राजस्थान की अर्थव्यवस्था – कृषि एवं सिंचाई: प्रमुख फसलें, परियोजनाएँ और योजनाएँ
राजस्थान की अर्थव्यवस्था - कृषि एवं सिंचाई
विषय सूची
परिचय
राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है जो अपने विविधतापूर्ण भौगोलिक क्षेत्र के लिए प्रसिद्ध है। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि का मुख्य योगदान है। राजस्थान की कुल जनसंख्या का 62% भाग कृषि पर निर्भर है।
कृषि का महत्व
राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। वर्तमान कीमतों पर राजस्थान के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 19.5% है।
कृषि की विशेषताएं
- भारत के कुल कृषि क्षेत्र का 13.27% राजस्थान में पाया जाता है
- राज्य का सिंचित क्षेत्र कुल सतह क्षेत्र का 30% है
- राज्य के कुल उद्योगों में लगभग 15% उद्योग कृषि आधारित हैं
- पूर्वी मैदान को "कृषि का हृदय स्थल" कहा जाता है
कृषि जलवायु क्षेत्र
राजस्थान को जलवायु के आधार पर 10 कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जबकि भारत में कुल 15 कृषि जलवायु क्षेत्र हैं।
प्रमुख फसलें
राजस्थान में जलवायु की विविधता के कारण विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन होता है। राज्य में फसलें मुख्यतः तीन मौसमों में उगाई जाती हैं।
प्रथम स्थान: बाजरा, सरसों, कुल तिलहन, ग्वार
द्वितीय स्थान: पोषक अनाज, मूंगफली
तृतीय स्थान: चना, कुल दलहन, ज्वार, सोयाबीन
चौथा स्थान: गेहूं उत्पादन में
खरीफ की फसलें (चौमासा/स्यालु)
समय: जून-जुलाई से सितंबर-अक्टूबर तक
प्रमुख खरीफ फसलें
| फसल | राष्ट्रीय स्थिति | प्रमुख उत्पादक जिले | विशेषताएं |
|---|---|---|---|
| बाजरा | प्रथम स्थान (45.56% योगदान) | जयपुर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर | राज्य की प्रमुख खाद्यान्न फसल |
| मक्का | महत्वपूर्ण उत्पादक | दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान | खाद्यान्न के रूप में उपयोग |
| ज्वार | तृतीय स्थान | नागौर, अजमेर, टोंक, पाली | महत्वपूर्ण मोटा अनाज |
| मूंगफली | द्वितीय स्थान | जयपुर, अलवर, बीकानेर | प्रमुख तिलहन फसल |
- राजस्थान में सर्वाधिक बोया जाने वाला खाद्यान्न
- प्रमुख किस्में: राज-171, RHB-30, RCB-911
- बाजरा अनुसंधान केंद्र: बाड़मेर
- उत्पादन क्षेत्रफल और उत्पादन दोनों में देश में प्रथम
रबी की फसलें
समय: अक्टूबर-नवंबर से मार्च-अप्रैल तक
| फसल | राष्ट्रीय स्थिति | प्रमुख उत्पादक जिले | विशेषताएं |
|---|---|---|---|
| गेहूं | चौथा स्थान (8% योगदान) | श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा | सर्वाधिक सिंचित फसल |
| सरसों | प्रथम स्थान | भरतपुर, अलवर, जयपुर | प्रमुख तिलहन फसल |
| चना | तृतीय स्थान | श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ | प्रमुख दलहन फसल |
| जौ | महत्वपूर्ण उत्पादक | जयपुर, उदयपुर, अलवर | औषधीय गुणों वाला अनाज |
- श्रीगंगानगर को "राज्य का अन्न भंडार" कहा जाता है
- प्रमुख किस्में: सोना-कल्याण, सोनेरा, शरबती
- राज्य में सर्वाधिक खाया जाने वाला खाद्यान्न
- कुल कृषिगत क्षेत्र के 9.5% भाग पर उगाया जाता है
जायद की फसलें
समय: मार्च-अप्रैल से जून-जुलाई तक
जायद की प्रमुख फसलें तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, फोदले, चारे की फसलें आदि हैं। ये फसलें मुख्यतः सिंचित क्षेत्रों में उगाई जाती हैं।
कृषि क्षेत्र का वितरण
राजस्थान में कृषि का वितरण भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न है।
क्षेत्रीय वितरण
| क्षेत्र | प्रमुख फसलें | विशेषताएं |
|---|---|---|
| पश्चिमी राजस्थान | बाजरा, ज्वार, मोठ, ग्वार | मरुस्थलीय क्षेत्र, वर्षा आधारित कृषि |
| पूर्वी राजस्थान | गेहूं, चना, मटर, सरसों | उपजाऊ मैदान, सिंचाई सुविधा |
| दक्षिणी राजस्थान | मक्का, धान, सोयाबीन | पहाड़ी क्षेत्र, अधिक वर्षा |
| उत्तरी राजस्थान | गेहूं, कपास, गन्ना | नहरी सिंचाई, उच्च उत्पादकता |
फसल गहनता
राज्य में फसल गहनता अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न है। सिंचित क्षेत्रों में दोहरी फसल ली जाती है, जबकि वर्षा आधारित क्षेत्रों में एकल फसल प्रचलित है।
सिंचाई परियोजनाएं
राजस्थान में देश के कुल सतही जल का मात्र 1.16% जल उपलब्ध है। वर्षा की अनियमितता के कारण सिंचाई परियोजनाओं का विशेष महत्व है।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना
इंदिरा गांधी नहर परियोजना को "राजस्थान की जीवन रेखा" और "मरुगंगा" कहा जाता है। यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित नहर परियोजना है।
मुख्य विशेषताएं
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पुराना नाम | राजस्थान नहर (2 नवंबर 1984 तक) |
| कुल लंबाई | 649 किमी (मुख्य नहर: 445 किमी) |
| उद्गम | हरिके बैराज (सतलुज-व्यास संगम) |
| राजस्थान में प्रवेश | मसीतावली हैड (हनुमानगढ़) |
| अंतिम छोर | गडरा रोड (बाड़मेर) |
| लाभान्वित जिले | 9 जिले (श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, झुंझुनू) |
प्रमुख लिफ्ट नहरें
- कंवर सेन लिफ्ट नहर: बीकानेर की जीवनरेखा
- राजीव गांधी लिफ्ट नहर: सबसे लंबी (176 किमी), जोधपुर की जीवनरेखा
- वीर तेजाजी लिफ्ट नहर: सबसे छोटी लिफ्ट नहर
- योजनाकार: इंजीनियर कंवर सेन (1948)
- आधारशिला: 31 मार्च 1958 (गोविंद वल्लभ पंत द्वारा)
- प्रथम जल प्रवाह: 11 अक्टूबर 1961 (डॉ. राधाकृष्णन द्वारा)
- मुख्यालय: जयपुर
माही बजाज सागर परियोजना
यह राजस्थान एवं गुजरात की संयुक्त परियोजना है। 1966 के समझौते के अनुसार राजस्थान का हिस्सा 45% व गुजरात का हिस्सा 55% है।
प्रमुख घटक
| घटक | स्थान | विशेषताएं |
|---|---|---|
| कड़ाना बांध | पंचमहल (गुजरात) | मुख्य बांध |
| माही बजाज सागर बांध | बोरखेड़ा (बांसवाड़ा) | राजस्थान में मुख्य बांध |
| कागदी पिकअप बांध | बांसवाड़ा | द्वितीय चरण में निर्मित |
नहरें
- भीखाभाई सागवाड़ा नहर: 71.72 किमी लंबी (दाहिनी नहर)
- आनंदपुरी-भूकिया नहर: 26.12 किमी लंबी (बाईं नहर)
लाभान्वित क्षेत्र: डुंगरपुर, बांसवाड़ा जिलों की कुछ तहसीलें
जवाई बांध परियोजना
जवाई बांध पाली जिले के सुमेरपुर में लूनी नदी की सहायक जवाई नदी पर निर्मित है। इसे "मारवाड़ का अमृत सरोवर" और "पश्चिम मरुस्थल की जीवन रेखा" कहा जाता है।
मुख्य विशेषताएं
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| निर्माण काल | 1946-1957 |
| निर्माणकर्ता | महाराजा उम्मेद सिंह (जोधपुर) |
| निर्माण लागत | 2 करोड़ 7 लाख रुपये |
| जल संग्रहण क्षमता | 7327.50 MCF |
| सिंचाई क्षेत्र | 38,670 हेक्टेयर (पाली व जालोर) |
उपयोग
- जोधपुर और पाली जिले का मुख्य पेयजल स्रोत
- पाली जिले के 33 गांवों में सिंचाई
- जालोर जिले के 24 गांवों में सिंचाई
- सेई परियोजना से जुड़ाव (अतिरिक्त जल आपूर्ति)
अन्य प्रमुख परियोजनाएं
चंबल परियोजना
राजस्थान एवं मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना (50:50 अनुपात)
- गांधी सागर बांध: मंदसौर (मध्य प्रदेश)
- राणा प्रताप सागर: चित्तौड़गढ़, रावतभाटा
- जवाहर सागर: कोटा
- कोटा बैराज: कोटा
नर्मदा नहर परियोजना
गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान की त्रिराज्यीय परियोजना
- राजस्थान का हिस्सा: 0.50 MAF
- राजस्थान में लंबाई: 74 किमी
- प्रवेश स्थल: सीलू गांव (सांचोर)
- सिंचाई पद्धति: स्प्रिंकलर एवं ड्रिप
- लाभान्वित जिले: जालोर, बाड़मेर
बीसलपुर परियोजना
राज्य की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना, टोंक जिले में बनास नदी पर निर्मित
जाखम परियोजना
प्रतापगढ़ जिले के अनुपपुरा में जाखम नदी पर निर्मित, राज्य का सबसे ऊंचा बांध (81 मीटर)
कृषि से जुड़ी सरकारी योजनाएं
राजस्थान सरकार किसानों के कल्याण एवं कृषि विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है।
मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
- शुरुआत: 30 जून 2024
- वार्षिक सहायता: ₹2,000 अतिरिक्त (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अतिरिक्त)
- कुल लाभ: ₹8,000 प्रति वर्ष (₹6,000 पीएम + ₹2,000 सीएम)
- किस्तें: पहली ₹1,000, दूसरी ₹500, तीसरी ₹500
- लाभार्थी: 65 लाख से अधिक किसान
राज किसान साथी पोर्टल
कृषि, उद्यानिकी, कृषि विपणन विभाग की अनुदान योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
प्रमुख कृषि योजनाएं
- कृषि यंत्र अनुदान योजना: कृषि उपकरण खरीद पर सब्सिडी
- बीज ग्राम योजना: स्वयं के खेतों में गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन
- जैविक खेती प्रोत्साहन योजना: राज किसान जैविक मोबाइल एप
- फ्री रेंटल स्कीम: 31,000 से अधिक किसान लाभान्वित
- कृषि प्रसंस्करण योजना: गोदाम, कोल्ड स्टोर स्थापना पर अनुदान
- सिंचाई पाइप लाइन योजना: सिंचाई व्यवस्था में सुधार
- तारबंदी अनुदान योजना: खेत की सुरक्षा हेतु
केंद्रीय योजनाएं
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: ₹6,000 वार्षिक सहायता
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: फसल बीमा सुरक्षा
- पीएम कुसुम योजना: सोलर पंप स्थापना
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना: कृषि विकास हेतु
प्रतियोगी परीक्षा प्रश्नोत्तरी
प्रश्न 1: राजस्थान में बाजरा उत्पादन की राष्ट्रीय स्थिति क्या है?
प्रश्न 2: इंदिरा गांधी नहर परियोजना को कौन सा नाम दिया गया है?
प्रश्न 3: राजस्थान के कितने जिले इंदिरा गांधी नहर परियोजना से लाभान्वित होते हैं?
प्रश्न 4: जवाई बांध का निर्माण किसने करवाया था?
प्रश्न 5: माही बजाज सागर परियोजना में राजस्थान और गुजरात का हिस्सा क्या है?
प्रश्न 6: श्रीगंगानगर को क्या कहा जाता है?
प्रश्न 7: राजस्थान की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना कौन सी है?
प्रश्न 8: राजस्थान में कुल कितने कृषि जलवायु क्षेत्र हैं?
प्रश्न 9: नर्मदा नहर परियोजना राजस्थान में कहां से प्रवेश करती है?
प्रश्न 10: मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में कितनी राशि दी जाती है?
निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1: राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व का वर्णन करें।
राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि का अत्यधिक महत्व है। राज्य की कुल जनसंख्या का 62% भाग कृषि पर निर्भर है। वर्तमान कीमतों पर राजस्थान के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 19.5% है।
मुख्य बिंदु:
- भारत के कुल कृषि क्षेत्र का 13.27% राजस्थान में स्थित है
- राज्य के कुल उद्योगों में 15% कृषि आधारित हैं
- रोजगार प्रदान करने में कृषि की मुख्य भूमिका
- खाद्य सुरक्षा में योगदान - बाजरा, गेहूं, दालों का मुख्य उत्पादक
- निर्यात में योगदान - तिलहन, मसाले, दालों का निर्यात
चुनौतियां: मानसून पर निर्भरता, भूजल स्तर में गिरावट, मरुस्थलीकरण की समस्या।
प्रश्न 2: इंदिरा गांधी नहर परियोजना का राजस्थान के विकास में योगदान स्पष्ट करें।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना राजस्थान के विकास में मील का पत्थर है। इसे "राजस्थान की जीवन रेखा" कहा जाता है।
मुख्य योगदान:
- कृषि विकास: मरुस्थलीय क्षेत्र में सिंचाई सुविधा, नई फसलों का प्रवेश
- पेयजल आपूर्ति: बीकानेर, जोधपुर जैसे शहरों को जल आपूर्ति
- औद्योगिक विकास: जल आधारित उद्योगों का विकास
- जनसंख्या वितरण: मरुस्थलीय क्षेत्र में बसावट
- पारिस्थितिकी सुधार: हरित आवरण में वृद्धि
- आर्थिक विकास: रोजगार के अवसर, आय में वृद्धि
लाभान्वित क्षेत्र: 9 जिलों में 19.63 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि का विकास।
प्रश्न 3: राजस्थान में फसल वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण करें।
राजस्थान में फसल वितरण निम्नलिखित कारकों से प्रभावित होता है:
भौगोलिक कारक:
- जलवायु: पश्चिम में शुष्क, पूर्व में अर्द्ध-शुष्क
- वर्षा: 150 मिमी (जैसलमेर) से 1000 मिमी (माउंट आबू) तक
- मृदा: रेतीली, काली, लाल मिट्टी का वितरण
- स्थलाकृति: मैदान, पहाड़ी, मरुस्थलीय क्षेत्र
आर्थिक कारक:
- सिंचाई सुविधा की उपलब्धता
- बाजार की पहुंच
- परिवहन सुविधा
- तकनीकी ज्ञान
परिणाम: पश्चिम में बाजरा-ज्वार, पूर्व में गेहूं-चना, दक्षिण में मक्का-धान का प्रभुत्व।
प्रश्न 4: राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करें।
| परियोजना | नदी/स्रोत | लाभान्वित क्षेत्र | विशेषता |
|---|---|---|---|
| इंदिरा गांधी नहर | सतलुज-व्यास | पश्चिमी राजस्थान | एशिया की सबसे बड़ी नहर |
| माही बजाज सागर | माही नदी | दक्षिणी राजस्थान | राज्गुज संयुक्त परियोजना |
| चंबल परियोजना | चंबल नदी | दक्षिण-पूर्वी राजस्थान | राज्-मप्र संयुक्त परियोजना |
| जवाई बांध | जवाई नदी | पाली-जालोर | पश्चिम राजस्थान का सबसे बड़ा बांध |
| नर्मदा नहर | नर्मदा नदी | जालोर-बाड़मेर | फव्वारा पद्धति से सिंचाई |
महत्व: ये परियोजनाएं राज्य के 30% क्षेत्र को सिंचाई सुविधा प्रदान करती हैं और कृषि उत्पादकता में वृद्धि करती हैं।
प्रश्न 5: राजस्थान में कृषि आधुनिकीकरण की आवश्यकता एवं सुझाव प्रस्तुत करें।
राजस्थान में कृषि आधुनिकीकरण की तत्काल आवश्यकता है।
आवश्यकता के कारण:
- पारंपरिक खेती से कम उत्पादकता
- जल संकट की समस्या
- मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट
- जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- बाजार की बदलती मांग
सुझाव:
- जल प्रबंधन: ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर सिस्टम का विस्तार
- फसल विविधीकरण: नकदी फसलों को बढ़ावा
- तकनीकी उन्नयन: आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग
- मृदा स्वास्थ्य: जैविक खेती को प्रोत्साहन
- कृषि शिक्षा: किसानों को प्रशिक्षण
- बाजार पहुंच: प्रसंस्करण उद्योगों का विकास
- बीमा व वित्त: फसल बीमा और सहज ऋण व्यवस्था
अपेक्षित परिणाम: उत्पादकता में वृद्धि, किसानों की आय में वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण।
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राजस्थान की अर्थव्यवस्था – कृषि एवं सिंचाई
Major Crops, Irrigation Projects, Agricultural Schemes | For RPSC, RAS & Competitive Exams
Quick Facts
- कृषि का स्वरूप: मुख्यतः वर्षा आधारित; सिंचित क्षेत्र लगभग 36%।
- प्रमुख खरीफ फसलें: बाजरा, मूंगफली, मक्का, ग्वार, कपास।
- प्रमुख रबी फसलें: गेहूँ, जौ, चना, सरसों, जीरा।
- सिंचाई के प्रमुख स्रोत: नहरें, कुएँ/ट्यूबवेल, तालाब, बांध।
- महत्वपूर्ण परियोजनाएँ: इंदिरा गांधी नहर परियोजना, माही-बजाज सागर, जवाई बांध, चंबल घाटी परियोजना।
- सरकारी योजनाएँ: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान।
PYQ-Style MCQs
-
राजस्थान में सिंचाई का सबसे बड़ा स्रोत कौन सा है?
Answer: कुएँ और ट्यूबवेल
राज्य में लगभग आधी सिंचाई भूमिगत जल स्रोतों से होती है।
-
इंदिरा गांधी नहर परियोजना किन नदियों पर आधारित है?
Answer: सतलुज और ब्यास
हरिके बैराज से जल लाकर पश्चिमी राजस्थान को सिंचाई उपलब्ध कराई जाती है।
-
माही-बजाज सागर परियोजना किस जिले में स्थित है?
Answer: बांसवाड़ा
माही नदी पर निर्मित; सिंचाई व जलविद्युत के लिए।
-
राजस्थान की प्रमुख खरीफ फसल कौन-सी है?
Answer: बाजरा
शुष्क जलवायु और कम वर्षा में उपयुक्त।
-
‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान’ का उद्देश्य क्या है?
Answer: जल संरक्षण और ग्राम स्तर पर जल स्रोतों का पुनर्जीवन
सिंचाई क्षमता और वर्षा जल संचयन बढ़ाना।
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