Physics – Light, Reflection, Refraction & Lenses (RPSC & UPSC PYQ)
प्रकाश और प्रकाशिकी
परावर्तन, अपवर्तन, लेंस और प्रकाशिकी के प्रमुख सिद्धांत
विषय सूची
प्रकाश की प्रकृति
प्रकाश की द्विक प्रकृति
प्रकाश की प्रकृति के बारे में दो मुख्य सिद्धांत हैं:
1. तरंग सिद्धांत (Wave Theory):
• प्रकाश एक विद्युत चुम्बकीय तरंग है
• यह निर्वात में भी चल सकता है
• इसकी गति c = 3 × 10⁸ m/s है
• तरंगदैर्घ्य (λ) और आवृत्ति (ν) का गुणनफल प्रकाश की गति देता है
2. कण सिद्धांत (Particle Theory):
• प्रकाश फोटॉन कणों से मिलकर बना है
• प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा E = hν है
• यह फोटो-इलेक्ट्रिक प्रभाव को समझाता है
जहाँ h = प्लांक स्थिरांक = 6.626 × 10⁻³⁴ J.s
प्रकाश की विशेषताएं
गुण | मान | टिप्पणी |
---|---|---|
निर्वात में गति | 2.998 × 10⁸ m/s | सभी विद्युत चुम्बकीय तरंगों के लिए समान |
दृश्य प्रकाश तरंगदैर्घ्य | 380-750 nm | बैंगनी से लाल तक |
आवृत्ति परास | 4 × 10¹⁴ - 8 × 10¹⁴ Hz | दृश्य प्रकाश के लिए |
वर्णक्रम (Spectrum)
V - बैंगनी (Violet): 380-450 nm
I - नील (Indigo): 450-495 nm
B - नीला (Blue): 495-570 nm
G - हरा (Green): 570-590 nm
Y - पीला (Yellow): 590-620 nm
O - नारंगी (Orange): 620-750 nm
R - लाल (Red): 620-750 nm
परावर्तन (Reflection)
परावर्तन के नियम
1. आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं
2. आपतन कोण = परावर्तन कोण
3. आपतित किरण और परावर्तित किरण अभिलम्ब के विपरीत दिशाओं में होते हैं
परावर्तन के प्रकार
1. नियमित परावर्तन (Regular Reflection):
• चिकनी सतह से होने वाला परावर्तन
• समानांतर आपतित किरणें समानांतर ही परावर्तित होती हैं
• उदाहरण: दर्पण, स्थिर जल की सतह
2. विकीर्ण परावर्तन (Diffuse Reflection):
• खुरदरी सतह से होने वाला परावर्तन
• समानांतर आपतित किरणें सभी दिशाओं में बिखर जाती हैं
• उदाहरण: कागज, दीवार, पेड़ के पत्ते
प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
शर्तें:
• प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना चाहिए
• आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए
जहाँ θc = क्रांतिक कोण, n = अपवर्तनांक
पूर्ण आंतरिक परावर्तन के उदाहरण
उदाहरण | सिद्धांत | उपयोग |
---|---|---|
ऑप्टिकल फाइबर | पूर्ण आंतरिक परावर्तन | संचार, मेडिकल |
हीरे की चमक | पूर्ण आंतरिक परावर्तन | आभूषण |
मृगतृष्णा | पूर्ण आंतरिक परावर्तन | प्राकृतिक घटना |
प्रिज्म में TIR | पूर्ण आंतरिक परावर्तन | प्रकाशीय यंत्र |
दर्पण (Mirrors)
समतल दर्पण
समतल दर्पण की विशेषताएं:
• प्रतिबिम्ब आकार में वस्तु के बराबर
• प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी = वस्तु की दर्पण से दूरी
• प्रतिबिम्ब सीधा और आभासी होता है
• प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है
• पार्श्व उत्क्रमण (Lateral Inversion) होता है
गोलीय दर्पण
अवतल दर्पण (Concave Mirror)
अवतल दर्पण के उपयोग:
• शेविंग मिरर (चेहरे के पास)
• टॉर्च, कार की हेडलाइट
• सोलर कुकर
• दंत चिकित्सक का दर्पण
• दूरदर्शी में मुख्य दर्पण
उत्तल दर्पण (Convex Mirror)
उत्तल दर्पण के उपयोग:
• वाहनों का साइड मिरर
• सुरक्षा दर्पण (दुकानों में)
• ट्रैफिक मिरर (सड़क मोड़ों पर)
दर्पण सूत्र और आवर्धन
आवर्धन: m = -v/u = h'/h
जहाँ:
f = फोकस दूरी, u = वस्तु दूरी, v = प्रतिबिम्ब दूरी
h = वस्तु की ऊंचाई, h' = प्रतिबिम्ब की ऊंचाई
चिह्न परंपरा
मान | धनात्मक | ऋणात्मक |
---|---|---|
वस्तु दूरी (u) | कभी नहीं | हमेशा (दर्पण के सामने) |
प्रतिबिम्ब दूरी (v) | वास्तविक प्रतिबिम्ब | आभासी प्रतिबिम्ब |
फोकस दूरी (f) | अवतल दर्पण | उत्तल दर्पण |
ऊंचाई | सीधा प्रतिबिम्ब | उल्टा प्रतिबिम्ब |
अवतल दर्पण में प्रतिबिम्ब निर्माण
वस्तु की स्थिति | प्रतिबिम्ब की स्थिति | प्रतिबिम्ब की प्रकृति | आकार |
---|---|---|---|
अनंत पर | फोकस पर | वास्तविक, उल्टा | अत्यंत छोटा |
C के बाहर | F और C के बीच | वास्तविक, उल्टा | छोटा |
C पर | C पर | वास्तविक, उल्टा | बराबर |
F और C के बीच | C के बाहर | वास्तविक, उल्टा | बड़ा |
F पर | अनंत पर | वास्तविक, उल्टा | अत्यंत बड़ा |
F के अंदर | दर्पण के पीछे | आभासी, सीधा | बड़ा |
अपवर्तन (Refraction)
अपवर्तन के नियम (स्नेल का नियम)
1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण और अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं
2. किसी भी दो माध्यमों के लिए, आपतन कोण की साइन और अपवर्तन कोण की साइन का अनुपात स्थिर होता है
sin i / sin r = n₂/n₁ = ¹n₂
जहाँ:
i = आपतन कोण, r = अपवर्तन कोण
n₁, n₂ = पहले और दूसरे माध्यम के अपवर्तनांक
¹n₂ = पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक
अपवर्तनांक (Refractive Index)
निरपेक्ष अपवर्तनांक:
जहाँ c = निर्वात में प्रकाश की गति, v = माध्यम में प्रकाश की गति
सापेक्ष अपवर्तनांक:
विभिन्न माध्यमों के अपवर्तनांक
माध्यम | अपवर्तनांक (n) | प्रकाश की गति (m/s) |
---|---|---|
निर्वात | 1.00 | 3.00 × 10⁸ |
हवा | 1.0003 | ≈ 3.00 × 10⁸ |
जल | 1.33 | 2.26 × 10⁸ |
कांच (सामान्य) | 1.5 | 2.00 × 10⁸ |
हीरा | 2.42 | 1.24 × 10⁸ |
अपवर्तन के कारण होने वाली घटनाएं
1. तारों का टिमटिमाना:
• वायुमंडल की विभिन्न परतों में घनत्व अलग
• प्रकाश का लगातार अपवर्तन
• तारे की स्थिति लगातार बदलती दिखती है
2. जल में वस्तु का उठा हुआ दिखना:
• प्रकाश जल से हवा में आते समय अपवर्तित होता है
• वस्तु अपनी वास्तविक स्थिति से ऊपर दिखती है
3. सूर्योदय और सूर्यास्त:
• वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण
• सूर्य वास्तव में क्षितिज के नीचे होता है
• लेकिन अपवर्तन के कारण दिखाई देता है
लेंस (Lenses)
लेंस के प्रकार
1. उत्तल लेंस (Convex Lens):
• मध्य में मोटा, किनारों पर पतला
• अभिसारी लेंस (Converging Lens)
• धनात्मक फोकस दूरी
• वास्तविक फोकस
2. अवतल लेंस (Concave Lens):
• मध्य में पतला, किनारों पर मोटा
• अपसारी लेंस (Diverging Lens)
• ऋणात्मक फोकस दूरी
• आभासी फोकस
लेंस सूत्र
आवर्धन: m = v/u = h'/h
लेंस निर्माता सूत्र:
1/f = (n-1)(1/R₁ - 1/R₂)
उत्तल लेंस के उपयोग
उपयोग | सिद्धांत | विशेषता |
---|---|---|
आंख का लेंस | प्रतिबिम्ब रेटिना पर | फोकस दूरी समायोजित होती है |
कैमरा | वास्तविक प्रतिबिम्ब | उल्टा प्रतिबिम्ब |
दूरदर्शी | कोणीय आवर्धन | दूर की वस्तुएं |
सूक्ष्मदर्शी | रैखिक आवर्धन | छोटी वस्तुएं |
प्रोजेक्टर | बड़ा वास्तविक प्रतिबिम्ब | स्क्रीन पर प्रदर्शन |
अवतल लेंस के उपयोग
• निकट दृष्टि दोष (Myopia) के चश्मे में
• दूरदर्शी में नेत्रिका लेंस के रूप में
• फोटोग्राफी में वाइड एंगल लेंस
• लेज़र बीम को फैलाने में
उत्तल लेंस में प्रतिबिम्ब निर्माण
वस्तु की स्थिति | प्रतिबिम्ब की स्थिति | प्रकृति | आकार |
---|---|---|---|
अनंत पर | फोकस पर (F₂) | वास्तविक, उल्टा | अत्यंत छोटा |
2F₁ के बाहर | F₂ और 2F₂ के बीच | वास्तविक, उल्टा | छोटा |
2F₁ पर | 2F₂ पर | वास्तविक, उल्टा | बराबर |
F₁ और 2F₁ के बीच | 2F₂ के बाहर | वास्तविक, उल्टा | बड़ा |
F₁ पर | अनंत पर | वास्तविक, उल्टा | अत्यंत बड़ा |
F₁ के अंदर | वस्तु के ही तरफ | आभासी, सीधा | बड़ा |
लेंस की क्षमता
इकाई: डायऑप्टर (D)
उत्तल लेंस: धनात्मक क्षमता
अवतल लेंस: ऋणात्मक क्षमता
प्रिज्म (Prism)
प्रिज्म में अपवर्तन
प्रिज्म के मुख्य भाग:
• शीर्ष कोण (Apex Angle) - A
• आधार (Base)
• अपवर्तक पृष्ठ
δ = i₁ + i₂ - A
न्यूनतम विचलन:
n = sin[(A + δₘ)/2] / sin(A/2)
जहाँ δ = विचलन कोण, δₘ = न्यूनतम विचलन
प्रिज्म द्वारा प्रकाश का वर्ण विक्षेपण
वर्ण विक्षेपण (Dispersion):
• श्वेत प्रकाश का अवयवी रंगों में विभाजन
• विभिन्न रंगों के लिए अपवर्तनांक अलग
• बैंगनी रंग सबसे अधिक मुड़ता है
• लाल रंग सबसे कम मुड़ता है
• वायुमंडल में जल बूंदें प्रिज्म का काम करती हैं
• सूर्य के प्रकाश का वर्ण विक्षेपण
• आंतरिक परावर्तन भी होता है
• प्राथमिक और द्वितीयक इंद्रधनुष
प्रिज्म के उपयोग
उपयोग | सिद्धांत | कार्य |
---|---|---|
स्पेक्ट्रोस्कोप | वर्ण विक्षेपण | वर्णक्रम विश्लेषण |
पेरिस्कोप | पूर्ण आंतरिक परावर्तन | किरण को मोड़ना |
बायनोक्यूलर | पूर्ण आंतरिक परावर्तन | प्रतिबिम्ब को सीधा करना |
लेजर तकनीक | अपवर्तन और परावर्तन | प्रकाश की दिशा बदलना |
प्रकाशीय यंत्र
मानव नेत्र
नेत्र के मुख्य भाग:
• कॉर्निया: सबसे अधिक अपवर्तन (40-44 D)
• आईरिस: प्रकाश की मात्रा नियंत्रण
• पुतली: प्रकाश का प्रवेश द्वार
• लेंस: फोकस समायोजन (15-20 D)
• रेटिना: प्रकाश संवेदी पर्दा
नेत्र दोष और उनका सुधार
दोष | कारण | लक्षण | सुधार |
---|---|---|---|
निकट दृष्टि दोष (Myopia) | नेत्र गोलक बड़ा या लेंस अधिक शक्तिशाली | दूर की वस्तु धुंधली | अवतल लेंस |
दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia) | नेत्र गोलक छोटा या लेंस कम शक्तिशाली | पास की वस्तु धुंधली | उत्तल लेंस |
जरा दूरदर्शिता (Presbyopia) | उम्र के साथ लेंस कम लचीला | पास और दूर दोनों में समस्या | बाइफोकल लेंस |
दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) | कॉर्निया की गैर-गोलीय आकृति | धुंधली दृष्टि | बेलनाकार लेंस |
सूक्ष्मदर्शी (Microscope)
सरल सूक्ष्मदर्शी:
• एक उत्तल लेंस
• वस्तु फोकस दूरी के अंदर
• आभासी, सीधा, बड़ा प्रतिबिम्ब
जहाँ D = स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी = 25 cm
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी:
• दो उत्तल लेंस
• वस्तुनिष्ठ लेंस (कम फोकस दूरी)
• नेत्रिका लेंस (अधिक फोकस दूरी)
दूरदर्शी (Telescope)
खगोलीय दूरदर्शी:
• दो उत्तल लेंस
• वस्तुनिष्ठ लेंस (अधिक फोकस दूरी)
• नेत्रिका लेंस (कम फोकस दूरी)
• उल्टा प्रतिबिम्ब
जहाँ f₀ = वस्तुनिष्ठ की फोकस दूरी, fₑ = नेत्रिका की फोकस दूरी
स्थलीय दूरदर्शी:
• तीन उत्तल लेंस
• मध्य में एक उत्क्रमणीय लेंस
• सीधा प्रतिबिम्ब
तरंग प्रकाशिकी
व्यतिकरण (Interference)
व्यतिकरण की शर्तें:
• दो तरंगों का स्रोत समान होना चाहिए
• तरंगों की आवृत्ति समान हो
• कलांतर स्थिर हो (Coherent sources)
व्यतिकरण के प्रकार:
1. रचनात्मक व्यतिकरण:
• पथांतर = nλ (जहाँ n = 0, 1, 2, ...)
• चमकीली फ्रिंज
2. विनाशी व्यतिकरण:
• पथांतर = (2n-1)λ/2
• अंधेरी फ्रिंज
यंग का द्विस्लिट प्रयोग
जहाँ:
λ = तरंगदैर्घ्य
D = स्लिट से पर्दे की दूरी
d = दो स्लिटों के बीच दूरी
विवर्तन (Diffraction)
विवर्तन के प्रकार:
1. फ्रेनेल विवर्तन:
• स्रोत या पर्दा परिमित दूरी पर
• गोलीय तरंग मोर्चा
2. फ्राउनहोफर विवर्तन:
• स्रोत और पर्दा अनंत दूरी पर
• समतल तरंग मोर्चा
ध्रुवण (Polarization)
ध्रुवण के प्रकार:
• रैखिक ध्रुवण
• वृत्तीय ध्रुवण
• दीर्घवृत्तीय ध्रुवण
ध्रुवण के तरीके:
• परावर्तन द्वारा (ब्रूस्टर कोण)
• अपवर्तन द्वारा
• प्रकीर्णन द्वारा
• द्विअपवर्तन द्वारा
tan θₚ = n₂/n₁
जहाँ θₚ = ध्रुवण कोण
आधुनिक प्रकाशिकी
लेज़र (LASER)
LASER का पूरा नाम: Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation
लेज़र की विशेषताएं:
• एकवर्णी (Monochromatic)
• सुसंगत (Coherent)
• समानांतर किरण पुंज
• उच्च तीव्रता
लेज़र के उपयोग:
• चिकित्सा (सर्जरी, आंखों का इलाज)
• उद्योग (काटना, जोड़ना)
• संचार (फाइबर ऑप्टिक)
• मापन (दूरी मापना)
• मनोरंजन (लेज़र शो)
होलोग्राफी
होलोग्राम की विशेषताएं:
• त्रिआयामी प्रतिबिम्ब
• किसी भी कोण से देखा जा सकता है
• टूटने पर भी पूरा प्रतिबिम्ब
होलोग्राफी के उपयोग:
• सुरक्षा (क्रेडिट कार्ड, नोट)
• कला और सजावट
• डेटा स्टोरेज
• 3D डिस्प्ले
फाइबर ऑप्टिक्स
सिद्धांत: पूर्ण आंतरिक परावर्तन
संरचना:
• कोर (Core) - उच्च अपवर्तनांक
• क्लैडिंग (Cladding) - निम्न अपवर्तनांक
• सुरक्षा आवरण
लाभ:
• उच्च डेटा ट्रांसमिशन दर
• विद्युत चुम्बकीय व्यतिकरण नहीं
• हल्का और लचीला
• कम सिग्नल हानि
फाइबर का प्रकार | विशेषता | उपयोग |
---|---|---|
सिंगल मोड | छोटा कोर व्यास | लंबी दूरी संचार |
मल्टी मोड | बड़ा कोर व्यास | छोटी दूरी संचार |
स्टेप इंडेक्स | अचानक अपवर्तनांक परिवर्तन | सामान्य उपयोग |
ग्रेडेड इंडेक्स | क्रमिक अपवर्तनांक परिवर्तन | उच्च गुणवत्ता संचार |
व्यावहारिक उपयोग
दैनिक जीवन में प्रकाशिकी
1. फोटोग्राफी:
• कैमरा लेंस: उत्तल लेंस
• एपर्चर: प्रकाश की मात्रा नियंत्रण
• फोकसिंग: लेंस की स्थिति समायोजन
• ज़ूम: फोकस दूरी का परिवर्तन
2. चश्मे और कॉन्टेक्ट लेंस:
• नेत्र दोषों का सुधार
• प्रगतिशील लेंस
• एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग
• फोटोक्रोमिक लेंस
3. सौर ऊर्जा:
• सोलर पैनल: फोटो-इलेक्ट्रिक प्रभाव
• सोलर कुकर: अवतल दर्पण
• सोलर फर्नेस: प्रकाश संकेंद्रण
चिकित्सा में प्रकाशिकी
उपकरण | सिद्धांत | उपयोग |
---|---|---|
एंडोस्कोप | फाइबर ऑप्टिक्स | शरीर के अंदर देखना |
लेज़र सर्जरी | फोकस्ड लेज़र बीम | सटीक सर्जरी |
ऑप्थैल्मोस्कोप | परावर्तन और अपवर्तन | आंख की जांच |
माइक्रोस्कोप | आवर्धन | कोशिकाओं का अध्ययन |
खगोल विज्ञान में प्रकाशिकी
दूरदर्शी के प्रकार:
• अपवर्तक दूरदर्शी (Refracting)
• परावर्तक दूरदर्शी (Reflecting)
• कैटाडायोप्ट्रिक दूरदर्शी
• रेडियो टेलिस्कोप
हबल टेलिस्कोप:
• परावर्तक दूरदर्शी
• वायुमंडल के बाहर स्थित
• उच्च गुणवत्ता चित्र
• अनेक खगोलीय खोजें
स्थिरांक और सूत्र
महत्वपूर्ण भौतिक स्थिरांक
स्थिरांक | चिह्न | मान |
---|---|---|
प्रकाश की गति (निर्वात में) | c | 2.998 × 10⁸ m/s |
प्लांक स्थिरांक | h | 6.626 × 10⁻³⁴ J.s |
स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी | D | 25 cm |
हवा का अपवर्तनांक | n | 1.0003 |
जल का अपवर्तनांक | n | 1.33 |
महत्वपूर्ण सूत्र
फोटॉन ऊर्जा: E = hν = hc/λ
अपवर्तनांक: n = c/v = sin i/sin r
दर्पण सूत्र: 1/f = 1/u + 1/v
लेंस सूत्र: 1/f = 1/v - 1/u
आवर्धन: m = v/u = h'/h
लेंस की क्षमता: P = 1/f (मीटर में)
प्रिज्म में विचलन: δ = i₁ + i₂ - A
क्रांतिक कोण: sin θc = 1/n
ब्रूस्टर कोण: tan θp = n₂/n₁
RPSC UPSC प्रश्नोत्तरी
UPSC प्रीलिम्स प्रश्न
प्रश्न 1: प्रकाश का कौन सा गुण इसकी तरंग प्रकृति को दर्शाता है? (UPSC 2019)
(a) फोटो-इलेक्ट्रिक प्रभाव
(b) व्यतिकरण
(c) कॉम्पटन प्रभाव
(d) ब्लैक बॉडी विकिरण
व्याख्या: व्यतिकरण प्रकाश की तरंग प्रकृति को दर्शाता है। यंग का द्विस्लिट प्रयोग इसका प्रमाण है। बाकी विकल्प कण प्रकृति दर्शाते हैं।
प्रश्न 2: इंद्रधनुष में लाल रंग बाहरी चाप पर क्यों दिखाई देता है? (UPSC 2018)
(a) लाल रंग की तरंगदैर्घ्य सबसे कम होती है
(b) लाल रंग का अपवर्तनांक सबसे कम होता है
(c) लाल रंग सबसे अधिक विचलित होता है
(d) लाल रंग सबसे तेज़ चलता है
व्याख्या: लाल रंग का अपवर्तनांक सबसे कम होता है, इसलिए यह सबसे कम मुड़ता है और बाहरी चाप पर दिखाई देता है।
प्रश्न 3: ऑप्टिकल फाइबर किस सिद्धांत पर काम करता है? (UPSC 2020)
(a) अपवर्तन
(b) परावर्तन
(c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
(d) वर्ण विक्षेपण
व्याख्या: ऑप्टिकल फाइबर पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर काम करता है। प्रकाश फाइबर के अंदर टोटल इंटर्नल रिफ्लेक्शन द्वारा चलता है।
RPSC प्रश्न
प्रश्न 4: निकट दृष्टि दोष के सुधार के लिए कौन सा लेंस प्रयोग किया जाता है? (RPSC 2021)
(a) उत्तल लेंस
(b) अवतल लेंस
(c) द्विउत्तल लेंस
(d) बाइफोकल लेंस
व्याख्या: निकट दृष्टि दोष (मायोपिया) में दूर की वस्तुएं धुंधली दिखती हैं। इसके सुधार के लिए अवतल लेंस का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 5: हीरे की चमक का कारण है: (RPSC 2020)
(a) उच्च घनत्व
(b) उच्च अपवर्तनांक
(c) कम कठोरता
(d) रासायनिक संरचना
व्याख्या: हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है जो बहुत अधिक है। इससे पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है और हीरा चमकता है।
प्रश्न 6: प्रकाश का वेग सबसे कम कहाँ होता है? (RPSC 2019)
(a) निर्वात में
(b) हवा में
(c) जल में
(d) हीरे में
व्याख्या: हीरे का अपवर्तनांक सबसे अधिक (2.42) है, इसलिए v = c/n के अनुसार प्रकाश का वेग हीरे में सबसे कम होता है।
प्रश्न 7: उत्तल दर्पण का उपयोग कहाँ किया जाता है? (RPSC 2018)
(a) सर्चलाइट में
(b) वाहन के साइड मिरर में
(c) सोलर कुकर में
(d) टॉर्च में
व्याख्या: उत्तल दर्पण हमेशा छोटा, सीधा और आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है। इससे व्यापक क्षेत्र दिखता है, इसलिए वाहनों में प्रयोग होता है।
प्रश्न 8: तारे क्यों टिमटिमाते हैं? (RPSC 2017)
(a) तारों की चमक बदलती रहती है
(b) वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण
(c) पृथ्वी की गति के कारण
(d) तारों की दूरी के कारण
व्याख्या: वायुमंडल की विभिन्न परतों में घनत्व अलग होता है। प्रकाश का लगातार अपवर्तन होता रहता है, जिससे तारे टिमटिमाते दिखते हैं।
अभ्यास प्रश्नोत्तरी
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1: निर्वात में प्रकाश की गति कितनी है?
(a) 3 × 10⁶ m/s
(b) 3 × 10⁸ m/s
(c) 3 × 10¹⁰ m/s
(d) 3 × 10¹² m/s
निर्वात में प्रकाश की गति c = 2.998 × 10⁸ m/s है, जो लगभग 3 × 10⁸ m/s है।
प्रश्न 2: लेंस की क्षमता की इकाई क्या है?
(a) मीटर
(b) डायऑप्टर
(c) रेडियन
(d) न्यूटन
लेंस की क्षमता P = 1/f (मीटर में) होती है और इसकी इकाई डायऑप्टर (D) है।
प्रश्न 3: दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य का परास क्या है?
(a) 200-400 nm
(b) 380-750 nm
(c) 800-1000 nm
(d) 1000-1200 nm
दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य 380 nm (बैंगनी) से 750 nm (लाल) तक होती है।
प्रश्न 4: स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कितनी है?
(a) 15 cm
(b) 20 cm
(c) 25 cm
(d) 30 cm
सामान्य आंख के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25 cm होती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 5: परावर्तन और अपवर्तन के नियम लिखें।
परावर्तन के नियम:
1. आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं
2. आपतन कोण = परावर्तन कोण
3. आपतित और परावर्तित किरण अभिलम्ब के विपरीत दिशाओं में होते हैं
अपवर्तन के नियम (स्नेल का नियम):
1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण और अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं
2. sin i / sin r = n₂/n₁ = स्थिरांक
प्रश्न 6: मानव नेत्र के मुख्य भागों के नाम और कार्य लिखें।
मुख्य भाग और कार्य:
1. कॉर्निया: प्रकाश का सर्वाधिक अपवर्तन (40-44 D)
2. आईरिस: प्रकाश की मात्रा नियंत्रण
3. पुतली: प्रकाश का प्रवेश द्वार
4. लेंस: फोकस समायोजन (15-20 D)
5. रेटिना: प्रकाश संवेदी पर्दा, प्रतिबिम्ब निर्माण
6. ऑप्टिक नर्व: मस्तिष्क तक संकेत पहुंचाना
प्रश्न 7: पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्तें और उदाहरण दें।
शर्तें:
1. प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना चाहिए
2. आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए
क्रांतिक कोण: sin θc = 1/n
उदाहरण:
• ऑप्टिकल फाइबर
• हीरे की चमक
• मृगतृष्णा
• प्रिज्म में TIR
• जल की बूंद में इंद्रधनुष
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 8: प्रकाश की द्विक प्रकृति को समझाते हुए इसके प्रमाण दें।
प्रकाश की द्विक प्रकृति का अर्थ है कि प्रकाश कभी तरंग के रूप में व्यवहार करता है और कभी कण के रूप में।
तरंग प्रकृति के प्रमाण:
1. व्यतिकरण (Interference):
• यंग का द्विस्लिट प्रयोग
• दो सुसंगत स्रोतों से आने वाली तरंगें मिलकर चमकीली और अंधेरी फ्रिंज बनाती हैं
• यह केवल तरंगों में संभव है
2. विवर्तन (Diffraction):
• प्रकाश बाधाओं के किनारों पर मुड़ जाता है
• छोटे छिद्रों से गुजरने पर फैल जाता है
• यह तरंग गुण है
3. ध्रुवण (Polarization):
• प्रकाश का एक निश्चित दिशा में कंपन
• यह अनुप्रस्थ तरंगों का गुण है
कण प्रकृति के प्रमाण:
1. फोटो-इलेक्ट्रिक प्रभाव:
• आइंस्टाइन द्वारा व्याख्या
• प्रकाश फोटॉन कणों से मिलकर बना है
• E = hν
2. कॉम्पटन प्रभाव:
• X-रे का इलेक्ट्रॉन से टकराव
• कण-कण टक्कर के समान व्यवहार
3. ब्लैक बॉडी विकिरण:
• प्लांक का क्वांटम सिद्धांत
• ऊर्जा के क्वांटा (फोटॉन)
द्विक प्रकृति का समाधान:
• डी ब्रॉगली की परिकल्पना
• λ = h/p (जहाँ p = गति)
• सभी कण तरंग गुण रखते हैं
निष्कर्ष:
प्रकाश की द्विक प्रकृति आधुनिक भौतिकी की महत्वपूर्ण खोज है। परिस्थिति के अनुसार प्रकाश तरंग या कण के रूप में व्यवहार करता है। यह क्वांटम यांत्रिकी की आधारशिला है।
प्रश्न 9: लेंस के प्रकार, उनके उपयोग और प्रतिबिम्ब निर्माण का विस्तृत वर्णन करें।
लेंस के प्रकार:
1. उत्तल लेंस (Convex Lens):
• आकार: मध्य में मोटा, किनारों पर पतला
• फोकस: वास्तविक और धनात्मक
• प्रकार: अभिसारी लेंस
• कार्य: समानांतर किरणों को एक बिंदु पर मिलाता है
2. अवतल लेंस (Concave Lens):
• आकार: मध्य में पतला, किनारों पर मोटा
• फोकस: आभासी और ऋणात्मक
• प्रकार: अपसारी लेंस
• कार्य: समानांतर किरणों को फैलाता है
उत्तल लेंस के उपयोग:
• आंख का लेंस
• कैमरा लेंस
• दूरदर्शी
• सूक्ष्मदर्शी
• प्रोजेक्टर
• दूर दृष्टि दोष के चश्मे
• आवर्धक कांच
अवतल लेंस के उपयोग:
• निकट दृष्टि दोष के चश्मे
• दूरदर्शी में नेत्रिका
• वाइड एंगल फोटोग्राफी
• लेज़र बीम को फैलाने में
प्रतिबिम्ब निर्माण के नियम:
1. लेंस के मुख्य अक्ष के समानांतर आने वाली किरण फोकस से गुजरती है
2. फोकस से आने वाली किरण मुख्य अक्ष के समानांतर हो जाती है
3. प्रकाशिक केंद्र से जाने वाली किरण बिना मुड़े निकल जाती है
उत्तल लेंस में प्रतिबिम्ब के प्रकार:
वस्तु अनंत पर:
• प्रतिबिम्ब: फोकस पर, वास्तविक, उल्टा, अत्यंत छोटा
वस्तु 2F के बाहर:
• प्रतिबिम्ब: F और 2F के बीच, वास्तविक, उल्टा, छोटा
वस्तु 2F पर:
• प्रतिबिम्ब: 2F पर, वास्तविक, उल्टा, समान आकार
वस्तु F और 2F के बीच:
• प्रतिबिम्ब: 2F के बाहर, वास्तविक, उल्टा, बड़ा
वस्तु F पर:
• प्रतिबिम्ब: अनंत पर, वास्तविक, उल्टा, अत्यंत बड़ा
वस्तु F के अंदर:
• प्रतिबिम्ब: वस्तु के ही तरफ, आभासी, सीधा, बड़ा
अवतल लेंस में प्रतिबिम्ब:
• हमेशा आभासी, सीधा और छोटा
• वस्तु की स्थिति के बावजूद एक ही प्रकार का प्रतिबिम्ब
गणितीय सूत्र:
• लेंस सूत्र: 1/f = 1/v - 1/u
• आवर्धन: m = v/u = h'/h
• लेंस की क्षमता: P = 1/f
व्यावहारिक महत्व:
लेंस आधुनिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। चश्मे से लेकर उपग्रहों तक, हर जगह लेंस का प्रयोग होता है।
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यह सामग्री UPSC/RPSC प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए तैयार की गई है। सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों का भी सहारा लें।
RPSC PYQ – Light, Reflection, Refraction & Lenses
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प्रश्न: अवतल दर्पण (Concave mirror) के सामने वस्तु फोकस और वक्रता केंद्र के बीच रखी जाए तो प्रतिबिंब कैसा बनता है?
उत्तर: वास्तविक, उल्टा और आवर्धित—वक्रता केंद्र के पार।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018
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प्रश्न: अपवर्तनांक (Refractive Index) का सही संबंध कौन‑सा है?
उत्तर: n = c/v (माध्यम में प्रकाश की गति v के व्युत्क्रमानुपाती)।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016
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प्रश्न: पूर्ण आंतरिक परावर्तन (TIR) होने की शर्त?
उत्तर: किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम जाए और आपतन कोण > क्रांतिक कोण हो।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021
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प्रश्न: मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) का सुधार किस लेंस से होता है?
उत्तर: अवतल (Concave/विकेन्द्रित) लेंस।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018
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प्रश्न: उत्तल लेंस की फोकस दूरी दोगुनी कर दी जाए तो उसकी शक्ति (Power) पर क्या प्रभाव?
उत्तर: शक्ति आधी हो जाएगी (P = 1/f, f मीटर में).
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016
UPSC CSE Prelims PYQ – Light, Reflection, Refraction & Lenses
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प्रश्न: हीरे का चमकदार दिखना मुख्यतः किस सिद्धांत के कारण है?
उत्तर: उच्च अपवर्तनांक के कारण बार‑बार होने वाला पूर्ण आंतरिक परावर्तन।
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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प्रश्न: इंद्रधनुष में रंगों का क्रम किस कारण से होता है?
उत्तर: अपवर्तन एवं विवर्तन (dispersion) — विभिन्न तरंगदैर्ध्य के लिए n अलग‑अलग।
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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प्रश्न: ‘मिराज’ (मरुदर्शन) किस भौतिक प्रक्रिया से बनता है?
उत्तर: तापान्तर के कारण वायुमंडल में अपवर्तनांक के ग्रेडिएंट से TIR/वक्रित पथ।
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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प्रश्न: फाइबर‑ऑप्टिक संचार में प्रकाश का संवहन किस कारण संभव है?
उत्तर: कोर‑क्लैडिंग परत पर निरंतर पूर्ण आंतरिक परावर्तन।
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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प्रश्न: कॉन्वेक्स लेंस का आवर्धन (m) अगर 0 < m < 1 हो तो प्रतिबिंब की प्रकृति?
उत्तर: वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटा (वस्तु C और ∞ के बीच)।
Asked: UPSC Prelims (PYQ)
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