RBSE Class 12 Agriculture Biology (SS-39) 2024 | Complete Question Paper with Answers

| अक्टूबर 23, 2025
RBSE Class 12 Agriculture Biology (SS-39) 2024 - Complete Solution

RBSE Senior Secondary Agriculture Biology (SS-39) 2024

परीक्षा विवरण
विषय कृषि जीव विज्ञान
Paper Code SS-39
कक्षा 12वीं (उच्च माध्यमिक)
समय 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक 56
प्रश्नों की संख्या 20
परीक्षा वर्ष 2024

RBSE Senior Secondary Agriculture Biology (SS-39) राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित कक्षा 12 की कृषि जीव विज्ञान की परीक्षा है। यह पेपर पादप प्रजनन, जैव प्रौद्योगिकी, कीट विज्ञान, पादप रोग विज्ञान और जन्तु विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर करता है।

यह परीक्षा 2024 पर आधारित है। सभी 20 प्रश्नों के विस्तृत उत्तर वैज्ञानिक नामों, जीवन चक्र और चित्रों के साथ उपलब्ध हैं।

खंड - अ (Section A)

1. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) [16×½=8 अंक]

i) भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान स्थित है - [½]

✅ उत्तर: (A) कानपुर (Kanpur)

Indian Institute of Pulses Research (IIPR) कानपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित है।

ii) कोलिमोवायरस का सम्बन्ध है -

✅ उत्तर: (C) फूल गोभी मोजेक वायरस (Cauliflower Mosaic Virus)

Caulimovirus genus में CaMV (Cauliflower Mosaic Virus) आता है।

iii) कायिक क्लोनीय विविधता द्वारा उत्पन्न सरसों की किस्म -

✅ उत्तर: (A) पूसा कल्याणी (Pusa Kalyani)

Somaclonal variation से पूसा कल्याणी विकसित की गई।

iv-xvi) शेष MCQs के उत्तर:

  • iv) (D) Lepidoptera - लाल रोंयेदार सुंडी (Red Hairy Caterpillar)
  • v) (B) अंडा-शिशु-प्रौढ़ - मैदानी क्षेत्र में सरसों का माहू
  • vi) (B) Dimethoate - सर्वांगी विष (Systemic poison)
  • vii) (D) उपर्युक्त सभी - कौआ, घरेलू चिड़िया, मैना सभी शत्रु
  • viii) (B) Prof. Millardet - बोर्डो मिश्रण के खोजकर्ता
  • ix) (A) संक्रमण (Infection) - परपोषी में रोगजनक स्थापित होना
  • x) (D) बालियों में - जौ के आवृत रोग में काला चूर्ण
  • xi) (C) जीवाणु द्वारा (Bacteria) - कपास का कोणीय पत्ती धब्बा
  • xii) (A) रिंग सूत्रकृमि (Ring Nematode)
  • xiii) (D) उपर्युक्त सभी - गेहूं की मोल्या रोग प्रतिरोधी किस्में
  • xiv) (A) दो जोड़ी (Two pair) - घोंघे के सिर पर स्पर्शक
  • xv) (B) भोजन को पीसना (Grinding) - केंचुए में पेषणी का कार्य
  • xvi) (C) गंबूसिया (Gambusia) - मच्छरों के नियंत्रण के लिए

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति [10×½=5 अंक]

i) जोहानसन (Johannsen) - शुद्ध वंशक्रम सिद्धांत (1903)

ii) पालतूकरण (Domestication)

iii) कीट - BT cotton खाते ही मर जाता है

iv) तीन (3) - Brome mosaic virus genome

v) वक्ष (Thorax) - सिर, वक्ष, उदर

vi) चूहों (Rats/Rodents) - Aluminium Phosphide

vii) आयरिश अकाल (Irish Famine, 1845-1849)

viii) छायादार (Shady) - घोंघे आर्द्र और छायादार स्थानों पर

ix) नेफ्रिडियल (Nephridial) - केंचुए का उत्सर्जन तंत्र

x) D - मछली के तेल में विटामिन D

3. अति लघूत्तरात्मक प्रश्न [8×1=8 अंक]

i) पादप पुरःस्थापन की एक उपलब्धि?

उत्तर: गेहूं (मैक्सिको से), मक्का (अमेरिका से), आलू (दक्षिण अमेरिका से) भारत में लाना

ii) आवर्ती जनक किसे कहते हैं?

उत्तर: Back cross में वह जनक जिसके साथ बार-बार संकरण कराया जाता है

iii) ट्रांसजेनिक पादप किसे कहते हैं?

उत्तर: वह पादप जिसमें दूसरी जाति का जीन कृत्रिम रूप से डाला गया हो (जैसे BT cotton)

iv) कीटनाशियों को शरीर में प्रवेश के आधार पर कितने रूपों में वर्गीकृत किया गया?

उत्तर: 4 प्रकार - स्पर्श विष, पाचक विष, श्वसन विष, सर्वांगी विष

v) प्रकाश के अभाव में पौधों का पीला पड़ना क्या कहलाता है?

उत्तर: इटिओलेशन (Etiolation) / हरितहीनता (Chlorosis)

vi) बेर की फल मक्खी का एक प्रबंधन?

उत्तर: मैलाथियान 50 EC का छिड़काव / प्रभावित फलों को नष्ट करना

vii) खारे जल में पाये जाने वाले एक सूत्रकृमि का नाम?

उत्तर: Enoplus / Marine nematodes

viii) टिड्डे के जीवन चक्र की कोई एक अवस्था?

उत्तर: अंडा (Egg) / निम्फ (Nymph) / वयस्क (Adult)

खंड - ब (Section B) [12 प्रश्न]

लघूत्तरात्मक प्रश्न (50 शब्द)

4. जनन द्रव्य को परिभाषित कीजिए एवं इसे कितने वर्गों में बांटा गया है? [1½]

परिभाषा: किसी प्रजाति में पाई जाने वाली समस्त आनुवंशिक विविधता को जनन द्रव्य (Germplasm) कहते हैं।

वर्गीकरण (2 प्रकार):

  1. देशी जनन द्रव्य (Indigenous): स्थानीय किस्में, परंपरागत
  2. विदेशी जनन द्रव्य (Exotic): दूसरे देशों से लाई गई

या

  1. प्राथमिक जनन द्रव्य: खेती की किस्में
  2. द्वितीयक जनन द्रव्य: जंगली प्रजातियां

5. कोशिका संवर्धन की प्रक्रिया का नामांकित चित्र। [1½]

    कोशिका संवर्धन प्रक्रिया (Cell Culture Process)
    
    1. EXPLANT (पादप भाग)
       └─→ पत्ती/जड़/तना से
    
    2. सतह को जीवाणुरहित करना
       └─→ HgCl₂, NaOCl से
    
    3. ↓
    ┌──────────────────────┐
    │ Culture Medium में   │  ← MS Medium
    │ रखना (Sterile)       │  ← Auxin, Cytokinin
    └──────────────────────┘
    
    4. ↓
    CALLUS बनना (अविभेदित कोशिका समूह)
    
    5. ↓
    ┌─────────┬─────────┐
    │ Shoot   │  Root   │  ← विभेदन
    │ बनना    │  बनना   │
    └─────────┴─────────┘
    
    6. ↓
    PLANTLET (पूर्ण पौधा)
    
    7. ↓
    मिट्टी में रोपण
                

6. कृत्रिम गुणसूत्र को उदाहरण सहित समझाइए। [1½]

कृत्रिम गुणसूत्र (Artificial Chromosome):

प्रयोगशाला में DNA तकनीक से बनाए गए गुणसूत्र जिनमें बड़े जीन खंड डाले जा सकते हैं।

प्रकार और उदाहरण:

  1. YAC (Yeast Artificial Chromosome):
    • यीस्ट में प्रयोग
    • 1-2 Mb DNA धारण कर सकता है
  2. BAC (Bacterial Artificial Chromosome):
    • जीवाणु में प्रयोग
    • 300-350 kb DNA
  3. PAC (P1 Artificial Chromosome): P1 bacteriophage आधारित

उपयोग: जीन क्लोनिंग, जीनोम अध्ययन

7. फसलों में लगने वाले कीटों का फसलों के आधार पर वर्गीकरण। [1½]

फसल का प्रकार प्रमुख कीट (उदाहरण)
खाद्यान्न फसलें गेहूं - माहू, दीमक
धान - तना छेदक, गंधी बग
दलहनी फसलें चना - फली छेदक
अरहर - फली मक्खी
तिलहनी फसलें सरसों - माहू, पेंटेड बग
मूंगफली - सफेद गिडार
रेशेदार फसलें कपास - गुलाबी सुंडी, सफेद मक्खी
सब्जी फसलें टमाटर - फल छेदक
बैंगन - तना व फल छेदक

8. कीट नियंत्रण में प्रकाशपाश लगाने की विधि। [1½]

Light Trap (प्रकाशपाश) विधि:

सामग्री:

  • Mercury vapor lamp (160-250 watt)
  • कीप (Funnel)
  • संग्रह बर्तन (Collection vessel)
  • पानी + केरोसिन तेल

स्थापना विधि:

  1. खेत के मध्य में लैम्प 4-5 फीट ऊंचाई पर लगाएं
  2. नीचे कीप के आकार का ट्रैप रखें
  3. बर्तन में पानी + केरोसिन भरें
  4. सूर्यास्त के बाद लैम्प जलाएं

क्रियाविधि:

रात्रिचर कीट प्रकाश की ओर आकर्षित होकर आते हैं → कीप में गिरते हैं → पानी में डूबकर मर जाते हैं

9. फाइटो प्लाज्मा कोशिका का नामांकित चित्र। [1½]

    Phytoplasma Cell Structure
    
         ╔════════════════════════════╗
         ║  Cell Membrane             ║ ← कोशिका झिल्ली (Triple layered)
         ║  (No Cell Wall)            ║    (कोशिका भित्ति अनुपस्थित)
         ║                            ║
         ║   ┌──────────────┐         ║
         ║   │  Ribosome    │         ║ ← राइबोसोम (70S)
         ║   └──────────────┘         ║
         ║                            ║
         ║   ┌────────────────────┐   ║
         ║   │ Circular DNA       │   ║ ← वृत्ताकार DNA
         ║   │ (Nucleoid region)  │   ║    (केन्द्रक अनुपस्थित)
         ║   └────────────────────┘   ║
         ║                            ║
         ║   Cytoplasm                ║ ← कोशिकाद्रव्य
         ║                            ║
         ╚════════════════════════════╝
         
    आकार: 0.1-0.8 μm (Pleomorphic - बहुरूपी)
                

विशेषताएं: कोशिका भित्ति नहीं, सबसे छोटा जीवित जीव, फ्लोएम में रहता है

10. परजीवी कवकों को कितने भागों में बांटा गया है? [1½]

परजीवी कवकों के 2 प्रकार:

1. बाध्य परजीवी (Obligate Parasite):

  • केवल जीवित परपोषी पर उगते हैं
  • कृत्रिम माध्यम पर नहीं उग सकते
  • उदाहरण:
    • Puccinia graminis (गेहूं का रतुआ)
    • Erysiphe polygoni (चूर्णिल आसिता)
    • वायरस, फाइटोप्लाज्मा

2. ऐच्छिक परजीवी (Facultative Parasite):

  • जीवित और मृत दोनों पर उग सकते हैं
  • कृत्रिम माध्यम पर भी वृद्धि
  • उदाहरण:
    • Rhizoctonia solani
    • Fusarium species

11. टमाटर के अगेती झुलसा रोग के तीन लक्षण। [1½]

Early Blight of Tomato (Alternaria solani)

लक्षण:

  1. पत्तियों पर:
    • गोल या अंडाकार गहरे भूरे धब्बे
    • Concentric rings (निशाना बोर्ड जैसा)
    • पुरानी पत्तियां पहले प्रभावित
  2. तने पर:
    • काले घाव जमीन के पास
    • तना कमजोर होकर टूट सकता है
  3. फलों पर:
    • डंठल के पास काले धब्बे
    • धब्बे धंसे हुए, चमड़े जैसे

12. सब्जियों के जड़ गांठ रोग का प्रबंधन। [1½]

Root Knot Disease (Meloidogyne spp.)

प्रबंधन:

  1. फसल चक्र: गैर-परपोषी (गेंदा, गेहूं) से 2-3 वर्ष
  2. गर्मी में गहरी जुताई: सूत्रकृमि नष्ट होते हैं
  3. जैविक नियंत्रण:
    • Paecilomyces lilacinus कवक
    • नीम की खली 200 kg/acre
  4. रासायनिक: Carbofuran 3G @ 1 kg/acre मिट्टी में
  5. प्रतिरोधी किस्में: Hisar Lalit टमाटर

13. स्लग का वर्गीकरण। [1½]

Slug (नग्न घोंघा) का वर्गीकरण:

  • संघ (Phylum): Mollusca (मोलस्का)
  • वर्ग (Class): Gastropoda (गैस्ट्रोपोडा)
  • गण (Order): Pulmonata (पल्मोनाटा)
  • उपगण (Sub-order): Stylommatophora
  • कुल (Family): Limacidae / Arionidae
  • उदाहरण: Limax flavus, Arion ater

विशेषता: कवच (Shell) अनुपस्थित, पैर पर चलते हैं, श्लेष्मा स्रावित करते हैं

14. टिड्डे का सामान्य परिचय। [1½]

Grasshopper (टिड्डा) - सामान्य परिचय:

  • वैज्ञानिक नाम: Schistocerca gregaria (रेगिस्तानी टिड्डा)
  • संघ: Arthropoda
  • वर्ग: Insecta
  • गण: Orthoptera
  • आकार: 3-7 cm
  • रंग: हरा, भूरा (परिवेश के अनुसार)
  • पंख: 2 जोड़ी (अग्र कठोर, पश्च झिल्लीदार)
  • टांगें: 3 जोड़ी, पिछली कूदने के लिए
  • मुखांग: चर्वणकारी (Chewing type)
  • कायांतरण: अपूर्ण (Hemimetabolous)

15. पिस्सू का आर्थिक महत्व। [1½]

Flea (पिस्सू) का आर्थिक महत्व:

हानिकारक प्रभाव:

  1. रोग फैलाना:
    • Plague (प्लेग): Xenopsylla cheopis द्वारा
    • Murine typhus (चूहा टाइफस)
  2. खून चूसना: मनुष्य और पालतू जानवरों से
  3. खुजली और एलर्जी: काटने से त्वचा में जलन
  4. टेपवर्म: Dipylidium caninum का वाहक

नियंत्रण आवश्यक:

DDT powder, Malathion का छिड़काव, स्वच्छता बनाए रखना

खंड - स (Section C)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (100 शब्द)

16. बहुगुणिता से क्या अभिप्राय है एवं इसके प्रकारों का वर्णन। [3]

बहुगुणिता (Polyploidy):

सामान्य द्विगुणित (2n) से अधिक गुणसूत्र सेट होना। जैसे 3n (Triploid), 4n (Tetraploid), 6n (Hexaploid)

प्रकार:

1. Autopolyploidy (स्वबहुगुणिता):

  • एक ही जाति के गुणसूत्र बढ़ना
  • उदाहरण:
    • Triploid watermelon (3n = 33) - बीजरहित तरबूज
    • Tetraploid potato (4n = 48)
    • Triploid banana (3n = 33) - बीजरहित केला
  • उत्पादन: Colchicine उपचार से

2. Allopolyploidy (पर-बहुगुणिता):

  • दो विभिन्न जातियों के संकरण से
  • उदाहरण:
    • गेहूं (Bread wheat): Hexaploid (6n = 42)
      AABB + DD = AABBDD
    • Triticale: गेहूं × राई का संकर
    • Brassica: विभिन्न प्रजातियां

महत्व:

  • फल-फूल बड़े
  • उपज अधिक
  • रोग प्रतिरोधकता
अथवा / OR

चयन को परिभाषित कीजिए एवं समूह चयन के दो गुणों का वर्णन।

चयन (Selection):

वांछित गुणों वाले पौधों को छांटकर अगली पीढ़ी के लिए बीज रखने की प्रक्रिया।

समूह चयन (Mass Selection) के गुण:

1. सरल और सस्ती विधि:

  • किसी विशेष तकनीक की आवश्यकता नहीं
  • किसान स्तर पर संभव
  • कम समय में परिणाम
  • खर्च न्यूनतम

2. स्थानीय अनुकूलन:

  • स्थानीय परिस्थितियों में सुधार
  • देशी किस्मों के लिए उत्तम
  • Genetic variability बनी रहती है
  • प्रकृति चयन के साथ काम करती है

17. मधुमक्खी पालन से क्या अभिप्राय एवं कृषि में महत्व। [3]

मधुमक्खी पालन (Apiculture/Beekeeping):

शहद और मोम के व्यावसायिक उत्पादन के लिए मधुमक्खियों का वैज्ञानिक पालन।

कृषि में महत्व:

1. परागण सेवा (80% महत्व):

  • फसलों में 30-40% उपज वृद्धि
  • सरसों, सूरजमुखी में आवश्यक
  • फलों में: सेब, आम, लीची
  • सब्जियों में: कद्दू, खीरा, तोरी

2. उत्पाद:

  • शहद: पोषक, औषधीय गुण
  • मोम: मोमबत्ती, पॉलिश
  • Bee venom: दवाइयों में
  • Royal jelly: स्वास्थ्य टॉनिक

3. आय वृद्धि:

  • किसानों की अतिरिक्त आय
  • कम निवेश, अधिक लाभ
  • मधुमक्खी बक्से किराए पर

प्रजातियां: Apis mellifera (European), Apis cerana (Indian)

अथवा / OR

लीवर फ्लूक का सामान्य परिचय एवं आर्थिक महत्व।

Liver Fluke (यकृत पर्णाभ कृमि):

सामान्य परिचय:

  • वैज्ञानिक नाम: Fasciola hepatica
  • संघ: Platyhelminthes (चपटे कृमि)
  • वर्ग: Trematoda
  • आकार: 2-3 cm लंबा, पत्ती के आकार का
  • परपोषी: भेड़, गाय, बकरी (यकृत की पित्त नलिकाओं में)
  • मध्यस्थ परपोषी: Limnaea (घोंघा)

आर्थिक महत्व (हानिकारक):

  1. Fascioliasis रोग:
    • यकृत क्षति और पित्त नली अवरोध
    • एनीमिया, कमजोरी
    • पशुओं की मृत्यु संभव
  2. आर्थिक नुकसान:
    • दूध उत्पादन में 20-30% कमी
    • मांस की गुणवत्ता घटती है
    • ऊन उत्पादन प्रभावित
  3. उपचार महंगा: Anthelmintic दवाएं

18. कलबसु मछली की बाह्य संरचना का सचित्र वर्णन। [3]

    Calbasu (Labeo calbasu) - बाह्य संरचना
    
                  Dorsal Fin (पृष्ठ पंख)
                        ↓
         ╔════╤═══════════════════════╗
         ║ Eye│                       ║  ← Caudal Fin
    Mouth║    │                       ╠═══► (पुच्छ पंख)
      ↓  ║    │                       ║
    ══╬══╝    │                       ║
      Barbels └───────────────────────╝
    (श्मश्रु)      ↑              ↑
              Pectoral Fin   Anal Fin
              (वक्ष पंख)     (गुद पंख)
              
              Pelvic Fin (श्रोणि पंख)
                

विशेषताएं:

  1. शरीर:
    • लंबा, बेलनाकार, थोड़ा चपटा
    • रंग: पीठ गहरी, पेट सफेद
    • शल्क (Scales): बड़े, Cycloid type
  2. सिर:
    • मुख अधोस्थ (Inferior), घोड़े के जूते के आकार का
    • Barbels (श्मश्रु): 2 जोड़ी
    • आंखें: छोटी, पार्श्व में
  3. पंख (Fins):
    • Dorsal fin: 1 (कांटेदार किरणें)
    • Pectoral: 1 जोड़ी
    • Pelvic: 1 जोड़ी
    • Anal: 1
    • Caudal: 1 (Forked - कांटेदार)
  4. Lateral line: पार्श्व रेखा उपस्थित

आकार: 40-60 cm, वजन 2-3 kg

अथवा / OR

रोहू मछली की बाह्य संरचना का सचित्र वर्णन।

    Rohu (Labeo rohita) - बाह्य संरचना
    
              Dorsal Fin
                  ↓
         ╔════════════════════════╗
    Eye  ║                        ║  ← Caudal Fin
      ↓  ║                        ╠═══► (कांटेदार)
    ┌──┐ ║                        ║
    │  │ ║                        ║
    Mouth└────────────────────────╝
    (Terminal)  ↑            ↑
           Pectoral     Pelvic & Anal
                

विशेषताएं:

  1. शरीर: बड़ा, संपीडित (compressed), चमकदार silver
  2. मुख: Terminal position, होंठ मोटे, श्मश्रु अनुपस्थित
  3. शल्क: बड़े, Cycloid
  4. पंख: समान (5 प्रकार)

आकार: 1-2 मीटर तक, वजन 45 kg तक

भोजन: Herbivorous (शाकाहारी) - Phytoplankton

खंड - द (Section D)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (250 शब्द)

19. टिड्डे का वैज्ञानिक नाम, जीवन चक्र, क्षति एवं प्रबंधन। [4]

वैज्ञानिक नाम: Schistocerca gregaria (Desert Locust)

अन्य: Locusta migratoria (Migratory Locust)

वर्गीकरण:

  • संघ: Arthropoda
  • वर्ग: Insecta
  • गण: Orthoptera
  • कुल: Acrididae

जीवन चक्र (Hemimetabolous - अपूर्ण कायांतरण):

1. अंडा अवस्था (Egg Stage):

  • मादा मिट्टी में 3-4 inch गहरा गड्ढा बनाकर अंडे देती है
  • एक मादा 3-4 बार अंडे देती है
  • प्रत्येक बार 50-100 अंडे (Egg pod में)
  • अवधि: 10-15 दिन

2. निम्फ अवस्था (Nymph Stage):

  • 5-6 निम्फल instars (अवस्थाएं)
  • Hopper कहलाते हैं
  • पंख अविकसित, केवल wing buds
  • हर instar में मोल्टिंग (त्वचा बदलना)
  • अवधि: 25-40 दिन (तापमान पर निर्भर)

3. वयस्क अवस्था (Adult Stage):

  • पूर्ण विकसित पंख
  • उड़ान क्षमता
  • अवधि: 2-3 महीने
  • कुल जीवन चक्र: 45-70 दिन

क्षति की प्रकृति (Nature of Damage):

  1. व्यापक विनाश:
    • Swarm (झुंड) में आक्रमण - 40-80 million प्रति km²
    • हरे भाग को पूर्णतः खा जाते हैं
    • एक दिन में अपने वजन के बराबर भोजन
  2. प्रभावित फसलें:
    • गेहूं, जौ, बाजरा, ज्वार
    • सब्जियां, फलों के बगीचे
    • चारा फसलें
  3. ऐतिहासिक: अकाल का कारण (1926-27 भारत में)

प्रबंधन (Management):

A. निगरानी और पूर्वानुमान:

  • Locust Warning Organization (LWO) द्वारा
  • Breeding sites की निगरानी
  • Satellite imaging

B. यांत्रिक नियंत्रण:

  • अंडा-pods को खोदकर नष्ट करना
  • Hoppers को मारना
  • Trenches (खाई) बनाना

C. रासायनिक नियंत्रण:

  • Malathion 50 EC: 2 ml/liter
  • Chlorpyriphos 20 EC: 2.5 ml/liter
  • Deltamethrin: हवाई छिड़काव
  • Hopper stage में सबसे प्रभावी

D. जैविक नियंत्रण:

  • Metarhizium anisopliae (Green Muscle fungus)
  • परभक्षी पक्षी
अथवा / OR

खपरा भृंग का वैज्ञानिक नाम, जीवन चक्र, क्षति एवं प्रबंधन।

वैज्ञानिक नाम: Trogoderma granarium

वर्गीकरण:

  • गण: Coleoptera
  • कुल: Dermestidae

जीवन चक्र (Complete Metamorphosis):

1. अंडा: 35-100 अंडे, 5-17 दिन

2. लार्वा (Grub):

  • 5-7 instars
  • रोंयेदार (Hairy)
  • 25-40 दिन (25-30°C पर)
  • यही क्षतिकारक अवस्था

3. प्यूपा: 5-15 दिन, अंतिम larval skin में

4. वयस्क: 5-20 दिन, भोजन नहीं करते

कुल: 40-90 दिन, 1 वर्ष में 4-5 पीढ़ियां

क्षति:

  1. भंडारित अनाज: गेहूं, चावल, बाजरा (20-40% नुकसान)
  2. दानों को खोखला कर देते हैं
  3. Moulted skins और मल से अनाज दूषित

प्रबंधन:

  1. स्वच्छता: भंडार गृह की सफाई
  2. धूप: अनाज को धूप में सुखाना
  3. Fumigation: Aluminium Phosphide @ 2-3 tablets/ton
  4. पाउडर: Malathion 5% dust @ 50 g/quintal

20. जीरा के छाछ्या रोग का रोगजनक, लक्षण एवं प्रबंधन। [4]

Powdery Mildew of Cumin

रोगजनक (Pathogen):

  • वैज्ञानिक नाम: Erysiphe polygoni
  • संघ: Ascomycota
  • वर्ग: Erysiphales
  • प्रकार: बाध्य परजीवी (Obligate parasite)
  • प्रसार: हवा द्वारा conidia

लक्षण (Symptoms):

  1. पत्तियों पर:
    • सफेद पाउडर जैसी परत (सतह पर)
    • दोनों सतहों पर, पर ऊपरी पर अधिक
    • छोटे गोलाकार धब्बों से शुरू
    • बाद में पूरी पत्ती ढक जाती है
  2. तने पर: सफेद आवरण
  3. फूलों और फलियों पर:
    • सफेद Powdery mass
    • फलियां सूख जाती हैं
    • बीज छोटे और हल्के
  4. गंभीर संक्रमण:
    • पत्तियां पीली पड़कर झड़ जाती हैं
    • प्रकाश संश्लेषण रुकता है
    • 30-50% उपज हानि

अनुकूल परिस्थितियां:

  • तापमान: 15-25°C
  • आर्द्रता: 50-70% RH
  • मौसम: सर्दी का अंत (फरवरी-मार्च)

प्रबंधन (Management):

A. सांस्कृतिक उपाय:

  1. बीज उपचार: Carbendazim 2 g/kg बीज
  2. फसल चक्र: गैर-परपोषी फसलों से
  3. रोपण समय: समय पर बुवाई (नवंबर प्रथम सप्ताह)
  4. संतुलित खाद: अधिक नाइट्रोजन से बचें
  5. स्वच्छता: संक्रमित अवशेष जला दें

B. रासायनिक नियंत्रण:

कवकनाशी मात्रा छिड़काव
Sulfur 80 WP 2-3 g/liter लक्षण दिखते ही
Carbendazim 50 WP 1 g/liter 10-15 दिन के अंतराल
Hexaconazole 5 EC 1 ml/liter 2-3 छिड़काव
Penconazole 10 EC 0.5 ml/liter आवश्यकतानुसार

C. जैविक नियंत्रण:

  • Neem oil: 3-5 ml/liter
  • Baking soda: 5 g/liter + तरल साबुन
  • लहसुन अर्क: 5% घोल

D. प्रतिरोधी किस्में:

  • GC-3, RZ-223 (अपेक्षाकृत प्रतिरोधी)
अथवा / OR

भिंडी के पीली शिरा मोजेक रोग का रोगजनक, लक्षण एवं प्रबंधन।

Yellow Vein Mosaic Disease (YVMD) of Okra

रोगजनक:

  • वायरस: Bhindi Yellow Vein Mosaic Virus (BYVMV)
  • प्रकार: Begomovirus (DNA virus)
  • कुल: Geminiviridae
  • वाहक: सफेद मक्खी (Bemisia tabaci)

लक्षण:

  1. पत्तियों पर:
    • शिराओं का पीला होना (प्रमुख लक्षण)
    • नेटवर्क जैसा पीला पैटर्न
    • पत्तियां छोटी, मुड़ी हुई
    • Interveinal chlorosis
  2. पौधे की वृद्धि:
    • बौनापन (Stunting)
    • Nodes की संख्या कम
  3. फलों पर:
    • छोटे, कठोर, पीले
    • विकृत आकार
    • खाने योग्य नहीं
    • 70-90% उपज हानि

प्रबंधन:

A. निवारक उपाय:

  1. प्रतिरोधी किस्में:
    • Kashi Pragati, Kashi Kranti
    • Arka Anamika, Arka Abhay
    • VRO-6, Hisar Unnat
  2. बुवाई समय: जुलाई-अगस्त (वाहक कम समय)
  3. रोगी पौधे: शुरू में ही उखाड़ दें
  4. खरपतवार: नियंत्रण (वाहक का आवास)

B. वाहक नियंत्रण (सफेद मक्खी):

कीटनाशी मात्रा
Imidacloprid 17.8 SL 0.3 ml/liter
Thiamethoxam 25 WG 0.2 g/liter
Acetamiprid 20 SP 0.2 g/liter
Dimethoate 30 EC 2 ml/liter

10-15 दिन के अंतराल पर छिड़काव

C. जैविक नियंत्रण:

  • Neem oil 3%
  • पीले चिपचिपे ट्रैप (Yellow sticky traps)

D. बीज उपचार: Imidacloprid 5 g/kg बीज

परीक्षा तैयारी टिप्स

📚 महत्वपूर्ण सुझाव:

  • वैज्ञानिक नाम: सभी कीट, रोगजनक और मछलियों के scientific names याद करें
  • जीवन चक्र: चित्र बनाना सीखें - टिड्डा, मधुमक्खी, केंचुआ
  • प्रबंधन: सांस्कृतिक, जैविक और रासायनिक तीनों विधियां
  • कीटनाशी मात्रा: Common pesticides की dose याद रखें
  • वर्गीकरण: Phylum से लेकर Species तक

बाह्य कड़ियाँ

https://www.sarkariserviceprep.com/2025/10/rbse-class-12-question-papers-2024.html