण समय के वेतन तथा भत्ते आदि सरकार की स्वीकृति से राज्य की संहित निधि के अतिरिक्त अन्य स्रोतों से प्राप्त करे।
प्रश्न 3: राजपत्रित अधिकारी की मुख्य श्रेणियां कौन सी हैं?
उत्तर: राजपत्रित अधिकारी की चार मुख्य श्रेणियां हैं: (1) अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी, (2) राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 की अनुसूची-I के पदधारक, (3) संविदा के अनुसार नियुक्त व्यक्ति, (4) सरकार द्वारा राजपत्रित घोषित पद।
प्रश्न 4: शिक्षार्थी और परीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर: शिक्षार्थी को स्टाइपेंड दिया जाता है और वे किसी पद के विरुद्ध नियुक्त नहीं होते, जबकि परीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को निश्चित मासिक पारिश्रमिक दिया जाता है और वे किसी रिक्त पद के विरुद्ध नियुक्त होते हैं।
प्रश्न 5: स्थायी पद और अस्थायी पद में क्या अंतर है?
उत्तर: स्थायी पद समयावधि के बिना स्वीकृत वेतन की निश्चित दर वाले होते हैं, जबकि अस्थायी पद एक निर्धारित समय या अवधि के लिये सृजित किये जाते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: राजस्थान सेवा नियम में 'कर्तव्य' की परिभाषा का विस्तृत विवरण दें।
उत्तर संकेत: इस उत्तर में शामिल करें: कर्तव्य की मूल परिभाषा, इसमें सम्मिलित अवधियां, राजस्थान सरकार के विनिश्चय के मुख्य बिंदु, निवास से कार्यालय की यात्रा की स्थिति, चुनावी कार्य के दौरान कर्तव्य की परिभाषा।
प्रश्न 2: वेतन की परिभाषा और इसमें सम्मिलित घटकों का विस्तृत वर्णन करें।
उत्तर संकेत: वेतन की मूल परिभाषा, मूल वेतन, विशेष वेतन, व्यक्तिगत वेतन, वेतन के रूप में घोषित भुगतान, वेतन और भत्तों में अंतर।
प्रश्न 3: अवकाश के विभिन्न प्रकारों का वर्णन करते हुए उपार्जित अवकाश और अर्ध वेतन अवकाश की तुलना करें।
उत्तर संकेत: अवकाश के प्रकार, उपार्जित अवकाश की गणना पद्धति, अर्ध वेतन अवकाश के नियम, दोनों के बीच मुख्य अंतर, अवकाश वेतन की दरें।
इन्हें भी देखें
संदर्भ
- राजस्थान सेवा नियम, 1951 - अध्याय 2 (परिभाषाएं)
- भारतीय संविधान - अनुच्छेद 309
- राजस्थान सरकार की अधिसूचना क्रमांक F.1(3)FD(Rules)/2022 दिनांक 18 सितम्बर, 2023
- वित्त विभाग के आदेश क्रमांक F.5(1)FD(Rules)/56 दिनांक 11 जनवरी 1956
- वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक F.1(5)विन(नियम)/2010 दिनांक 14 दिसम्बर 2012
- राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996
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Rajasthan Seva Niyam — Samvidhanik Aadhar (Anuched 309)
Analysis of constitutional basis and Article 309 implications for RSR enforcement and validity.
|
Explains the constitutional foundation (Article 309) for state service rules and practical implications for Rajasthan. | RSR, Article 309, Constitutional Basis, Rajasthan Service |
Rajasthan Seva Niyam (RSR) — Definitions (Chapter 2)
Consolidated definitions used across RSR — key terms and interpretations.
|
Key definitions (terms & scope) that appear in RSR Chapter 2 — useful for interpretation throughout the rules. | RSR Chapter 2, Definitions, Glossary, Service Terms |
RSR: Chapter 3 – General Conditions of State Service (Part I)
Part I of Chapter 3 covering foundational service conditions and appointment-related provisions.
|
Contains primary service conditions, appointment rules and introductory provisions of Chapter 3 (Part I). | RSR Chapter 3, Part I, Appointments, Service Conditions |
RSR: Chapter 3 – General Conditions of State Service (Part II)
Continuation of Chapter 3 — duties, obligations and additional conditions for state employees.
|
Follows Part I — includes duties, restrictions, and further conditions applicable to state servants. | RSR Chapter 3, Part II, Duties, Restrictions |
RSR — Part I: Introduction & Definitions (Rajasthan)
General introduction to RSR: scope, objectives and core definitions used in the rules.
|
Introductory overview of Rajasthan Service Rules with foundational definitions and scope notes for readers. | RSR Introduction, Scope, Overview, Definitions |
RSR — Clause 26A: Promotion, ACP/MACP & Pay Determination
Detailed guide on promotion rules, ACP/MACP and pay/wage determination under relevant RSR provisions.
|
Explains Clause 26A — promotion procedures, ACP/MACP schemes and pay fixation norms applied in RSR context. | Promotion, ACP, MACP, Pay Fixation, RSR Clause 26A |
Rajasthan Civil Service Rules (1958) — Suspension Procedure Guide
Practical guide to suspension procedures under RC S 1958 — stepwise process and legal safeguards.
|
Step-by-step guide to suspension under Rajasthan Civil Service Rules, with references to process and safeguards. | RC S 1958, Suspension, Procedure, Administrative Law |
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