RBSE Class 12 Agriculture Chemistry (SS-38) 2024 | Complete Question Paper with Answers

| अक्टूबर 23, 2025
RBSE Class 12 Agriculture Chemistry (SS-38) 2024 - Complete Solution

RBSE Senior Secondary Agriculture Chemistry (SS-38) 2024

परीक्षा विवरण
विषय कृषि रसायन विज्ञान
Paper Code SS-38
परीक्षा प्रकार Supplementary
कक्षा 12वीं (उच्च माध्यमिक)
समय 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक 56
प्रश्नों की संख्या 20
परीक्षा वर्ष 2024

RBSE Senior Secondary Agriculture Chemistry (SS-38) राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित कक्षा 12 की कृषि रसायन विज्ञान की पूरक परीक्षा है। यह पेपर मृदा रसायन, पोषक तत्व, उर्वरक, प्रदूषण और खाद्य रसायन जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर करता है।

यह पूरक (Supplementary) परीक्षा 2024 पर आधारित है। सभी 20 प्रश्नों के विस्तृत उत्तर रासायनिक सूत्रों और चित्रों के साथ उपलब्ध हैं।

खंड - अ (Section A)

1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) [16×½=8 अंक]

i) चट्टानों को उत्पत्ति एवं संरचना के आधार पर वर्गों में बांटा गया है - [½]

✅ उत्तर: (A) 3

चट्टानों के 3 प्रकार:

  1. आग्नेय चट्टान (Igneous Rock) - मैग्मा से बनी
  2. अवसादी चट्टान (Sedimentary Rock) - तलछट से बनी
  3. कायान्तरित चट्टान (Metamorphic Rock) - परिवर्तन से बनी

ii) 4FeO + O₂ → 2Fe₂O₃ समीकरण में इंगित हो रहा है - [½]

✅ उत्तर: (C) ऑक्सीकरण (Oxidation)

4FeO + O₂ → 2Fe₂O₃

FeO में ऑक्सीजन जुड़ रही है, इसलिए यह ऑक्सीकरण है।

iii) मृदा में जैविक पदार्थ मिलाने से पोषक तत्वों की मात्रा पर प्रभाव -

✅ उत्तर: (A) वृद्धि (Increase)

जैविक पदार्थ विघटित होकर पोषक तत्व प्रदान करते हैं।

iv) अमीनो यौगिक का अमोनिया में परिवर्तन कहलाता है -

✅ उत्तर: (D) अमोनीकरण (Ammonification)

प्रोटीन → अमीनो अम्ल → NH₃ (अमोनिया)

v) कैओलिनाइट की धनायन विनिमय क्षमता (cmol kg⁻¹) -

✅ उत्तर: (B) 3-15

Kaolinite की CEC सबसे कम होती है (3-15 cmol kg⁻¹)

vi-xvi) शेष MCQs के उत्तर:

  • vi) (B) 3 - मृदा कोलाइड के प्रकार
  • vii) (C) 80 - Montmorillonite की औसत CEC
  • viii) (C) 6.0-7.5 - जौ के लिए उपयुक्त pH
  • ix) (D) अम्लीयता की अधिकतम सीमा (pH=14 क्षारीयता की अधिकतम)
  • x) (A) Ca, Mg, S - द्वितीयक पोषक तत्व
  • xi) (C) लेविन - N की खोज
  • xii) (C) 5 दिन - Malathion की प्रतीक्षा अवधि
  • xiii) (A) अत्याधिक जहरीला - लाल रंग
  • xiv) (A) बेरी-बेरी - Thiamine की कमी
  • xv) (D) चना - Rhizobium दलहन के लिए
  • xvi) (D) अग्नाशय रस - Lipase का स्रोत

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति [10×½=5 अंक]

i) त्रि-आयामी (three-dimensional)

ii) ह्यूमस (Humus)

iii) ऋणात्मक (negative)

iv) कोलाइडल (colloidal)

v) कार्बोनिक (carbonic) - CO₂ + H₂O → H₂CO₃

vi) 45 decibels

vii) विसरण (diffusion)

viii) मेथेमोग्लोबिनेमिया (Blue Baby Syndrome)

ix) CnH2nOn या (CH₂O)ₙ

x) केसीन (Casein)

3. एक शब्द/पंक्ति में उत्तर [8×1=8 अंक]

i) आदर्श आयतनात्मक संगठन में खनिज पदार्थ की प्रतिशत मात्रा?

उत्तर: 45% खनिज पदार्थ

(आदर्श मृदा: 45% खनिज + 25% वायु + 25% जल + 5% जैविक)

ii) कैओलिनाइट का संरचना सूत्र?

Al₂Si₂O₅(OH)₄ या Al₄Si₄O₁₀(OH)₈

iii) जैविक पदार्थ की वृद्धि से CEC पर प्रभाव?

उत्तर: धनायन विनिमय क्षमता (CEC) में वृद्धि होती है

iv) मृदा अम्लता का पौधों पर प्रत्यक्ष प्रभाव?

उत्तर: जड़ों की वृद्धि में बाधा / पोषक तत्वों की उपलब्धता में कमी

v) पौधों में फॉस्फोरस का कार्य?

उत्तर: ऊर्जा स्थानांतरण (ATP निर्माण) / जड़ विकास

vi) वायु प्रदूषण रोकने का उपाय?

उत्तर: वृक्षारोपण करना / स्वच्छ ईंधन का उपयोग

vii) कार्बोहाइड्रेट्स का जैविक कार्य?

उत्तर: ऊर्जा प्रदान करना (1g = 4 kcal)

viii) स्वच्छ दूध उत्पादन का अर्थ?

उत्तर: स्वस्थ पशुओं से स्वच्छता पूर्वक प्राप्त दूध जो बैक्टीरिया रहित हो

खंड - ब (Section B) [12 प्रश्न]

लघूत्तरात्मक प्रश्न (50 शब्द)

4. मृदा परिच्छेदिका का नामांकित चित्र बनाइए। [1½]

    सतह (Surface)
    ═══════════════════════
    │   O - Horizon      │  ← जैविक परत (Organic Layer)
    ├───────────────────┤
    │   A - Horizon      │  ← शीर्ष मृदा (Top Soil)
    │   (Dark colored)   │     गहरा रंग, जैविक पदार्थ
    ├───────────────────┤
    │   B - Horizon      │  ← अवमृदा (Sub Soil)
    │   (Sub-soil)       │     खनिज संचयन
    ├───────────────────┤
    │   C - Horizon      │  ← जनक पदार्थ (Parent Material)
    │   (Weathered rock) │     अपक्षयित चट्टान
    ├───────────────────┤
    │   R - Horizon      │  ← आधार शैल (Bed Rock)
    │   (Bed rock)       │     ठोस चट्टान
    └───────────────────┘
                

5. ह्यूमस का संगठन लिखिए। [1½]

ह्यूमस का संगठन:

  • कार्बन (C): 45-55%
  • ऑक्सीजन (O): 30-40%
  • हाइड्रोजन (H): 4-6%
  • नाइट्रोजन (N): 3-5%
  • सल्फर (S): 0.5-1%
  • फास्फोरस (P): 0.3-0.5%

यह गहरे भूरे/काले रंग का कोलाइडल पदार्थ है।

6. कार्बनिक एवं अकार्बनिक मृदा कोलाइड में तीन अंतर। [1½]

कार्बनिक कोलाइड अकार्बनिक कोलाइड
ह्यूमस से बनता है मिट्टी के खनिजों से बनता है
CEC अधिक (150-300) CEC कम (3-150)
रंग गहरा भूरा/काला रंग हल्का/सफेद
संरचना अनियमित संरचना क्रिस्टलीय

7. धनायन विनिमय क्षमता का पोषक तत्वों की प्राप्यता पर प्रभाव। [1½]

CEC का प्रभाव:

  1. उच्च CEC:
    • अधिक पोषक तत्व संचित होते हैं
    • Ca²⁺, Mg²⁺, K⁺ की उपलब्धता बढ़ती है
    • पोषक तत्व लीचिंग से बचते हैं
  2. निम्न CEC:
    • पोषक तत्व जल्दी निक्षालित हो जाते हैं
    • उर्वरक की अधिक आवश्यकता

8. मृदा pH को प्रभावित करने वाले तीन कारक। [1½]

  1. वर्षा: अधिक वर्षा → क्षारीय तत्व धुल जाते हैं → pH कम (अम्लीय)
  2. जैविक पदार्थ: विघटन से कार्बोनिक अम्ल → pH कम
  3. जनक पदार्थ: चूना पत्थर → क्षारीय, ग्रेनाइट → अम्लीय

9. लवणीय मृदा बनने के तीन कारण। [1½]

  1. खारे जल से सिंचाई: लवणों का संचय
  2. अपर्याप्त जल निकास: लवण सतह पर जमा
  3. उच्च वाष्पीकरण: शुष्क क्षेत्रों में लवण ऊपर आते हैं

10. पौधों में पोटैशियम की कमी के तीन लक्षण। [1½]

  1. पत्तियों के किनारे जलना: Leaf scorching
  2. तना कमजोर: पौधा गिर जाता है (lodging)
  3. फल छोटे: फलों का विकास अधूरा

11. मृदा प्रदूषण के तीन हानिकारक प्रभाव। [1½]

  1. उर्वरता में कमी: पोषक तत्वों का असंतुलन
  2. जैव विविधता नष्ट: लाभदायक सूक्ष्मजीव मर जाते हैं
  3. स्वास्थ्य खतरा: भारी धातुएं खाद्य श्रृंखला में प्रवेश

12. मृदा प्रदूषण के तीन स्रोत। [1½]

  1. औद्योगिक अपशिष्ट: भारी धातुएं, रसायन
  2. कीटनाशक और उर्वरक: अत्यधिक उपयोग से संचय
  3. प्लास्टिक कचरा: अपघटित नहीं होता

13. रासायनिक परिरक्षक समझाइए। [1½]

रासायनिक परिरक्षक (Chemical Preservatives):

खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने वाले रसायन जो सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोककर खाद्य को लंबे समय तक ताजा रखते हैं।

उदाहरण:

  • सोडियम बेंजोएट: जूस, अचार में
  • सोडियम मेटाबाईसल्फाइट: फलों के रस में
  • पोटैशियम सोर्बेट: डेयरी उत्पादों में

14. जैविक खाद का मृदा के भौतिक गुणों पर तीन प्रभाव। [1½]

  1. संरचना सुधार: मृदा कणों को जोड़ती है, aggregation बढ़ता है
  2. जल धारण क्षमता: स्पंज की तरह जल रोकती है
  3. वायु संचार: छिद्रों में वृद्धि से ऑक्सीजन मिलती है

15. स्वच्छ दूध उत्पादन में ध्यान रखने योग्य तीन बिंदु। [1½]

  1. पशु स्वास्थ्य: स्वस्थ और रोग मुक्त पशु से दूध
  2. स्वच्छता: दुहने से पहले थन धोना, साफ बर्तन
  3. शीघ्र शीतलन: 4°C पर तुरंत ठंडा करना

खंड - स (Section C)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (100 शब्द)

16. लवण प्रभावित मृदाओं का वर्गीकरण समझाइए। [3]

लवण प्रभावित मृदाओं के प्रकार:

1. लवणीय मृदा (Saline Soil):

  • विशेषता: अधिक घुलनशील लवण (NaCl, CaCl₂)
  • pH: < 8.5
  • EC: > 4 dS/m
  • ESP: < 15
  • स्थानीय नाम: कल्लर, ऊसर

2. क्षारीय मृदा (Alkali/Sodic Soil):

  • विशेषता: सोडियम की अधिकता
  • pH: > 8.5
  • EC: < 4 dS/m
  • ESP: > 15
  • रंग: काला (Black alkali)

3. लवणीय-क्षारीय मृदा (Saline-Alkali Soil):

  • दोनों गुण विद्यमान
  • pH > 8.5, EC > 4, ESP > 15
अथवा / OR

मृदा क्षारकता एवं लवणता का मृदा एवं पौधों पर प्रभाव।

मृदा पर प्रभाव:

  1. संरचना नष्ट: मिट्टी सख्त और चिपचिपी हो जाती है
  2. जल प्रवेश कम: Infiltration rate घटता है
  3. पोषक तत्व असंतुलन: Ca, Mg, P अनुपलब्ध

पौधों पर प्रभाव:

  1. अंकुरण में कमी: उच्च osmotic pressure
  2. विषाक्तता: Na⁺, Cl⁻ की अधिकता से
  3. वृद्धि रुकना: पोषक तत्व अवशोषण नहीं

17. न्यूक्लिक अम्ल के प्रकार एवं रासायनिक संगठन। [3]

न्यूक्लिक अम्ल के प्रकार:

1. DNA (Deoxyribonucleic Acid):

  • शर्करा: Deoxyribose
  • क्षार: Adenine, Guanine, Cytosine, Thymine
  • संरचना: Double helix
  • कार्य: आनुवंशिक सूचना संग्रहण

2. RNA (Ribonucleic Acid):

  • शर्करा: Ribose
  • क्षार: Adenine, Guanine, Cytosine, Uracil
  • संरचना: Single strand
  • कार्य: प्रोटीन संश्लेषण

रासायनिक संगठन:

Nucleotide = Phosphate + Sugar + Nitrogenous base

अथवा / OR

किन्हीं दो खाद्य रंगों के नाम एवं उपयोगिता।

1. टार्ट्राजीन (Tartrazine - Yellow):

  • रंग: पीला
  • उपयोग: आइसक्रीम, कैंडी, पेय पदार्थों में

2. कारमोइसिन (Carmoisine - Red):

  • रंग: लाल
  • उपयोग: जैम, जेली, मिठाइयों में

18. दूध में पाये जाने वाले तीन मुख्य अवयव। [3]

1. प्रोटीन (3.5%):

  • केसीन: 80% - सफेद रंग देता है
  • व्हे प्रोटीन: 20% - लैक्टोग्लोब्युलिन, लैक्टलब्यूमिन
  • कार्य: शरीर निर्माण, एंजाइम बनाना

2. वसा (4%):

  • Emulsion के रूप में
  • ऊर्जा प्रदान करती है
  • विटामिन A, D, E, K का स्रोत

3. लैक्टोज (Lactose) (4.8%):

  • Disaccharide (Glucose + Galactose)
  • मीठापन कम
  • ऊर्जा देता है
अथवा / OR

दूध के संगठन को प्रभावित करने वाले तीन कारक।

  1. नस्ल (Breed): भैंस में वसा अधिक, गाय में कम
  2. आहार (Feed): हरा चारा → protein अधिक, भूसा → कम
  3. दुग्ध स्तर (Lactation stage): प्रारंभ में colostrum, बाद में सामान्य

खंड - द (Section D)

निबंधात्मक प्रश्न (250 शब्द)

19. सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक का संगठन, गुण, मृदा में अभिक्रिया तथा फसलों पर प्रभाव। [4]

1. संगठन (Composition):

Ca(H₂PO₄)₂ + CaSO₄

  • P₂O₅: 16%
  • CaSO₄: 50%
  • Ca: 20%
  • S: 12%

निर्माण:

Ca₃(PO₄)₂ + 2H₂SO₄ → Ca(H₂PO₄)₂ + 2CaSO₄

2. गुण (Properties):

  1. भौतिक अवस्था: भूरा/सफेद पाउडर, दुर्गंध
  2. जल में घुलनशीलता: Ca(H₂PO₄)₂ घुलनशील
  3. अम्लीय प्रकृति: pH कम करता है

3. मृदा में अभिक्रिया:

Ca(H₂PO₄)₂ → Ca²⁺ + 2H₂PO₄⁻

  • अम्लीय मृदा के लिए उपयुक्त
  • CaSO₄ से Ca और S मिलता है

4. फसलों पर प्रभाव:

  1. जड़ विकास: P से जड़ें मजबूत
  2. फूल-फल: फूलों और फलों में वृद्धि
  3. तिलहन फसलों के लिए: S होने से उत्तम

उपयुक्त फसलें: सरसों, मूंगफली, तिल, दलहन

अथवा / OR

अमोनियम सल्फेट उर्वरक का संगठन, गुण, अभिक्रिया और प्रभाव।

1. संगठन:

(NH₄)₂SO₄

  • N: 21%
  • S: 24%

2. गुण:

  1. सफेद क्रिस्टलीय ठोस
  2. जल में अत्यधिक घुलनशील
  3. अम्लीय प्रभाव (pH कम करता है)

3. मृदा में अभिक्रिया:

(NH₄)₂SO₄ → 2NH₄⁺ + SO₄²⁻

NH₄⁺ → NO₃⁻ (Nitrification द्वारा)

4. फसलों पर प्रभाव:

  1. हरे भाग की वृद्धि
  2. तिलहन फसलों के लिए उत्तम (S के कारण)

20. गोबर की खाद बनाने की विधियां। [4]

गोबर की खाद (FYM - Farm Yard Manure) बनाने की विधियां:

1. परंपरागत विधि (Traditional Method):

  • गड्ढा विधि: 3m × 2m × 1m गड्ढा खोदें
  • गोबर + कूड़ा-करकट परतों में डालें
  • नमी बनाए रखें
  • 3-4 महीने में तैयार

2. ढेर विधि (Heap Method):

  • जमीन के ऊपर ढेर बनाएं
  • 5-6 फीट ऊंचाई, 6-8 फीट चौड़ाई
  • मिट्टी से ढक दें
  • 4-5 महीने में तैयार

3. इंदौर विधि (Indore Method):

  • सर सर अल्बर्ट हावर्ड द्वारा विकसित
  • गोबर (25%) + पौध अवशेष (75%)
  • परतों में: 6 inch पौध अवशेष → 2 inch गोबर → 1 inch मिट्टी
  • पलटाई आवश्यक
  • 3 महीने में तैयार

4. बंगलौर विधि (Bangalore Method):

  • गड्ढे में वायु रहित (Anaerobic)
  • पलटाई नहीं
  • 4-5 महीने

संगठन: N (0.5%), P₂O₅ (0.2%), K₂O (0.5%)

अथवा / OR

कम्पोस्ट की खाद बनाने की नाडेप विधि।

नाडेप कम्पोस्ट विधि (NADEP Method):

विकास:

नारायण देवरा पांडेय (Narayan Devrao Pandhari Pande) द्वारा महाराष्ट्र में विकसित।

टैंक निर्माण:

  • आकार: 12 फीट × 5 फीट × 3 फीट (L×B×H)
  • स्थान: छायादार, पेड़ के नीचे
  • संरचना: ईंट की दीवार, सीमेंट नहीं (हवा के लिए छिद्र)
  • तल: कच्ची मिट्टी

भराई प्रक्रिया:

  1. पहली परत (6 inch): सूखी पत्तियां, फसल अवशेष
  2. दूसरी परत (2 inch): गोबर का घोल छिड़कें
  3. तीसरी परत (1 inch): छनी हुई मिट्टी
  4. ऊपर तक परतें भरें (3 फीट ऊंचाई)
  5. मिट्टी-गोबर से सील करें

विशेषताएं:

  • समय: 90-100 दिन (3-3.5 महीने)
  • उत्पादन: 1 टन कम्पोस्ट
  • पोषक तत्व: N (1%), P₂O₅ (0.5%), K₂O (1%)
  • लाभ: कम लागत, उच्च गुणवत्ता, वर्षभर बनाई जा सकती है

ध्यान रखें:

  • नमी 50-60% बनाए रखें
  • पलटने की जरूरत नहीं (Anaerobic)
  • कीटनाशक युक्त अवशेष न डालें

परीक्षा तैयारी टिप्स

📚 महत्वपूर्ण सुझाव:

  • रासायनिक सूत्र: सभी उर्वरकों और यौगिकों के सूत्र याद करें
  • चित्र: मृदा परिच्छेदिका, nitrogen cycle के चित्र बनाना सीखें
  • प्रतिशत: उर्वरकों में N, P, K का % याद रखें
  • pH मान: विभिन्न फसलों के लिए उपयुक्त pH याद करें
  • CEC मान: Clay minerals की CEC याद रखें

बाह्य कड़ियाँ