भारतीय संविधान – राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद – RPSC PYQ

| अगस्त 11, 2025
भारतीय संविधान में कार्यपालिका | राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद | RPSC UPSC

भारतीय संविधान में कार्यपालिका

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की संपूर्ण जानकारी

प्रस्तावना

भारतीय संविधान में कार्यपालिका का ढांचा संसदीय प्रणाली पर आधारित है। भारत में द्विस्तरीय कार्यपालिका है - नाममात्र की कार्यपालिका (राष्ट्रपति) और वास्तविक कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद)। यह प्रणाली ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से प्रेरित है।

कार्यपालिका की मुख्य विशेषताएं:

• संसदीय प्रणाली पर आधारित

• द्विस्तरीय कार्यपालिका

• सामूहिक उत्तरदायित्व का सिद्धांत

• राष्ट्रपति नाममात्र का प्रमुख, प्रधानमंत्री वास्तविक प्रमुख

• मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी

परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण: भारतीय कार्यपालिका का ढांचा संविधान के भाग-5 (अनुच्छेद 52-78) में वर्णित है।

राष्ट्रपति

संवैधानिक स्थिति

संबंधित अनुच्छेद: अनुच्छेद 52-62

अनुच्छेद 52: भारत का एक राष्ट्रपति होगा

अनुच्छेद 53: संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित

योग्यताएं (अनुच्छेद 58)

योग्यता विवरण
नागरिकता भारत का नागरिक हो
आयु 35 वर्ष की आयु पूर्ण हो
योग्यता लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता हो
निषेध सरकार के अधीन किसी लाभकारी पद पर न हो

निर्वाचन प्रक्रिया (अनुच्छेद 54-55)

निर्वाचक मंडल:

• लोकसभा के निर्वाचित सदस्य

• राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य

• राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य

• दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभा के निर्वाचित सदस्य (61वां संशोधन)

मत मूल्य की गणना:

विधायक का मत मूल्य = राज्य की जनसंख्या / (विधानसभा के निर्वाचित सदस्य × 1000)

सांसद का मत मूल्य = सभी विधायकों के मतों का योग / (लोकसभा + राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य)

वर्तमान में सांसद का मत मूल्य: 708

कार्यकाल

कार्यकाल: 5 वर्ष (अनुच्छेद 56)

पुनर्निवाचन: कितनी भी बार हो सकता है

शपथ: भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा (अनुच्छेद 60)

महाभियोग प्रक्रिया (अनुच्छेद 61)

आधार: संविधान का उल्लंघन

प्रक्रिया:

• संसद के किसी भी सदन में आरोप लगाया जा सकता है

• 1/4 सदस्यों के हस्ताक्षर और 14 दिन का नोटिस आवश्यक

• आरोप लगाने वाले सदन में 2/3 बहुमत से पारित

• दूसरे सदन में जांच और 2/3 बहुमत से पुष्टि

राष्ट्रपति की शक्तियाँ

कार्यपालिका शक्तियाँ

• प्रधानमंत्री की नियुक्ति

• प्रधानमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति

• भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति

• नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की नियुक्ति

• मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति

• राज्यपालों की नियुक्ति

• केंद्रशासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर की नियुक्ति

विधायी शक्तियाँ

• संसद के अधिवेशन बुलाना और स्थगित करना

• लोकसभा का विघटन

• संसद के दोनों सदनों को संबोधित करना

• संसद में विधेयक पेश करवाना

• विधेयकों पर अनुमति देना या वापस भेजना

• अध्यादेश जारी करना (अनुच्छेद 123)

न्यायिक शक्तियाँ

• सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति

• सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति

• उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति

• दंड को कम करना, क्षमा करना (अनुच्छेद 72)

वित्तीय शक्तियाँ

• वित्त आयोग का गठन

• आकस्मिकता निधि पर नियंत्रण

• धन विधेयक पर अनुमति

कूटनीतिक शक्तियाँ

• राजदूतों की नियुक्ति

• विदेशी राजदूतों का स्वागत

• अंतर्राष्ट्रीय संधियों पर हस्ताक्षर

शक्ति का प्रकार मुख्य शक्तियाँ संबंधित अनुच्छेद
कार्यपालिका नियुक्तियाँ, प्रशासन 53, 74, 75
विधायी अधिवेशन, अध्यादेश 85, 123
न्यायिक न्यायाधीशों की नियुक्ति, क्षमादान 72, 124
आपातकालीन तीन प्रकार के आपातकाल 352, 356, 360
वित्तीय वित्त आयोग, आकस्मिकता निधि 280, 267

उपराष्ट्रपति

संवैधानिक स्थिति

संबंधित अनुच्छेद: अनुच्छेद 63-71

अनुच्छेद 63: भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा

अनुच्छेद 64: उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा

योग्यताएं (अनुच्छेद 66)

योग्यता विवरण
नागरिकता भारत का नागरिक हो
आयु 35 वर्ष की आयु पूर्ण हो
योग्यता राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यता हो
निषेध सरकार के अधीन किसी लाभकारी पद पर न हो

निर्वाचन प्रक्रिया

निर्वाचक मंडल:

• लोकसभा के सदस्य (निर्वाचित + मनोनीत)

• राज्यसभा के सदस्य (निर्वाचित + मनोनीत)

महत्वपूर्ण अंतर: उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्य विधानसभाओं के सदस्य भाग नहीं लेते।

कार्यकाल और शक्तियाँ

कार्यकाल: 5 वर्ष

वेतन: राज्यसभा के सभापति के रूप में

मुख्य कार्य:

• राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य

• राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन

• राष्ट्रपति पद रिक्त होने पर 6 महीने तक कार्यकारी राष्ट्रपति

पदमुक्ति (अनुच्छेद 67)

• राज्यसभा के सदस्यों के बहुमत से पारित प्रस्ताव

• लोकसभा की सहमति आवश्यक

• राष्ट्रपति को त्यागपत्र

प्रधानमंत्री

संवैधानिक स्थिति

संबंधित अनुच्छेद: अनुच्छेद 74-75

अनुच्छेद 74: राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद

अनुच्छेद 75: मंत्रियों की नियुक्ति, योग्यता, उत्तरदायित्व

नियुक्ति प्रक्रिया

नियुक्तिकर्ता: राष्ट्रपति

सिद्धांत: लोकसभा में बहुमत दल का नेता

शर्तें:

• संसद का सदस्य होना चाहिए

• यदि संसद का सदस्य नहीं है तो 6 महीने में सदस्य बनना होगा

• 25 वर्ष की आयु (लोकसभा के लिए)

कार्यकाल

निश्चित कार्यकाल: कोई नहीं

पद पर बने रहने की शर्त: लोकसभा का विश्वास

सामान्य कार्यकाल: 5 वर्ष (लोकसभा के साथ)

प्रधानमंत्री की शक्तियाँ और कार्य

मंत्रिपरिषद से संबंधित

• मंत्रियों की नियुक्ति में राष्ट्रपति को सलाह

• मंत्रियों के बीच कार्य विभाजन

• मंत्रियों के त्यागपत्र की सिफारिश

• मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता

राष्ट्रपति से संबंधित

• राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच कड़ी

• मंत्रिमंडल के निर्णयों से राष्ट्रपति को अवगत कराना

• राष्ट्रपति द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराना

संसद से संबंधित

• सरकार का मुख्य प्रवक्ता

• नीति संबंधी घोषणाएं

• सरकार की ओर से उत्तरदायित्व

राष्ट्रीय स्तर पर

• नीति निर्माण में नेतृत्व

• राष्ट्रीय सुरक्षा का मुख्य संरक्षक

• अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व

प्रधानमंत्री की विशेष स्थिति:

• सरकार का वास्तविक मुखिया

• मंत्रिपरिषद का नेता

• नीति निर्माण का केंद्र

• "बराबरों में प्रथम" (First among equals)

मंत्रिपरिषद

संवैधानिक प्रावधान

संबंधित अनुच्छेद: अनुच्छेद 74-75

अनुच्छेद 75(1): लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के 15% से अधिक मंत्री नहीं हो सकते

91वां संशोधन (2003): मंत्रियों की संख्या सीमा निर्धारित

मंत्रियों के प्रकार

मंत्री का प्रकार स्थिति अधिकार
कैबिनेट मंत्री सर्वोच्च स्तर एक या अधिक विभागों का स्वतंत्र प्रभार
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मध्यम स्तर विभाग का स्वतंत्र प्रभार, कैबिनेट सदस्य नहीं
राज्य मंत्री निम्न स्तर कैबिनेट मंत्री के अधीन कार्य
उप मंत्री सबसे निम्न स्तर राज्य मंत्री के अधीन कार्य

नियुक्ति और योग्यताएं

नियुक्ति: राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर

योग्यताएं:

• संसद का सदस्य होना चाहिए

• यदि नहीं है तो 6 महीने में बनना होगा

• भारत का नागरिक हो

• 25 वर्ष (लोकसभा) या 30 वर्ष (राज्यसभा) की आयु

शपथ और गोपनीयता

शपथ दिलाने वाला: राष्ट्रपति

शपथ के प्रकार:

• पद की शपथ

• गोपनीयता की शपथ

वेतन और भत्ते

वेतन: संसद द्वारा निर्धारित

सुविधाएं: आवास, परिवहन, सुरक्षा

मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी

सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत:

• सभी मंत्री संयुक्त रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी

• एक मंत्री की गलती से पूरी सरकार गिर सकती है

• सभी मंत्री कैबिनेट के निर्णयों का समर्थन करते हैं

• असहमति की स्थिति में त्यागपत्र देना पड़ता है

व्यक्तिगत उत्तरदायित्व

• प्रत्येक मंत्री अपने विभाग के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार

• संसद में प्रश्नों का उत्तर देना

• विभागीय नीतियों का औचित्य सिद्ध करना

मंत्रिपरिषद की समाप्ति

स्थितियां:

• प्रधानमंत्री की मृत्यु

• प्रधानमंत्री का त्यागपत्र

• लोकसभा का विघटन

• अविश्वास प्रस्ताव पारित होना

• विश्वास मत हारना

शक्तियों की तुलना

राष्ट्रपति बनाम प्रधानमंत्री

विषय राष्ट्रपति प्रधानमंत्री
संवैधानिक स्थिति नाममात्र का मुखिया वास्तविक मुखिया
कार्यकाल 5 वर्ष (निश्चित) लोकसभा के विश्वास तक
चुनाव अप्रत्यक्ष (निर्वाचक मंडल) प्रत्यक्ष (लोकसभा चुनाव)
शक्ति का स्रोत संविधान लोकसभा में बहुमत
उत्तरदायित्व संविधान के प्रति लोकसभा के प्रति
वास्तविक शक्ति सीमित (मंत्रिपरिषद की सलाह पर) व्यापक (वास्तविक निर्णयकर्ता)

केंद्र बनाम राज्य (कार्यपालिका तुलना)

केंद्र राज्य
राष्ट्रपति (अनुच्छेद 52) राज्यपाल (अनुच्छेद 153)
प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री
मंत्रिपरिषद राज्य मंत्रिपरिषद
लोकसभा के प्रति उत्तरदायी विधानसभा के प्रति उत्तरदायी

संवैधानिक अनुच्छेद

राष्ट्रपति संबंधी अनुच्छेद

अनुच्छेद विषय मुख्य प्रावधान
52 राष्ट्रपति भारत का एक राष्ट्रपति होगा
53 कार्यपालिका शक्ति संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित
54 निर्वाचन राष्ट्रपति का निर्वाचन निर्वाचक मंडल द्वारा
55 निर्वाचन की रीति आनुपातिक प्रतिनिधित्व, एकल संक्रमणीय मत
56 कार्यकाल 5 वर्ष, पुनर्निवाचन संभव
58 योग्यताएं नागरिकता, 35 वर्ष आयु, योग्यता
60 शपथ मुख्य न्यायाधीश द्वारा शपथ
61 महाभियोग संविधान उल्लंघन के लिए महाभियोग
72 क्षमादान मृत्युदंड सहित सभी दंडों में क्षमादान
123 अध्यादेश संसद के अवकाश में अध्यादेश जारी करना

मंत्रिपरिषद संबंधी अनुच्छेद

अनुच्छेद विषय मुख्य प्रावधान
74 मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को सहायता और सलाह
75 मंत्रियों की नियुक्ति नियुक्ति, योग्यता, उत्तरदायित्व
78 प्रधानमंत्री के कर्तव्य राष्ट्रपति को जानकारी देना

आपातकाल संबंधी अनुच्छेद

अनुच्छेद आपातकाल का प्रकार घोषणा का आधार
352 राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध, बाह्य आक्रमण, सशस्त्र विद्रोह
356 राज्यपाल शासन राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता
360 वित्तीय आपातकाल वित्तीय स्थिरता को खतरा

आपातकालीन शक्तियाँ

राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)

घोषणा के आधार:

• युद्ध

• बाह्य आक्रमण

• सशस्त्र विद्रोह (44वां संशोधन)

प्रक्रिया:

• मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश आवश्यक

• संसद की अनुमति 1 महीने में

• 6 महीने बाद पुनः अनुमोदन

प्रभाव:

• केंद्र सरकार की शक्ति बढ़ जाती है

• राज्य सरकारें केंद्र के नियंत्रण में

• मौलिक अधिकार स्थगित (अनुच्छेद 20-21 को छोड़कर)

• वित्तीय संघवाद प्रभावित

राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356)

आधार:

• राज्यपाल की रिपोर्ट

• राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता

• संविधान के प्रावधानों के अनुसार शासन न चलना

प्रभाव:

• राज्य सरकार की बर्खास्तगी

• राज्य विधानसभा का निलंबन/विघटन

• राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में

• केंद्र सरकार द्वारा प्रत्यक्ष शासन

वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)

आधार:

• भारत या इसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा

प्रभाव:

• केंद्र सरकार राज्यों को वित्तीय दिशा-निर्देश दे सकती है

• न्यायाधीशों के वेतन में कटौती

• धन विधेयक राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित

महत्वपूर्ण तथ्य: अब तक केवल राष्ट्रीय आपातकाल (3 बार) और राष्ट्रपति शासन (100+ बार) लगाया गया है। वित्तीय आपातकाल कभी नहीं लगा।

ऐतिहासिक विकास

संविधान सभा में बहस

राष्ट्रपति की स्थिति पर बहस:

• नेहरू vs पटेल: शक्तिशाली राष्ट्रपति बनाम कमजोर राष्ट्रपति

• अंततः ब्रिटिश मॉडल अपनाया गया

• राष्ट्रपति को नाममात्र का मुखिया बनाया गया

प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं

1975-77: आपातकाल का दुरुपयोग

1979: चरण सिंह सरकार (बिना बहुमत)

1989-91: गैर-कांग्रेसी सरकारें

1996 के बाद: गठबंधन की राजनीति

न्यायिक व्याख्याएं

महत्वपूर्ण केस:

राम जवाया बनाम पंजाब राज्य (1955): राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह मानने को बाध्य

शमशेर सिंह बनाम पंजाब राज्य (1974): राष्ट्रपति की सभी शक्तियां मंत्रिपरिषद द्वारा प्रयोग

एस.आर. बोम्मई केस (1994): अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग रोकने के दिशानिर्देश

संवैधानिक संशोधन

कार्यपालिका से संबंधित महत्वपूर्ण संशोधन

संशोधन वर्ष मुख्य प्रावधान
42वां 1976 राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह मानने को बाध्य
44वां 1978 आपातकाल में सुधार, "आंतरिक अशांति" हटाया
61वां 1989 मतदान की आयु 21 से 18 वर्ष
91वां 2003 मंत्रिपरिषद का आकार सीमित (15%)

प्रस्तावित सुधार

द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशें:

• राष्ट्रपति की शक्तियों में स्पष्टता

• मंत्रिपरिषद के आकार में और कमी

• आपातकाल के प्रावधानों में सुधार

न्यायमूर्ति वेंकटचलैया आयोग की सिफारिशें:

• राष्ट्रपति चुनाव में सुधार

• मंत्रियों की योग्यता निर्धारण

• निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता

RPSC पूर्व परीक्षा प्रश्नोत्तरी

वर्ष-सहित RPSC प्रश्न

प्रश्न 1: भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन किस पद्धति से होता है? (RPSC 2021)

(a) प्रत्यक्ष निर्वाचन

(b) आनुपातिक प्रतिनिधित्व

(c) एकल संक्रमणीय मत पद्धति

(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (c) एकल संक्रमणीय मत पद्धति
व्याख्या: अनुच्छेद 55 के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एकल संक्रमणीय मत पद्धति से होता है।

प्रश्न 2: मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से किसके प्रति उत्तरदायी है? (RPSC 2020)

(a) राष्ट्रपति के प्रति

(b) लोकसभा के प्रति

(c) राज्यसभा के प्रति

(d) सर्वोच्च न्यायालय के प्रति

उत्तर: (b) लोकसभा के प्रति
व्याख्या: अनुच्छेद 75(3) के अनुसार मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का वर्णन है? (RPSC 2019)

(a) अनुच्छेद 70

(b) अनुच्छेद 72

(c) अनुच्छेद 74

(d) अनुच्छेद 76

उत्तर: (b) अनुच्छेद 72
व्याख्या: अनुच्छेद 72 में राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का वर्णन है जिसमें मृत्युदंड सहित सभी दंडों को कम करना, स्थगित करना या क्षमा करना शामिल है।

प्रश्न 4: राष्ट्रपति पद के लिए न्यूनतम आयु कितनी है? (RPSC 2018)

(a) 30 वर्ष

(b) 35 वर्ष

(c) 40 वर्ष

(d) 25 वर्ष

उत्तर: (b) 35 वर्ष
व्याख्या: अनुच्छेद 58 के अनुसार राष्ट्रपति पद के लिए न्यूनतम आयु 35 वर्ष है।

प्रश्न 5: भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कौन करता है? (RPSC 2017)

(a) केवल लोकसभा के सदस्य

(b) केवल राज्यसभा के सदस्य

(c) संसद के दोनों सदनों के सदस्य

(d) राज्य विधानसभाओं के सदस्य

उत्तर: (c) संसद के दोनों सदनों के सदस्य
व्याख्या: अनुच्छेद 66 के अनुसार उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्य (निर्वाचित + मनोनीत) करते हैं।

प्रश्न 6: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जाती है? (RPSC 2016)

(a) अनुच्छेद 350

(b) अनुच्छेद 352

(c) अनुच्छेद 356

(d) अनुच्छेद 360

उत्तर: (b) अनुच्छेद 352
व्याख्या: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा अनुच्छेद 352 के तहत युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर की जाती है।

प्रश्न 7: 91वें संविधान संशोधन (2003) का संबंध किससे है? (RPSC 2022)

(a) मतदान की आयु

(b) मंत्रिपरिषद का आकार

(c) राष्ट्रपति की शक्तियां

(d) न्यायपालिका की स्वतंत्रता

उत्तर: (b) मंत्रिपरिषद का आकार
व्याख्या: 91वें संशोधन द्वारा मंत्रिपरिषद का आकार लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के 15% तक सीमित किया गया।

प्रश्न 8: राष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है? (RPSC 2015)

(a) प्रधानमंत्री

(b) उपराष्ट्रपति

(c) मुख्य न्यायाधीश

(d) लोकसभा अध्यक्ष

उत्तर: (c) मुख्य न्यायाधीश
व्याख्या: अनुच्छेद 60 के अनुसार राष्ट्रपति को शपथ भारत के मुख्य न्यायाधीश दिलाते हैं।

अभ्यास प्रश्नोत्तरी

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1: राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में कौन शामिल नहीं है?

(a) लोकसभा के निर्वाचित सदस्य

(b) राज्यसभा के मनोनीत सदस्य

(c) राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य

(d) राज्य विधान परिषदों के सदस्य

उत्तर: (d) राज्य विधान परिषदों के सदस्य
राष्ट्रपति के निर्वाचन में राज्य विधान परिषदों के सदस्य भाग नहीं लेते। केवल विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।

प्रश्न 2: निम्न में से कौन सा कथन सही है?

(a) राष्ट्रपति संसद का सदस्य हो सकता है

(b) प्रधानमंत्री संसद का सदस्य होना आवश्यक है

(c) मंत्री संसद का सदस्य नहीं हो सकता

(d) उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सदस्य होता है

उत्तर: (b) प्रधानमंत्री संसद का सदस्य होना आवश्यक है
अनुच्छेद 75 के अनुसार मंत्री (प्रधानमंत्री सहित) का संसद का सदस्य होना आवश्यक है या 6 महीने में बनना होगा।

प्रश्न 3: "पहले सलाह लें फिर नियुक्ति करें" का सिद्धांत किससे संबंधित है?

(a) राष्ट्रपति की नियुक्तियां

(b) मंत्रियों की नियुक्ति

(c) राज्यपालों की नियुक्ति

(d) न्यायाधीशों की नियुक्ति

उत्तर: (d) न्यायाधीशों की नियुक्ति
न्यायाधीशों की नियुक्ति में "पहले सलाह लें फिर नियुक्ति करें" का सिद्धांत लागू होता है जो कॉलेजियम सिस्टम का आधार है।

प्रश्न 4: राष्ट्रपति की कौन सी शक्ति निरपेक्ष (Absolute) है?

(a) प्रधानमंत्री की नियुक्ति

(b) अध्यादेश जारी करना

(c) सेना की सर्वोच्च कमान

(d) कोई भी नहीं

उत्तर: (d) कोई भी नहीं
42वें संशोधन के बाद राष्ट्रपति की कोई भी शक्ति निरपेक्ष नहीं है। सभी कार्य मंत्रिपरिषद की सलाह पर करने होते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की शक्तियों में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:

राष्ट्रपति की शक्तियां:

• नाममात्र की शक्तियां (Nominal Powers)

• संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियां

• मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य

• कोई वास्तविक निर्णय शक्ति नहीं

• संवैधानिक प्रमुख (Constitutional Head)

प्रधानमंत्री की शक्तियां:

• वास्तविक शक्तियां (Real Powers)

• लोकसभा में बहुमत के आधार पर शक्ति

• नीति निर्माण और क्रियान्वयन

• सरकार का वास्तविक नेता

• कार्यपालिका का प्रमुख (Executive Head)

प्रश्न 6: मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत को समझाएं।

उत्तर:

सामूहिक जिम्मेदारी का अर्थ:

• सभी मंत्री संयुक्त रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी

• सभी मंत्री कैबिनेट के निर्णयों के लिए समान रूप से जिम्मेदार

• एक मंत्री की गलती से पूरी सरकार गिर सकती है

व्यावहारिक पहलू:

• अविश्वास प्रस्ताव पूरी सरकार के खिलाफ

• मंत्री व्यक्तिगत मतभेद सार्वजनिक नहीं कर सकते

• असहमति की स्थिति में त्यागपत्र देना पड़ता है

• सभी मंत्री कैबिनेट के निर्णयों का बचाव करते हैं

महत्व:

• सरकार की एकजुटता बनी रहती है

• नीतियों में स्थिरता

• संसदीय प्रणाली की आधारशिला

प्रश्न 7: राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों का वर्णन करें।

उत्तर:

राष्ट्रपति तीन प्रकार के आपातकाल घोषित कर सकता है:

1. राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352):

• आधार: युद्ध, बाह्य आक्रमण, सशस्त्र विद्रोह

• प्रभाव: केंद्र की शक्ति बढ़ जाती है

• मौलिक अधिकार स्थगित (अनुच्छेद 20-21 छोड़कर)

2. राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356):

• आधार: राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता

• प्रभाव: राज्य सरकार बर्खास्त

• केंद्र द्वारा प्रत्यक्ष शासन

3. वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360):

• आधार: वित्तीय स्थिरता को खतरा

• प्रभाव: केंद्र राज्यों को वित्तीय निर्देश

• अब तक कभी नहीं लगा

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 8: भारतीय संसदीय प्रणाली की विशेषताओं का वर्णन करते हुए इसके गुण-दोषों का विश्लेषण करें।

उत्तर:

भारतीय संसदीय प्रणाली की विशेषताएं:

1. संवैधानिक विशेषताएं:

• द्विस्तरीय कार्यपालिका (नाममात्र + वास्तविक)

• राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख, प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख

• मंत्रिमंडल लोकसभा से निकलता है

• सामूहिक उत्तरदायित्व का सिद्धांत

2. व्यावहारिक विशेषताएं:

• विधायिका और कार्यपालिका में घनिष्ठ संबंध

• मंत्री संसद के सदस्य होते हैं

• प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव

• अविश्वास प्रस्ताव की व्यवस्था

गुण:

1. जवाबदेही:

• सरकार संसद के प्रति जवाबदेह

• नियमित प्रश्नोत्तर से नियंत्रण

• कार्यकारी शक्ति पर विधायी नियंत्रण

2. एकरूपता:

• नीति निर्माण और क्रियान्वयन में तालमेल

• विधायिका-कार्यपालिका संघर्ष नहीं

• त्वरित निर्णय लेने की क्षमता

3. लचीलापन:

• बदलती परिस्थितियों के अनुकूल

• आपातकाल में प्रभावी

• गठबंधन सरकारों की संभावना

दोष:

1. अस्थिरता:

• कमजोर सरकारों की संभावना

• गठबंधन की राजनीति में अस्थिरता

• त्वरित सरकार परिवर्तन

2. तानाशाही की संभावना:

• प्रबल बहुमत में विपक्ष की उपेक्षा

• व्हिप सिस्टम से सांसदों की स्वतंत्रता में कमी

• दल-बदल की राजनीति

3. व्यक्तित्व पर निर्भरता:

• प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत शक्ति अधिक

• मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री का वर्चस्व

• संस्थागत कमजोरी

निष्कर्ष:

भारतीय संसदीय प्रणाली ने 75 वर्षों में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। गुण-दोषों के बावजूद यह भारतीय परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में सफल रही है।

प्रश्न 9: राष्ट्रपति की स्थिति एवं भूमिका का आलोचनात्मक विश्लेषण करें।

उत्तर:

राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति:

1. सैद्धांतिक स्थिति:

• राज्य का प्रमुख (Head of State)

• संघ की कार्यपालिका शक्ति निहित (अनुच्छेद 53)

• संविधान का संरक्षक

• राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

2. व्यावहारिक स्थिति:

• नाममात्र का मुखिया (Titular Head)

• मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य

• रबर स्टैम्प की भूमिका

• सीमित विवेकाधीन शक्तियां

राष्ट्रपति की भूमिकाएं:

1. संवैधानिक भूमिका:

• संविधान के प्रावधानों का पालन

• संस्थानों के बीच संतुलन

• संघीय व्यवस्था में राज्यों के साथ संबंध

• न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना

2. राजनीतिक भूमिका:

• सरकार गठन में भूमिका

• त्रिशंकु संसद की स्थिति में निर्णय

• विधेयकों पर अनुमति या वापसी

• अध्यादेश जारी करना

3. प्रतीकात्मक भूमिका:

• राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

• अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व

• सामाजिक सद्भावना के संदेश

• धर्मनिरपेक्षता की रक्षा

विवेकाधीन शक्तियां:

1. सरकार गठन:

• त्रिशंकु संसद में प्रधानमंत्री की नियुक्ति

• बहुमत की जांच

• फ्लोर टेस्ट कराना

2. संसद विघटन:

• समय से पूर्व विघटन की स्थिति में

• प्रधानमंत्री की सलाह की जांच

3. अध्यादेश वापसी:

• संविधान विरोधी अध्यादेश

• न्यायसंगत आधार पर वापसी

आलोचनाएं:

1. शक्ति की कमी:

• वास्तविक निर्णय शक्ति नहीं

• मंत्रिपरिषद की कठपुतली

• स्वतंत्र व्यक्तित्व की कमी

2. निर्वाचन प्रक्रिया:

• अप्रत्यक्ष चुनाव

• दलीय राजनीति का प्रभाव

• वास्तविक प्रतिनिधित्व नहीं

सुधार के सुझाव:

1. शक्ति संतुलन:

• कुछ विशेष शक्तियों में स्वतंत्रता

• संविधान संरक्षण की भूमिका बढ़ाना

• न्यायिक नियुक्तियों में भूमिका

2. निर्वाचन सुधार:

• प्रत्यक्ष चुनाव का विकल्प

• योग्यता आधारित चयन

• राजनीतिक प्रभाव में कमी

निष्कर्ष:

राष्ट्रपति की भूमिका संसदीय प्रणाली की आवश्यकताओं के अनुकूल है। यद्यपि वास्तविक शक्ति सीमित है, फिर भी संवैधानिक संरक्षक और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में राष्ट्रपति की भूमिका महत्वपूर्ण है।

  1. प्रश्न: भारत के राष्ट्रपति का चुनाव किस प्रकार होता है और निर्वाचन मंडल में कौन‑कौन शामिल होते हैं?

    उत्तर: एकल हस्तांतरणीय मत द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली; निर्वाचन मंडल—लोकसभा व राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य + राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (दिल्ली, पुडुचेरी) की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

  2. прश्न: उपराष्ट्रपति का चुनाव किस निर्वाचन मंडल द्वारा होता है?

    उत्तर: संसद के दोनों सदनों के सदस्य (निर्वाचित + मनोनीत), एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली से।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016

  3. प्रश्न: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

    उत्तर: दोनों का कार्यकाल 5 वर्ष।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021

  4. प्रश्न: राष्ट्रपति पर महाभियोग (Impeachment) किस आधार पर और कैसे लगाया जाता है?

    उत्तर: संविधान के उल्लंघन पर; किसी भी सदन द्वारा प्रस्ताव, विशेष बहुमत से पारित होकर दूसरे सदन की जाँच व विशेष बहुमत से अनुमोदन आवश्यक।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

  5. प्रश्न: उपराष्ट्रपति को पद से हटाने की प्रक्रिया क्या है?

    उत्तर: राज्यसभा का प्रस्ताव (बहुमत से), जिसे लोकसभा द्वारा सहमत किया जाए—महाभियोग शब्द लागू नहीं।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016

  6. प्रश्न: राष्ट्रपति की अनुपस्थिति/रिक्ति में कार्यवाहक राष्ट्रपति कौन बनता है?

    उत्तर: उपराष्ट्रपति; यदि दोनों पद रिक्त हों तो भारत के मुख्य न्यायाधीश (या वरिष्ठतम न्यायाधीश)।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021

  7. प्रश्न: प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है?

    उत्तर: राष्ट्रपति; सामान्यतः लोकसभा में बहुमत दल/गठबंधन के नेता को।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

  8. प्रश्न: मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से किसके प्रति उत्तरदायी होती है?

    उत्तर: लोकसभा के प्रति (अनुच्छेद 75(3)).

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016/2021

  9. प्रश्न: मंत्रिपरिषद/मंत्रिपरिषद का आकार किस संशोधन से सीमित किया गया?

    उत्तर: 91वां संविधान संशोधन (2003): केंद्र में मंत्रियों की संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों के 15% से अधिक नहीं।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

  10. प्रश्न: राष्ट्रपति क्षमादान शक्ति किस अनुच्छेद में है?

    उत्तर: अनुच्छेद 72—दंड क्षमा, स्थगन, परिहार आदि; विशेषकर मृत्युदंड मामलों में।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016

  11. प्रश्न: मंत्री यदि 6 माह के भीतर संसद का सदस्य न बने तो क्या होगा?

    उत्तर: वह मंत्री पद पर बने रहने का अधिकार खो देता है (6 माह के भीतर किसी भी सदन की सदस्यता आवश्यक)।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021

  12. प्रश्न: राष्ट्रपति किसके ‘परामर्श’ पर कार्य करता है और क्या वह परामर्श बाध्यकारी है?

    उत्तर: मंत्रिपरिषद/प्रधानमंत्री के परामर्श पर; 42वें व 44वें संशोधन के बाद परामर्श बाध्यकारी माना जाता है।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

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