भारत का भूगोल – आर्थिक भूगोल: खनिज और ऊर्जा संसाधन
भारत के प्रमुख खनिज और ऊर्जा संसाधन
लौह अयस्क, बॉक्साइट, कोयला, पेट्रोलियम, जलविद्युत, परमाणु और नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तृत अध्ययन
विषय सूची
1. परिचय
भारत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश है। यहाँ खनिज संसाधनों की प्रचुरता है जो औद्योगिक विकास का आधार है। भारत में लौह अयस्क, बॉक्साइट, कोयला जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं। ऊर्जा संसाधनों में कोयला, पेट्रोलियम, जलविद्युत, परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत शामिल हैं।
2. लौह अयस्क
2.1 वितरण और उत्पादन
भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक देश है। देश में लगभग 25 बिलियन टन लौह अयस्क के भंडार हैं।
2.2 प्रकार और गुणवत्ता
लौह अयस्क का प्रकार | लौह तत्व प्रतिशत | मुख्य क्षेत्र | विशेषताएं |
---|---|---|---|
हेमेटाइट (Fe₂O₃) | 60-70% | छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा | सर्वोत्तम गुणवत्ता, लाल रंग |
मैग्नेटाइट (Fe₃O₄) | 70-72% | कर्नाटक, तमिलनाडु | चुंबकीय गुण, काला रंग |
लिमोनाइट | 40-60% | राजस्थान, गुजरात | निम्न गुणवत्ता, भूरा रंग |
सिडेराइट (FeCO₃) | 35-45% | पश्चिम बंगाल, बिहार | कार्बोनेट अयस्क |
2.3 प्रमुख खनन क्षेत्र
राज्यवार वितरण:
- ओडिशा (33%): मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़
- छत्तीसगढ़ (23%): दुर्ग, दंतेवाड़ा, बस्तर
- झारखंड (15%): सिंहभूम, हजारीबाग
- कर्नाटक (12%): बेल्लारी, चित्रदुर्ग, शिमोगा
- गोवा (8%): उत्तर गोवा, दक्षिण गोवा
प्रमुख खनन कंपनियां:
- राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC)
- स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)
- टाटा स्टील
- जिंदल स्टील एंड पावर
3. बॉक्साइट
3.1 वितरण और भंडार
भारत में बॉक्साइट के भंडार लगभग 2.6 बिलियन टन हैं, जो विश्व के कुल भंडार का 5.5% है।
राज्यवार बॉक्साइट भंडार:
- ओडिशा (51%): कालाहांडी, कोरापुट, संबलपुर
- आंध्र प्रदेश (12%): विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम
- गुजरात (9%): जामनगर, कच्छ
- झारखंड (9%): लोहरदगा, गुमला
- महाराष्ट्र (8%): कोल्हापुर, सतारा
3.2 एल्युमिनियम उद्योग
कंपनी | स्थान | वार्षिक उत्पादन क्षमता | स्थापना वर्ष |
---|---|---|---|
नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (NALCO) | दामनजोड़ी, ओडिशा | 22 लाख टन एल्युमिना | 1981 |
हिंडाल्को | रेणुकूट, उत्तर प्रदेश | 4 लाख टन एल्युमिनियम | 1962 |
वेदांता एल्युमिनियम | झारसुगुड़ा, ओडिशा | 20 लाख टन एल्युमिना | 2007 |
माल्को | मेत्तूर, तमिलनाडु | 1.2 लाख टन एल्युमिनियम | 1965 |
4. कोयला
4.1 कोयले के प्रकार
कोयले का प्रकार | कार्बन प्रतिशत | कैलोरी मान (BTU/lb) | मुख्य क्षेत्र |
---|---|---|---|
एंथ्रासाइट | 85-95% | 13,000-15,000 | जम्मू-कश्मीर |
बिटुमिनस | 60-85% | 11,000-13,000 | झारखंड, छत्तीसगढ़ |
सब-बिटुमिनस | 45-60% | 8,000-11,000 | ओडिशा, पश्चिम बंगाल |
लिग्नाइट | 25-45% | 4,000-8,000 | तमिलनाडु, राजस्थान |
4.2 प्रमुख कोयला क्षेत्र
दामोदर घाटी कोयला क्षेत्र:
- रानीगंज कोयला क्षेत्र: पश्चिम बंगाल में स्थित, भारत का सबसे पुराना कोयला क्षेत्र
- झरिया कोयला क्षेत्र: झारखंड, कोकिंग कोल के लिए प्रसिद्ध
- बोकारो कोयला क्षेत्र: झारखंड, उच्च गुणवत्ता का कोयला
- गिरिडीह कोयला क्षेत्र: झारखंड, कोकिंग कोल
गोदावरी घाटी कोयला क्षेत्र:
- सिंगरेनी कोयला क्षेत्र: तेलंगाना, दक्षिण भारत का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र
- तंदूर कोयला क्षेत्र: तेलंगाना
- वर्धा कोयला क्षेत्र: महाराष्ट्र
महानदी घाटी कोयला क्षेत्र:
- कोरबा कोयला क्षेत्र: छत्तीसगढ़
- तालचर कोयला क्षेत्र: ओडिशा
- इब घाटी कोयला क्षेत्र: ओडिशा
4.3 उत्पादन और उपयोग
5. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस
5.1 प्रमुख तेल क्षेत्र
स्थलीय तेल क्षेत्र:
तेल क्षेत्र | राज्य | खोज वर्ष | वार्षिक उत्पादन |
---|---|---|---|
डिगबोई | असम | 1889 | 2.5 लाख टन |
नहरकटिया | असम | 1953 | 3 लाख टन |
मोरन-हुग्रीजन | असम | 1956 | 2 लाख टन |
रुद्रसागर | असम | 1960 | 1.5 लाख टन |
कलोल | गुजरात | 1960 | 20 लाख टन |
अंकलेश्वर | गुजरात | 1965 | 25 लाख टन |
5.2 प्राकृतिक गैस
प्रमुख प्राकृतिक गैस क्षेत्र:
- असम: नहरकटिया, डिगबोई, शिवसागर
- गुजरात: खंभात की खाड़ी, हजीरा
- राजस्थान: बीकानेर, जैसलमेर
- त्रिपुरा: अगरतला, बराकास
- आंध्र प्रदेश: गोदावरी बेसिन
5.3 अपतटीय अन्वेषण
प्रमुख अपतटीय क्षेत्र:
- बॉम्बे हाई: मुंबई तट से 176 किमी दूर, भारत का सबसे बड़ा तेल क्षेत्र
- बासीन क्षेत्र: महाराष्ट्र तट
- कृष्णा-गोदावरी बेसिन: आंध्र प्रदेश तट
- कावेरी बेसिन: तमिलनाडु तट
- महानदी बेसिन: ओडिशा तट
6. जलविद्युत
6.1 जल विद्युत क्षमता
भारत में जल विद्युत की कुल क्षमता 1,48,700 मेगावाट है। वर्तमान में केवल 25% क्षमता का ही उपयोग हो पा रहा है।
राज्यवार जल विद्युत क्षमता:
- अरुणाचल प्रदेश: 50,328 मेगावाट (33.8%)
- उत्तराखंड: 25,000 मेगावाट (16.8%)
- हिमाचल प्रदेश: 23,000 मेगावाट (15.5%)
- जम्मू-कश्मीर: 15,000 मेगावाट (10.1%)
- सिक्किम: 4,000 मेगावाट (2.7%)
6.2 प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं
परियोजना | राज्य | नदी | क्षमता (मेगावाट) | स्थिति |
---|---|---|---|---|
टिहरी | उत्तराखंड | भागीरथी | 2,400 | कार्यरत |
कोयना | महाराष्ट्र | कोयना | 1,960 | कार्यरत |
श्रीशैलम | आंध्र प्रदेश | कृष्णा | 1,670 | कार्यरत |
नागार्जुन सागर | तेलंगाना | कृष्णा | 815 | कार्यरत |
भाखड़ा | हिमाचल प्रदेश | सतलुज | 1,325 | कार्यरत |
सुबानसिरी लोअर | अरुणाचल प्रदेश | सुबानसिरी | 2,000 | निर्माणाधीन |
7. परमाणु ऊर्जा
7.1 यूरेनियम और थोरियम भंडार
प्रमुख यूरेनियम खान:
खान | राज्य | जिला | उत्पादन क्षमता |
---|---|---|---|
जादूगुड़ा | झारखंड | पूर्वी सिंहभूम | 200 टन/वर्ष |
भावीन | झारखंड | पूर्वी सिंहभूम | 150 टन/वर्ष |
नरवापहाड़ | झारखंड | पूर्वी सिंहभूम | 100 टन/वर्ष |
तुम्मालपल्ली | आंध्र प्रदेश | कडप्पा | 300 टन/वर्ष |
दोमियासियत | मेघालय | वेस्ट खासी हिल्स | 50 टन/वर्ष |
7.2 परमाणु ऊर्जा संयंत्र
परमाणु संयंत्र | राज्य | रिएक्टर संख्या | कुल क्षमता (मेगावाट) | प्रकार |
---|---|---|---|---|
तारापुर | महाराष्ट्र | 4 | 1,400 | BWR/PHWR |
राजस्थान (रावतभाटा) | राजस्थान | 6 | 1,180 | PHWR |
मद्रास (कलपक्कम) | तमिलनाडु | 2 | 440 | PHWR |
नरोरा | उत्तर प्रदेश | 2 | 440 | PHWR |
काकरापार | गुजरात | 4 | 880 | PHWR |
कैगा | कर्नाटक | 4 | 880 | PHWR |
कुडनकुलम | तमिलनाडु | 6 (निर्माणाधीन) | 6,000 | VVER |
8. नवीकरणीय ऊर्जा
8.1 सौर ऊर्जा
भारत में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। देश में सालाना औसतन 300 स्पष्ट धूप के दिन होते हैं।
प्रमुख सौर पार्क:
सौर पार्क | राज्य | क्षमता (मेगावाट) | स्थिति |
---|---|---|---|
भादला सोलर पार्क | राजस्थान | 2,245 | कार्यरत |
कर्नूल अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क | आंध्र प्रदेश | 1,000 | कार्यरत |
चरंका सोलर पार्क | गुजरात | 790 | कार्यरत |
पावागड़ा सोलर पार्क | कर्नाटक | 2,050 | कार्यरत |
नीमच सोलर पार्क | मध्य प्रदेश | 750 | कार्यरत |
8.2 पवन ऊर्जा
राज्यवार पवन ऊर्जा स्थापित क्षमता:
राज्य | स्थापित क्षमता (मेगावाट) | प्रतिशत हिस्सा | प्रमुख क्षेत्र |
---|---|---|---|
तमिलनाडु | 9,400 | 22% | कन्याकुमारी, कोयंबटूर |
गुजरात | 8,500 | 20% | जामनगर, कच्छ |
महाराष्ट्र | 5,400 | 13% | सांगली, सतारा |
राजस्थान | 4,300 | 10% | जैसलमेर, जोधपुर |
कर्नाटक | 4,800 | 11% | चित्रदुर्ग, बेलगावी |
8.3 बायोमास और भूतापीय ऊर्जा
बायोमास ऊर्जा:
- क्षमता: 25,000 मेगावाट
- स्थापित क्षमता: 10,000+ मेगावाट
- मुख्य स्रोत: गन्ने की खोई, धान की भूसी, लकड़ी के अपशिष्ट
- प्रमुख राज्य: महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश
भूतापीय ऊर्जा:
- पुगा घाटी: लद्दाख (हिमाचल प्रदेश)
- चुमाथांग: लद्दाख
- तापपानी: छत्तीसगढ़
- तत्तापानी: हिमाचल प्रदेश
- सोहना: हरियाणा
- हेमेटाइट (Fe₂O₃): 60-70% लौह तत्व, मुख्यतः छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में
- मैग्नेटाइट (Fe₃O₄): 70-72% लौह तत्व, कर्नाटक और तमिलनाडु में
- लिमोनाइट: 40-60% लौह तत्व, राजस्थान और गुजरात में
- सिडेराइट (FeCO₃): 35-45% लौह तत्व, पश्चिम बंगाल और बिहार में
- दामोदर घाटी: रानीगंज, झरिया, बोकारो, गिरिडीह क्षेत्र (झारखंड-पश्चिम बंगाल)
- गोदावरी घाटी: सिंगरेनी, तंदूर, वर्धा क्षेत्र (तेलंगाना-महाराष्ट्र)
- महानदी घाटी: कोरबा, तालचर, इब घाटी क्षेत्र (छत्तीसगढ़-ओडिशा)
- ओडिशा (51%): कालाहांडी, कोरापुट, संबलपुर
- आंध्र प्रदेश (12%): विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम
- गुजरात (9%): जामनगर, कच्छ
- झारखंड (9%): लोहरदगा, गुमला
स्थलीय तेल क्षेत्र:
- असम: डिगबोई (1889), नहरकटिया, मोरन-हुग्रीजन
- गुजरात: कलोल, अंकलेश्वर
- बॉम्बे हाई: सबसे बड़ा तेल क्षेत्र
- कृष्णा-गोदावरी बेसिन: आंध्र प्रदेश तट
- कावेरी बेसिन: तमिलनाडु तट
राज्यवार क्षमता:
- अरुणाचल प्रदेश: 50,328 मेगावाट (33.8%)
- उत्तराखंड: 25,000 मेगावाट (16.8%)
- हिमाचल प्रदेश: 23,000 मेगावाट (15.5%)
प्रमुख यूरेनियम खान:
- झारखंड: जादूगुड़ा, भावीन, नरवापहाड़
- आंध्र प्रदेश: तुम्मालपल्ली
- मेघालय: दोमियासियत
विशेषता: भारत के पास विश्व के 25% थोरियम भंडार हैं।
सौर ऊर्जा:
- सैद्धांतिक क्षमता: 750 गीगावाट
- स्थापित क्षमता: 60+ गीगावाट
- प्रमुख सौर पार्क: भादला (राजस्थान), पावागड़ा (कर्नाटक)
- कुल क्षमता: 695 गीगावाट
- स्थापित क्षमता: 64+ गीगावाट
- अग्रणी राज्य: तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र
- पेट्रोलियम की 85% आयात निर्भरता
- कोयले पर अत्यधिक निर्भरता (70% ऊर्जा आवश्यकता)
- ऊर्जा मांग में तीव्र वृद्धि
- पर्यावरणीय चिंताएं
- नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार
- ऊर्जा दक्षता में सुधार
- परमाणु ऊर्जा का विकास
- घरेलू अन्वेषण बढ़ाना
- ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण
- निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना
- खनन प्रौद्योगिकी का आधुनिकीकरण
- पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता
- स्थानीय समुदायों का कल्याण
- इस्पात उद्योग का विकास
- एल्युमिनियम उद्योग की वृद्धि
- सीमेंट उद्योग का विस्तार
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि
- 2030 तक कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता में 33-35% कमी
- 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा
- 2070 तक कार्बन न्यूट्रल का लक्ष्य
- राष्ट्रीय सौर मिशन
- पवन ऊर्जा का विस्तार
- स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी
- ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम
- इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
- हरित हाइड्रोजन मिशन
भारत विश्व में कोयला भंडार की दृष्टि से चौथे स्थान पर है और इसके पास लगभग 319 बिलियन टन कोयले के सिद्ध भंडार हैं। कोयला भारत की प्राथमिक ऊर्जा आवश्यकताओं का 70% पूरा करता है और देश के औद्योगिक विकास की रीढ़ है।
भौगोलिक वितरण: भारत में कोयले का वितरण मुख्यतः गोंडवाना चट्टानों में पाया जाता है। दामोदर घाटी कोयला क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण है, जिसमें रानीगंज (भारत का पहला कोयला क्षेत्र), झरिया (कोकिंग कोल के लिए प्रसिद्ध), बोकारो और गिरिडीह शामिल हैं। गोदावरी घाटी में सिंगरेनी कोयला क्षेत्र दक्षिण भारत का सबसे बड़ा क्षेत्र है। महानदी घाटी में कोरबा, तालचर और इब घाटी प्रमुख हैं।
उत्पादन परिदृश्य: भारत में वार्षिक कोयला उत्पादन 900+ मिलियन टन है। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है जो कुल उत्पादन का 80% हिस्सा रखती है। निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए कमर्शियल कोल माइनिंग की नीति लागू की गई है।
गुणवत्ता और प्रकार: भारतीय कोयले में राख की मात्रा अधिक (35-40%) और कैलोरी मान कम है। बिटुमिनस कोयला सबसे अधिक पाया जाता है, जबकि उच्च गुणवत्ता का एंथ्रासाइट कोयला केवल जम्मू-कश्मीर में सीमित मात्रा में मिलता है।
भविष्य की चुनौतियां: पर्यावरणीय प्रदूषण, खनन क्षेत्रों में वन विनाश, स्थानीय समुदायों का विस्थापन, और जलवायु परिवर्तन की चिंताएं प्रमुख चुनौतियां हैं। स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी, कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज, और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर संक्रमण आवश्यक है।
निष्कर्ष: कोयला भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन पर्यावरणीय स्थिरता के लिए इसका संतुलित उपयोग आवश्यक है।
भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक उभरती हुई महाशक्ति है। जलवायु परिवर्तन की चुनौती और ऊर्जा सुरक्षा की आवश्यकता ने नवीकरणीय ऊर्जा को राष्ट्रीय प्राथमिकता बना दिया है।
संभावनाएं और क्षमता: भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। सौर ऊर्जा की सैद्धांतिक क्षमता 750 गीगावाट है, जिसमें से वर्तमान में केवल 60+ गीगावाट स्थापित है। पवन ऊर्जा की क्षमता 695 गीगावाट है और 64+ गीगावाट स्थापित है। देश में सालाना 300 दिन स्पष्ट धूप मिलती है, जो सौर ऊर्जा के लिए अनुकूल है।
वर्तमान स्थिति: भारत वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक देश है। राजस्थान में भादला सोलर पार्क (2,245 मेगावाट) और कर्नाटक में पावागड़ा सोलर पार्क (2,050 मेगावाट) जैसी मेगा परियोजनाएं कार्यरत हैं। तमिलनाडु पवन ऊर्जा में अग्रणी राज्य है।
सरकारी नीतियां: राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया था। नेशनल हाइड्रोजन मिशन, पीएम-कुसुम योजना, और रूफटॉप सोलर प्रोग्राम जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न सब्सिडी और प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।
चुनौतियां: भूमि अधिग्रहण की समस्या, ग्रिड एकीकरण की तकनीकी चुनौतियां, ऊर्जा भंडारण की लागत, और शुरुआती निवेश की आवश्यकता प्रमुख बाधाएं हैं। ट्रांसमिशन लाइनों का विकास भी एक चुनौती है।
भविष्य की रणनीति: 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। हरित हाइड्रोजन, ऑफशोर विंड एनर्जी, फ्लोटिंग सोलर, और एनर्जी स्टोरेज प्रौद्योगिकी पर फोकस है। 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का संकल्प नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व को और बढ़ाता है।
निष्कर्ष: नवीकरणीय ऊर्जा भारत की ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास की कुंजी है। उचित नीति और तकनीकी नवाचार के साथ भारत इस क्षेत्र में विश्व नेता बन सकता है।
पेट्रोलियम आधुनिक अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है और भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण चुनौती है क्योंकि देश अपनी कुल पेट्रोलियम आवश्यकता का 85% आयात करता है।
घरेलू संसाधन: भारत में पेट्रोलियम के सीमित भंडार हैं। स्थलीय क्षेत्रों में असम (डिगबोई, नहरकटिया) और गुजरात (कलोल, अंकलेश्वर) प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं। अपतटीय क्षेत्रों में बॉम्बे हाई सबसे बड़ा तेल क्षेत्र है। कृष्णा-गोदावरी बेसिन, कावेरी बेसिन और महानदी बेसिन में नई खोजें हुई हैं।
आयात निर्भरता: भारत की पेट्रोलियम आयात निर्भरता 1990 के दशक में 30% से बढ़कर वर्तमान में 85% हो गई है। प्रमुख आयात स्रोत सऊदी अरब (18%), इराक (22%), UAE (11%), ईरान और वेनेजुएला हैं। यह निर्भरता न केवल आर्थिक बल्कि भू-राजनीतिक चुनौती भी है।
ऊर्जा सुरक्षा पर प्रभाव: अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। मध्य पूर्व में राजनीतिक अस्थिरता, व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा और मुद्रा विनिमय दर के उतार-चढ़ाव प्रमुख चिंताएं हैं।
सामरिक पेट्रोलियम भंडार: ऊर्जा सुरक्षा के लिए भारत ने विशाखापट्टनम, मंगलौर और पदुर में सामरिक पेट्रोलियम भंडार स्थापित किए हैं। ये 5.33 मिलियन टन कच्चे तेल का भंडारण कर सकते हैं।
समाधान और रणनीति: घरेलू अन्वेषण बढ़ाना, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का विकास, ऊर्जा दक्षता में सुधार, बायोफ्यूल का उत्पादन, और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना आवश्यक है। न्यू एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी (NELP) और हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी (HELP) जैसी नीतियां लागू की गई हैं।
निष्कर्ष: पेट्रोलियम आयात निर्भरता कम करना भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। एकीकृत ऊर्जा नीति और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का विकास इस दिशा में आवश्यक कदम हैं।
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत लौह अयस्क उत्पादन में विश्व में चौथे स्थान पर है
- बॉक्साइट भंडार की दृष्टि से भारत पांचवें स्थान पर है
- कोयला भारत की प्राथमिक ऊर्जा का 70% हिस्सा पूरा करता है
- भारत में विश्व के 25% थोरियम भंडार हैं
- 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य
- अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक जल विद्युत क्षमता है
भारत का भूगोल – आर्थिक भूगोल (खनिज और ऊर्जा संसाधन)
Major Minerals, Energy Sources, Distribution & Uses
Quick Facts
- प्रमुख खनिज: लौह अयस्क (ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़), बॉक्साइट (झारखंड, ओडिशा, गुजरात), मैंगनीज (मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र), यूरेनियम (झारखंड, आंध्र प्रदेश)।
- कोयला: झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़; ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख स्रोत।
- पेट्रोलियम: असम, गुजरात, मुंबई हाई; रिफाइनरी – मथुरा, बरौनी, हल्दिया।
- जलविद्युत: हिमालयी और दक्षिणी नदियों पर; प्रमुख परियोजनाएँ – भाखड़ा नंगल, हीराकुंड, सरदार सरोवर।
- परमाणु ऊर्जा: तारापुर, कुडनकुलम, काकरापार; ईंधन – यूरेनियम, थोरियम।
- नवीकरणीय ऊर्जा: सौर, पवन, बायोगैस; प्रमुख केंद्र – राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात।
PYQ-Style MCQs
-
भारत में लौह अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन-सा है?
Answer: ओडिशा
केंदुझार, सुंदरगढ़ जिले प्रमुख उत्पादक क्षेत्र।
-
भारत का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य कौन-सा है?
Answer: झारखंड
जमुनिया, झरिया, बोकारो खदानें प्रसिद्ध।
-
मुंबई हाई किस संसाधन के लिए प्रसिद्ध है?
Answer: कच्चा तेल (Crude Oil)
अरब सागर में स्थित अपतटीय तेल क्षेत्र।
-
भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक राज्य कौन-सा है?
Answer: राजस्थान
भादला सौर पार्क, जोधपुर – विश्व का सबसे बड़ा सौर पार्क।
-
थोरियम का सबसे बड़ा भंडार भारत में कहाँ है?
Answer: केरल
समुद्री तटीय रेत में मोनाजाइट खनिज के रूप में।
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