कक्षा 10 संस्कृत मॉडल पेपर 2025 (NCERT आधारित) — प्रश्नोत्तर सहित
Time: 3 Hours
Max Marks: 80
Pattern: A–E
Language: हिंदी + संस्कृत (English terms in brackets)
निर्देश (General Instructions):
- प्रश्न-पत्र 5 खंड में विभाजित है: A (MCQ), B (गद्यांश), C (पद्यांश), D (व्याकरण), E (दीर्घ/रचनात्मक)।
- सभी प्रश्न आवश्यक हैं। उपयुक्त शब्द-सीमा का पालन करें। स्वच्छ व स्पष्ट देवनागरी लिखें।
- जहाँ विकल्प दिए गए हों, कोई एक हल करें।
- कैलकुलेटर/इलेक्ट्रॉनिक उपकरण वर्जित हैं।
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खंड A — बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) — 10 × 1 = 10
- 1. ‘विद्या ददाति ____’ — सही विकल्प चुनिए: (क) धनम् (ख) विनयम् (ग) बलम् (घ) आयुः)
उत्तर: (ख) विनयम् — विख्यात सुभाषित “विद्या ददाति विनयम्।”
- 2. ‘सत्यमेव जयते’ लिया गया है — (क) ईशोपनिषद् (ख) कठोपनिषद् (ग) मुण्डकोपनिषद् (घ) केनोपनिषद्)
उत्तर: (ग) मुण्डकोपनिषद्।
- 3. ‘गच्छति’ रूप है — (क) उत्तम-पुरुष एकवचन (ख) मध्यम-पुरुष एकवचन (ग) प्रथम-पुरुष एकवचन (घ) द्विवचन)
उत्तर: (ग) प्रथम-पुरुष एकवचन।
- 4. ‘विद्यालय’ समास का भेद — (क) द्वंद्व (ख) बहुव्रीहि (ग) कर्मधारय (घ) तत्पुरुष)
उत्तर: (घ) तत्पुरुष — विद्या + आलयः।
- 5. ‘निमेषात्’ का अर्थ — (क) वर्षों बाद (ख) क्षण-भर में (ग) प्रातःकाल (घ) रात्रौ)
उत्तर: (ख) क्षण-भर में।
- 6. ‘ददाति’ की धातु — (क) दा (ख) दृश् (ग) भू (घ) कृ
उत्तर: (क) दा।
- 7. ‘मातृभक्ति:’ समास — (क) अव्ययीभाव (ख) कर्मधारय (ग) तत्पुरुष (घ) द्विगु
उत्तर: (ग) तत्पुरुष (षष्ठी तत्पुरुष)।
- 8. ‘कृषकः क्षेत्रे ____’ — रिक्त स्थान भरें: (क) पठति (ख) कर्षति (ग) ददाति (घ) यच्छति
उत्तर: (ख) कर्षति — कृषक हल चलाता है।
- 9. ‘फल’ शब्द का लिंग — (क) पुल्लिंग (ख) स्त्रीलिंग (ग) नपुंसकलिंग (घ) विशेष
उत्तर: (ग) नपुंसकलिंग।
- 10. ‘गुरूणां गुरु:’ का अर्थ — (क) गुरु का शिष्य (ख) अनेक गुरु (ग) सर्वोच्च गुरु (घ) गुरु का मित्र
उत्तर: (ग) सर्वोच्च गुरु।
खंड B — गद्यांश पर आधारित प्रश्न (2 पैसेज × 5 = 10)
गद्यांश–1 (5 अंक)
“विद्या नाम नरस्य रूपम् अधिकं प्रच्छन्नगुप्तं धनम्। विद्या भोगकरी यशःसुखकरी विद्या गुरूणां गुरुः॥”
- पंक्ति का संदर्भ लिखिए।
यह सुभाषित विद्या की महिमा का वर्णन करता है; शिक्षा को सर्वोच्च संपदा बताया गया है।
- ‘प्रच्छन्नगुप्तं धनम्’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
विद्या वह धन है जिसे कोई चुरा नहीं सकता; यह भीतर सुरक्षित रहता है और कहीं भी साथ जाता है।
- विद्या के दो लाभ लिखिए।
नम्रता (विनय) की प्राप्ति; यश एवं सुख की प्राप्ति।
- ‘गुरूणां गुरुः’ क्यों कहा गया?
क्योंकि विद्या स्वयं शिक्षक को मार्ग दिखाती है; इस दृष्टि से वह गुरु की भी गुरु है।
- संक्षिप्त भावार्थ (2–3 वाक्य) लिखिए।
मनुष्य के लिए वास्तविक रूप/आभा विद्या है। यह अमूल्य, चिरस्थायी और कल्याणकारी संपदा है जो भोग, यश और सुख प्रदान करती है।
गद्यांश–2 (5 अंक)
“श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानम्। संयमेन सह परिश्रमः सफलता-मार्गस्य अनिवार्यः घटकः।”
- उद्धरण का मुख्य संदेश लिखिए।
श्रद्धा, संयम और परिश्रम से ही ज्ञान तथा सफलता प्राप्त होती है।
- ‘संयम’ का व्यावहारिक अर्थ क्या?
समय का अनुशासित उपयोग, लक्ष्य पर केंद्रित रहना और विचलन से बचना।
- दो व्यावहारिक उपाय लिखिए।
दैनिक अध्ययन-सारिणी; पुनरावलोकन व प्रश्न-अभ्यास।
- उद्धरण के अनुरूप एक विपरीत उदाहरण दीजिए।
अनियमित अध्ययन और सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग सफलता से दूर करता है।
- 2–3 वाक्यों में भावार्थ लिखिए।
विश्वासपूर्वक किया गया अनुशासित श्रम ज्ञान-संपादन का साधन है; इसके बिना स्थायी उपलब्धि संभव नहीं।
खंड C — पद्यांश पर आधारित प्रश्न (2 × 5 = 10)
पद्यांश–1 (5 अंक)
“मा कुरु धनजनयौवनगर्वम्, हरति निमेषात्कालः सर्वम्॥”
- कवि का उपदेश लिखिए।
धन, जन और यौवन पर अहंकार न करें; समय का मूल्य समझें।
- ‘निमेषात्’ का आशय स्पष्ट करें।
पलक झपकते ही, अर्थात अत्यंत शीघ्र।
- जीवन का कौन-सा सत्य व्यक्त है?
नश्वरता और परिवर्तनशीलता; सब कुछ क्षणभंगुर है।
- ’धनजनयौवन’ का पदच्छेद कीजिए।
धन + जन + यौवन।
- भावार्थ (2–3 वाक्य) लिखें।
मनुष्य को सांसारिक उपलब्धियों पर गर्व नहीं करना चाहिए, क्योंकि समय क्षण में सब छीन सकता है; अतः विनम्र रहें।
पद्यांश–2 (5 अंक)
“उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत॥”
- श्लोक का संदेश क्या है?
जाग्रत होकर श्रेष्ठ मार्गदर्शकों से ज्ञान लेकर लक्ष्य प्राप्त करो।
- ‘वरान्’ से क्या आशय है?
श्रेष्ठ आदर्श/गुरु/उद्देश्य।
- आधुनिक जीवन में उपयोगिता बताइए।
समय-प्रबंधन, मेंटरशिप लेना और कौशल-विकास पर जोर।
- अन्वय लिखिए (संक्षेप में)।
उत्तिष्ठत (उठो), जाग्रत (जागो), प्राप्य वरान् (श्रेष्ठों को प्राप्त कर), निबोधत (समझो/ज्ञान लो)।
- भावार्थ लिखिए।
सक्रियता और जागरूकता के साथ श्रेष्ठ गुरुओं से सीख प्राप्त कर प्रगति करो।
खंड D — व्याकरण (Grammar) — 20 अंक
1. धातु-रूप (लट् लकार) — 6 अंक
(क) पठ्, (ख) गम्, (ग) दा — प्रथम तीन पुरुष, एकवचन लिखिए।
उत्तर: पठामि/पठसि/पठति; गच्छामि/गच्छसि/गच्छति; ददामि/ददसि/ददाति। (प्रत्येक रूप 1 अंक)
2. शब्द-रूप — 4 अंक
(क) राम (पु.), (ख) फल (न.) — प्रथमा, द्वितीया, तृतीया एकवचन।
उत्तर: रामः, रामम्, रामेण; फलम्, फलम्, फलेन। (प्रत्येक सही रूप ½ अंक)
3. संधि-विच्छेद — 2 अंक
(क) देवालयः, (ख) राजपुरुषः
उत्तर: देव + आलयः (दीर्घ संधि); राज + पुरुषः।
4. समास-विग्रह — 3 अंक
(क) मातृभक्तिः, (ख) गजेन्द्रः, (ग) राजकुमारः
उत्तर: मातुः भक्तिः (षष्ठी तत्पुरुष); गजस्य इन्द्रः (षष्ठी तत्पुरुष/बहुव्रीहि संदर्भानुसार); राज्ञः कुमारः (षष्ठी तत्पुरुष)।
5. वाच्य-परिवर्तन — 2 अंक
“अहं पुस्तकं पठामि” का कर्मवाच्य रूप लिखिए।
उत्तर: पुस्तकं मया पठ्यते।
6. अनुवाद — 3 अंक
(क) “मैं प्रतिदिन विद्यालय जाता हूँ।” (ख) “विद्यार्थी गुरु का आदर करते हैं।”
उत्तर: (क) अहं प्रतिदिन विद्यालयं गच्छामि। (ख) विद्यार्थी गुरोः आदरं कुर्वन्ति/गुरुं नमस्कुर्वन्ति।
खंड E — दीर्घ/रचनात्मक उत्तर — 30 अंक
1. सार-संक्षेप/सारांश — 6 अंक
प्रश्न: ‘भारते मातृभक्तिः’ पाठ का सारांश 120–150 शब्दों में लिखिए।
संकेत-उत्तर: पाठ में मातृ-सेवा और कृतज्ञता का आदर्श प्रतिपादित है। माता पालन-पोषण, स्नेह, शिक्षा और संस्कार देती है; अतः उसकी सेवा सर्वोच्च धर्म है। लेखक माता को प्रथम गुरु मानता है और उसके ऋण से मुक्त होने का मार्ग सेवा, आज्ञापालन और सदाचार में देखता है। निष्कर्षतः समाज और राष्ट्र-निर्माण का आधार मातृ-भक्ति से निर्मित संस्कार हैं।
2. निबंध — 8 अंक
विषय: “संस्कृत भाषा का वैज्ञानिक महत्त्व” — 180–200 शब्द।
संकेत-उत्तर: संस्कृत ध्वन्यात्मक, नियमबद्ध और अत्यंत सुसंगत भाषा है। धातु-प्रत्यय-प्रणाली शब्द-निर्माण को तार्किक बनाती है। संधि-समास और विभक्ति-प्रणाली अर्थ-स्पष्टता बढ़ाती है। उच्चारण-शुद्धि (phonetic precision) तथा वर्णमाला का क्रम (varnamala order) वैज्ञानिक है। भारतीय दर्शन, गणित, खगोल, आयुर्वेद आदि के प्राचीन ग्रंथ इसी भाषा में हैं। इसलिए संस्कृत के अध्ययन से वैदिक/क्लासिकल ज्ञान परंपरा के साथ आधुनिक भाषाविज्ञान में भी अंतर्दृष्टि मिलती है।
3. पत्र/संवाद — 8 अंक
विषय: “परीक्षा-तैयारी हेतु समय-सारिणी बनाने के लिए शिक्षक को पत्र” — 150–180 शब्द।
संकेत-उत्तर (संक्षिप्त प्रारूप):
आदरणीय सर, सादर प्रणाम। आगामी बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए मैं संस्कृत विषय की सुव्यवस्थित तैयारी हेतु एक साप्ताहिक समय-सारिणी चाहती/चाहता हूँ। कृपया अध्याय-वार प्राथमिकता, दैनिक रूप-अभ्यास (15 मिनट), गद्य/पद्य संदर्भ-उद्धरण, तथा सप्ताहांत मॉडल-पेपर के लिए स्लॉट सुझाएँ। आपकी सलाह से नियमित पुनरावलोकन और त्रुटि-सुधार कर सकूँगा/सकूँगी। धन्यवाद — आपका आज्ञाकारी छात्र/छात्रा, _____, कक्षा 10, दिनांक ___।
4. रचनात्मक लेखन/अनुवादित अनुच्छेद — 8 अंक
विषय: “विद्यालय का आदर्श दिवस” का संस्कृत में अनुच्छेद (8–10 वाक्य) लिखिए।
उदाहरण उत्तर: अद्य मम विद्यालये अत्युत्साहः आसीत। प्रातः सर्वे विद्यार्थीः समये आगच्छन्। आम्रवृक्षस्य छायायां प्रार्थना सम्पन्ना। ततः गुरवः पाठान् स्पष्टतया अवदन्। विश्रान्तिकाले अहं पुस्तकालयं गतः, तत्र नूतनानि ग्रन्थानि ददर्शम्। मध्याह्ने क्रीडाङ्गणे क्रीडाः अभवन्। सायं गृहकार्यं दत्तम्। सर्वे नियमपूर्वकं शुचिता पालनं च अकुर्वन्। एवं विद्यालये मम आदर्शः दिवसः व्यतीतः।
अंक-विभाजन एवं ब्लूप्रिंट (सारणी)
खंड | विषय | प्रश्न | अंक | कुल |
A | MCQ | 10 | 1 | 10 |
B | गद्यांश | 2 × 5 | — | 10 |
C | पद्यांश | 2 × 5 | — | 10 |
D | व्याकरण | 6 उप-प्रश्न | — | 20 |
E | दीर्घ/रचनात्मक | 4 | 6,8,8,8 | 30 |
कुल | 80 |
दीर्घ-उत्तर रूब्रिक (संकेत)
मानदंड | विवरण | वजन |
विषय-सामयिकता | प्रासंगिक बिंदु/उदाहरण | 30% |
भाषिक शुद्धता | वर्तनी, विभक्ति, क्रिया-सामंजस्य | 25% |
संरचना | भूमिका–मुख्य–उपसंहार | 25% |
प्रस्तुति | स्वच्छ लेखन, अनुच्छेद/शीर्षक | 20% |
त्वरित उत्तर-सूची (Quick Answer Key)
सेक्शन | उत्तर/संकेत |
A (MCQ) | 1-ब, 2-ग, 3-ग, 4-घ, 5-ख, 6-क, 7-ग, 8-ख, 9-ग, 10-ग |
B-1 | संदर्भ/लाभ/भावार्थ—विद्या की महिमा |
B-2 | श्रद्धा+संयम+परिश्रम = सफलता |
C-1 | अहंकार त्याग; समय-नश्वरता |
C-2 | उठो–जागो–श्रेष्ठ से सीखो |
D | रूप, शब्द-रूप, संधि/समास, वाच्य, अनुवाद — नमूना समाधान ऊपर |
E | सारांश, निबंध, पत्र, अनुच्छेद — संकेत-उत्तर ऊपर |
टिप्स: प्रतिदिन 15 मिनट धातु/शब्द-रूप का मौखिक अभ्यास करें; सप्ताह में दो बार संदर्भ-उद्धरण लिखकर देखें; प्रत्येक रविवार को एक पूर्ण मॉडल-पेपर समय-बद्ध (time-bound) हल करें।
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