भारतीय राजनीति – राज्य व्यवस्था: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री

| अगस्त 11, 2025
भारतीय राजनीति - राज्य व्यवस्था (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री)

भारतीय राजनीति - राज्य व्यवस्था

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की संपूर्ण जानकारी

1. परिचय

भारतीय संविधान के अनुसार भारत एक संसदीय लोकतंत्र है। यहाँ राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख है। उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के अनुपस्थित होने पर उनकी भूमिका निभाता है और राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।

महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में द्विसदनीय विधायिका है - लोकसभा (निचला सदन) और राज्यसभा (उच्च सदन)। संसदीय शासन प्रणाली ब्रिटिश मॉडल पर आधारित है।

2. राष्ट्रपति

2.1 चुनाव प्रक्रिया

संवैधानिक प्रावधान: अनुच्छेद 54 - राष्ट्रपति का निर्वाचन

राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से होता है। चुनाव में भाग लेने वाले सदस्यों को निर्वाचक मंडल कहा जाता है।

निर्वाचक मंडल में शामिल:

  • लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
  • राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  • राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
  • दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
चुनाव प्रक्रिया: राष्ट्रपति का चुनाव एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) और आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) प्रणाली से होता है।

मतों की गणना:

मतदाता श्रेणी मत का मूल्य गणना विधि
विधानसभा सदस्य राज्य की जनसंख्या ÷ (विधानसभा सदस्यों की संख्या × 1000) जनसंख्या आधारित
संसद सदस्य सभी राज्यों के विधानसभा सदस्यों के मतों का योग ÷ संसद सदस्यों की कुल संख्या समानुपातिक

2.2 योग्यताएं

संवैधानिक प्रावधान: अनुच्छेद 58 - राष्ट्रपति की योग्यताएं
  • भारत का नागरिक हो
  • 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो
  • लोकसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो
  • भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण न करता हो

2.3 शक्तियां और कर्तव्य

कार्यपालिका संबंधी शक्तियां:

  • प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति
  • महान्यायवादी की नियुक्ति
  • राज्यपालों की नियुक्ति
  • केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति

विधायी शक्तियां:

  • संसद के सत्र बुलाना और स्थगित करना
  • लोकसभा भंग करना
  • विधेयकों पर स्वीकृति देना या वापस भेजना
  • अध्यादेश जारी करना

न्यायिक शक्तियां:

  • उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति
  • दया याचिका पर निर्णय
  • क्षमादान की शक्ति
विशेष स्थितियां:
  • राष्ट्रीय आपातकाल - अनुच्छेद 352
  • राज्यों में राष्ट्रपति शासन - अनुच्छेद 356
  • वित्तीय आपातकाल - अनुच्छेद 360

3. उपराष्ट्रपति

3.1 चुनाव प्रक्रिया

संवैधानिक प्रावधान: अनुच्छेद 66 - उपराष्ट्रपति का निर्वाचन

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा किया जाता है।

निर्वाचक मंडल:

  • लोकसभा के सभी सदस्य (निर्वाचित + मनोनीत)
  • राज्यसभा के सभी सदस्य (निर्वाचित + मनोनीत)
विशेषता: उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्य विधानसभाओं के सदस्य भाग नहीं लेते। यहाँ सभी सदस्यों के मत का मूल्य समान होता है।

3.2 शक्तियां और कर्तव्य

मुख्य भूमिकाएं:

  • राज्यसभा का पदेन सभापति
  • राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति
  • संसदीय कार्यवाही में तटस्थता बनाए रखना
स्थिति वेतन भत्ते
राज्यसभा सभापति के रूप में ₹4,00,000 प्रतिमाह आवास, यात्रा भत्ता
कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में ₹5,00,000 प्रतिमाह राष्ट्रपति के समान सुविधाएं

4. प्रधानमंत्री

4.1 नियुक्ति

संवैधानिक प्रावधान: अनुच्छेद 75 - मंत्रिपरिषद

प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। सामान्यतः लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता प्रधानमंत्री बनता है।

नियुक्ति की शर्तें:

  • संसद का सदस्य होना चाहिए (लोकसभा या राज्यसभा)
  • लोकसभा में बहुमत का समर्थन प्राप्त हो
  • यदि संसद सदस्य नहीं है तो 6 महीने में सदस्य बनना आवश्यक
गठबंधन की स्थिति में: यदि किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, तो राष्ट्रपति उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जो सदन में बहुमत साबित कर सके।

4.2 शक्तियां और कर्तव्य

मंत्रिपरिषद संबंधी शक्तियां:

  • मंत्रियों की नियुक्ति और बर्खास्तगी की सिफारिश
  • मंत्रालयों का विभाजन और आवंटन
  • मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता
  • नीति निर्धारण में नेतृत्व

संसदीय कार्य:

  • संसद में सरकार का नेतृत्व
  • सदन में बहुमत बनाए रखना
  • महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना
  • विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर देना

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भूमिका:

  • राष्ट्रीय नीति का निर्माण
  • विदेश नीति का नेतृत्व
  • राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी
  • आर्थिक नीति का संचालन

5. तुलनात्मक अध्ययन

पहलू राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री
संवैधानिक स्थिति राज्य का प्रमुख राज्यसभा सभापति सरकार का प्रमुख
चुनाव प्रक्रिया निर्वाचक मंडल संसद सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति
कार्यकाल 5 वर्ष 5 वर्ष लोकसभा कार्यकाल तक
वास्तविक शक्ति नाममात्र सीमित व्यापक
6. महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी - UPSC स्तरीय
प्रश्न 1: राष्ट्रपति के चुनाव में किस प्रणाली का प्रयोग होता है?
उत्तर: राष्ट्रपति के चुनाव में एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) और आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) प्रणाली का प्रयोग होता है। इस प्रणाली में मतदाता अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार उम्मीदवारों को क्रमांकित करता है।
प्रश्न 2: राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों का वर्णन करें।
उत्तर: राष्ट्रपति की तीन प्रकार की आपातकालीन शक्तियां हैं:
  • राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352): युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में
  • राज्यों में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356): संवैधानिक तंत्र की विफलता पर
  • वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360): देश की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा होने पर
प्रश्न 3: उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के चुनाव में क्या अंतर है?
उत्तर: मुख्य अंतर:
  • निर्वाचक मंडल: राष्ट्रपति के चुनाव में संसद + राज्य विधानसभाएं; उपराष्ट्रपति में केवल संसद
  • मत का मूल्य: राष्ट्रपति के चुनाव में भिन्न; उपराष्ट्रपति में समान
  • मनोनीत सदस्य: राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते; उपराष्ट्रपति में भाग लेते हैं
प्रश्न 4: प्रधानमंत्री की संवैधानिक स्थिति का विश्लेषण करें।
उत्तर: प्रधानमंत्री की संवैधानिक स्थिति:
  • सरकार का प्रमुख: कार्यपालिका शक्ति का वास्तविक प्रयोगकर्ता
  • मंत्रिपरिषद का नेता: सभी मंत्रियों का मुखिया
  • संसदीय नेतृत्व: लोकसभा में बहुमत दल का नेता
  • राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार: संवैधानिक कार्यों में सहायता
प्रश्न 5: राष्ट्रपति की वीटो शक्ति के प्रकार बताएं।
उत्तर: राष्ट्रपति की तीन प्रकार की वीटो शक्तियां हैं:
  • पूर्ण वीटो (Absolute Veto): विधेयक को पूर्णतः अस्वीकार करना
  • निलंबनकारी वीटो (Suspensive Veto): विधेयक को वापस भेजना
  • जेबी वीटो (Pocket Veto): विधेयक पर कोई कार्रवाई न करना
प्रश्न 6: मंत्रिपरिषद और प्रधानमंत्री के बीच संबंध स्पष्ट करें।
उत्तर: मंत्रिपरिषद और प्रधानमंत्री के संबंध:
  • नेतृत्व: प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का मुखिया है
  • सामूहिक जिम्मेदारी: सभी मंत्री संसद के प्रति सामूहिक रूप से जिम्मेदार
  • नियुक्ति: प्रधानमंत्री की सिफारिश पर मंत्रियों की नियुक्ति
  • नीति निर्माण: प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सामूहिक निर्णय
प्रश्न 7: राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) की प्रक्रिया समझाएं।
उत्तर: राष्ट्रपति शासन की प्रक्रिया:
  • लगाने की शर्त: राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता
  • प्रक्रिया: राज्यपाल की रिपोर्ट या स्वतः संतुष्टि पर
  • अनुमोदन: 2 महीने में संसद की स्वीकृति आवश्यक
  • अवधि: 6 महीने (अधिकतम 3 वर्ष तक विस्तार संभव)
  • प्रभाव: राज्य मंत्रिपरिषद भंग, राज्यपाल केंद्र के एजेंट के रूप में शासन
प्रश्न 8: संसदीय शासन प्रणाली की विशेषताएं बताएं।
उत्तर: संसदीय शासन प्रणाली की विशेषताएं:
  • नाममात्र और वास्तविक कार्यपालिका: राष्ट्रपति नाममात्र, प्रधानमंत्री वास्तविक प्रमुख
  • बहुमत दल का शासन: लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल की सरकार
  • सामूहिक उत्तरदायित्व: मंत्रिपरिषद संसद के प्रति सामूहिक रूप से जिम्मेदार
  • द्विसदनीय विधायिका: लोकसभा और राज्यसभा
  • विपक्ष की भूमिका: सरकार पर नियंत्रण और निगरानी
प्रश्न 9: राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का विस्तार से वर्णन करें।
उत्तर: राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति (अनुच्छेद 72):
  • क्षमा (Pardon): सजा और अपराध दोनों से पूर्ण मुक्ति
  • लघुकरण (Commutation): सजा को कम गंभीर रूप में बदलना
  • परिहार (Remission): सजा की अवधि कम करना
  • विराम (Respite): विशेष परिस्थितियों में सजा में देरी
  • प्रविलंबन (Reprieve): सजा के निष्पादन में अस्थायी स्थगन
क्षेत्र: केवल केंद्रीय कानून, सेना न्यायालय और मृत्यु दंड के मामलों में
प्रश्न 10: भारतीय संसदीय प्रणाली में विपक्ष की भूमिका क्या है?
उत्तर: विपक्ष की भूमिका:
  • सरकारी नीतियों की आलोचना: वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करना
  • संसदीय नियंत्रण: प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
  • अविश्वास प्रस्ताव: सरकार के विरुद्ध प्रस्ताव लाना
  • संसदीय समितियों में भागीदारी: विधायी प्रक्रिया में सहयोग
  • जनमत तैयार करना: वैकल्पिक नेतृत्व की तैयारी
7. निबंधात्मक प्रश्न
निबंध प्रश्न 1: भारत में राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति और भूमिका का विस्तृत विश्लेषण करें। (250 शब्द)
उत्तर:

भारत में राष्ट्रपति राज्य का संवैधानिक प्रमुख है और भारतीय गणराज्य का प्रतीक है। संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार भारत का एक राष्ट्रपति होगा। राष्ट्रपति की स्थिति नाममात्र की है क्योंकि वास्तविक शक्ति प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास है।

संवैधानिक स्थिति: राष्ट्रपति संघ की कार्यपालिका शक्ति का औपचारिक प्रमुख है। सभी कार्यपालिका कार्य राष्ट्रपति के नाम से किए जाते हैं। वह तीनों सेनाओं का सर्वोच्च कमांडर है और संसद का अभिन्न अंग है।

मुख्य भूमिकाएं: राष्ट्रपति की भूमिका मुख्यतः औपचारिक है। वह मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करता है। हालांकि, संवैधानिक संकट की स्थिति में राष्ट्रपति की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। उदाहरण के लिए, जब किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता या सरकार गिर जाती है।

विशेष परिस्थितियां: आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति की शक्तियां बढ़ जाती हैं। राष्ट्रीय आपातकाल, राज्यों में राष्ट्रपति शासन और वित्तीय आपातकाल की घोषणा करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है।

निष्कर्ष: भारतीय संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति की भूमिका संतुलनकारी है। वह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है और संवैधानिक मूल्यों का संरक्षक है।

निबंध प्रश्न 2: भारत में प्रधानमंत्री की शक्तियों और संसदीय प्रणाली में उसकी केंद्रीय भूमिका पर चर्चा करें। (300 शब्द)
उत्तर:

भारतीय संसदीय प्रणाली में प्रधानमंत्री सरकार का वास्तविक प्रमुख है। यद्यपि संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख है, लेकिन व्यावहारिक दृष्टि से प्रधानमंत्री ही सर्वोच्च शक्ति का प्रयोगकर्ता है।

संवैधानिक आधार: अनुच्छेद 75 के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। सामान्यतः लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता प्रधानमंत्री बनता है। प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का मुखिया होता है और सभी महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों में उसकी केंद्रीय भूमिका होती है।

शक्तियां और अधिकार: प्रधानमंत्री की मुख्य शक्तियां हैं - मंत्रिपरिषद का गठन, मंत्रालयों का आवंटन, नीति निर्माण में नेतृत्व, संसदीय कार्यों का संचालन, और राष्ट्रपति को सलाह देना। वह राष्ट्रीय सुरक्षा समिति का अध्यक्ष है और योजना आयोग (अब नीति आयोग) का पदेन अध्यक्ष है।

संसदीय नेतृत्व: प्रधानमंत्री लोकसभा में सरकारी दल का नेता होता है। वह संसद में सरकार की नीतियों का बचाव करता है और विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर देता है। विश्वास मत प्राप्त करना और बनाए रखना उसकी मुख्य जिम्मेदारी है।

अंतर्राष्ट्रीय भूमिका: विदेश नीति के क्षेत्र में प्रधानमंत्री की निर्णायक भूमिका है। वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है और द्विपक्षीय संबंधों का नेतृत्व करता है।

चुनौतियां: गठबंधन राजनीति के युग में प्रधानमंत्री को विभिन्न दलों के हितों में संतुलन बनाना पड़ता है। संघीय ढांचे में राज्य सरकारों के साथ समन्वय भी एक चुनौती है।

निष्कर्ष: भारतीय प्रधानमंत्री की भूमिका ब्रिटिश प्रधानमंत्री से प्रभावित है लेकिन भारतीय संदर्भ में इसकी अपनी विशेषताएं हैं। संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता के कारण यह पद लोकतांत्रिक शासन का केंद्र बना है।

निबंध प्रश्न 3: भारतीय संसदीय व्यवस्था में उपराष्ट्रपति की भूमिका और महत्व का मूल्यांकन करें। (200 शब्द)
उत्तर:

भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति का पद अमेरिकी संविधान से प्रेरित है। अनुच्छेद 63 के अनुसार भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा जो राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।

संवैधानिक स्थिति: उपराष्ट्रपति की द्विविध भूमिका है - राज्यसभा का सभापति और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति। यह अमेरिकी मॉडल से अलग है जहाँ उपराष्ट्रपति केवल सीनेट का पदेन अध्यक्ष है।

राज्यसभा सभापति के रूप में: उपराष्ट्रपति राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करता है। वह सदन में व्यवस्था बनाए रखता है और संसदीय प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करता है। निर्णायक मत का अधिकार उसके पास नहीं है।

कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका: राष्ट्रपति की मृत्यु, त्यागपत्र या महाभियोग की स्थिति में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति का कार्य करता है। इस अवधि में उसे राष्ट्रपति की सभी शक्तियां प्राप्त होती हैं।

व्यावहारिक महत्व: उपराष्ट्रपति की भूमिका मुख्यतः औपचारिक है लेकिन संवैधानिक निरंतरता बनाए रखने में यह महत्वपूर्ण है। राज्यसभा में सभापति के रूप में वह द्विसदनीय व्यवस्था को प्रभावी बनाने में योगदान देता है।

निष्कर्ष: यद्यपि उपराष्ट्रपति का पद प्रभावशाली नहीं है, लेकिन संवैधानिक व्यवस्था में इसकी उपयोगिता निर्विवाद है।

परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु:

  • राष्ट्रपति के चुनाव में मत के मूल्य की गणना
  • आपातकालीन प्रावधानों की विस्तृत जानकारी
  • संसदीय प्रक्रियाओं में प्रधानमंत्री की भूमिका
  • संविधान संशोधन में राष्ट्रपति की भूमिका
  • उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया
  • मंत्रिपरिषद और प्रधानमंत्री के संबंध

भारतीय राजनीति – राज्य व्यवस्था (President, Vice-President, Prime Minister)

Election, Qualifications, Powers, Tenure, Special Provisions

Quick Facts

  • राष्ट्रपति: देश का संवैधानिक प्रमुख; चुनाव – निर्वाचक मंडल द्वारा; कार्यकाल – 5 वर्ष; पुनर्निर्वाचन संभव।
  • राष्ट्रपति की शक्तियाँ: कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका, आपातकालीन, सैन्य।
  • उपराष्ट्रपति: राज्यसभा के सभापति; चुनाव – संसद के दोनों सदनों के सदस्य; कार्यकाल – 5 वर्ष।
  • प्रधानमंत्री: वास्तविक कार्यपालिका प्रमुख; नियुक्ति – राष्ट्रपति द्वारा; मंत्रिपरिषद के नेता।
  • प्रधानमंत्री की भूमिका: नीति निर्माण, मंत्रिपरिषद संचालन, राष्ट्रपति को सलाह।

PYQ-Style MCQs

  1. भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?
    Answer: निर्वाचक मंडल

    लोकसभा व राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य + राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य।

  2. राज्यसभा के पदेन सभापति कौन होते हैं?
    Answer: उपराष्ट्रपति

    भारतीय संविधान के अनुसार।

  3. वास्तविक कार्यपालिका शक्ति किसके पास होती है?
    Answer: प्रधानमंत्री

    मंत्रिपरिषद के नेता और नीति निर्माण में प्रमुख भूमिका।

  4. राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
    Answer: 5 वर्ष

    पुनर्निर्वाचन की अनुमति है।

  5. प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है?
    Answer: राष्ट्रपति

    आमतौर पर लोकसभा में बहुमत दल के नेता को।

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