UPSC History – Syllabus, Sources, Strategy & Answer Writing (हिंदी)

| अक्टूबर 09, 2025
UPSC में History विषय के मुख्य अंग – सिलेबस, स्रोत, रणनीति और उत्तरलेखन | Wikipedia-style लेख
यह लेख UPSC में History विषय के मुख्य अंग (GS व Optional दोनों के सन्दर्भ में) की संरचना, सिलेबस, स्रोत, रणनीति और उत्तरलेखन पर Wikipedia-style जानकारी देता है।
UPSC History – Quick Facts
भारत का राज्यचिह्न – सिंह-स्तम्भ
Union Public Service Commission द्वारा आयोजित CSE में इतिहास GS व Optional के रूप में आता है।
परीक्षाCivil Services Examination (CSE)
कागज़Prelims (GS-I), Mains (GS-I) + Optional (2 पेपर)
मुख्य घटकप्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक, विश्व इतिहास, कला-संस्कृति
अंक भारGS-I: 250; Optional: 500
स्रोतNCERT, मानक ग्रंथ, प्राथमिक स्रोत, Gazetteers

UPSC में History विषय के मुख्य अंग – सिलेबस, स्रोत, रणनीति और उत्तरलेखन

UPSC में History विषय के मुख्य अंग Prelims, Mains-GS तथा History Optional के ढांचे में व्यवस्थित होते हैं, जिनमें प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत, आधुनिक भारत, विश्व इतिहास, तथा भारतीय कला एवं संस्कृति सम्मिलित हैं। यह विस्तृत लेख सिलेबस की व्याख्या, विश्वसनीय पुस्तक-स्रोत, अध्ययन-विधि, PYQ प्रवृत्ति, मानचित्र अभ्यास, तथा उत्तरलेखन की तकनीक को तटस्थ, विश्वकोशीय शैली में प्रस्तुत करता है ताकि अभ्यर्थी रणनीतिक तैयारी कर सकें।[1]

[संपादित करें]परीक्षा ढांचा और सिलेबस अवलोकन

UPSC CSE में इतिहास का अध्ययन तीन स्तरों पर होता है। Prelims-GS में वस्तुनिष्ठ प्रश्न भारतीय इतिहास और संस्कृति के व्यापक तथ्यों पर आधारित होते हैं। Mains-GS-I में विश्लेषणात्मक प्रश्न भारतीय समाज, कला, तथा प्राचीन-मध्यकाल-आधुनिक की अवधारणाओं को जोड़ते हैं। वैकल्पिक विषय के रूप में History दो वर्णनात्मक पेपरों में गहन अध्ययन मांगता है।[1][2]

सिलेबस का मूल संकेत वार्षिक UPSC अधिसूचना तथा Civil Services (Main) परीक्षा के आधिकारिक पाठ्यक्रम से मिलता है। अभ्यर्थी को विषयों को समयधारा, क्षेत्रीय विविधता और स्रोत-आधारित तर्क से पढ़ना चाहिए ताकि उत्तरों में संदर्भ, तुलनात्मकता और कारण-परिणाम स्पष्ट हों।[1]

UPSC History: स्तर और अपेक्षित योग्यता
स्तरफ़ोकसकौशलउदाहरण
Prelims (GS-I)तथ्य/व्यक्तित्व/कालक्रमस्मरण + अवधारणाहड़प्पा विशेषताएँ, बौद्ध परिषदें
Mains (GS-I)विश्लेषण/समन्वयनिबंधात्मक तर्कमुग़ल प्रशासन का मूल्यांकन
Optional (Paper I/II)विस्तार + व्याख्याइतिहास-लेखन, उद्धरणराष्ट्रवाद की व्याख्याएँ, उपनिवेशवाद
GS-I (Mains) इतिहास खंड – संक्षिप्त सिलेबस[1]
उपखंडमुख्य विषयउदाहरण प्रश्न
प्राचीनहड़प्पा, वैदिक, महाजनपद, मौर्य, गुप्तगुप्तकाल ‘स्वर्णयुग’ क्यों?
मध्यकालीनसुल्तनत, मुग़ल, क्षेत्रीय राज्य, भक्ति-सूफ़ीसुल्ह-ए-कुल का प्रभाव
आधुनिक18वीं सदी, औपनिवेशिक नीतियाँ, राष्ट्रीय आंदोलनस्वदेशी आंदोलन की प्रकृति
विश्व इतिहास18वीं शताब्दी से परिवर्तनऔद्योगिक क्रांति के सामाजिक परिणाम
कला एवं संस्कृतिस्थापत्य, चित्रकला, साहित्य, परंपराएँनागर/द्रविड़/वेसर शैली तुलना
अशोक चक्र – भारतीय इतिहास का प्रतीक चिह्न
इतिहास अध्ययन में शासन, समाज और संस्कृति—तीनों धुरी पर विश्लेषण महत्त्वपूर्ण है।

[संपादित करें]प्राचीन भारत

प्राचीन खंड सभ्यता की उत्पत्ति से लेकर प्रारंभिक मध्यकाल की देहलीकृत राज-सत्ताओं तक फैला है। सिलेबस में हड़प्पा-सिन्धु परंपरा, वैदिक समाज, महाजनपद-बौद्ध-जैन, मौर्य-उत्तर मौर्य, संगम युग, गुप्त-उत्तरगुप्त, और प्रारंभिक राजपूत/दक्षिणी राजवंश शामिल होते हैं।[3][4]

उत्तर लेखन में स्रोतों—पुरातात्त्विक अवशेष, अभिलेख (Inscriptions), सिक्के (Numismatics), साहित्य—से प्रमाण देना चाहिए। हड़प्पा में नगरीय नियोजन और मौर्य-गुप्त में राज्यसत्ता की प्रकृति जैसे विषय अक्सर पूछे जाते हैं।[3][5]

मुख्य उपविषय

  • हड़प्पा सभ्यता: नगर योजना, अर्थव्यवस्था, धर्म, पतन के कारण।
  • वैदिक काल: प्रारंभिक-उत्तर वैदिक समाज, जनपद का विकास।
  • महाजनपद, बौद्ध-जैन, मौर्य प्रशासन और अशोक के धम्म।
  • सातवाहन-कुषाण, संगम साहित्य और रोमन व्यापार।
  • गुप्तकालीन कला, विज्ञान और आर्थिक संरचनाएँ।
प्राचीन भारत: स्रोत और उदाहरण
श्रेणीउदाहरणउपयोग
अभिलेखअशोक शिलालेख, प्रयाग प्रशस्तिराज्य नीति व वंशावली
सिक्केपंच-चिह्नित, कुषाण, गुप्तअर्थव्यवस्था/राजसत्ता प्रतीक
पुरातत्वमोहनजोदड़ो, राखीगढ़ीनगरीय नियोजन
साहित्यअर्थशास्त्र, तमिल संगमसमाज/व्यवसाय/राजनीति
नागर, द्रविड़ और वेसर: मंदिर स्थापत्य की तुलनात्मक सारणी
विशेषतानागर (उत्तर)द्रविड़ (दक्षिण)वेसर (मिश्र)
शिखर/विमानघुमावदार शिखरपिरामिडीय विमानामिश्रित रूप
गर्भगृहचतुर्भुज/सीधा प्रवेशप्राकार, मंडपक्षेत्रीय विविधता
उदाहरणलिंगराज, खजुराहोबृहदेश्वर, मीनाक्षीपट्टडकल समूह
उदाहरण उत्तर-रूप: “हड़प्पा शहरी नियोजन” पर 150 शब्द—ग्रिड योजना, नाली तंत्र, किला-नगर, मानकीकृत ईंटें, और केन्द्रीकृत नियमन से जुड़े बिंदुओं को चित्र/मानचित्र सहित संक्षेप में लिखें।[3]

[संपादित करें]मध्यकालीन भारत

मध्यकालीन खंड में दिल्ली सल्तनत, क्षेत्रीय शक्तियाँ, भक्ति-सूफ़ी धाराएँ और मुग़ल-उत्तर मुग़ल राजनीति प्रमुख हैं। सामाजिक-आर्थिक आयाम जैसे Iqtadari, भूमि-राजस्व, शहरीकरण, तथा कला-वास्तुकला को उत्तरों में जोड़ना चाहिए।[6][7]

UPSC विश्लेषणात्मक प्रश्न—जैसे “सुल्तनत से मुग़ल काल तक प्रशासनिक निरंतरता व परिवर्तन”—पर तुलनात्मक ढांचे में उत्तर अपेक्षित करता है। भक्ति-सूफ़ी आंदोलन पर ‘समाज-परिवर्तन’ और ‘सांस्कृतिक संश्लेषण’ की चर्चा लाभप्रद रहती है।[7]

सल्तनत से मुग़ल: प्रशासनिक तुलना
घटकदिल्ली सल्तनतमुग़लटिप्पणी
भूमि-राजस्वइक्तादारीमानसबदारी-जागीरकेंद्र का नियंत्रण अलग
सेनातुरकी घुड़सवारमिलीजुली जातीय संरचनाघोड़ा/तोपखाना विस्तार
न्याय/क़ानूनशरिया आधारितशाही फ़रमान + स्थानीय प्रथाव्यावहारिकता अधिक
भक्ति और सूफ़ी: प्रवृत्ति व प्रभाव
धाराप्रमुख व्यक्तित्वसंदेशसमाज पर प्रभाव
निर्गुण भक्तिकबीर, नानकरूढ़ि-विरोध, एकेश्वरवादसमाज-सुधार, समन्वय
सगुण भक्तिमीराबाई, तुलसीराम/कृष्ण भक्तिभाषा-साहित्य समृद्धि
सूफ़ी सिलसिलेचिश्ती, सूहरवर्दीइश्क़-ए-हक़ीक़ी, सेवालोक-धर्म, दरगाह संस्कृति
आगरा किला – मुग़ल स्थापत्य का दृश्य
आगरा किला—मुग़ल युग के स्थापत्य और शक्ति-संकेतन को समझने में उपयोगी।

[संपादित करें]आधुनिक भारत

आधुनिक खंड 18वीं सदी के विघटन, यूरोपीय कंपनियों के उदय, औपनिवेशिक नीतियों और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के चरणों पर केंद्रित है। UPSC GS-I और Optional में औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था, सामाजिक-धार्मिक सुधार, किसान-मजदूर-जनजाति आंदोलनों तथा 1885–1947 के राष्ट्रवाद पर संतुलित दृष्टि अपेक्षित है।[8][9]

उत्तर लिखते समय कारण-परिणाम, बहु-कारणी व्याख्या और वैकल्पिक दृष्टिकोण (Nationalist, Cambridge, Subaltern) का संकेत देना गुणात्मक अंक दिलाता है।[9][10]

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: चरणबद्ध सारांश
चरणवर्षमुख्य विशेषताएँ
प्रारंभिक राष्ट्रवाद1885–1905संवैधानिक उपाय, मध्यम मार्ग
उग्र/स्वदेशी1905–1919बहिष्कार, स्वदेशी, गृहस्वराज
जन-आधारित आंदोलन1919–1935असहयोग/नमक सत्याग्रह
युद्धकालीन/अन्त्य चरण1939–47भारत छोड़ो, गठबंधन राजनीति
औपनिवेशिक नीतियाँ और आर्थिक प्रभाव
नीतिकालप्रभाव
स्थायी बंदोबस्त1793जमींदारी सुदृढ़, कृषक दुराव
इंडिगो/ओपियम/चाय19वीं सदीनकदी फसल, ग्रामीण संकट
रेल/टेलीग्राफ1850s+बाज़ार एकीकरण, औपनिवेशिक नियंत्रण
ड्रेन ऑफ वेल्थदादाभाईसाम्राज्यवादी निकासी का सिद्धांत
दांडी मार्च की ऐतिहासिक छवि
दांडी मार्च (1930)—नमक कर के विरुद्ध जन-आंदोलन का प्रतीक।

[संपादित करें]विश्व इतिहास (World History)

GS-I में 18वीं सदी से विश्व में हुए परिवर्तन—औद्योगिक क्रांति, उपनिवेशवाद-अधिनिवेशवाद, विश्व युद्ध, राष्ट्रवाद-उदारवाद-समाजवाद, उपनिवेश-विमुक्ति, शीत युद्ध और वैश्वीकरण—पर संक्षिप्त परन्तु विश्लेषणात्मक दृष्टि चाहिए।[11][12]

उत्तर शैली में यूरोप-केंद्रित घटनाओं को एशिया-अफ़्रीका-लैटिन अमेरिका के संदर्भ से जोड़ें। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन व विश्व प्रक्रियाओं के अंतर्संबंध दिखाने पर उच्च अंक मिलते हैं।[12]

विश्व इतिहास: प्रमुख थीम और तार्किक सूत्र
थीममुख्य विचारउद्दाहरण
औद्योगिक क्रांतिप्रौद्योगिकी, श्रम, नगरीकरणस्पिनिंग जेनी, रेलवे
राष्ट्रवादराज्य-निर्माण, जन-चेतनाजर्मनी/इटली का एकीकरण
उपनिवेशवादसंसाधन निष्कर्षणअफ़्रीका का बंटवारा
विश्व युद्धकारण/परिणामवर्साय संधि, शीत युद्ध

[संपादित करें]भारतीय कला एवं संस्कृति

कला-संस्कृति खंड में स्थापत्य, मूर्तिकला, चित्रकला, नृत्य-संगीत, नाट्य, साहित्यिक परंपराएँ, लोक-संस्कृतियाँ और धार्मिक-दार्शनिक प्रणालियाँ शामिल होती हैं। UPSC Prelims में यह भाग उच्च-प्रतिफल माना जाता है, क्योंकि प्रश्न तथ्य आधारित होते हैं।[13]

उत्तर लिखते समय कालक्रम के साथ भौगोलिक विविधता—गुप्त, चालुक्य-होयसाल, पल्लव-चोल, मुग़ल-राजपूत शैली—का सम्यक तुलनात्मक विश्लेषण करें।[13][14]

शास्त्रीय नृत्य रूप – विशेषताएँ
रूपप्रदेशमुख्य विशेषतामहत्वपूर्ण ग्रंथ
भरतनाट्यमतमिलनाडुलास्य प्रधान, पदमनाट्यशास्त्र/अभिनय दर्शन
कथकउत्तर भारतघुँघरू, घूमर, कथावाचनघरणा परंपरा
ओडिसीओडिशात्रिभंगी, चौकाजयदेव की गीतगोविंद
अजंता गुफा 1 – पद्मापाणि बोधिसत्त्व
अजंता चित्रकला—रंग, रेखा और भावप्रदर्शन का अद्भुत उदाहरण; Prelims में अक्सर पूछा जाता है।

[संपादित करें]स्रोत और इतिहास-लेखन विधियाँ

इतिहास एक साक्ष्य-आधारित अनुशासन है। UPSC उत्तरों में प्राथमिक स्रोत (पुरातत्व, अभिलेख, यात्रा-वृत्त, शिलालेख), द्वितीयक स्रोत (शोधग्रंथ, इतिहासकारों के तर्क) और इतिहासलेखन (historiography) की समझ का उपयोग करें।[4][5]

उदाहरण के लिए, “गुप्तकाल स्वर्णयुग” कथन पर पुरालेखीय साक्ष्य और वैकल्पिक व्याख्याएँ (क्षेत्रीय असमता, ग्रामीण अर्थव्यवस्था) साथ रखें।[5]

स्रोत-प्रकार और UPSC में उपयोग
स्रोतउदाहरणउत्तर में प्रयोग
यात्रा-वृत्तमेगास्थनीज़, ह्वेनसांगसमाज/प्रशासन का समकालीन दृश्य
अभिलेखहर्ष शिलालेख, इलाहाबाद प्रशस्तिराजनीति/राजस्व
परिसंपत्तिपुरातत्व/मूर्ति/चित्रकलाकला-इतिहास
महत्वपूर्ण नोट: उद्धरण या इतिहासकार का नाम तभी दें जब सुनिश्चित हों; अन्यथा “समकालीन अध्ययन/आधुनिक शोध” जैसे तटस्थ वाक्य प्रयोग करें।[10]

[संपादित करें]मानचित्र/स्थान-संबंधी अभ्यास

Prelims और Optional में स्थान-आधारित प्रश्न नियमित हैं—हड़प्पा स्थल, बौद्ध केंद्र, मध्यकालीन बंदरगाह, संरक्षण क्षेत्र आदि। अभ्यास के लिए बिना-लेबल मानचित्र पर प्रतिदिन 5–10 बिंदु चिन्हित करें और छोटी टिप्पणियाँ लिखें।[1][3]

मानचित्र: आवृत्ति-आधारित सूची (उदाहरण)
वर्गस्थलटिप्पणी
हड़प्पामोहनजोदड़ो, हड़प्पा, धोलावीरा, राखीगढ़ीनगर योजना/जल प्रबंधन
बौद्धसांची, सारनाथ, कौशांबीस्तूप/संघ
मध्यकालीनखंभात, सूरत, मसुलीपट्टनमसमुद्री व्यापार

[संपादित करें]मानक पुस्तक-सूची और संसाधन

पुस्तक-सूची को संक्षिप्त और उद्देश्यमुखी रखें। GS के लिए NCERT (कक्षा VI–XII) और एक-दो मानक ग्रंथ पर्याप्त हैं। Optional के लिए विस्तृत पुस्तकों के साथ जर्नल लेख और संकलन आवश्यक होते हैं।[2][9]

अनुशंसित पुस्तकें (चयन)
खंडलेखक/पुस्तकटिप्पणी
प्राचीनआर.एस. शर्मा – Ancient India; रोमिला थापर – Early Indiaसमकालीन शोध दृष्टि
मध्यकालीनसतीश चंद्र – Medieval IndiaGS/Optional-आधार
आधुनिकबिपन चंद्र – India’s Struggle for Independenceराष्ट्रीय आंदोलन
विश्व इतिहासनॉर्मन लो – Mastering Modern World HistoryGS-I हेतु
कला-संस्कृतिनितिन सिंघानिया – Indian Art & CulturePrelims में उपयोगी
पूरक संसाधन
संसाधनउपयोग
CCRT/IGNCA नोट्सकला-संस्कृति के संक्षिप्त तथ्य
IGNOU BA/MA चयनीयOptional में सिद्धांतात्मक आधार
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) रिपोर्टस्थल-विशिष्ट विवरण

[संपादित करें]उत्तरलेखन, आरेख व समय-प्रबंधन

GS-I में 150–250 शब्द की सीमाओं में थीसिस-वाक्य से शुरुआत करें, 3–4 तर्क-खंड दें और निष्कर्ष में समाहार लिखें। आरेख, समयरेखा और छोटे मानचित्र उत्तर को दृश्य बनाते हैं। Optional में उद्धरण, स्रोत-संदर्भ और इतिहासलेखन का संकेत जोड़ें।[10]

उत्तर-रूपरेखा चेकलिस्ट
घटकविवरण
Introपरिभाषा/प्रसंग/डेटा
Bodyउपशीर्षक: कारण-परिणाम, तुलना, उदाहरण
Visualमानचित्र/आरेख/समयरेखा
Historiographyदो दृष्टिकोणों का संकेत
Conclusionसंक्षिप्त, futuristic लिंक
नमूना प्रारंभ (150 शब्द): “स्वदेशी आंदोलन की प्रकृति”—प्रारंभ में 1905–11 का संदर्भ दें, फिर आर्थिक राष्ट्रवाद, जनभागीदारी, शिक्षा-स्वावलंबन, कला-साहित्य में स्वदेशी प्रभाव के उपशीर्षक बनाकर दो-तीन तथ्य/उदाहरण जोड़ें और निष्कर्ष में संगठनात्मक सीमाएँ लिखें।

[संपादित करें]PYQ प्रवृत्ति और विषय-वितरण

PYQ (Previous Year Questions) विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि GS-I में आधुनिक भारत और संस्कृति के प्रश्न अपेक्षाकृत अधिक आते हैं, जबकि Optional में Paper-II (आधुनिक भारत) से अंकों की स्थिरता मिलती है। Prelims में कला-संस्कृति व प्राचीन का अनुपात हाल के वर्षों में बढ़ा है।[1][13]

GS-I विषय-वितरण (उदाहरणात्मक वार्षिक औसत)
थीमऔसत Qकठिनाईरणनीति
आधुनिक भारत3–4मध्यमआंदोलन-चरण + व्यक्तित्व
प्राचीन/मध्यकाल2–3मध्यमस्रोत-आधारित विश्लेषण
विश्व इतिहास2–3मध्यमकारण-परिणाम चार्ट
कला-संस्कृति2–3विविधतुलनात्मक सारणियाँ
Prelims फोकस (उदाहरण)
उपवर्गसामान्य टॉपिक्सटिप्पणी
कलामंदिर शैली, नृत्य, पेंटिंग स्कूलवर्ष-दर-वर्ष विविधता
प्राचीनहड़प्पा, बौद्ध परिषदेंमुख्य तथ्य अनिवार्य
आधुनिकसमिति/कांग्रेस सत्रवैयक्तिक-घटनात्मक प्रश्न

[संपादित करें]12–24 सप्ताह अध्ययन-योजना

अध्ययन योजना को “Core → Consolidation → Practice” चरणों में बाँटें। प्रत्येक सप्ताह 4–5 दिनों में पढ़ाई और 2 दिनों में रिवीजन/टेस्ट रखें। वैकल्पिक चुनने वालों के लिए प्रतिदिन 2–3 घंटे अतिरिक्त दें।[2]

16-सप्ताह समेकित योजना (उदाहरण)
चरणसप्ताहकार्य
Core1–6NCERT, आधार ग्रंथ; नोट्स
Consolidation7–12थीम-वाइज़ सारणियाँ, मानचित्र
Practice13–16PYQ, सेक्शनल/फुल-लेंथ
Revision Rule: 1-7-21 मॉडल अपनाएँ—पहली पढ़ाई के 1वें, 7वें और 21वें दिन संक्षिप्त पुनरावृत्ति करें।

[संपादित करें]सामान्य त्रुटियाँ और सुधार

  • तथ्य-संग्रह पर अत्यधिक जोर और कारण-परिणाम की उपेक्षा।
  • इतिहासकारों की राय का यांत्रिक उद्धरण—बिना प्रसंग के।
  • मानचित्र/समयरेखा का अभाव—उत्तर दृश्य नहीं बनता।

सुधार हेतु “थीम आधारित नोट्स, तुलनात्मक तालिकाएँ, छोटे मानचित्र, और PYQ-आधारित लेखन” लगातार करें।[10]

सिंधु सभ्यता की मुहर – पशुपति रूप
सिंधु सभ्यता की प्रख्यात मुहर (कथित ‘पशुपति’ आकृति)—पुरातात्त्विक स्रोतों का महत्त्व।

संदर्भ

  1. UPSC Civil Services Examination – आधिकारिक अधिसूचना/सिलेबस (GS-I और Optional) का सार।
  2. NCERT History (VI–XII) – Our Past श्रृंखला तथा Themes in Indian History.
  3. R.S. Sharma, India’s Ancient Past / Ancient India – प्राचीन भारत का विश्लेषण।
  4. Romila Thapar, Early India – प्रारंभिक ऐतिहासिक बहसें और स्रोत-पद्धति।
  5. Irfan Habib, Essays in Indian History – अर्थ-सामाजिक बहसें, गुप्त/मध्यकाल।
  6. Satish Chandra, Medieval India – सल्तनत से मुग़ल तक का मानक ग्रंथ।
  7. Harbans Mukhia (ed.), The Mughals of India – प्रशासन व समाज की व्याख्या।
  8. Bipan Chandra et al., India’s Struggle for Independence – राष्ट्रीय आंदोलन।
  9. Sumit Sarkar, Modern India – औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था व राजनीति।
  10. Shekhar Bandopadhyay, From Plassey to Partition – आधुनिक भारत की वैकल्पिक दृष्टि।
  11. Norman Lowe, Mastering Modern World History – विश्व इतिहास के विषय।
  12. J. R. McNeill & William H. McNeill, The Human Web – वैश्विक अंतर्संबंध।
  13. Nitin Singhania, Indian Art and Culture – Prelims हेतु संक्षिप्त संदर्भ।
  14. ASI/IGNCA/CCRT – कला, स्मारक और संस्कृति पर आधिकारिक सामग्री।
  15. Selected scholarly articles (EPW/JSTOR) – इतिहासलेखन और विषयगत बहसें।

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