RBSE Senior Secondary Chemistry Question Paper 2024 | राजस्थान बोर्ड वरिष्ठ माध्यमिक रसायन विज्ञान प्रश्न पत्र 2024
वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा, 2024 (रसायन विज्ञान)
यह लेख राजस्थान बोर्ड की वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा 2024 के रसायन विज्ञान विषय से संबंधित है।
वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा 2024 - रसायन विज्ञान राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण परीक्षा थी। इस परीक्षा में विलयन, रासायनिक बलगतिकी, विद्युत रसायन, संक्रमण तत्व, कार्बनिक रसायन, और जैव अणु से संबंधित प्रश्न पूछे गए।
खंड A - बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1(i): चालकता का मात्रक
प्रश्न: चालकता का SI मात्रक है—
उत्तर: D) Sm⁻¹
व्याख्या: चालकता (conductivity) का SI मात्रक सीमेंस प्रति मीटर (Sm⁻¹ या S/m) होता है। यह प्रतिरोधकता का व्युत्क्रम है।
प्रश्न 1(ii): ऑक्सीकरण अवस्थाएं
प्रश्न: सर्वाधिक संख्या में ऑक्सीकरण अवस्थाएं प्रदर्शित करने वाला तत्व है—
उत्तर: A) Mn
व्याख्या: मैंगनीज (Mn) +2 से +7 तक विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएं प्रदर्शित करता है, जो d-ब्लॉक तत्वों में सर्वाधिक है।
प्रश्न 1(iii): Fe की ऑक्सीकरण अवस्था
प्रश्न: [Fe(CO)₅] में Fe की ऑक्सीकरण अवस्था है—
उत्तर: A) 0
व्याख्या: कार्बोनिल संकुल में CO उदासीन लिगेंड है, अतः Fe की ऑक्सीकरण अवस्था शून्य है।
प्रश्न 1(iv): क्रोमाइट अयस्क
प्रश्न: क्रोमाइट अयस्क का रासायनिक सूत्र है—
उत्तर: C) FeCr₂O₄
व्याख्या: क्रोमाइट क्रोमियम का मुख्य अयस्क है जिसका सूत्र FeCr₂O₄ है।
प्रश्न 1(v): AgCl अवक्षेपण
प्रश्न: एक मोल CoCl₃·5NH₃ विलयन में अधिक्य AgNO₃ विलयन मिलाने पर अवक्षेपित AgCl के मोलों की संख्या है—
उत्तर: C) 3
व्याख्याः संकुल [Co(NH₃)₅Cl]Cl₂ में तीन Cl⁻ आयन आयनीकृत अवस्था में हैं, अतः 3 मोल AgCl बनेगा।
प्रश्न 1(vi): हीमोग्लोबिन में धातु
प्रश्न: हीमोग्लोबिन में उपस्थित धातु है—
उत्तर: B) Fe
व्याख्या: हीमोग्लोबिन में लौह (Fe) तत्व उपस्थित होता है जो ऑक्सीजन का परिवहन करता है।
प्रश्न 1(vii): उभयदंती लिगेंड
प्रश्न: उभयदंती लिगेंड है—
उत्तर: D) NO₂⁻
व्याख्या: NO₂⁻ दो स्थानों (N और O) से बंध बना सकता है, अतः यह उभयदंती लिगेंड है।
प्रश्न 1(viii): मेडोस्वीट से प्राप्त यौगिक
प्रश्न: मेडोस्वीट से प्राप्त यौगिक है—
उत्तर: A) सैलिसिल ऐल्डिहाइड
प्रश्न 1(ix): IUPAC नाम
प्रश्न: COOH-C₆H₄-COOH का IUPAC नाम है—
उत्तर: B) बेंजीन-1,2-डाइकार्बोक्सिलिक अम्ल
प्रश्न 1(x): संकरण परिवर्तन
प्रश्न: नाभिकरागी योगज अभिक्रिया में कार्बोनिल कार्बन की संकरण अवस्था में परिवर्तन होता है—
उत्तर: C) sp² से sp³
प्रश्न 1(xi): ट्राइमेथिलएमीन में संकरण
प्रश्न: ट्राइमेथिलएमीन में नाइट्रोजन की संकरण अवस्था है—
उत्तर: C) sp³
प्रश्न 1(xii): क्षारीय प्राबल्य
प्रश्न: जलीय विलयन में सर्वाधिक क्षारकीय प्राबल्य दर्शाने वाला यौगिक है—
उत्तर: B) (C₂H₅)₂NH
व्याख्या: जलीय विलयन में द्वितीयक एमीन सर्वाधिक क्षारीय होती है।
प्रश्न 1(xiii): द्वितीयक एमीन
प्रश्न: निम्नलिखित में से द्वितीयक एमीन है—
उत्तर: C) N-मेथिलएथेनएमीन
प्रश्न 1(xiv): गोलिकाकार प्रोटीन
प्रश्न: गोलिकाकार प्रोटीन है—
उत्तर: A) इन्सुलिन
प्रश्न 1(xv): ग्लूकोस का वर्गीकरण
प्रश्न: ग्लूकोस है—
उत्तर: C) एक ऐल्डोहेक्सोस
प्रश्न 1(xvi): दुग्ध शर्करा
प्रश्न: दुग्ध शर्करा है—
उत्तर: B) लैक्टोस
खंड A - रिक्त स्थान भरें
प्रश्न 2(i): मोलरता का मात्रक
उत्तर: mol L⁻¹ या M
प्रश्न 2(ii): हेनरी का नियम
उत्तर: p = KH·x
जहाँ p = गैस का आंशिक दाब, x = मोल अंश, KH = हेनरी स्थिरांक
प्रश्न 2(iii): सक्रियण ऊर्जा
उत्तर: सक्रियण ऊर्जा (activation energy)
प्रश्न 2(iv): आंतरिक संक्रमण तत्व
उत्तर: लैन्थैनॉइड (Lanthanoids)
प्रश्न 2(v): समन्वय मंडल
उत्तर: [Fe(CN)₆]⁴⁻
प्रश्न 2(vi): बेन्जिलिक ऐल्कोहॉल
उत्तर: sp³ संकरित कार्बन
प्रश्न 2(vii): किण्वन एंजाइम
उत्तर: जाइमेस (zymase)
प्रश्न 2(viii): सोडियम बेन्जोएट
उत्तर: परिरक्षक (preservative)
प्रश्न 2(ix): बेरी-बेरी रोग
उत्तर: विटामिन B₁ (थायमिन)
प्रश्न 2(x): RNA में शर्करा
उत्तर: राइबोस (ribose)
खंड A - अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3(i): संतृप्त विलयन
परिभाषा: वह विलयन जिसमें दिए गए ताप पर अधिक विलेय नहीं घुल सकता, संतृप्त विलयन कहलाता है।
प्रश्न 3(ii): सोडियम अमलगम
विलेय: सोडियम (Na)
विलायक: पारा (Hg)
प्रश्न 3(iii): कुल कोटि
Rate = k[A]^(1/2)[B]^(3/2)
कुल कोटि = 1/2 + 3/2 = 2
प्रश्न 3(iv): -OCH₃ समूह का निर्देशी प्रभाव
उत्तर: -OCH₃ समूह ऑर्थो और पैरा निर्देशक है तथा सक्रियकारी है।
प्रश्न 3(v): फीनॉल की ब्रोमीन जल से अभिक्रिया
उत्तर: 2,4,6-ट्राइब्रोमोफीनॉल (श्वेत अवक्षेप)
प्रश्न 3(vi): NH₂-NHCONH₂ का नाम
उत्तर: सेमिकार्बाजाइड (semicarbazide)
प्रश्न 3(vii): युग्मन अभिक्रिया
उत्तर: p-हाइड्रॉक्सीएज़ोबेन्ज़ीन
प्रश्न 3(viii): आइसोसायनाइड परीक्षण
परीक्षण: प्राथमिक एमीन को CHCl₃ और ऐल्कोहॉलिक KOH के साथ गर्म करने पर दुर्गंधयुक्त आइसोसायनाइड बनता है।
RNH₂ + CHCl₃ + 3KOH → RNC + 3KCl + 3H₂O
खंड B - लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 4: मोल अंश
हल:
nA = 0.5 mol, nB = 4.5 mol
कुल मोल = 0.5 + 4.5 = 5.0 mol
xA = nA/(nA + nB) = 0.5/5.0 = 0.1
प्रश्न 5: मोललता
हल:
मोललता (m) = विलेय के मोल/विलायक का kg
m = 0.05/0.250 = 0.2 mol kg⁻¹
प्रश्न 6: डेनियल सेल
सेल निरूपण: Zn|ZnSO₄||CuSO₄|Cu
प्रश्न 7: अर्धायु
हल:
प्रथम कोटि के लिए: t1/2 = 0.693/k
t1/2 = 0.693/(1.386 × 10⁻¹⁴)
t1/2 = 5 × 10¹³ s
प्रश्न 8: अंतराकाशी यौगिक
भौतिक अभिलक्षण:
- अत्यधिक कठोर होते हैं
- उच्च गलनांक रखते हैं
- रासायनिक रूप से निष्क्रिय होते हैं
प्रश्न 9: उत्प्रेरकीय गुण
संक्रमण धातुएं उत्प्रेरकीय गुण प्रदर्शित करती हैं क्योंकि:
- ये परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्थाएं प्रदर्शित करते हैं
- इनकी सतह पर अभिकारक अधिशोषित हो जाते हैं
- ये अस्थायी यौगिक बनाते हैं
प्रश्न 10: Cl- का निर्देशन
Cl- समूह इलेक्ट्रॉन अपनयक होते हुए भी ऑर्थो-पैरा निर्देशक है क्योंकि यह अनुनाद द्वारा इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है जो प्रेरणिक प्रभाव से अधिक प्रबल होता है।
प्रश्न 11: अभिक्रिया
[A] का IUPAC नाम: 2-नाइट्रोफीनॉल
रासायनिक सूत्र: C₆H₄(OH)(NO₂)
प्रश्न 12: एथेनॉल का निर्जलीकरण
[x] का नाम: एथीन (Ethene)
समीकरण: C₂H₅OH →(सांद्र H₂SO₄, 413K) C₂H₄ + H₂O
प्रश्न 13: अभिक्रिया अनुक्रम
[A]: C₆H₅SO₃Na (सोडियम बेंजीनसल्फोनेट)
[B]: C₆H₅OH (फीनॉल)
प्रश्न 14: ऐनिलीन की क्षारीयता
ऐनिलीन अमोनिया से कम क्षारीय है क्योंकि नाइट्रोजन का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बेंजीन वलय के साथ अनुनाद में भाग लेता है, जिससे इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है।
प्रश्न 15: DNA की द्विकुंडलनी संरचना
खंड C - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 16: अभिक्रिया की कोटि
(i) परिभाषा: अभिक्रिया की कोटि वेग समीकरण में उपस्थित सांद्रता पदों की घातों का योग है।
(ii) छद्म प्रथम कोटि अभिक्रिया: वे अभिक्रियाएं जो वास्तव में उच्च कोटि की होती हैं लेकिन प्रथम कोटि जैसा व्यवहार करती हैं।
उदाहरण: एस्टर का जल-अपघटन
CH₃COOC₂H₅ + H₂O → CH₃COOH + C₂H₅OH
जल अधिकता में होने से इसकी सांद्रता स्थिर रहती है, अतः वेग = k[एस्टर]
प्रश्न 17: [Co(NH₃)₆]³⁺ संकुल
ज्यामिति: अष्टफलकीय (octahedral)
चुंबकीय प्रकृति: प्रतिचुंबकीय (diamagnetic)
व्याख्या: Co³⁺ का विन्यास: [Ar] 3d⁶
NH₃ प्रबल क्षेत्र लिगेंड है, अतः युग्मन होता है: t₂g⁶ eg⁰
कोई अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं → प्रतिचुंबकीय
संकरण: d²sp³
प्रश्न 18: हैलोएल्केन के गुण
(i) क्वथनांक: शाखन बढ़ने से पृष्ठ क्षेत्रफल कम होता है, अतः वांडर वाल्स बल कमजोर होते हैं और क्वथनांक घटता है।
(ii) गलनांक: p-समावयवी अधिक सममित होता है, अतः क्रिस्टल जालक में बेहतर व्यवस्था के कारण उच्च गलनांक रखता है।
(iii) रेसिमिक मिश्रण: रेसिमिक मिश्रण में (+) और (−) समावयवी समान मात्रा में होते हैं जो एक-दूसरे के प्रभाव को निरस्त कर देते हैं।
खंड D - निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 19: मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड
निर्माण: प्लैटिनम इलेक्ट्रोड पर H₂ गैस (1 atm) प्रवाहित करके 1M HCl में डुबोया जाता है।
(ii) शुष्क सेल:
एनोड: Zn → Zn²⁺ + 2e⁻
कैथोड: 2NH₄⁺ + 2e⁻ → 2NH₃ + H₂
MnO₂ + H₂ → MnO(OH)
प्रश्न 20: कार्बोक्सिलिक अम्ल
(i) लाल चींटी में अम्ल: मेथेनोइक अम्ल (Methanoic acid) या फॉर्मिक अम्ल
(ii) कैनिजारो अभिक्रिया: बिना α-हाइड्रोजन वाले ऐल्डिहाइड की सांद्र क्षार के साथ अभिक्रिया में एक अणु ऑक्सीकृत और दूसरा अपचयित होता है।
2HCHO + NaOH → CH₃OH + HCOONa
(iii) [A]: CH₃COONa (सोडियम एथेनोएट)
संदर्भ
- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा 2024
- NCERT रसायन विज्ञान पाठ्यपुस्तक, कक्षा 12
- राजस्थान बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट
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