कक्षा 10 संस्कृत मॉडल पेपर 2025 (NCERT आधारित) — उत्तर सहित, पैटर्न व ब्लूप्रिंट

| अक्टूबर 16, 2025
कक्षा 10 संस्कृत मॉडल पेपर 2025 (NCERT आधारित) — सम्पूर्ण मार्गदर्शिका, पैटर्न, ब्लूप्रिंट, प्रश्न-उत्तर
यह लेख कक्षा 10 संस्कृत मॉडल पेपर 2025 (NCERT आधारित) के बारे में है — बोर्ड पैटर्न, अंक-विभाजन, ब्लूप्रिंट, अभ्यास-रणनीति और मॉडल प्रश्न-पत्र उत्तर सहित

कक्षा 10 संस्कृत मॉडल पेपर 2025 (NCERT आधारित)

कक्षा 10 संस्कृत मॉडल पेपर 2025 स्कूल बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए एक समेकित मार्गदर्शिका है जिसमें बोर्ड पैटर्न, अंक-विभाजन, अध्याय-वार ब्लूप्रिंट, तथा प्रश्न-उत्तर सहित मॉडल प्रश्न-पत्र सम्मिलित है। यह लेख हिंदी-भाषी विद्यार्थियों के लिए सरल शैली में बनाया गया है और आवश्यक स्थानों पर अंग्रेज़ी शब्दों को कोष्ठक में रखा गया है ताकि परीक्षा-उन्मुख तैयारी सुव्यवस्थित हो सके।

परिचय और उद्देश्य

संस्कृत का पाठ्यक्रम भाषिक दक्षता, साहित्यिक आस्वाद और सांस्कृतिक समझ विकसित करने पर केन्द्रित है। यह लेख विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए परीक्षा-उन्मुख लेकिन अवधारणात्मक दृष्टि से संतुलित संसाधन प्रस्तुत करता है। सामग्री का निर्माण विकिपीडिया-शैली में किया गया है ताकि यह तटस्थ, विश्वसनीय और संदर्भित रहे।

लेख में प्रस्तुत तालिकाएँ, उदाहरण और नोट-बॉक्स अभ्यास को संरचित बनाते हैं। साथ ही, ब्लूप्रिंट तालिका अध्याय-वार अपेक्षित वजन (weightage) दिखाती है जिससे अध्ययन-योजना बनाना सरल होता है। मॉडल प्रश्न-पत्र को वास्तविक प्रारूप के निकट रखा गया है ताकि अभ्यास वास्तविक परीक्षा-अनुभव जैसा हो।

ऋग्वेद की देवनागरी पांडुलिपि
देवनागरी में प्राचीन संस्कृत पांडुलिपि: अक्षर-विन्यास और मात्रा-चिन्ह समझने में उपयोगी।

बोर्ड पैटर्न एवं अंक-विभाजन

अधिकांश बोर्डों में कक्षा 10 संस्कृत का प्रश्न-पत्र 3 घंटे का होता है और कुल 80 अंकों का मूल्यांकन किया जाता है, शेष 20 अंक आंतरिक/प्रायोगिक/प्रोजेक्ट के लिए होते हैं। प्रश्न-पत्र पाँच खंडों में विभाजित रहता है: बहुविकल्पीय, गद्यांश, पद्यांश, व्याकरण और दीर्घ-उत्तरीय/रचनात्मक लेखन।[1]

नीचे दी गई तालिकाएँ पैटर्न का संक्षिप्त अवलोकन और अंक-वितरण प्रदर्शित करती हैं। वास्तविक बोर्ड अधिसूचना/नमूना पत्र के अनुरूप सूक्ष्म परिवर्तन संभव हैं, पर समग्र विन्यास सामान्यतः स्थिर रहता है।

प्रश्न-पत्र अवलोकन
खंडविषयप्रश्न-संख्याअंककुल वजन
Aबहुविकल्पीय (MCQ)101 × 1010
Bगद्यांश-आधारित2 पैसेज5 × 210
Cपद्यांश-आधारित2 पद्य5 × 210
Dव्याकरण (रूप, संधि-समास, अनुवाद)10-1220
Eदीर्घ-उत्तर/रचनात्मक लेखन3-45/6/830
कुल80
कठिनाई-स्तर बनाम वजन (Approximated)
स्तरप्रतिशतउदाहरण
सरल (Easy)30–35%शब्दार्थ, सीधे-साधे MCQ
मध्यम (Moderate)45–50%संदर्भ-उद्धरण, व्याकरणिक प्रयोग
कठिन (Difficult)15–20%विषय-व्याख्या, दीर्घ-उत्तर
महत्वपूर्ण: नवीनतम बोर्ड/CBSE नमूना प्रश्न-पत्र और मूल्यांकन-योजना अवश्य देखें; स्कूल/बोर्ड विशेष दिशा-निर्देशों का पालन सर्वोपरि है। [2]

अध्याय-वार ब्लूप्रिंट (Blueprint)

ब्लूप्रिंट विद्यार्थियों को अध्याय-वार अपेक्षित महत्व का संकेत देता है। नीचे दी गई तालिका NCERT शेमुषी तथा व्याकरण घटकों का एक उदाहरणात्मक वितरण दिखाती है। विद्यालय/बोर्ड प्रदत्त ब्लूप्रिंट को प्राथमिकता दें।[3]

अध्याय-वार/घटक-वार अपेक्षित वजन
घटकउदाहरण अध्याय/विषयअपेक्षित प्रश्न-प्रकारअनुमानित अंक
पद्यसुभाषितानि, नीतिश्लोक, स्तोत्रांशसंदर्भ-उद्धरण, भावार्थ10–12
गद्यभारतीय संस्कृति/आधुनिक निबंधांशअनुसंधानात्मक प्रश्न10–12
व्याकरणरूप-परिवर्तन, संधि-समास, कारक, वाच्यलघु-उत्तर/प्रयोग18–22
अनुवादहिंदी→संस्कृत/संस्कृत→हिंदीवाक्य-आधारित8–10
रचनात्मकनिबंध/पत्र/संवाददीर्घ-उत्तर20–24
अध्याय-लक्ष्य एवं सीखने-की-उपलब्धियाँ (LOs)
अध्यायLO संकेतमूल्यांकन संकेत
सुभाषितानिनीति-संदेश उद्धृत कर सकेभावार्थ, उदाहरण सहित
भारते मातृभक्तिःमुख्य विचार, लेखक उद्देश्यसारांश, संदर्भ-उद्धरण
व्याकरणरूप, संधि-समास पहचान/प्रयोगत्रुटि-सुधार/वाक्य-निर्माण

प्रश्न-प्रकार एवं उदाहरण

संस्कृत में प्रश्न-प्रकार विविध होते हैं: बहुविकल्पीय, लघु-उत्तर, संदर्भ-उद्धरण, रूप-परिवर्तन, अनुवाद और दीर्घ-उत्तर। अभ्यास के दौरान प्रश्न-निर्माण की मंशा समझना और उत्तर-रूपांकन में स्पष्टता रखना आवश्यक है।

नीचे उदाहरण, सूक्ष्म भेद और अंकन-सूत्र दिए गए हैं जिससे तैयारी लक्ष्याभिमुख बनती है।

प्रश्न-प्रकार बनाम अपेक्षित कौशल
प्रकारकौशलरणनीति
MCQतथ्य स्मृति, शब्द/रूप पहचानकुंजी-शब्द, विकल्प उन्मूलन
संदर्भ-उद्धरणसंदर्भ, अन्वय, भाव2-3 पंक्तियों में संदर्भ; फिर भाव
व्याकरण-प्रयोगनियम-अनुप्रयोगउदाहरण सहित नियम लिखें
दीर्घ-उत्तरविस्तार, तर्क, संरचनाभूमिका-मूल-उपसंहार
उदाहरण (MCQ): ‘विद्या ददाति विनयम्’ का भावानुवाद क्या है? — विद्या नम्रता प्रदान करती है।

व्याकरण (Grammar) त्वरित दोहराव

व्याकरण खंड बहु-अंकित होता है। धातु-रूप, संधि-समास, विभक्ति-प्रयोग, वाच्य-परिवर्तन और अनुवाद पर विशेष ध्यान रखें। नियमित 15-20 मिनट का अभ्यास, त्रुटि-संग्रह और पुनरावलोकन से अंक-सुधार संभव है।

धातु-रूप (लट्)

धातु-रूप उदाहरण (लट् लकार)
धातुउदाहरण रूपउपयोग
पठ्पठामि, पठसि, पठतिवर्तमान काल
गम्गच्छामि, गच्छसि, गच्छतिगमन सूचक
दाददामि, ददसि, ददातिदान/प्रदान

संधि-समास

संधि एवं समास — त्वरित उदाहरण
विषयउदाहरणविग्रह/नियम
संधिविद्यालयः → विद्या + आलयःदीर्घ-संधि
तत्पुरुषदेवालयःदेवस्य आलयः
बहुव्रीहिपितामहःयस्य पिता च महश्च
उत्तर पुस्तिका में लिखता छात्र
उत्तर-लेखन में स्वच्छ देवनागरी, क्रमांक और शीर्षकों की स्पष्टता अंकन में सहायक होती है।

गद्यांश/पद्यांश पठन-कला

अनुच्छेद/पद्यांश-आधारित प्रश्नों में संदर्भ, अन्वय, पद-परिचय और भावार्थ आवश्यक होते हैं। पहले अंश को एक बार मौन पठन करें; तत्पश्चात प्रश्नों को पढ़कर लक्षित जानकारी खोजें। कठिन पदों के अर्थ हेतु प्रसंग संकेतों का उपयोग करें।

भावार्थ लिखते समय सरल वाक्यों में मुख्य विचार, नैतिक संदेश और कथ्य की निरंतरता बनाए रखें। उद्धरणों में दीर्घ/ह्रस्व मात्रा और अनुस्वार/विसर्ग की शुद्धि जांचें।

संदर्भ-उद्धरण का ढाँचा
भागक्या लिखेंलंबाई
संदर्भअंश का स्रोत, कवि/लेखक1-2 वाक्य
अन्वयपद क्रम, मुख्य क्रिया/कर्ताबुलेट/वाक्य
भावार्थसरल हिंदी में मुख्य अर्थ3-4 वाक्य

मॉडल प्रश्न-पत्र 2025 — उत्तर सहित

समय: 3 घंटे   |   पूर्णांक: 80   |   निर्देश: सभी प्रश्न आवश्यक हैं; शब्द-सीमा का पालन करें; स्वच्छ लेखन करें।

खंड-A: बहुविकल्पीय (10 × 1 = 10)

  1. ‘विद्या ददाति ____’ को पूर्ण करें — (क) धनम् (ख) विनयम् (ग) बलम् (घ) सुखम् — उत्तर: (ख)
  2. ‘सत्यमेव जयते’ का स्रोत — (क) ईश (ख) कठ (ग) मुण्डक (घ) केन — उत्तर: (ग)
  3. ‘गच्छति’ का कर्तृ-प्रथम पुरुष एकवचन रूप — (क) गच्छामि (ख) गच्छसि (ग) गच्छति (घ) गच्छतः — उत्तर: (ग)
  4. ‘विद्यालय’ का समास — (क) द्वंद्व (ख) बहुव्रीहि (ग) कर्मधारय (घ) तत्पुरुष — उत्तर: (घ)
  5. ‘शत’ का अर्थ — (क) 10 (ख) 100 (ग) 1000 (घ) 1 — उत्तर: (ख)
  6. ‘गुरूणां गुरु:’ का अर्थ — (क) गुरु का शिष्य (ख) सर्वोच्च गुरु (ग) अनेक गुरु (घ) गुरु का मित्र — उत्तर: (ख)
  7. ‘मातृभक्तिः’ का समास प्रकार — (क) द्विगु (ख) कर्मधारय (ग) तत्पुरुष (घ) अव्ययीभाव — उत्तर: (ग)
  8. ‘निमेषात्’ — (क) वर्ष (ख) पल (ग) पलक झपकते (घ) क्षणिक आनंद — उत्तर: (ग)
  9. ‘ददाति’ की धातु — (क) दा (ख) दिह् (ग) भू (घ) दृश् — उत्तर: (क)
  10. ‘शुभाशयः’ का अर्थ — (क) शुभ इच्छा (ख) अशुभ विचार (ग) शुद्ध जल (घ) पवित्र वायु — उत्तर: (क)

खंड-B: गद्यांश (2 × 5 = 10)

गद्यांश-1: “विद्या नाम नरस्य रूपम् अधिकं प्रच्छन्नगुप्तं धनम्। विद्या भोगकरी यशः-सुखकरी विद्या गुरूणां गुरु:॥”

  1. अंश का केन्द्रीय विचार लिखिए। — उत्तर: विद्या सर्वोच्च संपत्ति है जो यश-सुख देती और मार्गदर्शक होती है।
  2. ‘प्रच्छन्नगुप्तं धनम्’ का आशय स्पष्ट कीजिए। — उत्तर: विद्या ऐसा धन है जिसे कोई छीन नहीं सकता; यह सदा सुरक्षित रहता है।
  3. ‘गुरूणां गुरु:’ क्यों कहा गया है? — उत्तर: विद्या हर गुरु की भी मार्गदर्शक है, इसलिए उसे गुरु-श्रेष्ठ कहा गया।
  4. दो लाभ लिखिए। — उत्तर: (i) नम्रता, (ii) यश-सुख।
  5. भावार्थ लिखिए (2-3 वाक्य)। — उत्तर: मनुष्य के लिए विद्या वास्तविक सौंदर्य और अमूल्य धन है; यह भोग-यश-सुख प्रदान करती है।

गद्यांश-2: “श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानम्। बिना परिश्रम के श्रेष्ठ उपलब्धि संभव नहीं।”

  1. मुख्य संदेश क्या है? — उत्तर: श्रद्धा और परिश्रम से ही ज्ञान व सफलता प्राप्त होती है।
  2. ‘श्रद्धा’ का व्यावहारिक अर्थ लिखिए। — उत्तर: लक्ष्य-निष्ठ विश्वास और सतत प्रयत्न।
  3. उद्धरण के आधार पर दो सलाह लिखिए। — उत्तर: नियमित अध्ययन, आत्म-अनुशासन।
  4. विपरीत स्थिति का एक उदाहरण दीजिए। — उत्तर: बिना अभ्यास के परीक्षा में अंक घटते हैं।
  5. संक्षिप्त भावार्थ। — उत्तर: आस्था-युक्त प्रयत्न से ही गुणात्मक उपलब्धि सुनिश्चित होती है।

खंड-C: पद्यांश (2 × 5 = 10)

पद्यांश-1: “मा कुरु धन-जन-यौवन-गर्वम्, हरति निमेषात्कालः सर्वम्।”

  1. कवि का उपदेश क्या है? — उत्तर: धन-जन-यौवन के गर्व से बचें।
  2. ‘निमेषात्’ का आशय — उत्तर: पलक झपकते ही; क्षणभर में।
  3. जीवन-सत्य क्या प्रकट होता है? — उत्तर: नश्वरता; अतः विनम्रता अपनाएँ।
  4. पद-पदच्छेद कीजिए: धनजनयौवन — उत्तर: धन + जन + यौवन।
  5. भावार्थ (2-3 वाक्य)। — उत्तर: समय सब हर लेता है; अहंकार छोड़ना चाहिए।

पद्यांश-2: “उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।”

  1. संदेश क्या है? — उत्तर: जागरूक होकर श्रेष्ठता प्राप्त करें।
  2. किस गुण पर बल? — उत्तर: परिश्रम, सजगता।
  3. ‘वरान्’ का अर्थ — उत्तर: श्रेष्ठ लक्ष्य/आदर्श।
  4. आधुनिक सन्दर्भ — उत्तर: समय-प्रबंधन व उद्देश्यपरक अध्ययन।
  5. भावार्थ — उत्तर: सक्रिय होकर उत्कर्ष पाना ही संदेश है।

खंड-D: व्याकरण (20)

  1. रूप-परिवर्तन (लट्): पठ्, गम्, दा — उत्तर: पठामि/सि/ति; गच्छामि/सि/ति; ददामि/सि/ति। (3)
  2. संधि-विच्छेद: राजपुरुषः, देवालयः — उत्तर: राज+पुरुषः; देव+आलयः। (2)
  3. समास-विग्रह: मातृभक्तिः, गजेन्द्रः, राजकुमारः — उत्तर: मातुः भक्तिः; गजस्य इन्द्रः; राज्ञः कुमारः। (3)
  4. वाच्य-परिवर्तन: “अहं पुस्तकं पठामि” (कर्मवाच्य) — उत्तर: पुस्तकं मया पठ्यते। (2)
  5. अनुवाद (हिंदी→संस्कृत): “मैं प्रतिदिन विद्यालय जाता हूँ।” — उत्तर: अहं प्रतिदिन विद्यालयं गच्छामि। (2)
  6. त्रुटि-सुधार: “विद्यार्थी: पाठत” — उत्तर: विद्यार्थी पठति। (2)
  7. शब्द-रूप: राम (प्रथमा/द्वितीया/तृतीया), फल (नपुंसक) — उत्तर: रामः/रामं/रामेण; फलम्/फलम्/फलेन। (6)

खंड-E: दीर्घ-उत्तर (30)

  1. सुभाषितानि के आधार पर सदाचार की विशेषताएँ लिखिए। — संकेत-उत्तर: सत्य, अहिंसा, विनय; संकट-सहायता; परहित-भाव; अनुशासन। (6)
  2. भारते मातृभक्तिः का सारांश प्रस्तुत करें। — संकेत-उत्तर: मातृ-स्तुति, पालन-पोषण, ऋण-स्वीकार, सेवा-प्रधान धर्म। (6)
  3. निबंध: “संस्कृत भाषा का वैज्ञानिक महत्त्व” — संकेत-उत्तर: ध्वन्यात्मकता, व्याकरण-सुसंगति, शब्द-निर्माण, भारतीय ज्ञान-परंपरा। (8)
  4. पत्र/संवाद लेखन: “परीक्षा-तैयारी हेतु समय-सारिणी” — संकेत-उत्तर: सुसंगत अनुच्छेद, बिंदुवार योजना, विनम्र शैली। (10)
मूल्याकंन रूब्रिक (दीर्घ-उत्तर)
मानदंडवजनविवरण
विषय-प्रस्तुति30%प्रासंगिक बिंदु, उदाहरण
भाषिक शुद्धता25%रूप/विभक्ति/वाक्य-बंधन
संरचना25%भूमिका-मूल-उपसंहार
प्रस्तुति20%स्वच्छ लेखन, शीर्षक
उडुपी, भारत के कक्षा-कक्ष में विद्यार्थी
वर्ग-कक्ष अभ्यास: सामूहिक पठन और संदर्भ-उद्धरण की संयुक्त तैयारी।

उत्तर-लेखन रणनीति एवं समय प्रबंधन

प्रश्न-पत्र पढ़ने के प्रारंभिक 10 मिनट योजना-निर्माण के लिए रखें। पहले निश्चित (sure-shot) प्रश्न हल करें; फिर उच्च-वजन अनुभागों पर बढ़ें। उत्तरों में सूचनात्मक उपशीर्षक, क्रमांक और उदाहरण शामिल करें।

समय-प्रबंधन के लिए 180 मिनट को 6 हिस्सों में बाँटें—प्रत्येक 30 मिनट। हर खंड को पूर्व-निर्धारित स्लॉट दें। अंत में 10–12 मिनट पुनरीक्षण के लिए सुरक्षित रखें।

समय-आवंटन (प्रस्तावित)
खंडसमय (मि.)टिप्पणी
A (MCQ)18–20तेज़ और सटीक
B (गद्य)25–28संदर्भ-उद्धरण संरचना
C (पद्य)25–28अन्वय-भावार्थ स्पष्ट
D (व्याकरण)40–45अभ्यास-आधारित गति
E (दीर्घ-उत्तर)55–60रूब्रिक उन्मुख प्रस्तुति
पुनरीक्षण10–12वर्तनी/मात्रा जाँच

30-दिवसीय अभ्यास-योजना

नीचे दी गई तालिका कक्षा 10 संस्कृत मॉडल पेपर 2025 हेतु 30-दिवसीय संरचित योजना देती है। इसे व्यक्तिगत गति और स्कूल-अनुसूची के अनुसार समायोजित करें।

30-दिवसीय अध्ययन ब्लॉक
दिनकार्यफल
1–5पद्य/गद्य मुख्य अध्याय पठनविषय-आधार
6–10व्याकरण (रूप, संधि-समास)नियम-पकड़
11–15अनुवाद/वाक्य-रचनाप्रयोग-क्षमता
16–20मॉडल पेपर-1 (पूर्ण)समय-अनुशासन
21–25कमजोर क्षेत्र सुधार + नोट्सत्रुटि-नियंत्रण
26–30मॉडल पेपर-2 + पुनरीक्षणसमग्र तैयार
उदाहरण नोट-फॉर्मेट: अध्याय-वार कठिन पद सूची, रूप-सारणी, और त्रुटि-डायरी रखिए; सप्ताहांत में त्वरित पुनरावलोकन करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

क्या NCERT पाठ्यपुस्तक ही पर्याप्त है?

आधार के रूप में हाँ; पर परीक्षा-अभ्यास के लिए नमूना प्रश्न-पत्र, बोर्ड-जारी स्पेसिमेन पेपर और पूर्ववर्ष प्रश्नों का अभ्यास लाभकारी है।[2][4]

उत्तर-लेखन में भाषा और सामग्री का संतुलन कैसे रखें?

पहले बिंदु-सूची बनाएं; फिर सरल-शुद्ध वाक्यों में रूपांतर करें। संदर्भ-उद्धरण और व्याकरण-उदाहरण संक्षेप में, पर स्पष्ट दें।

दीर्घ-उत्तर में कितने अनुच्छेद रखें?

आदर्श रूप से भूमिका, मुख्य-विषय के 2-3 अनुच्छेद और उपसंहार — कुल 4-5 अनुच्छेद, प्रत्येक 3-5 वाक्य।

देवनागरी व्यंजन तालिका (देवनागरी कन्सोनेन्ट्स चार्ट)
देवनागरी व्यंजन तालिका: मात्राओं और संयुक्ताक्षर अभ्यास के साथ प्रयोग करें।

संदर्भ

  1. बोर्ड/CBSE कक्षा 10 परीक्षा समयावधि एवं अंक-वितरण — आधिकारिक दिशानिर्देश (वर्ष 2024-25). [1]
  2. CBSE Sample Question Papers (Class X, Sanskrit), Assessment Scheme 2024-25. [2]
  3. NCERT, शेमुषी — संस्कृत कक्षा 10 (पाठ्यपुस्तक) — नवीनतम संस्करण. [3]
  4. NCERT, व्याकरण विज्ञान सहायक पुस्तिका — धातु-रूप, संधि-समास. [4]
  5. कक्षा-10 संस्कृत मूल्यांकन-रूब्रिक एवं ब्लूप्रिंट — विद्यालय-स्तरीय परिपत्र. [5]
  6. Wikimedia Commons — Devanagari/Sanskrit resources (छवियाँ). [6]
  7. CCE/Assessment best-practices for language papers — शिक्षक संदर्शिका. [7]
  8. Time-management strategies in board exams — अध्ययन कौशल मॉड्यूल. [8]
  9. Reading comprehension in classical languages — पठन-कला और संदर्भ-उद्धरण. [9]
  10. Script orthography norms (Devanagari) — मात्रा/विसर्ग/अनुस्वार मानक. [10]
  11. Language pedagogy for secondary stage — NCF-aligned recommendations. [11]
  12. Past year trend analysis — प्रश्न-प्रकार एवं वजन का अवलोकन. [12]
  13. Writing rubric exemplars — दीर्घ-उत्तर प्रस्तुति के नमूने. [13]
  14. Exam readiness checklists — पूर्व-परीक्षा पुनरावलोकन सूची. [14]
  15. Note-making techniques — त्रुटि-डायरी व रिविज़न कार्ड्स. [15]

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