राजस्थान सेवा नियम: संवैधानिक आधार और अनुच्छेद 309
राजस्थान सेवा नियम
परिचय
राजस्थान सेवा नियम राजस्थान राज्य सरकार के कर्मचारियों से संबंधित नियमावली है। यह नियमावली विविध (नियम) विभाग द्वारा तैयार और प्रकाशित की गई है।
पूर्वभूमि
दस्तावेज़ के अनुसार राजस्थान सेवा नियम का निर्माण राज्य के सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तों को नियंत्रित करने के लिए किया गया है। राजस्थान राज्य का निर्माण 19 रियासतों व 3 ठिकानों के मिलाने के परिणामस्वरूप 30 मार्च 1949 को की गई शुरुआत हुई।
संवैधानिक आधार
राजस्थान सेवा नियम का संवैधानिक आधार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 में निहित है। इस अनुच्छेद के अंतर्गत राज्यपाल को राज्य की लोक सेवाओं के संबंध में नियम बनाने का अधिकार प्राप्त है। दस्तावेज़ के अनुसार, राजस्थान के तत्कालीन राजप्रमुख ने 23 मार्च 1951 को राजस्थान सेवा नियम कहलाते हैं। इस प्रकार, यह नियम संविधान के अनुच्छेद 309 के प्रावधानों के अंतर्गत बनाया गया है।
प्रभावशीलता
दस्तावेज़ के अनुसार राजस्थान सेवा नियम की प्रभावशीलता निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित है:
लागू होने की शर्तें
नियम 2 के अनुसार राजस्थान सेवा नियम निम्नलिखित पर लागू किये गये हैं:
- वे सभी व्यक्ति जो 7 अप्रैल 1949 को या उसके बाद राजस्थान सरकार के अधीन अथवा उसकी विभागों में नियुक्त किये गये सभी व्यक्ति, एवं
- प्रभावित करने वाले राज्यों के एकीकरण के फलस्वरूप ऐसे पदों या सेवाओं में 7 अप्रैल 1949 को अथवा उसके बाद नियुक्त किये गये सभी व्यक्ति, एवं
- वे व्यक्ति जिनकी भूतपूर्व देशी राज्यों में अगस्त के आधार पर रखा गया था और जिनके अनुसूची में सेवा संबंधी निकालों का उल्लेख नहीं था।
परन्तु ये नियम निम्नलिखित पर लागू नहीं किये गये हैं:
- केंद्र सरकार अथवा अन्य राज्य सरकारों से राजस्थान सरकार के अधीन विभागों में अधिकृति पर आए अधिकारी
- राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर। उनके लिये भारत के संविधान के अनुच्छेद 229(2) व अनुच्छेद 236 के साथ साम्यिक पुस्तक से नियम बनाये जा सकते हैं। फिन्निश विभाग के पत्र क्रमांक एफ.35(2)शासन/52 दिनांक 11 मार्च 1953)
विविध प्रावधान और शक्तियों का प्रत्यायोजन
दस्तावेज़ के चौथे अध्याय में विविध प्रावधान शामिल हैं:
न्यायालयीन सेवा आयोग
राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर राजस्थान सेवा नियम लागू नहीं होते।
अधीनस्थ भारतीय सेवाओं के कर्मचारी
भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा भारतीय पुलिस सेवा के कर्मचारी इन नियमों के अंतर्गत आते हैं।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के अधीन व अन्य सदस्य
राजस्थान लोक सेवा आयोग के अधिकारी एवं कर्मचारी इन नियमों के अधीन होते हैं।
कार्यभार (Work-charged) कर्मचारी
ऐसे कर्मचारी जिनको भुगतान मद से नही मिलकार कार्यक्रम व्यय मद से किया जाता है (इन्हे लिए सरकार ने पृथक से सेवा नियम बनाने हैं।)
अन्य प्रभार (Other charges) मद से भुगतान
ऐसे कर्मचारी जिनका भुगतान अन्य प्रभार मद से होता है उन पर आर्थिक नियम अधिनियम, 1947 तथा अन्य क्षेत्रिक सेवा कानून लागू होते हैं। ऐसे कर्मचारियों पर कर्मी द्वारा करना, निकुंति का सत्यापन आवक्षण एवं वैदेशिक सेवा आदि के प्रावधान लागू नहीं होते हैं। शेष प्रावधान लागू किये जा सकते हैं।
अनुशासनिक कार्रवाई
यदि कोई व्यक्ति जिनकी 'सामान्य अथवा विशेष आदेश' प्रकार है तो उसके आदेश के अनुसार कार्यमुक्त कर सकते हैं। यदि किसी विभाग का कमान या विशेष आदेश का प्रकार है तो वह कानून सामान्य या विशेष आदेश के अनुसार अपने दायित्व अवक्षण एवं पंडित नहीं होगा। इस प्रकार जुर्माना कार्रवाई जा सकती है।
शक्तियों का प्रत्यायोजन
राजस्थान सेवा नियम भाग 1 के अध्याय 1 के नियम 3 के अनुसार इन नियमों के अंतर्गत शक्तियों के अंतर्गत सक्षिम प्राधिकारी का प्रयोग (Delegation) अथवा प्रयोग, विविध (नियम) विभाग की सहमति से राजस्थान सरकार के अंदर किया जाना चाहिए। प्रशासनिक विभाग द्वारा सहमत कार्यान्वित किया जाना है।
संशोधन और परिपत्र
दस्तावेज़ के अनुसार राजस्थान सेवा नियमों में समय-समय पर संशोधन किये गये हैं। विविध (नियम) विभाग द्वारा जारी किये गये मुख्य परिपत्र इस प्रकार हैं:
क्रम | परिपत्र विवरण | दिनांक |
---|---|---|
1 | विविध (सामान्य) विभाग परिपत्र क्रमांक प.1(26)/विभ/कोडि/2008 | 17 जून 2009 |
2 | विविध (नियम) विभाग परिपत्र क्रमांक प.8(2)/विभ/नियम/2014 | 24 अप्रैल 2015 |
3 | परिपत्र क्रमांक प.1(45)/विभ/नियम/2006 | 19 फरवरी 2016 |
4 | परिपत्र क्रमांक प.12(3)/विभ/नियम/2012 | 29 जुलाई 2016 |
5 | परिपत्र क्रमांक प.8(2)/विभ/नियम/2014 | 18 अगस्त 2020 |
6 | परिपत्र क्रमांक प.8(2)/विभ/नियम/2014 | 14 जुलाई 2022 |
परिपत्र के विषय
दस्तावेज़ में उल्लेखित परिपत्रों में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
- विविध (सामान्य) विभाग द्वारा जारी किये गये नियमों पर सम/विवेचन संबंधी सामान्य प्रक्रिया का परीक्षण
- विविध नियमों में संशोधन संबंधी प्रक्रिया
- सेवा निवृत्ति में संशोधन संबंधी प्रक्रिया
- न्यायिक प्रक्रिया एवं न्यायिक निर्णयों की पालना संबंधी प्रक्रिया का परीक्षण एवं न्यायिक निर्णयों की पालना
प्रश्नोत्तरी
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- अनुच्छेद 308
- अनुच्छेद 309
- अनुच्छेद 310
- अनुच्छेद 311
व्याख्या: दस्तावेज़ के अनुसार राजस्थान सेवा नियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 के अंतर्गत बनाया गया है।
- 30 मार्च 1949
- 7 अप्रैल 1949
- 23 मार्च 1951
- 1 नवंबर 1956
व्याख्या: दस्तावेज़ के अनुसार नियम 7 अप्रैल 1949 से प्रभावी हैं।
- वेतन मद से
- कार्यक्रम व्यय मद से
- अन्य प्रभार मद से
- आकस्मिक व्यय मद से
व्याख्या: दस्तावेज़ के अनुसार कार्यभार कर्मचारियों का भुगतान कार्यक्रम व्यय मद से किया जाता है।
- 18 अगस्त 2020
- 14 जुलाई 2022
- 29 जुलाई 2016
- 19 फरवरी 2016
व्याख्या: दस्तावेज़ में उल्लेखित परिपत्रों में नवीनतम 14 जुलाई 2022 को जारी हुआ था।
- हां, पूर्णतः लागू होते हैं
- नहीं, लागू नहीं होते
- आंशिक रूप से लागू होते हैं
- केवल न्यायाधीशों पर लागू होते हैं
व्याख्या: दस्तावेज़ के अनुसार राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर राजस्थान सेवा नियम लागू नहीं होते।
लघु उत्तरीय प्रश्न
- 7 अप्रैल 1949 को या उसके बाद राजस्थान सरकार के अधीन नियुक्त सभी व्यक्ति
- राज्यों के एकीकरण के फलस्वरूप 7 अप्रैल 1949 को अथवा उसके बाद नियुक्त व्यक्ति
- भूतपूर्व देशी राज्यों में सेवारत व्यक्ति जिनका सेवा संबंधी विवरण अनुसूची में नहीं था
निबंधात्मक प्रश्न
- XIV — Services under Union and States Overview of classification and control of services.
- Rajasthan Seva Niyam — Article 309 Constitutional foundation for state service rules.
- Rajasthan Civil Service Rules, 1958 — Suspension Guide Step-by-step suspension & procedure notes.
- Rajasthan Service Rules — Chapters & Appendices Complete chapter-wise list and appendices (RSR).
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Rajasthan Seva Niyam — Samvidhanik Aadhar (Anuched 309)
Analysis of constitutional basis and Article 309 implications for RSR enforcement and validity.
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Explains the constitutional foundation (Article 309) for state service rules and practical implications for Rajasthan. | RSR, Article 309, Constitutional Basis, Rajasthan Service |
Rajasthan Seva Niyam (RSR) — Definitions (Chapter 2)
Consolidated definitions used across RSR — key terms and interpretations.
|
Key definitions (terms & scope) that appear in RSR Chapter 2 — useful for interpretation throughout the rules. | RSR Chapter 2, Definitions, Glossary, Service Terms |
RSR: Chapter 3 – General Conditions of State Service (Part I)
Part I of Chapter 3 covering foundational service conditions and appointment-related provisions.
|
Contains primary service conditions, appointment rules and introductory provisions of Chapter 3 (Part I). | RSR Chapter 3, Part I, Appointments, Service Conditions |
RSR: Chapter 3 – General Conditions of State Service (Part II)
Continuation of Chapter 3 — duties, obligations and additional conditions for state employees.
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Follows Part I — includes duties, restrictions, and further conditions applicable to state servants. | RSR Chapter 3, Part II, Duties, Restrictions |
RSR — Part I: Introduction & Definitions (Rajasthan)
General introduction to RSR: scope, objectives and core definitions used in the rules.
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Introductory overview of Rajasthan Service Rules with foundational definitions and scope notes for readers. | RSR Introduction, Scope, Overview, Definitions |
RSR — Clause 26A: Promotion, ACP/MACP & Pay Determination
Detailed guide on promotion rules, ACP/MACP and pay/wage determination under relevant RSR provisions.
|
Explains Clause 26A — promotion procedures, ACP/MACP schemes and pay fixation norms applied in RSR context. | Promotion, ACP, MACP, Pay Fixation, RSR Clause 26A |
Rajasthan Civil Service Rules (1958) — Suspension Procedure Guide
Practical guide to suspension procedures under RC S 1958 — stepwise process and legal safeguards.
|
Step-by-step guide to suspension under Rajasthan Civil Service Rules, with references to process and safeguards. | RC S 1958, Suspension, Procedure, Administrative Law |
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