RBSE Class 12 Business Studies (SS-31) Question Paper 2024 | Complete Solution with Answers

| अक्टूबर 23, 2025
RBSE Class 12 Business Studies (SS-31) 2024 - Complete Solution

RBSE Senior Secondary Business Studies (SS-31) 2024

परीक्षा विवरण
विषय व्यवसाय अध्ययन
Paper Code SS-31
कक्षा 12वीं (उच्च माध्यमिक)
समय 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक 80
प्रश्नों की संख्या 22
परीक्षा वर्ष 2024

RBSE Senior Secondary Business Studies (SS-31) राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित कक्षा 12 की व्यवसाय अध्ययन की परीक्षा है। यह पेपर प्रबंधन के सिद्धांत, वित्तीय प्रबंधन, विपणन प्रबंधन और उपभोक्ता संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर करता है।

यह पूर्ण प्रश्न पत्र 2024 की परीक्षा पर आधारित है। सभी 22 प्रश्नों के विस्तृत उत्तर उपलब्ध हैं।

खंड - अ (Section A) [30 Marks]

1. बहुविकल्पीय प्रश्न (15×1=15)

i) संगठन प्रक्रिया का अन्तिम कदम है - [1]

A) कर्तव्यों का निर्धारण B) विभागीकरण
C) रिपोर्टिंग D) कार्य की पहचान व विभाजन

✅ उत्तर: C) रिपोर्टिंग (Reporting)

संगठन प्रक्रिया के चरण: 1) कार्य विभाजन → 2) विभागीकरण → 3) कर्तव्य निर्धारण → 4) रिपोर्टिंग (अंतिम)

ii) वित्तीय प्रोत्साहन का उदाहरण है - [1]

✅ उत्तर: A) बोनस (Bonus)

वित्तीय प्रोत्साहन के उदाहरण: बोनस, वेतन वृद्धि, लाभांश, कमीशन

iii) विपणन मिश्र के घटक "उत्पाद" में सम्मिलित हैं - [1]

✅ उत्तर: D) ब्रांडिंग (Branding)

उत्पाद घटक में शामिल: गुणवत्ता, डिजाइन, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, लेबलिंग

iv) हेनरी फेयोल के प्रबंध के सिद्धांत हैं - [1]

✅ उत्तर: C) चौदह (14 Principles)

Henri Fayol ने 14 प्रबंधन सिद्धांत दिए

v) औद्योगिक उत्पादों को मुख्य रूप से कितनी श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है -

✅ उत्तर: A) तीन (Three)

1) कच्चा माल 2) पूंजीगत वस्तुएं 3) आपूर्ति और सेवाएं

vi-xv) शेष MCQs के उत्तर:

  • vi) A - मानसिक क्रांति (Mental Revolution)
  • vii) D - चलचित्र (Film) - Off the job training
  • viii) D - नियंत्रण (Control) - Post mortem
  • ix) A - सूचित किए जाने का अधिकार
  • x) B - तीन (Three dimensions)
  • xi) B - तनाव (Tension)
  • xii) D - कैसे करना है? (How to do?)
  • xiii) D - प्रभागीय संगठन (Divisional)
  • xiv) D - असामयिक मूल्यांकन (Premature evaluation)
  • xv) D - योजना को लागू करना (Implementing the plan)

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति (7×1=7)

i) ISI मार्क (ISI mark)

ii) मार्गदर्शक (guideline/guide)

iii) नकारात्मक (negative)

iv) अभिप्रेरणा (Motivation)

v) तीन स्तरीय (three-tier)

vi) अभिप्रेरणा (Motivation)

vii) दिशा (direction)

3. अति लघूत्तरात्मक प्रश्न (10×1=10)

i) मूल्य क्या है?

उत्तर: मूल्य वह राशि है जो उत्पाद या सेवा के बदले में ग्राहक द्वारा भुगतान की जाती है। यह मुद्रा में व्यक्त किया जाता है।

ii) नियुक्तिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: नियुक्तिकरण संगठन में सही पदों पर सही व्यक्तियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया है।

iii) "प्रबंध एक उद्देश्य पूर्ण प्रक्रिया है"। कैसे?

उत्तर: प्रबंध हमेशा पूर्व निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया जाता है, इसलिए यह उद्देश्य पूर्ण है।

iv) उत्पाद का अर्थ बताइए।

उत्तर: उत्पाद वह वस्तु या सेवा है जो उपभोक्ता की आवश्यकताओं और इच्छाओं को संतुष्ट करने के लिए बाजार में बेची जाती है।

v-x) शेष प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर:

  • v) प्रत्यायोजन व्यक्तिगत है, विकेन्द्रीकरण संगठनात्मक
  • vi) पैकेजिंग उत्पाद संरक्षण और आकर्षण के लिए महत्वपूर्ण
  • vii) विकेन्द्रीकरण = अधिकारों का निचले स्तर पर वितरण
  • viii) पर्यवेक्षक श्रमिक और प्रबंधन के बीच संपर्क स्थापित करता है
  • ix) कैविएट एम्प्टर = क्रेता सावधान (Buyer Beware)
  • x) हां, विकेन्द्रीकरण में शीघ्र निर्णय संभव

खंड - ब (Section B) [24 Marks]

लघुत्तरात्मक प्रश्न (12×2=24)

4. आपकी राय में नियंत्रण क्या है? समझाइए। [2]

उत्तर:

नियंत्रण की परिभाषा: नियंत्रण प्रबंध का वह कार्य है जिसमें वास्तविक कार्य निष्पादन की तुलना मानकों से की जाती है और विचलन होने पर सुधारात्मक कार्यवाही की जाती है।

विशेषताएं:

  • यह प्रबंध का अंतिम कार्य है
  • मानक निर्धारण आवश्यक है
  • सुधारात्मक कार्यवाही करना
  • यह निरंतर प्रक्रिया है

5. विपणन के किन्हीं दो कार्यों को समझाइए। [2]

उत्तर:

  1. विनिमय कार्य: क्रय-विक्रय के माध्यम से स्वामित्व का हस्तांतरण
  2. भौतिक वितरण: परिवहन और भंडारण द्वारा उत्पाद को ग्राहक तक पहुंचाना

6. "राज्य आयोग" को समझाइए। [2]

उत्तर: राज्य आयोग उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत राज्य स्तर पर गठित आयोग है जो ₹1 करोड़ से अधिक और ₹10 करोड़ तक की शिकायतें सुनता है। यह जिला आयोग के निर्णयों के विरुद्ध अपील भी सुनता है।

7-15. शेष प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर:

7. प्रबंध के संगठनात्मक उद्देश्य:

  • संगठन की वृद्धि और स्थिरता
  • संसाधनों का अधिकतम उपयोग

8. औद्योगिक पदार्थ चार्ट: आपूर्ति (कच्चा माल) → व्यावसायिक सेवाएं (मरम्मत, रखरखाव)

9. नियंत्रण के महत्व:

  • मानकों की प्राप्ति सुनिश्चित करना
  • विचलन का पता लगाना

10. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 सभी वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है (सरकारी सेवाओं को छोड़कर)

11. उच्च स्तरीय प्रबंध: निदेशक मंडल, CEO, MD - नीति निर्माण और दीर्घकालीन योजना

12. अंगुरीलता संप्रेषण चार्ट: (a) एकहरी श्रृंखला: A→B→C→D (b) गपशप: A केंद्र में, सभी को बताता है

13. चालू संपत्तियां: 1 वर्ष में नकद में बदलने योग्य - रोकड़, देनदार

14. बाजार उत्पाद: वे उत्पाद जो सीधे उपभोक्ताओं को बेचे जाते हैं

15. चालू दायित्व: 1 वर्ष में चुकाने योग्य - लेनदार, बैंक ओवरड्राफ्ट

खंड - स (Section C) [10 Marks]

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3-4 अंक)

16. उदारीकरण का क्या अर्थ है? समझाइए। [3]

उत्तर:

उदारीकरण का अर्थ: सरकारी नियंत्रणों और प्रतिबंधों को कम करना ताकि निजी क्षेत्र को अधिक स्वतंत्रता मिले।

उदारीकरण के उपाय:

  1. लाइसेंस प्रणाली की समाप्ति: अधिकांश उद्योगों के लिए लाइसेंस अनिवार्यता समाप्त
  2. सार्वजनिक क्षेत्र में कमी: सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या कम की गई
  3. MRTP अधिनियम में संशोधन: एकाधिकार पर प्रतिबंध शिथिल
  4. विदेशी निवेश में वृद्धि: FDI सीमा बढ़ाई गई
अथवा / OR

वैश्वीकरण का क्या अर्थ है?

वैश्वीकरण: विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं का एकीकरण और विश्व अर्थव्यवस्था से जुड़ाव।

विशेषताएं:

  • व्यापार अवरोधों को हटाना
  • पूंजी का मुक्त प्रवाह
  • प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण

17. नियोजन की तीन सीमाएं समझाइए। [3]

उत्तर:

  1. कठोरता (Rigidity): योजनाएं लचीली नहीं होतीं, परिवर्तन कठिन
  2. खर्चीली प्रक्रिया: समय, धन और प्रयास अधिक लगता है
  3. पहल में कमी: कर्मचारी स्वतंत्र रूप से निर्णय नहीं ले पाते
अथवा / OR

नियोजन प्रक्रिया के अंतिम तीन चरण:

  1. सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन: सभी विकल्पों का मूल्यांकन कर सर्वोत्तम चुनना
  2. योजना को लागू करना: चयनित विकल्प को क्रियान्वित करना
  3. अनुवर्तन कार्यवाही: योजना की निगरानी और आवश्यक सुधार

18. पूंजी संरचना को प्रभावित करने वाले तीन बिंदु। [3]

  1. लागत: विभिन्न स्रोतों की लागत की तुलना
  2. जोखिम: वित्तीय जोखिम का मूल्यांकन
  3. नियंत्रण: स्वामित्व पर प्रभाव
अथवा / OR

स्थाई पूंजी को प्रभावित करने वाले कारक:

  1. व्यवसाय की प्रकृति
  2. व्यवसाय का आकार
  3. प्रौद्योगिकी का स्तर

19. अधिकार व उत्तरदायित्व में तीन अंतर। [3]

अधिकार (Authority) उत्तरदायित्व (Responsibility)
निर्णय लेने की शक्ति कार्य पूर्ण करने का दायित्व
प्रत्यायोजित किया जा सकता है प्रत्यायोजित नहीं किया जा सकता
पद से उत्पन्न होता है अधिकार से उत्पन्न होता है
अथवा / OR

कार्यात्मक व प्रभागीय संगठन में अंतर:

कार्यात्मक संगठन प्रभागीय संगठन
कार्य के आधार पर विभाजन उत्पाद/क्षेत्र के आधार पर
विशेषज्ञता बढ़ती है स्वायत्तता बढ़ती है
छोटे संगठनों के लिए उपयुक्त बड़े संगठनों के लिए उपयुक्त

खंड - द (Section D) [16 Marks]

निबंधात्मक प्रश्न (4 अंक प्रत्येक)

20. वित्तीय नियोजन का महत्व (चार बिंदु)। [4]

उत्तर:

  1. पूर्वानुमान: भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं का अनुमान लगाना संभव होता है
  2. नीति निर्माण: दीर्घकालीन और अल्पकालीन वित्तीय नीतियां बनाना आसान
  3. जोखिम में कमी: वित्तीय जोखिमों की पहचान और प्रबंधन
  4. समन्वय: विभिन्न विभागों में वित्तीय समन्वय स्थापित होता है
अथवा / OR

पूंजी बजटिंग निर्णय का महत्व:

  1. दीर्घकालीक प्रभाव: निर्णयों का दीर्घकाल तक प्रभाव रहता है
  2. बड़ी पूंजी: बड़ी मात्रा में धन का निवेश होता है
  3. जोखिम: उच्च जोखिम और अनिश्चितता होती है
  4. अपरिवर्तनीयता: निर्णय को बदलना कठिन और महंगा

21. नियुक्तिकरण प्रक्रिया के प्रथम चार चरण। [4]

उत्तर:

  1. जनशक्ति आवश्यकताओं का अनुमान:
    • वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं का विश्लेषण
    • कितने कर्मचारी चाहिए और किस प्रकार के
  2. भर्ती (Recruitment):
    • योग्य उम्मीदवारों को आकर्षित करना
    • आंतरिक और बाह्य स्रोतों का उपयोग
  3. चयन (Selection):
    • उम्मीदवारों का मूल्यांकन
    • साक्षात्कार, परीक्षा द्वारा सर्वश्रेष्ठ का चयन
  4. नियुक्ति और पदस्थापन:
    • नियुक्ति पत्र जारी करना
    • उचित पद पर तैनाती
अथवा / OR

प्रशिक्षण व विकास से कर्मचारियों को लाभ:

कर्मचारियों को लाभ:

  1. कौशल विकास: नए कौशल और ज्ञान की प्राप्ति
  2. पदोन्नति के अवसर: करियर में वृद्धि की संभावना
  3. आत्मविश्वास: कार्य में आत्मविश्वास बढ़ता है
  4. नौकरी सुरक्षा: कुशल कर्मचारियों की नौकरी अधिक सुरक्षित
  5. वेतन वृद्धि: बेहतर प्रदर्शन से वेतन बढ़ता है

22. प्रबंध में "पहल क्षमता" के सिद्धांत का वर्णन। [4]

उत्तर:

पहल क्षमता (Initiative) का सिद्धांत:

अर्थ: कर्मचारियों को अपने विचार व्यक्त करने और नए तरीके सुझाने की स्वतंत्रता देना।

महत्व:

  1. सृजनात्मकता: कर्मचारी नवीन विचार प्रस्तुत करते हैं
  2. प्रेरणा: कर्मचारियों में उत्साह और प्रेरणा बढ़ती है
  3. संगठन विकास: संगठन की प्रगति में सहायक
  4. समस्या समाधान: बेहतर समाधान मिलते हैं

कार्यान्वयन:

  • सुझाव योजनाएं लागू करना
  • कर्मचारियों के विचारों को सम्मान देना
  • प्रयोग करने की स्वतंत्रता देना
अथवा / OR

आदेश की एकता का सिद्धांत:

आदेश की एकता (Unity of Command):

अर्थ: प्रत्येक कर्मचारी को केवल एक ही अधिकारी से आदेश मिलना चाहिए।

महत्व:

  1. भ्रम से बचाव: परस्पर विरोधी आदेशों से बचाव
  2. उत्तरदायित्व स्पष्ट: किसके प्रति जवाबदेह हैं, स्पष्ट
  3. अनुशासन: संगठन में अनुशासन बना रहता है
  4. कुशलता: कार्य कुशलता से होता है

उदाहरण: यदि विक्रय विभाग का कर्मचारी विक्रय प्रबंधक और उत्पादन प्रबंधक दोनों से आदेश ले, तो भ्रम होगा। उसे केवल विक्रय प्रबंधक से ही आदेश मिलना चाहिए।

परीक्षा तैयारी टिप्स

📚 महत्वपूर्ण सुझाव:

  • NCERT पुस्तक: Business Studies Part 1 & 2 को अच्छे से पढ़ें
  • केस स्टडी: व्यावहारिक उदाहरणों को समझें
  • चार्ट/तालिका: महत्वपूर्ण अंतर सारणी रूप में याद करें
  • सूत्र: वित्तीय प्रबंधन के सभी सूत्र याद रखें
  • समसामयिक: व्यावसायिक समाचार पढ़ें

बाह्य कड़ियाँ

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड - कक्षा 12 कला संकाय 2024
Senior Secondary Examination 2024 · Question Papers with Complete Solutions
अनिवार्य विषय हिन्दी कोर (SS-01) · English Compulsory (SS-02)
सामाजिक विज्ञान इतिहास (SS-11) · भूगोल (SS-12) · राजनीति विज्ञान (SS-13) · अर्थशास्त्र (SS-14)