सोमवार, 11 अगस्त 2025

Indian National Movement – 1885 to 1919 (RPSC PYQ)

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन – 1885 से 1919 | विस्तृत अध्ययन सामग्री

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन – 1885 से 1919

प्रस्तावना

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का प्रारंभिक चरण (1885-1919) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का आधारशिला काल है। इस अवधि में भारतीय राजनीतिक चेतना का विकास हुआ और राष्ट्रीय एकता की भावना का जन्म हुआ। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से लेकर 1919 तक की यह अवधि उदारवादी राजनीति से उग्रवादी आंदोलन की ओर परिवर्तन का काल है।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस काल में भारतीय राष्ट्रवाद की तीन मुख्य धाराएं विकसित हुईं - उदारवादी, उग्रवादी और क्रांतिकारी।

कांग्रेस पूर्व संगठन

राजा राममोहन राय और ब्रह्म समाज

राजा राममोहन राय (1772-1833) को आधुनिक भारत का जनक माना जाता है। उन्होंने 1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की, जो सामाजिक और धार्मिक सुधार का केंद्र बना।

प्रारंभिक राजनीतिक संगठन

1838: बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसाइटी की स्थापना
1851: ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन की स्थापना
1866: ईस्ट इंडिया एसोसिएशन (लंदन में)
1876: इंडियन एसोसिएशन (सुरेंद्रनाथ बनर्जी द्वारा)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885)

स्थापना की पृष्ठभूमि

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना का श्रेय एलन ऑक्टेवियन ह्यूम (A.O. Hume) को जाता है। वे एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश सिविल सेवक थे जिन्होंने भारतीय शिक्षित वर्ग के लिए एक राजनीतिक मंच की आवश्यकता महसूस की।

प्रथम अधिवेशन:
  • स्थान: बॉम्बे (मुंबई)
  • दिनांक: 28-30 दिसंबर, 1885
  • अध्यक्ष: व्योमेश चंद्र बनर्जी
  • प्रतिनिधि: 72 (सभी शिक्षित मध्यम वर्गीय)

प्रारंभिक उद्देश्य

  • शिक्षित भारतीयों के बीच मित्रता और एकता बढ़ाना
  • राष्ट्रीय एकता का विकास
  • सामाजिक प्रश्नों पर जनमत तैयार करना
  • भावी राजनीतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना

प्रारंभिक काल (1885-1905)

उदारवादी चरण की विशेषताएं

इस काल को "याचना और प्रार्थना का काल" भी कहा जाता है। इस अवधि के नेता ब्रिटिश शासन में सुधार चाहते थे, न कि उसका अंत।

मुख्य मांगें:

  1. प्रशासनिक सुधार: भारतीयों को उच्च पदों पर नियुक्ति
  2. आर्थिक सुधार: भारी कराधान में कमी
  3. सैन्य व्यय में कटौती
  4. न्यायिक और कार्यपालिका का पृथक्करण
  5. स्वदेशी उद्योगों को संरक्षण
  6. प्रेस की स्वतंत्रता

महत्वपूर्ण प्रस्ताव और घटनाएं

वर्ष घटना महत्व
1886 कलकत्ता अधिवेशन दादाभाई नौरोजी का प्रसिद्ध भाषण
1892 इंडियन काउंसिल एक्ट सीमित प्रतिनिधित्व की शुरुआत
1896 प्लेग और अकाल ब्रिटिश नीतियों की आलोचना
1899 लार्ड कर्जन का आगमन दमनकारी नीतियों की शुरुआत

उदारवादी नेता

दादाभाई नौरोजी (1825-1917)

"भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन" के नाम से प्रसिद्ध दादाभाई नौरोजी ने "ड्रेन ऑफ वेल्थ" (धन निकासी) के सिद्धांत को प्रस्तुत किया।

मुख्य योगदान:
  • 1886, 1893, 1906 में कांग्रेस अध्यक्ष
  • ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स के प्रथम भारतीय सदस्य (1892)
  • "Poverty and Un-British Rule in India" पुस्तक के लेखक

गोपाल कृष्ण गोखले (1866-1915)

महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोखले ने सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी (1905) की स्थापना की।

सुरेंद्रनाथ बनर्जी (1848-1925)

"राष्ट्रगुरु" के नाम से प्रसिद्ध, उन्होंने इंडियन एसोसिएशन (1876) की स्थापना की और इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा में बैठने वाले प्रथम भारतीय थे।

फिरोजशाह मेहता (1845-1915)

"बॉम्बे के बिना मुकुट वाले राजा" कहे जाने वाले मेहता ने बॉम्बे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उग्रवादी आंदोलन (1905-1919)

उग्रवाद के कारण

  • उदारवादी पद्धति की असफलता
  • लार्ड कर्जन की दमनकारी नीतियां
  • 1899 का अकाल और प्लेग
  • सैन्य व्यय में वृद्धि
  • कलकत्ता कॉरपोरेशन एक्ट (1899)
  • विश्वविद्यालय एक्ट (1904)

प्रमुख उग्रवादी नेता

बाल गंगाधर तिलक (1856-1920)

"स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा" का नारा देने वाले तिलक को "लोकमान्य" कहा जाता था।

तिलक के योगदान:
  • केसरी और मराठा समाचारपत्रों का प्रकाशन
  • गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव की शुरुआत
  • स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन के समर्थक
  • राष्ट्रीय शिक्षा के प्रणेता

लाला लाजपत राय (1865-1928)

"पंजाब केसरी" के नाम से प्रसिद्ध, उन्होंने आर्य समाज आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।

बिपिन चंद्र पाल (1858-1932)

बंगाल के इस नेता ने स्वदेशी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तिलक, लाजपत राय और पाल को "लाल-बाल-पाल" की तिकड़ी कहा जाता है।

अरबिंदो घोष (1872-1950)

बंदे मातरम् पत्रिका के संपादक अरबिंदो ने उग्रवादी विचारधारा को बौद्धिक आधार प्रदान किया।

बंगाल विभाजन और स्वदेशी आंदोलन

बंगाल विभाजन (1905)

लार्ड कर्जन ने 16 अक्टूबर, 1905 को बंगाल का विभाजन किया। इसे "फूट डालो और राज करो" की नीति का हिस्सा माना गया।

विभाजन के बाद:
  • पूर्वी बंगाल और असम: ढाका राजधानी, मुस्लिम बहुल
  • पश्चिमी बंगाल: कलकत्ता राजधानी, हिंदू बहुल

स्वदेशी आंदोलन

बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू हुए स्वदेशी आंदोलन की मुख्य विशेषताएं:

आंदोलन की रणनीति:

  1. बहिष्कार (Boycott): विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार
  2. स्वदेशी (Swadeshi): देशी वस्तुओं का उपयोग
  3. राष्ट्रीय शिक्षा: स्वतंत्र शिक्षा संस्थानों की स्थापना
  4. स्वशासन (Swaraj): आत्मनिर्भरता की भावना

आंदोलन के परिणाम

  • विदेशी कपड़े की बिक्री में 25% कमी
  • देशी उद्योगों का विकास
  • राष्ट्रीय चेतना का प्रसार
  • महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
महत्वपूर्ण: 1911 में बंगाल विभाजन रद्द कर दिया गया और राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई।

क्रांतिकारी आंदोलन

प्रारंभिक क्रांतिकारी संगठन

बंगाल में क्रांतिकारी गतिविधियां

1902: अनुशीलन समिति (बारीन्द्र कुमार घोष)
1906: युगांतर समिति (बारीन्द्र घोष, भूपेंद्रनाथ दत्त)
1908: अलीपुर बम केस (अरबिंदो घोष की गिरफ्तारी)

महाराष्ट्र में क्रांतिकारी आंदोलन

  • अभिनव भारत सभा: विनायक दामोदर सावरकर द्वारा स्थापित
  • मित्र मेला: 1899 में स्थापित
  • चापेकर बंधु: दामोदर हरि चापेकर और बालकृष्ण हरि चापेकर

महत्वपूर्ण क्रांतिकारी घटनाएं

वर्ष घटना क्रांतिकारी
1897 प्लेग कमिश्नर रैंड की हत्या चापेकर बंधु
1909 कर्जन वाइली की हत्या (लंदन) मदन लाल ढींगरा
1912 लार्ड हार्डिंग पर बम फेंकना रासबिहारी बोस, शचींद्रनाथ सान्याल
1915 गदर पार्टी का विद्रोह लाला हरदयाल, करतार सिंह सराभा

विदेशों में क्रांतिकारी गतिविधियां

गदर पार्टी (1913)

अमेरिका में लाला हरदयाल द्वारा स्थापित यह संगठन भारत में सशस्त्र विद्रोह की योजना बना रहा था।

गदर पार्टी की विशेषताएं:
  • मुख्यालय: सैन फ्रांसिस्को
  • पत्रिका: गदर (गुरमुखी में)
  • उद्देश्य: सशस्त्र विद्रोह द्वारा ब्रिटिश राज का अंत

बर्लिन कमेटी

प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान वीरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय और हरदयाल की नेतृत्व में जर्मनी में स्थापित।

प्रथम विश्वयुद्ध का प्रभाव (1914-1918)

युद्ध के दौरान भारत की स्थिति

ब्रिटेन ने भारत की सहमति के बिना उसे युद्ध में शामिल कर दिया। इससे भारतीय नेताओं में असंतोष बढ़ा।

युद्ध के प्रभाव:

  • आर्थिक कष्ट: महंगाई और कराधान में वृद्धि
  • सैन्य भर्ती: जबरन भर्ती से असंतोष
  • रक्षा व्यय: भारत पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ
  • राजनीतिक जागरूकता: स्वशासन की मांग में तेजी

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने शुरू में युद्ध के लिए सशर्त समर्थन दिया, लेकिन बाद में विरोध किया।

लखनऊ पैक्ट (1916): कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच हुए इस समझौते में सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व को मान्यता दी गई।

होम रूल आंदोलन (1916-1918)

होम रूल लीग की स्थापना

स्वशासन की मांग को लेकर दो होम रूल लीग स्थापित की गईं:

तिलक होम रूल लीग (अप्रैल 1916)

  • संस्थापक: बाल गंगाधर तिलक
  • क्षेत्र: महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रांत, बरार
  • मुख्यालय: पूना

एनी बेसेंट होम रूल लीग (सितंबर 1916)

  • संस्थापक: एनी बेसेंट
  • क्षेत्र: मद्रास, बॉम्बे, पंजाब, उत्तर प्रदेश
  • मुख्यालय: अडयार (मद्रास)

आंदोलन की विशेषताएं

  1. व्यापक जन समर्थन: शहरी मध्यम वर्ग में लोकप्रियता
  2. संवैधानिक तरीके: कानूनी माध्यमों का प्रयोग
  3. प्रचार-प्रसार: व्याख्यान, पैम्फलेट, समाचारपत्र
  4. महिला भागीदारी: एनी बेसेंट के नेतृत्व में

आंदोलन का प्रभाव

होम रूल आंदोलन ने भारतीय राजनीति में नई जान फूंकी और स्वशासन की मांग को जनआंदोलन बना दिया।

परिणाम: मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919) इसी आंदोलन का परिणाम थे।

महत्वपूर्ण घटनाएं और कानून

मुख्य कानून और अधिनियम

वर्ष कानून/अधिनियम मुख्य प्रावधान
1892 इंडियन काउंसिल एक्ट प्रांतीय काउंसिलों में भारतीयों का सीमित प्रतिनिधित्व
1904 विश्वविद्यालय एक्ट विश्वविद्यालयों पर सरकारी नियंत्रण
1909 मॉर्ले-मिंटो सुधार पृथक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत
1915 इंडियन डिफेंस एक्ट युद्धकाल में विशेष शक्तियां
1919 रॉलेट एक्ट बिना ट्रायल गिरफ्तारी की शक्ति

महत्वपूर्ण व्यक्तित्व और उनके योगदान

महात्मा गांधी का आगमन (1915)

1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटकर गांधी जी ने भारतीय राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने सत्याग्रह की नई पद्धति का परिचय दिया।

गांधी जी के प्रारंभिक सत्याग्रह:
  • चंपारण सत्याग्रह (1917): नील किसानों के अधिकारों के लिए
  • खेड़ा सत्याग्रह (1918): किसानों की समस्याओं के लिए
  • अहमदाबाद मिल मजदूर सत्याग्रह (1918): मजदूरों के अधिकारों के लिए

UPSC स्तरीय प्रश्नोत्तरी

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई?

उत्तर: 28 दिसंबर, 1885 को बॉम्बे में एलन ऑक्टेवियन ह्यूम के प्रयासों से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। प्रथम अधिवेशन में व्योमेश चंद्र बनर्जी अध्यक्ष थे और 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रश्न 2: "स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है" का नारा किसने दिया?

उत्तर: यह प्रसिद्ध नारा बाल गंगाधर तिलक ने दिया था। तिलक को "लोकमान्य" कहा जाता था और वे उग्रवादी आंदोलन के प्रमुख नेता थे।

प्रश्न 3: बंगाल विभाजन कब हुआ और इसे कब रद्द किया गया?

उत्तर: बंगाल विभाजन 16 अक्टूबर, 1905 को लार्ड कर्जन द्वारा किया गया और 1911 में इसे रद्द कर दिया गया। इसके साथ ही राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई।

प्रश्न 4: "ड्रेन ऑफ वेल्थ" का सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया?

उत्तर: दादाभाई नौरोजी ने "ड्रेन ऑफ वेल्थ" (धन निकासी) का सिद्धांत प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी पुस्तक "Poverty and Un-British Rule in India" में इस सिद्धांत को विस्तार से समझाया।

प्रश्न 5: लखनऊ पैक्ट कब हुआ और इसका महत्व क्या था?

उत्तर: लखनऊ पैक्ट 1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच हुआ। इसमें पहली बार कांग्रेस ने सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व को मान्यता दी और स्वशासन की संयुक्त मांग की गई।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 6: उदारवादी और उग्रवादी नेताओं के बीच मुख्य अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:

उदारवादी नेता:

  • संवैधानिक तरीकों में विश्वास रखते थे
  • ब्रिटिश न्याय व्यवस्था पर भरोसा करते थे
  • क्रमिक सुधार चाहते थे
  • मुख्य नेता: दादाभाई नौरोजी, गोखले, सुरेंद्रनाथ बनर्जी

उग्रवादी नेता:

  • आत्मनिर्भरता और स्वदेशी में विश्वास
  • जनांदोलन के समर्थक
  • तत्काल स्वराज की मांग
  • मुख्य नेता: तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल

प्रश्न 7: स्वदेशी आंदोलन की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें।

उत्तर:

स्वदेशी आंदोलन की मुख्य विशेषताएं:

  1. बहिष्कार: विदेशी वस्तुओं का पूर्ण बहिष्कार
  2. स्वदेशी: देशी उद्योगों को बढ़ावा
  3. राष्ट्रीय शिक्षा: स्वतंत्र शिक्षा संस्थानों की स्थापना
  4. सामाजिक सुधार: छुआछूत और सामाजिक बुराइयों का विरोध
  5. महिला भागीदारी: महिलाओं की सक्रिय सहभागिता
  6. सांस्कृतिक जागरण: भारतीय संस्कृति का पुनरुद्धार

प्रश्न 8: होम रूल आंदोलन के कारण और परिणाम बताएं।

उत्तर:

कारण:

  • प्रथम विश्वयुद्ध के कारण आर्थिक कष्ट
  • ब्रिटिश सरकार के द्वारा किए गए वादों की अवहेलना
  • कांग्रेस में निष्क्रियता
  • राष्ट्रीय चेतना का विकास

परिणाम:

  • स्वशासन की मांग को जनांदोलन बनाना
  • मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919)
  • राजनीतिक चेतना का विकास
  • कांग्रेस में नई ऊर्जा

निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 9: "1885-1919 का काल भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की आधारशिला का काल है।" इस कथन की विवेचना करें।

उत्तर:

1885-1919 का काल वास्तव में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की आधारशिला का काल है। इस अवधि में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विकास हुए:

1. संस्थागत विकास:

  • 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
  • राजनीतिक संगठन का ढांचा तैयार होना
  • राष्ट्रीय नेतृत्व का उभरना

2. विचारधारा का विकास:

  • उदारवादी चरण (1885-1905): संवैधानिक तरीके
  • उग्रवादी चरण (1905-1919): स्वराज और स्वदेशी
  • क्रांतिकारी आंदोलन: सशस्त्र संघर्ष का विकल्प

3. जनांदोलन का चरित्र:

  • स्वदेशी आंदोलन में व्यापक जन भागीदारी
  • महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भूमिका
  • सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को शामिल करना

4. राष्ट्रीय चेतना:

  • भारतीय पहचान की भावना का विकास
  • सांस्कृतिक पुनरुद्धार
  • एकता और अखंडता की भावना

निष्कर्ष: इस प्रकार 1885-1919 का काल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए वैचारिक, संगठनात्मक और जनाधार की मजबूत नींव तैयार करने का काल था।

प्रश्न 10: बंगाल विभाजन और स्वदेशी आंदोलन का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन पर प्रभाव का विश्लेषण करें।

उत्तर:

बंगाल विभाजन (1905) और उसके परिणामस्वरूप शुरू हुआ स्वदेशी आंदोलन भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

बंगाल विभाजन के कारण:

  • प्रशासनिक सुविधा का बहाना
  • "फूट डालो और राज करो" की नीति
  • बंगाली राष्ट्रवाद को कमजोर करना
  • हिंदू-मुस्लिम एकता तोड़ना

स्वदेशी आंदोलन की विशेषताएं:

  1. व्यापक जन सहभागिता:
    • सभी वर्गों की भागीदारी
    • गांव-गांव तक पहुंच
    • महिलाओं की सक्रिय भूमिका
  2. आर्थिक प्रतिरोध:
    • विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार
    • देशी उद्योगों का विकास
    • आर्थिक स्वावलंबन की भावना
  3. शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन:
    • राष्ट्रीय शिक्षा परिषद की स्थापना
    • तकनीकी शिक्षा पर जोर
    • स्वदेशी शिक्षा संस्थानों का विकास

दीर्घकालीन प्रभाव:

  • राजनीतिक: उग्रवादी विचारधारा का विकास
  • सामाजिक: राष्ट्रीय एकता की भावना
  • आर्थिक: स्वदेशी उद्योगों का विकास
  • सांस्कृतिक: भारतीय संस्कृति का पुनरुद्धार

निष्कर्ष: बंगाल विभाजन और स्वदेशी आंदोलन ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को एक नई दिशा प्रदान की और इसे जनांदोलन का रूप दिया।

  1. प्रश्न: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना कब और किसके द्वारा हुई?

    उत्तर: 1885; ए.ओ. ह्यूम (A.O. Hume) की पहल से।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

  2. प्रश्न: कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन कहाँ और किसके अध्यक्षत्व में हुआ?

    उत्तर: बंबई (मुंबई), 1885; अध्यक्ष—डब्ल्यू.सी. बनर्जी (W.C. Bonnerjee)।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016

  3. प्रश्न: बंगाल विभाजन कब हुआ और किस वायसराय ने किया?

    उत्तर: 1905; लॉर्ड कर्ज़न।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

  4. प्रश्न: ‘सूरत विभाजन’ (Surat Split) कब हुआ और किन गुटों में मतभेद हुआ?

    उत्तर: 1907; नरमपंथी व गरमपंथी।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021

  5. प्रश्न: मॉर्ले–मिंटो सुधार (Indian Councils Act) कब हुए और मुख्य प्रावधान क्या था?

    उत्तर: 1909; पृथक निर्वाचक मंडल (Separate Electorates) का प्रावधान।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016

  6. प्रश्न: होम रूल लीग की स्थापना किन नेताओं ने की और किस वर्ष?

    उत्तर: 1916; बाल गंगाधर तिलक व एनी बेसेंट।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

  7. प्रश्न: ‘लखनऊ समझौता’ (Lucknow Pact) कब हुआ और किनके बीच?

    उत्तर: 1916; कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021

  8. प्रश्न: चंपारण सत्याग्रह कब हुआ और किस मुद्दे पर?

    उत्तर: 1917; नील (इंडिगो) की जबरन खेती के खिलाफ़—गाँधीजी का पहला सत्याग्रह।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

  9. प्रश्न: मांटेग्यू घोषणा (Montagu Declaration) किस वर्ष और क्या आश्वासन?

    उत्तर: 1917; भारत में उत्तरदायी शासन की क्रमिक वृद्धि का वादा।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016

  10. प्रश्न: रॉलेट एक्ट कब पारित हुआ और इसके विरोध में किस आंदोलन की शुरुआत हुई?

    उत्तर: 1919; देश‑व्यापी सत्याग्रह/हड़ताल—गाँधीजी के नेतृत्व में।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021

  11. प्रश्न: जलियाँवाला बाग हत्याकांड कब और कहाँ हुआ तथा किसके आदेश पर गोली चलाई गई?

    उत्तर: 13 अप्रैल 1919; अमृतसर; जनरल डायर के आदेश पर।

    पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018

Telegram Join Link: https://t.me/sarkariserviceprep


📥 Download Zone:


📌 Useful for Exams:

  • UPSC | RPSC | SSC | REET | Patwar | LDC
  • All India Competitive Exams

Note: Don’t forget to share this post with your friends and join our Telegram for regular updates.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया टिप्पणी करते समय मर्यादित भाषा का प्रयोग करें। किसी भी प्रकार का स्पैम, अपशब्द या प्रमोशनल लिंक हटाया जा सकता है। आपका सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है!

भारतीय अर्थव्यवस्था – पंचवर्षीय योजनाएं और नीति आयोग – RPSC & UPSC PYQ

भारत की पंचवर्षीय योजनाएं - UPSC RPSC Complete Guide ...