राजस्थान की प्रमुख नदियाँ
सहायक नदियाँ, जलग्रहण क्षेत्र, बांध एवं सिंचाई परियोजनाओं की संपूर्ण जानकारी
विषय सूची
प्रस्तावना
राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है जो अपनी भौगोलिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य मुख्यतः शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु वाला है, लेकिन यहाँ की नदियाँ कृषि, उद्योग और जल आपूर्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। राजस्थान की नदियों को मुख्यतः तीन जल निकासी तंत्रों में बांटा जा सकता है:
1. गंगा नदी तंत्र: चम्बल, बनास व उनकी सहायक नदियाँ
2. अरब सागरीय तंत्र: माही, साबरमती, लूनी, पश्चिमी बनास
3. आंतरिक जल निकासी तंत्र: घग्गर, कांतली, काकनेय
चम्बल नदी और उसकी सहायक नदियाँ
चम्बल नदी - राजस्थान की जीवन रेखा
चम्बल नदी राजस्थान की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण नदी है। यह यमुना नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
विशेषता | विवरण |
---|---|
उद्गम स्थल | जानापाव पहाड़ी, महू (मध्य प्रदेश) |
कुल लंबाई | 966 किमी |
राजस्थान में लंबाई | 135 किमी |
प्रवेश स्थल (राजस्थान) | चौरासीगढ़ (चित्तौड़गढ़) |
निकास स्थल | धौलपुर से उत्तर प्रदेश |
जलग्रहण क्षेत्र | 79,000 वर्ग किमी (कुल), राजस्थान में 7,350 वर्ग किमी |
प्रवाह दिशा | दक्षिण से उत्तर |
चम्बल की प्रमुख सहायक नदियाँ
मुख्य सहायक नदियाँ:
1. बनास नदी: सबसे बड़ी सहायक नदी
2. कालीसिंध नदी: मध्य प्रदेश से आकर मिलती है
3. पार्वती नदी: धौलपुर में मिलती है
4. बामनी नदी: छोटी सहायक नदी
चम्बल के प्रमुख बांध और परियोजनाएं
चम्बल घाटी परियोजना:
• गांधी सागर बांध: मध्य प्रदेश में स्थित
• राणा प्रताप सागर बांध: चित्तौड़गढ़ में स्थित
• जवाहर सागर बांध: कोटा में स्थित
• कोटा बैराज: कोटा में स्थित
लाभान्वित जिले: कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली
• राजस्थान की एकमात्र बारहमासी नदी
• सबसे कम प्रदूषित नदी
• घड़ियालों का प्राकृतिक आवास
• राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य स्थित है
बनास नदी तंत्र
बनास नदी - राजस्थान की सबसे लंबी नदी
बनास नदी पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली सबसे लंबी नदी है और चम्बल की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
विशेषता | विवरण |
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उद्गम स्थल | खमनौर पहाड़ियाँ, सिरोही |
कुल लंबाई | 512 किमी |
प्रवाह दिशा | दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व |
संगम स्थल | रामेश्वर (सवाई माधोपुर) में चम्बल से मिलती है |
जलग्रहण क्षेत्र | 45,833 वर्ग किमी |
लाभान्वित जिले | उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक |
बनास की प्रमुख सहायक नदियाँ
दाहिनी तरफ से मिलने वाली सहायक नदियाँ:
• बेड़च नदी: उदयपुर से निकलकर भीलवाड़ा में मिलती है
• कोठारी नदी: राजसमंद जिले से निकलती है
• खारी नदी: राजसमंद से निकलकर देवगढ़ में मिलती है
• मानसी नदी: भीलवाड़ा में बनास से मिलती है
बाईं तरफ से मिलने वाली सहायक नदियाँ:
• सोम नदी: बीछीवाड़ा पहाड़ियों से निकलती है
• जाखम नदी: छोटी सादड़ी (प्रतापगढ़) से निकलती है
• गंभीरी नदी: चित्तौड़गढ़ से निकलती है
• सिलीसेड़ नदी: ब्यावर के पास मिलती है
बनास की प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं
प्रमुख बांध और परियोजनाएं:
• बीसलपुर बांध: टोंक जिले में स्थित (1995 में पूर्ण)
• माधो सागर बांध: भीलवाड़ा में कोठारी नदी पर
• मेज बांध: भीलवाड़ा में कोठारी नदी पर
• जाखम बांध: प्रतापगढ़ में जाखम नदी पर
माही नदी
माही नदी - दक्षिणी राजस्थान की महत्वपूर्ण नदी
माही नदी राजस्थान और गुजरात के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है। यह अरब सागर में गिरने वाली प्रमुख नदी है।
विशेषता | विवरण |
---|---|
उद्गम स्थल | मेहद झील, विंध्याचल पर्वत (मध्य प्रदेश) |
कुल लंबाई | 583 किमी |
राजस्थान में लंबाई | 171 किमी |
प्रवेश स्थल (राजस्थान) | खादू गाँव (बांसवाड़ा) |
प्रवाह दिशा | उत्तर से दक्षिण |
निकास स्थल | खंभात की खाड़ी (अरब सागर) |
जलग्रहण क्षेत्र | राजस्थान में 9,950 वर्ग किमी |
माही की प्रमुख सहायक नदियाँ
मुख्य सहायक नदियाँ:
• सोम नदी: गोगुंडा पहाड़ियों से निकलती है
• जाखम नदी: प्रतापगढ़ से निकलती है
• अनास नदी: गुजरात में मिलती है
• एराव नदी: उदयपुर से निकलती है
• चाप नदी: छोटी सहायक नदी
माही बजाज सागर परियोजना
माही बजाज सागर बांध:
• स्थान: बोरखेड़ा गाँव, बांसवाड़ा
• निर्माण वर्ष: 1983
• ऊंचाई: 61 मीटर
• लंबाई: 3109 मीटर
• जल भंडारण क्षमता: 6387 मिलियन क्यूबिक मीटर
• लाभान्वित जिले: बांसवाड़ा, डूंगरपुर
• राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी नदी
• कर्क रेखा इसे दो बार काटती है
• त्रिवेणी संगम (बांसवाड़ा) में सोम-माही-जाखम मिलती हैं
• दक्षिणी राजस्थान की जीवन रेखा
लूनी नदी
लूनी नदी - पश्चिमी राजस्थान की प्रमुख नदी
लूनी नदी राजस्थान के शुष्क पश्चिमी भाग की सबसे महत्वपूर्ण नदी है। इसका जल खारा होने के कारण इसे "नमक नदी" भी कहते हैं।
विशेषता | विवरण |
---|---|
उद्गम स्थल | नाग पहाड़, अजमेर |
कुल लंबाई | 330 किमी |
प्रवाह दिशा | उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम |
अंत स्थल | कच्छ के रण में विलुप्त हो जाती है |
जलग्रहण क्षेत्र | 37,363 वर्ग किमी |
लाभान्वित जिले | अजमेर, नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर |
लूनी की प्रमुख सहायक नदियाँ
दाहिनी तरफ से मिलने वाली नदियाँ:
• लीलड़ी नदी: अजमेर से निकलती है
• सरस्वती नदी: पुष्कर के पास से निकलती है
• मिठड़ी नदी: गोविंदगढ़ से निकलती है
• बांडी नदी: पाली से निकलती है
बाईं तरफ से मिलने वाली नदियाँ:
• जवाई नदी: अरावली से निकलती है
• सूकड़ी नदी: सिरोही की पहाड़ियों से निकलती है
• गुहिया नदी: अबू पर्वत से निकलती है
• सागी नदी: पाली जिले से निकलती है
लूनी की प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं
प्रमुख बांध:
• जवाई बांध: पाली में जवाई नदी पर (1946 में निर्मित)
• हेमावास बांध: पाली में बांडी नदी पर
• सरदार समंद बांध: पाली में लूनी नदी पर
• लूणी बांध: जोधपुर में लूनी नदी पर
घग्गर नदी
घग्गर नदी - प्राचीन सरस्वती नदी
घग्गर नदी को प्राचीन सरस्वती नदी का अवशेष माना जाता है। यह मानसून पर निर्भर नदी है।
विशेषता | विवरण |
---|---|
उद्गम स्थल | कालका के पास शिवालिक पहाड़ियाँ (हिमाचल प्रदेश) |
राजस्थान में प्रवेश | तिलवाड़ा (हनुमानगढ़) |
राजस्थान में लंबाई | 465 किमी |
अंत स्थल | अनूपगढ़ के पास रेत में विलुप्त |
प्रवाह दिशा | उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम |
लाभान्वित जिले | गंगानगर, हनुमानगढ़ |
घग्गर की सहायक नदियाँ
मुख्य सहायक नदियाँ:
• कौशल्या नदी: हरियाणा से आती है
• सरस्वती नदी: सिरमौर पहाड़ियों से निकलती है
• दृषद्वती नदी: हरियाणा से आती है
• मानसूनी नदी - केवल बरसात में बहती है
• प्राचीन सरस्वती नदी का अवशेष
• उत्तरी राजस्थान में सिंचाई का मुख्य साधन
• हड़प्पा सभ्यता के अवशेष इसके किनारे मिलते हैं
साबरमती नदी
साबरमती नदी
साबरमती नदी राजस्थान के दक्षिणी भाग से निकलकर गुजरात होते हुए अरब सागर में गिरती है।
विशेषता | विवरण |
---|---|
उद्गम स्थल | धेबार झील के पास अरावली पहाड़ियाँ (उदयपुर) |
कुल लंबाई | 416 किमी |
राजस्थान में लंबाई | 45 किमी |
प्रवाह दिशा | उत्तर से दक्षिण |
अंत स्थल | खंभात की खाड़ी (अरब सागर) |
साबरमती की सहायक नदियाँ
राजस्थान में सहायक नदियाँ:
• वाकल नदी: उदयपुर से निकलती है
• गोमती नदी: छोटी सहायक नदी
अन्य महत्वपूर्ण नदियाँ
पश्चिमी बनास नदी
उद्गम: अरावली पहाड़ियाँ (सिरोही)
लंबाई: 480 किमी
अंत: कच्छ के छोटे रण में
लाभान्वित जिले: सिरोही, जालौर, बाड़मेर
कांतली नदी
उद्गम: खंडेला पहाड़ियाँ (सीकर)
लंबाई: 100 किमी
विशेषता: शेखावाटी क्षेत्र की प्रमुख नदी
काकनेय नदी
उद्गम: जयपुर की पहाड़ियाँ
अंत: सांभर झील में
विशेषता: मेंढा नदी इसकी सहायक नदी है
रूपारेल नदी
उद्गम: उदयपुर की पहाड़ियाँ
अंत: चंबल में मिलती है
विशेषता: करौली और धौलपुर जिलों से होकर बहती है
प्रमुख बांध एवं सिंचाई परियोजनाएं
राजस्थान के प्रमुख बांध
बांध का नाम | नदी | जिला | निर्माण वर्ष | विशेषता |
---|---|---|---|---|
राणा प्रताप सागर | चम्बल | चित्तौड़गढ़ | 1970 | बिजली उत्पादन |
जवाहर सागर | चम्बल | कोटा | 1972 | बिजली उत्पादन |
बीसलपुर बांध | बनास | टोंक | 1995 | राज्य का सबसे बड़ा पेयजल प्रोजेक्ट |
माही बजाज सागर | माही | बांसवाड़ा | 1983 | बिजली व सिंचाई |
जवाई बांध | जवाई | पाली | 1946 | मारवाड़ की गंगा |
मेज बांध | कोठारी | भीलवाड़ा | 1972 | सिंचाई परियोजना |
जाखम बांध | जाखम | प्रतापगढ़ | 1986 | सिंचाई व पेयजल |
गजनेर बांध | लूनी | बीकानेर | 1954 | सिंचाई |
पांचना बांध | पांचना | करौली | 1963 | सिंचाई |
चूलिया प्रपात बांध | चम्बल | चित्तौड़गढ़ | - | प्राकृतिक जल प्रपात |
अंतर्राज्यीय जल परियोजनाएं
इंदिरा गांधी नहर परियोजना:
• स्रोत: सतलुज और व्यास नदी (हरिकके बैराज)
• कुल लंबाई: 649 किमी
• राजस्थान में लंबाई: 480 किमी
• लाभान्वित जिले: गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर
• विशेषता: दुनिया की सबसे बड़ी नहर परियोजना
नर्मदा परियोजना:
• स्रोत: नर्मदा नदी (सरदार सरोवर बांध, गुजरात)
• राजस्थान में लाभान्वित जिले: जालौर, बाड़मेर
• मुख्य नहर: राजस्थान फीडर
• वितरण: 533 किमी मुख्य नहर
नदियों का वर्गीकरण
जल निकासी के आधार पर वर्गीकरण
श्रेणी | नदियाँ | गंतव्य | क्षेत्रफल (%) |
---|---|---|---|
बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली | चम्बल, बनास, कालीसिंध, पार्वती | यमुना → गंगा → बंगाल की खाड़ी | 17% |
अरब सागर में गिरने वाली | माही, साबरमती, लूनी, पश्चिमी बनास | अरब सागर | 23% |
आंतरिक प्रवाह तंत्र | घग्गर, कांतली, काकनेय | अंतर्देशीय झीलें/रेत में विलुप्त | 60% |
प्रवाह की प्रकृति के आधार पर
सदानीरा (बारहमासी) नदियाँ:
• चम्बल: राजस्थान की एकमात्र बारहमासी नदी
• कारण: मध्य प्रदेश से आने वाला पानी
मानसूनी नदियाँ:
• बनास, माही, लूनी, घग्गर आदि
• विशेषता: मानसून पर निर्भर
महत्वपूर्ण तथ्य
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
नदियों की लंबाई के आधार पर क्रम:
1. बनास नदी: 512 किमी (राजस्थान की सबसे लंबी)
2. लूनी नदी: 330 किमी
3. घग्गर नदी: 465 किमी (राजस्थान में)
4. चम्बल नदी: 135 किमी (राजस्थान में)
उपनाम और विशेष नाम:
• "मारवाड़ की गंगा": लूनी नदी
• "राजस्थान की गंगा": चम्बल नदी
• "दक्षिणी राजस्थान की गंगा": माही नदी
• "नमक नदी": लूनी नदी
• "राजस्थान की स्वर्ण रेखा": बनास नदी
संगम स्थल:
• त्रिवेणी संगम: सोम, माही, जाखम (बांसवाड़ा)
• चम्बल-बनास संगम: रामेश्वर धाम (सवाई माधोपुर)
• चम्बल-यमुना संगम: पचनदा (उत्तर प्रदेश)
जल प्रपात:
• चूलिया प्रपात: चम्बल नदी (चित्तौड़गढ़)
• भीमलत प्रपात: भीमलत नदी (बूंदी)
• गरसिया प्रपात: चंद्रभागा नदी (झालावाड़)
पूर्व परीक्षा प्रश्नोत्तरी (UPSC/RPSC)
UPSC पूर्व वर्ष प्रश्न
प्रश्न 1: राजस्थान की निम्नलिखित में से कौन सी नदी अरब सागर में गिरती है? (UPSC 2019)
(a) चम्बल
(b) बनास
(c) माही
(d) घग्गर
व्याख्या: माही नदी राजस्थान से निकलकर गुजरात होते हुए खंभात की खाड़ी (अरब सागर) में गिरती है। चम्बल और बनास यमुना की सहायक नदियाँ हैं जो अंततः बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। घग्गर आंतरिक प्रवाह तंत्र की नदी है।
प्रश्न 2: राजस्थान में चम्बल नदी का प्रवेश स्थान है: (RPSC 2021)
(a) कोटा
(b) चित्तौड़गढ़
(c) बूंदी
(d) झालावाड़
व्याख्या: चम्बल नदी चौरासीगढ़ (चित्तौड़गढ़) के पास राजस्थान में प्रवेश करती है।
प्रश्न 3: बीसलपुर बांध किस नदी पर स्थित है? (RPSC 2018)
(a) चम्बल
(b) बनास
(c) माही
(d) लूनी
व्याख्या: बीसलपुर बांध टोंक जिले में बनास नदी पर स्थित है। यह राजस्थान की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना है।
प्रश्न 4: राजस्थान की एकमात्र बारहमासी नदी है: (RPSC 2016)
(a) बनास
(b) माही
(c) चम्बल
(d) लूनी
व्याख्या: चम्बल राजस्थान की एकमात्र बारहमासी नदी है क्योंकि यह मध्य प्रदेश से आती है और वहाँ अधिक वर्षा होती है।
प्रश्न 5: घग्गर नदी को किस प्राचीन नदी का अवशेष माना जाता है? (UPSC 2017)
(a) गंगा
(b) सिंधु
(c) सरस्वती
(d) नर्मदा
व्याख्या: घग्गर नदी को वैदिक कालीन सरस्वती नदी का अवशेष माना जाता है।
RPSC विशेष प्रश्न
प्रश्न 6: "मारवाड़ की गंगा" किस नदी को कहा जाता है? (RPSC 2020)
प्रश्न 7: राजस्थान में त्रिवेणी संगम कहाँ स्थित है? (RPSC 2019)
प्रश्न 8: चूलिया जल प्रपात किस नदी पर स्थित है? (RPSC 2022)
अभ्यास प्रश्नोत्तरी
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1: राजस्थान की सबसे लंबी नदी कौन सी है?
(a) चम्बल
(b) बनास
(c) माही
(d) लूनी
बनास नदी 512 किमी लंबी है और पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली सबसे लंबी नदी है।
प्रश्न 2: कर्क रेखा किस नदी को दो बार काटती है?
(a) माही
(b) चम्बल
(c) बनास
(d) साबरमती
माही नदी को कर्क रेखा दो बार काटती है - बांसवाड़ा में और गुजरात में।
प्रश्न 3: जवाई बांध किस जिले में स्थित है?
(a) जोधपुर
(b) पाली
(c) बाड़मेर
(d) नागौर
जवाई बांध पाली जिले में जवाई नदी पर स्थित है।
प्रश्न 4: राणा प्रताप सागर बांध किस नदी पर बना है?
(a) बनास
(b) चम्बल
(c) माही
(d) लूनी
राणा प्रताप सागर बांध चित्तौड़गढ़ में चम्बल नदी पर स्थित है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 5: राजस्थान की नदियों के तीन जल निकासी तंत्रों का वर्णन करें।
1. गंगा नदी तंत्र (17%): चम्बल, बनास और उनकी सहायक नदियाँ यमुना में मिलकर अंततः बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
2. अरब सागरीय तंत्र (23%): माही, साबरमती, लूनी, पश्चिमी बनास सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से अरब सागर में गिरती हैं।
3. आंतरिक जल निकासी तंत्र (60%): घग्गर, कांतली, काकनेय आदि अंतर्देशीय झीलों में गिरती हैं या रेत में विलुप्त हो जाती हैं।
प्रश्न 6: चम्बल घाटी परियोजना के प्रमुख बांधों के नाम लिखें।
1. गांधी सागर बांध: मध्य प्रदेश में
2. राणा प्रताप सागर बांध: चित्तौड़गढ़, राजस्थान
3. जवाहर सागर बांध: कोटा, राजस्थान
4. कोटा बैराज: कोटा, राजस्थान
प्रश्न 7: बनास नदी की प्रमुख सहायक नदियों का उल्लेख करें।
दाहिनी तरफ से: बेड़च, कोठारी, खारी, मानसी
बाईं तरफ से: सोम, जाखम, गंभीरी, सिलीसेड़
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 8: राजस्थान की नदियों का आर्थिक महत्व स्पष्ट करें।
राजस्थान की नदियों का आर्थिक महत्व निम्नलिखित है:
1. कृषि एवं सिंचाई:
• राज्य में 90% जल सतही जल स्रोतों से प्राप्त होता है
• चम्बल, बनास, माही आदि नदियों से व्यापक सिंचाई
• इंदिरा गांधी नहर से उत्तरी राजस्थान में हरित क्रांति
2. विद्युत उत्पादन:
• राणा प्रताप सागर (172 MW) और जवाहर सागर (99 MW) से जल विद्युत
• माही बजाज सागर से भी विद्युत उत्पादन
3. पेयजल आपूर्ति:
• बीसलपुर से जयपुर, अजमेर, टोंक को जल आपूर्ति
• जवाई से जोधपुर क्षेत्र को पेयजल
• नर्मदा से पश्चिमी राजस्थान को जल आपूर्ति
4. औद्योगिक विकास:
• चम्बल किनारे कोटा में उर्वरक उद्योग
• नदियों के किनारे कई औद्योगिक केंद्रों का विकास
5. पर्यटन:
• चम्बल नदी पर घड़ियाल अभयारण्य
• विभिन्न नदियों पर बने बांध पर्यटन स्थल
प्रश्न 9: राजस्थान में जल संकट के कारण और समाधान के उपाय बताएं।
जल संकट के कारण:
1. भौगोलिक कारण:
• राज्य का 60% भाग मरुस्थलीय
• कम वर्षा (औसत 531 मिमी)
• उच्च वाष्पीकरण दर
2. नदियों की प्रकृति:
• केवल चम्बल बारहमासी
• अधिकांश नदियाँ मानसूनी
• वर्षा की अनिश्चितता
3. मानवीय कारक:
• जल का अपव्यय
• भूजल का अत्यधिक दोहन
• नदियों का प्रदूषण
समाधान के उपाय:
1. वर्षा जल संचयन:
• छत पर वर्षा जल संचयन
• तालाब और बावड़ियों का पुनरुद्धार
• चेक डैम निर्माण
2. अंतर्राज्यीय परियोजनाएं:
• इंदिरा गांधी नहर का विस्तार
• नर्मदा परियोजना का पूर्ण उपयोग
• अन्य राज्यों से जल समझौते
3. जल संरक्षण:
• ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा
• फसल पैटर्न में परिवर्तन
• जल का पुनः उपयोग
4. तकनीकी समाधान:
• डी-सैलिनेशन प्लांट
• जल पुनर्चक्रण
• कृत्रिम वर्षा
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यह सामग्री UPSC/RPSC प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए तैयार की गई है। सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों का भी सहारा लें।
-
प्रश्न: राजस्थान की सबसे लंबी अन्त:स्थलीय नदी कौन‑सी है?
उत्तर: लूणी नदी (अरबी सागर में नहीं गिरती; कच्छ के रण क्षेत्र में लुप्त होती है)।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018
-
प्रश्न: बनास नदी किसकी सहायक है?
उत्तर: चंबल नदी की दाहिनी तटीय सहायक।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016
-
प्रश्न: बनास नदी का संगम चंबल से कहाँ होता है?
उत्तर: राणथंभौर के पास रामेश्वर (सवाई माधोपुर) क्षेत्र में।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021
-
प्रश्न: ‘माही बजाज सागर’ परियोजना किस नदी पर व किस जिले में है?
उत्तर: माही नदी; बाँसवाड़ा जिला।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016
-
प्रश्न: ‘बिसलपुर बाँध’ किस नदी पर है?
उत्तर: बनास नदी (टोंक जिला) — जयपुर जलापूर्ति की मुख्य परियोजना।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018
-
प्रश्न: ‘जवाई बाँध’ किस नदी पर और कहाँ स्थित है?
उत्तर: जवाई नदी (लूणी की सहायक); पाली जिला।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021
-
प्रश्न: ‘इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP)’ जल कहाँ से प्राप्त करती है?
उत्तर: सतलुज–बीस के जल का हरिके बैराज (पंजाब) से—गंगानगर/बीकानेर में प्रविष्टि।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016
-
प्रश्न: चंबल पर राजस्थान में स्थित प्रमुख बांध/बैराज कौन‑कौन से हैं?
उत्तर: राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर बाँध और कोटा बैराज (गांधीसागर MP में)।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2018
-
प्रश्न: ‘सम्भर झील’ का जलनिकास किस प्रकार का है?
उत्तर: आन्तरिक/एन्डोरिक बेसिन (अवनमन स्थल में जल एकत्र—खारे पानी की झील)।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2021
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प्रश्न: साबरमती नदी का उद्गम राजस्थान के किस क्षेत्र में है?
उत्तर: अरावली पहाड़ियों, उदयपुर क्षेत्र (राजसमन्द–उदयपुर सीमा के पास)।
पूछा गया: RAS/RTS Prelims 2016
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